अंबिकापुर।। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में नकली लाल किले से एक रैली को संबोधित करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर निशाना साधा। मोदी ने गरीबी पर दिए गए राहुल गांधी के बयान का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा, 'राहुल कहते हैं कि गरीबी एक मानसिक अवस्था है। गरीबी होती नहीं है। राहुल की यह बात सुनकर उनकी दादी इंदिरा गांधी की आत्मा भी रो पड़ी होगी, क्योंकि उनकी दादी ने ही इस देश में गरीबी हटाओ का नारा दिया था।' गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में मोदी की इस रैली के लिए 2 करोड़ रुपये की लागत से लाल किले जैसा भव्य मंच बनाया गया था।
अंबिकापुर में नकली लाल किले से शनिवार को नरेंद्र मोदी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में अपने विरोधियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि दिल्ली कुछ करे या ना करे, लेकिन छत्तीसगढ़ के लोगों ने दिल्ली से कुछ मांगने के बजाय अपने संसाधनों के भरोसे उठ खड़े होने का फैसला लिया। रमन सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ को अपने पैर पर खड़ा करके दिखा गया। मोदी ने इसी बहाने अपने कट्टर विरोधी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि रमन सिंह ने और लोगों की तरह दिल्ली की तरफ हाथ पसार कर 'कुछ दे दो, दे दो' के नारे लगाए। उनका इशारा नीतीश कुमार की तरफ था। गौरतलब है कि नीतीश कुमार बिहार के विकास के लिए दिल्ली से सहयोग मांग रहे हैं।
मोदी ने गरीबी के बहाने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि गरीबी सिर्फ मानसिक स्थिति है। गरीबी कुछ नहीं होती। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, 'उनकी दादी की आत्मा यह सब सुनकर रो पड़ी होगी। क्योंकि, उन्होंने इस देश में गरीबी मिटाओ का नारा दिया था। उन्होंने कहा कि अपने बयान पर राहुल गांधी को अफसोस जताना चाहिए।'उन्होंने कहा कि देश की खराब आर्थिक हालात पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'आज मनमोहन सिंह सरकार के कारण देश का खजाना खाली होने के कगार है। रुपाया हो रहा है। रुपये का अवमूल्यन लगातार हो रहा है। रुपया जीवन-मृत्यू के बीच खड़ा है। सरकार इसे बचाने में नाकाम है।'
मोदी ने कहा, 'कांग्रेस का अहंकार 7वें आसमान पर है। वह लोगों से सिर्फ वोट बैंक की तरह व्यवहार करते आए हैं जिसका परिणाम यह है कि आज वे जहां भी हाथ लगाते हैं सोना मिट्टी हो जाता है, समस्याएं विकराल हो जाती हैं। समस्या गहरी हो जाती हैं। यह कांग्रेस की परम्परा रही है।'