सोमवार, 15 अक्टूबर 2012

मुनाबाव में दो पाकिस्तानी नागरिक धरे गए

मुनाबाव में दो पाकिस्तानी नागरिक धरे गए

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के सरहदी रेलवे स्टेसन मुनाबाव में पाकिस्तान जीरो लाइन प्वैंत पर पहुंचे दो पाकिस्तानी नागरिको को गडरा पुलिस ने धर लिया यह दोनों पाक नागरिक उनतीस सितम्बर को थार एक्सप्रेस से भारत आये थे ,पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की उनतीस सितम्बर को पाकिस्तान से भारत आये दो युवक बाबू पुत्र नामोरी निवासी भीमपुरा तथा लक्षमण दस पुत्र कृष्णलाल सोनी निवासी अमरकोट पाकिस्तान से एक किलो सोने के आभूषण लेकर आये थे जिन्हें उनतीस सितम्बर को निर्धारित क्षमता से अधिक आभूषण होने के कारण कस्टम द्वारा जब्त कर लिया था ,इन दोनों पर अधिक सोना लाने के कारण डेढ़ लाख रुपये की पेनल्टी लगाईं गई थी .इसके बाद दोनों में से एक जोधपुर जबकि दूसरा गुजरात अपने रिश्तेदार के यंहा चले गए ,इसके बाद शनिवार को निजी वाहन लेकर मुनाबाव रेलवे स्रेसन पहुँच गए एवं कस्टम विभाग द्वारा ज़ब्त सोना छुड़ाने के लिए निर्धारित पेनल्टी रकम जमा करने का प्रयास करने लगे लेकिन पुलिस ने इन्हें बिना सक्षम अधिकारी के इजाज़त लेकर आने पर गिरफ्तार कर लिया इन दोनों को रवीवार शाम को बाड़मेर लाया गया उनसे सघनता से पूछताछ की जा रही हें

खाद्य निरीक्षक को निलंबित करने की सिफारिश

खाद्य निरीक्षक को निलंबित करने की सिफारिश

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिला मुख्यालर स्थित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में नियुक्त खाद्य निरीक्षक को चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर निलंबित करने की सिफारिश की हें ,चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक जोने जोधपुर ने आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं निदेशक चिकित्सा को पत्र लिखा हें की चिकित्सा अधिकारी बाड़मेर द्वारा खाद्य निरीक्षक भूराराम को सक्षम शक्तिया नहीं होने के बारे में अवगत कराया गया जबकि इस सम्बन्ध में आयुक्त अथवा राज्य सरकार द्वारा कोई आदेश पारित नहीं कए ,उन्होंने लिखा हें की खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा पेपर स्लीप नहीं ली जा रही जिसके कारण जुलाई माह से नामुनाकरण कार्य सम्पादित नहीं हो पाया बाड़मेर की सूचना शून्य बताई गई हें ,वही खाद्य अनुज्ञा पत्र जरी करने का कार्य भी नहीं किया जा रहा हें ,निदेशक ने आयुक्त और निदेशक को खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा अपने प्रशासनिक अधिकारियों को गलत सुचनाए एवं जानकारी देना तथा कार्य में शिथिलता बरतने का दोषी पाए जाने के कारण उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर निलंबित करने की सिफारिश की हें ,इस सम्बन्ध में सूत्रों ने बताया की खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा अपने निलंबन को रुकवाने के लिए उच्च स्तरीय प्रयास किये जा रहे हें ,मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा हें ,सूत्रों की माने तो खाद्य निरीक्षक गलत तरीके से पद पर काबिज़ हें जबकि वह मूल रूप से मेल नर्स हें

कोयला घोटाले को लेकर 6 शहरों में छापे

कोयला घोटाले को लेकर 6 शहरों में छापे
नई दिल्ली। कोयला घोटाले को लेकर सीबीआई ने एक बार फिर छापे की कार्रवाई शुरू की है। सीबीआई ने सोमवार को 6 शहरों में 16 जगहों पर छापे मारे। छापे की कार्रवाई महाराष्ट्र,झारखंड और छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों में की गई है।

सीबीआई ने दो कंपनियों ग्रीन इंफ्रा और कमल स्टील के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है। इन कंपनियों पर आरोप है कि कोल आवंटन पाने के लिए अपनी संपत्ति को ज्यादा दिखाया था। सीबीआई जांच में इन कंपनियों की धोखाधड़ी का पता चला और मामला दर्ज किया गया।

इससे पहले सीबीआई सात एफआईआर दर्ज कर चुकी है। कोल ब्लॉक आवंटन मामले में सीबीआई की रेड का यह तीसरा दौर है। पहली बार हुई छापेमारी की कार्रवाई में सीबीआई ने पांच एफआईआर दर्ज की थी। दूसरी बार इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई थी।

दुल्हन व रिश्तेदार निकले फर्जी

दुल्हन व रिश्तेदार निकले फर्जी
सुमेरपुर (पाली)। शादी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का राजफाश कर पुलिस ने दो जनों को गिरफ्तार किया है। जांच में दुल्हन समेत रिश्तेदारों का किरदार निभाने वालों के नाम व पते फर्जी पाए गए। पुलिस मुख्य सरगना व कथित दुल्हन समेत अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है।

सहायक उपनिरीक्षक सत्यदेव चारण ने बताया कि गत दिनों जाखानगर निवासी सोहनसिंह पुत्र पुखसिंह रावणा राजपूत ने रिपोर्ट देकर बताया कि उसने अपने छोटे भाई जब्बरसिंह की शादी के लिए रोजड़ा हाल सिरोही निवासी छैलसिंह पुत्र डूंगरसिंह से सम्पर्क किया था। इस पर 2 जुलाई को संजय ने भाई व करणसिंह पुत्र शंकरसिंह सियाणा ने बहनोई बनकर उसके भाई की शादी दिव्याबेन नामक युवती से करवाई और इसके बदले में एक लाख 40 हजार रूपए लिए। लेकिन दूसरे दिन दुल्हन घर से सामान लेकर फरार हो गई।

