रविवार, 17 नवंबर 2013

प्रेमी के साथ रात को खेत में पहुंची विवाहिता, किया रिश्तों को तार-तार



अजमेर. सदर थाना पुलिस ने तीन दिन पहले देराठू गांव में हुई वृद्ध की हत्या का मंगलवार को राजफाश कर दिया। हत्या में संलिप्त मृतक की पुत्रवधू और उसके प्रेमी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सदर थाना प्रभारी सांवरमल नागौरा के अनुसार मृतक वृद्ध जीवण जाट की खून से लथपथ लाश उसके खेत की झोपड़ी में रविवार सुबह मिली थी।






मृतक के सिर, कान और ललाट पर चोटों के निशान थे। पूछताछ में मृतक के बड़े पुत्र शैतान सिंह ने हत्या का शक छोटे भाई रामदेव की बहू आशा पर व्यक्त करते हुए आरोप लगाया था कि उसने देराठू निवासी भंवरसिंह राजपूत के साथ मिलकर पिता जीवण की हत्या की।

पुलिस ने रविवार को ही पुत्रवधू आशा को हिरासत में ले लिया था। पूछताछ और मोबाइल की कॉल डिटेल से यह पक्का हो गया कि पुत्रवधू आशा की देराठू निवासी भंवरसिंह से बातचीत होती रहती थी और शनिवार को वारदात की रात दोनों की लोकेशन साथ-साथ आ रही थी। पुलिस की सख्ती के बाद बहू आशा टूट गई और उसने भंवरसिंह से अपने प्रेम को स्वीकार करते हुए बताया कि ससुर जीवण जाट दोनों बेटों में पक्षपात करता था। उससे जमीन के बंटवारे और खेतों को पानी पिलाने की बात को लेकर आए दिन कहासुनी होती रहती थी। इस पर आरोपी आशा ने कुल्हाड़ी और फावड़े से हत्या करने की बात कबूलते हुए बताया कि वह दिन में जाकर खेत की रैकी करके आई थी। वहां कुल्हाड़ी, लाठी और फावड़ा पड़े देख उसने हथियार साथ लाने की जरूरत नहीं समझी।

पार्टी छोड़ी,चन्द्रभान के सामने डटी रीटा

जयपुर। राजस्थान में आगामी एक दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का टिकट कटने के बाद बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में कूदी विधायक रीटा चौधरी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
रीटा चौधरी ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा है कि वह वर्षों से कांग्रेस की सदस्य है और उसने पूरी निष्ठा और लगन से जिम्मेदारी पूर्वक काम किया और पिछले पांच साल में मण्डावा से विधायक के रूप में काम करने से लोगों का भरोसा कायम हुआ और मेहनत और साफ सुथरी छवी के कारण पिछले दिनों हुए सर्वेक्षणों में जिताऊ उम्मीदवार थी।

उन्होंने लिखा कि उनके पिता एवं कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामनारायण चौधरी ने प्रदेश में कांग्रेस को फलीभूत करने में ताउम्र सेवा की। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा कि इसके बावजूद डा. चन्द्रभान ने झुंझुनूं सांसद शीशराम ओला के साथ मिलकर पार्टी से मेरा टिकट कटवा कर स्वयं मण्डावा से कांग्रेस उम्मीदवार बन गए। इससे उन्हें बड़ा दुख हुआ और आहत होकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय लेना पड़ा।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की टॉप टेन विधायकों में गिनी जानेवाली रीटा चौधरी को इस बार झंुझुनूं जिले की मंडावा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने टिकट नहीं दिया और उनकी जगह पिछले चुनावों में दो बार हार चुके डा. चन्द्रभान को चुनाव मैदान में उतार दिया। इसके बाद रीटा चौधरी बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में कूद गई।

जातिगत राजनीति में गुम हुए विकास के मुद्दे!

बाड़मेर। चुनावी बिसात बिछ गई है। राजनीति के धुरंधरों ने अपनी-अपनी जीत के लिए कमर कस ली है। टिकट वितरण से लेकर जीतने की जुगत करने तक जातिगत समीकरणों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। हालत यह हैकि जातिगत समीकरणों के आगे विकास का मुद्दा गौण हो गया है। राजनीतिक चर्चाओं में भी विकास के लिए कोई जगह नहीं है। चर्चाओं में भी जातिगत गणित हावी है।
बाड़मेर जिले के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में जातिगत समीकरण ही प्रत्याशी की योग्यता का आधार बने हैं। दोनों मुख्य दल भाजपा व कांग्रेस में जातिगत आधार पर ही टिकट बंटे हैं। विधानसभा क्षेत्र बाड़मेर में शहरी मतदाता व जिले में एक जैन को टिकट देने की परम्परा के तहत कांग्रेस ने मेवाराम जैन को टिकट थमाया है। वहीं भाजपा ने जाट मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए डॉ. प्रियंका चौधरी को टिकट दी है। विधानसभा क्षेत्र शिव में कांग्रेस व भाजपा ने अपने पुराने जातिगत समीकरणों के आधार पर मुस्लिम व राजपूत को टिकट दी है।

बायतु व पचपदरा में पिछले विधानसभा चुनाव के जातिगत समीकरण दोहराए गए हैं। सिवाना में कांग्रेस ने ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है तो भाजपा ने राजपूत प्रत्याशी पर दाव खेला है। सुरक्षित सीट चौहटन पर भाजपा व कांग्रेस ने पिछले चुनाव की तरह इस बार भी मेघवाल जाति पर भरोसा किया है। गुड़ामालानी सीट पर जातिगत गणित के आधार पर टिकट बंटवारा किया गया है।

