सोमवार, 24 दिसंबर 2012

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी को भी दिल्ली में लगता है डर

नई दिल्ली।। जब राजा से फकीर तक की आवाज आने लगे कि इस शहर में हमें डर लगता है तब लोग सवाल पूछते हैं कि कानून-व्यवस्था किसके हाथ में है। कुछ ऐसी ही हालत दिल्ली की है। देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली में मुझे भी डर लगता है। शर्मिष्ठा ने कहा, 'मैं कोशिश करती हूं कि देर रात से पहले घर पहुंच जाऊं। रात 9 बजे के बाद धीर-धीरे डर सताने लगता है। मैं जिस इलाके में रहती हूं वहीं से मेरी दोस्त के पर्स छीन लिए गए। जब एक महिला से बेखौफ अपराधी अकेले पाकर पर्स छीन सकते हैं तो कुछ भी करने की हिम्मत रखते होंगे।'Sharmistha-Mukherjee
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, मुझे अच्छा लग रहा है कि दिल्ली के नौजवान महिलाओं की सुरक्षा के लिए सड़क पर निकलकर आवाज बुलंद कर रहे हैं। इस आवाज को बनाए रखने की जरूरत है ताकि आने वाले समय में कोई महिला को बुरी नजर से देखने की हिम्मत न करे। गौरतलब है कि शर्मिष्ठा केवल इसलिए नहीं जानी जाती हैं कि वह राष्ट्रपति की बेटी हैं बल्कि मशहूर कथक डांसर भी हैं।

शर्मिष्ठा ने इस गैंगरेप केस में दोषियों को फांसी पर लटकाने की मांग का जोरदार तरीके समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इन दरिंदो की तुलना हम जानवरों से भी नहीं कर सकते क्योंकि जानवरों में संवेदनशीलता होती है। यदि जानवरों से तुलना करती हूं तो उनकी तौहीन ही होगी। शर्मिष्ठा ने कहा कि जिस तरीके से लड़की के साथ किया गया है वह कत्ल से भी जघन्य अपराध है। यह वाकई 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' मामला है। इसमें फांसी की सजा ही इन दरिंदों को मिलनी चाहिए।दूसरी तरफ देश के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के बेटी नूरिया अंसारी भी बेहद गुस्से में हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं इस शहर में सुरक्षित नहीं हैं। इनकी सुरक्षा हर हाल में होनी चाहिए। नूरिया ने कहा कि इस लड़की साथ जैसा किया गया है उसमें केवल फांसी की सजा ही मिलनी चाहिए। नूरिया ने कहा कि मैं उन नौजवानों के साथ हूं जो इन दरिंदों को फांसी पर लटकाने की मांग कर रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिदे की बेटी परिणिता शिंदे ने कहा कि यदि इन दरिंदों को फांसी देने के लिए कानून इजाजत नहीं देता है तो कानून बदलने की जरूरत है। परिणिता ने कहा कि हमें कानून को वक्त के साथ अपडेट करना चाहिए। परिणिता ने भी फांसी की सजा की मांग का खुले दिल से समर्थन किया है। शर्मिष्ठा, नूरिया और परिणिती ने ये बातें आज तक से कहीं हैं।

'सख्‍त' कानून बनने के बाद भी बीवी से बलात्‍कार की रहेगी 'छूट'!



नई दिल्‍ली। दिल्‍ली गैंगरेप के बाद बलात्‍कारियों को फांसी की मांग पर देश भर में उबाल आया हुआ है। सरकार की ओर से भी कहा जा रहा है कि बलात्‍कार की घटनाओं को लेकर हर संभव सख्‍ती होगी। लेकिन दिल्‍ली में हुई वारदात से ठीक बारह दिन पहले यौन शोषण के खिलाफ संसद में जो बिल पेश किया गया है, उसमें बलात्‍कार के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' का वादा पूरा करने की झलक नहीं दिखाई देती है। बिल में पत्‍नी से जबरन सेक्‍स को रेप नहीं माना गया है। आईपीसी की धारा 375 और 376 बिल के प्रावधानों के मुताबिक केवल 15 साल की उम्र होने पर ही पत्‍नी से उसकी मर्जी के बिना सेक्‍स बलात्‍कार की श्रेणी में आएगा।
'सख्‍त' कानून बनने के बाद भी बीवी से बलात्‍कार की रहेगी 'छूट'!
आईपीसी की धारा 375 और 376 में शादी के बाद सेक्‍स का जिक्र है। इसमें कहा गया है कि अगर पत्‍नी 15 साल से कम उम्र की है तो उसके साथ बिना उसकी मर्जी से शारीरिक संबंध बनाना रेप माना जाएगा। सरकार ने ताजा बिल का जो मसौदा पेश किया है, उसमें इस उम्र सीमा को एक साल बढ़ा भर दिया गया है। मूल रूप से पत्‍नी की मर्जी के बिना सेक्‍स के प्रति उसे सुरक्षा देने का कोई इंतजाम इस बिल में नहीं है। हां, इतना प्रावधान जरूर किया गया है कि अगर 16 साल तक की उम्र में पत्‍नी से कोई बिना उसकी मर्जी से सेक्‍स करता है तो उसे अधिकतम उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। सजा की अधिकतम सीमा फिलहाल दो साल की जेल ही है। प्रस्‍तावित कानून लागू होने पर एक बदलाव यह भी होगा कि कानूनी तौर पर अलग रहते हुए अगर कोई शख्‍स अपनी पत्‍नी से रेप करता है तो उसे अब दो साल के बजाय सात साल तक जेल में बिताना पड़ सकता है।



