रविवार, 5 अगस्त 2012

संपत्ति की लड़ाई,बहन को बताया कॉलगर्ल

संपत्ति की लड़ाई,बहन को बताया कॉलगर्ल
मुंबई। देशभर में रक्षा बंधन का त्योहार धूमधाम से मना। बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर रखी बांधी। वहीं अमरीका में रहने वाली कुसुम हरसोरा (52) ने गुरूवार का दिन अपने एक भाई प्रदीप (48) के खिलाफ शिकायत करने में गुजारा। कुसुम ने शिकायत की है कि प्रदीप ने अपने दोस्तों में एक एसएमएस भेजा है जिसमें कहा है कि उसकी बहन एक कॉलगर्ल है।

कुसुम और उनकी मां का आरोप है कि प्रदीप अपनी बहन को इसलिए प्रताडित कर रहा है
ताकि वह परिवार की 300 करोड़ रूपए की संपत्ति हड़प सके। कुसुम आर्किटेक्चर में आने से पहले एक व्यावसायिक एअरलाइन में पायलट थीं। यह पता लगने पर कि प्रदीप अपनी मां को भोजन व दवाएं नहीं दे रहा है कुसुम अमरीका से लौट आई। कुसुम महालक्ष्मी में रह रही हैं।

कुसुम ने कहा कि उसने खुले में आने का फैसला अपने भाई को पाठ पढ़ाने के लिए किया है। एक अखबार के अनुसार कुसुम यह पीड़ा पिछले दो साल से सह रही है। इस दौरान उसे वक्त बेवक्त करीब 40 कॉल आए। कुछ ने तो अपने सही नाम भी बताए। इनमें एक कॉलर तो एक पूर्व पुलिस अधिकारी का था।

एक पुलिस का रिटायर्ड एसीपी था। सभी कॉल सैक्स की बातें करने के लिए आते थे। वे मुझे हाई प्रोफाइल प्रोस्टीट्यूट समझ रहे थे। इस पर मैं कुछ कॉलर्स से मिली तो उन्होंने बताया कि उन्हें मेरा नंबर मेरे भाई से मिला।

जब मानसिक पीड़ा हद से गुजर गई तो कुसुम की मां ने प्रदीप के खिलाफ पुलिस में शिकायत की। कुसुम के अलावा विधवा पुष्पा के तीन बेटे हैं। पुष्पा ने अपनी शिकायत में कहा है कि प्रदीप ने उसे खाना व दवाएं देना बंद कर दिया है। प्रदीप को लगता है कि कुसुम संपत्ति में हिस्सा लेने यहां आ गई है इसलिए वह उसे प्रताडित कर रहा है। परिवार इससे पहले भी प्रदीप के खिलाफ शिकायत कर चुका है। वह कोर्ट भी जा चुका है।

वहीं प्रदीप का कहना है कि वे शिकायत करने के आदी हैं। मेरी मां को अंग्रेजी नहीं आती। कुसुम और मेरा भाई जितेंद्र मेरे खिलाफ शिकायत कर रहे हैं। वे संपत्ति के लिए ऎसा कर रहे हैं।

वहीं प्रदीप का कहना है कि वे शिकायत करने के आदी हैं। मेरी मां को अंग्रेजी नहीं आती। कुसुम और मेरा भाई जितेंद्र मेरे खिलाफ शिकायत कर रहे हैं। वे संपत्ति के लिए ऎसा कर रहे हैं।

तृणमूल नेता ने छात्राओं से किया दुष्‍कर्म, महिला टीचर ने उतरवाए कपड़े

कोलकाता. पश्चिम बंगाल की पहली महिला सीएम ममता बनर्जी के राज्‍य में महिलाओं के प्रति होने वाले अत्‍याचार की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। राज्‍य के मालदा जिले में छात्राओं के साथ दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया है, वहीं वीरभूम जिले में दो स्‍कूल टीचर पर एक छात्रा के कपड़े उतरवाकर तलाशी लेने का आरोप है।
 
मालदा जिले के कलियाचक स्थित एसएस प्‍वाइंट रेजिडेंसियल स्‍कूल की हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने प्रिंसिपल नाजिब शेख पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। मामला तब सामने आया जब सातवीं में पढ़ने वाली एक छात्रा के पिता ने पुलिस स्‍टेशन में शिकायत दर्ज कराई। प्रिंसिपल पर आरोप है कि उसने लड़कियों को शराब पिलाकर उनके साथ दुष्कर्म किया। आरोपी प्रिंसिपल सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा बताया जा रहा है।

खांसी की दवा के नाम पर दी शराब
इस स्कूल के हॉस्टल में 30 छात्राएं रहती हैं। आरोप है कि हॉस्टल इंचार्ज नाजिब अली भी उन लड़कियों के साथ अक्सर दुष्कर्म करता था। शुक्रवार दोपहर को सातवीं की एक छात्रा को खांसी आनी शुरू हुई। खांसी की दवा देने के नाम पर प्रिंसिपल ने उसे शराब पिला दी। इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया। लड़की की तबीयत खराब होने की खबर पर उसके पिता हॉस्टल पहंचे। तब बेटी ने पिता को आपबीती बताई। इसके बाद सभी छात्राओं को लेकर वह शुक्रवार रात थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस जब हॉस्‍टल में गई तो वहां रहने वाली अन्‍य छात्राओं ने भी प्रिंसिपल पर ऐसे आरोप लगाए।

घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए थाने का घेराव किया। उनका आरोप था कि आरोपी सत्तारूढ़ दल से जुड़ा हुआ है, इसलिए पुलिस कार्रवाई से बच रही है। आरोपी प्रिंसिपल अब भी फरार है। समाज कल्‍याण मंत्री सावित्री मित्रा ने माल्‍दा के डीएम और एसपी से मामले की जांच करने को कहा है।

कपड़ा उतरवाने वाली टीचर को बेल
वीरभूम जिले के सिउड़ी थाना स्थित कालीगति स्मृति नारी शिक्षा निकेतन स्कूल की दसवीं की छात्रा ने दो महिला टीचर पर कपड़ा उतरवाकर तलाशी लेने का आरोप लगाया है। पुलिस ने आरोपी महिला टीचर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई।

नारायण बारेठ.....राम-रहीम आश्रमः आरती-अज़ान में फ़र्क़ नहीं

नारायण बारेठ का बी बी सी में आज प्रकाशित विशेष आलेख साभार 

नारायण बारेठ
जयपुर से बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए

ना कोई उनकी माली हैसियत है और न ही वो बड़ी सामाजिक हस्ती है. लेकिन राजस्थान के भीलवाड़ा में गोपाल जाट और मोहम्मद उमर मंसूरी का ‘राम रहीम सेवा दल’ बुजुर्ग और बे-सहारा औरतो के लिए एक मिसाल बना हुआ है.

वे इन उपेक्षित महिलाओं को तीर्थ यात्रा पर ले जाते है. साथ ही, रोज़मर्रा की ज़िंदगी में किसी बेटे की मांनिद ख़िदमत भी करते हैं. अभी उनकी देखभाल में 32 महिलाएं हैं.इन महिलाओं की सेवा ख़ुद गोपाल और मंसूरी के लिए तीर्थ बन गया है. इनमें गोपाल भीलवाड़ा में पारचून की दुकान पर साढ़े चार हज़ार मासिक पगार के वेतन भोगी है तो मंसूरी पहले धानमंडी में हम्माल थे, अब वेल्डिंग का काम करते है.
मदद की चाहत

वे धनवान लोगों से मदद की गुहार करते हैं और इन महिलाओं की ख़िदमत करते है. वहां हर जाति-धर्म और सामाजिक दर्जे की महिलाएं हैं.इन महिलाओं की जुबान पर गाँधी का प्रिय भजन 'इश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सम्मति दे भगवान' गुंजता रहता है.

ये महिलाएं गोपाल और मंसूरी के साथ एक बस में सवार होकर हिन्दू धर्म स्थलों और इस्लाम में पवित्र मानी गई इबादतगाहों की यात्रा कर चुकी हैं.

प्रेम देवी ने अजमेर दरगाह में ज़ियारत की तो शरीफान ने हिन्दू तीर्थ पुष्कर में उनका साथ दिया.

इन महिलाओं में ज्यादातर ग़रीब परिवारों से है. किसी को परिवार ने निकाल दिया तो किसी का कोई परवरिश करने वाला नहीं है.
'सगे हैं दोनों'


राम रहीम आश्रम में तीस महिलाएं रहती हैं

मगर गोपाल और मंसूरी इन बेसहारा औरतों के लिए किसी बेटे से कम नहीं हैं.

प्रेम देवी के परिवार में अब कोई नहीं है,'' हम इन दोनों का एहसान नहीं भूल सकते. ये हमें तीर्थ ले जाते है, खाने-पीने का ख्याल रखते है. बीमार हो तो दवा का इंतज़ाम करते है.”

शरीफन के पति अब इस दुनिया में नहीं है और बेटा दुर्घटना में चल बसा. शरीफन की नज़र कमज़ोर है.मगर उनकी निगाह में गोपाल और मंसूरी बेटे की तरह बसे रहते हैं,गोया ये दोनों ही उनकी आँखे हो गई हो.

शरीफन के अनुसार, “हमारे लिए ये बेटे हैं, भाई हैं.ये हमारी ख़िदमत करते हैं.हिन्दू या मुस्लिम की कोई बात नहीं. ये दोनों तो हमारे सगे बेटे जैसे हैं. जब भी ख्याल आता है, इन दोनों के लिये दिल से दुआ निकलती है.”

बोली देवी को बेटों ने उन्हें अपने भाग्य पर छोड़ दिया. वो कहती हैं, “ये दोनों हमें हरिद्वार, रामदेवरा, शिव मंदिर, जोगनिया माता और दरगाहों पर यात्रा करा लाए, ये बड़ा पुण्य का काम है. ये न केवल रोटी देते हैं, बल्कि अपनों से भी ज्यादा ख्याल रखते हैं.”