विकास का रोडमेप नहीं
चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवार बड़ी सभाएं नहीं कर रहे हैं। वे छोटी-छोटी बैठकें अथवा सम्पर्क कर रहे हैं। इन बैठकों का आधार भी जातिगत ही है। इसमें जातियों को साथ देने का आग्रह किया जा रहा है। समर्थन मिलने की स्थिति में हितों की रक्षा की बात की जा रही है। विकास को लेकर किसी भी प्रकार का रोडमेप उम्मीदवारों की ओर से जनता के सामने नहीं रखा जा रहा है। दिलचस्प पहलू यह हैकि मतदाता भी जाति के आधार पर बंटा हुआ दिख रहा है और विकास के मुद्दे पर ध्यान ही नहीं है।

विकास के मुद्दों की कमी नहीं
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विकास के मुद्दों की भरमार है। बुनियादी सुविधाओं से लेकर बड़े मुद्दों तक सब कुछ है। जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, शिव में डीएनपी का मुद्दा, चौहटन व गुड़ामालानी में नर्मदा नहर के पानी का मुद्दा, पचपदरा व बायतु में रिफाइनरी व पेट्रो केमिकल इण्डस्ट्री का मुद्दा, सिवाना में बिजली व कृषि कनेक्शन का मुद्दा है। चौंकाने वाली बात यह हैकि चुनाव तिथियां घोषित होने से पहले इन मुद्दों को लेकर जमकर हो हल्ला चलता रहा है, लेकिन अब इन पर कहीं कोई चर्चा नहीं हो रही है। (कासं)

जाति का बंधन तोड़ने की जरूरत
जाति का बंधन तोड़कर विकास की राजनीति करने की जरूरत है। मतदाताओं को जाति के आधार पर नहीं योग्यता के आधार जनप्रतिनिधि का चुनाव करना चाहिए। उम्मीदवारों को विकास को चुनावी मुद्दा बनाना चाहिए।अब्दुल रहमान बाड़मेर 

गुरू नानक देव की जयंती पर शुभकामनायें ...विशेष आलेख


गुरू नानक देव की  जयंती पर शुभकामनायें ...विशेष आलेख 
गुरु नानक जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को सन् १४६९ ईसवी ( संवत् १५२६ विक्रमी ) को हुआ था |

इनकी माता का नाम तृप्ता था | यह पंजाब के जिला लाहौर , तहसील शकरपुर तलवंडी में पैदा हुए थे | तलवंडी अब नानकाना के नाम से मशहूर है |

जब इन्हें पाठशाला में पढने भेजा गया तब इन्होने कहा कि जिस ने भी इस संसार का हिसाब किताब पढ़ा है उसने बहुत दुःख उठाये हैं | मैं तो मालिक का नाम पढने आया हूँ |

जब इन्हें संस्कृत पढ़ने भेजा गया तब उल्टे इन्होने पंडित को ऐसे ऐसे वचन सुना दिए कि पंडित जी इनके पैरों में गिर पड़े |

इनके पिताजी ने तब इन्हें गाय भैंस चराने का काम सौंपा | इस काम में भी इनका मन नहीं लगता था , यह बच्चों के संग खेल कूद में लग जाते थे और गाय भैंसें इधर उधर घूमती रहतीं थीं | जब इनकी उम्र सात साल की थी तभी से इन्हें घर पर जो भी खाने को मिलता था , यह साधू संतों में बाँट देते थे | पिताजी ने घबराकर बाला नाम के एक आदमी के साथ रुपये देकर इन्हें कारोबार के लिए लाहौर भेज दिया | रास्ते में कुछ साधू मिले , इन्होने उन पैसों से भंडारा कर दिया | खाली हाथ तलवंडी आ गए पर घर नहीं गए | एक पेड़ के नीचे बैठ गए | यह पेड़ ''तंबू साहब'' के नाम से जाना जाता है |

इनके पिताजी ने फिर इन्हें इनकी बहन नानकी और बहनोई लाला जैराम के पास भेज दिया | वहां इन्होने आटा और सामान तोलना शुरू किया जो कि नवाब साहब के घर जाता था | जितना ये तोलते थे उसका दुगुना साधू संतों में बाँट देते | एक दिन आटा तोलते समय तेरह बोलते बोलते 'तेरा , तेरा ' बोलने लगे और सारा आटा तोल दिया , उसके बाद यह काम भी छोड़ दिया | कोई कुछ पूछता था तो यह कहते थे कि '' न कोई हिन्दू है न मुसलमान '' | इस तरह उनके शिष्यों की संख्या बढ़ने लगी | मरदाना मीरासी उनका एक सच्चा शिष्य था | बहुत से हिन्दू और मुसलमान इनके चरणों में आ गिरे | यह बात काजी और मुल्ला लोगों से सहन नहीं हुई | उन्होंने कहा कि हम इन्हें तब मानें जब यह हमारे साथ मस्जिद में नमाज पढें | मस्जिद में जाकर नानक साहब एक कोने में बैठ गए | सबने कहा कि यह कपटी है |

