रविवार, 24 फ़रवरी 2013

माजीसा के दर्शन को आतुर दिखे श्रद्धालु चढ़ावे के लगे ढेर


हजारों श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में शीश नवाकर की पूजा-अर्चना


माजीसा के दर्शन को आतुर दिखे श्रद्धालु चढ़ावे के लगे ढेर 


जात लगाने पहुंच श्रद्धालु 
जसोल (बालोतरा) 'मैं तो हुओ रे दिवानों माजीसा थारे नाम रो' गाते हुए श्रद्धालुओं के मन में एक ही ललक नजर आ रही थी, बस मां के दर्शन हो जाए। बादलों की लुका-छुपी के बीच मौसम खुशनुमा, मानो इंद्र भी जलाभिषेक करने को आतुर हो। श्रद्धालुओं से खचाखच भरा मंदिर परिसर और हर कोने से माता के जयकारे की गूंज ऐसा ही भक्तिपूर्ण नजारा माघ शुक्ला त्रयोदशी पर रहा जसोल स्थित माता राणी भटियाणी मंदिर का। मारवाड़ के कोने-कोने से ही नहीं अन्य प्रांतों से भी श्रद्धालुओं ने मां के दरबार के मत्था टेका व मन्नतें मांगी। 
शनिवार अलसुबह से ही पैदल जत्थे माजीसा के जयकारों के साथ हाथों में पताकाएं थामे पहुंचने लगे। यह सिलसिला रात तक जारी रहा। अलसुबह मंगल आरती के साथ ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हुआ, फिर तो दिनभर रेला थमा ही नहीं। दोपहर तक तो मंदिर में पैर रखने की जगह नहीं मिल रही थी। मंदिर परिसर से लेकर बस स्टैंड तक श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे। मंदिर व्यवस्था समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरीकेट्स लगा रखे थे। पेयजल के इंतजाम भी किए गए। मंदिर के बाहर लगी दुकानों पर जमकर खरीदारी हुई। मां के दरबार में मारवाड़ एवं राज्य के अन्य शहरों के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश से हजारों श्रद्धालु धोक लगाने पहुंचे। 

मां के दरबार में दूर-दराज क्षेत्रों से बड़ी तादाद में श्रद्धालु जत्थों में पहुंचे। हाथों में ध्वज पताकाएं थामे नाचते-गाते, माजीसा के जयकारों के साथ भक्तिरंग से सरोबार नजर आए। शनिवार अलसुबह ही पैदल जत्थों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो देर शाम तक जारी रहा। 
माघ शुक्ला त्रयोदशी पर आयोजित मेले के दौरान कई नवविवाहित जोड़ों ने छेड़ाबंदी कर सुखी दांपत्य जीवन की कामना के लिए मां के जात लगाई। नवविवाहित जोड़ों ने अपने परिवारजनों के साथ मां के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। छेड़ाबंदी जात देने वालों के लिए सुरक्षाकर्मियों ने भी अलग से व्यवस्था कर रखी थी।


जसोल. माता राणी भटियाणी के दर्शनार्थ लगी श्रद्धालुओं की कतार। 

निज मंदिर के पास मुख्य सड़क मार्ग पर स्थित दुकानों ने सामान बाहर रखकर अतिक्रमण कर दिया है, जिसके चलते श्रद्धालुओं को आवागमन में परेशानी हो रही है। दूर-दराज क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालु रोज अतिक्रमण की समस्या से मुखाबित हो रहे हैं। मगर प्रशासन सड़क से अतिक्रमण हटाने तक की जहमत नहीं जुटा पा रहा है। 
त्रयोदशी के अवसर पर मंदिर परिसर में पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने माजीसा का वागा, फूल-माला, नारियल, मखाणा व प्रसाद का चढ़ावा चढ़ाया। हजारों श्रद्धालुओं की ओर से चढ़ाए गए चढ़ावे से मंदिर परिसर में चढ़ावे के ढेर लग गए। जिसे व्यवस्थित करने में तीर्थ ट्रस्ट के पदाधिकारियों को मशक्कत करनी पड़ी। 













ठाकुरजी के संग खेली पुष्प होली


ठाकुरजी के संग खेली पुष्प होली 

बाड़मेर  श्री गोपाल गोशाला ट्रस्ट मंडल एवं श्री राधे महिला सत्संग मंडल के तत्वावधान में श्री गोपाल गोशाला प्रांगण में आयोजित भागवत कथा के दौरान शनिवार को रामस्नेही संत रामप्रसाद महाराज ने भागवत कथा व धार्मिक व्यवस्थाओं के बारे में व्याख्यान प्रस्तुत किया। कथा के अंत में भगवान कृष्ण पर भक्तों द्वारा पुष्प वर्षाकर होली खेलने की झांकी आकर्षण का केंद्र रहीं। व्यास पीठ पर विराजमान रामस्नेही संत रामप्रसाद महाराज का गोशाला ट्रस्ट के अध्यक्ष शंकरलाल पडाइया, कैलाश मेहता, गिरधारीलाल चंडक, गोशाला कर्मचारी बालसिंह, सत्यनारायण व अन्य ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। रेणू गौड़, अनु आचार्य एवं श्री राधे महिला मंडल की सदस्यों ने भागवत जी को माल्यार्पण किया। इससे पूर्व मुख्य यजमान आनंद राठी के साथ ओम प्रकाश मूथा, भंवरलाल राठी, दाउलाल मूंदड़ा से पंडित सुनिल व्यास ने दैनिक पूजन एवं पूर्णाहुति करवाई। कथा के समापन पर महंत स्वामी प्रतापपुरी ने गौ सेवा के लिए सहयोग करने की अपील की। महंत का गोशाला व श्री राधे मंडल की ओर से शॉल ओढ़ा कर अभिनंदन किया गया।कथा के दौरान समाजसेवी तनसिंह चौहान एवं लालराम जांगिड़ इंद्राई ने 2 लाख 51 हजार रुपए, नवलाराम गोदारा उंडू ने फोन कर एक लाख की राशि गोशाला देने की बात कही। गोशाला अध्यक्ष शंकरलाल पड़ाइया ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन इंद्र प्रकाश पुरोहित ने किया। 

'ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा' के नाम से पोखरण फायरिंग रेंज में 1974 में पहला परमाणु परीक्षण किया गया था

खुफिया नाकामी छिपाने के लिए


'ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा' के नाम से पोखरण फायरिंग रेंज में 1974 में पहला परमाणु परीक्षण किया गया था

अमेरिका ने हमारे परमाणु विस्फोट को 'फुस्स' बताया 


 वाशिंगटन  अमेरिका ने अपने जासूसों की नाकामी छिपाने के लिए भारत के पहले परमाणु परीक्षण को फुस्स बताया है। यह जानकारी अमेरिकी दस्तावेज में दी गई है। ये दस्तावेज सूचना की स्वतंत्रता के तहत मांगे जाने पर दिए गए हैं। इनमें यह भी कहा गया है कि 24 जनवरी 1996 को क्लिंटन प्रशासन ने मान लिया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने परमाणु परीक्षण नहीं करने का निश्चय किया है। 

इन दस्तावेजों में कहा गया है कि 1974 में निक्सन प्रशासन के अमेरिकी गुप्तचरों का सारा ध्यान रूस और वियतनाम युद्ध पर था। इसलिए भारत का परमाणु परीक्षण उनकी प्राथमिकता में शामिल नहीं था।

18 मई 1974 का भारत का परमाणु परीक्षण अमेरिका के लिए चौंकाने वाला था। अमेरिका के नेशनल सिक्यूरिटी आर्काइव (एनएसए) ने यह जानकारी दी गई है। इसके अनुसार, 1972 में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के खुफिया और विश्लेषण विभाग (आईएनआर) ने जरूर कहा था कि भारत भूमिगत परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है। दस्तावेज का विस्तृत विश्लेषण इंटरनेट पर जारी किया गया है।

इसमें कहा गया है कि अगर तुलना करें तो भारतीय मामला वैसा ही है जैसा 2002-03 में इराक का था। जब व्हाइट हाउस की चिंता इतनी बढ़ गई थी कि खुफिया विभाग ने उसे यह मानने पर मजबूर कर दिया कि सद्दाम हुसैन व्यापक जनसंहार के हथियार बना रहे हैं।

थर्मोन्यूक्लियर डिवाइस से किया गया था परीक्षण

'ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा' के कूट नाम से राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में एक थर्मोन्यूक्लियर डिवाइस से 1974 में परमाणु परीक्षण किया गया था। इसकी विस्फोटक क्षमता बहस का विषय रही है। हो सकता है कि इसकी कम शक्तिके कारण अमेरिकी जासूस इसका पता न लगा पाए हों और उन्होंने इसे फुस्स या नाकाम बताया हो। इन्हीं दस्तावेजों में यह भी कहा गया है कि आर्थिक प्रतिबंध से बचने और आर्थिक क्रांति के जनक की पहचान बनाने के लिए नरसिंह राव ने 1995-96 में परमाणु परीक्षण रोक दिया था। हालांकि परीक्षण करने से उनके फिर से सत्ता में आने की संभावना थी।

बाड़मेर के गाजी खान और मेहरदीन को अकादमी पुरस्कार ,स्वरुप खान को युवा पुरस्कार



संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों की घोषणा

बाड़मेर के गाजी खान और मेहरदीन को अकादमी पुरस्कार ,स्वरुप खान को युवा पुरस्कार 

जोधपुर. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी का सर्वोच्च सम्मान 'फैलोशिप' वरिष्ठ नाट्य निर्देशक रमेश बोराणा को प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा शनिवार को आयोजित अकादमी साधारण सभा की बैठक में की गई। अध्यक्ष डॉ. अर्जुनदेव चारण ने बताया कि बोराणा को पुरस्कार स्वरूप 1 लाख रुपए नकद, ताम्रपत्र व श्रीफल दिया जाएगा। चारण ने बताया कि वर्ष 2012-13 के लिए 13 कलाकारों को विभिन्न विधाओं में अवॉर्ड दिए जाएंगे। इनमें भवदीप (जयपुर) व शकूर खां (जोधपुर) को शास्त्रीय गायन, बसंत काबरा (जोधपुर) को सरोद वादन, महुआ (जोधपुर) व डॉ. ज्योति भारती गोस्वामी (जयपुर) को कथक नृत्य, गाजी खां मांगणियार (बाड़मेर) को लोक संगीत, मेहरदीन लंगा (बाड़मेर) को लोक वाद्य वादन, मांगीबाई (पादरला) को लोकनृत्य, प्रेम भंडारी (उदयपुर)को सुगम संगीत, डॉ. रवि चतुर्वेदी (जयपुर)को रंगमंच, श्याम पंवार (जोधपुर) को रंगमंच का अवार्ड मिलेगा।



शिशुपाल खिलाड़ी (नागौर) को लोकनाट्य, केसी मालू (जयपुर) को समग्र कला साधना के लिए अकादमी का अवॉर्ड दिया जाएगा।

युवा व बाल पुरस्कार

चारण ने बताया कि युवा पुरस्कार के लिए समर्थ जानवे (उदयपुर), मोहम्मद अमान (जयपुर) को शास्त्रीय गायन, साबिर खां (मुंबई)को सारंगी वादन, गरिमा भार्गव (कोटा) को कथक नृत्य, स्वरूप खां मांगणियार (बाड़मेर) लोक गायन, संदीप आचार्य (बीकानेर) को सुगम संगीत, राजेंद्र पांचाल (कोटा) रंगमंच निर्देशन, गगन मिश्रा (जयपुर) को रंगमंच (अभिनय) का चयन किया गया है। बाल पुरस्कारों में आस्था सक्सेना (कोटा) को शास्त्रीय गायन व अजमत हुसैन (जयपुर) का गायन में चयन हुआ है। इन्हें 11 हजार रुपए नकद व प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।

शनिवार, 23 फ़रवरी 2013

हेदराबाद बम ब्लास्ट में जालोर का लाल हुआ शिकार




कोई लौटा दो मेरा लाल...

