गुरुवार, 19 जुलाई 2012

देखिये तस्वीरो में पुलिस कप्तान राहुल बारहट





 बाड़मेर पुलिस कप्तान राहुल बारहट आज पत्रकारों से शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर रूबरू हुए .पत्रकारों से सुझाव मांगे .पत्रकारों द्वारा उन्हें बाड़मेर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए बेहतरीन सुझाव दिए बेहद मिलनसार और सुलझे हुए पुलिस अधिकारी लगे राहुल बारहट 

सरहदों के बीच आवाजाही में गुजरी उम्र, अब भारतीय बनने की मांग रहा मन्नतें



जयपुर. उम्र गुजर गई सरहदों के बीच आवाजाही करते करते, मगर अब 90 साल के शमशेर खान की साँसें फूल गई हैं. वो भारत में राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक गाव में पैदा हुए, लेकिन भारत की आजादी के दौरान, जिन्दगी के सफ़र का एक कदम उन्हें पाकिस्तान ले गया और फिर वो पाकिस्तान के नागरिक हो गए.

शमशेर खान की पत्नी सलामत बानो और बच्चे भारत में ही रह गए. शमशेर चार दिन पहले ही भारत पहुंचे और अब उनका वापस जाने का मन नहीं है. शमशेर खान ने फूलती सांसो और बुढ़ापे का वास्ता देकर सरकार से उन्हें भारत में ही अपने परिजनों के साथ रहने देने की मिन्नत की है. वो अपने परिजनों के साथ झुंझुनू के जिला कलेक्टर जोगा राम के सामने हाजिर हुए और भारतीय नागरिकता के लिए गुहार लगाई. झुंझुनू जिला कलेक्टर जोगाराम ने कहा, “शमशेर ने अर्जी दी है और भारत से मदद की प्राथना की है. हमने उनकी अर्जी गृह विभाग को भेज दी है.”बंटवारे का दंश

शमशेर के रिश्तेदारों ने बताया कि वो विभाजन के समय में काम के लिए सिंध गए हुए थे. तभी देश का बंटवारा हो गया और शमशेर उसी पार रह गए. उनके एक रिश्तेदार कहते हैं, “उन दिनों आज की तरह का सख्त कानून नहीं था. लोग आते-जाते रहे. शमशेर की यही झुंझुनू जिले की एक लड़की से शादी हो गई. मगर थोड़े दिन में उस महिला की मौत हो गई तो शमशेर ने उसकी छोटी बहन सलामत बानो से शादी कर ली. सलामत यही रहीं और शमशेर आते जाते रहे. इस दौरान उनके दो बेटे और एक बेटी हुई. ये सभी भारत में ही हैं.” शमशेर के बेटे शफी मोहम्मद ने बीबीसी से कहा, “मेरे पिता बुजर्ग है. उन्हें ठीक से सुनाई नहीं देता, वो चलने फिरने में भी समर्थ नहीं है. वहां उनकी देखभाल कौन करेगा. हमारी भारत सरकार से गुजारिश है कि वो रहम करे और उन्हें भारत में ही रहने दे.” भारत की नागरिकता का आवेदन करने के लिए किसी इच्छुक व्यक्ति का देश में लगातार सात साल तक रहना अनिवार्य है. पहले ये समयावधि पांच साल थी. मगर इसे वर्ष 2004 में संशोधित करके बढ़ा दिया गया. पाकिस्तान से आए हिन्दू अल्पसंख्यक नागरिकों के हितों पर काम कर रहे एक सामाजिक संस्थान के सदस्य हिन्दू सिंह सोधा कहते है, “शमशेर जैसे लोगों के आवेदन पर सहानुभूति से विचार करना चाहिए. क्योंकि अगर उनका कोई भी परिजन पाकिस्तान में नहीं है तो कौन उनकी परवरिश करेगा.” शमशेर एक महीने के पर्यटक वीसा पर भारत आए हैं. मानवाधिकार

मानवाधिकार कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव का मानना है कि एक इंसान को अपनी पसंद के मुल्क में रहने का हक है और ये मानवाधिकारों में आता है. उन्होंने कहा, “शमशेर जैसे और भी मामले हैं. बदकिस्मती से दक्षिण एशिया में देशों के बीच कटुता की संस्कृति पनप गई है. हमें ऐसे मामलो में मानवीय रुख अपनाना चाहिए और शमशेर को भारत में रहने की अनुमति दे देनी चाहिए.” पिछले चालीस बरसों में शमशेर कोई पांच बार ही अपने परिवार से मिलने आ सके. एक बार सलामत बानो ने बच्चो के साथ उधर जाने का प्रयास किया तो उन्हें वीजा नही मिला, क्योंकि मुल्कों की सियासत इंसानी रिश्तो का दर्द, फासले और जज्बातो की इबारत नहीं पढ़ती. शमशेर के कांपते हाथो में वीजा, पासपोर्ट और अर्जी हैं. उन्हें महज एक माह का पर्यटन वीजा मिला है. पूरा परिवार चिंतित है इस एक माह के बाद क्या होगा? नियम और दोनों देशो के बीच क्षण भंगुर रिश्तों की दास्ताँ ये ही कहती है कि एक माह बाद उन्हें भारत से जाने को कहा जाएगा. कोई भी विभाजन सियासत की टेबल से होता हुआ आसानी से कागज के नक़्शे पर उतरता है. मगर शमशेर की दास्ताँ बताती है ये बंटवारा रिश्तों के बीच बेदर्दी और बेरहमी से फासलों की दीवार खड़ी करता है. इस परिवार को ये ही फ़िक्र है कि क्या वो इस दीवार को लाँघ पाएंगे?

