सिंध पाकिस्तान एफ एम रेडिओ से भारत की सुरक्षा होगी प्रभावित
-- बाड़मेर भारत पकिस्तान की पश्चिमी राजस्थान की सरहद के नजदीक पकिस्तान सरकार द्वारा सिंध प्रान्त में एफ एम रेडिओ चेनल जल्द शुत्रु कर रहा हें .इस एफ एम की फ्रीक्वेंसी इतनी होगी की इसको सीमापार भारत के सरहदी गाँवो में भी आसानी से सूना जा सकेगा .पकिस्तान सरकार का तर्क हें की एफ एम के जरिये लोगोप में शिक्षा पर्यावरण .जल सरंक्षण आदी जैसे मुद्दों पर जागरूकता पैदा की जाएगी जबकि वास्तविकता हें की इन एफ एम के जरिये पाकिस्तान कट्टरता के विचार सरहद पर के गाँवो तक पहुँचाने का कार्य आसानी से कर सकेगा .सूत्रों के अनुसार .पाकिस्तान जल्द ही एक एक रेडियो चैनल (पुलिस एफएम) लांच करेगा. यह चैनल ट्रैफिक जाम, दुर्घटना, अपराध और मौसम की स्थिति की जानकारी देगा. साथ ही साक्षात्कार और टॉक शो के जरिए लोगों में विभिन्न मसलों पर जागरूकता फैलाई जाएगी. समाचार पत्र डेली टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रेडियो को अभी पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी से अनुमति और फ्रीक्वेंसी अलॉटमेंट बोर्ड से फ्रीक्वेंसी मिलनी बाकी है. शुरू में इसे करांची में लांच किया जाएगा. यह फैसला एक बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता सिंध के पुलिस महानिदेशक मुस्ताक अहमद शाह ने की. बैठक में ई-पुलिसिंग की योजना की भी समीक्षा की गई.
शनिवार, 23 जून 2012
रेव पार्टी से कंडोम-सीडी बरामद, 30 अरेस्ट
रेव पार्टी से कंडोम-सीडी बरामद, 30 अरेस्ट
हैदराबाद। हैदराबाद के उपनगर हयातनगर में पुलिस ने शुक्रवार देर रात एक रेव पार्टी पर छापा मारकर 15 लड़कियों सहित 30 युवाओं को गिरफ्तार किया है। रंगा रेड्डी जिला पुलिस ने हयातनगर के पिगलीपुरम स्थित एक रिसार्ट पर छापा मारा ।
पुलिस के अनुसार श्रीनिवास रेड्डी नाम के व्यक्ति की बर्थडे पार्टी में लड़कियों को हैदराबाद, मुंबई और बैंगलूरू से लाया गया था ।
पुलिस ने वहां से शराब, अश्लील सीडी, कंडोम, फल, फूल और कपड़े बरामद किए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वहां से 15 कारों को भी जब्त किया गया है।
ऎसा माना जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में बड़े कारोबारियों और नौकरशाहों के बच्चे भी शामिल हैं। मुंबई के एक शख्स ने इस रिसॉर्ट को लीज पर लिया था। पुलिस ने यह कार्रवाई हयातनगर के निवासियों के शिकायत पर की।
हैदराबाद। हैदराबाद के उपनगर हयातनगर में पुलिस ने शुक्रवार देर रात एक रेव पार्टी पर छापा मारकर 15 लड़कियों सहित 30 युवाओं को गिरफ्तार किया है। रंगा रेड्डी जिला पुलिस ने हयातनगर के पिगलीपुरम स्थित एक रिसार्ट पर छापा मारा ।
पुलिस के अनुसार श्रीनिवास रेड्डी नाम के व्यक्ति की बर्थडे पार्टी में लड़कियों को हैदराबाद, मुंबई और बैंगलूरू से लाया गया था ।
पुलिस ने वहां से शराब, अश्लील सीडी, कंडोम, फल, फूल और कपड़े बरामद किए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वहां से 15 कारों को भी जब्त किया गया है।
ऎसा माना जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में बड़े कारोबारियों और नौकरशाहों के बच्चे भी शामिल हैं। मुंबई के एक शख्स ने इस रिसॉर्ट को लीज पर लिया था। पुलिस ने यह कार्रवाई हयातनगर के निवासियों के शिकायत पर की।
आज से ही लगेंगे सोनोग्राफी मशीनों पे एक्टिव टेकर
आज से ही लगेंगे सोनोग्राफी मशीनों पे एक्टिव टेकर
