मंगलवार, 1 जनवरी 2013
कच्छ सीमा पर पकड़ा गया जासूस बाज
कच्छ सीमा पर पकड़ा गया जासूस बाज
बाड़मेर राजस्थान गुजरात फ्रंटीयर के सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने गुजरात के कच्छ जिले में एक जासूस बाज पकड़ा है।
बीएसएफ के उप महा निरीक्षक एके सिन्हा ने मंगलवार को बताया कि जासूसी कर रहा यह बाज सोमवार रात कच्छ जिले में भारत पाकिस्तान सीमा पर वीघा कोट आउटपोस्ट से पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि इस बाज की एक टांग पर ट्रांसमीटर लगा है। बाज को अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक पिलर संख्या 1111 पर पकड़ा गया।
उन्होंने बताया कि इस पर लगे ट्रांसमीटर और एंटिना को आगे की जांच पडताल के लिए अपराध जांच शाखा को भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि सतर्कता विभाग भी इसकी जांच कर रहा है कि बाज का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया गया अथवा इसे किसी और मकसद से यहां भेजा गया है।
वर्ष 2008 में कच्छ के झकाऊ पोस्ट में भी इसी तरह के एक बाज को पकड़ा गया था। बाज 15 हजार फुट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और दुश्मन देश जासूसी के लिए इसका खूब इस्तेमाल करते हैं। मुंबई पर हमला करने आए आतंकवादियों ने रास्ता खोजने के लिए एक बाज़ की मदद ली थी। राजस्थान पुलिस ने बीएसएफ की मदद से एक बाज़ को पकड़ा था, जिसके पंखों पर ट्रांसमिटर लगाथा।
सूत्र बताते हैं कि यह एक ट्रेन्ड बाज़था। इस तरह के बाज़ की कीमत लाखों रुपये तक हो सकती है। ये बाज़ सऊदी अरब के शाही परिवारों के पास पाए जाते हैं। बताया जाता है कि इन शाही परिवारों के कुछ लोग आजकल पाकिस्तान में पक्षियों के शिकार पर आए हुए हैं। ये शिकारी साइबेरियन क्रेन जैसे दुर्लभ पक्षियों के शिकार के लिए इन ट्रेन्ड बाज़ों का इस्तेमाल करते हैं।
जब इस बाज़ को इलाके में देखा गया तो यही समझा गया कि दहशत फैलाने के लिए बॉर्डर के उस पार से किसी ने कैमरा वगैरह लगाकर इस बाज़ को छोड़ दिया है। लेकिन जब इसे पकड़ा गया और ध्यान से देखा गया तो पता चला कि इस बाज़ के पंखों में बैटरी से चलने वाला एक ट्रांसमिटर और एक ऐंटीना भी लगा था।
नवल के आईएएस बनने पर रैगर समाज में खुशी
नवल के आईएएस बनने पर रैगर समाज में खुशी
मारवाड़ के प्रथम रैंगर आईएएस हैं नवल
बाड़मेर 1 जनवरी। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर आरएएस बी एल नवल को पदोन्नति कर आईएएस बनाने पर रैंगर समाज मे खुशी की लहर छा गई हैं। अखिल भारतीय रैगर महासभा युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश जाटोल ने बताया कि पूरे मारवाड़ में नवल प्रथम रैगर समाज के आईएएस बने हैं। उनकी पदोन्नति होने पर रैगर समाज में खुशी की लहर छा गई हैं। नवल बाड़मेर में अतिरिक्त जिला कलेक्टर और अतिरिक्त मुख्य कार्य करी अधिकारी के पद पर अपनी सेवाए दे चुके हें .
इस दौरान जटिया समाज के अध्यक्ष मोहनलाल गोसाईवाल, अनुसूचित जाति कांग्रेस के प्रदेश सचिव छगनलाल जाटव, पूर्व पार्षद बस्तीराम बांकोलिया, जलदाय विभाग बाड़मेर के अधिशाषी अधिकारी बी एल जाटोल, अखिल भारतीय रैगर महासभा युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश जाटोल, जटिया समाज के महामंत्री भेरूसिंह फुलवारिया, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष मोहन कुर्डिया अखिल भारतीय रैगर महासभा युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष ईश्वरचंद नवल, पूर्व जटिया समाज अध्यक्ष विरमचंद मौर्या, धोरीमन्ना ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दिनेश कुलदीप, मजूदर नेता लक्ष्मण वडेरा, चंदन जाटोल, पदम गोसाई, श्यामलाल सुवांसिया, समाज सेवी नाथूलाल चौहान, प्रेम आनंद फुलवारिया, ओम गोसाई, पार्षद रमेश मोसलपुरिया, लक्ष्मण कुर्डिया, गोविन्द जाटोलिया, रमेश मौर्या सहित रैगर समाज के सैकड़ो लोगो ने खुशी जाहिर की।
इस दौरान जटिया समाज के अध्यक्ष मोहनलाल गोसाईवाल, अनुसूचित जाति कांग्रेस के प्रदेश सचिव छगनलाल जाटव, पूर्व पार्षद बस्तीराम बांकोलिया, जलदाय विभाग बाड़मेर के अधिशाषी अधिकारी बी एल जाटोल, अखिल भारतीय रैगर महासभा युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश जाटोल, जटिया समाज के महामंत्री भेरूसिंह फुलवारिया, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष मोहन कुर्डिया अखिल भारतीय रैगर महासभा युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष ईश्वरचंद नवल, पूर्व जटिया समाज अध्यक्ष विरमचंद मौर्या, धोरीमन्ना ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दिनेश कुलदीप, मजूदर नेता लक्ष्मण वडेरा, चंदन जाटोल, पदम गोसाई, श्यामलाल सुवांसिया, समाज सेवी नाथूलाल चौहान, प्रेम आनंद फुलवारिया, ओम गोसाई, पार्षद रमेश मोसलपुरिया, लक्ष्मण कुर्डिया, गोविन्द जाटोलिया, रमेश मौर्या सहित रैगर समाज के सैकड़ो लोगो ने खुशी जाहिर की।
बाड़मेर में जल चेतना की पेश हुई नई नजीर
जमी से आसमान तक जल चेतना की बात
बाड़मेर में जल चेतना की पेश हुई नई नजीर
ख़ास रहे जनजागरण के कई कार्यक्रम बाड़मेर , राजस्थान में सरकार द्वारा राज्य भर में आम जनता में मुलभुत सुविधाओ के विस्तार के लिए जहा आतिशी प्रयाश किये जा रहे है वही आम जनता में सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओ के प्रति आम जनमानस के दिल से जुडाव के लिए भी कई प्रयाश किये जा रहे है .सरकार द्वारा जहा रेतीले इलाके के अंतिम छोर पर स्थित गावो तक पेयजल पहुचाने का आतिशी प्रयाश किये गये हे साथ ही पानी बचने की ख़ास मुहीम को धी धरातल पर उतरा जा रहा है . रेतीले बाड़मेर में जल चेतना की और आम जनता में पानी बचाने की मुहीम की सफलता की नई इबारत लिखी नजर आ रही है . एक तरफ बाड़मेर में बरसो से प्यासी धरती में हिमालय का पानी मुस्कान का नया आधार बन रहा है वही सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग द्वारा बीते डेढ़ साल में जो जो जन चेतना के काम किये गए वह न केवल आम जनता में चेतना की नई बात कहते नजर आ रहे हे वही सीसीडीयू के आई ई सी अनुभाग द्वारा जल जन चेतना के लिए नवाचारो को राज्य स्तर पर सराहा गया है . बाड़मेर की धरा ने जहा बीते डेढ़ साल में सीसीडीयू के माध्यम से कई ख़ास कार्यक्रमों को धरा पर देखा है . इन कार्यक्रमों में जहा प्रशसनिक अधिकारियो की भागीदारी ख़ास नजर आई वही जनता की आवाज कहे जाने वाले जनप्रतिनिधी का साथ देखते ही बनता नजर आया . सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग द्वारा किये गए कार्यो में जहा स्कूली विधार्थियों का अपना ख़ास लक्ष्य बनाये रखा वही ग्रामीण इलाको में आयोजित कई कार्यक्रम आयोजित किये गए . हर ब्लाक पर आयोजित विभिन्न कार्यशालाए भी सीसीडीयू के जल चेतना कार्यक्रमों को सार्थक करती नजर आई . जानकारी के मुताबित पानी की एक-एक बूंद की कीमत को समझना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और इसी बात को आम अवाम तक पहुचाने के लिए सीसीडीयू की टीम ने बाड़मेर के सदूर सरहदी इलाके में बसे लोगो तक अपनी जनजागरण की बात को पहुचाया है . बाड़मेर में सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग में कंसल्टेंट पद पर कार्यरत अशोक सिंह द्वारा अब तक जहा दो दर्जन से अधिक अलग -अलग कार्यक्रमों के माध्यम से बाड़मेर में जल चेतना की जोत जगा राखी है। प्राप्त जानकारी के मुताबित देश के अधिकांश शहरों में अत्यधिक दोहन के कारण भूमिगत जलस्तर तो तेजी से घट ही रहा है, नदी, तालाब, झीलें आदि भी प्रदूषण, लापरवाही व उपेक्षा के शिकार रहे हैं। नदी जल बंटवारे या बांध व नहर से पानी छोड़े जाने को लेकर प्राय: शहरों का अन्य पड़ोसी क्षेत्रों से तनाव बना रहता है। शहरों के भीतर भी जल का असमान वितरण सामान्य है। जहां कुछ इलाकों में बूंद–बूंद पानी के लिए हाहाकार रहता है, वहीं बढ़ती विलासिता और बढ़ते औघोगीकरण में पानी की बेइंतहा बर्बादी भी होती है इन बातो को सरकार आम जनता में समझाना और बताना चाहती है जिसमे बाड़मेर में सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग का काम न केवल काबिल-ए-गोर बल्कि काबिल-ए- तारीफ है . मक्र्शक्रंती पर चेतना पतंगों का वितरण , होली पर हर शपथ एक प्रण , शिवरात्रि पर हर दस्तखत एक शपथ कार्यकर्म , सीसीडीयू के आईईसी पोस्टरों का वितरण , जल दिवश , पर्यावरण सप्ताह का आयोजन , प्रथ्वी दिवश , पति पर्ण भरी पोस्टकार्ड अभियान ,अभियांत्रिकी दिवस आयोजन , नवरात्रा में दीपदान , स्कुल रेली , लोक कलाकारों की रेली , विधाल्यी आयोजन , गाँधी चित्र प्रदशनी , जन चेतना पोस्टर प्रदशनी सहित दो दर्जन से अधिक आयोजन बाड़मेर के सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग द्वारा आयोअजित किये गये . इन आयोजनों में इस बात को प्रमुखता से रखा गया की जल ही जीवन है। वाकई पानी के बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं की जा सकती, लेकिन अफसोस की बात यह है कि जहां एक तरफ करोड़ों लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं, वहीं इतने ही लोग जरूरत से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करके इसे बर्बाद करने पर आमादा हैं। जब हम पानी पैदा नहीं कर सकते तो फिर हमें इसे बर्बाद करने का क्या हक है? पानी की बर्बादी के हजारों बहाने हैं, लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि आज दुनिया पीने के पानी के लिए तरस रही है। ऐसे में आज जरूरत हें हर किसी को पानी के बचाव और पानी के लिए आवाज बुलंद करने की जरूरत आज की जरूरत है .सरकार द्वारा जहा राज्य भर में पानी की गुणवता और आम अवाम में शुद्ध पानी पहुचने के लिए आतिशी प्रयास किये जा रहे हे वही सदूर अंतिम गाव से लेकर शहर की हर गली तक पानी की शुद्धता के लिए सजग रहने के लिए हर किसी को कदम बढ़ने की जरूरत है .इसी सजगता को बढ़ाने के लिए बाड़मेर जिले में अब तक कई जन जागरण के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है और सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग द्वारा किये गये अब तक के आयोजन सही मायने में बाड़मेर के सच्चे प्रयासों को इस धरा पर रखते नजर आते है .
