शनिवार, 3 नवंबर 2012

जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह की 325वीं जयंती मनाई

जयपुर। जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह की 325वीं जयंती पर शनिवार को स्टेच्यू सर्किल पर पुष्पांजली कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के दौरान मंजू शर्मा व संजय रायजादा ने भजनों का गायन किया। जय गणपति वंदन गणनायक, वैष्णवजन जनतो तैने कहिए जो और सत्यम शिवम सुंदरम् आदि भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में महापौर ज्योति खण्डेलवाल,उपमहापौर मनीष पारीक, निगम की सांस्कृतिक समिति की अध्यक्ष दुर्गेश नंदिनी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जगरूप सिंह यादव, आयुक्त मुख्यालय डॉ वीरेन्द्र मीणा, सभी जोनल आयुक्त ने महाराजा सवाई जयसिंह को पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अधिकारी, निगमकर्मी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि महाराज सवाई जय सिंह ने ही जयपुर को बसाया था और उन्हीं के नाम पर जयपुर नाम रखा गया है। वे ज्योतिषविद, कुशल प्रशासक और योद्धा होने के साथ-साथ अंतरिक्ष विज्ञान से बहुत प्रभावित भी थे। उन्होंने ही जंतर-मंतर नाम से वैधशालाओं का निर्माण करवाया।

अब मुलायम सिंह पर बरसे केजरीवाल

अब मुलायम सिंह पर बरसे केजरीवाल

नई दिल्ली। इंडिया अंगेस्ट कार्पोरेशन के सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने इस बार अपना निशाना समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को बनाया है। केजरीवाल माइक्रो ब्लागिंग साइट टि्वटर पर यादव पर जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने यादव द्वारा अमर सिंह के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग केस वापस लेने को शर्मनाक बताया।

केजरीवाल ने टि्वटर पर लिखा, अमर सिंह के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग केस वापस लेना शर्मनाक है। क्या यह न्याय व्यवस्था के लिए अपराधिक नहीं है। हमें इस तरह की आपराधिक व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म करना होगा।

साथ ही लिखा मुलायम सिंह अब सलमान खुर्शीद के खिलाफ केस वापस लेंगे। वे सही समय का इंतजार कर रहे है। अब देश के वर्तमान नेताओं से देशवासियों को कोई उम्मीद नहीं है। इन नेताओं और ऎसी व्यवस्था को जड़ से ही उखाड़ फेंकना होगा। जब से हमने नेताओं की पोल खोलना शुरू की तब से देश भर के लोग हमें सूचनाएं भेज रहे है।

भोपाल में डीआईजी से मिले 15 करोड़

भोपाल में डीआईजी से मिले 15 करोड़

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के जेल मुख्यालय में पदस्थ एक डीआईजी के यहां लोकायुक्त पुलिस छापेमारी में 15 करोड़ रूपए से अधिक की आय से अधिक संपत्ति मिली है। उप महानिरीक्षक (डीआईजी) उमेश गांधी के सरकार और निजी ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस संगठन की यह छापेमारी कार्रवाई शनिवार सुबह हुई। भोपाल के ओल्ड सुभाष नगर स्थित मकान से अभी तक मिले दस्तावेजों और अन्य सामान तथा रिकॉर्ड को खंगालने की कार्रवाई अभी जारी है।

लोकायुक्त पुलिस संगठन भोपाल पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि डीआईजी गांधी के खिलाफ आय से अधिक की संपत्ति की प्रमाण सहित शिकायते मिली थी। इन शिकायतों की जांच के बाद सुबह लोकायुक्त पुलिस के तीन दलों ने भोपाल और सागर में श्री गांधी के शासकीय आवास और अन्य ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की।

1.89 करोड़ की एफडी,38 लाख की बीमा

चौधरी ने बताया कि छापे की कार्रवाई में अभी प्रारंभिक रूप से गांधी के पास से 1.89 करोड की सावधि जमा(एफडी),85 लाख बैंकों में जमा,38 लाख की जीवन बीमा पॉलिसियां,लाखों रूपए नगद एवं सोने-चांदी के जेवरात तथा करीब अचल संपत्तियां कुल 15 करोड़ रूपए से अधिक की आय से अधिक चल एवं अचल संपत्ति का पता चला है।

27 मकान,दुकान और प्लाट

पुलिस के अनुसार छापे में गांधी के भोपाल स्थित शासकीय आवास से अभी तक बरामद किए गए दस्तावेजों से गांधी की इंदौर, भोपाल,रायसेन,सागर,कटनी और जबलपुर में करीब 27 मकान,दुकाने,प्लाट और जमीने होना पाया गया है। इस संपत्ति के दस्तावेजों का पूरा परीक्षण करने के बाद ही वास्तविक मूल्य का पता चल पाएगा।

कई शहरों में रहे जेल अधिकारी

पुलिस के अनुसार डीआईजी गांधी जेल अधीक्षक से लेकर अन्य पदों पर भोपाल,इंदौर,ग्वालियर,रीवा सहित अन्य शहरों के जेलों में पदस्थ रहे हैं। इनके खिलाफ जेल के सामान खरीदी में घपले करने की शिकायतें हो चुकी थी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भोपाल और सागर में गांधी और उनके भाई अजय गांधी के भोपाल स्थित ओल्ड सुभाष नगर के मकान से अभी तक मिले दस्तावेजों और अन्य सामान तथा रिकॉर्ड को खंगालने की कार्रवाई जारी है।