जिला कलेक्टर .. हम सबको मिलकर रोकनी होगी कन्या भ्रूण हत्या,
एक जुलाई से भरे जाएंगे ऑन लाइन एफ फार्म
बाडमेर। आखिरकार जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के प्रयास सफल रहे और अब रविवार से ही एक्टिव टेकर लगनी की प्रकि्रया शुरू हो जाएगी। इसकी सहमति भी सभी सोनोग्राफी सेंटर संचालकों ने जता दी है और उन्होंने प्रशासन को आश्वस्त किया है कि वे इस मामले में हर संभव प्रयास करेंगे। जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने भी संचालकों को कहा कि आखिरकार इस समस्या से सामूहिक रूप से निजात पाया जा सकता है और हम सब मिलकर कन्या भू्रण हत्या जैसे कुकृत्य को रोक सकते हैं। वे शनिवार को जिला स्वास्थ्य भवन में आयोजित एक्टिव टेकर एवं ऑन लाइन फार्म के प्रिशक्षण कार्यक्रम में सोनोग्राफी सेंटर संचालकों व चिकित्सकों को संबोधित कर रही थी। प्रिशक्षण के दौरान एसीएमएचओ डॉ. जितेंद्रसिंह, पीसीपीएनडीटी समन्वयक विक्रमसिंह चम्पावत, आयुष अधिकारी डॉ. अनिल झा, आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई, मेग्नम ऑॅपस कंपनी के प्रतिनिधि मनीष शर्मा व राहुल जादव सहित जिले के सभी सोनोग्राफी सेंटर के संचालक व चिकित्सक मौजूद थे। इस मौके पर जिला कलेक्टर ने आदेश दिए कि कल से एक्टिव टेकर लगने की प्रकि्रया शुरू हो जानी चाहिए ताकि जल्द से जल्द आगे की कार्रवाई की जा सके। कंपनी प्रभारी मनीष शर्मा ने बताया कि रविवार से टेकर लगाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और संभवत 30 जून तक पूरे जिले में ट्रेकर लग जाएंगे। वहीं ऑन लाइन एफ फार्म भरने की प्रकि्रया भी एक जुलाई से पूर्व शुरू कर दी जाएगी। इस संबंध में शनिवार को हुए प्रिशक्षण में चिकित्सकों को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवा दी गई।
क्या फायदा होगा ट्रेकर से ?
जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि एक्टिव टेकर को लेकर पिछले दिनों हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए थे, जिसके बाद संपूर्ण राज्य में स्थित करीब 1800 सोनोग्राफी सेंटरों पर एक्टिव टेकर लगाने की प्रकि्रया शुरू कर दी गई है। इस कड़ी में राजसंमद, पाली, भीलवाड़ा, जयपुर व उदयपुर में प्रकि्रया जारी हो चुकी है। दरअसल, एक्टिव टेकर एक ऐसा सिस्टम है, जिसके जरिए सोनोग्राफी मशीन में होने वाली हर गतिविधि को रिकॉर्ड रखा जा सकेगा। यही नहीं कोई भी संचालक इसमें छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा, क्योंकि इसमें जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है। जीपीएस सिस्टम के तहत प्राधिकारी का मोबाइल नंबर फीड रहेगा और बंद या चालू होने की स्थिति में मैसेज के जरिए जानकारी प्राप्त होगी। वहीं मशीन खराब होने या अन्य गड़बड़ी की स्थिति में भी जीपीएस सिस्टम जानकारी संबंधित प्राधिकारी के पास पहुंचा देगा। एक्टिव टेकर में सिर्फ एक तार से मशीन जोड़ी जा सकेगी। इसमें 1024 जीबी यानी एक टीबी स्पेस है, जिससे करीब दो वर्ष तक का रिकॉर्ड रहेगा, जिसमें वीडियो फुटेज भी शामिल है। यही नहीं जीपीएस सिस्टम होने की वजह से अब कोई भी चिकित्सक सोनोग्राफी मशीन को एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जा पाएगा। यदि वह ऐसा करता है तो जीपीएस सिस्टम के जरिए संबंधित प्राधिकारी के पास जानकारी पहुंच जाएगी।
राज्य सरकार को भेजेंगे प्रस्ताव
जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई ने बताया कि ऑन लाइन एफ फार्म एंट्री में कुछ खामियों को लेकर जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने कंपनी प्रतिनिधियों से बातचीत की। जिस पर कंपनी के राजस्थान प्रभारी मनीष शर्मा ने कहा कि यदि राज्य सरकार आदेश देती हैं तो इसमें फेरबदल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान के सुझाव की सराहना करते हुए कहा कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों से बात की जाएगी। इस पर जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने कहा कि वे स्वयं इस मुद्दे को लेकर गंभीर हैं और आज ही राज्य सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जाएगा। यदि राज्य सरकार की ओर से स्वीकृति मिल जाती है तो पूरे राज्य में यह फेरबदल कर दिया जाएगा। दरअसल, जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने यह मुद्दा उठाया था कि आखिर कैसे पता चलेगा कि किसी महिला या उसके परिजनों ने लिंग जांच करवाई है। इसके लिए जरूरी है कि सोनोग्राफी करवाने वाली महिला के पूर्व में हुए बच्चों की स्थिति व अन्य तथ्य भी ऑन लाइन भरे जाएं ताकि उसकी बाद में आसानी से टेकिंग की जा सके। वहीं महिला ने किन कारणों के चलते एमटीपी करवाई, इसके लिए भी एक कॉलम बनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। वहीं इसके बाद यह जानकारी भी होनी चाहिए कि डिलीवरी के बाद महिला के लड़का हुआ या लड़की।
कन्या भू्रण हत्या पर लगेगा अंकुश
जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने कहा कि निश्चित ही इस पहल से राज्य में कन्या भू्रण हत्या पर अंकुश लग पाएगा। उन्होंने कहा कि अब जनता में जागरूकता आने लगी है और यदि इस तरह की तकनीक अपनाकर सामूहिक प्रयास किए जाएंगे तो हम बेटियों को बचा सकेंगे।
बाप और दो बेटों की हत्या कर खून पी गए ग्रामीण
सिसई (गुमला).झारखंड के नक्सल प्रभावित गुमला जिला मुख्यालय के सिसई थाना क्षेत्र स्थित खेरा दीपाटोली गांव में गुरुवार रात पिता व दो बेटों की टांगी से काट कर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद ग्रामीणों ने इनका खून पी लिया।
हत्या के पीछे डायन बिसाही को कारण बताया जा रहा है। पुलिस ने शुक्रवार सुबह शव को कब्जे में ले लिया। घटना की चश्मदीद सुनीता कुमारी ने पुलिस को बताया कि वह अपने मामा बिरसा उरांव के घर आई थी। गुरुवार रात बिरसा उरांव (55) अपने दोनों बेटों विचार उरांव (25) व तारा उरांव (20) के साथ कमरे में सोए थे, जबकि वह दूसरे कमरे में सोई थी। रात में लगभग पचास लोग आए। पहले विचार को अपने साथ ले गए। कुछ देर बाद फिर बिरसा को पकड़ कर ले गए। तीसरी बार वे लोग आए और तारा को ले गए। इसी दौरान वह भाग गई। सुबह जब घर लौटी तो वहां तीनों के शव पड़े हुए थे।
गुमला के एसपी जतिन नरवाल ने भास्कर डाट कॉम को बताया कि इनकी हत्या धारदार हथियारों से की गयी है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। घटनास्थल पर से पुलिस ने पांच कटोरे बरामद किये हैं जिसमें खून के धब्बे मिले हैं। पुलिस को अंदेशा है कि हत्यारों ने इनके खून को कटोरे में रखा और पी कर चले गए।
गांव के ही एक पुजारी ने बताया कि ग्रामीणों ने इस कारण खून पीया ताकि डायन के सारे लगाये हुए नजर का असर उसके खून पीने से समाप्त हो जायेगा।
पुलिस ने सिसई थाना में मृतकों की संबंधी संगीता भगत (13) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। घर में सभी के मारे जाने के बाद वो अकेले जिन्दा बच गयी थी।