मुनाबाव की सुरक्षा सी सु बल की महिला बटालियन को
गुजरात बीएसएफ को मिली महिला बटालियन की मंज़ूरी
मुनाबाव की सुरक्षा सी सु बल की महिला बटालियन को
बाड़मेर रक्षा मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की गुजरात फ्रंटियर को राजस्थान की भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित मुनाबाव रेलवे स्टेशन की सुरक्षा के लिए महिलाकर्मियों की बटालियन तैनात करने की मंज़ूरी दे दी है.वाघा बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल के तैनातगी पूर्व में हो चुकी हें ,बाड़मेर जिले से गुजरात के कच्छ रण तक फेली अंतर्राष्ट्रीय सरहद की हिफाज़त के लिए एक सौ महिला सैनिको की एक टुकड़ी फिलहाल मुनाबाव में स्थापित की जायेगी जो मुनाबाव सरहद की हिफाज़त में अपना योगदान देगी .सूत्रों ने बताया की मुनाबाव रेलवे स्टेशन सहित सीमा सुरक्षा बल की अग्रीम चौकिय की हिफाज़त की जिम्मेदारी इन्हें सौंपी जायेगी .
महिलाएं आज भले ही हर क्षेत्र में उंची तनख्वाह और उंचे ओहदे पर काम कर रही हैं। लेकिन अभी कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां महिलाओं को ये कह कर मना किया जाता है कि उनके प्रजनन से संसाधन का अपव्यय होगा। जी हां हम आज बात कर रहे हैं, सुखोइ विमान उड़ाने पर वायु सेना के उपाध्यक्ष एयर पी. के. बारबोरा के बयान पर। उन्होंने कहा कि महिलाओं के परिवार बढ़ाने की क्षमता के कारण फाइटर पायलट के प्रि’ाक्षण पर किए जाने वाले समय और खचZ का अपव्यय होगा। आज पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभी देवी सिंह पाटिल ने भी सुखोई में उड़ान भर कर ये साबित करने की कोशिश की है की महिलाये किसी से कम नही हैं..
महिलाओं को बराबर का हक दिलाने की बात करने से कुछ नहीं होगा। महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सेवा को जिम्मेदारी के साथ निभा रही हैं। वायुसेना में भी महिलाएं काम कर रही हैं लेकिन सिफZ प्रजनन के कारण अगर उसे फाइटर पायलट के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता, अगर किसी लड़की में एक फाइटर पायलट बनने के सभी गुण मौजूद हैं तो उसे रूका नहीं जाना चाहिए।
माना कि एक फाइटर पायलट के प्रि’ाक्षण पर लगभग 11 करोड़ रुपये का खचZ आता है। ये आधार बिल्कुल ठीक नहीं है कि बच्चे को जन्म देने के लिए महिलाएं एक साल तक सुखोइZ नहीं उड़ा पाती जिससे समय का अपव्यय होता है। अगर ऐसा है तो महिलाओं को कोइZ काम नहीं करना चाहिए। अंतरिक्ष यात्री, पुलिस सेवा और सेना, ये कुछ ऐसी सेवाएं हैं जहां महिलाओं को काफी ‘ाारीरिक श्रम करना पड़ता है। लेकिन वे अपनी भूमिका का बेहतर तरीके से निभा रही हैं।
भारत में अभी तक सेना में महिलाओं की संख्या और दे’ाों की तुलना में काफी कम है।
महिलाएं हर क्षेत्र में सर्वोच्च पदों पर आसीन हैं, लेकिन सेना जैसे क्षेत्र में उनकी उपस्थिति बहुत कम है। अभी तक सेना में महिलाओं को केवल प्रशासनिक पदों पर नियुक्त किया गया है। उन्हें युद्ध से अलग रखा गया है। हाल ही में सीमा सुरक्षा बल ने महिला बटालियन को भारत-पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया, तो इस बहस ने जोर पकड़ लिया कि क्या महिलाओं को युद्ध क्षेत्र जाने दिया जाना चाहिए?
महिलाओं की युद्ध क्षेत्र से दूरी को उचित बताने वाले लोगों का तर्क है कि प्रकृति के अनुसार महिलाएं युद्ध के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं हैं। उनमें पुरुषों जैसी शारीरिक शक्ति का अभाव है। सबसे पहले महिलाओं को डॉक्टर के पदों पर 1943 और नर्सों के रूप में 1927 में शामिल किया गया। 1992 के बाद शोर्ट सर्विस कमीशन के माध्यम से उन्हें युद्ध से अलग अधिकारी पदों पर नियुक्ति दी गई । इसके बाद महिलाओं के लिए सेना के शिक्षा, कानून, सिगनल, इंजीनियरिंग, तकनीकी और खुफिया विभागों का दरवाजा खुला। भारतीय सेना में अभी 2.44 प्रतिशत, नेवी में 3 प्रतिशत और वायुसेना में 6.7 प्रतिशत महिलाएं कार्यरत हैं। वर्तमान में इंडियन नेवी में 258 महिला अधिकारी हैं। ओम्र्ड फ़ोर्स मेडिकल सर्विस में 752 महिला चिकित्सा अधिकारी हैं। जिसमें 86 महिला दंत चिकित्सा और 2,834 महिला नर्सिंग सेवा में कार्यरत हैं।
अगर विदेशों की बात की जाए तो वहां की सेनाओं में महिलाओं की संख्या काफी अधिक है। अमेरिका में लगभग 2 लाख महिलाएं अमेरिकी सेना में हैं, जो अमेरिकी सेना का 20 प्रतिशत के बराबर है। इनमें से कई महिलाएं इराक में तैनात हैं। इस्राइली सेना में भी महिलाओं की संख्या कम नहीं है। लेकिन उन्हें युद्ध क्षेत्र में नहीं भेजा जाता। बि्रटेन में महिलाओं को 1990 में शामिल किया गया। यहां की सेना की तीनों कमानों में लगभग 2 लाख महिलाएं कार्यरत हैं। कनाडा की सेना में महिलाओं की संख्या 13 प्रतिशत है। इसमें सेना के द्वारा लिए जाने वाले फैसलें में भी महिलाएं अपनी भूमिका निभाती हैं। रूस और आस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी महिलाओं को युद्ध भूमि से दूर रखा गया है। कई इस्लामिक देशों में भी महिलाओं का सेना में प्रवेश वर्जित किया गया है।
इसके पीछे कई कारण गिनाए जाते हैं। महिलाओं को सेना में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसमे मनोवैज्ञानिक और शारीरिक कारण प्रमुख हैं। हालांकि विषम परिस्थितियों में अपने परिवार से दूर रहने वाले पुरूश भी कई बार इन समस्याओं से दो-चार होते हैं लेकिन उनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता। हर बार औरतों को यह एहसास कराया जाता है कि वह स्त्री है इसीलिए वह कोई काम नहीं कर सकती। यही वजह है कि आज महिलाओ ने अपनी काबलियत और अपनी बुद्धमिता साबित कर दी है। जहां तक शारीरिक ताकत की बात है तो बंदूक से गोली चलाने के लिए शारीरिक ताकत से ज्यादा दिल और दिमाग से मजबूत होना ज्यादा जरूरी है। महिलाओं को युद्ध क्षेत्र से दूर रखने को कई लोग तर्क रूप बताते हैं, इनमें ज्यादातर वैसे लोग होते है, जो महिलाओं को आज भी घर की चारदीवारी में रखना चाहते हैं। महिलाओं की शादी को भी सेना की नौकरी के लिए एक रूकावट माना जाता है। लेकिन वैसे तो किसी भी नौकरी में शादी को रूकावट के रूप में ही देखा जाता है।
प्राचीन काल से ही सेना पर पुरुषों का प्रभाव रहा है। झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने अपनी रियासत के लिए अंग्रेजों के खिलाफ तलवार उठा ली थी। हाल ही में भारतीय सेना में भी महिलाओं को सबसे संवेदनशील भारत-पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया गया है। इसे भारतीय सेना में एक अभूतपूर्व कदम माना जा रहा है। यह साबित करता है कि धीरे धीरे ही सही अब सेना में भी उनकी भागीदारी को अहम माना जा रहा है। अगर यह दौर इसी तरह चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं होगा जब भारतीय सेनाओं में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी।
बाड़मेर अज्ञात शव मिलने से सनसनी फेल्ली गांधव में
साल के पहले दिन फिर हत्या का मामला
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले में नए साल के पहले दिन हत्या की किदवंती इस साल जारी रही .आज गुडा मालानी थानाक्षेत्र के गांधव पुलिस चौकी क्षेत्र में अज्ञात व्यक्ति की लाश मिलने से सनसनी फेल गयी .शव के शरीर पर मात्र एक अन्तःवस्त्र मिला .पहली नज़र में हत्या का मामला नज़र आ रहा हें .अज्ञात शव की सूचना मिलने पर गुडा पुलिस दल मौके पर पहुंचा तथा घटना स्थल का मौका मुआयना किया .समाचार लिखे जाने तक शव की शिनाख्त नहीं हो पी थी .
