शनिवार, 23 फ़रवरी 2013

राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने कुलधरा का अवलोकन किया,


राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने कुलधरा का अवलोकन किया,
सम के धोरों पर बितायी सुरमई साँझ
राज्यपाल को धोरों की धरती ने किया अभिभूत
       जैसलमेर, 23 फरवरी/राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने जैसलमेर जिले की चार दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन शनिवार को ऎतिहासिक गांव कुलधरा का अवलोकन किया और सम के धोरों का आनंद पाया।
       राज्यपाल श्रीमती माग्र्रेट आल्वा ने शनिवार को ऎतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्त्व के कुलधरा गांव का दौरा किया और वहाँ प्राचीन खण्डहर भवनों की बनावटवास्तुु,निर्माण कला और ग्राम्य विकास की बुनियादी जरूरतों की उपलब्धता के लिए प्राचीनकालीन जरूरी प्रबन्धोंगृह सज्जापरिवेशीय सौन्दर्यजल भण्डारण के उपायों आदि को देखा तथा खूब मुग्ध हुई।
      पायी इतिहास की जानकारी
       कुलधरा पहुंचने पर जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्रप्रकाश व्यास ने कुलधरा तथा सम कालीन 84 गांवों से एक ही रात में पालीवालों के पलायन कर चुकने तथा उसके बाद बस्तियों की वीरानी भरी गाथाओं तथा कुलधरा के पूर्ण इतिहास से राज्यपाल को परिचित कराया। प्राचीन ग्राम्य समृद्धि और बहुआयामी जीवन कौशल के साथ ही यहां के इतिहास की घटनाओं भरी अनूठी ऎतिहासिक संदर्भों भरी जानकारी पाकर वे विस्मित हो उठी।
       राज्यपाल को चन्द्रप्रकाश व्यास ने शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया और कुलधरा विकास के लिए समिति द्वारा की जा रही गतिविधियों के बारे में अवगत कराया। राज्यपाल ने प्राचीन खण्डहरों के भीतर जाकर पालीवालों की प्राचीन गृह कला तथा आवास प्रबन्धन की जानकारी ली और प्राचीन सामाजिक-सांस्कृतिक एवं पुरावैभव पर गर्व अभिव्यक्त किया।
      राज्यपाल ने प्रकट किए दिली उद्गार
       राज्यपाल श्रीमती मागे्र्रट आल्वा ने कुलधरा का दौरा करते हुए वहाँ रखी विजिट बुक में लिखा - ‘‘मैं बहुत ही प्रसन्नचित्त हूं कि पालीवाल ब्राह्मणों ने अपनी बहन-बेटियों की इज्जत बचाने के लिए अपनी जन्मभूमि के साथ ही अपना सब कुछ यहां त्याग कर अन्यत्र चले गये। यह महिलाओं के मान-सम्मान की दृष्टि से बहुत ही गौरव की बात है।’’
      राज्यपाल ने भी लिया नृत्य का आनंद
       कुलधरा में राज्यपाल ने लोक सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया। लोक कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए राज्यपाल ने वहां नर्तक कलाकारों रेखा और सूवा द्वारा किए जा रहे मनोहारी नृत्य को देखा तथा खुद ने भी नृत्य में हिस्सा लेते हुए लोक कलाकारों को खूब प्रोत्साहित किया। राज्यपाल के समक्ष छेला मामा मालण संगीत पार्टी के कलाकारों ने कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अतिथियों का ख़ासा मनोरंजन किया।
      सम के धोरों पर बहा उल्लास
राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने शनिवार की सुरमई साँझ सम के धोरों पर बितायी। वहां उन्होंने अपने साथ आए परिजनों और अधिकारियों के साथ सूर्यास्त के मनमोहक नज़ारों को देखा तथा धोरों पर मखमली रेत पर भ्रमण किया।
      ऊँट गाड़ी में सफर का सुकून पाया
       राज्यपाल ने आरटीडीसी गृह से सम के धोरों तक का एक किलोमीटर का सफर ऊँट गाड़े में तय किया और रेत के टीबों पर घूमने का आनंद पाया। राज्यपाल के साथ निरंजन आल्वाराजभवन के अधिकारियों आनंदवद्र्धन शुक्ला एवं राजीव गौड़मीडिया सलाहकार रमण नंदा आदि के साथ ही परिजनों ने भी सम के रेतीले धोरों पर सांझ बितायी और सूर्यास्त के साथ ही सम की परिवेशीय हलचलों को अपने कैमरों में कैद किया।

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