तब नानक ने कहा कि जिनका मन ठिकाने नहीं है उनके लिए नमाज पढना या न पढना बराबर है | नवाब साहब तो काबुल में घोड़े खरीद रहे थे और काजी साहब का मन घोड़े के बच्चे की रखवाली में था कि कहीं वह अस्तबल के कुएं में न गिर जाए | दोनों नानक के चरणों पर गिर पड़े और बोले कि आप सच्चे वली-अल्लाह हैं | नानक ने कहा कि पांच नमाजें सदा पढ़ा करो ,''पंज नमाज वक़्त पंज ''|

जब बहुत भीड़ होने लगी तब इन्होने बाला और मरदाना को साथ लेकर सुल्तानपुर छोड़ दिया | यह लोग लाहौर आये जहाँ सिकंदर लोधी के गुरु वली सैयद अहमद से इनकी चर्चा हुई | फिर सियालकोट होते हुए हरिद्वार में कनखल पहुंचे | वहां से यह दिल्ली आये | दिल्ली से अलीगढ होते हुए वृन्दावन , मथुरा और आगरा गए | फिर कानपुर , अयोध्या होते हुए काशी पहुंचे | एक बगीची में आराम किया जिसे '' गुरु का बाग़ '' कहते हैं |

कबीर साहब जब काशी लौट रहे थे तब रास्ते में गुरु नानक जी से मिले | इनकी चर्चा को ''कबीर गोष्टी '' कहते हैं | कई लोग इसे नहीं मानते | वह कहते हैं की यह दोनों महापुरुष कभी मिले ही नहीं | ''कबीर कसौटी '' में लिखा है कि कबीर साहब १४५५ संवत् (१३९८ ई ) को प्रकट हुए थे और गुरु नानक जी का जन्म सन् १४६९ ई (संवत् १५२६ विक्रमी ) में हुआ था | दोनों की ख्याति दूर दूर तक फैली थी इसलिए दोनों आपस में मिलने को जरुर इच्छुक रहे होंगे | कोई कहता है कि कबीर साहब के शरीर त्यागने के बाद नानक जी पैदा हुए थे |

काशी के बाद यह पटना होते हुए गया पहुंचे | १५०८ ई में आसाम पहुंचे | फिर कलकत्ता होते हुए पुरी पहुँच गए |यह पिंड दान के सख्त खिलाफ थे | उसके बाद यह दक्षिण की तरफ चल पड़े | रामेश्वर से समुन्दर पार कर सिंगला दीप में पहुंचे | वहां भाई मनसुख जो कि नानक का पाठ रटता था , उसने वहां के राजा को कई बातें बताई थीं---

जैसे कि पत्थर का बुत पूजना बेकार है | उससे फल प्राप्ति करना बेकार है | थोडा खाना और थोडा सोना तो गुरुजनों का रोज़ का काम है , तुम तो एकादशी का व्रत १५ दिन में एक बार करते हो | रात्रि के प्रहर रहते स्नान करना चाहिए , इसका फल सोने के तुलादान जितना होता है | यह संसार एक पेड़ है जिसके शिखर पर मुक्ति का फल लगा है | जिन्हें मालिक का सहारा मिल जाता है वह यह फल आसानी से प्राप्त कर लेते हैं वर्ना इसे प्राप्त करना बहुत ही मुश्किल है | राजा जिसका नाम शिवनाभ था वह गदगद हो गया था और नानक के दर्शन को तरसने लगा था | नानक अन्तर्यामी थे , वह राजा के पास आये और उसे दर्शन दिए |

फिर वह मालाबार आये और फिर नील्गिर , रत्नागिर पहुंचे | अंत में सुल्तानपुर लौट कर इन्होने करतारपुर नाम का नगर बसाया | पंजाब के लोग जो कि हिन्दू और मुसलमान दोनों ही थे , वह इनके उपासक बन गए | १५१८ ई में यह बाला और मरदाना के साथ बलूचिस्तान होते हुए मक्का पहुंचे | काबा की तरफ पैर करके रात भर सोते रहे | सुबह एक आदमी ने गुस्से में इनकी टांगों को पकडा और चारों तरफ घसीटा ,परन्तु उसे मक्का भी चारों तरफ घूमता नज़र आया | काजी के साथ इनकी लम्बी बातचीत हुई | फिर यह मदीना गए और इमाम के साथ वार्तालाप किया | फिर रूम चले गए | बग़दाद होते हुए इरान के शहर तूरान आये जहाँ पानी का एक चश्मा निकला जो अब भी '' चरण गंगा '' कहलाता है |

फिर यह पेशावर होते हुए हसन अब्दाल की पहाड़ी पर पहुंचे जहाँ एक कंधारी फकीर रहता था | उसने प्यासे मरदाना को पानी नहीं दिया | जल कुंड खुद चल कर इनके पास आ गया | वली ने गुस्से में एक बड़ा पत्थर इनके ऊपर मारना चाहा | नानक ने उसे हाथों से रोक लिया | उस शिला पर नानक के पंजों के निशाँ आज तक मौजूद हैं | जो कि मिटाए नहीं मिटते | इस जगह को '' पंजा साहब' कहते हैं |

हमें चाहे फकीरों , दरवेशों और संतों की बातों का यकीन हो या न हो लेकिन कुछ प्रमाण हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं |

फिर यह कश्मीर होते हुए सियालकोट आये | बाकी का समय करतारपुर में रहकर बिताया |

यह सुबह मुंह अँधेरे ही वक़्त पर उठ जाते थे | स्नान करके सबके भोजन का प्रबंध करते थे | तभी तो आज भी इतने भंडारे और लंगर चलते हैं | गुरु नानक जी ने सन् १५३८ ई (संवत् १५९५ ) को ६९ बरस १० माह और दस दिन की उम्र में अपने शरीर का त्याग किया |

गुरु नानक की गद्दी पर अंगद बैठे | कबीर साहब और इनके सिधारने के बाद का दृश्य एक सा है | सिर्फ एक चादर ही हिन्दू और मुसलामानों के हाथ लगी जिसे दोनों ने बाँट लिया और मकबरा तथा डेरा बनाया |





शनिवार, 16 नवंबर 2013

बाडमेर, नाम वापसी के बाद 60 उम्मीदवार रहेगे चुनावी मैदान में,



नाम वापसी के बाद 60 उम्मीदवार रहेगे चुनावी मैदान में,

41 ने लिये अपने नाम वापिस

बाडमेर, 16 नवम्बर। विधानसभा चुनाव 2013 के लिए शनिवार को नाम वापसी के अनितम दिन तक 41 अभ्यर्थियों ने अपने नाम निर्देशन पत्र वापस ले लिये। इसके बाद 60 उम्मीदवार वारों के बीच एक दिसम्बर को निर्वाचन के लिये मतदान होगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी भानु प्रकाष एटूरू ने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को नाम वापसी का अनितम दिन था। इस दिन तक कुल 41 उम्मीदवारों ने अपनी अभ्यर्थिता वापस ले ली। इसके बाद विधानसभा वार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सिथति स्पष्ट हो गर्इ है।

शिव विधानसभा क्षेत्र

शिव विधानसभा क्षेत्र से 6 प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस ले लिये, इनमें निर्दलीय प्रत्याशी जालमसिंह, कमलसिंह, नखताराम, नेमीचन्द लखानी, शोभसिंह तथा तगाराम शामिल है। इसके बाद 8 उम्मीदवारोें के बीच निर्वाचन के लिए मतदान होगा इनमें कांग्रेस के अमीन खान, भाजपा से मानवेन्द्रसिंह, बसपा के रेखाराम, बहुजन संघर्ष दल के किशनाराम, भारत नव निर्माण पार्टी के दमाराम, जागो पार्टी के सवार्इसिंह, भारतीय युवाशकित पार्टी के हसन तथा निर्दलीय कैलाश बेनीवाल शामिल है।

बाडमेर विधानसभा क्षेत्र

बाडमेर विधानसभा क्षेत्र से 12 प्रत्याशियों ने अपने नाम निर्देशन पत्र वापस ले लिये इनमें निर्दलीय प्रत्याशी बाबुलाल, चेतनराम, किशनसिंह, कृष्णनाथ, मंजू देवी, मेवाराम, नाथूसिंह, प्रेम प्रकाश, पुरूषोतम, सत्यप्रकाश, सतीश चन्द्र जांगिड तथा श्याम सुन्दर शर्मा शामिल है। इसके बाद 13 उम्मीदवारों में निर्दलीय बनाराम दर्जी, निर्दलीय, भवानीसिंह, बसपा के चन्द्र प्रकाश, निर्दलीय हरीश, शिव सेना के हुकमीचन्द, जागो पार्टी के लालचन्द, भारतीय युवा शकित के मदन मोहन, कांग्रेस के मेवाराम जैन, निर्दलीय मृदुरेखा चौधरी, सीपीआर्इ के नानकदास, धारीवाल, भाजपा की प्रियंका चौधरी, निर्दलीय शंकरलाल तथा निर्दलीय सफी मोहम्मद के बीच चुनावी मुकाबला होगा।

बायतु विधानसभा क्षेत्र

बायतु विधानसभा क्षेत्र में एक निर्दलीय उम्मीदवार तगाराम के नाम निर्देशन पत्र वापस लेने के पश्चात 6 उम्मीदवारों के बीच निर्वाचन के लिए मतदान होगा, इनमें कांग्रेस के कर्नल सोनाराम चौधरी, बहुजन संघर्ष दल के हीराराम, भाजपा के कैलाश चौधरी, जागो पार्टी के नारायणराम, भारतीय युवा शकित पार्टी के रहमततुल्ला खान तथा बसपा के शिवाराम शामिल है।

पचपदरा विधानसभा क्षेत्र

पचपदरा विधानसभा में 11 प्रत्याशियों ने अपने नाम निर्देशन पत्र वापस ले लिये इनमें निर्दलीय अब्दुला, अमराराम, बसन्त शर्मा, गोपाराम, शिव सेना के जबरसिंह, निर्दलीय मंगलसिंह, मोहम्मद शरीफ, मुखितयार, श्रवणसिंह, श्यामलाल तथा सुखदेव शामिल है। वहीं चुनाव लडने वाले उम्मीदवारों की संख्या 13 रह गर्इ है। इनमें निर्दलीय अब्दुल रहमान, भाजपा के अमराराम चौधरी, निर्दलीय गोबरराम, निर्दलीय हंसराज, निर्दलीय केवलचन्द, जागो पार्टी के खरथाराम, कांग्रेस के मदन प्रजापत, राजस्थान विकास पार्टी के पीराराम, निर्दलीय राजेन्द्रसिंह, बसपा के रामसिंह, निर्दलीय रतनलाल, भारतीय युवा शकित के श्रवणसिंह तथा राजपा के तेजाराम शामिल है।