जांच में निकले नकली किरदार
पुलिस जांच में दुल्हन समेत रिश्तेदारों का किरदार निभाने वाले सभी नाम व उनके पते फर्जी पाए गए। गिरोह सदस्यों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज भी फर्जी मिले। गहन अनुसंधान के बाद फोटो के आधार पर संजय की पहचान दत्तुभाई पुत्र बाबूलाल चमार निवासी करजत के रूप में हुई। कॉल डिटेल के आधार पर की गई जांच में दिव्या का असली नाम अनिशा निवासी मेथी (बड़ौदा) सामने आया। मुख्य सरगना की पहचान करणसिंह पुत्र ईश्वरसिंह निवासी भरताणा के रूप में हुई। पुलिस ने मामले में दत्तुभाई व दलाल छैलसिंह को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी समेत कथित दुल्हन व अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है। मुख्य आरोपी कथित दुल्हन की पूर्व में भी दो जगह शादी करवाकर धोखाधड़ी कर चुका है।

प्रेमी युगल को मिली चोरी की सजा

प्रेमी युगल को मिली चोरी की सजा
जोधपुर। "कोई वयस्क युवती घर से भागकर अपने प्रेमी से विवाह कर ले तो कोई अपराध नहीं बनता। लेकिन यदि घर से वह या उसका प्रेमी जेवर या नकदी साथ ले जाते हैं तो वे चोरी व गृह अतिचार अपराध के दोषी होंगे।" न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम वर्ग) पाली ने एक प्रकरण में यह अभिनिर्धारित किया है। उन्होंने प्रेमी युगल को सजा भी सुनाई।

परिवादी शिवसिंह के अधिवक्ता हैदर आगा ने अदालत में कहा कि परिवादी की पुत्री कुमारी महर्षि एक युवक गोपाल के साथ घर छोड़कर चली गई। जाते वक्त वे कमरे की अलमारी से ढाई लाख रूपए व जेवर ले गए। परिवादी की माता ने दोनों को चोरी करते देखा है। शोर मचाने पर वे दीवार फांदकर भाग गए।

इसके जवाब में आरोपियों की ओर से कहा गया कि उन्होंने माता-पिता की मर्जी के बिना प्रेम विवाह किया है, लिहाजा उन्हें चोरी के मामले में झूठा फंसाया जा रहा है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने माना कि बिना परिवार की अनुमति के प्रेम विवाह करने से किसी अपराध का सृजन नहीं होता है, लेकिन परिवादी शिवसिंह के मकान से जो माल चोरी हुआ है, वह गोपाल के सर्वोदय नगर पाली स्थित मकान से बरामद हुआ है। न्यायिक मजिस्ट्रेट विद्यानन्दन शुक्ल ने दोनों को दोषी मानते हुए आरोपी महर्षि को दो वर्ष की परीवीक्षा पर और गोपाल को गृहअतिचार के अपराध के लिए तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।

विषाक्त रोटी खिलाकर भाग गई "दुल्हन"

विषाक्त रोटी खिलाकर भाग गई "दुल्हन"
बारां। अटरू थाना क्षेत्र के कुंजेड़ गांव में दो दिन पहले सत्तर हजार रूपए में नाते लाई गई युवती शनिवार रात पति व सास-ससुर को विषाक्त रोटी खिलाकर कुछ नकदी व सामान लेकर फरार हो गई। रविवार सुबह पड़ोसियों को पता लगने पर उन्होंने माता-पिता व बेटे को अचेतावस्था में यहां जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। रविवार रात को ससुर को गंभीर अवस्था में कोटा रैफर कर दिया।

चिकित्सालय में भर्ती महावीर सुमन (30) पुत्र गोपाल सुमन ने बताया कि वह 12 अक्टूबर को बपावर थाना क्षेत्र के डूंगरपुर गांव निवासी हीरालाल सुमन को 70 हजार रूपए नकद देकर स्वयं के लिए एक युवती विनिता को नाते लाया था। उस दिन तो सब कुछ ठीक रहा, लेकिन दूसरे दिन शनिवार को विनिता ने आलू की सब्जी व रोटी बनाई। खाना खाने के बाद उसकी, उसके पिता गोपाल (60) व मां कालीबाई (55) को गहरी नींद आ गई। सवेरे पड़ोसियों ने उन्हें अचेतावस्था में जगाया, तब विनिता लापता थी। वह करीब 18 सौ रूपए नकदी, एक मोबाइल, चांदी की एक जोड़ी तोड़ी व तीन जोड़ी बिछुड़ी भी ले गई।

ऎसे हुआ था सौदा
महावीर व उसके मामा पप्पू सुमन ने बताया कि उसके रिश्तेदार बपावरकलां निवासी महावीर सुमन व उसकी पत्नी सुमन ने नाता प्रथा से विवाह कराने का भरोसा दिया था। इसके बाद उन्होंने डूंगरपुर निवासी हीरालाल सुमन से मिलवाया। हीरालाल ने 70 हजार लेकर विनिता को उसके नाता प्रथा के तहत संभला दिया। अटरू थाना पुलिस ने युवती विनिता, हीरालाल व बपावर के महावीर सुमन के खिलाफ धोखाधड़ी कर जान से मारने की नीयत से अज्ञात विषाक्त खिलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।