मजनुओ की आएगी शामत ...हर स्कूल में होगी मोनिटरिंग

मजनुओ की आएगी शामत ...हर स्कूल में होगी मोनिटरिंग 

बालिका शिक्षण संस्थानों के आसपास सादा  वर्दीधारी पुलिस रहेगी तेनात 

बाड़मेर बाड़मेर पुलिस जल्द बाड़मेर की समस्त राजकीय स्कूलों में एक एक प्रभारी नियुक्त करेगा जो विद्यालयी बालिकाओ के साथ होने वाली किसी भी घटना की जानकारी देंगे साथ ही प्रत्येक विद्यालय में शिकायत पेटी राखी जायेगी जो स्कूल प्रभारी प्रति दिन्म खोलेगा तथा पुलिस तक पहुंचेगा .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की आम जन की शिकायतों पर गौर करने के बाद निर्णय लिया हें की शहर की प्रत्येक स्कूल में एक शिकायत पेटिका राखी जायेगी साथ ही प्रत्येक विद्यालय में स्कूल स्टाफ से एक को प्रभारी बनाया जाएगा जो शिकायतों को पुलिस तक पहुँचाने की व्यवस्था करेंगे .उन्होंने बताया की खासद कर बालिका स्कूलों के आसपास आवारा लड़को के जमावड़े तथा बालिकाओ पर जुमले कसने की शिकायते मिली हें .जिस पर पुलिस ने अपना खास एक्शन प्लान तयार किया हें .जिस पर कार्यवाही कर इसको अंतिम रूप दियास जा रहा हें उन्होंने अध्यनरत बालिकाओ से अपील की हें की उन्हें महाविद्यालय या कंही आसपास ऐसे आवारा लड़के दिखे या कोई ऐसी हारकर करते पाए जाये तो उनकी सीढ़ी शिकायत पुलिस को करे या शिकायत पेटी में लिखकर दाल दे शिकायत पर नाम लिखने की जरुरत नहीं .उन्होंने बाड़मेर यातायात प्रभारी उगमराज को भी निर्देश दिए की बालिका स्कूलों तथा बालिका महाविद्यालय के आसपास सदा वर्दी धारी पुलिस कर्मी तेनात करे .साथ हे सिटी कोतवाल को भी इस सम्बन्ध में कार्यवाही के निर्देश जारी किये .

भारतीय वायुसेना के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी न करने का कारण

भारतीय वायुसेना के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी न करने का कारण


जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन, जोधपुर में आयोजित एक प्रेसवार्ता में एयरफोर्स अथोरिटिज़ ने कहा कि सालावास तथा गांगाणी गांव में जोधपुर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए प्रस्तावित जगह वायुसेना स्टेशन, जोधपुर के एआरपी से 025/30.35 किलोमीटर है तथा वर्तमान हवाई पट्टी की नियंत्रण जोन में है। इतनी नजदीक यदि नये सिविल एयरपोर्ट का विकास होता है, तो वर्तमान एयरफील्ड की कार्यशैली पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।



उपरोक्त प्रस्ताव की सिफारिश नहीं करने के साथ भारतीय वायुसेना ने सिफारिश किया कि अन्र्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से अनुरोध किया जाए कि वर्तमान सिविल टर्मिनल पर टर्मिनल सुविधाओं का विस्तार करने की संभावनाऐं तलाशी जानी चाहिए या जोधपुर में विद्यमान हवाईपट्टी के साथ नए टर्मिनल का विकास किया जाना चाहिए।



भारतीय वायुसेना का जोधपुर बेस राजस्थान में वायु प्रतिरक्षा के लिए अतिमहत्वपूर्ण है। आज एयरफोर्स अथोरिटिज़ ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशनल फ्लाइंग के लिए वृहद तथा जटिल आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वायुसेना एयरफील्ड के नजदीक सिविल हवाई अड्डा स्थापित करना संभव नहीं है। एयरफोर्स अथोरिटिज ने आगे बताया कि इसके अलावा पिछले दो दशकों में कई ऑपरेटरों को एन ओ सी देने के उपरांत तथा वायुसेना स्टेशन के अतिरिक्त वायुसेना स्टेशन, जैसलमेर को भी सिविल फ्लाइट्स के लिए उपलब्ध कराने के बावजूद भी सिविल फ्लाइट्स की संख्या में अच्छी ब़ोतरी नहीं हुई है। इस तरह समुचित हल यह होगा कि सिविल फ्लाइट्स की संख्या में अच्छी ब़ोतरी के लिए विद्यमान सिविल टर्मिनल सुविधाओं को विस्तार करने की संभावनाओं को तलाशना होगा।