गुमला के एसपी जतिन नरवाल ने भास्कर डाट कॉम को बताया कि इनकी हत्या धारदार हथियारों से की गयी है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। घटनास्थल पर से पुलिस ने पांच कटोरे बरामद किये हैं जिसमें खून के धब्बे मिले हैं। पुलिस को अंदेशा है कि हत्यारों ने इनके खून को कटोरे में रखा और पी कर चले गए।
गांव के ही एक पुजारी ने बताया कि ग्रामीणों ने इस कारण खून पीया ताकि डायन के सारे लगाये हुए नजर का असर उसके खून पीने से समाप्त हो जायेगा।
पुलिस ने सिसई थाना में मृतकों की संबंधी संगीता भगत (13) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। घर में सभी के मारे जाने के बाद वो अकेले जिन्दा बच गयी थी।
बाड़मेर पुलिस डायरी ..आज के अपराध समाचार
बाड़मेर पुलिस डायरी ..आज के अपराध समाचार
मारपीट का मामला दर्ज
बाड़मेर सोमाराम पुत्र उदाराम भील नि. होडू ने मुलजिम डालुराम पुत्र लछाराम भील नि. होडू वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस को रोककर मारपीट कर मोबाईल चुराना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सिणधरी पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।इधर बाड़मेर चुनीलाल पुत्र नेनाराम जाट नि. सरणू ने मुलजिम भूराराम पुत्र नंदराम जाट नि. सरणू वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस के खेत में प्रवेश कर रास्ता रोककर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सिणधरी पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
वाहन क़ी टक्कर से बालक कि मौत
बाड़मेर बाबूराम पुत्र पदमाराम जाट नि. सिणधरी चारणान ने मुलजिम अज्ञात के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि अज्ञात मुलजिम द्वारा वाहन टेम्पू को तेजगति व लापरवाही से चलाकर मुस्तगीस के पुत्र पूनमाराम उम्र 10 वर्ष के टक्कर मारना जिससे मौके पर मृत्यु होना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सिणधरी पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
लज्जा भंग करने का मामला दर्ज
बाड़मेर राजू पुत्र लुणाराम देशान्तरी नि. कॉआपरेटिव सोसायटी रोड़ बाड़मेर ने मुलजिम मदनलाल पुत्र सुरजाराम कलाल नि. कॉआपरेटिव सोसायटी रोड़ बाड़मेर वगेरा 5 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा एक राय होकर मुस्तगीस के मकान में प्रवेश कर मारपीट कर मुस्तगीस की पत्नि की लज्जा भंग करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
तेज़ाब डाल युवक को जलाने का प्रयास
तेज़ाब डाल युवक को जलाने का प्रयास
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना थाना क्षेत्र में आपसी रंजिश के चलते कुछ लोगो ने एक युवक पर तेज़ाब डाल कर जलाने का प्रयास किया इस प्रयास में युवक के शरीर का काफी हिस्सा झुलस गया.इस आशय का कमला धोरीमन्ना में दर्ज किया गया .जिला पुलिस कप्तान राहुल बारहट ने बताया कि हेमाराम पुत्र चौखाराम जाट नि. लूखू हाल धोरीमना ने मुलजिम आसू पुत्र राजू जाट नि. लूखू वगेरा दो के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस के घर में प्रवेश कर मुस्तगीस को जान से माने की नियत से व चेहरे को कुरूप करने की नियत से तेजाब डालकर शरीर जला देना व रोककर रखना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना धोरीमना पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
मां का बेटे से सेक्स, कहा "जुर्म" नहीं