"कोई दस साल पहले मैंने देखा कि दो-तीन गरीब औरतों को उनकी संतान ने घरों से निकल दिया. वो बे-सहरा थी, मैं उनका सहारा बना.फिर मैंने पांच औरतों के साथ ये काम शुरू किया, आज कोई बत्तीस महिलाएं हैं जिनकी हम सेवा कर रहे हैं. इनमे चौदह मुस्लिम हैं, बाकी हिन्दू हैं"


राम रहीम चलाने वाले गोपाल

कोई दस साल पहले गोपाल जाट ने ये काम शुरू किया था. उन्हें किसी राजनेता ने ऐसी सीख नहीं दी, न ही उन्होंने किसी सियासी पार्टी का 'घोषणा पत्र' पढ़ी. भारत की उदात्त सामाजिक परम्परा की विरासत उन्हें इस मुकाम पर ले गई.
बेसहारा का सहारा

गोपाल इसे तफ़सील से बताते हैं, ''कोई दस साल पहले मैंने देखा कि दो-तीन ग़रीब औरतों को उनकी संतान ने घरों से निकल दिया. वो बे-सहरा थी, मैं उनका सहारा बना.फिर मैंने पांच औरतों के साथ ये काम शुरू किया, आज कोई बत्तीस महिलाएं हैं जिनकी हम सेवा कर रहे हैं. इनमे चौदह मुस्लिम हैं, बाक़ी हिन्दू हैं.”

गोपाल बताते हैं कि वो दानदाताओं के आगे झोली फैलाते हैं, इनके लिए भोजन- सामग्री, कपड़े, दवा आदि का इंतज़ाम करते हैं.

भीलवाड़ा ने साम्प्रदायिक तनाव के लम्हे बहुत देखे हैं. कोई वहां नफ़रत की इबारत लिखता है तो कोई मुहब्बत का पैग़ाम पढ़ता है.

मोहम्मद उमर मंसूरी पहले हम्माली करते थे, बोझा उठाते थे. अब तरक्की हुई तो वेल्डिंग करने लगे.

वो गोपाल की इस सद्भाव यात्रा के प्रमुख सिपाही है. मंसूरी अपनी भूमिका बताते हैं, ''गोपाल जो मुझे काम बताते हैं, मैं करता चला जाता हूं. इससे सुकून मिलता है.धर्म की कोई बात नहीं, राम और रहीम एक ही हैं. ख़ून सबका एक है, अच्छे लोग कभी भेदभाव की बात नहीं करते. इसीलिए हमने 'राम रहीम' नाम रखा ताकि दुनिया को लगे कि हम सब एक है.”

ना कोई धर्म का भेद,न उंच-नीच की दीवारें.ये औरतें मन्दिर, देवरे, दरगाह और खानकाहो पर साथ गईं. किसी ने नहीं कहा कि इश्वर बड़ा है या अल्लाह .क्योंकि माँ का धर्म तो ममता और मानवता होता है. इनमें से एक बेगम कहती है, “हमें कभी यह नहीं लगा कि हम अलग-अलग धर्म के हैं.”

उम्र के इस पड़ाव पर इन औरतों के सामने अँधेरा था. वे एकाकी थीं,उपेक्षित थीं. मगर जब राम और रहीम मिले तो हर माँ के चेहरे की सलवटें रोशनी से भर गई. फिर इन औरतों ने समवेत स्वर में गाया तो लगा आरती और अज़ान की आवाज़ में कोई फ़ासला नहीं होता.

जबरन शादियों का दंश झेलते मंदबुद्धि लोग

बी बी सी सेसाभार 

ब्रिटेन में जबरन शादियां सरकार के लिए सिरदर्द बनती जा रही हैं. इनमें उन मंदबुद्धि लोगों के मामले भी शामिल हैं जिनका भला करने के चक्कर में माता पिता उनकी शादियां तो करा देते हैं लेकिन बाद में उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है.जबरन शादी के मामलों से जुड़ी ब्रितानी सरकार की इकाई का कहना है कि उसके पास आने वाले ऐसे मामलों की तादाद बढ़ती जा रही है जहां मानसिक रुप से विक्षिप्त व्यस्कों की शादियां उनके माता पिता की मर्जी से करा दी जाती हैं. पिछले साल इस तरह के 56 मामले देखने को मिले.ब्रिटेन में मंदबुद्धि लोगों के लिए काम करने वाली संस्था 'मेनटल केपेबिलिटीज़' से जुड़े मार्क गोल्डरिंग बताते हैं कि इन शादियों को रोक पाना भी बहुत मुश्किल है. उनके मुताबिक, "ऐसी बहुत सी शादियां देश से बाहर होती हैं. इसलिए शादी होने के बाद ही समुदाय को उसके बारे में पता चल पाता है."

इन मामलों में कई बार पैसे लेकर लोगों को ब्रिटेन लाया जाता है तो कभी माता पिता को अपने मंदबुद्धि बच्चे के लिए जीवनसाथी के साथ-साथ तीमारदार की जरूरत होती है. माता पिता सोचते हैं कि उनके न रहने पर उनके बच्चे का ध्यान रखने वाला कोई तो होना चाहिए.

तीमारदार की जरूरत
आमना (बदला हुआ नाम) की उम्र 53 साल है. वो खुद भी बीमार रहती हैं. लेकिन उनका 33 साल का मंदबुद्धि बेटा है जिसे 24 घंटे देखभाल की जरूरत पड़ती है. उन्होंने अपने इस बेटे के लिए पाकिस्तान में एक दुल्हन तलाश ली है.वो कहती हैं, “उसकी उम्र 20 साल के आसपास है. वो मेरे बेटे से शादी करेगी. वो पूरी तरह ठीक ठाक है और मेरी रिश्तेदार नहीं है. दरअसल हमने उनके परिवार को बता दिया है कि हमारा बेटा मंदबुद्धि है और उन्हें ये बात स्वीकार है.”आमना को उम्मीद है कि बहू के आने पर वो उनके बेटे का अच्छी तरह ध्यान रखेगी. इससे खुद उन्हें भी कुछ आराम मिलेगा. आगे वो कहती हैं, “लेकिन हमने किसी को नहीं बताया है कि उसकी मंगनी हो गई है.”