छेड़छाड़ पर करें 7891091111 पर कॉल
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जयपुर। राजस्थान में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और छेड़छाड़ की घटनों पर रोकधाम के लिए "ऑपरेशन गरिमा" फिर से शुरू किया जा रहा है। करीब 8 साल पहले शुरू हुआ यह ऑपरेशन मंगलवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में फिर शुरू होगा। इसके तहत एक टेलीफोन हैल्पलाइन और ईमेल सपोर्ट सिस्टम भी बनाया गया है। इनके जरिए महिलाएं अपने साथ हुई किसी भी दुव्यर्वहार की शिकायत कर सकेंगी।
गौरतलब है कि वनस्थली विद्यापीठ में दुव्यर्वहार का मामला सामने आने के बाद से बंद पड़े ऑपरेशन गरिमा को फिर से शुरू किए जाने की मांग उठ रही थी। महिला आयोग,महिला संगठन,छात्र नेताओं और लड़कियों-वकीलों के साथ मीडिया ने भी इसके लिए आवाज उठाई थी। इसके परिणाम स्वरूप जिला प्रशासन ने अब एडीएम को प्रभारी अधिकारी बनाने के साथ चार अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया है।
मदद चाहिए तो 7891091111 पर कॉल करें
मंगलवार को दोपहर तीन बजे ऑपरेशन गरिमा फिर से शुरू होगा और इसका उद्घाटन जिला कलेक्ट्रेट में होगा। नियंत्रण कक्ष में गरिमा हैल्पलाइन के लिए डेडिकेटेड हैल्पलाइन नम्बर 7891091111 शुरू किया गया है। जहां 24 घंटे फ ोन या एसएमएस कर या "गरिमा.हैल्पलाइन एट जीमेल डॉट कॉम" पर ईमेल कर पीडिताएं शिकायत कर सकती हैं।
8 साल पहले हुई शुरूआत
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने 2004 में ऑपरेशन गरिमा चलाया था। तत्कालीन जिला कलेक्टर सुधांश पंत ने इसे चालू करते हुए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किए थे। स्कू ल और कॉलेज के बाहर शिकायती बॉक्स रखे थे। जहां पर लड़किया बेहिचक अपनी शिकायत दर्ज करा सकती थी,जिन्हें प्रशासन तत्काल कार्रवाई के लिए थानाधिकारी को सौंपता था। इसकी रपट थानाधिकारी को जिला कलेक्टर को देनी होती थी।
रोजाना रपट तैयार होगी: कलेक्टर
जिला कलेक्टर टी रविकांत ने कहा है कि कामकाजी महिला और छात्राओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए हेल्पलाइन शुरू की है। प्रभावी मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। यहां पर कार्रवाई के बाद प्रतिदिन की रपट तैयार की जाएगी।
सराहनीय पहल: लाडकुमारी
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लाडकुमारी जैन ने कहा है कि हम शिक्षा,गृह,समाज कल्याण विभाग के प्रमुख शासन सचिव सहित पुलिस के अधिकारियों के साथ इसी सप्ताह मीटिंग करेंगे। प्रशासन की यह पहल सराहनीय है।
जयपुर। राजस्थान में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और छेड़छाड़ की घटनों पर रोकधाम के लिए "ऑपरेशन गरिमा" फिर से शुरू किया जा रहा है। करीब 8 साल पहले शुरू हुआ यह ऑपरेशन मंगलवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में फिर शुरू होगा। इसके तहत एक टेलीफोन हैल्पलाइन और ईमेल सपोर्ट सिस्टम भी बनाया गया है। इनके जरिए महिलाएं अपने साथ हुई किसी भी दुव्यर्वहार की शिकायत कर सकेंगी।
गौरतलब है कि वनस्थली विद्यापीठ में दुव्यर्वहार का मामला सामने आने के बाद से बंद पड़े ऑपरेशन गरिमा को फिर से शुरू किए जाने की मांग उठ रही थी। महिला आयोग,महिला संगठन,छात्र नेताओं और लड़कियों-वकीलों के साथ मीडिया ने भी इसके लिए आवाज उठाई थी। इसके परिणाम स्वरूप जिला प्रशासन ने अब एडीएम को प्रभारी अधिकारी बनाने के साथ चार अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया है।
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मंगलवार को दोपहर तीन बजे ऑपरेशन गरिमा फिर से शुरू होगा और इसका उद्घाटन जिला कलेक्ट्रेट में होगा। नियंत्रण कक्ष में गरिमा हैल्पलाइन के लिए डेडिकेटेड हैल्पलाइन नम्बर 7891091111 शुरू किया गया है। जहां 24 घंटे फ ोन या एसएमएस कर या "गरिमा.हैल्पलाइन एट जीमेल डॉट कॉम" पर ईमेल कर पीडिताएं शिकायत कर सकती हैं।
8 साल पहले हुई शुरूआत
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने 2004 में ऑपरेशन गरिमा चलाया था। तत्कालीन जिला कलेक्टर सुधांश पंत ने इसे चालू करते हुए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किए थे। स्कू ल और कॉलेज के बाहर शिकायती बॉक्स रखे थे। जहां पर लड़किया बेहिचक अपनी शिकायत दर्ज करा सकती थी,जिन्हें प्रशासन तत्काल कार्रवाई के लिए थानाधिकारी को सौंपता था। इसकी रपट थानाधिकारी को जिला कलेक्टर को देनी होती थी।
रोजाना रपट तैयार होगी: कलेक्टर
जिला कलेक्टर टी रविकांत ने कहा है कि कामकाजी महिला और छात्राओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए हेल्पलाइन शुरू की है। प्रभावी मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। यहां पर कार्रवाई के बाद प्रतिदिन की रपट तैयार की जाएगी।
सराहनीय पहल: लाडकुमारी
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लाडकुमारी जैन ने कहा है कि हम शिक्षा,गृह,समाज कल्याण विभाग के प्रमुख शासन सचिव सहित पुलिस के अधिकारियों के साथ इसी सप्ताह मीटिंग करेंगे। प्रशासन की यह पहल सराहनीय है।
शव के टुकड़े किए और खा गए मजदूर
शव के टुकड़े किए और खा गए मजदूर
डिब्रूगढ़। असम के तिनसुकिया में चाय बागान के मालिक मृदुल कुमार भट्टाचार्य की हत्या में शामिल एक आरोपी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने बताया कि भट्टाचार्य के बंगले को आग के हवाले करने से पहले उनके शव के टुकड़े-टुकड़े किए गए थे। बाद में पांच आरोपियों ने उन टुकड़ों को खा लिया था।
गौरतलब है कि 24 मजदूरों ने भट्टाचार्य को बंगले को आग के हवाले कर दिया था। उन्होंने भट्टाचार्य और उसकी पत्नी रीटा की हत्या कर दी थी। रविवार को गिरफ्तार किए गए आरोपी संतोष कुमार धान ने पुलिस को बताया कि मांस को खाने के बाद हमलावरों ने उल्टियां कर दी थी।
भट्टाचार्य की पत्नी के सिर पर हमला किया गया था,जिससे उसकी मौत हो गई थी। बाद में हमलावार भट्टाचार्य के स्टोर रूम में गए। स्टोरकीपर से जबरन चाबी ली। स्टोर रूम से पेट्रोल के कैन लिए और बंगले को आग लगा दी। बंगले को आग लगाने से पहले भट्टाचार्य और उनकी पत्नी के शवों को घर में फेंक दिया था।
सोमवार को पुलिस की ओर से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में धान ने ये खुलासे किए। प्रेस कांफ्रेंस में एडिशनल एसपी नुमल महाता और सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर सिलादित्य चेतिया मौजूद थे। धान ने बताया कि वह भट्टाचार्य के तिनसुकिया स्थित चाय बागान में काम करता था। किसी बात को लेकर उसका भट्टाचार्य से विवाद हो गया था।
भट्टाचार्य ने पांच साल पहले उसे चाय बागान से निकाल दिया था। अन्य आरोपी दूसरे चाय बागानों में काम करते थे। तिनसुकिया के डीएसपी पृथीपाल सिंह ने बताया कि यह प्री प्लान मर्डर था। हत्या में शामिल 15 आरोपियों की पहचान कर ली गई है। मुख्य आरोपी गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य दो आरोपी सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार हो गए हैं। अन्य 13 आरोपी फरार हैं। उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