नई मां भी कर गई रूसवां
महावीर ने बताया कि वह गांव में पानी-पताशे का ठेला लगाकर रोजी-रोटी चलाता है। करीब तीन वर्ष पूर्व सर्प दंश से उसकी पत्नी की मृत्यु होने से उसकी दोनों पुत्री मुस्कान (6) व करीना (4) को मां की कमी महसूस होते देख उसने परिजनों के कहने पर विनिता को नाता प्रथा से घर लाया था, लेकिन वह भी दो दिन भी इनका साथ नहीं दे सकी।

कोटा में हथियारों का जखीरा जब्त



कोटा में हथियारों का जखीरा जब्त
कोटा। हथियार तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कोटा पुलिस ने रविवार को तीन तस्करों धर-दबोचा। अभियुक्तों से 14 देसी कट्टे, 42 पिस्टल व 2 रिवॉल्वर बरामद की गई है। जब्त हथियार व कारतूस 9 एमएम, 32 बोर, 12 बोर व 315 बोर के हैं। सात अतिरिक्त मैग्जीन भी इनके कब्जे से मिली हैं। ये तीनों तस्कर मध्यप्रदेश से बारां होते हुए कोटा आ रहे थे।

पुलिस महानिरीक्षक अमृत कलश ने पत्रकारों को बताया कि शहर एसपी प्रफुल्ल कुमार, ग्रामीण एसपी डॉ. विकास पाठक व एएसपी [सिटी] लक्ष्मण गौड़ के निर्देशन में गठित टीम ने पुख्ता सूचना के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया। सुबह करीब 10 बजे बारां से कोटा आ रहे सभी वाहनों की जांच शुरू कर दी गई। इसी बीच एक रोडवेज बस में नागदा जंक्शन, उज्जैन निवासी हेमंत खींची [21] व नरेन्द्र लोहार [25] तथा धार जिले के गंधवानी थाना क्षेत्र के बाहरिया गांव निवासी श्रवण सिंह सिकलीगर [25] को गिरफ्तार किया। इन तीनों के पास बैग थे, जिनकी तलाशी में भारी मात्रा में यह असलाह बरामद हुआ।


राज्यभर में होनी थी सप्लाई

आईजी ने बताया कि अभियुक्त ये हथियार मध्यप्रदेश से लाना बता रहे हैं और कोटा सहित राज्य के अन्य जिलों में इन्हें सप्लाई करने के मकसद से यहां आ रहे थे। अभियुक्तों के क्राइम रिकॉर्ड व स्थानीय सम्पर्को की जानकारी जुटाई जा रही है।


ढाई साल बाद बड़ी कार्रवाई
शहर में हथियार बरामदगी की बड़ी कार्रवाई हुए ढाई वर्ष बीत चुके। इससे पहले 10 मार्च, 2010 को भीमगंजमंडी थाना इलाके में कार्रवाई हुई थी। जब गैंगस्टर शिवराज सिंह की गैंग के कुछ सदस्य पकड़े गए थे, जबकि वह खुद फरार हो गया था। इस कार्रवाई में पुलिस ने तीन पिस्तौल, एक देसी कट्टा, एक रायफल, 12 बोर की दो बंदूकें व 228 जिंदा कारतूस बरामद किए थे। अभियुक्तों ने यह असलाह मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले से लाना बताया था।

कोटा में आ चुके दस लाख के हथियार

कोटा में हाल ही में दस लाख रूपए के अवैध हथियारों की खेप आई है। इनमें ऑटोमेटेड किस्म के हथियार भी हैं, जो एक लाख रूपए तक की कीमत के हैं। कोटा पुलिस द्वारा रविवार को गिरफ्तार अभियुक्तों में से एक श्रवण सिंह ने पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा किया है। श्रवण खुद पेशे से सिकलीगर है और उसका पूरा परिवार धार जिले में हथियार बनाता है। पुलिस पूछताछ में उसने कुछ दिनों पहले ही धार जिले से दस लाख रूपए का सौदा होने की जानकारी दी है। इस आधार पर पुलिस टीमें संभावितों के ठिकानों पर दबिशें दे रही हैं।

राजस्थान के मुकाबले अकेला हाड़ौती
श्रवण ने पुलिस को बताया कि जब से उसने होश संभाला, तब से हथियार बना रहा है। राजस्थान में उसके हथियार कोटा, झालावाड़, बारां, निम्बाहेड़ा व चित्तौड़गढ़ जिलों के बड़े तस्करों को सप्लाई होते हैं। यहां से फिर दूसरे छोटे सप्लायर राज्यभर में पहुंचा देते हैं। श्रवण के मुताबिक राजस्थान में हथियारों की जितनी मांग है, उतनी तो अकेले हाड़ौती में है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कोटा में जिस व्यक्ति को यह असलाह सौंपना था, उसका नाम अभियुक्तों ने बता दिया है, गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

102 वर्ष की उम्र में एक वृद्ध पिता बना


दुनिया के सबसे OLDEST FATHER, 102 साल की उम्र में जवां सेक्स लाइफ


खरखौदा (सोनीपत)। हरियाणा के सोनीपत जिले में 102 वर्ष की उम्र में एक वृद्ध पिता बना है। रामजीत नामक वृद्ध की 52 वर्षीय पत्नी शकुंतला ने हाल ही में अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया है।

दुनिया के सबसे OLDEST FATHER, 102 साल की उम्र में जवां सेक्स लाइफ 
डिलीवरी खरखौदा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई। नवजात बच्चे का नाम रणजीत सिंह रखा गया है। दो साल पहले रामजीत के पहले बेटे विक्रमजीत का जन्म हुआ है।

रामजीत ने हरियाणा सरकार की वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत कार्ड भी बनवा रखा है। 12 साल पहले बने इस कार्ड में रामजीत की उम्र 90 साल लिखी गई है। पेंशन के रूप में उन्हें हर माह सरकार से साढ़े सात सौ रुपए मिलते हैं।