इस बिल में यौन शोषण के दोषियों के लिए सजा दो साल से बढ़ाकर पांच साल करने और यौन उत्‍पीड़न या छेड़छाड़ पर सजा को एक साल से बढ़ाकर तीन साल करने का भी प्रावधान किया गया है। लेकिन शादी के बाद रेप (पत्‍नी से) के मामले में इक्‍कीसवीं सदी की सोच इस बिल में कहीं नहीं झलकती है। यह तब हो रहा है कि जब दुनिया के सौ से अधिक देशों ने बीवी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने को अपराध माना है।



दिसंबर की शुरुआत में दिल्ली की एक अदालत ने भी साफ कर दिया था कि पत्‍नी के साथ जबरदस्‍ती सेक्‍स करना रेप नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि आईपीसी में वैवाहिक बलात्कार जैसा कोई मामला नहीं होता है। यदि शादी कानूनन सही है तो पत्‍नी से सेक्स (भले ही जबरन किया गया हो) रेप जैसा मामला नहीं है। पत्नी से रेप के आरोप में एक आरोपी को अदालत ने यह दलील देते हुए बरी कर दिया।

बारूद की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे सैन्य विशेषज्ञ

बारूद की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे सैन्य विशेषज्ञ

जैसलमेर। जैसलमेर के ऎतिहासिक सोनार किले के बुर्ज मे चार दिन पहले मिले बारूद की सुध लेने जोधपुर से सेना का रविवार को विशेषज्ञ दल यहां पहुंचा। दल ने बुर्ज मे पांच कुपियो मे मिले 15 क्विंटल बारूद के बारे मे जानकारी हासिल की और वर्षो पुराने बारूद की मौजूदा स्थिति की जानकारी हासिल की।

गौरतलब है कि गत गुरूवार को सोनार दुर्ग मे जैन मंदिर के पीछे बनी मोरी के एक बुर्ज मे भारी मात्रा मे रियासतकालीन बुर्ज मिलने से सनसनी फैल गई थी। उसके बाद से पुलिस ने यह रास्ता बंद कर, बुर्ज के दोनोंओर से आवाजाही बंद करवा दी थी और समूचे क्षेत्र को अपनी निगरानी मे ले रखा था। सैन्य दल के साथ शहर कोतवाल वीरेन्द्रसिंह जोधा भी थे।

करंट की चपेट में आने से कार्मिक की मौत

करंट की चपेट में आने से कार्मिक की मौत

बाटाडू। गिड़ा थाना क्षेत्र के रतेऊ ग्राम पंचायत स्थित 33 केवी जीएसएस पर कार्यरत एक कार्मिक की विद्युत करंट के चपेट में आने से घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। पुलिस ने बताया कि रतेऊ जीएसएस पर कार्यरत कार्मिक प्रहलादराम ने गिड़ा थाने में मामला दर्ज कर बताया कि रामाराम पुत्र हिमथाराम (21) जाट निवासी रतेऊ जो कि रतेऊ जीएसएस पर कार्यरत था। रविवार अलसुबह करीब 4 बजे रतेऊ से कूकणों का तला जाने वाली 11 केवी कृषि लाइन में विद्युत आपूर्ति चालू करते वक्त चपेट में आ गया।

घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी पर जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों बायतु तहसीलदार महावीर जैन, गिड़ा थानाधिकारी धन्नाराम विश्नोई ने घटनास्थल पर जाकर मौका मुआयना किया। मृतक का पोस्टमार्टम करवा कर शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सुपुर्द किया। प्रशासनिक अधिकारियों ने शोक संतप्त परिवारजनों को ढांढस बंधा कर आवश्यक मदद दिलाने का आश्वासन दिया। जानकारी के अनुसार रामाराम आश्रित वर्ग से जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अन्तर्गत रतेऊ जीएसएस पर करीब 3 वर्ष से कार्यरत था।

प्यार करने की सजा: प्रेमी युगल को नंगा कर दी गईं कड़ी यातनाएं!

सराड़ा/सेमारी (उदयपुर).साल 2012 समाप्ति की ओर है।यह साल अपने दामन में कई ऐसी कड़वी यादें दे जा रहा है जिन्हें सोचकर आज भी इंसानियत शर्मसार नज़र आती है।ऐसी ही कड़वी यादों में से एक घटनाक्रम है उदयपुर जिले के सराड़ा गांव में घटी एक ऐसी घटना जिसमें एक प्रेमी जोड़ा जातीय पंचायत के फैसले का शिकार हुआ। जातीय पंचायत के इस फैसले में प्रेमी जोड़े को न केवल कड़ी यातनाएं दी गईं बल्कि सरेआम निर्वस्त्र भी किया गया।
प्यार करने की सजा: प्रेमी युगल को नंगा कर दी गईं कड़ी यातनाएं!