डिब्रूगढ़। असम के तिनसुकिया में चाय बागान के मालिक मृदुल कुमार भट्टाचार्य की हत्या में शामिल एक आरोपी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने बताया कि भट्टाचार्य के बंगले को आग के हवाले करने से पहले उनके शव के टुकड़े-टुकड़े किए गए थे। बाद में पांच आरोपियों ने उन टुकड़ों को खा लिया था।
गौरतलब है कि 24 मजदूरों ने भट्टाचार्य को बंगले को आग के हवाले कर दिया था। उन्होंने भट्टाचार्य और उसकी पत्नी रीटा की हत्या कर दी थी। रविवार को गिरफ्तार किए गए आरोपी संतोष कुमार धान ने पुलिस को बताया कि मांस को खाने के बाद हमलावरों ने उल्टियां कर दी थी।
भट्टाचार्य की पत्नी के सिर पर हमला किया गया था,जिससे उसकी मौत हो गई थी। बाद में हमलावार भट्टाचार्य के स्टोर रूम में गए। स्टोरकीपर से जबरन चाबी ली। स्टोर रूम से पेट्रोल के कैन लिए और बंगले को आग लगा दी। बंगले को आग लगाने से पहले भट्टाचार्य और उनकी पत्नी के शवों को घर में फेंक दिया था।
सोमवार को पुलिस की ओर से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में धान ने ये खुलासे किए। प्रेस कांफ्रेंस में एडिशनल एसपी नुमल महाता और सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर सिलादित्य चेतिया मौजूद थे। धान ने बताया कि वह भट्टाचार्य के तिनसुकिया स्थित चाय बागान में काम करता था। किसी बात को लेकर उसका भट्टाचार्य से विवाद हो गया था।
भट्टाचार्य ने पांच साल पहले उसे चाय बागान से निकाल दिया था। अन्य आरोपी दूसरे चाय बागानों में काम करते थे। तिनसुकिया के डीएसपी पृथीपाल सिंह ने बताया कि यह प्री प्लान मर्डर था। हत्या में शामिल 15 आरोपियों की पहचान कर ली गई है। मुख्य आरोपी गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य दो आरोपी सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार हो गए हैं। अन्य 13 आरोपी फरार हैं। उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पति को शराब लाने भेज,पत्नी से रेप
पति को शराब लाने भेज,पत्नी से रेप
जयपुर/कानोता। कानोता थाना इलाके में बीती देर रात विवाहिता के साथ दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर पीडिता का मेडिकल मुआयना कराया है। आरोपियों की तलाश जारी है। कानोता थाना इलाके के गांव सुमेल निवासी प्रकाश मीणा के घर पर किराए पर एक दंपती रहता है।
यहां पर प्रकाश का साला गांव हरबल निवासी रोहिताश मीणा आता रहता था। बीते दिन रविवार की शाम को रोहिताश अपने जीजा प्रकाश के घर पर आया। यहां उसने अपने भांजे महेन्द्र को पीडिता के पति को शराब लाने के बहाने घर से बाहर भेज दिया। इसके बाद रोहिताश ने विवाहिता से मारपीट कर दुष्कर्म किया। करीब एक घंटे बाद जब पीडिता का पति अपने घर पहुंचा तो उसने रोहिताश को भागते हुए देखा। इसके बाद जब कमरे में जाकर उसने देखा तो पीडिता जख्मी हालत में पड़ी मिली।
फोन पर मिली धमकी
दुष्कर्म की जानकारी होने पर पीडिता के पति ने रोहिताश के घर पर फोन करते हुए घटना बाबत बताया। इस पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दे डाली और मामले में चुप रहने को कहा। इसके बाद पीडिता व उसका पति मकान को छोड़कर जयपुर स्थित अपने एक रिश्तेदार के यहां आ गए।
यहां पीडिता ने अपने आप-बीती रिश्तेदारों की सुनाई तो उन्होंने घटना के संबंध में मामला दर्ज कराने को कहा। इसके बाद बीती देर रात को पीडिता व उसका पति कोनाता थाने पहुंचे को घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने आरोपी युवक गांव हरबल निवासी रोहिताश को पकड़ने का प्रयास भी किया,लेकिन कोई जानकारी नहीं हो सकी।
जयपुर/कानोता। कानोता थाना इलाके में बीती देर रात विवाहिता के साथ दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर पीडिता का मेडिकल मुआयना कराया है। आरोपियों की तलाश जारी है। कानोता थाना इलाके के गांव सुमेल निवासी प्रकाश मीणा के घर पर किराए पर एक दंपती रहता है।
यहां पर प्रकाश का साला गांव हरबल निवासी रोहिताश मीणा आता रहता था। बीते दिन रविवार की शाम को रोहिताश अपने जीजा प्रकाश के घर पर आया। यहां उसने अपने भांजे महेन्द्र को पीडिता के पति को शराब लाने के बहाने घर से बाहर भेज दिया। इसके बाद रोहिताश ने विवाहिता से मारपीट कर दुष्कर्म किया। करीब एक घंटे बाद जब पीडिता का पति अपने घर पहुंचा तो उसने रोहिताश को भागते हुए देखा। इसके बाद जब कमरे में जाकर उसने देखा तो पीडिता जख्मी हालत में पड़ी मिली।
फोन पर मिली धमकी
दुष्कर्म की जानकारी होने पर पीडिता के पति ने रोहिताश के घर पर फोन करते हुए घटना बाबत बताया। इस पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दे डाली और मामले में चुप रहने को कहा। इसके बाद पीडिता व उसका पति मकान को छोड़कर जयपुर स्थित अपने एक रिश्तेदार के यहां आ गए।
यहां पीडिता ने अपने आप-बीती रिश्तेदारों की सुनाई तो उन्होंने घटना के संबंध में मामला दर्ज कराने को कहा। इसके बाद बीती देर रात को पीडिता व उसका पति कोनाता थाने पहुंचे को घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने आरोपी युवक गांव हरबल निवासी रोहिताश को पकड़ने का प्रयास भी किया,लेकिन कोई जानकारी नहीं हो सकी।
दुष्कर्मियों को फांसी देने के खिलाफ हैं खाप पंचायत
हिसार। भारत में अपने तालिबानी तर्ज पर फरमान जारी करने वाली खाप पंचायत ने अब गैंगरेप के दोषियों को फांसी की सजा दिलवाए जाने का विरोध किया है। केंद्र सरकार द्वारा इस घटना के आरोपियों को कोर्ट में फांसी देने की मांग करने पर पंचायत ने नाराजगी जाहिर की है।
हिसार में हुई खाप पंचायत में कहा गया कि सरकार जल्दबाजी में कोई भी ऐसा कानून न बनाए जिसका दुरुपयोग होने की संभावना हो। खाप नेता सूबे सिंह ने यहां के एक गांव में कहा कि अधिकारियों को गैंगरेप के मामले पर जारी जन विरोधों और इसके आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग को देखते हुए भावनाओं में नहीं बहना चाहिए। उनका कहना है कि हमने दहेज विरोधी कानून और एससी-एसटी कानून का दुरुपयोग होते देखा है। ऐसा कोई कानून जो ऐसी कड़ी सजा देता हो, उसका दुरुपयोग होने की भी संभावना ज्यादा है। खाप नेता के बयान की प्रदर्शनकारियों ने आलोचना की और इसे हरियाणा के मामलों में दुष्कर्मियों को बचाने की कोशिश बताया।
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमेंस ऐसोसिएशन की महासचिव जगमती संगवान ने कहा कि हरियाणा में 20 गैंगरेप हुए हैं जिनमें कई लोग शामिल हैं। खाप पंचायतें उन लोगों को बचाने की कोशिश कर रही हैं। इस समर्थन से महिलाओं के प्रति अनादर को और बढ़ावा मिलेगा।
हिलेरी के दिमाग में जमा खून का थक्का, शावेज की भी हालत नाजुक
वॉशिंगटन. अमेरिकी विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन के मस्तिष्क में खून का थक्का जमा होने का पता चला है। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे दिसंबर में अचानक गिर कर बेहोश हो गई थीं। उसके बाद उनकी जांच की गई थी। वे 65 साल की हैं।