ज्यादातर परिवारों को लगता है कि वे अपने बच्चों का भला सोच रहे हैं लेकिन जानकारों की राय है कि ऐसी कुछ शादियां एक भयानक गलती साबित होती हैं, जहां विकलांग व्यक्ति को शारीरिक, भावनात्मक और यौन शोषण झेलना पड़ता है.
जबरन शादी के नतीजे

कई मंदबुद्धि लोगों को बर्बर तरीके से निशाना बनाया जाता है जबकि इस तरह की शादियों को ब्रिटेन का वीजा हासिल करने का जरिया भी माना जाता है. मैंडी संघेरा वकील हैं और पिछले 20 साल से वो दक्षिण एशियाई समुदाय के लोगों के काफी मामलों को देख चुकी हैं.वो एक मामला बताती हैं, “ब्रिटेन आए एक युवक का वीजा खत्म हो रहा था और वो यहीं रहना चाहता था, तो उसने एक ऐसे परिवार से संपर्क किया जिनकी बेटी मंबुद्धि थी. परिवार ने सोचा कि अपनी बेटी की शादी उस युवक से कर दी जाए. इससे दोनों का फायदा होगा जहां उनकी बेटी को जीवनसाथी मिल जाएगा, वहीं इस युवक को ब्रिटेन का वीजा बढ़ जाएगा.”

लेकिन बाद में उस युवक ने रोज़ अपनी मंदबुद्धि पत्नी से मारपीट और बदसलूकी शुरू कर दी. उसका न सिर्फ बलात्कार हुआ बल्कि आर्थिक शोषण भी किया गया. वो युवक दूसरी महिलाओं को घर लाने लगा.

अपनी पत्नी के गर्भवती होने पर भी युवक ने उसके साथ मारपीट जारी रखी जिससे उसका गर्भपात भी हो गया. लेकिन इसके बाद लड़की के परिवार के संयम ने जवाब दे दिया.मैनचेस्टर में बांग्लादेशी, पाकिस्तानी और भारतीय परिवारों के मंदबुद्धि लोगों के साथ काम करने वाले संगठन हिम्मत प्रोजेक्ट के प्रबंधक केय अहमद बताते हैं, ''एक लड़की की तीन बार शादी की गई. तीन बार वो पाकिस्तान गई और वहां उसकी शादी की गई और उसके पतियों को यहां लाया गया. जब भी वो शादी करके आती थी, तो उसके साथ एक व्यक्ति ब्रिटेन में दाखिल हो जाता था. ये सब कमाई के लिए किया जा रहा था. वो लोगों को ब्रिटेन लाने के लिए उसने पैसे वसूल रहे थे.”
गैरकानूनी काम

ब्रिटेन में बहुत से संगठन सरकार के साथ मिल कर जबरन शादियों की समस्या से निपटने के लिए नीतियां बनाने में जुटे हैं जिनमें मंदबुद्धि लोगों से जुड़े मामले भी शामिल हैं.

देश भर में सामाजिक सेवाओं के निदेशक उन लोगों की मानसिक क्षमता का मूल्यांकन करने पर सहमत हो गए हैं जिनकी जबरन शादी किए जाने की आशंका हो या जिनकी शादी की जा चुकी है लेकिन किसी का वीजा सुरक्षित करने के लिए उनकी दूसरी शादी में धकेला जा रहा है.

ब्रिटेन में मानसिक क्षमता अधिनियम 2005 के तहत किसी की शादी या उसके साथ यौन संबंध बनाने के लिए कोई दूसरा व्यक्ति रजामंदी नहीं दे सकता है. लेकिन फिर माता पिता अपने मंदबुद्धि बच्चों की शादी के लिए व्यक्ति खोज रहे होते हैं जो कानूनी रूप से सही नहीं है.

पुलिस ने बिना कपड़ों के परेड कराई

सिंध पुलिस ने बिना कपड़ों के परेड कराई 

बाड़मेर राजस्थान के बाड़मेर जिले की सरहद Sसे SAसटे पाकिस्तान के राज्य सिंध के शहर गंबट में एक पुरुष और महिला को बिना कपड़ों के पुलिस द्वारा परेड कराने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.

इस मामले के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्ख़ियों में आने के बाद ज़िम्मेदार प्रशासनिक अधिकारीयों और संबंधित थाने के एसएचओ सहित मामले में शामिल दो सब इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया गया है.


इलाके के पुलिस अधीक्षक इरफान बलूच ने बीबीसी को बताया की मामले की जांच की जा रही है. बलूच का कहना है कि अगर और सबूत मिले तो इन अधिकारीयों के खिलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज की जा सकती है.

बलूच ने कहा कि अगर पुलिस अधिकारीयों ने वाकई नग्न परेड कराई तो तो इस मामले में उनके खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जा सकती है.

एसपी का दावा है कि जिस जगह पर पुलिस ने छापा मारा वहां "अश्लीलता का अड्डा" था और लोगों ने पुलिस को शिकायत की थी. उनके अनुसार पुलिस ने लोगों के साथ मिलकर मारे गए छापे के बाद उस आदमी और औरत को गिरफ़्तार किया जिनसे संबंधित ये पूरा मामला है.इस घटना में पीड़ित मर्द मुमताज़ मीर महर का आरोप है कि पुलिस ने उनके द्वारा "मंथली" न देने पर यह कार्रवाई की लेकिन पुलिस इस आरोप से इनकार करती है.

