शुक्रवार, 6 दिसंबर 2013

हॉस्टल से बुलाता और करता यौन उत्पीडन

भुवनेश्वर। ओडिशा में एक छात्रावास की पांच लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के मामले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के अधिकारी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस के अनुसार, यह छात्रावास कोरापुट जिले पोडागाड़ा गांव में शिशु बिकास केंद्र (सीडीसी) द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसमें 12 से 15 साल की 18 लड़कियां रहती हैं।

प्रभारी पुलिस निरीक्षक बीएन कारकारा ने बताया कि सीडीसी के निदेशक फिलीप जॉर्ज (51) पर यह आरोप है कि उन्होंने छात्रावास की लड़कियों को पास में अपने घर बुलाकर उनका यौन उत्पीड़न किया।

12 वर्षीय एक लड़की ने पुलिस से तीन दिसंबर को शिकायत की थी कि तीन महीने पहले फिलीप ने उससे दुष्कर्म किया था, जिसके बाद गुरूवार को फिलीप को गिरफ्तार कर लिया गया। चार अन्य लड़कियों ने भी फिलीप के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई थी।

नक्सलियों ने पत्रकार को चाकुओं से गोदा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में नक्सलियों ने शुक्रवार को वरिष्ठ पत्रकार सांई रेड्डी की हत्या कर दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार रेड्डी बांसागुडा अपने जीजा के घर गए थे। घर के आंगन में बैठकर बात कर रहे थे, इसी बीच पांच छह नक्सली वहां पहुंच गए और उन पर चाकुओं और फरसे से हमला बोल दिया।
सांई ने वहां से भागने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। सांई पर हमले के बाद नक्सली भाग गए। उनके जीजा ने फोन कर एम्बुलेंस को बुलाया, लेकिन तब तक सांई ने दम तोड़ दिया। पुलिस मौके पर पहुंची और उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। रेड्डी का घर कुछ दिन पहले नक्सली आग के हवाले कर चुके थे। इसके बाद उन्होंने जिला मुख्यालय बीजापुर में रहना शुरू कर दिया था।

उनके बांसागुडा आने की खबर लगता है कि नक्सलियों को लग गई, जिसके बाद उन्होंने उनकी हत्या कर दी। रेड्डी को नक्सलियों का सहयोगी होने के आरोप में पुलिस ने पहले गिरफ्तार किया था। उन्हें इस आरोप में सजा भी हो चुकी थी। वह पिछले काफी दिनों से नक्सलियों के निशाने पर थे। नक्सलियों ने कुछ समय पहले एक पत्रकार नेमीचंद जैन की भी हत्या की थी।

1971 भारत पाक युद्ध। … 10 पैरा कमाण्डो ने जीता था छाछरो

1971 भारत पाक युद्ध। … 10 पैरा कमाण्डो ने जीता था छाछरो 

1971: 'द डेजर्ट स्कॉर्पियो' के डंक से पस्त हुआ था पाकिस्तान!

सन् 1971 के युद्ध में पश्चिमी क्षेत्र में भी पाकिस्तान को धूल चटाने वाली भारतीय फौज के जलवे शुक्रवार को साकार हो उठे। मौका था 'छाछरो दिवस' का। थल सेना के 10 पैरा स्पेशल कमांडो ने इस अवसर पर 42  साल पुराने सुनहरे अतीत की यादें ताजा की और एक दूसरे को बधाई दी।


12 कोर के सैन्य क्षेत्र में इस अवसर पर विशेष सैनिक सम्मेलन तथा बड़ा खाना का आयोजन किया गया। इसमें सैन्य अफसरों व उनके परिजनों के अलावा 1971 के युद्ध में भाग ले चुके गौरव सैनानी भी मौजूद थे।


पाकिस्तान की 80 किमी इलाके पर कब्जा: थल सेना स्पेशल फोर्स 10 पैरा कमांडों 'द डेजर्ट स्कॉर्पियो' की स्थापना 1 जून, 1967 को लेफ्टिनेंट कर्नल एनएस उथाया के नेतृत्व में थार में विशेष ऑपरेशन के लिए की गई थी।