बाड़मेर यातायात सुधर के लिए एक्शन प्लान पर होगा काम

बाड़मेर यातायात सुधर के लिए एक्शन प्लान पर होगा काम 

जिला पुलिस अधीक्षक ने पत्रकारों से  यातायात व्यवस्था को लेकर चर्चा


बाड़मेर की बेतरतीब यातायात व्यवस्था को लेकर बाड़मेर के एस पी राहुल बारहठ ने गुरुवार को करीब दो घंटो तक बाड़मेर के पत्रकारों के साथ विस्तृत चर्च कर शहर के बिगड़े हुए यातायात पर उनकी राय ली , इस दौरान बाड़मेर के थार प्रेस क्लब के अध्यक्ष धर्म सिंह भाटी , चन्दन सिंह भाटी , दुर्गसिंह राजपुरोहित , दिनेश बोहरा , प्रेमदान देथा समेत करीब तीस पत्रकार और यातायात  प्रभारी उगम राज सोनी मौजूद रहे ! धर्म सिंह भाटी ने इस बैठक में मुख्य रूप से ट्राफिक कर्मचारियों के लोगो में भय नहीं होने के विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जिस तरीके से उनका आम जनता के साथ व्यवहार हैं उस से कोई भी उनकी बात नहीं मानता और उनके सामने सारे नियम कायदों को ठेंगा दिखा कर निकाल जाता हैं और वे उनके खिलाफ कोई कार्यवाही भी जानबूझ कर नहीं करते जिसके कारण आम जनता को काफी परेशानियाँ उठानी पड़ रही हैं , उन्होंने हर वाहन पर प्रेस लिखे होने पर भी एतराज जताते हुए कहा कि जो पत्रकार हैं उनके पास उनके मीडिया हाउस द्वारा प्रदान किया हुआ परिचय पत्र होता हैं लेकिन जो पत्रकार नहीं हैं उनके द्वारा भी प्रेस का दुरुपयोग किया जा रहा हैं उन्होंने कहा कि जितनी भी गाड़ियाँ तस्करी या दुसरे संगठित अपराधों में पकड़ी जाती हैं उनपर प्रेस लिखा हुआ होता हैं फिर भी ट्राफिक पुलिस के कारिंदे ऐसे लोगो और उनके वाहनों की कोई जांच तक नहीं करते !
पत्रकार चन्दन सिंह भाटी ने इस मौके पर अपनी बात रखते हुए कहा कि शहर में बेतरतीब यातायात व्यवस्था का सबसे बड़ा कारण यहाँ पर रूट प्लान सही नहीं होना और पार्किंग के लिए कोई जगह चिन्हित नहीं होना हैं जिसकी वजह से लोग हमेशा असमंजस में रहते हैं कि वो वाहनों को किस स्थान पर खड़ा करें ! बाड़मेर पंजाब केसरी के ब्यूरो चीफ दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने पुलिस लाइन में ऐसे वाहनों पर सवाल उठाए जिन पर पुलिस का लोगो और राजस्थान पुलिस लिखा हुआ होता हैं जबकि नियमानुसार पुलिस का लोगो पुलिस महकमे के द्वारा आवंटित वाहन पर ही लिखा जा सकता हैं ! साथ ही शहर में बाल वाहिनियों के द्वारा बिना परिवहन विभाग कार्यालय में रजिस्ट्रेशन के शहर में बच्चो की जान जोखिम में डाल कर तेजी से भागते रहने के बावजूद ऐसे वाहनों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने पर पुलिस को कार्यवाही करने की बात कही ! वही जिला पुलिस अधीक्षक ने आगामी एक पखवाड़े में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए व्यक्तिगत रूप से इसमें कार्य करने और रणनीति बनाने का भरोसा दिलाया !
बैठक में पत्रकार मुकेश मथरानी, सचिन कुमार , लाखाराम , मूलाराम सारण , ओम माली , भगवान आकोड़ा समेत कई पत्रकार मौजूद रहे !

लंदन ओलिंपिक : सज गई है जिस्म की मंडी

ओलिंपिक गेम्स के लिए लंदन सज कर तैयार है। खिलाड़ियों के साथ-साथ दुनिया भर के खेल प्रेमी लंदन पहुंच रहे हैं। इस टूरिस्ट मेले का फायदा उठाने के लिए दुनिया भर के सेक्स वर्कर्स ने भी लंदन का रुख कर लिया है। सेक्स एजेंसियां (एस्कॉर्ट्स एजेंसियां) लंदन में लगे इस टूरिस्ट्स मेले का फायदा उठाने का कोई मौका नहीं चूकना चाहतीं। गौरतलब है कि पिछले कई सालों से ओलिंपिक और दूसरे स्पोर्ट्स इवेंट्स के दौरान शराब और शबाब में चलन में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है। सेक्स वर्कर्स मुहैया कराने वाली इन एजेंसियों ने टूरिस्ट्स को रिझाना भी शुरू कर दिया है। इसके लिए ये कई तरह के तिकड़म अपना रही हैं। बहुत सारी एजेंसियों ने ऐसे नाम अपना लिए हैं जो पहली ही नज़र में किसी का भी ध्यान अपनी तरफ खींच ले। कुछ एजेंसियां तो बकायदा पैकेज उपलब्ध करवा रही हैं। इन्होंने इसका नाम गोल्ड और सिल्वर पैकेज रखा है। हालांकि, पुलिस ने भी सेक्स ट्रैफिकिंग रोकने की पूरी तैयारी कर रखी है।Olympic-sex 
खास बात यह है कि तमाम सेक्स सर्विस मुहैया कराने वाली एजेसियों ने अपने नाम और स्लोगन ऐसे रखे हैं, जो ओलिंपिक गेम्स स्पिरिट से मिलते-जुलते हैं। ओलिंपिक एस्कॉर्ट्स 2012 नाम की एक एजेंसी ने अपने विज्ञापन में लिखा है कि 'आइए और ओलिंपिक लंदन एस्कॉर्ट के साथ गोल्ड मेडल जीतिए'। हर एजेंसी अलग अंदाज में टूरिस्ट्स को टारगेट कर रही हैं। कुछ एजेंसियां एक की कीमत पर एक्स्ट्रा सेक्स वर्कर्स मुहैया कराने की बात कर रही हैं, तो कुछ इंडियन गर्ल्स का ऑफर दे रही हैं। ये एजेंसियां जमकर अपना प्रचार भी कर रही हैं। विज्ञापन के लिए पोस्टर्स से लेकर इंटरनेट तक का सहारा लिया जा रहा है। लंदन में बहुत से पेड फोन केबिन एस्कॉर्ट सर्विस एजेसियों के पोस्टरों से भरे पड़े हैं। वहीं कुछ एस्कॉर्ट्स एजेंसियों ने तो बाकायदा अपनी वेबसाइट्स भी तैयार की हैं।