शुरू में बताया गया था कि उनके पेट में वायरस था और पानी की कमी के कारण ऐसा हुआ। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ताजा बयान जारी कर कहा है कि क्लिंटन के दाहिने कान के पीछे दिमाग और खोपड़ी के बीच एक नस में खून का थक्का जम गया है। हालांकि उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उम्मीद जताई है कि वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगी। वे कम से कम 48 घंटे न्यूयॉर्क के प्रेसबिटेरियन अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगीं।
अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला हिलेरी क्लिंटन को राष्ट्रपति बराक ओबामा अपने दूसरे कार्यकाल में विदेश मंत्री नहीं रखना चाहते। हिलेरी का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा है। उन्होंने 2008 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेट पार्टी का टिकट हासिल करने की कोशिश की थी। लेकिन ओबामा से हार गई थीं। तब ओबामा ने उन्हें विदेश मंत्री बनाया था। जनवरी में हिलेरी को संसद में बेनगाजी में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर हमले पर साक्ष्य देना है।
शावेज की भी हालत नाजुक
वेनेजुएला के राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज की हालत नाजुक हो गई है। वे कैंसर से जूझ रहे हैं। उपराष्ट्रपति निकोलस
मादुरो ने शावेज से मिलने के बाद एक संदेश में यह जानकारी दी। मादुरो ने बताया कि ऑपरेशन के बाद से शावेज की स्थिति नाजुक है। शावेज का इलाज क्यूबा में चल रहा है। उनका 11 दिसंबर को चौथा ऑपरेशन किया गया था। उसके बाद से उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है और संक्रमण बढ़ रहा है। शावेज 1999 से सत्ता में हैं। गत अक्टूबर में उन्होंने एक और कार्यकाल के लिए चुनाव जीता है।
बम से उड़ाना चाहते थे रामसिंह का घर
बम से उड़ाना चाहते थे रामसिंह का घर
नई दिल्ली। सोमवार शाम दिल्ली के आरके पुरम क्षेत्र के रविदास झुग्गी बस्ती में उस वक्त सनसनी फैल गई,जब तीन युवकों ने सामूहिक गैंग रेप की बहुचर्चित घटना के मुख्य अभियुक्त रामसिंह के घर को बम से उड़ाने की धमकी दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने इनमें से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और उसके पास से दो देसी बम बरामद हुए है। उल्लेखनीय है कि रामसिंह 16 दिसम्बर को चलती बस में हुई गैंग रेप की घटना का मुख्य अभियुक्त है और पूरे देश में अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की मांग के साथ प्रदर्शन जारी है।
दिल्ली पुलिस को सोमवार शाम करीब छह बजे जानकारी मिली कि तीन युवक रामसिंह के घर के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं और उन्होंने घर को बम से उड़ाने की धमकी दी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब पड़ोसियों ने उनसे पूछा कि वे यहां क्या कर रहे हैं,तो उन्होंने जवाब दिया कि वे यहां रामसिंह का घर बम से उड़ाने के लिए आए हैं। इनमें से एक को भीड़ ने पकड़ लिया,जबकि अन्य दो वहां से भागने में कामयाब रहे। पकड़े गए युवक से पूछताछ जारी है।
नई दिल्ली। सोमवार शाम दिल्ली के आरके पुरम क्षेत्र के रविदास झुग्गी बस्ती में उस वक्त सनसनी फैल गई,जब तीन युवकों ने सामूहिक गैंग रेप की बहुचर्चित घटना के मुख्य अभियुक्त रामसिंह के घर को बम से उड़ाने की धमकी दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने इनमें से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और उसके पास से दो देसी बम बरामद हुए है। उल्लेखनीय है कि रामसिंह 16 दिसम्बर को चलती बस में हुई गैंग रेप की घटना का मुख्य अभियुक्त है और पूरे देश में अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की मांग के साथ प्रदर्शन जारी है।
दिल्ली पुलिस को सोमवार शाम करीब छह बजे जानकारी मिली कि तीन युवक रामसिंह के घर के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं और उन्होंने घर को बम से उड़ाने की धमकी दी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब पड़ोसियों ने उनसे पूछा कि वे यहां क्या कर रहे हैं,तो उन्होंने जवाब दिया कि वे यहां रामसिंह का घर बम से उड़ाने के लिए आए हैं। इनमें से एक को भीड़ ने पकड़ लिया,जबकि अन्य दो वहां से भागने में कामयाब रहे। पकड़े गए युवक से पूछताछ जारी है।
"आत्ममुखी बनने का प्रयास करें"
"आत्ममुखी बनने का प्रयास करें"
बाड़मेर। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि आदमी रक्षा का प्रयास करता है। राष्ट्र की रक्षा का भी प्रयास होता है। देश की सीमाओं पर जागरूकता रखी जाती है ताकि राष्ट्र को खतरा उत्पन्न नहीं हो। अपने देश की रक्षा करना अपेक्षित होता है। शरीर को भी सुरक्षित रखने का प्रयास होता है। प्रतिकूलता से शरीर को बचाने का प्रयास होता है। आत्मा की सुरक्षा का भी प्रयास होना चाहिए। आदमी आत्ममुखी बनने का प्रयास करें।
आचार्य ने जैन एकता के मानक विषय पर कहा कि व्यक्ति में विद्वेष्ा का भाव नहीं रहना चाहिए। उसमें पवित्र सौहार्द का भाव रहे। उन्होंने कहा कि जैन पंचाग ऎसा हो जो सर्वमान्य हो। एक पंचाग तय कर दो, उसमें तिथियां आदि समान रहे तो कुछ एकता बन सकती है। इससे सम्वत्सरी मनाने की भिन्नता भी समाप्त हो सकती है। सौहार्द का आधार स्वार्थ होने पर वह कल्याणकारी नहीं हो सकता। सौहार्द के पीछे किसी की कमजोरी को छिपाना नहीं चाहिए। वास्तव में सौहार्द है तो एक-दूसरे की कमजोरियों को बताएं तथा कमजोरी बताने पर सकारात्मक भाव रखें। एक-दूसरे की कमजोरियों की ओर इंगित करके एक-दूसरे के कल्याण में सहभागी बने।
साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि भारत ऎसा देश है जो अपनी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक श्रेष्ठताओं से प्रसिद्घ है। भारत में सभी धर्म के लोग अपनी आस्था के अनुसार आराधना कर सकते हैं। जैन धर्म के अनेकांत के सिद्घांत में भिन्नता में एकता की बात कही गई है। जैन धर्म के भगवान एक है, मंत्र भी एक है।
उन्होंने कहा कि सभी जैन सम्प्रदाय एक दूसरे से सीखने का प्रयास करें। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि एकता में ताकत होती है, सामथ्र्य होता है। आवाज एक होती है तो उसकी ताकत अलग ही होती है। संस्था व समाज में एकता का क्रम बना रहना चाहिए। मुनि रजनीश कुमार ने गीत का संगान किया। इस दौरान आचार्य ने मूलचन्द बोथरा बीकानेर, के पुत्र सुरेन्द्र बोथरा और पुखराज परमारको शासनसेवी सम्बोधन से अलंकृत किया।
विराट व्यक्तित्व के धनी आचार्य महाश्रमण
बालोतरा. आचार्य महाश्रमण विराट व्यक्तित्व के धनी और सिद्ध पुरूष है। साधना से जीवन में तेजस्विता आती है। मुनि मदन कुमार ने सोमवार को ओसवाल भवन जसोल में 2012 के सिद्ध चातुर्मास उपलक्ष्य में आयोजित भाषण माला कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि करूणा व वत्सलता में चुम्बकीय शक्ति होती है।