इस बीच इस क्षेत्र से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सदस्य सिंध विधानसभा क्षेत्र के नईम खरल ने मीडिया को बताया कि उन्होंने संबंधित पुलिस एसपी को घटना की जांच के निर्देश दिए थे, लेकिन उन्हें अभी तक इसकी रिपोर्ट नहीं मिली है.

पाकिस्तान ने थार एक्सप्रेस से पहुंची बंगलादेशी महिला को वापस भेजा

पाकिस्तान ने थार एक्सप्रेस से पहुंची बंगलादेशी महिला को वापस भेजा

बाड़मेर भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस से भारत से पकिस्तान खोखरापार प्लेटफार्म पर पहुंची बंगलादेशी महिला को वापस बाड़मेर मुनाबाव भेज दिया .सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया की बंगलादेश के नारायणगंज निवासी एक महिला निशा जोधपुर से थार लिंक एक्सप्रेस में पकिस्तान जाने के लिए रवाना हुई .मुनाबाव में आव्रजन जांच के बाद उसे पकिस्तान भेज दिया लेकिन पाकिस्तान के खोखरापार रेलवे स्टेशन पर पाक इमिग्रेसन जांच में पता चला की महिला का वीजा एवम पासपोर्ट हवाई यात्रा का हें .लिहाजा निशा को पकिस्तान की आगे की यात्रा को रोक उसे वापस मुनाबाव भारत लाकर सुपुर्द किया गया .सूत्रों ने बताया की महिला को हवाई मार्ग से ढाका भेजा जाएगा इस महिला के पास भारत पकिस्तान दोनों स्थानों का वीजा मौजूद था .वह अजमेर दरगाह पर जियारत करने आई थी .अजमेर में उसे किसी ने बताया की वह थार एक्सप्रेस से पकिस्तान जा सकती हें ,निशा की एक बहन पकिस्तान रहती हें .मुनाबाव में जांच पर उठे सवाल ...निशा का वीजा हवाई यात्रा का होने के बावजूद उसे आव्रजन विभाग ने रोकने की बजे क्लीन चिट देकर पकिस्तान भेज दिया जबकि उसे मुनाबाव में ही रोका जा सकता था .आव्रजन विभाग द्वारा थार एक्सप्रेस के यात्रियों की जांच की जाती हें ,मगर इस केश के बाद एक बार फिर आव्रजन जांच पर सवाल उठ खड़े हुए हें

नाबालिग विद्यार्थियों से डीडीटी छिड़काव

नाबालिग विद्यार्थियों से डीडीटी छिड़काव
गुड़ामालानी। एक तरफ जहां सरकार नाबालिग बालकों को शोषण मुक्त करवाकर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ रही है। वहीं दूसरी ओर इसी सरकार के चिकित्सा विभाग से जुड़े कार्मिक नाबालिग स्कूली विद्यार्थियों को शिक्षा से विमुख कर अपने प्रलोभन के चलते उन्हें कीटनाशक डीडीटी छिड़काव जैसे कार्य करवा रहे हंै। कस्बे में शनिवार को नाबालिग स्कूली विद्यार्थियों द्वारा कीटनाशक डीडीटी छिड़काव का कार्य किया जा रहा था।

इसको लेकर कस्बेवासियों ने भी विरोध जताया। चिकित्सा विभाग द्वारा कस्बे में इन दिनों मलेरियारोधी कीटनाशक डीडीटी छिड़काव कार्य करवाया जा रहा है। शनिवार को छिड़काव कार्य के लिए जब नाबालिग बच्चे हाथों में छिड़काव की बाल्टी, पम्प एवं कीटनाशक दवा का कट्टा लिए पहंुचे तो मोहल्लेवासी आश्चर्यचकित रह गए।

उदाणियों के बास में शनिवार को छिड़काव कार्य के लिए नगर गांव के नाबालिग चूनाराम पुत्र कालूराम, किशनाराम पुत्र बालाराम व जुजाराम पुत्र बालाराम ने पहंुच छिड़काव कार्य करना शुरू किया। छिड़काव कर रहे तीनों नाबालिग समीप रावली नाडी व मयो की स्कूल में कक्षा 5 व सात में अध्ययनरत हैं। इन बच्चों ने बताया कि चिकित्सा विभाग से रावताराम द्वारा उन्हें कार्य पर लगाया गया है एवं दो दिन से यह छिड़काव कार्य कर रहे हैं एवं प्रतिदिन 60 घरों में छिड़काव कार्य करना पड़ रहा है। विद्यालय में पढ़ने वाले इन बच्चों को 40 दिन में यह छिड़काव कार्य पूरा करना है।

इनका कहना है
नाबालिग स्कूली बच्चों से छिड़काव करवाना गलत है। ऎसा है तो अभी एमपीडब्ल्यू से बात करके कार्य रूवाता हूं। छिड़काव कार्य के दौरान एमपीडब्ल्यू की मॉनिटरिंग अनिवार्य है।
- डॉ. चन्द्रशेखर, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी, धोरीमन्ना