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सिवाना विधानसभा क्षेत्र

सिवाना विधानसभा क्षेत्र में 8 प्रत्याशियों ने अपनी अभ्यर्थिता वापिस ले ली, इनमें निर्दलीय हंजाराम, हुकमाराम, इन्दाराम चौधरी, ओम प्रकाश, सांवलसिंह, शिवलाल सेन, तेजसिंह तथा विजय सिंह शामिल है। इसके बाद 7 उम्मीदवारों के बीच निर्वाचन के लिए मतदान होगा, जिसमें भाजपा के हमीरसिंह भायल, भारतीय युवा शकित पार्टी के हिमताराम, कांग्रेस के महंत निर्मलदास, राजपा के मेहराराम रार्इका, निर्दलीय पोपटराम, निर्दलीय रेवतकुमार तथा बसपा के विजयराज शामिल होंगे।

गुडामालानी विधानसभा क्षेत्र

गुडामालानी विधानसभा क्षेत्र से किसी भी प्रत्याशी के नाम निर्देशन पत्र वापिस नहीं लेने के कारण 7 उम्मीदवार चुनावी मैदान में रह गये है, इनमें निर्दलीय गणेशाराम, कांग्रेस के हेमाराम चौधरी, भाजपा के लाधुराम विश्नोर्इ, राजपा के नरेन्द्र कुमार, भारतीय युवा शकित पार्टी के रामलाल, सीपीआर्इ के रिडमलराम तथा बसपा के शुमार शामिल है।

चौहटन विधानसभा क्षेत्र

चौहटन विधानसभा क्षेत्र से 3 उम्मीदवारों ने अपने नाम निर्देशन पत्र वापिस ले लिये इनमें जागो पार्टी के खुशालचन्द, निर्दलीय मोहनलाल, भारतीय बहुजन पार्टी के पांचाराम शामिल है। नाम वापसी के बाद यहां से 6 उम्मीदवारों में से निर्वाचन के लिए मतदान होगा, इनमें भारतीय युवा शकित पार्टी के धुडाराम, बसपा के जुजा, राजपा के लक्ष्मणदास वडेरा, कांग्रेस के पदमाराम मेघवाल, निर्दलीय रायमल तथा भाजपा के तरूणराय कागा शामिल है।

सदर थाना परिसर मे सीएलजी की बैठक आयोजित



आगामी 1 दिसबंर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रखते हुए बाड़मेर सदर थाना परिसर मे थानाधिकारी ओमप्रकाश उज्जवल की अध्यक्षता मे सीएलजी की बैठक आयोजित हुई। बैठक मे आचार संहिता की पालना करते हुए निर्भिक व शांतिपूर्ण मतदान के लिए लोगो को प्रेरित किया। साथ ही मतदान के लिए दबाव डालने व प्रलोभन देकर वोट डालने की सुचना थाने मे देने की बात कही। वही थानाधिकारी ओपी उज्वल ने बताया की सदर थाना क्षेत्र के 94 पोलिंग बुथो पर निष्पक्ष निर्मिक भय मुक्त मतदान कराने के लिए ग्राम पंचायत,सरपंच सीएलजी सदस्यो की बैठक ली गई। बैठक मे महिला थानाधिकारी अनिता रानी,सब इस्पेक्टर हमीरसिंह,सीएलजी सदस्य व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

राजस्थान चुनाव: एक सीट पर चुनाव स्थगित

चुरू। चुरू विधानसभा क्षेत्र के बसपा प्रत्याशी जगदीश मेघवाल का शनिवार को आकस्मिक निधन होने के बाद देर रात चुनाव आयोग ने चुरू सीट का चुनाव स्थगित कर दिया। अब चुनाव को लेकर
बसपा के जिलाध्यक्ष देईराम मेघवाल के अनुसार शनिवार को छाजूसर निवासी बसपा प्रत्याशी जगदीश मेघवाल सरदारशहर के बसपा प्रत्याशी गोविन्द सिंह व पार्टी के प्रदेश महासचिव प्रेम बारूपाल के साथ 24 नवम्बर को राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के प्रस्तावित झुंझुनूं दौर की तैयारी के सिलसिले में हैलीपैड स्थल देखने झुंझुनूं गए थे।

शाम को जगदीश मेघवाल व गोविन्द सिंह झुंझुनूं से बस में सवार होकर चूरू लौट रहे थे। रास्ते में अचानक जगदीश मेघवाल की तबीयत खराब होने पर उन्हें चूरू में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

जहां से चिकित्सकों ने गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें राजकीय भरतीया अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। भरतीया अस्पताल में डाक्टरों ने जगदीश मेघवाल को मृत घोषित कर दिया। उनका शव का शव राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। शव का पोस्टमार्टम रविवार सुबह किया जाएगा।

एपीजे अब्दुल कलाम अस्पताल में भर्ती

नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को सेहत बिगड़ने के बाद शनिवार को सेना के रिसर्च एंड रैफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
82 साल के कलाम ने बेचैनी महसूस होने की शिकायत की थी, जिसके बाद उनका निजी स्टाफ उन्हें अस्पताल लेकर गया।

अस्पताल में कलाम को सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में रखा गया है। जहां उनकी हालत स्थिर है।

हालांकि अस्पताल सूत्रों के अनुसार उनकी हालत गंभीर नहीं है और चिंता की कोई बात नहीं है।