चौबीसी के संगान से मंगलकारी प्रकपन पैदा होते हैं। मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि पुण्यशाली के पग पग पर निधान होता है। आचार्य महाश्रमण की पुण्यवत्ता प्रबल है। कार्यक्रम संयोजक गौतमचंद सालेचा, महामंत्री शांतिलाल भंसाली, भंवरलाल भंसाली, शंकरलाल ढेलडिया, सुरेन्द्र कुमार सालेचा, गौतमचंद भंसाली, पुष्पादेवी बुरड़ ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन कांतिलाल ढेलडिया ने किया।
बाड़मेर। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि आदमी रक्षा का प्रयास करता है। राष्ट्र की रक्षा का भी प्रयास होता है। देश की सीमाओं पर जागरूकता रखी जाती है ताकि राष्ट्र को खतरा उत्पन्न नहीं हो। अपने देश की रक्षा करना अपेक्षित होता है। शरीर को भी सुरक्षित रखने का प्रयास होता है। प्रतिकूलता से शरीर को बचाने का प्रयास होता है। आत्मा की सुरक्षा का भी प्रयास होना चाहिए। आदमी आत्ममुखी बनने का प्रयास करें।
आचार्य ने जैन एकता के मानक विषय पर कहा कि व्यक्ति में विद्वेष्ा का भाव नहीं रहना चाहिए। उसमें पवित्र सौहार्द का भाव रहे। उन्होंने कहा कि जैन पंचाग ऎसा हो जो सर्वमान्य हो। एक पंचाग तय कर दो, उसमें तिथियां आदि समान रहे तो कुछ एकता बन सकती है। इससे सम्वत्सरी मनाने की भिन्नता भी समाप्त हो सकती है। सौहार्द का आधार स्वार्थ होने पर वह कल्याणकारी नहीं हो सकता। सौहार्द के पीछे किसी की कमजोरी को छिपाना नहीं चाहिए। वास्तव में सौहार्द है तो एक-दूसरे की कमजोरियों को बताएं तथा कमजोरी बताने पर सकारात्मक भाव रखें। एक-दूसरे की कमजोरियों की ओर इंगित करके एक-दूसरे के कल्याण में सहभागी बने।
साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि भारत ऎसा देश है जो अपनी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक श्रेष्ठताओं से प्रसिद्घ है। भारत में सभी धर्म के लोग अपनी आस्था के अनुसार आराधना कर सकते हैं। जैन धर्म के अनेकांत के सिद्घांत में भिन्नता में एकता की बात कही गई है। जैन धर्म के भगवान एक है, मंत्र भी एक है।
उन्होंने कहा कि सभी जैन सम्प्रदाय एक दूसरे से सीखने का प्रयास करें। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि एकता में ताकत होती है, सामथ्र्य होता है। आवाज एक होती है तो उसकी ताकत अलग ही होती है। संस्था व समाज में एकता का क्रम बना रहना चाहिए। मुनि रजनीश कुमार ने गीत का संगान किया। इस दौरान आचार्य ने मूलचन्द बोथरा बीकानेर, के पुत्र सुरेन्द्र बोथरा और पुखराज परमारको शासनसेवी सम्बोधन से अलंकृत किया।
विराट व्यक्तित्व के धनी आचार्य महाश्रमण
बालोतरा. आचार्य महाश्रमण विराट व्यक्तित्व के धनी और सिद्ध पुरूष है। साधना से जीवन में तेजस्विता आती है। मुनि मदन कुमार ने सोमवार को ओसवाल भवन जसोल में 2012 के सिद्ध चातुर्मास उपलक्ष्य में आयोजित भाषण माला कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि करूणा व वत्सलता में चुम्बकीय शक्ति होती है।
चौबीसी के संगान से मंगलकारी प्रकपन पैदा होते हैं। मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि पुण्यशाली के पग पग पर निधान होता है। आचार्य महाश्रमण की पुण्यवत्ता प्रबल है। कार्यक्रम संयोजक गौतमचंद सालेचा, महामंत्री शांतिलाल भंसाली, भंवरलाल भंसाली, शंकरलाल ढेलडिया, सुरेन्द्र कुमार सालेचा, गौतमचंद भंसाली, पुष्पादेवी बुरड़ ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन कांतिलाल ढेलडिया ने किया।
सड़क हादसे में चार जिंदा जले
सड़क हादसे में चार जिंदा जले
हलैना (भरतपुर)। यहां खेड़ली मोड़ से पथैना मार्ग पर सोमवार रात करीब 10:30 बजे ट्रैक्टर-ट्रॉली और कार की भिड़ंत हो गई। इससे कार में लगी आग से चार जने जिंदा जल गए।
मृतकों में चेतन शर्मा,भागचंद अग्रवाल और उसका पुत्र नत्थी खेड़ली के हैं, वहीं घनश्याम ठाकुर खेड़ली रेल का है। एसपी अंशुमन भौमिया ने बताया कि यह दुर्घटना भुसावर थाना क्षेत्र में गांव हिंगौटा से करीब एक किमी दूर हुई। दुर्घटना के दौरान कार ने तुरंत आग पकड़ ली। आग इस कदर थी कि गाड़ी में मृतकों की हडि्डयां शेष बची।
हलैना (भरतपुर)। यहां खेड़ली मोड़ से पथैना मार्ग पर सोमवार रात करीब 10:30 बजे ट्रैक्टर-ट्रॉली और कार की भिड़ंत हो गई। इससे कार में लगी आग से चार जने जिंदा जल गए।
मृतकों में चेतन शर्मा,भागचंद अग्रवाल और उसका पुत्र नत्थी खेड़ली के हैं, वहीं घनश्याम ठाकुर खेड़ली रेल का है। एसपी अंशुमन भौमिया ने बताया कि यह दुर्घटना भुसावर थाना क्षेत्र में गांव हिंगौटा से करीब एक किमी दूर हुई। दुर्घटना के दौरान कार ने तुरंत आग पकड़ ली। आग इस कदर थी कि गाड़ी में मृतकों की हडि्डयां शेष बची।
48 आरएएस प्रमोट,बन गए आईएएस
48 आरएएस प्रमोट,बन गए आईएएस
जयपुर। राज्य के 48 आरएएस के लिए वर्ष 2012 जाते-जाते बहुत बड़ी खुशी दे गया। इनको आईएएस पदोन्नत कर दिया गया है। पिछले 17 साल से किसी भी आरएएस अधिकारी को आईएएस के रूप में पदोन्नति नहीं मिल पाई थी। 1995 के बाद से प्रक्रिया रूकी थी। 48 अधिकारियों के पदोन्नत होने से राज्य में आईएएस की कमी दूर होगी। कई जिलों में कलक्टर, विभागाध्यक्ष, निदेशक जैसे पदों पर आरएएस को लगाया गया था।
अंतिम दिन मिली खुशी
आरएएस से 1999 में आईएएस बने आर. के. जैन को कन्फर्मेशन 13 वर्ष बाद सोमवार को मिली। दरअसल 1999 के बाद आईएएस चयन बोर्ड की बैठक ही नहीं हो पाई। इस दौरान जैन आईएएस के रूप में काम करते रहे। जैन सोमवार को ही रिटायर हुए। आरएएस हेमन्त शेष और जी. एल. गुप्ता सोमवार शाम छह बजे रिटायर होने से पहले आईएएस बने।
ये हुए पदोन्नत
रमेश जैन, राम खिलाड़ी मीणा, श्रीराम मीणा, लालचंद असवाल, ए.के.भण्डारी, प्रमिला सुराणा, हंसा सिंह देव, हेमन्त शेष, गिरधारी लाल गुप्ता, सुनील धारीवाल, धर्मेन्द्र भटनागर, हनुमान भाटी, महावीर प्रसाद स्वामी, राजेश यादव, ए.के. सांवरिया, डी.आर.मीणा, अजय सिंह, एम.एस.काला, मांगी लाल खींची, श्रीराम चौरडिया, सुवा लाल, हनुमान मीणा, रघुवीर मीणा, बी.एल.नवल, नारायण लाल मीणा, वेद प्रकाश, सुमति लाल बोहरा, मूलचंद मीणा, अनिल चपलोत, विनोद अजमेरा, हनुमंत सिंह भाटी, निवेदिता मेहरू, श्रवण साहनी, बसंत कुमार दोषी, ओम प्रकाश यादव, ललित कुमार गुप्ता, मधुसूदन शर्मा, रतन लाल, एस.एस.पंवार, जे.सी.देसाई, रामनिवास, बी.एल.जाटावत, पी.आर.पंडत, एस.पी.बसवाल, के.सी.वर्मा, एस.एस.सोहता, विक्रम सिंह चौहान व रेखा गुप्ता।
हम मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के प्रयासों के प्रति बेहद आभारी हैं। आरएएस काडर की वर्षो से चली आ रही आस आज पूरी हो गई।ज्ञानाराम, अध्यक्ष-आरएएस परिषद
21 आईएएस पदोन्नत
राज्य सरकार ने 21 आईएएस, 29 आईपीएस व 18 आईएफएस अधिकारियों को पदोन्नत किया है। इस बारे में कार्मिक विभाग ने सोमवार को आदेश जारी किए।
80 सहायक लोक अभियोजक पदोन्नत
प्रदेश के सहायक लोक अभियोजक (द्वितीय) स्तर के 80 अधिकारी सहायक लोक अभियोजक (प्रथम) के पदों पर पदोन्नत किए गए हैं। राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य ब्रह्मदत्त गुर्जर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई डीपीसी की बैठक में इसका फैसला किया गया।
आईएएस
