गुरुवार, 19 जुलाई 2012

भारतीय वायुसेना के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी न करने का कारण

भारतीय वायुसेना के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी न करने का कारण


जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन, जोधपुर में आयोजित एक प्रेसवार्ता में एयरफोर्स अथोरिटिज़ ने कहा कि सालावास तथा गांगाणी गांव में जोधपुर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए प्रस्तावित जगह वायुसेना स्टेशन, जोधपुर के एआरपी से 025/30.35 किलोमीटर है तथा वर्तमान हवाई पट्टी की नियंत्रण जोन में है। इतनी नजदीक यदि नये सिविल एयरपोर्ट का विकास होता है, तो वर्तमान एयरफील्ड की कार्यशैली पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।



उपरोक्त प्रस्ताव की सिफारिश नहीं करने के साथ भारतीय वायुसेना ने सिफारिश किया कि अन्र्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से अनुरोध किया जाए कि वर्तमान सिविल टर्मिनल पर टर्मिनल सुविधाओं का विस्तार करने की संभावनाऐं तलाशी जानी चाहिए या जोधपुर में विद्यमान हवाईपट्टी के साथ नए टर्मिनल का विकास किया जाना चाहिए।



भारतीय वायुसेना का जोधपुर बेस राजस्थान में वायु प्रतिरक्षा के लिए अतिमहत्वपूर्ण है। आज एयरफोर्स अथोरिटिज़ ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशनल फ्लाइंग के लिए वृहद तथा जटिल आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वायुसेना एयरफील्ड के नजदीक सिविल हवाई अड्डा स्थापित करना संभव नहीं है। एयरफोर्स अथोरिटिज ने आगे बताया कि इसके अलावा पिछले दो दशकों में कई ऑपरेटरों को एन ओ सी देने के उपरांत तथा वायुसेना स्टेशन के अतिरिक्त वायुसेना स्टेशन, जैसलमेर को भी सिविल फ्लाइट्स के लिए उपलब्ध कराने के बावजूद भी सिविल फ्लाइट्स की संख्या में अच्छी ब़ोतरी नहीं हुई है। इस तरह समुचित हल यह होगा कि सिविल फ्लाइट्स की संख्या में अच्छी ब़ोतरी के लिए विद्यमान सिविल टर्मिनल सुविधाओं को विस्तार करने की संभावनाओं को तलाशना होगा।

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