जिकर्रुहमान का तांगा रहा प्रथम


जिकर्रुहमान का तांगा रहा प्रथम

तांगा दौड़ के रोमांच के साथ उर्स का समापन

  रोल अलसुबह शुरू हुई तांगा दौड़...कोचवानों के इशारे पर दौड़ते घोड़े...सड़क के किनारों पर खड़े दर्शक...भीड़ को काबू में करती पुलिस...। पाक जुब्बा शरीफ के उर्स में शुक्रवार को उत्साह और उमंग के साथ तांगा दौड़ देख दर्शक रोमांचित हो उठे। दर्शकों ने तालियां बजा कर कोचवानों का हौंसला बढ़ाया। भोर के समय दौड़ते तांगों की आवाज सुनकर देखने वाले भी उत्साह से भर गए। नागौर के दिल्ली दरवाजा में सबसे पहले दिल्ली के कोचवान जिकर्रुहमान के तांगे ने प्रवेश कर जीत दर्ज की। सुबह 6.30 बजे तांगा दौड़ देखने सड़क किनारे दर्शकों की रेलमपेल बन गई। रोल से नागौर तक भोर के समय हल्के अंधेरे को चीरते तांगे एक दूसरे से आगे निकलने की कोशिश में थे। सबसे आगे चल रहे कोचवान जिकुर्रुहमान व अहमद खां के तांगों में अंत तक एक दूसरे से आगे निकलने की जद्दोजहद रही। हवा से बातें कर रहे तांगे मेलार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए। इस दौरान पुलिस बंदोबस्त रहा। रास्ते हूटिंग का दौर तांगों के नागौर पहुंचने तक नहीं थमा।

ये रहे विजेता

बासनी के हबीबुर्रहमान के घोड़े को चला रहे कोचवान जिकर्रुहमान ने पहला स्थान प्राप्त किया। दूसरे स्थान पर अहमद खां व तीसरे स्थान पर जयपुर के अन्नू उर्फ मुन्ना का तांगा रहा। नगरपरिषद ने विजेताओं को पुरस्कृत किया।

रोल मेले का समापन

तांगा दौड़ के साथ ही तीन दिवसीय मेले का समापन शुक्रवार को हुआ। वक्फ कमेटी के सदर मोहम्मद फारूक ने कमेटी की ओर से मेला व्यवस्थाओं में सहयोग के लिए पुलिस, प्रशासन, रोल ग्राम पंचायत व ग्रामीणों का आभार जताया।

खरीदारी का दौर चला

रोल के जुब्बा शरीफ के मेले में तांगा दौड़ के साथ समापन के बावजूद शुक्रवार को दिन भर मेले में लगी दुकानों पर खरीदारी होती रही। यह खरीदारी ग्रामीण इलाकों के लोगों की थी। ग्रामीण क्षेत्र की महिलांए विशेष तौर से सजधज कर मेले में पहुंचकर मौत का कुआं, झूलों का आनंद लेते हुए खूब खरीदारी की। शुक्रवार को रोल के अलावा डिडिया कला व खुर्द, छावटा, गगवाना, सुरजनियावास, खेतोलाव, खेरवाड़, टांगला, बुगरड़ा, सोमणा, डेह, खंवर, रातंगा, कसनाऊ, मूंडवा, फरड़ौदा, ज़ायल सहित कई गांवों के लोगों ने खरीदारी की।

देर रात चला कव्वाली का दौर

मेले के दौरान गुरुवार को दरगाह में कवाल सरफूद्दीन नईमुद्दीन एंड पार्टी द्वारा बेहतरीन अंदाज में उम्दा कव्वालियों की प्रस्तुतियां देकर खूब दाद बटोरी। प्रोग्राम देर रात तक चला।






शराबी पति से परेशान पत्नी ने की आत्महत्या


शराबी पति से परेशान पत्नी ने की आत्महत्या

नागौरश्रीबालाजी कस्बे की ढाणियों में रहने वाली चार बच्चों की मां ने शुक्रवार को शराबी पति से परेशान होकर शरीर पर केरोसीन डाल आग लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके पिता ने दहेज के लिए प्रताडि़त करने व आए दिन परेशान करने, मरने के लिए प्रेरित करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। थानाधिकारी मनोज माचरा ने बताया कि गीता (28) पत्नी जेठाराम मेघवाल ने शरीर पर केरोसीन डाल कर आग लगा ली। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पड़ोसी प्रेमाराम मेघवाल की सूचना पर श्रीबालाजी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने श्रीबालाजी अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव उसके पिता को सुपुर्द कर दिया। गीता के पिता गुढ़ा भगवानदास निवासी भगवानाराम पुत्र जोगाराम मेघवाल ने रिपोर्ट दी कि गीता को उसका पति जेठाराम मेघवाल आए दिन शराब के नशे में मारपीट कर दहेज के लिए प्रताडि़त करता था। इससे परेशान होकर गीता ने आत्महत्या कर ली।