डॉक्टरों ने उनको पूरी तरह आराम करने की सलाह दी है। कलाम को एक-दो दिन में अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है।

नाथू सिंह राठोड ने दिया डॉ प्रियंका चौधरी को समर्थन नाम लिया वापस

नाथू सिंह राठोड ने दिया डॉ प्रियंका चौधरी को समर्थन नाम लिया वापस




बाड़मेर मजदुर नेता नाथू सिंह राठोड ने अपना नामांकन भाजपा प्रत्यासी डॉ प्रियंका चौधरी के समर्थन में वापस लिया। नाथू सिंह ने रावण राजपूत समाज हित में निर्दलीय नामांकन .स हित में भाजपा प्रत्यासी डॉ प्रियंका चौदशरी के आग्रह पर रवाना राजपूत समाज कि और से उन्हें समरतजहां के निर्णय के बाद उनसे समाज हित कि बातचीत कर उन्हें समर्थन का फैसला लिया। इसके लिए समाज कि और से बाड़मेर आगोर में डॉ प्रियंका चौधरी के समर्थन में उनकी उपस्थिति में सभा का आयोजन कर उन्हें समाज कि और से चुनरी ओढ़ाकर स्वागत कर उन्हें समर्थन दिया। इस अवसर पर डॉ प्रियंका चौधरी ने कहा कि वो रावण राजपूत समाज के हितो का पूरा ख्याल रखेगी और बिना किसी भेदभाव के विकास में अपना योगदान देगी। इस अवसर पर पूर्व जिला अध्यक्ष रावण राजपूत सभा किशन सिंह राठोड ,हरी सिंह राठोड ,सहित समाज के सेकड़ो लोग मौजूद थे

मानवेन्द्र सिंह के समर्थन में चार ने नामांकन वापस लिया


मानवेन्द्र सिंह के समर्थन में चार ने नामांकन वापस लिया


बाड़मेर शिव विधानसभा क्षेत्र से शनिवार को चार निर्दलीय प्रत्यासियो ने भाजपा प्रत्यासी मानवेन्द्र सिंह के समर्थन में अपने नामांकन वापस लिए। शिव के रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष निर्दलीय प्रत्यासी शोभ सिंह भाटी ,नखताराम माली कमल सिंह और नेमाराम मेघवाल ने मानवेन्द्र सिंह के समर्थन में अपने नामांकन वापस लिए। मानवेन्द्र सिंह ने इन्हे माले पहना कर स्वागत कर गले लगाया। निर्दलीय प्रत्यासी शोभ सिंह भाटी ने कहा कि शिव में राष्ट्रिय स्तर के नेता मानवेन्द्र सिंह चुनाव उनसे क्षेत्र को बड़ी उम्मीदे हें ,उनके समर्थन में नाम वापस लिया ,

कांग्रेस को जड़ से उखाड़ने का समय आ गया मानवेन्द्र सिंह

कांग्रेस को जड़ से उखाड़ने का समय आ गया मानवेन्द्र सिंह

बाड़मेर जिले के शिव विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्यासी मानवेन्द्र सिंह ने शनिवार को एक दर्जन से अधिक गाँवो में सभाओ का आयोजन कर भाजपा कि जितने कि बात कही ,गूंगा में आयोजित सभा में मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस के कुषाण से लोग ट्रस्ट हो गए हें ,इस शासन से अब छूटकर चाहते हें ,उन्होंने कहा कि लोग भाजपा कि और सुशासन कि उम्मीदे लगाये बेठे हें ,उन्होंने कहा कि राज्य और देश बदलाव के दौर में हें वसुंधरा राजे के सुशान को लोग आज भी याद करते हें ,उन्होंने कहा कि सुआशासन लाना हें ,विकास कि बात नहीं करके दिखाना हें उन्होंने कहा कि भाजपा ने आम आदमी के हितो का पूरा ध्यान रखा ,उन्होंने कहा कि शिव को इंदिरा गांधी नाहिर से और गदरा रामसर को नर्मदा नहर से जोड़ने का काम हमारी प्राथमिकता हें ,साथ ही क्षेत्र के किसानो कि पुरे समय बिजली उपलब्ध हो इसके प्रयास किये जायेंगे। डॉ जालम सिंह रावलोत ने कहा कि अमिन खान को हराना हमारा प्रथम लक्ष्य हें उन्होंने कहा कि भाजपा ने शिव का विकास किया मगर गत पांच सालो में शिव के विकास कार्य रुक गए ,उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए भाजपा को जिताए.
मानवेन्द्र सिंह ने आज गूंगा ,चक गूंगा हड़वेचा । हड़वा ,भँवरसर ,नेगराड़ा ,स्वामी का गाँव ,आंतरा ,बरसिंघा ,झांपली ,मेगे का गांव ,काने का गाँव ,हाथी सिंह का गांव ,भियाड आदी गाँवो का दौरा कर जन संपर्क सभाओ का आयोजन किया। उनके साथ ,मुरार सिंह ,जालम सिंह रावलोत ,रंजीत चौधरी ,बलराम प्रजापत ,ब्रिज मोहन कुमावत ,जीवनदान ,देरावर सिंह ,जालम सिंह ,गिरधर सिंह कोटडिया थे। ,

