नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी अपने पीएम पद के उम्मीदवार की घोषणा करने जा रही है। 17 जनवरी को होने जा रही एआईसीसी की अहम बैठक में इसपर फैसला और फिर घोषणा हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि जब से भारतीय जनता पार्टी की ओर से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है, तब से कांग्रेस पर लगातार पीएम इन वेटिंग के नाम पर दबाव बना हुआ है। हालांकि, पार्टी ने अभी तक इस ओर कोई इशारा नहीं किया है कि उनका पीएम प्रत्याशी कौन होंगा ? राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या कोई और?
पीएम बनेंगे को तैयार हैं राहुल गांधी ?
पीएम कंडिडेट के रूप में लगाई जा रही तमाम अटकलों के बीच हाल ही खुद राहुल गांधी ने साफ कर दिया वह इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि उनके सामने पार्टी और संगठन दोनों में ही बड़ी भूमिका निभाने के विकल्प मौजूद हैं।
सोनिया के बयान के मायने भी
बता दें कि राहुल गांधी की ओर से इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ने से पहले पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान के भी ऎसे ही मायने निकाले जा रहे थे। सोनिया ने राहुल के बयान से ठीक एक दिन पहले कहा था कि बड़ी जिम्मेदारी का फैसला खुद राहुल को करना है।
नया चेहरा लाएगी कांग्रेस
कांग्रेस में पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को कहा था, पार्टी चुनाव से पहले समय आने पर इसकी घोषणा करेगी। यानी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पारी अब खत्म है। अगले चुनाव के लिए कांग्रेस नया चेहरा लाएगी। सोनिया पीएम पद लेने से मना कर चुकी हैं।
भाजपा को जवाब देना चाहती है कांग्रेस
पार्टी के वरिष्ठ नेता मानने लगे हैं कि अब समय आ गया है जब कांग्रेस अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करे क्योंकि तभी पार्टी के खिलाफ भाजपा के दुष्प्रचार का जवाब दिया जा सकता है। अब सबकी निगाहें आलाकमान पर टिकी हैं,वे ही तय करेंगीं कि कांग्रेस का पीएम इन वेटिंग कौन होगा।
कौंन-कौन है पीएम इन वेटिंग की लिस्ट में ?
राहुल गांधी
मजबूत पक्ष - पार्टी उपाध्यक्ष और गांधी नेहरू परिवार के वारिस हैं।
कमजोर पक्ष- दो तबके, एक पक्ष में एक विरोध में।
क्या कहते हैं सर्मथक - पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हीं के चलते कांग्रेस को 206 सीटें मिली थीं।
विरोधियों का यह मानना - विधानसभा में मिल रही हार बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। बिहार, पंजाब और यूपी के बाद कांग्रेस अब चार बड़े राज्यों में हार गई। ऎसे में मोदी के मुकाबले कमजोर माना जा रहा है।
प्रियंका गांधी
मजबूत पक्ष- वह राहुल के मुकाबले हालात से आसानी से निपट सकेंगी। इंदिरा गांधी की छवि।
कमजोर पक्ष- प्रियंका के खिलाफ उनके पति रॉबर्ट वाड्रा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप हैं, लिहाजा उनके आते ही भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा बन जाएगा।
मीरा कुमार : लोकसभा अध्यक्ष
मजबूत पक्ष - दलित होने के साथ महिला हैं। ब्यूरोRेट भी रही हैं, जो गांधी परिवार को रास आ सकता है।
कमजोर पक्ष- उम्मीदवारी कितनी स्वीकार्य होगी, पता नहीं। वे एक बार कांग्रेस छोड़ चुकी हैं।
पी. चिदंबरम
मजबूत पक्ष - 10 जनपथ के करीबी होने के साथ राहुल भी उन्हें काफी पसंद करते हैं। दक्षिण भारत से आते हैं, जहां कांग्रेस को सबसे ज्यादा उम्मीदें है।
कमजोर पक्ष- हिंदी न आना और मौजूदा हालात में महंगाई के लिए उन्हें जिम्मेदार माना जाता है।
एक विदेशी पत्रिका भी उनकी चर्चा कर चुकी है।
सुशील कुमार शिंदे
मजबूत पक्ष- 10 जनपथ के करीबी होने के साथ भरोसे के नेता माने जाते हैं।
कमजोर पक्ष- लोकसभा में सदन के नेता होने के दौरान विशेष प्रभाव नहीं छोड़ पाए।
उल्लेखनीय है कि जब से भारतीय जनता पार्टी की ओर से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है, तब से कांग्रेस पर लगातार पीएम इन वेटिंग के नाम पर दबाव बना हुआ है। हालांकि, पार्टी ने अभी तक इस ओर कोई इशारा नहीं किया है कि उनका पीएम प्रत्याशी कौन होंगा ? राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या कोई और?