जाहिर है, इस सब के लिए बड़े पैमाने पर सेक्स ट्रैफिकिंग की जा रही है। दुनिया भर से सेक्स वर्कर और एस्कॉर्ट्स भी लंदन पहुंच रही हैं। वहीं स्थानीय पुलिस का दावा है कि वह इस सब पर नज़र रखे हुए है। स्कॉटलैंड यार्ड के प्रवक्ता का कहना है कि इस बात का पहले से ही अंदेशा था कि गेम्स के दौरान लंदन में सेक्स वर्कर्स की तादाद बढ़ सकती है। ऐसे में 3 साल पहले ही ओलिंपिक के लिए एक खास टीम बनाई गई थी, जो गेम्स से जुड़ी सभी तरह की ट्रैफिकिंग पर नज़र बनाए हुए है। लेकिन, लंदन के बाशिंदों का मानना है कि पुलिस सिर्फ लोकल सेक्स वर्कर्स को ही टारगेट कर रही है, जबकि इस पूरे खेल की कमान बड़े एजेंट्स और ऑर्गनाइज्ड गैंग्स के हाथों में हैं।

दरअसल पिछले कई सालों से ओलिंपिक और दूसरे स्पोर्ट्स इवेंट्स के दौरान शराब और शबाब में चलन में बढ़ोतरी देखी गई है। टूरिस्ट्स के अलावा इस पूरे खेल से खिलाड़ी भी अछूते नहीं रहे हैं। गौरतलब है कि एक पूर्व ऐथलीट ने अपनी किताब 'द सीक्रेट ऑफ ओलिंपियन' में कई सारे खुलासे किए थे। किताब में दावा किया गया है कि ओलिंपिक में शराब और कॉन्डम की भारी मांग रहती है। किताब में यह भी कहा गया है कि सिडनी ओलिंपिक के दौरान ऐथलीट्स को 70 हज़ार कॉन्डम दिए गए थे, लेकिन ये स्टॉक भी एक हफ्ते के अंदर ही खत्म हो गया था।

प्रेग्नेंसी का दुश्मन है रूबी वायरस

नई दिल्ली
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने रुबेला इन्फेक्शन केखिलाफ चेतावनी देते हुए सभी देशों से कहा है कि वेइसका मुकाबला करने के लिए अपने वैक्सीनेशन प्रोग्रामको मजबूत बनाएं। प्रेग्नेंट महिला को यह संक्रमण होने परबच्चे में कई जन्मजात विकार पैदा हो सकते हैं या भ्रूण कीमृत्यु तक हो सकती है।
Pregnant-Woman 
दुनिया में हर साल करीब एक लाख 10 हजार बच्चे इसवायरस से विकृतियों के शिकार होते हैं। इनमें से ज्यादातरगरीब देशों के होते हैं। भारत में इससे जुड़ा आधिकारिकडेटा नहीं है पर माना जाता है कि देश के अलग-अलगइलाकों में करीब 12 से 30 प्रतिशत महिलाएं अपनेप्रजनन काल में कभी न कभी इस इन्फेक्शन की चपेट मेंआ जाती हैं।

क्या है रुबेला
यह संक्रमण रूबी नाम के वायरस के कारण होता है। इसेजर्मन मीजल्स के नाम से भी जाना जाता है। इसकी चपेटमें अक्सर बच्चे और युवा आते हैं। यह हवा और आपसीसंपर्क के जरिए फैलता है।

क्या हैं लक्षण
बच्चों में यह संक्रमण होने पर शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं। हल्का बुखार हो जाता है। मिचली आ सकती हैऔर आंखें लाल हो जाती हैं। कान के पीछे ग्लैंड्स में सूजन आ सकती है। इसकी चपेट में आने वाले एडल्ट,खासकर महिलाओं के जोड़ों में दर्द हो सकता है और वे आर्थराइटिस की चपेट में आ सकती हैं। ये लक्षण आमतौरपर तीन से 10 दिनों में अपने आप खत्म हो जाते हैं।