आजादी के बाद अंग्रेजों ने जो संस्कार छोड़े, उनको कांग्रेस ने अपना लिया है



जोधपुर.पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि आजादी के बाद अंग्रेजों ने जो संस्कार छोड़े, उनको कांग्रेस ने अपना लिया है। यही वजह है कि कांग्रेस देश के लोगों को तो भूल रही है और विदेशी लोगों को यहां लाकर पनपाना चाहती है।

अरे ...कांग्रेस के बारे में यह क्या कह रही हैं वसुंधरा!
वसुंधरा ने रविवार को यहां पोलो ग्राउंड में स्वदेशी मेले के उद्घाटन समारोह में ये विचार व्यक्त किए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस यह भूल रही है कि हिंदुस्तान के लोगों के पास वो टेक्नोलॉजी और दिमाग है जो विदेश में नौकरी करते हुए मिनटों में हिसाब निबटा लेते हैं, जबकि विदेश के लोगों को ऐसे काम के लिए कैलकुलेटर और कंप्यूटर का उपयोग करना पड़ता है। कांग्रेस शासन पर प्रहार करते हुए वसुंधरा ने कहा ‘देश हो चाहे राजस्थान, चार साल के शासन में लोगों को तकलीफें ही झेलनी पड़ी हैं। 

ऐसे कैसे आगे बढ़ेगा राजस्थान 
वसुंधरा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ऐसे फैसले लेगी, लोगों के विकास, प्रदेश में उन्नति की बात नहीं करेगी तो कैसे हमारा प्रदेश आगे बढ़ेगा। इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल, स्वागताध्यक्ष पूर्व मंत्री राजेंद्र गहलोत, स्वदेशी मेले के संयोजक पूर्व सांसद जसवंत सिंह विश्नोई ने भी संबोधित किया। संचालन संदीप काबरा व अनिल अग्रवाल ने किया।
वे इस मौके पर एक शेर सुनाते हुए बोलीं, ‘यह नफरत बुरी है न पालो इसे, दिलों में खलिस है निकालो इसे..न तेरा, न मेरा न उसका, ये सबका राजस्थान है, बचा लो इसे..।’ इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल, स्वागताध्यक्ष पूर्व मंत्री राजेंद्र गहलोत, स्वदेशी मेले के संयोजक पूर्व सांसद जसवंत सिंह विश्नोई ने भी संबोधित किया। संचालन संदीप काबरा व अनिल अग्रवाल ने किया।

रविवार, 23 दिसंबर 2012

दीनों के दयाल- दीनदयाल तँवर


दीनों के दयाल- दीनदयाल तँवर

पश्चिमी राजस्थान की यह मरुधरा रत्न उपजने वाली रही है जहाँ सदियों से ऎसे महान् रत्नों की सुदीर्घ श्रृंखला सतत प्रवाहित रही है जिन्होंने हर युग में अपने युगीन कर्मयोग को जीवन में अपनाते हुए आदर्श व्यक्तित्व की गंध से तन-मन व परिवेश को जीवनी शक्ति की अद्भुत गंध से सींचा और लोक मंगल की ऎसी छाप छोड़ गए कि पीढ़ियाँ उन्हें भुला न पाएंगी। जैसलमेर की सरजमी पर जन्म लेने वाले कर्मयोगियों क परम्परा में स्व. दीनदयाल तँवर का नाम श्रृद्धा और आद से लिया जाता है।