हेदराबाद बम ब्लास्ट में जालोर का लाल हुआ शिकार


जालोर रामसीन। जालोर का लाडला छोगाराम हेदराबाद बम विस्फोट का शिकार हो गया .अभी उसने जवानी की दहलीज पर कदम रखा था मगर कुछ माह पूर्व उसके पिता का निधन हो जाने से पारिवारिक जिम्मेदारिय छोगाराम के कंधो पर आ गई जिसके चलते उसने गाँव के अन्य साथियो के सहयोग से रोजगार के लिए हेदराबाद का रूख कर लिया उसे क्या पता था की वह आन्तावाद का शिकार हो जाएगा ,आज जब उसका शव गाँव पहुंचा तो उसकी बुड्ढी माँ का बुरा हल था .उसका लाल आंतकवाद का शिकार होकर हमेशा के लिए उससे बिछड़ गया .

"हे भगवान ऎसा क्या गुनाह किया था... जो मेरे लाल की जिंदगी छीन ली... कोईतो मेरे लाल को लौटा दो..." यह करूण क्रंदन था हैदराबाद बम बलास्ट में मृतक छोगाराम की मां का। ह्वदय विदारक बम बलास्ट में जोड़वाड़ा के लाल की मौत ने गांव का मंजर ही बदल दिया।हाल यह था कि गांव में सन्नाटे के बीच सिर्फमार्मिक रूदन सुनाईदे रहा था। रो-रो कर इस मां की आंखें पथरा गई, लेकिन उसके लबों पर नाम था तो सिर्फअपने लाल का।रो-रोकर वह बार-बार बेसुध होकर गिर पड़ती। जैसे ही होश आता वह चित्कार उठती।


छाती पिट-पिट कर वह मार्मिक रूदन कर रही थी। तो वहां खड़े लोग भी अपनी आंखों से आंसू निकलने से नहीं रोक पाए। रिश्तेदार और परिचित आते और ढाढस बंधाते, लेकिन दुखियारी मां के सवाल का जवाब किसी के पास नहीं था। आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में हुए आतंकी बम धमाके में जोड़वाडा गांव के छोगाराम की मौत की खबर जैसे ही ग्रामीणों को मिली पूरे गांव में शोक की लहर छा गई। जिसने भी सुना सन्न रह गया।

हर कोई मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाने उनके घर पहुंचा, लेकिन यहां का गमगीन माहौल देख हर कोई रो पड़ा।मृतक की मां रोते हुए कह रही थी कि उसका लाल होली पर घर आने वाला है इसके लिए उसने टिकिट भी करवा ली है। लेकिन अब वह क्यिा करे। अपने लाड़ले भाई के बारे में बताते हुए बडे भाई कपूराराम ने बिलखते हुए कहा कि तीन दिन पहले ही उसका फोन आया था। कह रहा था वह ठीक है और जल्द ही घर आ जाएगा। लेकिन देश द्रोहियों ने उसे भाई को परिवार से अलग कर दिया। उसने देश के ऎसे दुश्मनों को फांसी से भी बदतर सजा देने की बात कहीं।

गांव में शोक की लहर
बम बलास्ट में छोगाराम के मौत की खबर मिलते ही पूरे गांव में शौक की लहर छा गई। कई घरों में चूल्हे भी नहीं जले। गांव के जेपाराम पुरोहित ने बताया "उसका भाई मसराराम भी मतक छोगाराम के साथ ही लॉज में काम करता है। घटना से चंद मिनट पहले ही वे दोनों साथ थे... उसके भाई के वहां से जाने के कुछ देर बाद ही धमाका हुआ... जिसमें छोगाराम की जिंदगी लील ली...।

ग्रामीणों को सताने लगी चिंता
हैदराबाद में आतंकी बम धमाके के बाद ग्रामीणों को वहां व्यवसाय कर रहे अपने सगे-सम्बंधी और परिजनों की चिंता सताने लगी है।गांव के करीब 15 युवक हैदराबाद में व्यवसायरत है।ऎसे में गुरूवार को जैसे ही लोगों को टीवी पर धमाके की खबर मिली लोगों ने दूरभाष पर सम्पर्क कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। गांव के नारायणलाल पुरोहित ने बताया कि छोगाराम के अलावा सभी लोग कुशल है।

जालोर जिला कलेक्टर राजन विशाल ने बताया की छोगाराम हेदराबाद में कम करता था .जन्हा वह उस रात को बाज़ार गया हुआ था ,इस दौरान बोम ब्लास्ट हो गया जिसमे उसकी जान चली गई .प्लेन से उसका शव गाँव लाया गया था ,घर वालो ने थोड़ा विरोध किया था आपसी समझॆस के बाद शव उठा लिया तथा अंतिम संस्कार कर लिया .

PHOTOGRAPHS- EXERCISE IRON FIST 2013























PHOTOGRAPHS- EXERCISE IRON FIST 2013

जैन सार्वजनिक प्रन्‍यास मण्‍डल के सदस्‍य मनोनीत



जैन सार्वजनिक प्रन्‍यास मण्‍डल के सदस्‍य मनोनीत
बाड़मेर। राजस्‍थान सरकार के देवस्‍थान विभाग ने एक ओदश जारी नाकोड़ा जैन ट्रस्‍ट के पूर्व अध्‍यक्ष बाड़मेर निवासी प्रकाश जैन को राजस्‍थान प्रन्‍यास अधिनियम, 1962 के नियम 4 के अंतर्गत गठित राजस्‍थान सार्वजनिक प्रन्‍यास मण्‍डल का सदस्‍य मनोनीत किया है। श्री जैन वर्ष 1991 से नाकोड़ा जैन ट्रस्‍ट मण्‍डल के ट्रस्‍टी और सलाहकार रहे है। वर्ष 2006 से 2009 के दौरान श्री जैन नाकोड़ा जैन ट्रस्‍ट मण्‍डल के अध्‍यक्ष रह चुके है। सामाजिक एवं धार्मिक कार्यो से लगाकार जुड़ाव के चलते श्री जैन शंखेश्‍वर, गुजरात के लेखेन्‍द्र फाउण्‍डेशन ट्रस्‍ट के उपाध्‍यक्ष और गुरू लक्ष्‍मण धाम भांगली, जालोर के ट्रस्‍टी भी है।

राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने कुलधरा का अवलोकन किया,


राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने कुलधरा का अवलोकन किया,
सम के धोरों पर बितायी सुरमई साँझ
राज्यपाल को धोरों की धरती ने किया अभिभूत
       जैसलमेर, 23 फरवरी/राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने जैसलमेर जिले की चार दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन शनिवार को ऎतिहासिक गांव कुलधरा का अवलोकन किया और सम के धोरों का आनंद पाया।
       राज्यपाल श्रीमती माग्र्रेट आल्वा ने शनिवार को ऎतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्त्व के कुलधरा गांव का दौरा किया और वहाँ प्राचीन खण्डहर भवनों की बनावटवास्तुु,निर्माण कला और ग्राम्य विकास की बुनियादी जरूरतों की उपलब्धता के लिए प्राचीनकालीन जरूरी प्रबन्धोंगृह सज्जापरिवेशीय सौन्दर्यजल भण्डारण के उपायों आदि को देखा तथा खूब मुग्ध हुई।
      पायी इतिहास की जानकारी
       कुलधरा पहुंचने पर जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्रप्रकाश व्यास ने कुलधरा तथा सम कालीन 84 गांवों से एक ही रात में पालीवालों के पलायन कर चुकने तथा उसके बाद बस्तियों की वीरानी भरी गाथाओं तथा कुलधरा के पूर्ण इतिहास से राज्यपाल को परिचित कराया। प्राचीन ग्राम्य समृद्धि और बहुआयामी जीवन कौशल के साथ ही यहां के इतिहास की घटनाओं भरी अनूठी ऎतिहासिक संदर्भों भरी जानकारी पाकर वे विस्मित हो उठी।
       राज्यपाल को चन्द्रप्रकाश व्यास ने शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया और कुलधरा विकास के लिए समिति द्वारा की जा रही गतिविधियों के बारे में अवगत कराया। राज्यपाल ने प्राचीन खण्डहरों के भीतर जाकर पालीवालों की प्राचीन गृह कला तथा आवास प्रबन्धन की जानकारी ली और प्राचीन सामाजिक-सांस्कृतिक एवं पुरावैभव पर गर्व अभिव्यक्त किया।
      राज्यपाल ने प्रकट किए दिली उद्गार
       राज्यपाल श्रीमती मागे्र्रट आल्वा ने कुलधरा का दौरा करते हुए वहाँ रखी विजिट बुक में लिखा - ‘‘मैं बहुत ही प्रसन्नचित्त हूं कि पालीवाल ब्राह्मणों ने अपनी बहन-बेटियों की इज्जत बचाने के लिए अपनी जन्मभूमि के साथ ही अपना सब कुछ यहां त्याग कर अन्यत्र चले गये। यह महिलाओं के मान-सम्मान की दृष्टि से बहुत ही गौरव की बात है।’’
      राज्यपाल ने भी लिया नृत्य का आनंद
       कुलधरा में राज्यपाल ने लोक सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया। लोक कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए राज्यपाल ने वहां नर्तक कलाकारों रेखा और सूवा द्वारा किए जा रहे मनोहारी नृत्य को देखा तथा खुद ने भी नृत्य में हिस्सा लेते हुए लोक कलाकारों को खूब प्रोत्साहित किया। राज्यपाल के समक्ष छेला मामा मालण संगीत पार्टी के कलाकारों ने कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अतिथियों का ख़ासा मनोरंजन किया।
      सम के धोरों पर बहा उल्लास
राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने शनिवार की सुरमई साँझ सम के धोरों पर बितायी। वहां उन्होंने अपने साथ आए परिजनों और अधिकारियों के साथ सूर्यास्त के मनमोहक नज़ारों को देखा तथा धोरों पर मखमली रेत पर भ्रमण किया।
      ऊँट गाड़ी में सफर का सुकून पाया
       राज्यपाल ने आरटीडीसी गृह से सम के धोरों तक का एक किलोमीटर का सफर ऊँट गाड़े में तय किया और रेत के टीबों पर घूमने का आनंद पाया। राज्यपाल के साथ निरंजन आल्वाराजभवन के अधिकारियों आनंदवद्र्धन शुक्ला एवं राजीव गौड़मीडिया सलाहकार रमण नंदा आदि के साथ ही परिजनों ने भी सम के रेतीले धोरों पर सांझ बितायी और सूर्यास्त के साथ ही सम की परिवेशीय हलचलों को अपने कैमरों में कैद किया।

जिला प्रमुख जैसलमेर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेस



जिला प्रमुख जैसलमेर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेस
जैसलमेर जैसलमेर जिला प्रमुख अब्दुला फ़क़ीर के खिलाफ पद के दुरूपयोग ,विभागीय कार्यवाही में बाधे तथा कर्मचारियों को धमकाने के एक मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जैसलमेर ने जैसलमेर पुलिस को मुक़दमा दर्ज करने तथा सम्बंधित दस्तावेज न्यायलय में पेश करने के निर्देश दिए हें ,गौरतलब हें कि दिनांक १४ फरवरी २०१३ को सेवानिवर्त जिला प्रजनन शिशु सवास्थ्य अधिकारी जैसलमेर डाक्टर वी.पी. सिंह द्वारा प्रस्तुत परिवाद....... डाक्टर वी.पी. सिंह के उक्त पद पर रहने के दोरान जननी सुरक्षा एम्बुलेंस देवा के ड्राइवर द्वारा दुरूपयोग करने पर उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही में जिला प्रमुख द्वारा कार्यवाही ड्राप करने की धमकियाँ देकर राजकीय कार्य में बाधा उत्पन करना एवं जिला प्रमुख द्वारा राष्ट्रीय प्रतिक (अशोक स्तम्भ) का अपनी लेटर पेड़ पर अनुचित प्रयोग किया जा रहा है जो दंडनीय अपराध है बाबत रिपोर्ट पर आज दिनांक २२ फरवरी २०१३ को श्रीमान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जैसलमेर ने आदेश प्रदान कर अब्दुला फ़क़ीर जिला प्रमुख जैसलमेर के विरुद्ध धारा १८९, ३५३, भारतीय दण्ड संहिंता व धारा ३, ४ सपठित धारा ७ भारत का राज्य संप्रतीक (अनुचित प्रयोग प्रतिषेध एक्ट २००५) एवं भारत का राज्य संप्रतीक (प्रयोग का विनिमय) २००७ के तहत एस.एच.ओ. जैसलमेर को मुकदमा दर्ज कर एस.पी. जैसलमेर से उचित अनुसन्धान उच्च इमानदार व कर्मठ अधिकारी से करवाकर नतीजा न्यायालय में पेस करने बाबत निर्देष दिए हैं