पर अगर प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में कोई महिला इस इन्फेक्शन का शिकार हो जाती है तो उसके बच्चे के भीइससे प्रभावित होने की 90 फीसदी आशंका रहती है। ऐसा होने पर महिला का मिसकैरिज हो सकता है। बच्चे कीगर्भ में ही मौत हो सकती है या उसमें गंभीर विकृतियां हो सकती हैं। इन विकृतियों को कन्जेनिटल रुबेला सिंड्रोम(सीआरएस) के नाम से जाना जाता है।

कन्जेनिटल रुबेला सिंड्रोम
इसका शिकार होने पर बच्चे को जन्म से ही सुनने में दिक्कत हो सकती है। आंखों और दिल में डिफेक्ट हो सकता है।साथ ही वह ऑटिज्म, डायबीटीज के अलावा थायरॉइड ग्लैंड में गड़बड़ी का भी शिकार हो सकता है।

भारत का हाल
भारत में इस बीमारी का अधिकृत डेटा न होने के बावजूद कुछ स्टडी से पता चलता है कि देश में बच्चों को होनेवाले कैटरैक्ट के 10 से 15 प्रतिशत मामलों के लिए सीआरएस जिम्मेदार होता है। जन्मजात विकृतियों के शिकार10 से 50 प्रतिशत बच्चों के मामले में सीआरएस की भूमिका का पता चलता है। वहीं, अमेरिका में 2009 सेइसका कोई नया मामला सामने नहीं आया है।

क्या है ट्रीटमेंट
रुबेला इन्फेक्शन का कोई विशेष उपचार मौजूद नहीं है, केवल वैक्सीन के द्वारा ही इससे बचाव हो सकता है।देश के शहरी इलाकों में भले ही इसके टीके के बारे में थोड़ी बहुत जागरूकता है, पर ग्रामीण इलाके इस मामले मेंबहुत पीछे हैं। डब्लूएचओ का कहना है कि सभी सरकारों को रुबेला इन्फेक्शन से बचाव के लिए दी जाने वालीवैक्सीन को अपने टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी को इन्फेक्शन से बचायाजा सके।

अलविदा राजेश खन्ना, नाती आरव ने दी मुखाग्नि

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नई दिल्ली।। बॉलिवुड के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना की अंतिम यात्रा शुरू हो गई। हल्की बारिश के बीच बांद्रा स्थित उनके बंगले 'आशीर्वाद' से एक सजे हुए ट्रक में उनके पार्थिव शरीर को विले पार्ले के श्मशान में ले जाया जा रहा है। शव को एक खुले ट्रक में रखा गया है ताकि उनके प्रशंसक उनके अंतिम दर्शन कर सके। बॉलिवुड की तमाम हस्तियों के साथ भारी भीड़ भी ट्रक के पीछे चल रही है। करीब 11 बजे अक्षय-ट्विंकल का बेटा आरव उन्हें मुखाग्नि दी लीवर की बीमार से जूझ रहे राजेश का बुधवार दोपहल निधन हो गया था। पिछले कुछ समय से वह बीमार चल रहे थे और कई बार अस्पताल भी गए। कुछ दिन पहले वह अस्पताल से घर आ गए थे, तब लग रहा था कि अब वह ठीक-ठाक हैं, लेकिन अचानक उनकी तबियत फिर खराब हो गई। इस बार डॉक्टरों ने जवाब दे दिया इसके बार परिवार के लोग उन्हें घर ले आए थे।उनकी पत्नी डिंपल कपाड़िया, बेटियां ट्विंकल खन्ना और रिंकी, दामाद अक्षय कुमार उनकी देखभाल कर रहे थे। लेकिन कल दोपहर उनका निधन हो गया। उनके जाने की खबर सुनते ही पूरा बॉलिवुड उनके बंगले 'आशीर्वाद' पर उमड़ पड़ा। शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने वालों में अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, शाहरुख खान, सलमान खान, प्रेम चोपड़ा, ऋषि कपूर और शबना आजमी थे।

'मैं तैयार, अब सोनिया-मनमोहन लें फैसला'

नई दिल्ली. बहुत जल्द कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी अपनी पार्टी के संगठन या यूपीए-2 सरकार में बड़ी भूमिका निभाते दिखेंगे। समाचार चैनल एनडीटीवी के मुताबिक राहुल ने कहा है कि वे पार्टी और सरकार में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं और इस पर फैसला लिया जा चुका है। लेकिन यह कब होगा, इस पर अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष और प्रधानमंत्री को लेना है।
 
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कहा था कि राहुल गांधी किस तरह की भूमिका निभाना चाहते हैं, इसका फैसला उन्हें खुद लेना है। गौरतलब है कि पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कुछ दिनों पहले कहा था कि सितंबर से राहुल गांधी पार्टी संगठन या सरकार में बड़ी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा था कि इसके लिए खाका भी तैयार हो चुका है।

कांग्रेस पार्टी के नेता और सरकार के मंत्री राहुल के सरकार या संगठन में ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाने की मांग करते रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा था कि उन्हें इस बात का इंतजार है कि राहुल गांधी ज़्यादा सक्रिय और बड़ी भूमिका निभाएं। इसके अलावा विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और खुद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह राहुल गांधी को कैबिनेट में शामिल होने के लिए कह चुके हैं।