मां का बेटे से सेक्स, कहा "जुर्म" नहीं
कैलिफोर्निया। एक मां को अपने बेटे के साथ सेक्स सबंधं बनाने के जुर्म में कोर्ट ने 4 साल 8 महीने की सजा सुनाई है। रेबिका एटकंसन नाम की इस महिला को उकिहा(कैलफोर्निया) शहर के एक होटल में अपने बेटे के साथ सेक्स करते पकड़ा गया था। बुधवार को कोर्ट की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद रेबिका ने कहा कि उसके बेटे के साथ सेक्स कर कोई जुर्म नहीं किया, कई सालों बाद मिलने के बाद यह महज एक "जेनेटिक अट्रेक्शन" था।
रेबिका का उसके पति से कई साल पहले तलाक हो चुका है और वह अपने बेटे से 15 साल से नहीं मिली। बेटा अपने पिता के साथ रहता है, लेकिन रेबिका ने उसे फेसबुक पर खोज निकाला। और बॉयफ्रेंड की तरह उसने फेसबुक पर अपने बेटे से नजदीकियां बढ़ाना शुरू कर दिया। इस दौरान रेबिका ने अपने बेटे को फेसबुक पर कई अश्लील मैसेज भेजे। रेबिका ने फेसबुक पर खुद के न्यूड फोटो भी भेजे।
पुलिस को जांच के दौरान रेबिका के बेटे के मोबाइल फोन में कई अश्लील वीडियों भी मिले हैं। इन वीडियों में बेटे के साथ रेबिका ओरल सेक्स करती भी नजर आई हैं। यह मामला पिछले कई दिनों से अमरीकी मीडिया की सुर्खियों में है।
कैलिफोर्निया। एक मां को अपने बेटे के साथ सेक्स सबंधं बनाने के जुर्म में कोर्ट ने 4 साल 8 महीने की सजा सुनाई है। रेबिका एटकंसन नाम की इस महिला को उकिहा(कैलफोर्निया) शहर के एक होटल में अपने बेटे के साथ सेक्स करते पकड़ा गया था। बुधवार को कोर्ट की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद रेबिका ने कहा कि उसके बेटे के साथ सेक्स कर कोई जुर्म नहीं किया, कई सालों बाद मिलने के बाद यह महज एक "जेनेटिक अट्रेक्शन" था।
रेबिका का उसके पति से कई साल पहले तलाक हो चुका है और वह अपने बेटे से 15 साल से नहीं मिली। बेटा अपने पिता के साथ रहता है, लेकिन रेबिका ने उसे फेसबुक पर खोज निकाला। और बॉयफ्रेंड की तरह उसने फेसबुक पर अपने बेटे से नजदीकियां बढ़ाना शुरू कर दिया। इस दौरान रेबिका ने अपने बेटे को फेसबुक पर कई अश्लील मैसेज भेजे। रेबिका ने फेसबुक पर खुद के न्यूड फोटो भी भेजे।
पुलिस को जांच के दौरान रेबिका के बेटे के मोबाइल फोन में कई अश्लील वीडियों भी मिले हैं। इन वीडियों में बेटे के साथ रेबिका ओरल सेक्स करती भी नजर आई हैं। यह मामला पिछले कई दिनों से अमरीकी मीडिया की सुर्खियों में है।
मौत के बाद मिली महामहिम की "माफी"
मौत के बाद मिली महामहिम की "माफी"
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने मौत की सजा पाए 35 कैदियों की सजा को उम्रकैद में बदल कर सबसे दयालु महामहिम बनने के साथ ही एक मरे हुए कैदी को जीवनदान देने का अनोखा मामला भी सामने आया है। शुक्रवार को इसका खुलासा तब हुआ जब 2 जून को 4 और लोगों को माफी देने की खबर आई। इन चार में एक शख्स कर्नाटका का बंधु बाबुराव तिड़के भी शामिल था, जिसकी मौत करीब 5 साल पहले ही हो चुकी है।
सदाशिव अप्पना मठ के स्वामी के रूप में तिड़के ने 16 वर्ष की एक स्कूली छात्रा का अपहरण करके बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी थी। 31 साल का तिड़के एचआईवी पॉजिटिव था और 18 अक्टूबर 2007 को उसकी मौत हो चुकी है। जेल प्रशासन और राज्य सरकार की माने तो तड़के की माफी की फाइल महामहिम को करीब 2-3 साल पहले भेजी गई थी, इसके बाद तड़के की मौत की सूचना भी केन्द्र को भेज दी गई थी।
इतनी बड़ी चूक कैसे?