पांच मिनट 35 सेकेंड में अंतरिक्ष से धरती पर आए फेलिक्‍स


PHOTOS: पांच मिनट 35 सेकेंड में अंतरिक्ष से धरती पर आए फेलिक्‍स

रोजवेल (न्यू मेक्सिको). ऑस्ट्रिया के स्काई डाइवर फेलिक्स बामगार्टर ने इतिहास में अब तक की सबसे ऊंची छलांग लगाने का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने 1.28 लाख फीट की ऊंचाई से यह छलांग लगाई। इतनी ऊंचाई से कूदने की वजह से उन्होंने ध्वनि की रफ्तार को भी पीछे छोड़ दिया। वे हीलियम गैस से भरे गुब्बारे में बैठकर इस ऊंचाई तक पहुंचे थे। भारतीय समयानुसार उन्होंने यह छलांग रात 11:30 से 12 बजे के बीच लगाई।

ये रिकॉर्ड टूटे

ञ्च किसी व्यक्ति द्वारा सुपरसोनिक गति (मैक-1 मतलब 1225किमी प्रति घंटा) से गिरना

ञ्च सबसे ज्यादा ऊंचाई से गिरना : 1,28,000 फीट से

सबसे ज्यादा फ्री-फॉल : 5.35 मिनट (पुराना रिकॉर्ड : 4.36 मिनट)

ञ्च सबसे ऊंची मानवयुक्त गुब्बारा उड़ान : 1,20,000 फीट (पुराना रिकॉर्ड : 1,13,740 फीट)

रतिया रेप केस: बहनों समेत पीड़ित किशोरी को स्कूल प्रशासन ने निकाला



रतिया। गांव खाई की 13 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म के मामले में पीडि़त पिता ने आरोप लगाया है कि घटना के बाद उसकी तीन बेटियों को गांव के राजकीय माध्यमिक स्कूल से निकाल दिया गया है। इस खुलासे से स्कूल विवादों में घिर गया है। हालांकि मामला तूल पकडऩे पर स्कूल प्रशासन का कहना है कि पीडि़ता के पिता ने खुद ही लड़कियों को पढ़ाने से इनकार कर दिया था। जानकारी के मुताबिक 6 अक्टूबर को स्कूल से तीनों का नाम काटा गया।

 


किशोरी के पिता ने बताया कि उसकी दो बेटियां छठी और एक सातवीं कक्षा में पढ़ती थी। जैसे ही स्कूल प्रशासन को दुष्कर्म की घटना का पता चला तो तीनों का नाम काट दिया गया। पीडि़त के मुताबिक स्कूल का तर्क था कि ऐसी घटनाओं से स्कूल में माहौल खराब होता है। पीडि़त किशोरी की संगत से अन्य बच्चे बिगड़ सकते हैं। यही नहीं अन्य दो बेटियों के चरित्र पर शक करते हुए उनका भी नाम काट दिया। उस वक्त वह काफी दुखी था, इसलिए विरोध नहीं कर सका। वहीं स्कूल के मुख्य अध्यापक राज सिंह ने कहा कि स्कूल की तरफ से किसी छात्रा का नाम नहीं काटा गया। तीनों लड़कियों का पिता ही स्कूल में आया था और कहा कि वह अपनी बेटियों को नहीं पढ़ाना चाहता। उसकी इच्छानुसार ही बच्चियों को हटाया गया था।


पंचायत पर मामला दबाने का आरोप
पीडि़त किशोरी के पिता ने कहा कि वह मामले को पंचायत में भी ले गए थे, लेकिन गांव के 'चौधरीÓ लोगों ने इसको दबाने की कोशिश की। उनके मुताबिक पंचायत वालों ने आरोपी सोहनलाल व उसके परिवार वालों को बुलाया। बाद में पंचायत में लोग जबरन समझौता कराना चाहते थे। इसके लिए उसे 35 हजार की पेशकश की थी। लोगों ने उसे सामाजिक रूप से भी डराया। वहीं पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पीडि़ता के पिता के बयान दर्ज किए जाएंगे। उसके आधार पर उन लोगों पर भी कार्रवाई होगी, जो मामले को दबाने की फिराक में थे।



मुझे मामले की जानकारी नहीं है। जो भी मामला होगा उसे सुलझाया जाएगा।Ó
-मंजू गुप्ता, डीईओ, फतेहाबाद

जिन लड़कियों के नाम कटे हैं या काटे गए हैं। इसकी जांच होगी। परिवार अपनी बेटियों को स्कूल भेजना चाहता है तो उनको दाखिला मिलेगा। किसी तरह का अन्याय नहीं होगा।Ó-राजीव रतन, एडीसी

इधर, आरोपी 14 दिन की हिरासत में : किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी 65 वर्षीय सोहन लाल को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

बालोतरा राजस्थानी शिक्षक परिषद की कार्यकारिणी गठित



राजस्थानी शिक्षक परिषद की कार्यकारिणी गठित

बालोतरा अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के बाड़मेर-जैसलमेर संभाग उप पाटवी चंदनसिंह भाटी व बालोतरा उपखंड पाटवी भीखदान चारण के निर्देशानुसार राजस्थानी शिक्षक परिषद के अध्यक्ष तनसिंह जुगतावत ने घटक परिषद की कार्यकारिणी घोषित की। जुगतावत ने बताया कि कार्यकारिणी में संरक्षक मूलदान आशिया, पुखराज खारवाल व रेवतदान चारण को चुना गया। इसी प्रकार उपाध्यक्ष गजेंद्रसिंह जुगतावत व पृथ्वीसिंह रोहडिय़ा, महामंत्री चंदनसिंह चांदेसरा, महासचिव चंडीदान आशिया को चुना गया। वहीं मंत्री जेठूसिंह भाटी व नरपतसिंह बाणियावास, सचिव गोविंददान चारण व कुलदीप पंवार, सह सचिव तुलछाराम पटेल व किशोरदास संत, प्रवक्ता अशोक व्यास, सह प्रवक्ता ईकबाल मोहम्मद तथा सदस्यता प्रभारी बाबूलाल माली को चुना गया।