शराब पिलाकर स्कूली छात्राओं से दुष्कर्म

शराब पिलाकर स्कूली छात्राओं से दुष्कर्म
कोलकाता। प. बंगाल के मालदह जिले के कालियाचक गांव के एक निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूल के आवासन में शुक्रवार की रात दवा की जगह शराब पिलाकर तीन छात्राओं से दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीडित छात्राओं ने आरोपी प्रधान शिक्षक नाजीव शेख के खिलाफ थाने में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार नाजीव शेख विद्यालय के प्रधान शिक्षक और मालिक भी हैं। विद्यालय में मालदह, मुर्शिदाबाद, उत्तर तथा दक्षिण दिनाजपुर की छात्राएं पढ़ने के लिए आती हैं। पीडित तीनों छात्राएं हॉस्टल में रहती हैं। वे नौवीं कक्षा में पढ़ती है। शुक्रवार रात तबीयत खराब होने पर प्रधान शिक्षक ने तीनों को दवा की जगह शराब पिला दी।

निर्वस्त्र कर ली छात्रा की तलाशी
उधर, बीरभूम जिले के सिउड़ी थानान्तर्गत कालीगती स्मृति नारी शिक्षा निकेतन स्कूल में चोरी के संदेह में निर्वस्त्र कर एक छात्रा से तलाशी लेने का शर्मनाक मामला सामने आया है। छात्रा के परिजनों ने आरोपी शिक्षिकाओं के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने आरोपी दोनों शिक्षिकाओं को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि कोर्ट ने 500 रूपए के निजी मुचलके पर दोनों को जमानत दे दी। कुछ दिनों पहले स्कूल की 12वीं कक्षा की एक छात्रा के बैग से 150 रूपए चोरी हो गए थे। उसने एक दूसरी छात्रा पर संदेह जताते हुए शिक्षिका से शिकायत की थी।

मायड़ भाषा की मान्यता के लिए अभियान

मायड़ भाषा की मान्यता के लिए अभियान



कजळी तीज के मौके पर आयोजित हुए मेले में मायड़ भाषा राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता व अध्यापक पात्रता परीक्षा में शामिल करने की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के तत्वावधान में मोटिया परिषद व छात्र परिषद के सदस्यों ने मेले में आने वालों को दस्तखत करने के लिए प्रेरित किया। मोटिया परिषद के जिला पाटवी रघुवीरसिंह तालोरा व छात्र परिषद के जिलाध्यक्ष अशोक सराला ने अभियान की जानकारी देते हुए रानी कर्मवती, मीरा बाई व पद्मावती के जीवन से प्रेरणा लेकर मातृ शक्ति को अभियान से जुडऩे की अपील की। इस मौके पर गंगागिरी मठ के महंत खुशाल गिरी, पीनूदेवी, कमला, पूनम जैन, भावना, सुमित्रा, धर्मेंद्र शर्मा, ओम त्रिवेदी, जितेंद्र फुलवारिया, हंसा राज गोसाई, दिलीप हेगड़े, जितेंद्र जाटव सहित कई मौजूद थे।

लग्जरी कारों पर भारी, 'कुबेर' की सवारी


लग्जरी कारों पर भारी, 'कुबेर' की सवारी


तेजा पशु मेले में बिकने आए साढ़े छह साल के घोड़े कुबेर की कीमत 22 लाख रुपए से भी अधिक

परबतसर  अपना घर, अपनी कार का सपना लिए लोगों को जब यह पता चले कि किसी घोड़े की कीमत 22 लाख से अधिक हो सकती है तो उसे आश्चर्य तो होगा ही। लेकिन यह सच है। परबतसर के वीर तेजा पशु मेले में ऐसा ही एक घोड़ा बिकने आया है जिसकी कीमत उसके मालिक ने 22 लाख से अधिक रखी है।

कुबेर नाम के इस घोड़े को मेले में लाए हैं डेगाना के पिंटू मुवाल। मेले में घोड़े को लाते ही उसकी खूबसूरती और कद काठी देखकर खरीदार भी जुट गए। एक खरीदार ने तो उसकी कीमत 22 लाख रुपए लगा भी दी लेकिन पिंटू उसे इससे अधिक कीमत में बेचना चाहता है। मुवाल ने बताया कि उसने यह घोड़ा दो साल पहले पुष्कर मेले से साढ़े सात लाख में खरीदा था। शनिवार को हुई अश्व प्रतियोगिता के बाद निर्णायक रहे पूर्व विधायक मोहनलाल चौहान और प्रधान कानाराम सियाक ने बताया कि मुवाल का पिंटू का यह घोड़ा मेलार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसके अलावा महिपाल मंडा के भी एक घोड़े की कीमत 5 लाख रुपए आंकी गई है। मेले में एक बैल 41 हजार, भैंसा 51 हजार और ऊंट 60 हजार रुपए में बिका है।

डेह से भगाई युवती कोर्ट में पेश


डेह से भगाई युवती कोर्ट में पेश

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युवती को भगाने का बहुचर्चित मामला, पिछले विवाद को देखते हुए कोर्ट परिसर में तैनात किया भारी पुलिस जाप्ता, डेह में तैनात हैं पुलिसकर्मी, फिलहाल बालिग होने से युवती को रखा स्वतंत्र

नागौर  डेह से युवती को भगाने व बाद में उसके परिजनों द्वारा युवक के घर पर हमला करने के मामले में शनिवार को नया मोड़ आ गया। पुलिस सुरक्षा में इस युवती को यहां न्यायालय में पेश कर 164 के बयान कलमबद्ध कराए। युवती के परिजनों ने पहले खींवसर विधायक से मुलाकात की। बाद में एसपी को ज्ञापन देकर युवती को भगा ले जाने वाले युवक पर आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की। बहरहाल युवती को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराते हुए स्वतंत्र रखा गया है।