पहले किया बच्चे को कमरे में बंद

थानाधिकारी ने बताया कि महिला का पति घर से बाहर गया हुआ था। उस दौरान घर में उसका एक साल का बच्चा ही था। एक लड़का स्कूल गया हुआ था। दो लड़के पास की ढाणी में खेलने गए थे। गीत ने आत्महत्या करने से पहले एक साल के बच्चे को कमरे में बंद कर कुंडी लगा दी। फिर केरोसिन से आग लगा कर आत्महत्या कर ली। इस संबंध में पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।

केबिन में युवती के साथ मिला विचाराधीन बंदी

केबिन में युवती के साथ मिला विचाराधीन बंदी
डीडवाना (नागौर)। चर्चित गोदारा हत्याकाण्ड का विचाराधीन बंदी संजय पांडे शुक्रवार को एक मेडिकल स्टोर के केबिन में युवती के साथ मिला। चालानी गार्ड उसे जांच के लिए अस्पताल लेकर आए थे। विधायक रूपाराम डूडी की इत्तला पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।


डूडी ने आरोप लगाया कि केबिन में बंदी और युवती आपत्तिजनक हालत में मिले। पुलिस अधिकारियों ने बंदी को वापस जेल भेज दिया व युवती को पूछताछ के लिए थाने ले आए। पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्र साहू ने तीनों चालानी गार्ड को निलम्बित कर दिया है। पुलिस के अनुसार पांडे डीडवाना उप कारागृह में काफी समय से बंद है।

बीमार होने के कारण जेलकर्मी उसे शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे राजकीय बांगड़ अस्पताल लेकर गए। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी. एस. राठौड़ ने उसकी जांच की। जांच के बाद जेलकर्मी बंदी पांडे को एक निजी मेडिकल स्टोर पर ले गए। वहां उससे मिलने एक युवती आई। पांडे युवती को बात करने के लिए दुकान के अन्दर बनी केबिन में ले गया।

सूचना पर विधायक डूडी उक्त दुकान पर पहुंच गए। डूडी का कहना है कि पांडे व युवती वहां संदिग्धावस्था में मिले। विधायक ने पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों को बुलवा लिया। कुछ ही देर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक कुलश्रेष्ठ, व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।


तीनों चालानी गार्ड को निलम्बित कर दिया गया है। युवती की भूमिकाकी जांच की जा रही है। युवती ने पूछताछ में बताया कि वह जयपुर की रहने वाली है और पेशे से वकील है। उसकी मदद करने के लिए वह उससे मिलने आई थी। मामले में अतिरिक्त जिला कलक्टर विश्वम्बर लाल व पुलिस उप अधीक्षक हेमाराम चौधरी को जांच अधिकारी बनाया गया है।
भूपेन्द्र साहू, पुलिस अधीक्षक नागौर

"मैं राजभवन में बैठने वाली औरत नहीं"

"मैं राजभवन में बैठने वाली औरत नहीं"

जयपुर। बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराने और सड़े गेहूं की आवक पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगने जैसी कार्रवाई से सक्रिय नजर आ रहीं राज्यपाल मार्गे्रट आल्वा ने शुक्रवार को यहां कहा कि वे राजभवन में बैठने वाली औरत नहीं हैं। उन्हें काम के लिए यहां भेजा गया है और वे काम करने आई हैं।

साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि वे राजभवन में जनता दरबार नहीं लगातीं अलबत्ता जो लोग आग्रह करते हैं उनसे सीधे मिलकर उनकी समस्या का समाधान करने की कोशिश करती हैं। वे सप्ताह में 3 दिन लोगों से मिलती हैं। आल्वा राजभवन में मीडिया से अनौपचारिक बात कर रही थीं।

नहीं चाहती थी लोग सड़ा गेहूं खाएं
सड़े गेहूं की आवक से जुड़े सवाल पर राज्यपाल बोलीं, मीडिया में (राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित) यह खबर आने पर उन्होंने सरकार से रिपोर्ट मांगी। क्या कोई दिशा निर्देश दिए? इस सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े विभाग की मंत्री नहीं हैं। उनके सामने यह मामला आया तो उन्होंने रिपोर्ट मांगी, इस पर तुरंत कार्रवाई हुई। मैं नहीं चाहती लोग सड़ा गेहूं खाकर बीमार पड़ें। संयुक्त जांच में150 कट्टे सड़े गेहूं के निकले हैं। खराब गेहूं पशुओं के खाने या खाद के काम आएगा।

गरीबों के भी अधिकार
बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराने के वक्तव्य का जिक्र आने पर आल्वा ने कहा कि अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं पर वहां रहने वाले गरीब लोग हैं, वे भी नागरिक हैं और उनके भी अधिकार हैं। उनकी सीएम से बात हुई है, जिसमें विकल्प के बारे में तय हुआ।

कौन पहुंचाएगा पिंकी को वाराणसी ?



कौन पहुंचाएगा पिंकी को वाराणसी ?