वर्ष 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में 'ऑपरेशन कैक्टस लिली' के दौरान 10 पैरा को पाकिस्तान के अंदर घुसकर 80 किमी से ज्यादा के क्षेत्र में सिंध क्षेत्र के छाछरों तक हमला की टास्क दी गई थी।
10 पैरा कमाण्डो ने युद्ध सम्मान दिवस मनाया 10 पैरा कमाण्डो स्पेशल प ाsर्सेज `द् डेजक्वर्ट स्कोर्पियो' ने शुक्रवार को एक खास समारोह में `छाछरो दिवस' मनाया। समारोह में बडक्वी संख्या में पूर्व सैनिक और उनके परिजन शामिल हुए। 10 पैरा कमाण्डो स्पेशल प ाsर्सेज की स्थापना 1 जून 1967 को ले. कर्नल एन.एस. उथाया के नेतृत्व में रेगिस्तान में स्पेशल ऑपरेशन करने के लिए हुई थी। 1971 के भारत-पाक युद्ध `ऑपरेशन कैक्टस लिली' के दौरान पल्टन को पाकिस्तानी सीमा के 80 किलोमीटर भीतर छाछरो-सिध पर हमला करने का आदेश मिला। पल्टन ने युद्ध के दौरान दुश्मन धरती छाछरो, वीरवाह, नागरपरकार, इस्लाम कोट पर 6-7 दिसम्बर 1971 की रात कई हमले किए। इन सप ल हमलों के कारण भारतीय सेनाओं को दुश्मन के भीतरी क्षेत्रों में जाकर बडक्वे क्षेत्रों पर कब्जा करने का मौका मिला। इस अदम्य साहस से, पल्टन को युद्ध सम्मान छाछरो तथा थियेटर ऑनर सिंध पदान किए गए। इस साहसिक नेतृत्व, दूरदर्शिता के प लस्वरूप 10 पैरा कमाण्डो स्पेशल प ाsर्सेज `द् डेजक्वर्ट स्कोर्पियो' के तत्कालीन कमान अधिकारी ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त सवाई भवानी सिंह को महावीर चक पदान किया गया। इसके अतिरिक्प, यूनिट को भी दो वीर चक, 3 सेना मेडल और एक मेन्शन-इन-डिस्पेच पदान किया गया।

"राजस्थान में बीजेपी को दो तिहाई बहुमत मिलेगा"

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने दावा किया है कि मध्यप्रदेश सहित चार राज्यों में भाजपा की जीत सुनिश्चित है तथा राजस्थान में दो तिहाई बहुमत मिलेगा।
एक विवाह समारोह में शामिल होने यहां आए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में भाजपा को दो तिहाई बहुमत मिलेगा तथा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली में भी भाजपा की सरकार बनेगी।

राजस्थान में सरकार बनने पर वसुंधरा राजे को मंत्रिमंडल बनाने में पूरी छूट देने के बारे में पूछे प्रश्न पर उन्होंने कहा कि सब मिलजुल कर तय कर लिया जाएगा। राजे की भूमिका अहम रहेगी।

घूमने गए बच्चों ने कैमरे में कैद की भूतनी

आपने भूत-प्रेत को देखने का दावा करने वालों के बारे सुना होगा। शायद खुद भी ऐसे लोगों से कुछ किस्से सुने हों।ghost cought in camera
उनमें से कइयों के मुताबिक उन्होंने भूत को अपनी आंखों के सामने देखा होता है, कुछ कहते हैं कि भूत उनके साथ-साथ चल रहा और कुछ ये दावा करते हैं कि उन्होंने भूत को कैमरे में कैद कर लिया है।

ये मामला भी कुछ वैसा ही है, जिसमें कुछ युवाओं ने एक भूतनी को कैमरे में कैद करने का दावा किया है। न्यूज पोर्टल डेली मेल की खबर के अनुसार, 15 वर्षीय कैमरुन हैमिल्टन ने रफोर्ड एबे कंट्री पार्क में ये तस्वीर ली है।

जब उन्होंने इस तस्वीर में एक सफेद महिला की छाया होने की बात कही तो जहां कुछ लोगों को उनकी बात पर यकीन नहीं हुआ, वहीं नॉटिंघमशयर के इस पार्क के स्टाफ ने इस पर कोई आश्चर्य नहीं जताया।

उनका कहना ‌था कि संभव है कि ये लेडी ऑफ रफोर्ड हो, जो वहां अक्सर नजर आ जाती है। कुछ बुजुर्गों का मानना है कि ये अर्बेला स्टुअर्ट की आत्मा है। जो कि किसी समय में महारानी हुआ करती थी।

 अर्बेला की मौत टॉवर ऑफ लंदन में साल 1615 में हो गई थी। अर्बेला हेनरी सप्तम की पर-पर पोती थी। साथ ही वो स्कॉटलैंड की मेरी क्वीन की भतीजी भी थी।




तस्वीर खींचने वाले बच्चे का कहना है कि इस तस्वीर को लेने से पहले तक उसे भूत-प्रेत और आत्मा पर भरोसा तो था, लेकिन अब वो इस पर पहले से कहीं ज्यादा यकीन करने लगा है।

‌हालांकि कैमेरॉन ने जब ये तस्वीर ली तो उसने भी इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया लेकिन घर लौटकर जब उसने तस्वीरें देखीं तो कैमेरॉन समेत उसके परिवार वाले भी सकते में आ गए।