लालटेन की रोशनी में जीत लिया आसमान


लालटेन की रोशनी में जीत लिया आसमान


 बाड़मेर  आजादी के बाद से घर में बिजली नहीं आई। लालटेन की रोशनी घर का अंधेरा मिटाती है, लेकिन इस अंधेरे के बीच सुनहरे भविष्य का सपना संजोकर दिन रात मेहनत करने वाले एक ही गांव के छह युवक शिक्षक बन गए हैं। इनके अलावा गांव के पांच और युवक भी शिक्षक बने हैं। इस तरह एक ही गांव के एक साथ 11 युवक शिक्षक बने हैं जो अपने आप में मिसाल है। ये सभी अभावों से उठकर जिंदगी जीने वाले युवक हैं। गांव में पहली बार किसी को शिक्षक की नौकरी मिली है। 9 युवक किसान परिवार है तथा दो युवक ऐसे भी हैं जिन पर पूरे परिवार को पालने की जिम्मेदारी थी। ये खुशकिस्मत गांव है रावतसर। पहली बार एक साथ एक दर्जन युवकों के अध्यापक बनने से गांव में भी खुशी का माहौल है। रावतसर गांव में कई घरों तक आज भी बिजली नहीं पहुंच पाई है। लालटेन की इनकी रोशनी का सहारा है। बड़े बुजुर्ग पढ़े नहीं। अब जो पढ़ रहे हैं उनमें से कई लालटेन की रोशनी में ही पढ़ाई पूरी करते हैं। शिक्षक भर्ती की परीक्षा देने वाले युवकों ने भी ऐसी ही विकट परिस्थितियों में पढ़ाई कर परीक्षा दी। गांव के इन युवकों ने कॉलेज की पढ़ाई बाड़मेर से की, लेकिन घर की जरूरतों के कारण उन्हें गांव में ज्यादा रहना पड़ा। इन्होंने लालटेन की रोशनी में प्रतिदिन सात से आठ घंटे पढा़ई कर अपना लोहा मनवाया।

अच्छी खबर : आजादी के बाद पहली बार एक ही गांव के 11 युवक एक साथ बने अध्यापक, सात के घरों में बिजली तक नहीं, लालटेन की रोशनी के सहारे की पढ़ाई





जैसलमेर पैसे वालों के लिए जवाहर कॉलोनी !


जैसलमेर   पैसे वालों के लिए जवाहर कॉलोनी !


जैसलमेर  नगरपरिषद की जवाहर लाल नेहरू आवासीय योजना पैसे वालों के लिए तैयार की गई हैं। कॉलोनी का तैयार किया गया प्लान शायद यही साबित कर रहा है। आम आदमी के साथ इस आवासीय योजना में छलावा किया गया है। कॉलोनी के नियम व शर्ते शायद यही बयां कर रही है। हालांकि इस योजना में सरकारी कर्मचारियों के लिए भूखंड आरक्षित है लेकिन उनकी तनख्वाह को ही ध्यान में रखकर आवंटन प्रक्रिया तैयार की गई है जिससे अल्प आय वर्ग के लोग इससे दूर होते नजर आ रहे हैं।

जवाहर लाल नेहरू आवासीय योजना में कुल 1 हजार 97 भूखंड लॉटरी से आवंटित किए जाएंगे। आवेदन प्रक्रिया 2 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है। इसमें 30 गुणा 60 के 744 और 25 गुणा 50 के 353 भूखंड है। नगरपरिषद की शर्तों में 20 हजार से ज्यादा आय वाले 30 गुणा 60 के लिए आवेदन कर सकते हैं और उससे कम आय वाले 25 गुणा 50 वाले भूखंड के लिए। ऐसे में साफ जाहिर हो रहा है कि अधिक आय वालों को ध्यान में रखकर ही यह योजना बनाई गई है। यदि ऐसा नहीं होता तो 30 गुणा 60 के भूखंड ज्यादा क्यों रखे गए हैं और 25 गुणा 50 के भूखंडों की संख्या कम क्यों है। नगरपरिषद की इस एक मात्र शर्त की वजह से हजारों लोग 30 गुणा 60 के भूखंड के लिए आवेदन करने से ही वंचित रह जाएंगे।

आम आदमी के साथ छलावा साबित हो रही है, जिसकी तनख्वाह अच्छी है उनको ध्यान में रखकर कॉलोनी का प्लान तय किया गया है



20 हजार से अधिक तनख्वाह वालों के लिए मौका

नगरपरिषद की इस आवासीय योजना में 20 हजार से ज्यादा तनख्वाह पाने वालों के पास अधिक मौका है। क्योंकि 1097 भूखंडों में 744 भूखंड 30 गुणा 60 के है जिसके लिए 20 हजार से अधिक तनख्वाह वाला ही आवेदन कर सकता है। जो लोग इंकम टैक्स के दायरे में आते हैं वे ही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि नगरपरिषद को आम आदमी के लिए यह आवासीय योजना तैयार करनी होती तो 25 गुणा 50 के भूखंडों की संख्या ज्यादा रखते या फिर 20 हजार से अधिक तनख्वाह वाली शर्त नहीं रखते।