25 दिन से अस्पताल में भर्ती है लावारिस युवती


108 ने पहुंचाया था अस्पताल, अस्पताल प्रबंधन ने कर दिया इलाज...और अब इस युवती के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है


जैसलमेर मेरा नाम पिंकी है, मेरे पिता का नाम समृद्ध उपाध्याय और मां का नाम मीरा देवी है, मैं बनारस से आई हूं, जहां गंगा का घाट है....। बस वह इतना ही बोलती है और उसके बाद अपने परिजनों को याद कर फफक पड़ती है। यह दुखद कहानी है एक मानसिक विक्षिप्त युवती की। जो भटकते हुए जैसलमेर पहुंच गई थी। यहां उसे सिर पर गंभीर चोट भी लगी, चोट लगने का कारण पता नहीं चल पा रहा है। चोटिल युवती के लिए किसी ने 108 को फोन किया और 108 ने उसे अस्पताल में छोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन पिछले 25 दिन से उसका इलाज कर रहा है, अब उसका स्वास्थ्य काफी बेहतर है। मगर अब उसे वापिस भेजने की बात है तो हर कोई असमंजस में पड़ जाता है। अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को इतिला दे दी है। लेकिन अभी तक कोई इस युवती को वाराणसी भेजने के लिए आगे नहीं आया है।

कैसे जाएगी अपने घर: अस्पताल प्रबंधन और पुलिस के साथ साथ जो भी इस युवती के बारे में जानता है वह यही सोच रहा है कि आखिर पिंकी कैसे अपने घर पहुंचेगी 

वह अभी तक यह बता पाई है कि वह बनारस की रहने वाली है, वहां पर कहां रहती है और क्या पता है, कुछ भी नहीं बताया। ऐेसे में उसे वहां भेजना काफी मुश्किल है। अस्पताल प्रबंधन ने इस संबंध में पुलिस को भी इतिला कर दी है।





पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह आज से जिले के दौरे पर

पूर्व सांसद आज से जिले के दौरे पर 


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य एवं पूर्व सांसद बाड़मेर-जैसलमेर मानवेंद्र सिंह शनिवार से सात दिवसीय बाड़मेर दौरे पर आएंगे। पूर्व सांसद सिंह 3 से 9 नवंबर तक जिले के विभिन्न गांवों का दौरा कर ग्रामीणों से रूबरू होंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वे शनिवार को बाड़मेर आएंगे। 4 को चौहटन मुख्यालय पर आयोजित भाजपा मंडल की बैठक में भाग लेंगे तथा चौहटन के विभिन्न गांवों का दौरा कर सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। 5 को रामसर क्षेत्र के गांवों का दौरा करेंगे। इसी तरह 6 को जिले के आसपास के गांवों का दौरा कर जनसुनवाई करेंगे। 7 को सीमावर्ती क्षेत्र चौहटन के विभिन्न गांवों का दौरा करेंगे। 8 को पंचायत समिति सिणधरी के विभिन्न गांवों का दौरा कर ग्रामीणों से रूबरू होंगे। 9 को बायतू व बालोतरा के विभिन्न गांवों का दौरा कर ग्रामीणों से रूबरू होंगे।

बाडमेर श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ


श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ


श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ

श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ एक अत्यंत प्राचीन तीर्थ स्थल है जो राजस्थान राज्य में बाडमेर के नाकोडा ग्राम में स्थित है। भारत मेंरामायण और महाभारत काल तक तीर्थ स्थलों की प्राप्ति हो चुकी थी। इन दो महाकाव्यों में तीर्थ शब्द का अनेक बार उल्लेख आया है। नाकोडा तीर्थ स्थल प्रमुख दो कारणों से विख्यात है-पहला कारण

श्वेताम्बर जैन समाज के तेईसवें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की दसवीं शताब्दी की प्राचीनतम मूर्ति का मिलना और पांच सौ छह सौ वर्षो पूर्व उस चमत्कारी मूर्ति का जिनालय में स्थापित होना। मुख्य मंदिर की भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा चूंकि सिन्दरी के पास नाकोडा ग्राम से आई थी, अतः यह तीर्थ नाकोडा पार्श्वनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यह क्षेत्र लगभग दो हज़ार वर्ष से जैन आध्यात्मिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। यहाँ के खेडपटन और मेवानगर अथवा विरामपुर इस संदर्भ में जैन ऐतिहासिक परम्पराओं से जुड़े रहे हैं।दूसरा कारण

तीर्थ के अधियक देव श्री भैरव देव की स्थापना पार्श्वनाथ मंदिर के परिसर में होना है, जिनके देवी चमत्कारों के कारण हज़ारों लोग प्रतिवर्ष श्री नाकोडा भैरव के दर्शन करने यहाँ आते है और मनवांछित फल पाते हैं।
इतिहास