जसवंत सिंह राजस्थान के गौरव ...वसुंधरा राजे

जसवंत सिंह राजस्थान के गौरव ...वसुंधरा राजे

बाड़मेर राजस्द्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे ने कहा की जसवंत सिंह राजस्थान के गौरव हें .उनकी उप राष्ट्रपति पद की उम्मेदवारी से राजस्थान का गौरव बढ़ा हें .उन्होंने कहा की जसवंत की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद राजस्थान में जश्न का माहौल हें .भाजपा हर संभव जसवंत को जिताने का प्रयास करेगी ,.इधर जसवंत सिंह के गृह जिले में उनकी जीत को लेकर दुआओं का दौर शुरू हो गया हें ,उनके पत्रिक गाँव जसोल में ग्रामीणों ने उनकी जीत की कामना के साथ यज्ञ शुरू किया .वहीं उनके पुत्र और बाड़मेर जैसलमेर के पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह भी अपने पिटा की जीत की दुआओं के लिए आश्था स्थलों पर पूजा अर्चना कर मत्था टेक रहे हें .मानवेन्द्र ने जैसलमेर स्थित्ब लक्ष्मीनाथजी के मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की वन्वी उनकी कुल देवी नागानेचिया माता के मंदिर में भी धोक लगाई .

युवाओं को कौशल निर्माण के अवसर दें: कलेक्टर

युवाओं को कौशल निर्माण के अवसर दें: कलेक्टर


जालोर  कलेक्टर राजन विशाल की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में जिला युवा बोर्ड व जिला युवा कार्यक्रम सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस मौके पर कलेक्टर ने कहा कि युवा शक्ति को समाज में रचनात्मकता के साथ सृजन एवं प्रगति से जोडऩे की दिशा में कार्य करना होगा तथा युवाओं में अग्रिम शिक्षा व कौशल निर्माण के माध्यम से कॅरियर मार्गदर्शन के अवसर उपलब्ध करवाने होंगे। उन्होंने युवा शक्ति को समाज के सर्वांगीण विकास में भागीदार बनाने की बात कही। साथ ही कहा कि सामाजिक प्रगति में भागीदार बनाने के लिए राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की योजनाओं से जोडऩे का आह्वान किया। बैठक में उन्होंने जिला युवा बोर्ड व नेहरू युवा केन्द्र के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि युवा मंडलों के पंजीकरण की दिशा में रूचि लेकर प्रयास करने होंगे तथा सकारात्मक सोच से युवाओं को आगे लाने का कार्य करना होगा। बैठक में अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी.आर. पंडत ने ग्रामीण क्षेत्रों में समान रूप से गतिविधियों का संचालन करने तथा विकासोन्मुख कार्यों की दिशा में युवाओं के माध्यम से सार्थक पहल किये जाने की आवश्यकता जताई। बैठक में जिला युवा समन्वयक चौधरी धर्मपाल सिंह ने वार्षिक कार्य योजना के निर्धारित वित्तीय प्रावधानों की जानकारी दी। बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में खेलकूद को बढावा देने के लिए पंचायत क्रीड़ा एवं खेल अभियान से जोडऩे, युवा मंडलों को सहायता दिलवाने सहित अन्य बिन्दुओं पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में जिला उद्योग अधिकारी दिनेश धाकड, डा. डीसी पुंसल, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी भैराराम, मार्गदर्शी बैंक प्रबन्धक जी.आर. सापेला, राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिप्ती महेश्वरी एवं युवा मंडल के पदाधिकारियों ने भी विचार व्यक्त किये । बैठक, एनसीसी के सोहनलाल व आईदानसिंह, स्काउट किट डिप्पल दवे सहित अन्य राष्ट्रीय सेवाकर्मी व अधिकारी उपस्थित थे।

अथः.रक्षम ग्रीन बाडमेर.....एक सार्थक पहल एक ख़ास रिपोर्ट


अथः.रक्षम 

चन्दनसिंह भाटी 

ग्रीन बाडमेर.....एक सार्थक पहल 

जीवन का आधार हैं वृक्ष,धरती का श्रृंगार हैं वृक्ष॥ 



आपके लोकप्रिय ई सूमाचार पत्र बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक का अंक जब आपके हाथ में होगा,बाडमेर जिला ग्रीन बाडमेर का आगाज कर चुका होगा।स्थानीय आर्दश  स्टेडियम में पोधारोपण के जरिऐ बाडमेर में नई इबादत लिखने की ओर अग्रसर हुऐ।जिला प्रासन की सार्थक पहल ओर सोच को सलाम।जिसकी सकारात्मक सोच के कारण एक बार फिर पर्यावरण सरंक्षण के प्रति आम जन जागरूक होने की ओर अग्रसर होगा।अफ़सोस की जिला कलेक्टर ने जितना उत्साह पोधारोपन को लेकर दिखाया बाड़मेर की जनता ने उतना ही निराश किया .