और इधर 45 हजार से ज्यादा वाला आवेदन ही नहीं कर सकता

दूसरी तरफ 45 हजार से ज्यादा जिसकी आय है वह इस आवासीय योजना में आवेदन ही नहीं कर सकता है। एक तरफ 20 हजार से अधिक आय रखी गई है तो दूसरी 45 हजार तक सीमित आय रखी गई है। ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिनकी आय 45 हजार से अधिक है और ऐसे भी मामले हैं जिनमें पति पत्नी की आय 45 हजार से ज्यादा है, तो ये सब इस प्रस्तावित योजना से वंचित रह जाएंगे।




10 हजार से अधिक आवेदन बिके

जवाहर लाल नेहरू कॉलोनी के प्रति जैसलमेरवासियों सहित बाहरी लोगों में भी जबरदस्त क्रेज नजर आ रहा है। 10 दिनों में लगभग 10 हजार से अधिक आवेदन बिक चुके हैं। उम्मीद लगाई जा रही है कि 1097 भूखंडों के लिए 50 हजार से भी अधिक आवेदन होंगे। वर्तमान में आवेदन लेने के लिए जहां बैंकों में भीड़ उमड़ रही है वहीं मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भी तहसील कार्यालय में लोग पहुंच रहे हैं। बिना मूल निवास के आवेदन नहीं किया जा सकता है।

॥पूर्व में कई कॉलोनियां काटी गई है वह आम आदमी के लिए ही थी। इसमें सीनियर टाउन प्लानर द्वारा जो नक्शा तैयार किया गया है उसमें बड़े भूखंड ज्यादा है। आय के संबंध में जो नोम्र्स है उनके अनुसार ही शर्ते रखी गई है। फिर भी मामले को दिखवाएंगे। ञ्जञ्ज

आर.के. माहेश्वरी, आयुक्त, नगरपरिषद

रविवार, 14 अक्टूबर 2012

शारदीय नवरात्री (अक्तूबर,2012 )का घट/कलश स्थापना मुहूर्त ----

शारदीय नवरात्री (अक्तूबर,2012 )का घट/कलश स्थापना मुहूर्त ----


पंडित दयानन्द शास्त्री

आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है. आश्विन शुक्लपक्ष प्रथमा को कलश की स्थापना के साथ ही भक्तों की आस्था का प्रमुख त्यौहार शारदीय नवरात्र आरम्भ हो जाता है. ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुशास्त्री पंडित दयानंद शास्त्री(मोब.--09024390067) के अनुसार नौ दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में मां भगवती के नौ रूपों क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री देवी की पूजा की जाती है. यह महापर्व सम्पूर्ण भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इन दिनों भक्तों को प्रातः काल स्नानादि क्रियाओं से निवृत्त होकर निष्कामपरक संकल्प कर पूजा स्थान को गोमय से लीपकर पवित्र कर लेना चाहिए और फिर षोडशोपचार विधि से माता के स्वरूपों की पूजा करना चाहिए. पूजा करने के उपरान्त इस मंत्र द्वारा माता की प्रार्थना करना चाहिए-

विधेहि देवि कल्याणं विधेहि परमांश्रियम्| रूपंदेहि जयंदेहि यशोदेहि द्विषोजहि||

ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुशास्त्री पंडित दयानंद शास्त्री(मोब.--09024390067) के अनुसार नवरात्र माता की उपासना करने का विशेष समय होता है। इन नौ दिनों में सभी तन-मन से माता की आराधना करते हैं। इस त्योहार की शुरुआत अश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा से होता है। अगर आप भी माता की आराधना कर आपकी मनोकामना पूरी करना चाहते हैं तो नीचे लिखे गए तरीके से माता की स्थापना करें-

घट स्थापना :-
नवरात्र का श्रीगणेश शुक्ल पतिपदा को प्रात:काल के शुभमहूर्त में घट स्थापना से होता है। घट स्थापना हेतु मिट्टी अथवा साधना के अनुकूल धातु का कलश लेकर उसमे पूर्ण रूप से जल एवं गंगाजल भर कर कलश के ऊपर नारियल को लाल वस्त्र/चुनरी से लपेट कर अशोक वृक्ष या आम के पाँच पत्तो सहित रखना चाहिए। पवित्र मिट्टी में जौ के दाने तथा जल मिलाकर वेदिका का निर्माण के पश्चात उसके उपर कलश स्थापित करें। स्थापित घट पर वरूण देव का आह्वान कर पूजन सम्पन्न करना चाहिए।

घट स्थापना व पूजा प्रारंभ :----
इस वर्ष शारदीय नवरात्रों की शुरुआत 16 अक्टूबर से मंगलवार के दिन मंगल के ही नक्षत्र चित्रा से हो रही है। चित्रा नक्षत्र में कलश स्थापना करना अशुभ माना जाता है। अत सुबह स्वाति नक्षत्र में कलश की स्थापना करे जो की छह बजकर 45 मिनट पर शुरू हो जाएगा। वैसे कलश लाभ की चौघडि़या व अभिजीत मुहूर्त में स्थापना करना चाहिए।
मंगलवार को अश्विनी शुक्ल प्रतिपदा है। इसी दिन घट स्थापना होगी। सुबह 9.18 बजे से सुबह 11.07 बजे तक घट स्थापना का श्रेष्ठ समय है। इस समय स्थिर लग्न वृश्चिक और चर और लाभ के श्रेष्ठ चौघड़िया हैं। इस बार चतुर्थी तिथि का क्षय हो रहा है, जिसके चलते तृतीया और चतुर्थी एक ही दिन 18 अक्तूबर को मनाई जाएगी। 23 अक्तूबर तक नवरात्र चलेंगे।
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11.30 बजे से दुपहर 12.30 बजे तक
स्थिर लग्न में स्थापना करें-
ज्योतिष के अनुसार स्थिर लग्न में किए हुए कार्य पूर्ण होते है, शुभ फल देने वाले होते है। साथ ही किए हुए कार्य का प्रभाव भी स्थायी होता है। इसलिए शुभ कार्यों को करने से पहलें स्थिर लग्न का विचार किया जाता।घट स्थापना का शुभ समय: ---स्थिर लग्न - सुबह 9.18 बजे से 11.07 बजे तक
राहुकाल में स्थापना न करें-
ज्योतिष के अनुसार राहुकाल को अशुभ समय माना जाता है एवं ऐसा माना जाता है कि इस काल में किया हुआ कार्य अशुभ फल देता है। इस दिन
राहुकाल- प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक रहेगा।(16 अक्तूबर,2012 को मंगलवार)