मामले की जांच कर रहे कुचेरा थानाधिकारी रामेश्वरलाल भाटी ने बताया कि युवती पप्पू खोजा को भगाने के मामले में कपिल ओझा के खिलाफ मामला दर्ज है। शनिवार को यह युवती पुलिस के समक्ष पेश हुई। युवती के कहने पर उसे नागौर स्थित न्यायालय लाया गया। यहां बयान के बाद युवती को स्वतंत्र कर दिया गया। मामला गंभीर होने की वजह से युवती को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई है। डेह में शनिवार को पुलिस जाप्ता तैनात रहा।

न्यायालय परिसर बना छावनी

पप्पू खोजा को न्यायालय में पेश करते वक्त पुलिस ने काफी सतर्कता बरती। कोर्ट परिसर में करीब 100 महिला व पुरुष कांस्टेबलों को तैनात किया गया। प्रशिक्षु आरपीएस विमल नेहरा, कोतवाल नगाराम चौधरी, निरीक्षक हनुवंत भाटी समेत कई पुलिस अधिकारी न्यायालय परिसर में मौजूद रहे।

मीरा पर आपत्तिजनक टिप्पणी से रोष

मीरा पर आपत्तिजनक टिप्पणी से रोष

 मेड़ता सिटी 'राणा जी मेवाड़ी म्हारो कांई करसी, म्हैं तो गोबिंद रा गुण गास्यां...' जैसे कई पद गाकर विश्व में अमर प्रेम की मिसाल कायम करने वाली भक्त शिरोमणि मीराबाई का नाम प्रेम और भक्ति का पर्याय बना हुआ है। लेकिन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की इतिहास की किताब में मीरा के जीवन के बारे में कथित अशोभनीय टिप्पणी से मीरा के भक्त लज्जित महसूस कर रहे हैं। इसमें मीराबाई को 'घुमक्कड़, 'पति की आज्ञा की अवहेलना करने वाली' बताया गया है। इतिहास की पुस्तक 'भारतीय इतिहास के कुछ विषय' में पृष्ठ संख्या 163 पर लिखा है 'मीरा बाई का विवाह उनकी इच्छा के विरुद्ध सिसोदिया कुल में कर दिया।

उन्होंने अपने पति की आज्ञा की अवहेलना करते हुए पत्नी और मां के परंपरागत दायित्व को निभाने से इनकार कर दिया और विष्णु के अवतार कृष्ण को अपना एकमात्र पति स्वीकार किया।' इसी पुस्तक के पृष्ठ संख्या 164 पर लिखा है 'मीरा बाई के पद आज भी स्त्रियों और पुरुषों द्वारा गाए जाते हैं। खासतौर से गुजरात व राजस्थान के गरीब लोगों द्वारा 'जिन्हें नीच जाति' का समझा जाता है। मीरा बाई के बारे में अशोभनीय टिप्पणी को लेकर मीरा नगरी के लोगों में रोष है। पालिकाध्यक्ष अनिल थानवी, डॉ. अशोक चौधरी, वरिष्ठ साहित्यकार दीपचंद सुथार, मीरा स्मारक के प्रबंधक नरेंद्र सिंह शेखावत आदि ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने आपत्तिजनक बातों को पाठ्यक्रम से हटवाने की मांग की है।

बस की ट्रक से टक्कर, 21 घायल



थोब सरहद में हुआ हादसा, आक्रोशित ग्रामीणों ने स्टेट मेगा हाइवे पर लगाया जाम, गंभीर घायलों को बालोतरा में उपचार के बाद जोधपुर रेफर किया


बस की ट्रक से टक्कर, 21 घायल
कल्याणपुर (बालोतरा)

स्टेट मेगा हाइवे पर थोब बाईपास के पास शनिवार सवेरे एक निजी पैसेंजर बस अनियंत्रित होकर टर्बो ट्रेलर से भिड़कर पुलिए की दीवार में जा घुसी। दुर्घटना में टर्बो ट्रेलर के खलासी व बस चालक सहित बस में सवार 21 जने घायल हो गए। घायलों में चार की हालत नाजुक होने से उन्हें बालोतरा में प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर रेफर किया गया। दुर्घटना के बाद स्पीड ब्रेकर बनवाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने सवेरे करीब ९.१० बजे से ९.५५ तक मेगा हाइवे पर जाम लगा दिया। इसके बाद पचपदरा पुलिस ने समझाइश कर जाम खुलवाया।