तस्वीरें में आप देख सकते हैं कि ओट में एक सफेद सा साया नजर आ रहा है। जिसे लोग अर्बेला की आत्मा मानते हैं।

यौन उत्पीड़न से परेशान होकर छोड़ा क्रिकेट



मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के पूर्व सचिव और अंडर-19 चयन समिति के संयोजक अल्पेश शाह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला क्रिकेटर का कहना है कि उसने इस घटना से परेशान होकर क्रिकेट खेलना छोड़ दिया।

18 वर्षीय इस युवा क्रिकेटर ने बृहस्पतिवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सविता सिंह के समक्ष धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया।

बयान दर्ज कराने के बाद क्रिकेटर ने कहा कि घटना के बाद से ही उन्होंने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया।

अब मुझे न्याय चाहिए। मुझे कोर्ट पर पूरा विश्वास है। उन्होंने शाह के उस दावे को भी खारिज किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अंडर-19 टीम में चयन नहीं होने की वजह से वह ये आरोप लगा रही है।




क्या था मामला
मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सह सचिव अल्पेश शाह पर अंडर-19 टीम की एक महिला क्रिकेटर से यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था।

यह शिकायत एसोसिएशन के एक वरिष्ठ सदस्य ने की थी, जिसमें कहा गया था कि उनकी पोती को सह सचिव ने आर्शीवाद देने के लिए बुलाया और इस बहाने छेड़खानी की।

यौन शोषण मामले में प्रोफेसर सस्पेंड

अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विधि विभाग के चेयरमैन प्रो. मो.शब्बीर को कश्मीरी छात्रा के यौन शोषण के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। वीमेंस सेल की संस्तुति पर मो. शब्बीर को प्रथमदृष्टया आरोपी मानते हुए कार्यवाहक कुलपति वीसी मोहम्मद खालिद आजम द्वारा गुरूवार को यहां प्रो. मो. शब्बीर को निलम्बित करके जांच समिति गठित कर दी गई।
ज्ञातव्य है कि प्रो. मो. शब्बीर के खिलाफ 21 फरवरी 2005 को अमेरिकी शोध छात्रा द्वारा शिकायत करने पर उन्हें निलम्बित किया गया था। मो. शब्बीर के विरूद्ध सिविल लाइन्स थाने में भारतीय दंड संहित की धारा 509, 354 ए, 354 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस द्वारा जांच शुरू कर दी गई है। जानकारी के अनुसार यह घटना मंगलवार की दोपहर तीन बजे की बताई गई है।

पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार एलएलएम प्रथम वर्ष की कश्मीरी छात्रा 02 दिसम्बर को छात्र-छात्राओं के चल रहे साक्षात्कार के दौरान पीडित छात्रा के प्रोजेक्ट पेपर की तारीफ करते हुए प्रो. शब्बीर ने उसे जनरल में छपवाने का वायदा किया था। पेपर में कुछ खामियां बताकर सुधार के बहाने उसे चेम्बर में आने को कहा।

अगले दिन प्रोफेसर ने गार्ड के जरिए छात्रा को अपने चेम्बर में बुलाया और उसका यौन उत्पीड़न किया। छात्रा ने बुधवार को विधि संकाय के डीन इकबाल अली खां से शिकायत की। वीमेंस सेल की बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर प्रोफेसर को निलंबित किया गया। प्रो. शब्बीर का कार्यकाल 16 मई 2014 को समाप्त हो रहा है।

मनमोहन ने माना मोदी को गंभीर चुनौती

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को एक तरह से कांग्रेस के लिए चुनौती मानते हुए कहा कि हम अपने विरोधी की ताकत को हल्के ढंग से नहीं ले सकते।
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को यहां कहा कि कांग्रेस पूरे विश्वास के साथ अगले आम चुनाव में उतरेगी लेकिन हम अपने विरोधी की ताकत को हल्के ढंग से नहीं ले सकते। हम अपने विरोधियों को पूरी गंभीरता से लेते हैं।

प्रधानमंत्री से पूछा गया था कि क्या वह मोदी को एक चुनौती मानते हैं। वह एक दैनिक अंग्रेजी अखबार के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक को लेकर उठे विवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि इसमें तेजी के पीछे कोई राजनीति नहीं है। उन्होंने कहा कि देश पिछले पांच वर्ष से इस मुद्दे से जूझ रहा है।

यदि दंगों को रोका नहीं जा सकता है तो पीडितों के लिए समुचित मुआवजे की व्यवस्था होनी चाहिए। आतंकवाद की समस्या पर उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए पूरे देश का एकजुट होना जरूरी है। इससे हिंदू ,मुसलमान या ईसाई के आधार पर अकेले नहीं निपटा जा सकता।

