नई दिल्ली.सरकार अब बलात्कार से जुड़े कानून में बड़े फेरबदल पर विचार कर रही है। केंद्रीय कैबिनेट के सामने पेश प्रस्ताव में रेप के मामलों में लड़कियों को भी दोषी ठहराए जाने का कानूनी प्रावधान रखने की बात कही गई है। सरकार रेप की परिभाषा में बदलाव कर सकती है।
अब तक रेप की कानूनी परिभाषा में इसे 'फोर्सिबल पेनेट्रेशन' बताया गया है। लेकिन प्रस्तावित बदलाव के मुताबिक फोर्सिबल पेनेट्रेशन की जगह इसे 'सेक्सुअल असॉल्ट' माना जा सकता है। इस तरह से यह कानून सिर्फ पुरुषों के ही खिलाफ लागू नहीं होगा।
सिफारिश के मुताबिक रेप का कानून सिर्फ पुरुषों के ही खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात नहीं करेगा, बल्कि इसमें महिला के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की बात भी शामिल की जाएगी।
एक अन्य प्रस्ताव में पीछा करने और तेजाब से हमला करने को निश्चित अपराध की श्रेणी में रखे जाने और सज़ा को कड़ा करने की बात कही गई है। देश में लड़कियों के ऊपर लगातार बढ़ रही तेजाब फेंकने की घटनाओं को देखते हुए यह प्रस्ताव अहम माना जा रहा है।
अब तक रेप की कानूनी परिभाषा में इसे 'फोर्सिबल पेनेट्रेशन' बताया गया है। लेकिन प्रस्तावित बदलाव के मुताबिक फोर्सिबल पेनेट्रेशन की जगह इसे 'सेक्सुअल असॉल्ट' माना जा सकता है। इस तरह से यह कानून सिर्फ पुरुषों के ही खिलाफ लागू नहीं होगा।
सिफारिश के मुताबिक रेप का कानून सिर्फ पुरुषों के ही खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात नहीं करेगा, बल्कि इसमें महिला के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की बात भी शामिल की जाएगी।
एक अन्य प्रस्ताव में पीछा करने और तेजाब से हमला करने को निश्चित अपराध की श्रेणी में रखे जाने और सज़ा को कड़ा करने की बात कही गई है। देश में लड़कियों के ऊपर लगातार बढ़ रही तेजाब फेंकने की घटनाओं को देखते हुए यह प्रस्ताव अहम माना जा रहा है।
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