विजय बल्लाणी बने ‘मरुश्री’ संतोष राजपुरोहित बनी ‘मिस मूमल ’

अन्तर्राष्ट्रीय मरु महोत्सव में जैसलमेर के विजय बल्लाणी बने मरुश्री
संतोष राजपुरोहित बनी मिस मूमल 




       

जैसलमेर, 23 फरवरी/देश-दुनिया भर में चर्चित अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के मरु महोत्सव की सर्वाधिक प्रतिष्ठापूर्ण मरूश्री प्रतियोगिता में जैसलमेर के रंगकर्मीअभिनेता एवं साहित्यकार विजय बल्लाणी को मिस्टर डेजर्ट ( मरुश्री-2013 ) घोषित किया गया।
       इसमें प्रतिभागियों की राजस्थानी परम्परागत वेशभूषाशारीरिक सौन्दर्यकदकाठी के आधार पर कुल 14  संभागियों में से विजय बल्लाणी का मिस्टर डेजर्ट (मरुश्री) के लिए चयन किया गया।
       मरु महोत्सव की दूसरी प्रतिष्ठापूर्ण प्रतियोगिता मिस मूमल- 2013 का खिताब संतोष राजपुरोहित ने जीता। मिस मूमल प्रतियोगिता में 6 बालिकाओं ने पारम्परिक जैसलमेरी पोशाकझिलमिलाते आभूषण से सुसज्जित होकर भाग लिया। निर्णायक मण्डल द्वारा मूमल के रूप में सौन्दर्य एवं वस्त्राभूषण की नख से सिर तक परख करने के पश्चात् संतोष राजपुरोहित को मिस मूमल के लिए चयनित किया गया।
      साफा बांध प्रतियोगिता
       मरु महोत्सव में भारतीय साफा बांध प्रतियोगिता मे 18 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में जसवंतसिंह इंदा ने दो मिनिट में जैसलमेरी शैली का सुव्यवस्थित ढंग से चुनरी का साफा बांध कर पहला स्थान अर्जित किया। साफा बांध में प्रमोद बिस्सा ने द्वितीय एवं सवाईसिंह भाटी ने तृतीय स्थान अर्जित किया।
       लम्बी मूछों के लिए गिनीजबुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके जैसलमेर निवासी करणाराम भील की स्मृति में आयोजित मूंछ प्रतियोगिता में बाँकी मूछाें के जवानों ने अपनी मूछाें को दिखाकर दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। मूंछ प्रतियोगिता में मदनसिंह राठौड़ ने प्रथम स्थान अर्जित किया वहीं दूसरे स्थान पर संतोष कुमार माहेश्वरी एवं  दुर्गाराम तीसरे स्थान पर रहे। इस प्रतियोगिता में 11 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
      महेन्द्रा-मूमल की प्रेम गाथा की झांकी
       मरु महोत्सव मे मूमल महेन्द्रा की प्रेम गाथा भी झलकी। देशी व विदेशी सैलानी इस प्रेम गाथा की कहानी से रूबरू हुए। मूमल-महेन्द्रा प्रतियोगिता में प्रतिभागी ऊँट गाडे पर सजी मेडी में बैठी मूमल व सजे-धजे रेगिस्तानी जहाज ऊँट पर बैठे महेन्द्रा ने दर्शकों को बहुत आकर्षित किया। इस प्रतियोगिता में विद्यालयों के विधार्थियों ने भाग लिया। जिसमें लाल बहादुर शास्त्री उच्च प्राथमिक विद्यालय एवं राजस्थान बाल भारती प्रथम रही व कमला नेहरु उच्च प्राथमिक विद्यालय द्वितीय एवं राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय,जैसलमेर ने तृतीय स्थान अर्जित किया।
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अन्तर्राष्ट्रीय मरु महोत्सव के विजेता पुरस्कृत
       जैसलमेर, 23 फरवरी/अन्तर्राष्ट्रीय मरु महोत्सव के पहले दिन शनिवार को जैसलमेर के शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतियोगियों को पुरस्कार प्रदान किए गये।
       राज्यपाल मार्गे्रट आल्वा ने भारतीय साफा बांधो प्रतियोगिता तथा विदेशियों की साफा बांध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रहे जसवंतसिंह को 3 हजार रुपएद्वितीय स्थान अर्जित करने वाले प्रमोद बिस्सा को 2 हजार रुपए तथा तृतीय स्थान पर रहे सवाईसिंह भाटी को 1 हजार रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी प्रकार के पुरस्कार विदेशी मेहमानों के मध्य हुई साफा बांध प्रतियोगिता के विजेताओं को भी प्रदान किए गए।
       सहायक निदेशक पर्यटक स्वागत केन्द्र हनुमान मल आर्य ने बताया कि मरु महोत्सव की सबसे प्रतिष्ठापूर्ण प्रतियोगिता में नगरपरिषद के सभापति अशोक तंवर ने  मरुश्री का खिताब पा चुके प्रथम स्थान पर रहे साहित्यकार एवं रंगकर्मी विजय बल्लाणी को 5 हजार रुपयेदूसरे  स्थान पर रहे भगवानसिंह परिहार को हजार रुपए तथा तृतीय स्थान पर विजेता रहे महेश कुमार छंगाणी को ढाई हजार रुपए की नकद राशि का पुरस्कार प्रदान किया।
       उन्होंने बताया कि मिस मूमल प्रतियोगिता में भी नगरपरिषद के सभापति अशोक तंवर ने मिस मूमल का खिताब पा चुकी संतोष राजपुरोहित को प्रथम पुरस्कार के रूप में 5हजार रुपएद्वितीय स्थान पर रही मनीषा बिस्सा को 3 हजार रुपए तथा  तृतीय स्थान पर रही  प्रियदर्शनी गोस्वामी व निधि व्यास को 2-2 हजार रुपए की राशि का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।
       मरु महोत्स के पहले दिन आयोजित की गई मूमल-महेन्द्रा प्रतियोगिता में नगर विकास न्यास के अध्यक्ष उम्मेदसिंह तंँवर ने लाल बहादुर शास्त्री उच्च प्राथमिक विद्यालय जैसलमेर को प्रथम स्थान अर्जित करने 5 हजार रुपए ,कमला नेहरु उच्च प्राथमिक विद्यालय को द्वितीय स्थान प्राप्त करने  हजार रुपए एवं राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय जैसलमेर को तृतीय स्थान अर्जित करने पर हजार रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया।
       इसी प्रकार मूंछ प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतियोगियों में प्रथम स्थान पर रहे मदनसिंह राठौड़ को 3 हजार रुपएद्वितीय रहे संतोष कुमार माहेश्वरी को 2 हजार रुपए तथा तृतीय स्थान पा चुके दुर्गाराम को एक हजार रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।