नवरात्रों में कमी आना शुभ नहीं माना जाता। वहीं नवरात्र पर्व का आरंभ 16 अक्टूबर से हो रहा है और इसका समापन 23 अक्टूबर को होगा।

इसलिए हुई तिथियों में घट-बढ़----

ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुशास्त्री पंडित दयानंद शास्त्री(मोब.--09024390067 ) के अनुसार तिथियां सूर्य-चंद्रमा की गति से संबंध रखती हैं।

जब सूर्य चंद्र की गति का अंतर अधिक रहता है तब चंद्रमा 15 दिनों के बजाय 14 दिन में ही सूर्य के सम्मुख आ जाता है।

यदि गति का अंतर धीमा हो तो 16 दिन भी लग जाते हैं। सूर्य-चंद्र की यही गति तिथियों की घट-बढ़ का प्रमुख कारण होती है।

इस दफा दो नवरात्र एक ही दिन-----

इस वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरुआत 16 अक्टूबर से मंगलवार के दिन मंगल के ही नक्षत्र चित्रा से हो रही है । 16 अक्टूबर को घटस्थापना के साथ शारदीय नवरात्रि शुरू होगी।

ज्यादातर पंचांग तृतीया व चतुर्थी एक ही दिन बता रहे हैं। कुछ में पंचमी व षष्ठमी एक ही दिन बताई गई है। ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुशास्त्री पंडित दयानंद

शास्त्री(मोब.--09024390067 ) के अनुसार 18 अक्टूबर को तृतीया सुबह 7.45 बजे तक है।

बाद में चतुर्थी होगी। 22 को दूर्गा अष्टमी मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुशास्त्री पंडित दयानंद शास्त्री(मोब.--09024390067) के अनुसार भारतीय संस्कृति में आराधना और साधना करने के लिए नवरात्र पर्व को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। जहां अन्य त्योहार होली, दीवाली, ग्रहण आदि में समय बहुत कम होता है, वहीं नवरात्र अपेक्षाकृत दीर्घकालिक होते हैं।
मूर्ति या तस्वीर स्थापना:- माँ दुगा की मूर्ती या तसवीर को लकड़ी की चौकी पर लाल अथवा पीले वस्त्र(अपनी सुविधानुसार) के उपर स्थापित करना चाहिए। जल से स्नान के बाद, मौली चढ़ाते हुए, रोली अक्षत(बिना टूटा हुआ चावल), धूप दीप एवं नैवेध से पूजा अर्चना करना चाहिए।

आसन:- लाल अथवा सफेद आसन पूरब की ओर बैठकर नवरात्रि करने वाले विशेष को पूजा, मंत्र जप, हवन एवं अनुष्ठान करना चाहिए।

कुलदेवी का पूजन:- हर परिवार में मान्यता अनुसार जो भी कुलदेवी है उनका श्रद्धा-भक्ति के साथ पूजा अर्चना करना चाहिए।


ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुशास्त्री पंडित दयानंद शास्त्री(मोब.--09024390067 ) के अनुसार वर्ष 2012 में यह व्रत 16 अक्टूबर से शुरु होकर 23 अक्तूबर तक रहेगे़. व्रत का संकल्प लेने के बाद पंडित से या स्वयं मिटटी की वेदी बनाकर जौ बौया जाता है. इसी वेदी पर घट स्थापित किया जाता है. घट के ऊपर कुल देवी की प्रतिमा स्थापित कर उसका पूजन किया जाता है. तथा "दुर्गा सप्तशती" का पाठ किया जाता है. पाठ पूजन के समय दीप अखंड जलता रहना चाहिए. वैष्णव लोग राम की मूर्ति स्थापित कर रामायण का पाठ करते हुए इस व्रत को करते है. कहीं कहीं नवरात्रे भर रामलीलाएं भी होती है.

देवी पूजा में इनका रखे ध्यान :-----
ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुशास्त्री पंडित दयानंद शास्त्री(मोब.--09024390067 ) के अनुसार इन नवरात्रों में रखें की कोई असावधानी न हो, दुर्गा पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है जैसे एक घर में दुर्गा की तीन मूर्तियां न हों अर्थात देवी की तीन प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा, पूजन न करें। देवी के स्थान पर वंशवाध, शहनाई का घोष नहीं करना चाहिए तथा दुर्गा पूजन में दूर्वा अर्थात दूब का प्रयोग नहीं करना चाहिए। दुर्गा आवाहन के समय बिल्वपत्र, बिल्व शाखा, त्रिशूल, श्रीफल का प्रयोग करना चाहिए। पूजन में सुगंधहीन व विषैले फूल न चढ़ाए बल्कि लाल फूल मां को प्रिय हैं। रात्रि में कलश स्थापना नही करनी चाहिए। मां दुर्गा को लाल वस्त्र पहनाए और उनका मुख उत्तर दिशा की तरफ कदापि न करें। विभिन्न लग्न, मुहूर्तो में मंत्र जाप और उपासना का विशिष्ट फल मिलता है जैसे मेष, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुम्भ में एश्वर्य, धन लाभ, स्वर्ण प्राप्ति और सिद्धि मिलती है। परंतु वृष, मिथुन, सिंह, धनू, मीन लग्न में अपमान, मृत्यु, धन नाश और दुखों की प्राप्ति होती है।