हर दिल अजीज शख्सियत तँवर ने अपने लोक सेवी कर्मयोग से समाज, जीवन में अनूठी छाप छोड़ी तथा अपने नाम को सार्थक करते हुए दीनों के प्रति दयालु स्वभाव का ऎसा परिचय दिया कि हर दिल अजीज के रूप में पहचान कायम कर अविस्मरणीय इतिहास का सृजन कर दिया। जैसलमेर में तँवर ( तुँवर ) गोत्रीय संस्कारित परिवार में पिता अचलसिंह के घर माताश्री सोनल कँवर की कोख से 24 दिसम्बर सन् 1933 में जन्म लेने वाले दीनदयाल को मानवीय मूल्यों व लोकोपकारी संस्कार अपने दादा दलसिंह तथा पिता अचलसिंह से प्राप्त हुए। चार बहनों में मूली व नैनी उनसे बड़ी तथा माणका एवं मोहिनी छोटी थी। पूरे परिवार में एकमात्र कुलदीपक दीनदयाल ने अपने ताऊ पूंजाराजसिंह के बेटों बाबूलाल एवं भोपालसिंह को अपना सगा भाई माना और जिन्दगी भर वैसा ही व्यवहार किया। बहुआयामी हुनर ने दी विलक्षणता दीनदयाल ने आरंभिक शिक्षा-दीक्षा जैसलेर में पायी। ज्ञान के क्षेत्र में हर जिज्ञासा को शांत करने की उनमें ऎसी धुन सवार थी कि कड़ी मेहनत की बदौलत थोड़े समय में ही उन्होंने कई विषयों में जबर्दस्त महारत हासिल कर ली। विलक्षण मेधा के धनी दीनदयाल तंवर का पूरा जीवन फर्श से अर्श तक की यात्रा का साक्षी रहा। एक मामूली वाहन चालक से अपने केरियर की शुरूआत कर वे इंजीनियर के पद पर पहुंँचे। आसमाँ के संकेत तक भाँपने में माहिर बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी दीनदयाल ड्राईविंग, मोटर मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन, पाकशास्त्री, भजन गायकी, फाग गायकी, स्वरमाधुर्य की मूर्ति, प्रखर वक्ता, पर्यावरण प्रेमी, सगुन विचार आदि कई विलक्षणताओं से परिपूर्ण थे। खगोलशास्त्र के ज्ञाता इतने कि आसमान में तारामण्डल को देख कर सटीक समय बताने के साथ ही खगोलीय घटनाओं का पूर्वाभास भी कर लेते। कई पदों को किया गौरवान्वित सन् 1956 में जैसलमेर राज परिवार में दरबार साहब के निजी ड्राईवर के रूप में नौकरी की शुरुआत करने के बाद ओ.एन.जी.सी में नौकरी की, पुलिस में कानिस्टेबल/ ड्राईवर रहे, बाड़मेर सार्वजनिक निर्माण विभाग में ड्राईवर व मिस्त्री का काम किया तथा अपनी योग्यता के बूते सुपरवाईजर का दायित्व संभाला और कनिष्ठ अभियंता पद से 31 दिसम्बर 1991 को सेवानिवृत्त हुए। उनकी अधिकतर सेवाएँ बाड़मेर को मिली। वर्ष 1960 से 1985 तक पूरे बाड़मेर जिले में सत्तर फीसदी सड़कों का सर्वे या निर्माण उनकी देखरेख में हुआ। बाड़मेर जिले भर में चिरपरिचित हस्ताक्षर के रूप में उन्होंने खूब ख्याति पायी । मजबूत की वंश समृद्धि की नींव दीनदयाल का दाम्पत्य जीवन आजादी पाने के वर्ष सन् 1947 में शुरु हुआ जब रामप्यारीदेवी से उनका पाणिग्रहण हुआ। उनकी संतानों में तीन पुत्र व दो पुत्रियां (घनश्याम सिंह, चंदा, शांति, कमलसिंह एवं उम्मेदसिंह) हैैं। उम्मेदसिंह तंवर इस समय जैसलमेर नगर विकास न्यास के अध्यक्ष पद को गौरवान्वित कर रहे हैं। दीनदयाल तँवर की धर्मपत्नी श्रीमती रामप्यारी देवी 15 दिसम्बर , 2004 को ही राम को प्यारी हो गई। इसके बाद दीनदयाल ने अपने आपको पूरी तरह संसार की सेवा में समर्पित कर दिया। मुँह बोलते थे उनके काम दीनदयाल तँवर जहाँ कहीं रहे वहाँ पूर्ण मनोयोग एवं ईमानदारी से अपने कामों को अंजाम दिया। यही कारण था कि उनके द्वारा किए हुए काम अपनी गुणवत्ता व उपादेयता का बखान खुद करने लगते। इन कामों ने उन्हें खूब शोहरत भी दी और आत्म संतुष्टि भी। सन् 1967-68 में प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया का अकाल राहत जायजा लेने सेउवा का दौरा हो या कोटड़ा के पास ’दीना नाड़ी’ का निर्माण या फिर आँचलिक विकास का कोई सा काम, हर काम उनकी यश कीर्ति को ऊँचाइयां देता रहा। बमबारी के बीच बनवाई सैन्य सड़क सन् 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान गडरा सेक्टर में भारतीय सेना के नेवीगेटर ( रास्ता दर्शक ) केे रूप में की गई उनकी सेवाओं ने सेना के शीर्ष अधिकारियों की खूब सराहना पायी। राष्ट्रभक्ति का जब्जा रखने वाले दीनदयाल ने सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान जसाई स्थल में भारी बम्बबारी बीच सड़क का निर्माण कार्य करवा कर अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। स्वाभिमान और स्वामीभक्ति की मिसाल स्वाभिमानी ऎसे कि अपनी आन के लिये जैसलमेर रियासत के तत्कालीन राजदरबार की सेवा को देख कर चल दिए। इसी तरह विश्वस्त स्वामी भक्त इतने कि उसी राजदरबार की दो पीढ़ियों तक जब-जब राजकुमारियाँ ब्याही गयी तब तक चँवरी ( विवाह मण्डप ) से जनवासे तथा जनवासे से उनके सुसराल तक पहुँचाने के लिए विशेष रुप से उन्हें बाड़मेर से बुलाया जाता तथा वे नवविवाहित दम्पत्ति के वाहन को ड्राईव करके उसे गंतव्य तक पहुंचाते थे, जबकि राज दरबार में उस समय ड्राईवरों की कोई कमी नहीं थी। पूरे जज्बे के साथ निभाया लोक सेवाओं का फर्ज मानवीय संवेदनाओं एवं नैतिक मूल्यों के साथ लोकसेवा का आदर्श स्थापित करने वाले दीनदयाल ने दृढ़ आत्मविश्वास के साथ हर काम को अंजाम दिया। खलीफे की बावड़ी प्रकरण में उन्होेंने विपदाग्रस्तों की पूर्ण मदद की और पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ओढ़ ली। दीनदयाल हर जरूरतमंद, असहाय व गरीब की सहायता के फर्ज को कभी नहीं भूले बल्कि हर संभव योगदान देकर उदार मानवीय मूल्यों व सहृदयता का परिचय दिया। दूर-दूर तक व्याप्त थी व्यक्तित्व की गंध अदम्य साहस व अपार ऊर्जा इतनी कि एक बार बस दुर्घटना में फंस गए तब अकेले ही बस की पिछली जाली तोड़ कर बाहर निकले। उनके कर्मयोग की झलक दिखाने के लिए वर्षो तक चित्र प्रदर्शनियों मेें उनके सृजन से जुड़े चित्रों का योगदान भी रहा। उनके मित्रों में पूर्व विधायक अब्दुल हादी का नाम प्रमुख है। अपनी पूरी जिंदगी में नवसृजन, सेवा एवं सम्बल की त्रिवेणी बहाने वाले दीनदयाल तंवर ने इसी वर्ष 10 अगस्त ( कृष्ण जन्माष्टमी- रमजान के पाक महीने में जुम्मे के दिन शुक्रवार को संसार से विदा ले ली। युगों तक संचरित होती रहेगी कर्मयोग की प्रेरणा दीनदयाल तंवर आज हमारे मध्य मौजूद नहीं हैं लेकिन मानवीय आदर्शों से भरे उनके लोकसेवी कर्मयोग की गंध नवसृजन के पथिकों के लिए आने वाले कई युगों तक पथ प्रदर्शन करती रहेगी। उनकी 79 वीं जन्म जयंती पर कृतज्ञ मरुधरावासियों की ओर से कोटि-कोटि नमन् एवं भावभीनी श्रृद्धांजलि।