उदयपुर में दिनदहाड़े 2.50 लाख रूपए की लूट

उदयपुर में दिनदहाड़े 2.50 लाख रूपए की लूट
उदयपुर। शहर में शनिवार दोपहर चार बदमाश एक व्यक्ति से दिनदहाड़े 2.50 लाख रूपए से भरा बैग लूट ले गए। हालांकि राहगीरों ने मौके पर तत्परता बरतते हुए एक बदमाश को पकड़ लिया और पुलिस को हवाले कर दिया। घटना उदयपुर के सूरजपोल इलाके की है। वारदात के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शहर में नाकाबंदी तीनों बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार पीडित किसान गिरधारी लाल झणवा प्रतापगढ़ के छोटी साढड़ी गांव का रहने वाला है। गिरधारी लाल घर से बैग में 50 हजार लेकर आया था। और वह 2 लाख रूपए बैंक से निकलवाकर कृषि मंडी में जमा करवाने के लिए जा रहा था।

गिरधारी लाल जैसे ही सूरजपोल के पास पहुंचा तो वहां किसी ने उसपर पीक थूक दिया। वह पान की पीक को साफ करने में लग गया,इसी बीच चार बदमाश वहां आए और रूपयों से भरा बैग लेकर फरार हो गए। उसने बदमाशों का पीछा किया लेकिन वे हाथ नहीं आए। इसी बीच 4 बदमाशों में से एक को राहगीरों ने बस में चढ़कर भागते हुए पकड़ लिया। उदयपुर पुलिस पकड़े गए बदमाश से पूछताछ कर रही है और अन्य फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।

पंचायतीराज डायरी में रहेगी सारी जानकारियां


पंचायतीराज डायरी में रहेगी सारी जानकारियां

राजस्थान में पहली बार बाड़मेर जिले में अनूठा प्रयोग,ग्राम पंचायत स्तर पर आधारभूत सुविधाओं से लगाकर विभिन्न योजनाओं में चल रहे कार्यों के विवरण के अलावा मुख्यमंत्री से लगाकर ग्राम रोजगार सहायक तक के दूरभाष नंबरों को पंचायतीराज डायरी में भामिल किया गया है। ताकि जन प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों को सारी जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सके।

बाडमेर, 23 जनवरी। बाड़मेर जिले में पंचायतीराज डायरी के जरिए राजस्थान में पहली मर्तबा ग्राम पंचायत स्तर से लगाकर केबिनेट तक की जानकारियों को समेटने का अनूठा प्रयास किया गया है। इसके जरिए विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी जन प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है। साथ ही विभिन्न प्रकार की जानकारी संधारण के लिए प्रफोर्मा भामिल किए गए है।

बाड़मेर जिला परिषद केयर्न इंडिया के सहयोग से जन प्रतिनिधियों यथा सांसद,विधायक,जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्य, सरपंचों के साथ पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत कार्मिकों को पंचायतीराज डायरी उपलब्ध कराएगा। बाड़मेर में पहली बार किए गए इस अनूठे प्रयोग के तहत पंचायतीराज डायरी में बाड़मेर जिले के परिचय, ग्राम पंचायतों की सामान्य जानकारी, वार्ड पंच, ग्राम पंचायत स्तरीय समितियों, ग्रामवार जनसंख्या, ग्राम पंचायत स्तर पर आधारभूत सुविधाओं यथा पंचायत भवन, राजीव गांधी सेवा केन्द्र, बैंक,पोस्ट आफिस,चिकित्सालय,आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, िक्षा विभाग के कार्मिकों के दूरभाष एवं अन्य जानकारियों सहेजने का प्रयास किया गया है। इसी तरह बीपीएल,एपीएल,सामान्य, कुल परिवार,वितरित जोब कार्ड, किसानों की संख्या,भूमि का ब्यौरा, िक्षा की स्थिति, सरकारी योजनाओं से लाभांवित बीपीएल परिवारों की स्थिति, ग्राम पंचायत स्तर पर चल रहे कार्यों को दार्ने वाले विभिन्न प्रफोर्मा भामिल किए गए हैं। इनको संधारण करने के बाद संबंधित जन प्रतिनिधि को एक ही डायरी में विभिन्न प्रकार की जानकारियां उपलब्ध हो सकेगी।

मुख्यमंत्री से लगाकर ग्राम रोजगार सहायक के दूरभाषः पंचायतीराज डायरी में राजस्थान के केबिनेट,पंचायतीराज विभाग, राज्य के समस्त जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, कलेक्ट्रेट परिसर के विभिन्न सरकारी कार्यालयों, पुलिस महकमे, पंचायत समिति कार्मिकों, जिला परिषद एवं पंचायत समिति कार्मिकों के अलावा पटवारी, सरपंच, चिकित्सक, अधिवक्ता, ग्राम सेवक एवं ग्राम रोजगार सहायक तथा पत्रकारों के नंबर भामिल किए गए हैं।