किदवंतियों के आधार पर श्री जैन श्वेताम्बर नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ का प्राचीनतम उल्लेख महाभारत काल यानि भगवान श्री नेमिनाथ जी के समयकाल से जुड़ता है किन्तु आधारभूत ऐतिहासिक प्रमाण से इसकी प्राचीनता विक्रम संवत 200-300 वर्ष पूर्व यानि 2000-2300 वर्ष पूर्व की मानी जा सकती है। अतः श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ राजस्थान के उन प्राचीन जैन तीर्थो में से एक है, जो 2000 वर्ष से भी अधिक समय से इस क्षेत्र की खेड़पटन एवं मेवानगर की ऐतिहासिक सम्रद्ध, संस्कृतिक धरोहर का श्रेष्ठ प्रतीक है। मेवानगर के पूर्व में विरामपुर नगर के नाम से प्रसिद्ध था। विरामसेन ने विरामपुर तथा नाकोरसेन ने नाकोडा नगर बसाया था। आज भी बालोतरा- सीणधरी हाईवे पर नाकोडा ग्राम लूनी नदी के तट पर बसा हुआ है, जिसके पास से ही इस तीर्थ के मूल नायक भगवन की इस प्रतिमा की पुनः प्रति तीर्थ के संस्थापक आचार्य श्री किर्ति रत्न सुरिजी द्वारा विक्रम संवत 1090 व 1205 का उल्लेख है।
भैरव देवजी की स्थापना

श्री नाकोडा अधियक भैरव देव जी की स्थापना विक्रम संवत 1502 में आचार्य श्री किर्तिरत्न सूरि जी ने नाकोडा पार्श्वनाथ प्रभु की प्रति के समय की थी। अत्यंत मनमोहक पीले पाषाण की महान विलक्षण प्रतिमा स्थापित है, जिसे श्री नाकोडा भैरव कहा जाता है। समीप ही श्री नाकोडा बाँध पर भैरव के दूसरे रूप की प्रतिमा भी स्थापित है, जिसे कालिया भैरवके नाम से जाना जाता है।
अधिनायक देव श्री भैरव देव

नाकोडा पार्श्वनाथ जी की अराधना

तीर्थ के अधिनायक देव श्री भैरव देव की मूल मंदिर में अत्यंत चमत्कारी प्रतिमा है, जिसके प्रभाव से देश के कोने कोने से लाखों यात्री प्रतिवर्ष यहाँ दर्शनार्थ आकर स्वयं को कृतकृत्य अनुभव करते है। वैसे तीनों मंदिरवास्तुकला के अद्भुत नमूने है। चौमुखजी कांच का मंदिर, महावीर स्मृति भवन, शांतिनाथ जी के मंदिर में तीर्थंकरों के पूर्व भवों के पट्ट भी अत्यंत कलात्मक व दर्शनीय है।
उत्थान एवं पतन

तीर्थ ने अनेक बार उत्थान एवं पतन को आत्मसात किया है। विधर्मियों की विध्वंसात्मक- वृत्ति में विक्रम संवत 1500 के पूर्व इस क्षेत्र के कई स्थानों को नष्ट किया है, जिसका दुष्प्रभाव यहाँ पर भी हुआ। लेकिन संवत1502 की प्रति के पश्चात पुन: यहाँ प्रगति का प्रारम्भ हुआ और वर्तमान में तीनों मंदिरों का परिवर्तित व परिवर्धित रूप इसी काल से सम्बंधित है। संवत 1959 - 60 में साध्वी प्रवर्तिनी श्री सुन्दर जी ने इस तीर्थ के पुन: उद्धार का काम प्रारंभ कराया और गुरु भ्राता आचार्य श्री हिमाचल सूरीजी भी उनके साथ जुड़ गये। इनके अथक प्रयासों से आज ये तीर्थ विकास के पथ पर निरंतर आगे बढ़ता रहा है। मूल नायक श्री नाकोडा पार्श्वनाथ जी के मुख्य मंदिर के अलावा प्रथम तीर्थंकर परमात्मा श्री आदिनाथ प्रभु एवं तीसरा मंदिर सोलवें तीर्थंकर परमात्मा श्री शांतिनाथ प्रभु का है। इसके अतिरिक्त अनेक देवालय, ददावाडियाँ एवं गुरुमंदिर है जो मूर्तिपूजक परंपरा के सभी गछों को एक संगठित रूप से संयोजे हुए है।
कैसे पहुँचे
यह तीर्थ जोधपुर से 116 किमी तथा बालोतरा से 12 किमी (उत्तरी रेलवे स्टेशन) जोधपुर बाड़मेर मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है।
तीर्थ स्थान प्राय: सभी केंद्र स्थानों से पक्की सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है।
श्री नाकोडा तीर्थ ट्रस्ट यात्रियों के लिए निवास, भोजन, पुस्तकालय, औषधालय आदि की सभी प्रकार की व्यवस्था सहर्ष करता है।
मंदिर के खुलने का समयगर्मी (चैत्र सुदी एकम से कार्तिक वदी अमावस तक)

प्रातः : 5:30 बजे से रात्रि 10:00 बजे तकसर्दी (कार्तिक सुदी एकम से चैत्र वदी अमावस त

माजीसा राणी भटियाणी भटियाणी, थारौ परचौ साचौ रै !


माजीसा राणी भटियाणी भटियाणी, थारौ परचौ साचौ रै !" 