अजमेर में गहलोत को दिखाए काले झंडे

अजमेर में गहलोत को दिखाए काले झंडे

अजमेर। दिल्ली गैंगरेप की घटना के खिलाफ भड़की विरोध की आग धीरे धीरे पूरे राजस्थान में फैलती जा रही है। राजधानी जयपुर समेत प्रदेश कई के जिलों में लोग सड़कों पर उतर आए है। अजमेर में रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रदर्शनकारियों के कडे विरोध का सामना करना पड़ा।

प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी "वी वांट जस्टिस"के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र और छात्राएं सामने थी। मुख्यमंत्री राजीव गांधी विद्या भवन का उद्घाटन करने के लिए अजमेर पहुंचे थे।

जैसे ही प्रदर्शनकारियों को गहलोत के शहर में पहुंचने की खबर मिली वे विरोध प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि मुुख्यमंत्री महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में उनसे बात करे। विरोध प्रदर्शन के चलते मुख्यमंत्री की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

पाकिस्‍तान: आत्‍मघाती हमले में मंत्री सहित 9 लोगों की मौत

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पाकिस्‍तान: आत्‍मघाती हमले में मंत्री सहित 9 लोगों की मौत
Senior Minister Among 9 Killed In Bomb Blast
. पेशावर। पकिस्‍तान के पेशावर शहर में शनिवार को एक मकान के बाहर हुए आतंकी हमले में एक तालिबानी नेता सहित नौ लोगों की मौत हो गई। इस हमले में अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के वरिष्‍ठ नेता एवं मंत्री बशीर अ‍हमद बिलाउर की भी इस हादसे में मौत हो गई। इस हमले की जिम्‍मेदारी प्रतिबंधित तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। प्राप्‍त जानकारी के अनुसार किस्‍सा ख्‍वानी बाजार के समीप भीड़भाड़ वाले धाकी नालबंदी इलाके में शनिवार की शाम 69 वर्षीय बशीर जब एक मकान से निकल रहे थे तब हमलावर ने हमला किया। धमाके में वो बुरी तरह जख्‍मी हो गये और उन्‍हें फौरन अस्‍पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। प्राप्‍त जानकारी के अनुसार इस हमले में बशीर के निजी सचिव हाजी नूर मोहम्मद एवं थाना प्रमुख अब्दुस सत्तार खान की भी मौत हो गयी है। आला अधिकारियों की मानें तो इस हमले में 18 लोग बुरी तरह घायल हुए हैं जिनमें से आधा दर्जन लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान ने पत्रकारों को फोन कर इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने कहा कि बशीर को निशाना बनाया गया क्योंकि वह तालिबान के खिलाफ बोलने वाले सरकारी अधिकारियों में एक थे।

राजस्थानी भाषा के प्रचार प्रसार में विकलांगता आड़े नहीं आएगी


राजस्थानी भाषा के प्रचार प्रसार में विकलांगता आड़े नहीं आएगी 


बाड़मेर राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए जिले में अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति द्वारा चलाये जा रहे अभियान से युवा वर्ग में जुड़ने की होड़ सी लगी हें ,महाबार निवासी राजूराम नई विकलांग हें मगर उसके मन में राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए काम करने की जबरदस्त ललक ,दिखी राजस्थानी भाषा के जन जागरण अभियानों में हिस्सा बनाने वाले इस शख्स की विकलांगता कहीं आड़े नहीं आ रही पुरे जोश और उत्साह के साथ राजस्थानी भाषा के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने पहुँच जाता हें ,इसने बतया की मुझे राजस्थानी भाषा से खास लगाव हें ,में अपनी मायड़ भाषा के लिए काम करना चाहता हूँ ,