प्रमुख शासन सचिव स्तर से अतिरिक्त मुख्य सचिव : प्रमुख सचिव राजभवन ए. मुखोपाध्याय, प्रमुख नगरीय विकास सचिव जी. एस. संधु, प्रमुख सामान्य प्रशासन सचिव चन्द्रमोहन मीणा, प्रमुख उद्योग सचिव सुनील अरोड़ा, प्रमुख संस्कृत शिक्षा सचिव अशोक शेखर और प्रशासक राज्य कृषि विपणन बोर्ड तपेन्द्र कुमार। ये विभागों में ही अतिरिक्त मुख्य सचिव पद पर रहेंगे। केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर चल रहे श्याम एस. अग्रवाल को भी परफोर्मा बेसिस पर इसी ग्रेड में पदोन्नत किया गया है।
सुपर टाइम स्केल से अबॉव सुपर टाइम स्केल : सुबोध कुमार अग्रवाल, पवन कुमार अग्रवाल और मंजीत सिंह। सलेक्शन स्केल से सुपर टाइम स्केल में नवीन महाजन, हेमन्त कुमार गेरा व गायत्री ए. राठौड़, केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर तैनात रोहित कुमार, मंजू राजपाल और देवाशीष पृष्टी को परफोर्मा बेसिस पर पदोन्नति। रवि जैन, अम्बरीश कुमार, रवि कुमार सुरपुर और समित शर्मा को जूनियर एडमिनिस्ट्रेशन ग्रेड (जाग) में और कुमार पाल गौतम को जूनियर स्केल से सीनियर में पदोन्नत किया गया है।
आईपीएस
पुलिस महानिरीक्षक से अतिरिक्त महानिदेशक: जयपुर के पुलिस कमिश्नर बी.एल. सोनी और उत्कल रंजन साहू। केन्द्र में तैनात पंकज कुमार सिंह परफोर्मा बेसिस पर पदोन्नत हुए हैं।
उपमहानिरीक्षक से महानिरीक्षक: बीजू जॉर्ज जॉसफ, स्मिता श्रीवास्तव और जनार्दन शर्मा। केन्द्र में तैनात प्रशाखा माथुर और सुश्मित बिश्वास के अलावा सत्यप्रिया सिंह, भूपेन्द्र साहू, रूपिन्दर सिंह व बी. एल. मीणा को भी इसी श्रंखला में परफोर्मा बेसिस पर पदोन्नति।
सीनियर स्केल में: लता मनोज कुमार व उमेश चंद्र दत्ता।
जूनियर से सीनियर स्केल में: श्वेता धनखड़, प्रीति जैन, योगेश यादव, पंकज कुमार चौधरी और कुंवर राष्ट्रदीप। ये वर्तमान पद पर रहेंगे।
जूनियर एडमिनिस्ट्रेशन ग्रेड (जाग) में गौरव श्रीवास्तव, शरत कविराज, सी. संतोष कुमार तुकाराम, एस. परिमाला, ओमप्रकाश, के. बी. वन्दना, विकास कुमार, दीपक कुमार, राजेश मीणा और सवाई सिंह चौधरी को पदोन्नत किया गया है।
आईएफएस
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक से प्रधान मुख्य वन संरक्षक की वेतन श्ृंखला में ए. सी. चौबे।
मुख्य वन संरक्षक से अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक: डॉ. सुरेश चंद्र, जी. वी. रेड्डी व के. सी. सकरवाल।
उप वन संरक्षक से वन संरक्षक: टी. सी. वर्मा, वी. एस. बोहरा और अजय गुप्ता।
जूनियर से सीनियर स्केल: मोहित कुमार निगम, हरिणी वी., सुनील कुमार, टी. मोहन राज, शशि शंकर व बालाजी करी। केन्द्र में तैनात बी. प्रवीण और टी. जे. कविता को परफोर्मा बेसिस पर पदोन्नत किया गया है।
जूनियर एडमिनिस्ट्रेशन ग्रेड (जाग) में शैलजा देवल, पी. कैथरविल और एस. आर. वेंकटेश्वर मूर्ति पदोन्नत।
परफोर्मा बेसिस पदोन्नति
इसे ऎसे समझा जा सकता है कि किसी बैच के अधिकारियों को पदोन्नत किया गया है, तो उसी बैच के केन्द्र में प्रतिनियुक्त अन्य अधिकारी को भी राज्य सरकार पदोन्नत करती है। केन्द्र सरकार भले ही उसे पदोन्नति दे या नहीं।
जूनियर एडमिनिस्ट्रेशन
यह एक तरह से इन्क्रीमेन्ट की तरह है। इसमें पद नहीं बदलता, लेकिन ग्रेड बदलती है।
जयपुर। राज्य के 48 आरएएस के लिए वर्ष 2012 जाते-जाते बहुत बड़ी खुशी दे गया। इनको आईएएस पदोन्नत कर दिया गया है। पिछले 17 साल से किसी भी आरएएस अधिकारी को आईएएस के रूप में पदोन्नति नहीं मिल पाई थी। 1995 के बाद से प्रक्रिया रूकी थी। 48 अधिकारियों के पदोन्नत होने से राज्य में आईएएस की कमी दूर होगी। कई जिलों में कलक्टर, विभागाध्यक्ष, निदेशक जैसे पदों पर आरएएस को लगाया गया था।
अंतिम दिन मिली खुशी
आरएएस से 1999 में आईएएस बने आर. के. जैन को कन्फर्मेशन 13 वर्ष बाद सोमवार को मिली। दरअसल 1999 के बाद आईएएस चयन बोर्ड की बैठक ही नहीं हो पाई। इस दौरान जैन आईएएस के रूप में काम करते रहे। जैन सोमवार को ही रिटायर हुए। आरएएस हेमन्त शेष और जी. एल. गुप्ता सोमवार शाम छह बजे रिटायर होने से पहले आईएएस बने।
ये हुए पदोन्नत
रमेश जैन, राम खिलाड़ी मीणा, श्रीराम मीणा, लालचंद असवाल, ए.के.भण्डारी, प्रमिला सुराणा, हंसा सिंह देव, हेमन्त शेष, गिरधारी लाल गुप्ता, सुनील धारीवाल, धर्मेन्द्र भटनागर, हनुमान भाटी, महावीर प्रसाद स्वामी, राजेश यादव, ए.के. सांवरिया, डी.आर.मीणा, अजय सिंह, एम.एस.काला, मांगी लाल खींची, श्रीराम चौरडिया, सुवा लाल, हनुमान मीणा, रघुवीर मीणा, बी.एल.नवल, नारायण लाल मीणा, वेद प्रकाश, सुमति लाल बोहरा, मूलचंद मीणा, अनिल चपलोत, विनोद अजमेरा, हनुमंत सिंह भाटी, निवेदिता मेहरू, श्रवण साहनी, बसंत कुमार दोषी, ओम प्रकाश यादव, ललित कुमार गुप्ता, मधुसूदन शर्मा, रतन लाल, एस.एस.पंवार, जे.सी.देसाई, रामनिवास, बी.एल.जाटावत, पी.आर.पंडत, एस.पी.बसवाल, के.सी.वर्मा, एस.एस.सोहता, विक्रम सिंह चौहान व रेखा गुप्ता।
हम मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के प्रयासों के प्रति बेहद आभारी हैं। आरएएस काडर की वर्षो से चली आ रही आस आज पूरी हो गई।ज्ञानाराम, अध्यक्ष-आरएएस परिषद
21 आईएएस पदोन्नत
राज्य सरकार ने 21 आईएएस, 29 आईपीएस व 18 आईएफएस अधिकारियों को पदोन्नत किया है। इस बारे में कार्मिक विभाग ने सोमवार को आदेश जारी किए।
80 सहायक लोक अभियोजक पदोन्नत
प्रदेश के सहायक लोक अभियोजक (द्वितीय) स्तर के 80 अधिकारी सहायक लोक अभियोजक (प्रथम) के पदों पर पदोन्नत किए गए हैं। राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य ब्रह्मदत्त गुर्जर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई डीपीसी की बैठक में इसका फैसला किया गया।
आईएएस
प्रमुख शासन सचिव स्तर से अतिरिक्त मुख्य सचिव : प्रमुख सचिव राजभवन ए. मुखोपाध्याय, प्रमुख नगरीय विकास सचिव जी. एस. संधु, प्रमुख सामान्य प्रशासन सचिव चन्द्रमोहन मीणा, प्रमुख उद्योग सचिव सुनील अरोड़ा, प्रमुख संस्कृत शिक्षा सचिव अशोक शेखर और प्रशासक राज्य कृषि विपणन बोर्ड तपेन्द्र कुमार। ये विभागों में ही अतिरिक्त मुख्य सचिव पद पर रहेंगे। केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर चल रहे श्याम एस. अग्रवाल को भी परफोर्मा बेसिस पर इसी ग्रेड में पदोन्नत किया गया है।
सुपर टाइम स्केल से अबॉव सुपर टाइम स्केल : सुबोध कुमार अग्रवाल, पवन कुमार अग्रवाल और मंजीत सिंह। सलेक्शन स्केल से सुपर टाइम स्केल में नवीन महाजन, हेमन्त कुमार गेरा व गायत्री ए. राठौड़, केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर तैनात रोहित कुमार, मंजू राजपाल और देवाशीष पृष्टी को परफोर्मा बेसिस पर पदोन्नति। रवि जैन, अम्बरीश कुमार, रवि कुमार सुरपुर और समित शर्मा को जूनियर एडमिनिस्ट्रेशन ग्रेड (जाग) में और कुमार पाल गौतम को जूनियर स्केल से सीनियर में पदोन्नत किया गया है।
आईपीएस
पुलिस महानिरीक्षक से अतिरिक्त महानिदेशक: जयपुर के पुलिस कमिश्नर बी.एल. सोनी और उत्कल रंजन साहू। केन्द्र में तैनात पंकज कुमार सिंह परफोर्मा बेसिस पर पदोन्नत हुए हैं।
