मंगलवार, 1 जनवरी 2013

बाड़मेर में जल चेतना की पेश हुई नई नजीर

जमी से आसमान तक जल चेतना की बात
बाड़मेर में जल चेतना की पेश हुई नई नजीर
ख़ास रहे जनजागरण के कई कार्यक्रम बाड़मेर , राजस्थान में सरकार द्वारा राज्य भर में आम जनता में मुलभुत सुविधाओ के विस्तार के लिए जहा आतिशी प्रयाश किये जा रहे है वही आम जनता में सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओ के प्रति आम जनमानस के दिल से जुडाव के लिए भी कई प्रयाश किये जा रहे है .सरकार द्वारा जहा रेतीले इलाके के अंतिम छोर पर स्थित गावो तक पेयजल पहुचाने का आतिशी प्रयाश किये गये हे साथ ही पानी बचने की ख़ास मुहीम को धी धरातल पर उतरा जा रहा है . रेतीले बाड़मेर में जल चेतना की और आम जनता में पानी बचाने की मुहीम की सफलता की नई इबारत लिखी नजर आ रही है . एक तरफ बाड़मेर में बरसो से प्यासी धरती में हिमालय का पानी मुस्कान का नया आधार बन रहा है वही सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग द्वारा बीते डेढ़ साल में जो जो जन चेतना के काम किये गए वह न केवल आम जनता में चेतना की नई बात कहते नजर आ रहे हे वही सीसीडीयू के आई ई सी अनुभाग द्वारा जल जन चेतना के लिए नवाचारो को राज्य स्तर पर सराहा गया है . बाड़मेर की धरा ने जहा बीते डेढ़ साल में सीसीडीयू के माध्यम से कई ख़ास कार्यक्रमों को धरा पर देखा है . इन कार्यक्रमों में जहा प्रशसनिक अधिकारियो की भागीदारी ख़ास नजर आई वही जनता की आवाज कहे जाने वाले जनप्रतिनिधी का साथ देखते ही बनता नजर आया . सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग द्वारा किये गए कार्यो में जहा स्कूली विधार्थियों का अपना ख़ास लक्ष्य बनाये रखा वही ग्रामीण इलाको में आयोजित कई कार्यक्रम आयोजित किये गए . हर ब्लाक पर आयोजित विभिन्न कार्यशालाए भी सीसीडीयू के जल चेतना कार्यक्रमों को सार्थक करती नजर आई . जानकारी के मुताबित पानी की एक-एक बूंद की कीमत को समझना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और इसी बात को आम अवाम तक पहुचाने के लिए सीसीडीयू की टीम ने बाड़मेर के सदूर सरहदी इलाके में बसे लोगो तक अपनी जनजागरण की बात को पहुचाया है . बाड़मेर में सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग में कंसल्टेंट पद पर कार्यरत अशोक सिंह द्वारा अब तक जहा दो दर्जन से अधिक अलग -अलग कार्यक्रमों के माध्यम से बाड़मेर में जल चेतना की जोत जगा राखी है। प्राप्त जानकारी के मुताबित देश के अधिकांश शहरों में अत्यधिक दोहन के कारण भूमिगत जलस्तर तो तेजी से घट ही रहा है, नदी, तालाब, झीलें आदि भी प्रदूषण, लापरवाही व उपेक्षा के शिकार रहे हैं। नदी जल बंटवारे या बांध व नहर से पानी छोड़े जाने को लेकर प्राय: शहरों का अन्य पड़ोसी क्षेत्रों से तनाव बना रहता है। शहरों के भीतर भी जल का असमान वितरण सामान्य है। जहां कुछ इलाकों में बूंद–बूंद पानी के लिए हाहाकार रहता है, वहीं बढ़ती विलासिता और बढ़ते औघोगीकरण में पानी की बेइंतहा बर्बादी भी होती है इन बातो को सरकार आम जनता में समझाना और बताना चाहती है जिसमे बाड़मेर में सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग का काम न केवल काबिल-ए-गोर बल्कि काबिल-ए- तारीफ है . मक्र्शक्रंती पर चेतना पतंगों का वितरण , होली पर हर शपथ एक प्रण , शिवरात्रि पर हर दस्तखत एक शपथ कार्यकर्म , सीसीडीयू के आईईसी पोस्टरों का वितरण , जल दिवश , पर्यावरण सप्ताह का आयोजन , प्रथ्वी दिवश , पति पर्ण भरी पोस्टकार्ड अभियान ,अभियांत्रिकी दिवस आयोजन , नवरात्रा में दीपदान , स्कुल रेली , लोक कलाकारों की रेली , विधाल्यी आयोजन , गाँधी चित्र प्रदशनी , जन चेतना पोस्टर प्रदशनी सहित दो दर्जन से अधिक आयोजन बाड़मेर के सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग द्वारा आयोअजित किये गये . इन आयोजनों में इस बात को प्रमुखता से रखा गया की जल ही जीवन है। वाकई पानी के बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं की जा सकती, लेकिन अफसोस की बात यह है कि जहां एक तरफ करोड़ों लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं, वहीं इतने ही लोग जरूरत से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करके इसे बर्बाद करने पर आमादा हैं। जब हम पानी पैदा नहीं कर सकते तो फिर हमें इसे बर्बाद करने का क्या हक है? पानी की बर्बादी के हजारों बहाने हैं, लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि आज दुनिया पीने के पानी के लिए तरस रही है। ऐसे में आज जरूरत हें हर किसी को पानी के बचाव और पानी के लिए आवाज बुलंद करने की जरूरत आज की जरूरत है .सरकार द्वारा जहा राज्य भर में पानी की गुणवता और आम अवाम में शुद्ध पानी पहुचने के लिए आतिशी प्रयास किये जा रहे हे वही सदूर अंतिम गाव से लेकर शहर की हर गली तक पानी की शुद्धता के लिए सजग रहने के लिए हर किसी को कदम बढ़ने की जरूरत है .इसी सजगता को बढ़ाने के लिए बाड़मेर जिले में अब तक कई जन जागरण के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है और सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग द्वारा किये गये अब तक के आयोजन सही मायने में बाड़मेर के सच्चे प्रयासों को इस धरा पर रखते नजर आते है .

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