प्राचीनकाल में भारत में पर्यावरणीय सोच अद्भूत थी और पर्यावरण या प्रकृति के साथ अनुकरणीय सामंजस्य था।समभाव प्रर्दान के साथ साथ पेड.पौधों की पूजा की जाती थी।राजसथान में आज भी यह एक परम्परा के रूप में मौजूद हैं।

जीव जन्तुओं को विभिन्न देवताओं के वाहन मानते हुऐ आदर और श्रद्घा के साथ पूजा जाता था।गा्रमीण क्षेत्रों में आज भी ाणियों की पहचान पेड बने हुऐ हैं।इन्सान के जन्म से मौत तक का सफर पेड पोधो के साथ ही तय करना होता हैं।पैडों की रक्षा के लिऐं खेजडली में अमृतादेवी के नेतृत्व में किऐ आत्मबलिदान को कौन भूल सकता हैं।

आधुनिक काल में विभिन्न अधिनियमों के माध्यम से जल ,थल और आका को प्रदुशण रहित रखने के प्रयास किऐ जा रहे हैं।अतीत में झांके तो तत्करलीन उप वन सरंक्षक भरत तैमनी ओर पी के उपाध्याय को सलाम करुंगा जिन्होने रेगिस्तान को नखलिस्तान बनाने का सपना देखा ओर दस सपने को पूरा करने का सार्थक प्रयास कर बाडमेर में लाखों पोधे एक ही दिन एक ही समय रोपित कर अनूठा उदाहरण पो किया ।इन लोगों ने पोधे रोपित काने के बाद भी उनकी पूरी देख रेख की।जिसके कारण जिले में पौधों की जीवितता अनुपात नब्बे फीसदी से अधिक रही।यह कागजी आंकडे नही थे।

उनका प्रमाण आज भी सिणधरी,चौहटन ,गडरारोड,धोरिमन्ना,सिवाना,बालोतरा में देखे जा सकते हैं।पौधारोपण ना केवल समय की जरूरत हैं बल्कि इसके जरिऐ धार्मिक आस्था का ज्वर पुनः लोगों के दिलों में धरने का बेहतरीन अवसर हैं।नैतिक ओर सामाजिक प्र्यावरणीय दायित्व समझातें हुऐ आम जन में स्पश्ट भावना उभरनी चाहिऐं कि प्र्यावरण ईवर हैं,पर्यावरण ही धर्म हैं,पर्यावरण ही पूजा हैं,पर्यावरण ही जीवन का आधार हैं।


आजकल दो चार पोधे रोप कर फोंटों खींचकर समाचार पत्रों में वाह वाही कराने वालों की अधिकता हो जाने से वास्तविक पर्यावरण प्रेंमी खामोा हो गऐं।ऐसी संस्थाओं द्घारा बीते पांच सालों में लगाऐं गयें पौधों की वास्तविक स्थिति जिला प्रासन जॉच के वास्तविकता सामने आ जाऐगी।दूर जाने की जरूरत नहीं कलेक्टर कार्यालस परिसर में बीते सालों में हजारों पौधें रोपे गऐ थें।प्रासनिक अधिकारीयों की दनके देखरेख की जिम्मेदारिया। कागजों में तैयार की थी ,आज दन पौधें का अस्तित्व ही नही हैं।ऐसे ही अगर खानापूर्ती और सरकारी लक्ष्य पूर्ति की गरज से जिला प्रासन पौधे लगा रहा हैं तो इस नौटंकी को बन्द कर देना चाहिऐ।मनरेगा में र्नसरी स्थापना के साथ पर्यावरण सांक्षण की कई योजनाओं को कागजों में दफन कर लिया गया।जिला कलेक्टर डॉ वीणा प्रधान कर नियत साफ लगती हैं।उनके मन में पौधें और पर्यावरण के प्रति दृ संकल्पता नजर आती हैं।उन्हें मावरा हैं कि समाचार पत्रों में महज फोटों खींचवानें वाली संस्थओं से किनारा करें क्योंकि ये लोग फिर हजारों पौधों की भ्रूण हत्या करेंगें।

बाडमेर पर्यावरणीय दुश्टि से काफी पिछडा हैं।आवयक्ता हैं आमजन को जागरूक करने की।आम आदमी जागेगा तभी यफल पौधरोपण होगा।सरकारी योजनाओं में बनें लाखों टांकों कें आगोर में पाधारोपण के आदों की कितनी पालना हुई यह जिला प्रासन बता पाऐगा।नहीं।बीते सालों मनरेगा में पौधरोपण का काम पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों को दिऐ गऐ थे।क्या हश्र हुआ उन पौधों का ।पंचायत समितियों की चाहरदीवारी में पौधे सड गऐ या जल गये।कभी जिला प्रायन या जिला परिशद ने विकास अधिकारियों और ग्राम सेवकों से इस बारें में पूछा।बजट आया और बन्ट गया मगर पौधे नही लगे।प्रासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी के साथ गैर जिम्मेदारी का दण्ड भी साथ में तय करें ।

मशवरा...जिला कलेक्टर को पौधरोपण के लिऐं पूरे जिले में एके दिन और एक समय निचत कर एक साथ लाखों पौधे रोपित करनें का लक्ष्य निधारित कर सार्थक पहल करनी चाहिऐ जिससे समाज ओर जिलें में ऐक व्यापक संदो प्र्यावरण जागरूकता का जाऐं।