प्रियंका चौधरी के समर्थन में छतीस कौम का जन सैलाब उमड़ा

प्रियंका चौधरी के समर्थन में छतीस कौम का जन सैलाब उमड़ा


बाड़मेर मेरी कर्मभूमि। . हर वर्ग कि बिना भेदभाव सेवा करुँगी प्रियंका


बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र बाड़मेर से भाजपा प्रत्यासी डॉ प्रियंका चौधरी के समर्थन में बाड़मेर ग्रामीण क्षेत्र में आयोजित जन संपर्क बैठक में छतीस कौम के लोगो का जन सैलाब उमड़ पड़ा ,हर जाती वर्ग से लोगो ने दिल खोल कर प्रियंका को समर्थन दिया। बाड़मेर क्षेत्र से दो दर्जन से अधिक गाँवो के हज़ारो लोग जन समपर्क बैठक में पहुंचे


जन समपर्क बैठक को सम्बोधित करते हुए डॉ प्रियंका चौधरी ने कहा कि बाड़मेर उनकी जन्म भूमि और कर्मभूमि हें। यहाँ रह कर बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग कि सेवा करना चाहती हूँ ,उन्होंने कहा कि उन्हें आज जो जनता का प्राय और समर्थन मिल रहा हें हूँ ,प्रियंका ने कहा कि वो चुनाव जितने के बाद बाड़मेर रह कर जनता कि सेवा करेगी ,उन्होंने हज़ारो लोगो कि आशा के अनुरूप बिना जातिगत भेदभाव के हर समाज जाती धर्म और वर्ग़ के लोगो कि सेवा कि बात कही ,इस अवसर पर स्वरुप सिंह राठोड ने कहा कि राजनीती में लम्बे समय बाद जाट राजपूत गठजोड़ का आगाज़ हुआ हें जो बाड़मेर कि राजनीती को नै दिशा देगा ,इस अवसर पर उड़ा राम मेघवाल ने कहा कि वर्म्मन विधायक ने पांच साल तक हर जाती को आपस में लड़ने के अलावा लोगो को गंगाजी डालने का कम किया , आ गया कि लोग विधायक जी को गंगा जी। उन्होंने कहा कि विधायक के काले चिट्ठो कि पूरी फ़ाइल हे उनके पास। अपराधियो को शाह देना गरीबो का हक़ छीनने का कम किया ,इस अवसर पर समाज सेवी तन सिंह चौहान ने कहा कि जातिगत भावना से ऊपर उठ कर भाजपा को जिताना हें उन्होंने कहा कि अब राजनीती ने जातिवाद को उखाड़ना होगा ,इस अवसर पर रूप सिंह राठोड ने कहा कि बाड़मेर में जिस प्रकार राजपूत मदद कर रहा हें उसी तरह शिव में मानवेन्द्र सिंह को मदद कर जिताए। इस वासर पर मधु सिंह राजपुरोहित ,अयूब खान ,मोटी सिंह राठोड ,गणपत सिंह लुणु ,रतन सिंह लुणु ,छगन सिंह ,रहम तुला खान गड़ीसर ,नाथू सिंह राठोड ,हयात खान ,सहित हर गांव से मौजिज लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का सञ्चालन स्वरुप सिंह खारा ने किया।

हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर धरना




जैसलमेर राजस्थान के जैसलमेर में डीएम ऑफिस के सामने एक शख्स अपनी बेटी की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठा हुआ है। उसका आरोप है कि उसकी बेटी की दहेज के लिए हत्या कर दी गई।

धरने पर बैठे राणाराम ने कहा कि उसकी बेटी सन्तोष की शादी पांच साल पहले खेमा राम से हुई थी। ससुराल पक्ष ने दहेज की मांग को लेकर उससे मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई।

पीड़ित पिता ने बताया कि पुलिस ने उसकी बेटी के पति खेमा राम को गिरफ्तार किया है। अब वह नामजद अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दे रहा है।

जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में ७ अभ्यर्थी रहे चुनाव मैदान में ८ अभ्यर्थियों ने नाम वापिस लिए

जैसलमेर । विधानसभ चुनाव २०१३ के अन्तर्गत जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र से नाम निर्देशन पत्र वापस लेने की अन्तिम तिथि तक ८ अभ्यर्थियों ने अपनी अभ्यर्थिता वापस ले ली है। जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में अब ७ अभ्यर्थी चुनाव मैदान में रहे है।