जन प्रतिनिधियों का विोष ब्यौराः पंचायतीराज डायरी में स्थानीय सांसद, विधायकों एवं प्रधानों का विोष ब्यौरा मय फोटो भामिल किया गया है।

राज्यपाल ने गांधी दर्शन का अवलोकन किया


राज्यपाल ने गांधी दर्शन का अवलोकन किया
       
जैसलमेर, 23 फरवरी/राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने जैसलमेर में मरु महोत्सव के उद्घाटन समारोह से सर्किट हाउस लौटते हुए शहर के हनुमान चौराहा स्थित गांधी दर्शन का अवलोकन किया।
       राज्यपाल ने गांधी दर्शन में खादी एवं सूती परिधानों,वस्त्रोंकाष्ठ एवं पाषाण सामग्री सहित विभिन्न वस्तुओं को देखा। यहाँ उन्होंने कुछ खरीदारी भी की। राज्यपाल का स्वागत गांधी दर्शन के प्रबन्धक योगेन्द्रप्रसाद शर्मा ने किया और खादी ग्रामोद्योग गतिविधियों की जानकारी प्रदान करते हुए जैसलमेर जिले में इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया और गांधी दर्शन के उद्देश्यों एवं इसमें समाहित व प्रदर्शित सामग्री आदि के बारे में परिचित कराया।
      सुनी समस्याएं
       राज्यपाल के अचानक गांधी दर्शन पहुंचने की जानकारी पाकर चौराहा पर उनकी झलक पाने के लिए भारी जन समुदाय उमड़ पड़ा। राज्यपाल ने सभी का अभिवादन स्वीकारा तथा भीड़ में से उनके करीब आए आम जन की समस्याएं भी सुनी। राज्यपाल ने आश्वस्त किया कि कार्यवाही होगी।

विशेष पूजा अर्चना व ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ बेणेश्वर मेला


विशेष पूजा अर्चना व ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ बेणेश्वर मेला

बांसवाडा | राजस्थान के जनजाति बहुल दक्षिणांचल वागड में आदिम संस्कृति के महाकुंभ के नाम से ख्यात बेणेश्वर मेला गुरुवार को विशेष पूजा-अर्चना व ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ। डूंगरपुर एवं बांसवाडा जिले की सरहद पर सोम और महीसागर संगम तीर्थ बेणेश्वर पर प्रारंभ हुए मेले के पहले ही दिन बडी संख्या में श्रद्धालु उमडे ।

बेणेश्वरधाम पर आज धाम के मंहत गोस्वामी अच्युतानन्द महाराज ने राधा-कृष्ण मंदिर म विशेष पूजा अर्चना व ध्वजारोहण के साथ मेले का श्रीगणेश किया। डूंगरपुर जिला कलक्टर श्रीमती पूनम, बांसवाडा जिला प्रमुख श्रीमती रेशम मालवीया, डूंगरपुर जिला प्रमुख भगवतीलाल रोत व बडी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी में महंत अच्युतानन्द महाराज ने भगवान निष्कलंक, संत मावजी सहित अष्ठ पीठाधीश्वरों का स्मरण कर परंपरागत सप्तरंगी ध्वज का पूजन किया। पूजन के साथ ध्वज को आम्र पल्लव व मंजरी अर्पण कर आरती उतारी व ध्वजा का आरोहण कर मेले का शुभारंभ किया। ध्वजारोहण के बाद प्रसाद रुप में बताशे और नया गुड भक्तजनों को वितरित किया गया।

पहले ही दिन उमडे श्रद्धालु : बेणेश्वरधाम पर आयोजित मेले के प्रथम दिन ही बडी तादाद में श्रद्धालु व मेलार्थी उमडे। श्रद्धालुओं ने प्रयागराज सरीखे पुण्यदाता पवित्र जलसंगम तीर्थ के आबूदर्रा में डुबकी लगाई और पुण्यार्जन किया। इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने प्राचीनतम बेणेश्वर शिवालय, राधाकृष्ण मंदिर सहित अन्य देवालयों में पूजा-अर्चना के बाद मेला बाजार में खरीदारी का आनंद उठाया। आज दिनभर मेले बाजारों में उत्साह का माहौल रहा।

विदेशी सैलानी भी पहुंचे : बेणेश्वर मेले की ख्याति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि मेले के प्रथम दिन ही विदेशी सैलानी यहां पहुंचे और आदिम संस्कृति के इस महाकुंभ का अध्ययन किया। विदेशी सैलानियों ने बेणेश्वर धाम के पवित्र जलसंगम तटों पर तर्पण, स्नानादि क्रियाओं को देखा वहीं मेलाबाजारों में आदिम संस्कृति से संबंधित उत्पादों को भी देखा व खरीदारी की। सैलानियों ने मेलार्थियों के वस्त्राभूषणों और वाद्ययंत्रों के बारे में विशेष रूचि दिखाई। विदेशी सैलानी आज मस्ती के मुड में देखे गए।