पीएम बनेंगे को तैयार हैं राहुल गांधी ?
पीएम कंडिडेट के रूप में लगाई जा रही तमाम अटकलों के बीच हाल ही खुद राहुल गांधी ने साफ कर दिया वह इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि उनके सामने पार्टी और संगठन दोनों में ही बड़ी भूमिका निभाने के विकल्प मौजूद हैं।
सोनिया के बयान के मायने भी
बता दें कि राहुल गांधी की ओर से इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ने से पहले पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान के भी ऎसे ही मायने निकाले जा रहे थे। सोनिया ने राहुल के बयान से ठीक एक दिन पहले कहा था कि बड़ी जिम्मेदारी का फैसला खुद राहुल को करना है।
नया चेहरा लाएगी कांग्रेस
कांग्रेस में पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को कहा था, पार्टी चुनाव से पहले समय आने पर इसकी घोषणा करेगी। यानी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पारी अब खत्म है। अगले चुनाव के लिए कांग्रेस नया चेहरा लाएगी। सोनिया पीएम पद लेने से मना कर चुकी हैं।
भाजपा को जवाब देना चाहती है कांग्रेस
पार्टी के वरिष्ठ नेता मानने लगे हैं कि अब समय आ गया है जब कांग्रेस अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करे क्योंकि तभी पार्टी के खिलाफ भाजपा के दुष्प्रचार का जवाब दिया जा सकता है। अब सबकी निगाहें आलाकमान पर टिकी हैं,वे ही तय करेंगीं कि कांग्रेस का पीएम इन वेटिंग कौन होगा।
कौंन-कौन है पीएम इन वेटिंग की लिस्ट में ?
राहुल गांधी
मजबूत पक्ष - पार्टी उपाध्यक्ष और गांधी नेहरू परिवार के वारिस हैं।
कमजोर पक्ष- दो तबके, एक पक्ष में एक विरोध में।
क्या कहते हैं सर्मथक - पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हीं के चलते कांग्रेस को 206 सीटें मिली थीं।
विरोधियों का यह मानना - विधानसभा में मिल रही हार बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। बिहार, पंजाब और यूपी के बाद कांग्रेस अब चार बड़े राज्यों में हार गई। ऎसे में मोदी के मुकाबले कमजोर माना जा रहा है।
प्रियंका गांधी
मजबूत पक्ष- वह राहुल के मुकाबले हालात से आसानी से निपट सकेंगी। इंदिरा गांधी की छवि।
कमजोर पक्ष- प्रियंका के खिलाफ उनके पति रॉबर्ट वाड्रा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप हैं, लिहाजा उनके आते ही भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा बन जाएगा।
मीरा कुमार : लोकसभा अध्यक्ष
मजबूत पक्ष - दलित होने के साथ महिला हैं। ब्यूरोRेट भी रही हैं, जो गांधी परिवार को रास आ सकता है।
कमजोर पक्ष- उम्मीदवारी कितनी स्वीकार्य होगी, पता नहीं। वे एक बार कांग्रेस छोड़ चुकी हैं।
पी. चिदंबरम
मजबूत पक्ष - 10 जनपथ के करीबी होने के साथ राहुल भी उन्हें काफी पसंद करते हैं। दक्षिण भारत से आते हैं, जहां कांग्रेस को सबसे ज्यादा उम्मीदें है।
कमजोर पक्ष- हिंदी न आना और मौजूदा हालात में महंगाई के लिए उन्हें जिम्मेदार माना जाता है।
एक विदेशी पत्रिका भी उनकी चर्चा कर चुकी है।
सुशील कुमार शिंदे
मजबूत पक्ष- 10 जनपथ के करीबी होने के साथ भरोसे के नेता माने जाते हैं।
कमजोर पक्ष- लोकसभा में सदन के नेता होने के दौरान विशेष प्रभाव नहीं छोड़ पाए।
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