विशेष पूजा अर्चना व ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ बेणेश्वर मेला
बांसवाडा | राजस्थान के जनजाति बहुल दक्षिणांचल वागड में आदिम संस्कृति के महाकुंभ के नाम से ख्यात बेणेश्वर मेला गुरुवार को विशेष पूजा-अर्चना व ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ। डूंगरपुर एवं बांसवाडा जिले की सरहद पर सोम और महीसागर संगम तीर्थ बेणेश्वर पर प्रारंभ हुए मेले के पहले ही दिन बडी संख्या में श्रद्धालु उमडे ।
बेणेश्वरधाम पर आज धाम के मंहत गोस्वामी अच्युतानन्द महाराज ने राधा-कृष्ण मंदिर म विशेष पूजा अर्चना व ध्वजारोहण के साथ मेले का श्रीगणेश किया। डूंगरपुर जिला कलक्टर श्रीमती पूनम, बांसवाडा जिला प्रमुख श्रीमती रेशम मालवीया, डूंगरपुर जिला प्रमुख भगवतीलाल रोत व बडी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी में महंत अच्युतानन्द महाराज ने भगवान निष्कलंक, संत मावजी सहित अष्ठ पीठाधीश्वरों का स्मरण कर परंपरागत सप्तरंगी ध्वज का पूजन किया। पूजन के साथ ध्वज को आम्र पल्लव व मंजरी अर्पण कर आरती उतारी व ध्वजा का आरोहण कर मेले का शुभारंभ किया। ध्वजारोहण के बाद प्रसाद रुप में बताशे और नया गुड भक्तजनों को वितरित किया गया।
पहले ही दिन उमडे श्रद्धालु : बेणेश्वरधाम पर आयोजित मेले के प्रथम दिन ही बडी तादाद में श्रद्धालु व मेलार्थी उमडे। श्रद्धालुओं ने प्रयागराज सरीखे पुण्यदाता पवित्र जलसंगम तीर्थ के आबूदर्रा में डुबकी लगाई और पुण्यार्जन किया। इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने प्राचीनतम बेणेश्वर शिवालय, राधाकृष्ण मंदिर सहित अन्य देवालयों में पूजा-अर्चना के बाद मेला बाजार में खरीदारी का आनंद उठाया। आज दिनभर मेले बाजारों में उत्साह का माहौल रहा।
विदेशी सैलानी भी पहुंचे : बेणेश्वर मेले की ख्याति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि मेले के प्रथम दिन ही विदेशी सैलानी यहां पहुंचे और आदिम संस्कृति के इस महाकुंभ का अध्ययन किया। विदेशी सैलानियों ने बेणेश्वर धाम के पवित्र जलसंगम तटों पर तर्पण, स्नानादि क्रियाओं को देखा वहीं मेलाबाजारों में आदिम संस्कृति से संबंधित उत्पादों को भी देखा व खरीदारी की। सैलानियों ने मेलार्थियों के वस्त्राभूषणों और वाद्ययंत्रों के बारे में विशेष रूचि दिखाई। विदेशी सैलानी आज मस्ती के मुड में देखे गए।
बेणेश्वरधाम पर आज धाम के मंहत गोस्वामी अच्युतानन्द महाराज ने राधा-कृष्ण मंदिर म विशेष पूजा अर्चना व ध्वजारोहण के साथ मेले का श्रीगणेश किया। डूंगरपुर जिला कलक्टर श्रीमती पूनम, बांसवाडा जिला प्रमुख श्रीमती रेशम मालवीया, डूंगरपुर जिला प्रमुख भगवतीलाल रोत व बडी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी में महंत अच्युतानन्द महाराज ने भगवान निष्कलंक, संत मावजी सहित अष्ठ पीठाधीश्वरों का स्मरण कर परंपरागत सप्तरंगी ध्वज का पूजन किया। पूजन के साथ ध्वज को आम्र पल्लव व मंजरी अर्पण कर आरती उतारी व ध्वजा का आरोहण कर मेले का शुभारंभ किया। ध्वजारोहण के बाद प्रसाद रुप में बताशे और नया गुड भक्तजनों को वितरित किया गया।
पहले ही दिन उमडे श्रद्धालु : बेणेश्वरधाम पर आयोजित मेले के प्रथम दिन ही बडी तादाद में श्रद्धालु व मेलार्थी उमडे। श्रद्धालुओं ने प्रयागराज सरीखे पुण्यदाता पवित्र जलसंगम तीर्थ के आबूदर्रा में डुबकी लगाई और पुण्यार्जन किया। इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने प्राचीनतम बेणेश्वर शिवालय, राधाकृष्ण मंदिर सहित अन्य देवालयों में पूजा-अर्चना के बाद मेला बाजार में खरीदारी का आनंद उठाया। आज दिनभर मेले बाजारों में उत्साह का माहौल रहा।
विदेशी सैलानी भी पहुंचे : बेणेश्वर मेले की ख्याति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि मेले के प्रथम दिन ही विदेशी सैलानी यहां पहुंचे और आदिम संस्कृति के इस महाकुंभ का अध्ययन किया। विदेशी सैलानियों ने बेणेश्वर धाम के पवित्र जलसंगम तटों पर तर्पण, स्नानादि क्रियाओं को देखा वहीं मेलाबाजारों में आदिम संस्कृति से संबंधित उत्पादों को भी देखा व खरीदारी की। सैलानियों ने मेलार्थियों के वस्त्राभूषणों और वाद्ययंत्रों के बारे में विशेष रूचि दिखाई। विदेशी सैलानी आज मस्ती के मुड में देखे गए।
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