उपमहानिरीक्षक से महानिरीक्षक: बीजू जॉर्ज जॉसफ, स्मिता श्रीवास्तव और जनार्दन शर्मा। केन्द्र में तैनात प्रशाखा माथुर और सुश्मित बिश्वास के अलावा सत्यप्रिया सिंह, भूपेन्द्र साहू, रूपिन्दर सिंह व बी. एल. मीणा को भी इसी श्रंखला में परफोर्मा बेसिस पर पदोन्नति।
सीनियर स्केल में: लता मनोज कुमार व उमेश चंद्र दत्ता।
जूनियर से सीनियर स्केल में: श्वेता धनखड़, प्रीति जैन, योगेश यादव, पंकज कुमार चौधरी और कुंवर राष्ट्रदीप। ये वर्तमान पद पर रहेंगे।
जूनियर एडमिनिस्ट्रेशन ग्रेड (जाग) में गौरव श्रीवास्तव, शरत कविराज, सी. संतोष कुमार तुकाराम, एस. परिमाला, ओमप्रकाश, के. बी. वन्दना, विकास कुमार, दीपक कुमार, राजेश मीणा और सवाई सिंह चौधरी को पदोन्नत किया गया है।
आईएफएस
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक से प्रधान मुख्य वन संरक्षक की वेतन श्ृंखला में ए. सी. चौबे।
मुख्य वन संरक्षक से अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक: डॉ. सुरेश चंद्र, जी. वी. रेड्डी व के. सी. सकरवाल।
उप वन संरक्षक से वन संरक्षक: टी. सी. वर्मा, वी. एस. बोहरा और अजय गुप्ता।
जूनियर से सीनियर स्केल: मोहित कुमार निगम, हरिणी वी., सुनील कुमार, टी. मोहन राज, शशि शंकर व बालाजी करी। केन्द्र में तैनात बी. प्रवीण और टी. जे. कविता को परफोर्मा बेसिस पर पदोन्नत किया गया है।
जूनियर एडमिनिस्ट्रेशन ग्रेड (जाग) में शैलजा देवल, पी. कैथरविल और एस. आर. वेंकटेश्वर मूर्ति पदोन्नत।
परफोर्मा बेसिस पदोन्नति
इसे ऎसे समझा जा सकता है कि किसी बैच के अधिकारियों को पदोन्नत किया गया है, तो उसी बैच के केन्द्र में प्रतिनियुक्त अन्य अधिकारी को भी राज्य सरकार पदोन्नत करती है। केन्द्र सरकार भले ही उसे पदोन्नति दे या नहीं।
जूनियर एडमिनिस्ट्रेशन
यह एक तरह से इन्क्रीमेन्ट की तरह है। इसमें पद नहीं बदलता, लेकिन ग्रेड बदलती है।
सोमवार, 31 दिसंबर 2012
भुला बैठे हैं नव वर्ष का मर्म, शोर-शराबे में खो गया उल्लास
भुला बैठे हैं नव वर्ष का मर्म,
शोर-शराबे में खो गया उल्लास
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पुराने वर्ष को अलविदा कह कर नए वर्ष के स्वागत में पलक-पाँवडे बिछाने का क्रम तब से बना हुुआ है जब से वर्ष का आरंभ हुआ होगा। पुराना वर्ष और नया वर्ष यह नियति का खेल है जो हर साल आता है। देश, काल और परिस्थितियों के अनुसार इन्हें मनाने के रंग-ढंग अलग-अलग हैं।
लेकिन एक बात सभी जगहों के लिए समान रूप से लागू होती है। वह यह है कि संक्रमण की इस वेला को लोग अधीरतापूर्वक लेते हुए अपने आपको हवाले कर देते हैं उस भयंकर शोर-शराबे और क्षणिक आनंद प्राप्ति कराने वाली परिस्थितियों के, जिनसे कभी किसी को न तृप्ति मिल पायी है, न कभी हो पाया है आनंद का सच्चा अहसास।
बल्कि हकीकत यह है कि चरम भोग-विलास की पूर्ति और अतृप्त वासनाओं का यह ओपन थियेटर ही हो जाता है जहाँ से जाने कितने व्यभिचारी मन से नव वर्ष में प्रवेश करते हैं।
नए संकल्पों के लिए मजबूत बुनियाद जरूरी
कहाँ तो लोग बुराइयों, व्यसनों, व्यभिचार व अनाचार तथा जीवन के संत्रासों से परे रहने का संकल्प लेने के लिए नव वर्ष के स्वागत को उत्सुक होते हैं और सब कुछ खा-पीकर या दूसरे रास्तों का सहारा लेकर बीते वर्ष को पुरानी यादों के साथ विदा देते हैं। पर संक्रमण के इन चन्द घण्टों में घटित हरकतों, उन्मुक्त पैशाचिक भोग-विलास, राक्षसी शोरगुल में रमने के बावजूद जब नए वर्ष में प्रवेश करते हैं तब भी इनके तन-मन से भोगे हुए ये आनंद इनसे दूर नहीं हो पाते या यो कहें कि जिन बाताें को हमेशा के लिए छोड़ देने का संकल्प लेकर ये मौज उड़ाते हैं वे सारी बाते नए वर्ष में फिर उसी तरह स्थापित हो जाती हैं।
नए वर्ष के नए संकल्पों की हवा दो-चार दिन में ही निकल जाती है और फिर पूरे साल भर जैसे थे वैसे ही बने रहते हैं और ऎसे ही साल पर साल बीतते जाते हैं व ये लोग वैसे ही लक्षणों से भरे रहते हैं जैसे वषार्ें पहले थे।
कमजोरियाँ त्यागें
एक बात यह अच्छी तरह समझने की आवश्यकता है कि हम जब भी नए परिवेश में प्रवेश करें, कुछ नया ग्रहण करें और पुराने को धीरे-धीरे छोड़ते जाएं। अच्छी बातों व कामों की बजाय बुरी आदतों व उन चीजों तथा व्यवहारों को तिलांजलि देने की आवश्यकता है जिन्हें हमारे व्यक्तित्व की कमजोरी माना जाता है।
इसके साथ ही हर नए अवसर पर जीवन निर्माण के लिए जरूरी अच्छी बातों को जीवन में अपनाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। हर वर्ष हमारे जीवन में अच्छाइयों व उन्नयन का प्रभाव नहीं देखा जाए तो हमारा नव वर्ष मनाना और नव वर्ष के नाम पर धींगामस्ती व उल्लास पाने के नाम पर कान फोडू शोर तथा दूसरे आमिष-निरामिष जतन करना बेमानी हैं।
चित्त की भावभूमि स्वच्छ रखें
हर नया जीवन तभी सफल हो सकता है जब मन धीर-गंभीर, शांत और निर्वात जैसी स्थिति में हो, चित्त पूरी तरह विकारों से मुक्त व शुद्ध-बुद्ध हो। चिन्त की भाव भूमि एकदम खाली होने पर ही उसमें नवीन संकल्पों का बीजारोपण संभव है और ऎसा होने पर ही नव वर्ष में नवीन संकल्पों का पल्लवन-पुष्पन हो सकता है।
जो लोग पुराने वर्ष को विदाई देते समय पुरानी बातों को निकाल फेंक कर नववर्ष में इस प्रकार की भाव भूमि तैयार करने का माद्दा रखते हैं उनका पूरा जीवन संकल्पों का साकार स्वरूप लेकर आदर्श व प्रतिष्ठित जीवन के हरे-भरे-सुनहरे पुष्पों वाले उद्यान महका देता है। असल में ऎसे ही लोगों का नव वर्ष मनाना सार्थक है।
व्यभिचारी मन से नव वर्ष में प्रवेश न करेें
नव वर्ष में प्रवेश की बुनियाद ही दूषित व व्यभिचारी होगी तब न संकल्प जीवित रह पाते हैं न भीतर का उल्लास। जो कुछ दृश्यमान होता है वह किसी महानगर में ऊँचे स्थान से गिरने वाले प्रदूषित और सडांध भरे सीवरेज प्रपात से बनते रहने वाले बुलबुलों और झाग से कम नहीं है जिसमें बहुधा रोशनी का कोई कतरा रंग बिखेरता दिखने लगता है।
भोग-विलास के लिए सुरा-सुंदरी और तमाम वस्तुओं का उपयोग करने वाले लोगों का तन-मन सब कुछ इतना दूषित हो जाता है कि श्रेष्ठ संकल्पों के स्थापित होने के लिए चेतन-अवचेतन में कहीं जगह नहीं मिलती। चेतन तो सुप्त रहता है और शरीर पस्त। ऎसे में नव वर्ष के स्वागत की खुमारी दो-चार दिन में उतर जाती है, फिर जैसे थे वैसे ही।
अतृप्त वासनाओं और भोग-विलास की नींव पर जीवन निर्माण व आदर्श व्यक्तित्व का महल कभी खड़ा नहीं किया जा सकता है। हवाई किले खडे़ करने का आनंद जरूर मिल सकता है।
विलासी स्वभाव त्यागे बगैर सब निरर्थक
दुनिया में अच्छे संकल्प लेना और कुछ कर दिखाने का ज़ज़्बा सभी के बस में नहीं होता। जो लोग शाश्वत आनंद के महास्रोत को जान लेते हैं और विलासी स्वभाव को त्यागने का सामथ्र्य रखते हैं वे ही दुनिया में अपना नाम कमाने का सामथ्र्य रखते हैं।
नए जीवन के लिए नवीन संकल्पों के साथ नव वर्ष में प्रवेश करने के लिए मन और तन को साफ सुथरा व सुविचारों से आलोकित करें तब ही नव वर्ष मनाने का औचित्य है वरना भोग-विलास मात्र के लिए नव वर्ष के स्वागत में जुट कर नए वर्ष की शुचिता को दूषित न करें, इसके लिए वर्ष भर में कोई भी दिन वर्जनीय नहीं है।
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