उन्होंने कहा कि हमने आतंकवाद का जब भी हिंदू, मुसलमान या ईसाई के रूप में नहीं बल्कि एक भारतीय के रूप में सामना किया है तो हमें सफलता मिली है। उन्होंने आतंकवाद के खतरे के प्रति सभी को सचेत करते हुए कहा कि इसका अंतिम लक्ष्य देश का सांप्रदायिक आधार पर बंटवारा कराना है।

प्रधानमंत्री ने मीडिया से भारत के विकास की अनदेखी नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि भारतीयों के अविचल रहने के जोश का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत एक ब्रांड के रूप में पूरी दुनिया में मान्यता हासिल कर रहा है।

मनमोहन ने कहा कि उदीयमान अर्थ व्यवस्था ने अनेकों को गरीबी के जंजाल से उबारा है। लेकिन अब भी भारत में गरीबी है जो लगातार कम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि अतीत की नीतिगत गलतियों के बावजूद देश की अर्थ व्यव्था प्रगति पर है।

मतगणना से पूर्व उम्मीदवारो और समर्थको के दिलो कि धड़कने हुई तेज़

मतगणना से पूर्व उम्मीदवारो और समर्थको के दिलो कि धड़कने हुई तेज़

बाड़मेर एक दिसंबर को सम्पन हुए विधानसभा चुनावो मर आम जनता द्वारा बम्पर वोटिंग कर सभा प्रत्यासियो को सकते में डाल दिया। रविवार को होने वाली मतगणना को लेकर अभी से सभी पार्टी प्रत्यासियो और उनके समर्थको कि धड़कने तेज हो गयी हेह साथ सट्टा बाज़ार के सटोरियो कि भी नज़ारे हें इन चुनावो में प्रत्यासियो कि से लेकर वोट लेने कि क्षमता तक के करोडो रुपयो के सट्टे लगे हें।


बाड़मेर जिले कि सात विधानसभा सीटो कि मतगणना रविवार को राजकीय महाविद्यालय में शुरू होगीए ,मतगणना से पहले शहर से लेकर ग्रामीण चौपालो तक अपने अपने प्रत्यासियो के हर जीत के आंकलन किये जा रहे हें ,मौजूदा समय में भाजपा कांग्रेस और निर्दलीय अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हें यानि मतगणना से पूर्व कोई भी प्रत्यासी अपनी हार नहीं मान रहा। अलबता राजस्थान सरकार के राजस्व मंत्री और कद्दावर जाट नेता हेमाराम चौधरी ने बेबाकी से बयां दिया कि उनकी स्थति कमज़ोर हें। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस में हड़कम्प सा मचा हें।


बाड़मेर में सभी अपने अपने गणित लगाकर अपने समर्थक प्रत्यासी को जीता हुआ दिखने का प्रयास किया जा रहा हें ,ऱविवार को सभी प्रत्यासियो का राज्निओटिक भाग्य ई वी एम् से बाहर आ जायेगा। मतगणा से पहले विभिन दलो के प्रत्यासियो के दिलो कि धड़कने तेज हो गयी हें। शनिवार का दिन काटना उनके लिए भारी हो गया हें।

1971 में भारत पाक युद्ध पाकिस्‍तान को झेलना पड़ा बड़ा नुकसान

(रिटायर्ड बिग्रेडियर और लोंगेवाल वॉर के हीरो कुलदीप सिंह चांदपुरी 


चंडीगढ़. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तानी सेना की हार और भारतीय सेना की यादगार जीत में लोगोंवाल में तैनात 23 पंजाब रेजिमेंट की 120 जवानों की टुकड़ी की बहादुरी को आज भी हम नहीं भूले हैं। मैं इस टुकड़ी से जुड़ा था तो मेरे लिए यह टुकड़ी और इसका हर जवान दिल के बहुत ही करीब है।

लोंगेवाल की यह जंग काग़जों में 'फोर्टिन डेज ऑफ वॉर' के नाम से जानी जाती है। यह वॉर तीन दिसंबर को शुरू होकर 16 दिसंबर को भारतीय सेना की की जीत के साथ अंजाम पर पहुंची। 1971 की यह जीत हिंदुस्तानी फौज के लिए गौरव की बात थी। हमने इस युद्ध में दुश्मनों को करारी हार दी।

आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में कमाल का तालमेल था। फौज को पहले ही पता लगा चुका था कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ जाएगा। बांगलादेश में हालात खराब हो रहे थे। पाकिस्तान की फौज ने आम लोगों को लूटना और उन पर अत्याचार करना शुरू कर दिया था। वहां स्थानीय स्तर पर जागृति आ गई थी। खासकर 70 के आखिर में लग रहा था कि कुछ न कुछ होना है। कोई नहीं चाहता है कि जंग हो। हिंदुस्तान शांति चाहता था। बड़े देश भी यही यही कह रहे थे कि पड़़ोसी के साथ युद्ध नहीं होना चाहिए।