राजस्थानी भाषा को मान्यता के राह की बाधाये ख़त्म हो रही हें

नागाणा छात्रावास में राजस्थानी रो हेल्लो जनजागरण अभियान आयोजित

राजस्थानी भाषा को मान्यता के राह की बाधाये ख़त्म हो रही हें

बाड़मेर। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा राजस्थानी मोटियार परिषद के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के उद्देश्य से नागाणा छात्रावास गाँधी नगर में म्हारी जुबान रो तालो खोलो पोस्टकार्ड अभियान के द्वितीय चरण में रविवार को अभियान के तहत संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी के मुख्य आतिथ्य में राजस्थानी भाषा रो हैलो जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राजस्थानी रो हैलो जन जागरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चन्दन सिंह भाटी ने कहा कि राजस्थानी भाषा समृद्व भाषा है जो हमारी संस्कृति और परम्परा का प्रतीक है। उन्होने कहा कि राजस्थान की ओलखाण राजस्थानी से है। हम अपनी मायड़ भाषा को दरकिनार कर अपनी पहचान खोते जा रहे है। उन्होने कहा कि राजस्थान के विकास में राजस्थान की संस्कृति इतिहास और परंपरा का अहम योगदान रहा है। सात समंदर पार से आने वाला पर्यटक राजस्थानी संस्कृति परंपरा और इतिहास को देखने आता है जब हम अपनी पहचान ही खो देंगे तो पर्यटक राजस्थान क्यों आएगा। उन्होने कहा कि घर की संस्कृति परंपरा को बरकरार रखना हमारा दायित्व हैं। हमें अपनी भाषा को मान्यता दिलाने का पुरजोर प्रयास करे। उन्होने कहा कि बाड़मेर जिले से राजस्थानी भाषा को मान्यता देने का जो प्रयास हो रहे है उन्हें राष्ट्रपति तक पहूंचाने की जिम्मेदारी हमारी है। उन्होने कहा कि अपनी घर की बोली हमारी धरोहर है। इस धरोहर को ध्वस्त ना होने दे। । उन्होने कहा कि देश के अन्य प्रांतो की छोटीछोटी बोलियों को संवैधानिक भाषा का दर्जा दिया गया मगर राजस्थानी भाषा आज भी वंचित है जो कष्टदायी है। इस अवसर पर छात्र परिषद् के जिला संयोजक भोम सिंह बलाई ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलने तक आंदोलन तथा अभियान जारी रहेगा। उन्होने कहा कि पूरे जिले में समिति का नेटवर्क बन गया है। जनता का सीधा जुड़ाव अभियान से होना साबित करता है कि राजस्थानीयों के मन में मायड़ भाषा की हुक उठ चुकी है जो संसद तक जाएगी। इस अवसर पर राजस्थानी मोटियार परिषद के नगर अध्यक्ष रमेश सिंह इन्दा ने कहा कि मायड़ भाषा का सम्मान है। जिसका हमे दिल से सम्मान करना होगा।इन्दा ने कहा की ऍन सी आर टी ने भी राजस्थानी भाषा को मायड़ भाषा का दर्ज दे दिया हें . इस अवसर पर दिग्विजय सिंह चुली ने कहा कि युवाओं का ऐसा दल तैयार हुआ जो निस्वार्थ भावना से अपनी मायड़ भाषा को मान्यता दिलाने का पुरजोर प्रयास कर रहा है। उन्होने कहा कि मायड़ भाषा के प्रति युवाओं में सकारात्मक सोच राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए पर्याप्त है। इस अवसर पर राजस्थानी छात्र परिषद् केअध्यक्ष अशोक सारला ने कहा कि बाड़मेर जिले में जो आवाज राजस्थानी भाषा को मान्यता की जुड़ी है वो पूरे राजस्थान में फैल चुकी है। उन्होने कहा कि हस्ताक्षर अभियान तथा पोस्टकार्ड अभियान में आमजन को भागीदारी ने मान्यता का रास्ता तय कर दिया है।समारोह में सवाई चावड़ा ,अदरीम खान रहूमा ,राजाराम चौधरी ,राजूराम नाइ,दिलीप विश्नोई और अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ,इस अवसर पर शीत कालीन संसद सत्र में राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए प्रधानमंत्री ,सांसद और गृह मंत्री के नाम सेकड़ो पोस्ट कार्ड लिखे गए ,. बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति और मोटियार परिषद् द्वारा राजस्थानी भाषा के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए विद्यार्थियों के लिए राजस्थानी साहित्य स्कूलों में भेंट करने का भी आज आगाज़ किया ,समिति के पदाधिकारियों ने राजस्थानी साहित्य पत्रिका कथेसर की प्रतिया छात्रावास प्रबंधन को भेंट की।

सहकारिता ने सरसब्ज किया मरुधरा के लोकजीवन को किसानों को मिला सम्बल, खुशहाली पाकर हुए अव्वल


सहकारिता ने सरसब्ज किया मरुधरा के लोकजीवन को
किसानों को मिला सम्बलखुशहाली पाकर हुए अव्वल
                                                                - डॉ . दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,
जैसलमेर
        पारस्परिक सहयोगसमन्वय तथा सामूहिक विकास की कल्पनाआें को साकार करने का सशक्त माध्यम बना सहकारी आन्दोलन रेगिस्तान की धरती जैसलमेर जिले में आत्मनिर्भरता और क्षेत्रीय खुशहाली के रंग-बिरंगेसमृद्धि की महक भरे फूल खिला रहा है।
       किसानोंमहिलाओं और आम ग्रामीणों से लेकर जरूरतमंदों के लिए सम्बलन व मदद का पर्याय बना सहकारिता क्षेत्र इस सरहदी जिले में नया जमाना ला रहा है।
       बात सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन की हो या ब्याजमुक्त फसली ऋणी वितरण कीया फिर दूसरी योजनाओं कीराज्य सरकार ने प्रदेश में सहकारी आन्दोलन के सृदृढ़ीकरण व इसे व्यापक लाभदायी बनाने के जो ऎतिहासिक काम किये है उनका पूरा-पूरा लाभ पाने में जैसलमेरवासी भी पीछे नहीं रहे।
       सहकारिता से जुड़ी योजनाओंकार्यक्रमों व अभियानों का ही कमाल है कि सहकारिता ने धोरों की धरती के निवासियों को विकास की नई रोशनी से रूबरू कराया है।
     


