हिस्ट्री शीट खुलने के बाद में बंद नहीं हो सकती।।गहलोत
गहलोत ने गाजी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट वापस खोलने को सही माना
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विवादित हिस्ट्रीशीटर के साथ गहलोत |
जयपुर,मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक के स्थानांतरण को नियमित प्रशासनिक प्रकि्रया के तहत किया गया स्थानांतरण बताते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस विषय को बेवजह मुद्दा बनाया जा रहा है। श्री गहलोत ने कहा कि पुलिस अधीक्षक के ट्रांसफर को किसी हिस्ट्रीशीट से जोडने का कोई संबंध नहीं है। यह नॉन इश्यू को इश्यू बनाने वाली बात है।
मुख्यमंत्री आज सायं यहां तिलकनगर स्थित सामुदायिक भवन परिसर में मीडियाकर्मियों के प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। श्री गहलोत की मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता अविकल रूप से इस प्रकार है-
प्रश्नकर्ता ः पुलिस अधीक्षक के ट्रांसफर को लेकर एक जबरदस्ती का बवण्डर बनाने की कोशिश कर रहे है ?
यह एक प्रकार से नॉन इश्यू को इश्यू बनाने का प्रयास किया गया है लेकिन अनफोर्चुनेट है, क्योंकि इसमें राजस्थान पुलिस रूल्स के अन्तर्गत यह प्रोविजन है कि किसी की हिस्ट्री शीट अगर खुल जाती है, तो ताजिंदगी वह बंद नहीं हो सकती है और यही हमारी सरकार ने, पुलिस विभाग ने अभी 14 जुलाई को ही सरकुलर भेजा है राजस्थान भर के अंदर सब एस.पीज को, जिनकी हिस्ट्री खुली हुई है, बंद नहीं हो सकती, इस बात का ध्यान रखें। किसी की बंद हो गयी है तो वापस खुलनी है। इस रूटिन के अंदर जो एक परिपत्र् भेजा गया, हमने खुद ने आगे बढकर जैसे हमने एक्शन प्लान बनवाया है, राजस्थान के अंदर जितने भी हिस्ट्री शीटर्स हैं, राजस्थान में जितने भी असामाजिक तत्व हैं, बजाय एक अभियान चलाकर बंद कर दें, रेगुलर करना चाहिये। यह एक्शन प्लान राजस्थान में बना हुआ है। राजस्थान पुलिस रूल्स 65 के अन्तर्गत यह प्रोविजन है कि हिस्ट्री शीट खुलने के बाद में बंद नहीं हो सकती है तो कोई एस.पी. अगर अपना कर्तव्य पालन करेगा, उसकी सजा सरकार कैसे देगी? सरकार खुद ही निर्देश दे रही है कि राजस्थान भर में जितनी भी जगह हिस्ट्री शीट बंद हो गयी है तो उसको खोलें तो सरकार उस बात को लेकर जब खुद निर्देश दे रही है और उसके कारण से हिस्ट्री शीट मान लीजिये गलती से बंद हो गयी, किसी की किसी कारण से बंद हो गयी। कई बार हाई कोर्ट के आदेश से बंद हो जाती है तो उसके लिये आदेश जारी किया गया था। हाई कोर्ट का आदेश तो हम नकार नहीं सकते। इस रूप में अगर कोई एक्शन किया तो उसको इससे लिंक करने से क्या फायदा ? 49 पुलिस आफिसर्स की ट्रांसफर लिस्ट है, उसमें एक आफिसर वह भी आया है, जिसके लिये यह न्यूज बनी है जैसलमेर के एस.पी. साहब। मैं समझता हूं उसका कोई लिंक ही नहीं है और इसको इश्यू बनाना ही नहीं चाहिये तो नोन इश्यू को इश्यू बनाने वाली बात है।
प्रश्नकर्ता ः बीजेपी इस मैटर को कम्युनलाइज करना चाहती है।
अब बीजेपी का तो काम ही यही है कि वह तो साम्प्रदायिकता कैसे फैलाये। कोई हिन्दू-मुस्लिम वाले की मोटर साइकिल आपस के अंदर भिड जाती है तो भी हिन्दू-मुस्लिम करने की बात की जाती है। कोई मर्डर हो जाता है हिन्दू-मुस्लिम के बीच में, तो भी यही बात की जाती है। यह अनफोर्चुनेट है देश के अंदर। मेरा मानना है कि यह रूटिन के अंदर 49 पुलिस आफिसर्स के ट्रांसफर हुए हैं, उसमें एक जैसलमेर के एस.पी. का भी है। कोई ट्रांसफर-पोस्टिंग होती है, सरकार प्रशासन के दृष्टिकोण से फैसला करती है, जनहित में फैसला करती है, राज्य हित में फैसला करती है। उसको लेकर मैं समझता हूं कि किस प्रकार मीडिया में यह बातें आईं, यह मैं समझ नहीं पाया।
प्रश्नकर्ताः पब्लिक ने जैसलमेर बंद किया है।
पब्लिक तो कई बार बंद करती है, कई जगह बंद करती है। कोई एस. डी. एम. बदल जाता है तो ही बंद करती है। वह तो किसी की अपनी एक फीलिंग हो सकती है, परन्तु जहां तक यह सवाल है इस बारे में मैं कहना चाहता हूं राजस्थान सरकार ने खुद ने, पुलिस प्रशासन ने खुद ने सरकुलर भेजा पूरे प्रदेश के अदर तमाम एस.पीज. को, राजस्थान पुलिस रूल्स के अन्तर्गत यह प्रावधान है कोई हिस्ट्री शीट खुलने के बाद में बंद नहीं होनी चाहिये, यह आप ध्यान रखें।
प्रश्नकर्ताः गाजी फकीर केस की भी जांच होगी?
मैं कह रहा हूं राजस्थान भर के अंदर जितने पुलिस एस.पीज. हैं, उनके पास में सरकुलर गया है। एक सरकुलर हमारी खुद की तरफ से आया है, उसके ऊपर कोई पुलिस आफिसर कार्यवाही करेगा तो उसको कैसे दोषी ठहराया जा सकता है? इसका इस बात से क्या लिंक है?