पाकिस्‍तान ने शुरू की लड़ाई

तीन दिसंबर को शाम साढ़े सात बजे के करीब कश्मीर से लेकर गुजरात तक सभी एयरपोर्टों पर पाकिस्तान ने बमबारी कर दी। इस बीच रेडियो पर स्पेशल न्यूज बुलेटिन आया। खबर में भारत की ओर से जंग का ऐलान कर दिया गया। वेस्टर्न सेक्टर (पश्चिमी सीमा) में शांति थी। लेकिन ईस्टर्न सेक्टर (पूर्वी सीमा) में हालात खराब हो गए। बॉर्डर पर बीएसएफ तैनात थी, लेकिन धीरे-धीरे फौज ने आगे बढऩा शुरू कर दिया। बीएसएफ अक्तूबर के मध्य में सीमा से हटने लगी और फौज आगे बढऩे लगी। अक्तूबर के आखिरी हफ़्ते में फौज ने अपनी तैयारी कर ली कि क्या-क्या टारगेट होंगे। दुश्मन कहां से आ सकता है। हमें क्या क्या करना है। हम पहले से तैयार थे। 'मुक्तिवाहनी' हमें बताती थी कि कहां क्या-क्या हो रहा है।

बड़ी तैयारी से आए थे पाकिस्‍तानी
लोंगेवाल में उस वक्त बतौर मेजर मेरे पास 120 जवानों की कमान थी। हम तो मिलिट्रीमैन थे, फिर भी देश के इस हिस्से में शांति के बावजूद पूरी तरह आश्वस्त होकर नहीं बैठ सकते थे। हमारा अंदेशा 3 दिसंबर की रात साढ़े सात बजे के आसपास उस वक्त सही साबित हुआ जब पाकिस्तानी एयरफोर्स ने कश्मीर से लेकर गुजरात तक सभी एयरपोर्ट पर हमला बोल दिया। हम लोंगेवाल पोस्ट पर थे लेकिन हमारा काम डिफेंसिव था। यानी हमें हमला नहीं करना था, बल्कि अपनी पोस्ट की हिफाजत करते हुए दुश्मनों को रोकना था। 3 दिसंबर की रात लोंगेवाल पोस्ट पर कुछ नहीं हुआ। वैसे भी हम भारत-पाकिस्तान सीमा से 16 किलोमीटर अंदर थे। तो हमें आगे पाकिस्तानी सेना के किसी मूवमेंट का अंदाजा नही था और अपनी पोस्ट छोडक़र हम आगे बढ़ नहीं सकते थे। लेकिन पाक सेना भारतीय सीमा पार करते हुए 4 दिसंबर की रात हमारे सामने खड़ी थी। पाक सेना बहावलपुर से गब्बर रेती होते हुए भारतीय सीमा में दाखिल होकर लोंगेवाल पहुंच चुकी थी। पाक सेना का हमला इतना सुनियोजित था कि पाकिस्तान सेना के 3 हजार जवान और 45 टैंक हमें घेर चुके थे। यहां पर अब हमें फैसला लेना था कि या तो लड़कर बहादुरी के साथ मरें या फिर हथियार डालकर बुजदिली की मौत। लिहाजा, मेरे जवानों ने किसी भी सूरत में हथियार डालने की बजाय लडऩे का फैसला लिया।

पूरी रात हमने पाकिस्तानी सेना को यहीं रोके रखा। सुबह साढ़े सात बजे भारतीय वायुसेना ने हमारे साथ मोर्चा संभाल लिया। इसके बाद पाकिस्तानी फौज को संभलने का मौका नहीं मिला। दोपहर तक पाकिस्तानी खेमे में भगदड़ मच चुकी थी। पाक फौज पीछे हट रही थी लेकिन हमने एयरफोर्स के साथ मिलकर पाक सेना पर हमला जारी रखा। भारतीय सीमा से खदेडऩे तक पाक सेना के सामने आए 45 टैंकों के अलावा पीछे बैकअप के तौर पर रखे गए 13 टैंक भी निशाने पर आ चुके थे।