रिटर्निंग अधिकारी (एसडीएम) जैसलमेर गजेन्द्र सिंह चारण ने बताया कि जैसलमेंर विधानसभा क्षेत्र से १५ अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए थे। जिसमें से नाम निर्देशन पत्र वापस लेने की अन्तिम तिथि १६ नवम्बर, शनिवार दोपहर ३ बजे तक ८ अभ्यर्थियों द्वारा अपनी अभ्यर्थिता वापस ले ली है। उन्होंने बताया कि जलालुदीन, सुजान सिंह, सांग सिंह, हनीफ खां, रवि कालुन्धा, वीर सिंह, आलोक कुमार व रघुवीर सिंह ने अपनी अभ्यर्थिता वापस ले ली है।
रिटर्निंग अधिकारी जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र १३२ चारण ने बताया कि नाम निर्देशन पत्र अभ्यर्थिता वापस लेने के बाद अब ७ अभ्यर्थी चुनाव मैदान में रहे है। उन्होंने बताया कि छोटू ंसंह भारतीय जनता पार्टी, रूपाराम इण्डियन नेशनल कांग्रेस, हुकमसिंह शेखावत बहुजन समाज पार्टी, रामनिवास छिपां नेशनल युनिनिष्ठ जमीदारा पार्टी, रोशन सिंह जागो पार्टी, हरिश कुमार भारतीय युवा शक्ति एवं भगवानसिंह जोगा निर्दलीय अभ्यर्थी के रूप में चुनाव मैदान में रहे है।
उन्होंने बताया कि सभी अभ्यर्थियों को चुनाव चिन्ह आबंटित कर दिये गए है। उन्होंने बताया कि चुनाव मैदान में रहे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी छोटू सिंह को कमल, इण्डियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के रूपाराम को हाथ, बहुजन समाज पार्टी के हुकमंसंह शेखावत को हाथी का चुनाव चिन्ह आबंटित किया गया है। इसीप्रकार नेशनल युनिनिष्ठ जमीदारा पार्टी के रामनिवास छीपा को टेलीफोन, जागो पार्टी के रोशन सिंह को सिटी, भारतीय युवा शक्ति के हरीश कुमार को मोमबत्तियां व निर्दलीय प्रत्याशी भगवान सिंह जोगा को कप और प्लेट चुनाव चिन्ह् आबंटित किए गए है।

बागी : बड़े जस के तस खड़े, कुछ माने, कुछ बैठाए

जयपुर। नामांकन पत्र वापसी की अंतिम तारीख निकलने के बाद राज्य की 14वीं विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो गई। भाजपा और कांग्रेस की बागियों को मनाने की भरसक कोशिश की लेकिन इसके बावजूद कई दिग्गजों को बैठाना नामुमकिन ही साबित हुआ।बागी : बड़े जस के तस खड़े, कुछ माने, कुछ बैठाए
नामांकन वापसी के अंतिम दिन हटे-616
शेष प्रत्याशी-1598



भाजपा-कांग्रेस की बड़ी मुसीबत-


कांग्रेस

सीट नाम
नागौर - हरेन्द्र मिर्घा (पूर्व मंत्री)
मंडावा - रीटा चौधरी (मौजूदा विधायक)
लूणी - राजेन्द्र चौधरी (पूर्व मंत्री)
भीम - लक्ष्मण सिंह रावत (पूर्व मंत्री)
जहाजपुर - रतनलाल तांबी (पूर्व मंत्री)
आसींद - हगामी लाल मेवाड़ा (पूर्व विधायक)
केकड़ी - बाबूलाल सिंगारिया (पूर्व विधायक)
मकराना - अब्दुल अजीज (पूर्व मंत्री)
मसूदा - रामचंद्र चौधरी (डेयरी अध्यक्ष)
नवलगढ़ - राजकुमार शर्मा ( राज्यमंत्री)
डूंगरपुर - रतन देवी भराड़ा (पूर्व जिला प्रमुख)
उदयपुर ग्रामीण - देवेन्द्र मीणा
पीपलदा - रामगोपाल ( पूर्व मंत्री)
केशोरायपाटन - घासीलाल (पूर्व विधायक)
भादरा - हाजी दाऊद कुरैशी ( नगरपालिका अध्यक्ष)
पिलानी - एसी चंदेलिया
तारानगर - उमाशंकर शर्मा
नोखा - बिहारी लाल
कामां - जहूर मोहम्मद
हनुमानगढ़ - सुमन चावला, राजेश मकासर


भाजपा

सीट नाम
खानपुर - अनिल जैन (मौजूदा विधायक),
डग - स्नेहलता (पूर्व विधायक)
मनोहरथाना - जगन्नाथ वर्मा
वल्लभनगर - रणधीर सिंह भींडर (पूर्व विधायक)
ब्यावर - देवीशंकर भूतड़ा (पूर्व विधायक)
मसूदा - नवीन शर्मा (देहात जिला अध्यक्ष)
भीम - हरिसिंह रावत (मौजूदा विधायक)
बांसवाड़ा - दलीचंद मईडा (पूर्व मंत्री)
कठूमर - बाबूलाल बैरवा (मौजूदा विधायक)
भरतपुर - गिरधारी तिवारी (प्रदेश कार्यसमिति सदस्य)
अलवर - अजय अग्रवाल (पूर्व नगरपरिषद अध्यक्ष)
सीकर - राजकुमारी शर्मा (पूर्व विधायक)
फतेहपुर - नंदकिशोर महरिया (पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया के भाई)
झुंझुनू - सुमित्रा सिंह (पूर्व विधानसभाध्यक्ष)
लूणकरणसर - मानिकचंद सुराणा ( वरिष्ठ नेता)
पीलीबंगा - धर्मेन्द्र मोची ( पूर्व विधायक)
भादरा - ज्ञानसिंह चौधरी पूर्व मंत्री, सरिता चौधरी पूर्व विधायक सुरेश चौधरी की पत्नी)
उदयपुरवाटी - रविन्द्र भडाना
खेतड़ी - धर्मपाल गुर्जर(भाजपा प्रत्याशी का भाई)
मंडावा - नरेन्द्र खींचड़
वैर - ऋतु बनावत(पूर्व भाजयुमो अध्यक्ष ऋषि बंसल की पत्नी)
टोडाभीम - मंजू खेरवाल पूव विधायक
सादुलशहर - डॉ.बृजमोहन सहारण
नोहर - धर्मेन्द्र मोची पूर्व विधायक