घायलों को उपचार के लिए निजी वाहनों व हाईवे पेट्रोलिंग गाड़ी से थोब, पचपदरा व बालोतरा चिकित्सालय ले जाया गया। इस दुर्घटना को लेकर टर्बो ट्रेलर चालक अमनप्रीतसिंह पुत्र गुरुबक्ससिंह जट सिख ने बस चालक के खिलाफ लापरवाही व तेजगति से वाहन चलाने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस के अनुसार शनिवार सवेरे करीब 9 बजे निजी पैसेंजर बस पाटोदी गांव से थोब होते हुए जोधपुर की ओर जा रही थी। थोब सरहद में बाईपास से मेगा हाइवे पर चढ़ी ही थी कि पचपदरा की ओर से आ रहे टर्बो ट्रेलर को अचानक आते देख अनियंत्रित हो गई। हालांकि टर्बो टे्रलर चालक ने दुर्घटना बचाने के लिए अपना वाहन पूरी तरह साइड में मोड़ लिया, मगर अनियंत्रित बस पहले टर्बो ट्रेलर से टकराई और फिर पुलिए की दीवार पर चढ़ गई। दुर्घटना के बाद घायलों को उपचार के लिए निजी वाहनों व हाइवे पेट्रोलिंग वाहन से नजदीक के पचपदरा, थोब व बालोतरा अस्पताल पहुंचाया गया। सूचना मिलने पर पचपदरा थानाधिकारी जगदीश प्रसाद शर्मा, एएसआई हरलालसिंह, लजपतसिंह मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। दुर्घटना में रामचन्द्र (50) पुत्र मगाराम सुथार निवासी गुंदावाड़ी, कालूराम (२३) पुत्र चूनाराम भील निवासी सूरजबेरा, हरानाथ (२6) पुत्र नेमानाथ जोगी निवासी चिडिय़ारा, गुमानाराम (४९) पुत्र हेमाराम प्रजापत निवासी पाटोदी, रूपाराम(४५) पुत्र पूनमाराम मेघवाल निवासी खारड़ी, पप्पूदेवी (४0) पत्नी हुकमाराम प्रजापत निवासी पाटोदी, सवाईसिंह (38) पुत्र राणसिंह राजपूत निवासी चिडिय़ारा, जसाराम(4०) पुत्र कानाराम प्रजापत निवासी चिलानाडी, खंगाराराम (27) पुत्र रुघाराम मेघवाल निवासी चिडिय़ारा, चेतनराम (27) पुत्र जोगाराम भील निवासी पाटोदी, नारायणराम माली (२५) पुत्र झूंझाराम निवासी चिडिय़ारा, नरसिंगराम (4५) पुत्र नेहराराम सुथार निवासी नवातला, अम्माराम (3५) पुत्र सादुलराम मेघवाल निवासी चिडिय़ारा, घेवरराम (40) पुत्र किशनाराम प्रजापत निवासी पाटोदी, अयूबखां (40) पुत्र चांदखां निवासी पाटोदी, शेरु खां (३२) निवासी पाटोदी, गनी खां (२८) खारड़ी, रहमान खां(७०) खारड़ी, अशोक पुत्र शिवाराम पाटोदी सहित टर्बो ट्रेलर खलासी कुलदीपसिंह (18) पुत्र सुभाषचंद्र नाई निवासी गुरदासपुर (पंजाब) व बस ड्राईवर हरिसिंह (50) पुत्र शंकरसिंह राजपूत निवासी सोइंतरा घायल हो गए।

तनोट माता ट्रस्ट 20 अनाथ बच्चों की करेगा परवरिश


 नोट माता ट्रस्ट 20 अनाथ बच्चों की करेगा परवरिश
आवेदन 15 अगस्त तक प्रस्तुत कर सकेंगें

जैसलमेर. तनोट माता ट्रस्ट सीमा सुरक्षा बल जैसलमेर उत्तर की तरफ से जैसलमेर जिले के अनाथ बच्चों की संपूर्ण परवरिश की जिम्मेदारी ली गई हैं। इस योजना का शुभारंभ भी शिक्षा सत्र , 2012-13 में किया जा चुका है। योजना के तहत जिले के मूल निवासी 20 अनाथ बच्चों की स्नातक स्तर तक की शिक्षा का पूर्ण दायित्व ट्रस्ट द्वारा वहन किया जाएगा। उप समादेष्टा प्रवीण कुमार ने बताया कि आवेदन-पत्र कार्यालय उप महानिरीक्षक सीमा सुरक्षा बल जैसलमेर उत्तर ,समादेष्टा 195 वीं वाहिनी पोकरण, समादेष्टा 62 वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल रामगढ़ से नि:शुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं। आवेदक को निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा। भरा हुआ आवेदन-पत्र संपूर्ण आवश्यक दस्तावेजों के साथ 15 अगस्त तक उप महानिरीक्षक सीमा सुरक्षा बल क्षेत्रीय मुख्यालय जैसलमेर उतर के कार्यालय में व्यक्तिगत अथवा डाक से जमा करवाए जा सकते हैं। अपूर्ण अथवा अंतिम तिथि के पश्चात प्राप्त आवेदन-पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा।






लिफ्ट कैनाल का नामकरण तनसिंह के नाम से करने की मांग



बाड़मेर. लिफ्ट कैनाल परियोजना का नामकरण पूर्व सांसद तनसिंह महेचा के नाम से करने को लेकर शनिवार को आजाद छात्र संगठन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रमेशसिंह ईंदा ने बताया कि बाड़मेर के विकास और प्रगति में तनसिंह का प्रमुख योगदान रहा है। बाड़मेर के पहले विधायक होने के साथ ही दो बार सांसद भी रहने वाले तनसिंह के नाम से लिफ्ट कैनाल का नामकरण करना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसको लेकर जल्द ही संघर्ष समिति बनाकर जनता को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा। ज्ञापन देने वालों में करणसिंह, भूरचंद जांगिड़, दिग्विजयसिंह, घेवरचंद दर्जी, कन्हैयालाल सोलंकी, रमेश भंसाली, तरुण मुखी, भंवरलाल कुमावत सहित कई युवा शामिल थे।