रविवार, 5 अगस्त 2012

नाबालिग विद्यार्थियों से डीडीटी छिड़काव

नाबालिग विद्यार्थियों से डीडीटी छिड़काव
गुड़ामालानी। एक तरफ जहां सरकार नाबालिग बालकों को शोषण मुक्त करवाकर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ रही है। वहीं दूसरी ओर इसी सरकार के चिकित्सा विभाग से जुड़े कार्मिक नाबालिग स्कूली विद्यार्थियों को शिक्षा से विमुख कर अपने प्रलोभन के चलते उन्हें कीटनाशक डीडीटी छिड़काव जैसे कार्य करवा रहे हंै। कस्बे में शनिवार को नाबालिग स्कूली विद्यार्थियों द्वारा कीटनाशक डीडीटी छिड़काव का कार्य किया जा रहा था।

इसको लेकर कस्बेवासियों ने भी विरोध जताया। चिकित्सा विभाग द्वारा कस्बे में इन दिनों मलेरियारोधी कीटनाशक डीडीटी छिड़काव कार्य करवाया जा रहा है। शनिवार को छिड़काव कार्य के लिए जब नाबालिग बच्चे हाथों में छिड़काव की बाल्टी, पम्प एवं कीटनाशक दवा का कट्टा लिए पहंुचे तो मोहल्लेवासी आश्चर्यचकित रह गए।

उदाणियों के बास में शनिवार को छिड़काव कार्य के लिए नगर गांव के नाबालिग चूनाराम पुत्र कालूराम, किशनाराम पुत्र बालाराम व जुजाराम पुत्र बालाराम ने पहंुच छिड़काव कार्य करना शुरू किया। छिड़काव कर रहे तीनों नाबालिग समीप रावली नाडी व मयो की स्कूल में कक्षा 5 व सात में अध्ययनरत हैं। इन बच्चों ने बताया कि चिकित्सा विभाग से रावताराम द्वारा उन्हें कार्य पर लगाया गया है एवं दो दिन से यह छिड़काव कार्य कर रहे हैं एवं प्रतिदिन 60 घरों में छिड़काव कार्य करना पड़ रहा है। विद्यालय में पढ़ने वाले इन बच्चों को 40 दिन में यह छिड़काव कार्य पूरा करना है।

इनका कहना है
नाबालिग स्कूली बच्चों से छिड़काव करवाना गलत है। ऎसा है तो अभी एमपीडब्ल्यू से बात करके कार्य रूवाता हूं। छिड़काव कार्य के दौरान एमपीडब्ल्यू की मॉनिटरिंग अनिवार्य है।
- डॉ. चन्द्रशेखर, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी, धोरीमन्ना

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