पाकिस्‍तान को झेलना पड़ा बड़ा नुकसान
एयरफोर्स के लिए रेगिस्तान में टैंकों को निशाना बनाना आसान नहीं था। लेकिन जैसे ही पाकिस्तानी सेना के टैंक मूवमेंट करते तो एयरफोर्स उन्हें निशाना बनाकर बर्बाद कर रही थी। हमारी टुकड़ी जमीनी हमला करते हुए पाक सेना को पीछे खदेड़ रही थी। आखिर में शाम तक हमने एयरफोर्स के साथ मिलकर लोंगेवाल पोस्ट पर जीत दर्ज की। हमने भी इस युद्ध में 23 पंजाब रेजिमेंट के जवानों को खोया। हमारी पेट्रोलिंग में मदद करने वाले ऊंटों की मौत हुई और जीपें बर्बाद हो गई। लेकिन 1971 में भारत पाक युद्ध में पाक सेना के लिए लोंगेवाल में हुई लड़ाई बहुत बड़ा नुकसान थी। हमने पाकिस्तान के 58 में से 52 टैंक बर्बाद कर दिए। बाकी बचे 6 टैंक कब्जे में ले लिए।

इस युद्ध की यादें मेरे जहन में आज भी ताजा हैं, लेकिन साथ ही याद है इस युद्ध में मेरे 120 जवानों की 3 हजार पाक फौजियों को शिकस्त देने की बहादुरी का हर किस्सा। मेरी इस टुकड़ी ने पाक सेना के लोंगेवाल में ब्रेकफास्ट, जैसलमेर में लंच और जोधपुर में डिनर के प्लान को मिट्टी में मिला दिया। पाक सेना का यह डाइनिंग प्लान पाक सैनिकों से ही हमें पता चला था। 1971 के भारत-पाक युद्ध की जीत की याद में 'विजय दिवस' पर मैं अपने 120 जवानों की बहादुरी को सलाम करता हूं।

अपने बारे में
मैं बचपन से ही फौज में जाना चाहता था। लेकिन मैं अकेला बेटा थो तो मां को मेरी यह ख्वाहिश पंसद नहीं आई। लेकिन पिताजी ने मेरी मां को समझाया और 1962 में मैंने सेना में कमीशन हासिल की।
जिंदगी में अनुशासन को निहायत जरूरी मानता हूं। जिंदगी में कभी भी शराब को मुंह से नहीं लगाया। अरसा पहले नॉन वेज भी छोड़ दिया। जिंदगी में सादगी और अनुशासन बहुत ही जरूरी है। यहीं मैं आने वाली पीढ़ी को बताना चाहता हूं।

जीन्स से हो रहा है ब्रेस्ट कैंसर

एक नए शोध में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की चौंकाने वाली वजह पता चली है। शोधकर्ताओं का दावा है कि हाई फैट डाइट महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के जीन्स को बढ़ाने में मददगार है।
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का मानना है कि ब्रेस्ट कैंसर के ट्यूमर के बनने से पहले ब्रेस्ट की कोशिकाओं में बढ़त और प्रतिरोधी कोशिकाओं में कमी होती है, जिसके लिए विशेष प्रकार के जीन जिम्मेदार हैं। बहुत अधिक फैट्स युक्त डाइट इन जीन्स को बढ़ाती है।

शोधकर्ता सैंड्रा हस्लम के अनुसार, शोध में हमने पाया कि कैंसर की वजह भी कोशिकाओं में अचानक बदलाव हो सकती है, जो ब्रेस्ट कैंसर के लिए माहौल बनाती है और फैट्स की अधिकता वाली डाइट इसे बढ़ाती है। शोधकर्ताओं ने शोध के दौरान ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण के रूप में वजन बढ़ने को नहीं माना है, क्योंकि उन्होंने शोध ओवरवेट लोगों पर ही किया था, जिनके शरीर में पहले से फैट्स की अधिकता थी

भारत को फीफा विश्वकप-2017 की मेजबानी

नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल के लिए गुरूवार का दिन तब ऎतिहासिक बन गया जब विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा ब्राजील में अपनी कार्यकारी समिति की बैठक में भारत को 2017 में होने वाले फीफा अंडर-17 विश्व कप फुटबॉल की मेजबानी सौंपने का फैसला किया।
ब्राजील के साल्वाडोर डा बाहिया में फीफा की कार्यकारी समिति की बैठक में इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी भारत को सौंपने का फैसला किया गया। भारत ने मेजबानी की दौड़ में शामिल दक्षिण अफ्रीका, आयरलैंड और उज्बेकिस्तान को पीछे छोड़ा। मेजबान देश होने के कारण भारत हर दो वर्ष में होने वाले 24 देशों के इस टूर्नामेंट में पहली बार भाग लेगा।

फीफा ने बैठक के बाद ट्वीट में फीफा कार्यकारी समिति ने फीफा अंडर-17 विश्व कप 2017 की मेजबानी भारत को सौंपने की पुष्टि की है।

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के महासचिव कुशाल दास ने कहा कि हां, भारत ने 2017 अंडर-17 विश्व कप फुटबॉल की मेजबानी हासिल कर ली है। यह अब आधिकारिक है।

एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने इस घटना को ऎतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह ऎतिहासिक है। हम इसका इंतजार कर रहे थे। मैं फीफा कार्यकारी समिति का आभार व्यक्त करता हूं कि उसने हम पर भरोसा दिखाया और भारत को अंडर-17 विश्व कप 2017 की मेजबानी सौंपी। मैं भारत सरकार का भी आभारी हूं कि उसने जरूरी गारंटी देकर हमें पूरा सहयोग किया।

भारत पहली बार इतने बड़े फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन करेगा। यह फीफा का पहला टूर्नामेंट है जिसकी मेजबानी भारत को मिली है। भारत ने 2006 में एशियाई फुटबॉल परिसंघ की युवा चैंपियनशिप (अंडर-20) और 2008 में एएफसी चैलेंज कप की मेजबानी की थी लेकिन उसे इससे पहले फीफा टूर्नामेंट के आयोजन का मौका नहीं मिला।

इस टूर्नामेंट की तिथियां बाद में तय की जाएंगी। संयुक्त अरब अमीरात ने इस साल टूर्नामेंट का आयोजन किया था जबकि चिली 2015 में होने वाले टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा।

सरकार से विभिन्न विषयों पर गारंटी मिलने में देरी से शुरू में भारत की आखिरी बोली दस्तावेजों के समय पर जमा करने को लेकर आशंका जतायी जा रही थी लेकिन आखिर में वह मेजबानी हासिल करने में सफल रहा।

भारत को इस बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी छह से आठ शहरों में करनी होगी। नई दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, गुवाहाटी, मडगांव, कोच्चि और बेंगलूर में इन मैचों का आयोजन किया जा सकता है।

भारत की मेजबानी हासिल करने की संभावना पहले से ही मजबूत थी क्योंकि फीफा ने ही सबसे पहले भारत में इस टूर्नामेंट के आयोजन के लिए कहा था। विश्व संस्था का मानना है कि यदि भारत इस टूर्नामेंट का आयोजन करेगा तो फिर इस खेल को देश में लोकप्रिय बनाने में मदद मिलेगी।

फीफा अध्यक्ष सैप ब्लाटर और बाद में उसके सचिव जेरोम वाल्के ने भारत दौरे में जरूरी आधारभूत ढांचे के निर्माण और सुविधाओं के उपलब्ध होने पर यहां की मेजबानी का पक्ष लिया था। लेकिन भारत के लिए मेजबानी हासिल करने की राह आसान नहीं रही। जनवरी में भारत की शुरूआती बोली नामंजूर कर दी गयी क्योंकि फीफा सरकार से कई विषयों पर स्पष्ट गारंटी चाहता था।

वेश्यावृत्ति में लिप्त 19 लड़कियां गिरफ्तार

मुंबई। महाराष्ट्र के मध्य मुंबई में कथित तौर पर अश्लील गतिविधियों में शामिल होने के मामले में पुलिस ने (समुद्रा) बार एवं रेस्तरां में छापा मारकर 19 बार बालाओं तथा 15 ग्राहकों समेत उनतीस लोगों को गिरफ्तार किया है।
एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने पहले मुखबिर के जरिए स्टिंग ऑपरेशन किया और सादे कपडों में पुलिसकर्मी ग्राहक बनकर बुधवार को बार के अंदर गए।

ऑस्केस्ट्रा के बहाने बार में वेश्यावृत्ति की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने उन्नीस बार बालाओं और 15 ग्राहकों समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया। इन सभी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उन्हें मेट्रोपोलिटन अदालत में पेश किया जाएंगा।

जैसलमेर एयरफोर्स स्टेशन को मिला ‘प्राइड ऑफ स्वैक’



गुजरात के गांधीनगर में गुरुवार को आयोजित एयरफोर्स की दक्षिण पश्चिम वायु कमान (स्वैक) की कमांडर कॉन्फ्रेंस के दौरान जैसलमेर एयरफोर्स स्टेशन को ‘प्राइड ऑफ स्वैक’ का अवार्ड मिला है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन ने जैसलमेर एयरफोर्स स्टेशन के एओसी एयर कमोडोर चंद्रमौली को यह ट्रॉफी प्रदान की।
जैसलमेर एयरफोर्स स्टेशन को मिला ‘प्राइड ऑफ स्वैक’
दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन के बाद वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल ब्राउन ने कहा कि ऑपरेशन तैयारियों के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। वायु योद्धाओं को कठिन परिश्रम व लगन से अपने लक्ष्य को अर्जित करना चाहिए। उन्होंने हर योद्धा के लिए बदलते समय में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण लेने तथा वृहद स्तर पर बदलाव करने के लिए तैयार रहने को कहा।