मेहवा रा शासक रावल मल्लिाथजी री चवदमीं पीढी में रावल कल्याणमलजी जसोल रा शासक हुया। रावल कल्याणमलजी, रावल जैतमलजी रा पाटवी पुत्र हा जिका आपरै पिता रै बैद जसोल री गादी माथै विराजिया। कल्याणमल रै जोपुर रा महाराजा अभयसिंह अर बखतसिंह रै अणबल रौ वैवार रैयौ। महाराजा अभयसिंह कल्याणमल नै दबावण सारू घणा तपिया। महाराजा अभयसिंह नै वि.सं. 1787 (ई.स. 1730) में बादस्या गुजरात रै नवाब सरबुलंदखां नै दबावण वास्तै गुजरात भेजिया तद महाराजा मारवाड़ रा सैंग सामंतां, उमरावां नै इण जुद्ध में लड़ण वास्तै बुलाया। इण मौकै माथै रावल कल्याणल ई हाजर हुया अर आपरी फौज लेय'र महाराजा रै सातै गुजरात जुद्ध मांय गया। जुद्ध में जबरा लड़िया अर सेवट महाराजा री फतै हुई।
भटियाणी माता अर माजीसा रै रूप में सुचावी भटियाणी राणी स्वरूपदे जसोल रै रावल कल्याणमल (रावल कल्याणसिंह राठौड़) री पत्नी ही अर जैसलमेर रै भाटी राजपूत जोगीदास री पुत्री ही। रावल कल्याणमल राव मल्लिनाथ रा वंशज हा अर दूधावत महेचा हा। वै वीर अर ज्ञानी हा। उणां रा दो ब्याव हुया हा- अेक तौ भटियाणी स्वरूपदे सूं, जिकी जोगीदास पृथ्वीराजोत री पुत्री ही, अर दूजौ देवड़ी अमोलकदे सूं, जिकी दलेलसिंह जगसिंघोत री पुत्री ही। भटिय.ाणी स्वरूपकंवर मानता प्राप्त राणी ही। वां अणूंती ई सुंदर तौ ही ई, साथै ई बौत सहनसील ई ही। दूजी राणी देवड़ी अमोलकदे नै ऊणसूं घणी ईरसा हा। सो अेक दिन वा स्वरूपकंवर नै ज्हैर देय'र आपरी ईरसा री आग शांत करी।
वां ई दिनां जैसलमेर रा दो ढोली शंकर अर ताजिया अचाणचक रावल कल्याणमल रै दरबार मांय मांगण सारू गया तौ जैसलमेर रा रैवासी जाण'र उणां नै कैईजियौ के थांरी बाईसा तौ अबै मसाणां में विराजै, सो उठै जाय'र सीख लीजौ। वा मूंडै मांगी सीख देय देवैला। शंकर अर ताजिया राणी स्वरूपदे री चिता-स्थली माथै पूगिया अर हियै तणा उद्गार प्रगट करता थकां मांगणी सारू वीणती सरू करी। सुरगवासी राणी तद प्रगट हुय'र उणां री मांगणी पूरी करी। इण चमत्कारा री खबर देखतां-देखतां च्यारूंमेर फैलगी। तद राव कल्याणमल रा परिजन मसाण मांय जाय'र छिमा-जाचना करी अर पछै, उणरी पूजा-अरचणा सरू करी।
तद सूं ई भटियाणी राणी स्वरूपकंवर रै चमत्कारां रौ औ सिलसिलौ चालतौ आय रैयौ है अर आज पण ई चाल रैयौ है। श्रद्धालु भगत इणां री चरण-पादुका अर प्रतिमा रै दरसणां सारू जसोल पूगै अर इणां रै मिंदर मांय जाय'र भेंट स्वरूप प्रसाद ई चढावै। जसोल मांय उणां रै थान री जगै मिंदर बणियोड़ौ है। भाटियां री पुत्री हुवण री वजै सूं 'राणी भटियाणी' रै नाम सूं औ दरसणजोग स्थान चावौ है। इण नाम रै अलावा 'लख्यो राणी', 'जैसलमेरी घणियाणी', 'कंवराणी साहबा' इत्याद नामां सूं ई इणां नै श्रद्धा साथै पुकारियौ जावै। मरियां रै पैला इणां रै मूंडै सूं औ निकलियौ हौ- "म्हैं तो पुजीजूंला अर थै थांरी भुगतौला!" सौ सती रै सत-वचनां नै आज ई लोग बडी सरधा अर भगति रै रूप मांय लोकगीतां अर भजनां में गावै-
"भटियाणी, थारौ परचौ साचौ रै !"