      गांव-ढांणियों तक सहकारिता की गूंज
       जैसलमेर जिले में सहकारिता के क्षेत्र में हाल के वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल की गई हैैं। सहकारिता की दृष्टि से नये माहौल का सृजन हुआ है। सहकारिता की बदौलत जिले में आर्थिक एवं सामाजिक विकास को नई गति प्राप्त होने लगी है।
      अल्पकालीन फसली ऋण वितरण
       जिले में वर्ष 2012-13 में 22 हजार किसानाें को 54 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध करवाकर राहत प्रदान की गई। इस प्रकार जैसलमेर केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा गत चार वर्षों में जिले के 1 लाख 2 हजार 999 काश्तकारों को 29437.30 लाख रुपए के अल्पकालीन फसली ऋण प्रदान किये गये जो कि एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
       इन ऋणों के माध्यम से जिले के काश्तकारों की फसलों में तो इजाफा हुआ ही है साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है। जिले में उपनिवेशन क्षेत्र में 24 हजार 787किसानाें को 2788.74 लाख रुपए की ब्याज माफी की छूट का लाभ प्रदान किया गया।
      काश्तकारों को ब्याज अनुदान उपलब्ध
       बैंक द्वारा गत चार वर्षों में जिले के  काश्तकारों को 87.02 लाख रुपये ब्याज अनुदान उपलब्ध करवाया गया है। उक्त ब्याज अनुदान राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप प्राप्त कर किसानों को सीधा लाभ पहुंचाया गया है।
      मिनी बैंकों का सुदृढ़ीकरण
       राजीव गांधी सेवा केन्द्रों पर मिनी बैंक का संचालन करने के लिए 46 केन्द्रों पर राशि रुपये 41.40 लाख का फर्नीचर उपलब्ध कराया है तथा 46 केन्द्रों पर कम्प्यूटर सुविधाओें के लिए  रुपये 27.60 लाख की धनराशि अनुदान हेतु उपलब्ध कराई गई है।
      महिला उत्थान ने पाया सहारा
       महिला सशक्तिकरण एवं उनके आर्थिक उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा रिद्धि-सिद्धि योजना आरम्भ की गईजिसमें महिला सहकारी समितियों को खाद-बीज का उपभोक्ता व्यवसाय करने हेतु राशि रुपये 9 लाख ऋण पेटे एवं राशि रुपये 12 लाख प्रबन्धकीय अनुदान उपलब्ध कराया गया है। राशि रुपये लाख का भुगतान भी महिला सहकारी समिति को कर दिया गया है।
      काश्तकारों को मिली राहत
       संवत् 2066 में फसल खराबा एवं अभावग्रस्त क्षेत्र फसल खराबा के लिए राज्य सरकार द्वारा राशि रुपये 937.43 लाख कृषि आदान अनुदान दिया गया थाजिसमें से 30 हजार444 किसानों को राशि रुपये 926.01 लाख का भुगतान कर दिया गया है व शेष राशि रुपये 11.42 लाख राजकोष में वापिस जमा करा दी गई है।
       संवत् 2069 में रबी फसल का शीत लहर एवं पाला पड़ने से फसलों को हुआ नुकसान के लिए राज्य सरकार द्वारा कुल सदस्यों को राशि रुपये 222.60 लाख कृषि अनुदान उपलब्ध कराया गया जिसमें से 3 हजार 546 सदस्यों को कुल राशि रुपये 213.79 लाख का भुगतान किया गया है।
      आहत को मिली मदद
       इसी प्रकार वर्ष 2008 से 2012 तक जिले में अकाल पड़ने के कारण पिछले चार वर्षों में 59 हजार 084 काश्तकारों को राशि रुपये 7081.08 लाख की क्लेम राशि की सहायता प्रदान की गई है जिसके कारण किसानों को अपने ऋणों की राशि बैंकों को चुकाने में काफी सहायता मिली है।
       किसानों को मिला आधार
       जैसलमेर जिले में पिछले चार वर्ष में प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक लि. की ओर से किसानों को विभिन्न ऋण योजनाओं में लाभान्वित किया गया। जिले में वर्ष 2009-10 में 1 हजार 238 किसानों को 893.75 लाखवर्ष 2010-11 में 1 हजार 534 किसानों को 1231.23 लाखवर्ष 2011-12 में 861 किसानों को 733.99 लाख रुपए तथा वर्ष 2012-13में अब तक 545 किसानों को 429.08 लाख रुपए लघु सिंचाई योजनाएफएमएसअकृषिविविधकृतग्रामीण आवास तथा फसली ऋण प्रदान कर लाभान्वित किया गया।

सोमवार को दिल्ली गेंग रेप के विरोध में बाड़मेर उतरेगा सडको पर

सोमवार को दिल्ली गेंग रेप के विरोध में बाड़मेर उतरेगा सडको पर


सोमवार को काली पट्टी बाँध युवा निकालेंगे मार्च


बाड़मेर दिल्ली में चलती बस में घटी गेंग रेप के विरोध में सोमवार को बाड़मेर सड़कों पर उतरेगा जब बाड़मेर के युवा आरोपियों को म्रत्यु दंड की मांग को लेकर काली पट्टी बाँध शांति मार्च निकालेगा .ग्रुप फॉर पीपुल्स के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ की अहम् बैठक रवीवार को महावीर पार्क में आयोजित की गयी ,बैठक की अध्यक्षता करते हुए संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने कहा कि दिल्ली के घटना जघन्य अपराध हें ,इस तरह के अपराधों के खिलाफ जनता को उतरना पडेगा ,उन्होंने कहा की देश का क़ानून बेहद लचीला हें ,जघन्य अपराध में लिप्त अपराधियों के लिए क्षमा जैसे शब्द नहीं होने चाहिए ,उन्होंने कहा की ऐसे अपराधियों को सीधे म्रत्यु दंड की सज़ा का प्रावधान होना चाहिए .उन्होंने युवा वर्ग से आह्वान किया की इसका विरोध जरुरत हें ,घर की बहन बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चिंत करने के लिए देश में नया क़ानून होना बेहद जरुरी हें ,बैठक को संबोधित करते हुए रमेश सिंह इन्दा ने कहा कि बाड़मेर की जनता को भी देश की अन्य लोगो की तरह सड़को पर उतर कर विरोध दर्ज करना होगा ,दिग्विजय सिंह चुली ने कहा की सोमवार को युवा काली पट्टी बाँध कर अहिंसा चौराहे से शांति मार्च निकालेंगे ,अशोक सारला ने कहा की सभी युवा वर्ग आगे आकर इस घटना का विरोध दर्ज कराये ,बैठक में रहमान जायडू, सवाई चावड़ा ,अदरीम खान रहूमा ,तेजा राम हुड्डा ,जीतेन्द्र फुलवारिया ,भोम सिंह बलाई ,राजाराम चौधरी ,राजूराम नाई ,दिलीप विश्नोई ,सुखराम जैन ,जीतेन्द्र सिंह भाटी सहित कई कार्यकर्ताओ ने भाग लिया .सोमवार को शांति मार्च के दौरान जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जायेहा ,

मुखर हुई जल चेतना की बात ..