कॉन्फ्रेंस के दौरान स्टेशन व यूनिट के कमांडरों ने ऑपरेशन, मेंटेनेंस, प्रशासनिक कार्य निपुणता तथा मुख्यालय में लंबित कार्यों को जल्दी करवारने के बारे में अपने अनुभव बताए। इस दौरान अलग अलग क्षेत्रों में श्रेष्ठ कार्यों के लिए विभिन्न स्टेशनों व यूनिटों को अवार्ड प्रदान किए।

अमेरिकी सेना में वेश्‍यावृत्ति का धंधा, टेक्सास बेस पर होती थीं प्राइवेट सेक्स पार्टियां

अमेरिकी सेना में सेक्‍स पार्टियों से जुड़ा सनसनीखेज खुलासा हुआ है। अमेरिकी सेना में तैनात एक महिला सैनिक ने दावा किया है कि उसने टेक्‍सास स्थित फोर्टहुड मिलिट्री पोस्ट में आयोजित सेक्स पार्टी के दौरान 400 डॉलर कमाए हैं। महिला सैनिक के मुताबिक टेक्सास बेस में चलाए जा रहे सेक्‍स रैकेट में सर्विस के लिए उसे चुना गया था। महिला सैनिक द्वारा किए गए खुलासे का ब्यौरा कोर्ट मार्शल के उन दस्‍तावेजों में है, जिसमें एक सार्जन्ट पर भी इस सर्विस का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है।
अमेरिकी सेना में वेश्‍यावृत्ति का धंधा, टेक्सास बेस पर होती थीं प्राइवेट सेक्स पार्टियां

वेश्‍यावृत्ति के इस रैकेट में हिस्सा लेने के आरोपी मास्टर सार्जेंट ब्रैड ग्रिम्स इस हफ्ते मिलिट्री कोर्ट में पेश हुए थे। गौरतलब है कि इस रिंग को एक अन्य सार्जेंट ने शुरू किया था, जिसपर अभी तक कोई भी चार्ज नहीं लगाया गया है।

इराक और अफगानिस्तान के युद्ध में अपनी सेवाएं दे चुके शादीशुदा ग्रिम्स पर साजिश रचने और सेक्स के लिए पैसे देने का आरोप है। उसे प्रथम श्रेणी के सार्जेंट जॉर्ज मैकक्वीन द्वारा गुप्त स्थान पर कम उम्र महिला सैनिक उपलब्ध करवाने की पेशकश की गई थी।

बतौर यौन शोषण रोकथाम अधिकारी काम करने वाले जॉर्ज मैकक्वीन फिलहाल जांच के घेरे में हैं। उनपर आरोप है कि उन्होंने बेस में आयोजित सेक्स पार्टियों के दौरान फीमेल सैनिकों का चयन किया था।ग्रिम्स के डिफेंस अटॉर्नी के मुताबिक इस मामले में सेक्स के लिए पैसे का लेन-देन नहीं किया गया था और उनके क्लाइंट ने एक होटल में फिक्स इस मीटिंग को आगे नहीं बढ़ाया था। डिफेंस अटॉर्नी डेनियल कॉन्वे ने बताया, "ग्रिम्स ने कुछ भी गलत नहीं किया। उन्होंने लड़की के साथ सेक्स भी नहीं किया। यह भले ही सेक्स पार्टियों से जुड़ा हुआ मामला हो, लेकिन मास्टर सार्जन्ट ग्रिम्स का इससे कुछ लेना-देना नहीं है।"याईएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रिम्स के साथ सेक्स करने वाली लड़की ने 100 डॉलर लेने की बात कबूल की है। उसने यह भी कहा है कि मैकक्वीन ने ही उसे प्रॉस्टीट्यूट रिंग के लिए चुना था। डिफेंस अटॉर्नी के मुताबिक ग्रिम्स पर यह आरोप ऐसे वक्त में लगाए गए हैं, जब उन्होंने डील को ठुकरा दिया था।ऑस्टिन-अमेरिकन स्टेटमैन के मुताबिक मैकक्वीन के खिलाफ आरोप लगाने वाली महिला ने अधिकारियों को बताया है कि उसे हाई रैंक के सैनिकों के साथ सेक्स के लिए कहा गया था। अज्ञात महिला सैनिक ने यह भी दावा किया कि उसने पोर्ट हुड पार्टियों में 400 से 500 डॉलर की कमाई की। महिला सैनिक ने यह भी दावा किया कि मैकक्वीन उन जवान सैनिकों को निशाना बनाता था, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती थी। वह उन सैनिकों की तस्वीरें अपने मोबाइल में रखता था। हालांकि अभी तक मैकक्वीन के खिलाफ कोई भी चार्ज नहीं लगाया गया है।