कोई तीन सौ बरस पुराणौ जसोल ठाकर कानी सूं बणवायोड़ौ भटियाणी माता रौ स्थान आज पण धारमिक दीठ सूं गलां रौ ई श्र्‌धा रौ ई श्रद्धा रौ केन्द्र बणियोड़ौ है। उठै आयै बरस भादवै अर वेसाख महीनै री सुदी तेरस-चवदस नै विसाल पैमानै माथै मेला लागै। आं मेलां मांय नीं सिरफ राजस्थान रा इज, बल्कै गुजारात, महाराष्ट्र्, उत्तरप्रदेश, मद्रास, दिल्ली इत्याद प्रदेशां सूं हजारूं लोग दरसणां सारू जसोल पूगै। अै मेला दो दिन तांी चालतौ रैवै। बीमारियां सूं परेस्यान, औलाद सारू उत्सुक अर वौपार-नौकरी में जस हासिल करण वालां री लांबी कतारां माजीसा रै मिंदर मांय लागियोड़ी रैवै। श्रद्धा अर आस्था राखण वाला लोग माजीसा रै चमत्कारां सूं आपरौ जीवण सुखी बणावता आया है। माजीसा रै मिंदर सगलै ई अेक हुय'र आवै अर सीस नवाय'र आपरी मांगणी मांग'र, खुस हुय'र बावड़ जावै। मिंदर रै प्रांगण मांय जातरूवां रै विसराम सारु माजीसा रा भगत जन आपरी इंछा सूं दान देवण में आगीवाण रैवै। मेलै रै दिनां मांय राणी भाटियाणी रै लोकगीतां-भजन कीरतनां अर वाणियां री गूंज लागियोड़ी रैवै।
भटियाणी राणी रै चमत्कारां सूं प्रभावित हुय'र ई राजस्थान रै बाड़मेर जिलै री विकासशील पंचायत समिति, बालौतरा इणई धारमिक स्थल रै छेत्र मांय राणी भटियाणी री याद में 'राणी भटियाणीजी विराट पशु-मेला' रौ आयोजन करती रैयी है। इण पशु-मेला मायं हजारूं री संख्या में उत्तम नस्ल रा थारपारकर अर कांकरेज रा बलद, मालाणी रा घोड़ा, गायां, भैस्यां, बकरा-बकरियां, ऊंट-सांडियां, टोडिया, खच्चर, भेडां इत्याद अेकठ हुवै। मेलै मांय पशुवां री खरीद बिक्री सारू समुचति व्यवस्था करीजै। राजस्थान रै अलावा गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश इत्याद रा चावा वौपारी पशुवां री खरी सारू आवै।
आथूणै राजस्थान मांय राणी भटियाणी री मानता हदभांत ई देखण में आवै। केई नगरां अर गांमां मांय राणी भटियाणी रा स्थान है, जठै लोग श्रद्धा-आस्था सूं आवै अर कस्टां सूं छुटकारौ पावै। मुख्य थान तौ मिंदर रै रूप में जसोल मांय है इज।

शुक्रवार, 2 नवंबर 2012

कुचामन में छात्रा की अश्लील क्लिपिंग



कुचामन में छात्रा की अश्लील क्लिपिंग


कुचामनसिटी। नागौर के कुचामनसिटी इलाके में स्कूली छात्रा की अश्लील क्लिपिंग सामने आई है। एक निजी स्कूल की ड्रेस में छात्रा की यह क्लिपिंग करीब एक घंटा छह मिनट की बताई गई है। कस्बे में कुछ युवक इस क्लिपिंग का आदान-प्रदान भी कर रहे हैं।


पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र साहू का कहना है कि मामले की जांच करवाई जा रही है। सीओ कुचामनसिटी मामले की जांच कर रहे हैं। कुचामनसिटी में करीब चार साल पहले भी एक महिला की अश्लील क्लिपिंग में कई बड़े लोगों के नाम सामने आए थे।

चाची को डायन मान भतीजे ने ली जान


चाची को डायन मान भतीजे ने ली जान 

जयपुर। राज्यस्थान के एक गांव में एक महिला को डायन करार कर उसकी चाकू मारकर हत्या कर दी गई। महिला की हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसी का भतीजा है। इस घटना में महिला का 10 वर्षीय पोता भी घायल हो गया। यह जानकारी पुलिस ने शुक्रवार को दी।

जानकारी के अनुसार यहां से 500 किलोमीटर दूर डुंगरपुर जिले के वर्दा शहर के नजदीक बिलिया फाला गांव में गुरूवार शाम गणेश कुमार को उसकी 65 वर्षीय चाची हंजना की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बीच-बचाव करने वाला महिला का पोता भी घायल हो गया है।

उन्होंने कहा कि गणेश कुमार मुम्बई में काम करता था। वह कुछ दिन पहले ही घर लौटा था। हमेशा की तरह उसने अपनी चाची से यह कहकर झगड़ा करना शुरू कर दिया कि वह परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों पर जादू-टोना करती है। उसने अचानक महिला पर चाकू से हमला कर दिया। महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

अधिकारी ने बताया कि महिला को पिटाई से बचाने का प्रयास कर रहे उसके पोते को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना को अंजाम देने के बाद गणेश मौके से फरार हो गया था, लेकिन गुरूवार रात उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गणेश ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसके चार चाचा की मौत हो चुकी है, जबकि परिवार के अन्य सदस्यों की तबीयत खराब है। वह इस सब की वजह अपनी चाची को मानता था। अधिकारी ने बताया कि गणेश ने बताया कि उसे संदेह था कि महिला डायन है और उसके परिवार में घट रही सभी चीजों के लिए जिम्मेदार है।