आरक्षण में छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं:



आरक्षण में छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं:
अनुसूचित जाति जनजाति संगठनों का प्रदेश स्तरीय महासम्मेलन आयोजित
मंच से हुई प्रदेश में तीसरे राजनीतिक मोर्चे की घोषणा, दिल्ली की रैली ताकत दिखाने का आव्हान  
बाड़मेर।

पिछले 65 सालों से प्रदेश में भाजपा एवं कांग्रेस ने दलितों को सिर्फ ठगा हैं। उन्होंने दलित समाज का उपयोग सिर्फ वोटबैंक के रूप में करके सदैव उनका शोषण किया हैं। दलित समाज द्वारा इन पार्टियों का हर मुद्दे पर समर्थन के बावजुद दोनो ही पार्टिया ने सिर्फ इनका इस्तेमाल किया हैं। लेकिन अब यह यहीं होने दिया जाएगा। दलितों को उनका हक मिलकर रहेगा और इसके लिए प्रदेश में तीसरे मोर्चे का उदय होना जरूरी हैं। यह बात अनुसूचित जाति जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उदित राज ने रविवार को आयोजित परिसंघ के संगठनों के प्रदेश स्तरीय महासम्मेलन में मुख्य अतिथी के रूप में कही।

उदित राज ने कहा कि अब वक्त आ गया हैं और दलित समाज को एक जुट होना होगा। इसके लिए अनुसूचित जातिजनजाति एवं आदिवासी समाज के लोगो को एक मंच पर आना होगा। इनकी एकजुटता से प्रदेश में सता परिवर्तन को कोई नहीं रोक सकता। उन्होने कहा कि आरक्षण में छेड़छाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उल्टा संगठन अपनी मुहिम चलाकर आने वाले दिनों में निजी क्षेत्रों एवं न्यायपालिका में भी आरक्षण की मांग को मनवा कर ही रहेगी। कार्यक्रम अध्यक्ष दौसा सांसद किरोणीलाल मीणा ने कहा कि प्रदेश का दलित समाज कांगे्रस एवं भाजपा राज के शोषण से तंग आ चुका हैं। दोनो ही पार्टियों ने दलित समाज को चुसने का काम किया हैं। उन्होंने वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए कहा कि गुर्जरों को आरक्षण के मामले में जब उन्होंने वसुंधरा को आंख दिखाई तो वसुंधरा राजे ने उनके खिलाफ षड़यंत्र रचकर उन्हें पार्टी से निकलवा दिया। साथ ही भाजपा ने भी उनकी तीस साल की मेहनत का उन्हें कोई महत्व नहीं दिया। लेकिन इसका नतीजा वसुंधरा को गत चुनावों में हमने दिखा दिया। वहीं कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी वसुंधरा से मिले हुए हैं और वसुंधरा पर लगे भ्रष्ट्राचार के आरोपो की सही जांच करने की बजाए गहलोत एवं वसुंधरा में समझोता हो गया हैं। अब गहलोत वसुंधरा के काले कारनामो को उजागर नहीं करेगे और बदले में वसुंधरा गहलोत सरकार की खिलाफत नहीं करेगी। इस खेल को दलित समाज को समझना होगा और उन्हें दोनो ही पार्टियों को प्रदेश से उखाड़ते हुए तीसरे मोर्चे को सता दिलानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 65 सालों में हर वर्ग के लोगो ने राज किया तो फिर दलित समाज का कोई मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता। इसलिए संगठन का एक ही लक्ष्य हैं कि अगला मुख्यमंत्री दलित समाज से ही होगा।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथी एवं वक्ता जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. गंगासहाय मीणा ने आरक्षण के मामले में अदालतो के आ रहे निर्णयों को अदालती निर्णय की बजाए अदालतो में बैठे स्वर्ण जाति के लोगो के व्यक्तिगत निर्णय बताए। उन्होंने कहा कि इस तरह के निर्णय न्यायपालिका की छवि को धूमिल कर रहे हैं। उन्होंने निजी क्षेत्र में आरक्षण के साथ ही न्यायपालिका में भी आरक्षण की बात कही। उन्होंने कहा कि जब तक इन उच्च पदों पर दलित समाज के लोग नहीं होगे तब तक दलित विरोधी निर्णय यह लोग करते रहेगे। उन्होंने प्रमोशन में आरक्षण के मसले पर बात करते हुए कहा कि अब दलीले दी जा रही हैं कि निम्न तबके का कर्मचारी आज उनका अधिकारी बनकर आदेश देगा। इसका यही मतलब हैं कि आज भी स्वर्ण जाति के लोगो की सोच दकियानुसी हैं और वह दलित समाज के लोगो को आगे आने ही नहीं देना चाहते हैं। यही कारण हैं कि वह लोग पदोन्नति में आरक्षण का विरोध कर रहे हैं।

परिसंघ के सम्मेलन में परिसंघ के राष्ट्रीय सलाहकार विशिष्टि अतिथी जुथिका बैनर्जी, राष्ट्रीय महामंत्री लूणचंद सिनवारिया, बाड़मेर प्रधान धाई देवी, शिक्षा विभाग के पूर्व अतिरिक्त निदेशक सोहनलाल सिंघारिया, सेवानिवृत आरएएस पी.एस.राठौड़, मीणा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मीणा सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर भोजाराम मंगल, मिश्रीमल जेलिया सहित करीब छः हजार से अधिक विभिन्न क्षेत्रों से आए दलित समाज के लोग मौजुद थे।