आम जनता ,युवा वर्ग तथा छात्र वर्ग को अभियान से जोडनें का प्रयास किया जाना चाहिऐ अन्यथा ग्रीन बाडमेर का हश्र साफ दिखाई दे रहा हैं।निसंदेह मनुश्य सर्वश्रेश्ठ प्राणी हैं।मनुश्यसंयम,सादगी,नैतिकता,दायित्व,समानता,भातृत्व एवं प्रकृति के अनुकूलन के साथ ही श्रेश्ठ अन सकता हैं।वस्तुतः भारतीय दार्न की वसुधैव कुंटुम्बकम की अवधरण को सही अर्थों में समझकर अनुकरण करनें में ही पृथ्वी,प्रकृति एवं मानव का कल्याण सम्भव हो सकता हैं।

मारुति के प्‍लांट हेड को जिंदा जलाया, 60 मजदूरों के खिलाफ एफआईआर


मारुति के प्‍लांट हेड को जिंदा जलाया, 60 मजदूरों के खिलाफ एफआईआर 
गुड़गांव.कार बनाने वाली देश की अग्रणी कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया लिमिटेड के आईएमटी हरियाणा मानेसर स्थित प्लांट में बुधवार शाम श्रमिक और कंपनी प्रबंधन के बीच हिंसक टकराव हो गया। एक साथी को निलंबित किए जाने से नाराज श्रमिकों ने जमकर उत्पात मचाया।
प्लांट परिसर में तोड़फोड़ की और ऑफिस परिसर में जगह-जगह आग लगा दी। आग इतनी भीषण थी कि कंपनी प्रबंधन का एक अधिकारी जिंदा जल गया। बाद में उसका जला हुआ शव मिला। इस दौरान 40 लोग घायल भी हो गए।
श्रमिकों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, इसमें दर्जनों श्रमिक घायल हो गए। जवाब में श्रमिकों ने पुलिस पर भी पथराव किया, इसमें एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में 60 मजदूरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। मानेसर थाने के एसएचओ ओम प्रकाश ने बताया कि प्‍लांट के मैनेजमेंट ने कुछ यूनियन लीडर्स के नाम दिए हैं। पुलिस ने 60 वर्कर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है।

जसवंत की जीत के लिए हुआ यज्ञ


जसवंत की जीत के लिए हुआ यज्ञ


जसोल  मालाणी के जसवंतसिंह को उपराष्ट्रपति के चुनाव में विजयी बनाने की कामना के साथ उनके पैतृक गांव जसोल स्थित मालाणी महादेव मंदिर में बुधवार को हवन का आयोजन किया। पूर्व सरपंच ईश्वरसिंह चौहान ने बताया कि सुबह 8 बजे पंडित राजू महाराज के मंत्रोच्चारण के साथ मंदिर परिसर में यज्ञ प्रारंभ हुआ। यज्ञ में ग्रामीणों ने आहुतियां देकर जसवंतसिंह के विजयी होने की कामना की। उन्होंने बताया कि जसोल के सपूत को एनडीए की ओर से उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने पर पूरे गांव में खुशी की लहर छाई हुई है। इस मौके पर बाबूसिंह भाटी, मोहनसिंह चौहान, माणक गहलोत, बिहारीलाल सोनी, विक्रमसिंह राठौड़, हीराराम सुथार, बुधाराम नाई, खीमाराम नाई, बीजाराम नाई, लखसिंह राठौड़, देवेंद्रसिंह राठौड़, सुमेरसिंह, जोगसिंह, नाथूसिंह सोलंकी, बंशीसिंह चौहान, पंूजाराम बारासा, वीराराम तीरगर, रमेश भंसाली, उमेश सोनी, घनश्याम भाटी, शांतिलाल जीरावला, जितेंद्र परमार, नरेन्द्र वैष्णव, पंूजाराम संत व बाबूसिंह इंदा सहित कई लोग मौजूद थे।

अब महिलाओं पर भी चलेगा रेप का मुकदमा!

नई दिल्ली.सरकार अब बलात्कार से जुड़े कानून में बड़े फेरबदल पर विचार कर रही है। केंद्रीय कैबिनेट के सामने पेश प्रस्ताव में रेप के मामलों में लड़कियों को भी दोषी ठहराए जाने का कानूनी प्रावधान रखने की बात कही गई है। सरकार रेप की परिभाषा में बदलाव कर सकती है।

 

अब तक रेप की कानूनी परिभाषा में इसे 'फोर्सिबल पेनेट्रेशन' बताया गया है। लेकिन प्रस्तावित बदलाव के मुताबिक फोर्सिबल पेनेट्रेशन की जगह इसे 'सेक्सुअल असॉल्ट' माना जा सकता है। इस तरह से यह कानून सिर्फ पुरुषों के ही खिलाफ लागू नहीं होगा।

सिफारिश के मुताबिक रेप का कानून सिर्फ पुरुषों के ही खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात नहीं करेगा, बल्कि इसमें महिला के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की बात भी शामिल की जाएगी।

एक अन्य प्रस्ताव में पीछा करने और तेजाब से हमला करने को निश्चित अपराध की श्रेणी में रखे जाने और सज़ा को कड़ा करने की बात कही गई है। देश में लड़कियों के ऊपर लगातार बढ़ रही तेजाब फेंकने की घटनाओं को देखते हुए यह प्रस्ताव अहम माना जा रहा है।