तीन बहनें,एक पति के लिए करवा चौथ

तीन बहनें,एक पति के लिए करवा चौथ

चित्रकूट। इस भौ  तिकतावादी युग में जहां विवाह को बंधन माना जा रहा है वहीं उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में तीन बहनों का एक पति है और तीनों न साथ मिलजुल कर रहती हैं बल्कि सुहाग का त्योहार करवा चौथ भी एक साथ ही मनाती हैं। तीनों का विवाह छह साल पहले उस वक्त भी चर्चा में आया था जब उन्होंनें कृष्णा के साथ शादी की थी। तब यह कहा गया था कि यह विवाह ज्यादा दिन तक नहीं चल सकता लेकिन तीनों ने परिवार और समाज की कही बातों को झुठला दिया। तीनों कृष्णा के साथ शादी कर न सिर्फ उसके साथ पूरे समर्पण के साथ जीवन बिता रही हैं बल्कि उसे भगवान की तरह पूजती भी हैं। शोभा. रीना और पिंकी नाम की इन तीनों बहनों ने विश्वविद्यालय से स्नात्कोत्तर की डिग्री भी ले रखी है। यह नहीं कहा जा सकता कि अनपढ़ होने या गरीबी के कारण यह विवाह हुआ है।

चित्रकूट में रहने वाली शोभा, रीना और पिंकी ये तीनों सगी बहनें हैं और इन्होनें अपनी मर्जी और पूरे होशोहवास से एक ही व्यक्ति को अपना पति चुना है। वह अपने पति को सामान्य व्यक्ति नहीं बल्कि दिव्य पुरूष मानती हैं। इन बहनों को कहना है कि महाकाली से मिली शक्ति के दम पर दुनिया को यह दिखा देना चाहती है कि आज भी अगर çस्त्रयां अपनी इच्छाओं पर काबू रखना सीख ले तो किसी सामान्य पुरूष को भी दशरथ जैसा महाराजा बनाया जा सकता है।

चित्रकूट के इस अनूठे परिवार के घर में करवा चौथ के दिन का नजारा देखने लायक होता है। इस दिन ये तीनों बहनें अपने पति की दीर्घ आयु के लिए व्र्रत रखती हैं और रात में चन्द्रमा निकलने पर सोलह श्रंगार कर एक साथ करवा चौथ के दिन की जाने वाली विशेष पूजा करती हैं। पूजा के बाद ये तीनों एक ही चलनी से अपने पति को निहारने के बाद उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेती हैं। तीन बहने अपने पति कृष्णा के साथ मिल जुल कर एक ही घर में एक ही छत के नीचे हंसी खुशी जीवन बिता रही हैं।

छह साल के वैवाहिक जीवन में अब तक छह बच्चे भी पैदा हो चुके हैं। चित्रकूट में एक पति और इसकी तीन पत्नियों वाला यह परिवार आज भी खुद को सतयुग और त्रेतायुग के राजा महाराजाओं जैसा मानता है। सवाल यह भी है कि क्या आज समाज में ऎसे रिश्तों को स्वीकार किया जा सकता है। चित्रकूट का यह अनोखा परिवार अपने उलझे रिश्तों के ताने वाने के चलते चर्चा का विषय बना हुआ है।

बाड़मेर पुलिस डायरी ..आज के ताजा समाचार

बाड़मेर पुलिस डायरी ..आज के ताजा समाचार


अवैध शराब सहित 1 गिरफ्तार

बाड़मेर राहुल बारहट, जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा अवैध शराब की रोकथाम हेतु दिये गये निर्देशानुसार श्री सांगसिंह स.उ.नि. मय पुलिस पार्टी पुलिस थाना सिणधरी द्वारा मुखबीर की ईत्तला पर कस्बा सिणधरी में मुलजिम मानाराम पुत्र दमाराम जाट नि. पायला खुर्द को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवैध व बिना लाईसेन्स की 18 बोतल बीयर बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सिणधरी पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।


आपसी रंजिस में किया हमला

बाड़मेर उमरखां पुत्र हेयातखां मुसलमान नि. कोलीयाना ने मुलजिम हाजी दोष मोहम्मदखां पुत्र सुखाखां मुसलमान नि. कोलियाना वगेरा 5 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा एक राय होकर मुस्तगीस के खेत में प्रवेश कर मुस्तगीस के मासीयात भाई पर जानलेवा हमला कर चोटे पहुंचाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सेड़वा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा ळें


सड़क दुर्घटना में एक की मौत


बाड़मेर बालाराम पुत्र मगाराम जाट नि. कुरजा ने मुलजिम बोलेरो नम्बर आरजे 04 जीए 6481 का चालक के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा गाड़ी को तेजगति व लापरवाही से चलाकर मुस्तगीस के भाई देवाराम के टक्कर मारना जिससे मृत्यु होना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा ळें

मारपीट का मामला दर्ज


बाड़मेर अजाराम पुत्र लूम्भाराम मेगवाल नि. विशाला आगोर ने मुलजिम खेताराम पुत्र खींयाराम जाट नि. विशाला आगोर वगेरा 4 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस के खेत में पशु डालकर फसल नष्ट करना, मना करने पर मारपीट कर जातिगत शब्दो से अपमानित करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा ळें