रविवार, 5 अगस्त 2012

जबरन शादियों का दंश झेलते मंदबुद्धि लोग

बी बी सी सेसाभार 

ब्रिटेन में जबरन शादियां सरकार के लिए सिरदर्द बनती जा रही हैं. इनमें उन मंदबुद्धि लोगों के मामले भी शामिल हैं जिनका भला करने के चक्कर में माता पिता उनकी शादियां तो करा देते हैं लेकिन बाद में उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है.जबरन शादी के मामलों से जुड़ी ब्रितानी सरकार की इकाई का कहना है कि उसके पास आने वाले ऐसे मामलों की तादाद बढ़ती जा रही है जहां मानसिक रुप से विक्षिप्त व्यस्कों की शादियां उनके माता पिता की मर्जी से करा दी जाती हैं. पिछले साल इस तरह के 56 मामले देखने को मिले.ब्रिटेन में मंदबुद्धि लोगों के लिए काम करने वाली संस्था 'मेनटल केपेबिलिटीज़' से जुड़े मार्क गोल्डरिंग बताते हैं कि इन शादियों को रोक पाना भी बहुत मुश्किल है. उनके मुताबिक, "ऐसी बहुत सी शादियां देश से बाहर होती हैं. इसलिए शादी होने के बाद ही समुदाय को उसके बारे में पता चल पाता है."

इन मामलों में कई बार पैसे लेकर लोगों को ब्रिटेन लाया जाता है तो कभी माता पिता को अपने मंदबुद्धि बच्चे के लिए जीवनसाथी के साथ-साथ तीमारदार की जरूरत होती है. माता पिता सोचते हैं कि उनके न रहने पर उनके बच्चे का ध्यान रखने वाला कोई तो होना चाहिए.

तीमारदार की जरूरत
आमना (बदला हुआ नाम) की उम्र 53 साल है. वो खुद भी बीमार रहती हैं. लेकिन उनका 33 साल का मंदबुद्धि बेटा है जिसे 24 घंटे देखभाल की जरूरत पड़ती है. उन्होंने अपने इस बेटे के लिए पाकिस्तान में एक दुल्हन तलाश ली है.वो कहती हैं, “उसकी उम्र 20 साल के आसपास है. वो मेरे बेटे से शादी करेगी. वो पूरी तरह ठीक ठाक है और मेरी रिश्तेदार नहीं है. दरअसल हमने उनके परिवार को बता दिया है कि हमारा बेटा मंदबुद्धि है और उन्हें ये बात स्वीकार है.”आमना को उम्मीद है कि बहू के आने पर वो उनके बेटे का अच्छी तरह ध्यान रखेगी. इससे खुद उन्हें भी कुछ आराम मिलेगा. आगे वो कहती हैं, “लेकिन हमने किसी को नहीं बताया है कि उसकी मंगनी हो गई है.”

ज्यादातर परिवारों को लगता है कि वे अपने बच्चों का भला सोच रहे हैं लेकिन जानकारों की राय है कि ऐसी कुछ शादियां एक भयानक गलती साबित होती हैं, जहां विकलांग व्यक्ति को शारीरिक, भावनात्मक और यौन शोषण झेलना पड़ता है.
जबरन शादी के नतीजे

कई मंदबुद्धि लोगों को बर्बर तरीके से निशाना बनाया जाता है जबकि इस तरह की शादियों को ब्रिटेन का वीजा हासिल करने का जरिया भी माना जाता है. मैंडी संघेरा वकील हैं और पिछले 20 साल से वो दक्षिण एशियाई समुदाय के लोगों के काफी मामलों को देख चुकी हैं.वो एक मामला बताती हैं, “ब्रिटेन आए एक युवक का वीजा खत्म हो रहा था और वो यहीं रहना चाहता था, तो उसने एक ऐसे परिवार से संपर्क किया जिनकी बेटी मंबुद्धि थी. परिवार ने सोचा कि अपनी बेटी की शादी उस युवक से कर दी जाए. इससे दोनों का फायदा होगा जहां उनकी बेटी को जीवनसाथी मिल जाएगा, वहीं इस युवक को ब्रिटेन का वीजा बढ़ जाएगा.”

लेकिन बाद में उस युवक ने रोज़ अपनी मंदबुद्धि पत्नी से मारपीट और बदसलूकी शुरू कर दी. उसका न सिर्फ बलात्कार हुआ बल्कि आर्थिक शोषण भी किया गया. वो युवक दूसरी महिलाओं को घर लाने लगा.

अपनी पत्नी के गर्भवती होने पर भी युवक ने उसके साथ मारपीट जारी रखी जिससे उसका गर्भपात भी हो गया. लेकिन इसके बाद लड़की के परिवार के संयम ने जवाब दे दिया.मैनचेस्टर में बांग्लादेशी, पाकिस्तानी और भारतीय परिवारों के मंदबुद्धि लोगों के साथ काम करने वाले संगठन हिम्मत प्रोजेक्ट के प्रबंधक केय अहमद बताते हैं, ''एक लड़की की तीन बार शादी की गई. तीन बार वो पाकिस्तान गई और वहां उसकी शादी की गई और उसके पतियों को यहां लाया गया. जब भी वो शादी करके आती थी, तो उसके साथ एक व्यक्ति ब्रिटेन में दाखिल हो जाता था. ये सब कमाई के लिए किया जा रहा था. वो लोगों को ब्रिटेन लाने के लिए उसने पैसे वसूल रहे थे.”
गैरकानूनी काम

ब्रिटेन में बहुत से संगठन सरकार के साथ मिल कर जबरन शादियों की समस्या से निपटने के लिए नीतियां बनाने में जुटे हैं जिनमें मंदबुद्धि लोगों से जुड़े मामले भी शामिल हैं.

देश भर में सामाजिक सेवाओं के निदेशक उन लोगों की मानसिक क्षमता का मूल्यांकन करने पर सहमत हो गए हैं जिनकी जबरन शादी किए जाने की आशंका हो या जिनकी शादी की जा चुकी है लेकिन किसी का वीजा सुरक्षित करने के लिए उनकी दूसरी शादी में धकेला जा रहा है.

ब्रिटेन में मानसिक क्षमता अधिनियम 2005 के तहत किसी की शादी या उसके साथ यौन संबंध बनाने के लिए कोई दूसरा व्यक्ति रजामंदी नहीं दे सकता है. लेकिन फिर माता पिता अपने मंदबुद्धि बच्चों की शादी के लिए व्यक्ति खोज रहे होते हैं जो कानूनी रूप से सही नहीं है.

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