मुखर हुई जल चेतना की बात ...
- बालिका मदरसे में आयोजित हुआ कार्यक्रम 
- चेतना पोस्टरों से जानी  चेतना की बात 

                                                                                                बाड़मेर 
" जहां हमारे पूर्वज पानी को सहेजने के लिए तालाब, कुआं, बावड़ी और पोखर आदि बनवाते थे और इन्हें बचाने के लिए अनेक प्रकार की तकनीक अपनाते थे वहीं आज नये-नये मशीनीकरण और औद्योगिकीकरण की वजह से तालाबों पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। नदियों में कारखानों तथा घरों का कचरा डालकर मारा जा रहा है। जहां पानी का खजाना हुआ करता था वहां अब सुखाड़ ही सुखाड़ है। रेतीले राजस्थान  कुछ साल पहले पानी के मामले में धनी हुआ करता था अब यहां पानी के लिए एक-दूसरे से झगड़े पर उतारू है।यह हमारे लिए सबसे दुखद पल है की हम कल के जल्दाताओ से मुह मोड़ रहे है" यह कहना है मोलवी मीर मोहमद का, उन्होंने यह बात सीसीडीयू के आई ई  सी अनुभाग द्वारा रविवार की रोज तिलक नगर बालिका आवासीय मदरसे में आयोजित चेतना प्रदशनी  के मोके पर बालिकाओ को सम्बोधित करते हुए कही . सीसीडीयू के आईईसी कंसलटेंट अशोक सिंह ऩे बताया कि सरकार द्वारा  जहा पानी की गुणवता और आम अवाम में शुद्ध  पानी पहुचने के लिए आतिशी प्रयास किये जा रहे हे वही  सदूर अंतिम गाव से लेकर शहर की हर गली तक पानी की शुद्धता  के लिए सजग रहने के लिए हर किसी को कदम बढ़ने की जरूरत है  .इसी सजगता को बढ़ाने के लिए बाड़मेर जिले में अब तक कई जन जागरण के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है इसी क्रम  में  सी सी डी यू  का आई ई सी अनुभाग एक तरफ जहा शहर की जनता के बीच  नुक्कड़ नाटक , स्कुल रेली , पपेट शो , वाद -विवाद प्रतियोगिता , चित्रकला प्रतियोगिता , मेला आयोजन सरीखे कई आयोजन करने जा रहा है वही  रविवार को चेतना प्रदर्शनी का आयोजन किया गया . जिसमे सी सी दी यू के जयपुर विभाग द्वारा आये चेतना पोस्टरों को बालिकाओ के सामने रखा गया . इस प्रदर्शनी को देखने में बालिकाओ ने जहा  उत्साह दिखाया वही  इन पोस्टरों पर अंकित चित्रों और बातो को इन्हें तफसील से समझाया गया . साथ ही इन बलिको को पानी के अपव्यय को रोकने और हर आधार से जल बचाने की शपथ भी दिलाई गई . इन बलिको ने जहा  सरकार के पानी बचाओ के नारे  को बुलंद करने की हामी भरी वही  इस बात के लिए अपने वल्दिनो से भी समर्थन लेने की बात कही इस मोके पर  आलिम राबिया , राफिया  फरहत , मुमताज जुनेजा , मुमताज खान , मोलाना सरदार अहमद , मोलाना मोहमद उमर ने भी बालिकाओ को पानी बचाओ  के विषय  संबोधित किया .

जीतेन्द्र जांगिड सिवाना मोटियार परिषद् के ब्लोक अध्यक्ष मनोनित

जीतेन्द्र जांगिड सिवाना मोटियार परिषद् के ब्लोक अध्यक्ष मनोनित

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर के संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी के निर्देशानुसार सिवान ब्लोक अध्यक्ष कल्याण सिंह दाखां ने सिवान मोटियार परिषद् के ब्लोक अध्यक्ष पद पर जीतेन्द्र जांगिड को मनोनित किया .रवीवार को सिवान में अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति सिवान ब्लोक की बैठक अध्यक्ष कल्याण सिंह दाखां की अध्यक्षता में आयोजित की गई .बैठक में राजस्थानी भाषा को मान्यता के जिले भर में चलाये जा रहे की कड़ी में सिवान में अभियान शुरू करने पर चर्चा की गई ,दाखां ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता के मार्ग में आने वाली अडचने धीरे धीरे समाप्त हो रही हें ,अब ऍन सी आर टी ने भी राजस्थानी को राजस्थान की मायद भाषा मान राजस्थानी की मान्यता का मार्ग प्रसस्त किया .उन्होंने कहा की सिवाना में राजस्थानी रो हेल्लो जन जागरण अभियान के तहत शीघ्र पोस्टकार्ड अभियान आरम्भ किया जाएगा ,दाख ने अभियान को सिवान में गाती देने के उद्देश्य से जीतेन्द्र जांगिड को मोटियार परिषद् के सिवाना ब्लोक अध्यक्ष पद पर मनोनयन कर उन्हें अभियान की जिम्मेदारी सौंपी .