सैलानियो को आज भी लुभाता हैं जैसलमेर का सोनार किला

सैलानियो को आज भी लुभाता हैं जैसलमेर का सोनार किला



अनिता महेचा

मरूकांतार की गोरहरे त्रिकुट पहाडी पर २५० फीट उंतुंग ९९ बुर्जो के कलेवर से आवेष्ठित इस दुर्ग का निर्माण संवत् १२१२ में रावल जैसल ने करवाया था । पीत पाषाणों से निर्मित जैसलमेर दुर्ग अपनी भव्यता और अद्भूत स्थापत्य कला के कारण ाविश्वविख्यात हैं । विगत ८५८ वर्षो से अपनी आभा और कीर्ति की पताका फहराता यह किला अपने आगोश में यहां के वांशिंदो को भी ममत्व प्रदान करता सा ाप्रतीत होता है। वर्षो पूर्व विख्यात फिल्म निर्माता -निर्देशक सत्यजीत राय ने अपने बंगला कथानक सोनार किला को छयांकित कर चलचित्र का रूप दिया । यह सोनार किला ओर कुछ नहीं -जैसलमेर का भव्य स्वर्णिम दुर्ग ही था । चूंकि यह किला ओर इसके स्थित सैकडो आवासीय भवन सुनहरे पत्थरो से बने हुऐ है। इसलिए यह स्वर्णिम दुर्ग अथवा सोनार किला के नाम जाना जाता है। इस किले का प्रवेश द्वारा अखेप्रोल के नाम से प्रसिद्ध है। यहंा प्रवेश करते ही गगंन चुम्बी राज प्रासाद के दर्शन होते है। यहां बना बडासा चौगान अपनी उचाई पर चढने के लिए आमंत्रित-सा करता प्रतीत होता है। चढाई चढते ही अनायास ही बाई ओर बैरीशाल बुर्ज एक विशाल स्तम्भ की भंाति अपने उपर सुंदर झुरमुटाकार छतरी से सज्जित दृष्टिगोचर होता है। लगता हैं -जैसे कोई लैम्प पोस्ट पथिकों को राह दिखला रहा है। इस बुर्ज के पास से घुमते ही बहुत ही खूबसूरत कलात्मक नक्काशी से युक्त सूरज प्रोल बनी हुई हैं। किसी जमाने में यही मुख्य प्रोल हुआ करती थी , जिसपर लगे सगुन के प्रतीक तौरण आज भी मुस्कराते स्वागत को आतुर है।


सूरज प्रोल के आगे घुमते ही फलसूण्ड विजय की बनी दिवार आज भी जैसलमेर के सुरवीरों की प्रशस्ति गाती प्रतीत होती हैं। ठीक इसी के पास गणेश प्रोल और उसके आगे चढते ही भव्य कमल झरोखे के पास अट्टालिका-सी हवा प्रोल स्थित है। गर्मी की भयानक शूल की चुभती ल को मीठी ठण्डी बयार में में तब्दील करने की खाशियत रखती है यह हवा प्रोल । हवाप्रोल के बहार दशहरा चौक स्थित हैं । ढाई साकों का साक्षात साक्षी रहा हैं यह चौक । इस चौक में दक्षिण मे खडे होने पर राजप्रासाद के रंगमहल,गजविलास,मोतीमहल,तथा जनाना महल पर की गई नयनाभिराम बरीक खुदाई पर्यटकों के बढते कदमो को ठिठका देती है। जिससे उनकी पैनी चाक्षुष दृष्टि और कलाअनुरागी मन मंत्रमुग्ध हो उठते है। यहीं से डेल्टा की भांति अनेको संकरी गलिया सैलानियो को विभिन्न दिशाओं की सैर करवाने को आतुर पलकें बिछाए प्रतीक्षारत प्रीतत होती है। इन्ही मे से ठीक पश्चिमी दिशा की गली सैलानियो के कदमो को जैन मंदिर की ओर ले जाती है। आखिर इन जैन मंदिरो में क्या आकर्षण है कि आज भी लाखों देशी-विदेशी पर्यटक इन्हे देखने को अनवरत आते रहते है। इन जैन मंदिरो में प्रमुख है- दुर्ग स्थित आठ भव्य कलात्मक मंदिर । सात मंदिर तो एक ही परिसर में है। किंतु आठवा मंदिर जो भगवान महावीर स्वामी को समर्पित है, इनसे थोडी सी दूरी पर है। इन जैन मंदिरो का निर्माण चौदवी और पन्द्रवीं शताब्दी में हुआ था । इन जैन मंदिरो में कलात्मक पाषाणों से बनी देव प्रतिमाऐ स्थापित की हुई है। इन मदिरो में विभिन्न प्रकार की कला शैलियो में उत्कीर्ण ६६०० पीत पाषाण प्रतिमाऐ स्थित है। सभा मण्डप के मध्य बनी विभिन्न नृत्य मुद्राओं में लीन मुर्तियो को इस तरह बनाया गया हैं कि सैलानी दांतो तले उगुली दबाकर रह जाते है। मंदिर के घुमावदार फेरियों में बनी प्रतिमाऐ जिनमें दपर्ण दर्शन, महिषासुर वद्य ,जुडे में बाल बाधती नारी , कृष्ण राधिका की रास लीला से संबंधित मूर्तिया तथा कथक नृत्य दर्शाती मूर्तिया प्रमुख है।विविध भाव -भंगिमाओं प्रेम, वात्सलय, नारी सौन्दर्य व श्रृंगार आदि जीवन के विभिन्न पहलुओं का मनोहारी कलात्मक रूप मूर्तियों में अवतरित है। गगनचुंबी ध्वजा मण्डपो पर बनी हाथी- घोडे, शेर, चीते, कबूतर और मोरो की प्रतिमाऐ आश्चर्य चकित करती है। इन्ही जैन मंदिरो के तहखाने में जिनभद्रसूरी ज्ञान भण्डार बना हुआ है। जिसमें हजारो प्राचीन ताड पत्रो व कागजी पुस्तको तथा काष्ठ की तख्तियों पर बने चित्र विभिन्न भाषाओं के ग्रन्थ देख्ेा जा सकते है। यहां पर हस्तलिखित सरस्वती स्त्रोत पांच फीट उंचे व चार फीट चौडे कांच में मढा कर रखा गया है। ज्ञान भण्डार में रखे यह ग्रंथ संस्कृत , मागधी ,पाली, मालवी, गुजराती व डिंगल आदि भाषाओं में लिखे हुऐ है। जिनके प्रमुख विषय उपासना,पूजा,अर्थ, न्याय,ज्योतिष, व्याकरण आदि है। दुर्ग के चार कोनो पर रखी हुई चार प्राचीन तोफे राजशाही के समय से ही प्रहरी रूप में स्थापित है जो अब पर्यटको के लिए व्यू पांईट बन गऐ है। उत्तर दिशा में स्थापित तोफ से पटवा हवेली एंव नथमल हवेली तथा पूर्व में स्थापित तोफ से थिरकते मोरो पर बनी दिवान सालमसिंह की हवेली के अतिरिक्त गडसीसर सरोवर का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है। धूमिल पडेते पीले पत्थरो से बना यह त्रिकुटाकार कलात्मक दुर्ग सैलानियों को आज भी बेहद लूभा रहा है। इसमें कोई अतिश्योक्ति नही है।