केन्द्रीय गृह मंत्रालय की सलाह पर आधारित महामहिम की इस माफी पर अब कई सवाल उठ रहे हैं। क्षमादान में इतनी बड़ी चूक आखिर कैसे हुई? यह लापरवाही है या फिर जल्दबाजी? अब सवाल गृहमंत्रालय की संवेदनशीलता पर उठ रहे हैं जिसने 5 साल पहले मारे गए शख्स के जीवनदान की फाइल राष्ट्रपति तक पहुंचाई।
सुप्रीम कोर्ट भी हैरत में
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील की विदाई की घडियां करीब आ रही हैं। उनका कार्यकाल 25 जुलाई को पूरा हो रहा है। उनका कार्यकाल रिकॉर्ड संख्या में मुजरिमों को फांसी के फंदे से बचाने के लिए याद किया जाएगा। इनमें से कई मुजरिम तो ऎसे हैं, जिनके जुर्म बेहद संगीन रहे और उनके बारे में सुनकर सुप्रीम कोर्ट भी हैरत में पड़ गया।
पाटील का रिकॉर्ड
तमिलनाडु का गोविंद स्वामी पहला ऎसा मुजरिम था, जिसने पाटील के क्षमादान के विशेषाधिकार का सर्वप्रथम लाभ उठाया। उसे 1984 में अपने पांच रिश्तेदारों की सोते समय बर्बर तरीके से हत्या के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई गई थी। उसने 22 वर्ष अपनी मौत की सजा के इंतजार में बिताए। तीन बार उसकी दया याचिका खारिज हुई। अंतत: 31 दिसंबर 2009 को जारी आदेश के बाद वह कोयंबटूर में नया जीवन जी रहा है।
इसके बाद क्षमादान का जो सिलसिला शुरू हुआ, उसमें पाटील ने रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने 35 मुजरिमों को सुनाई गई फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। देश के किसी भी राष्ट्रपति ने इतने बड़े पैमाने पर संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत मिले अधिकार का उपयोग नहीं किया। पाटील ने जिन मुजरिमों के लिए अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया, उनमें से कई ने सामूहिक हत्या, अपहरण, दुष्कर्म और बच्चों की हत्या जैसे संगीन जुर्मो को अंजाम दिया।
क्षमादान का अधिकार
अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को किसी मुजरिम की सजा को बदलने, क्षमा करने, लंबित रखने या राहत देने का पूर्ण अधिकार देता है, भले ही यह सजा फांसी हो। कोई भी फैसला करने से पहले मंत्रिपरिषद की सिफारिशों का ध्यान रखना पड़ता है।
अन्य राष्ट्रपतियों का रूख
शंकरदयाल शर्मा (1992-97) : 14 दया याचिकाएं पेश की गई थीं। इनमें से उन्होंने किसी को भी क्षमादान के योग्य नहीं माना था।
केआर नारायणन (1997-2002) : 10 दया याचिकाएं विचारार्थ आई थीं। उन्होंने इन्हें निपटाने के बजाय देरी करने की रणनीति अपनाई।
एपीजे अब्दुल कलाम (2002-07) : 25 दया याचिकाएं आई। उन्होंने धनंजय चटर्जी की याचिका खारिज कर दी थी। उसे फांसी हुई। एक की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला था। बाकी याचिकाएं लौटा दी गईं।
समीक्षा का अधिकार :
विधि विशेषज्ञ उदय यू ललित के अनुसार यदि यह पाया जाता है कि क्षमादान का गलत रूप में या नाजायज तौर पर इस्तेमाल किया गया है तो न्यायपालिका को उसकी समीक्षा का अधिकार है।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने मौत की सजा पाए 35 कैदियों की सजा को उम्रकैद में बदल कर सबसे दयालु महामहिम बनने के साथ ही एक मरे हुए कैदी को जीवनदान देने का अनोखा मामला भी सामने आया है। शुक्रवार को इसका खुलासा तब हुआ जब 2 जून को 4 और लोगों को माफी देने की खबर आई। इन चार में एक शख्स कर्नाटका का बंधु बाबुराव तिड़के भी शामिल था, जिसकी मौत करीब 5 साल पहले ही हो चुकी है।
सदाशिव अप्पना मठ के स्वामी के रूप में तिड़के ने 16 वर्ष की एक स्कूली छात्रा का अपहरण करके बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी थी। 31 साल का तिड़के एचआईवी पॉजिटिव था और 18 अक्टूबर 2007 को उसकी मौत हो चुकी है। जेल प्रशासन और राज्य सरकार की माने तो तड़के की माफी की फाइल महामहिम को करीब 2-3 साल पहले भेजी गई थी, इसके बाद तड़के की मौत की सूचना भी केन्द्र को भेज दी गई थी।
इतनी बड़ी चूक कैसे?
केन्द्रीय गृह मंत्रालय की सलाह पर आधारित महामहिम की इस माफी पर अब कई सवाल उठ रहे हैं। क्षमादान में इतनी बड़ी चूक आखिर कैसे हुई? यह लापरवाही है या फिर जल्दबाजी? अब सवाल गृहमंत्रालय की संवेदनशीलता पर उठ रहे हैं जिसने 5 साल पहले मारे गए शख्स के जीवनदान की फाइल राष्ट्रपति तक पहुंचाई।
सुप्रीम कोर्ट भी हैरत में
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील की विदाई की घडियां करीब आ रही हैं। उनका कार्यकाल 25 जुलाई को पूरा हो रहा है। उनका कार्यकाल रिकॉर्ड संख्या में मुजरिमों को फांसी के फंदे से बचाने के लिए याद किया जाएगा। इनमें से कई मुजरिम तो ऎसे हैं, जिनके जुर्म बेहद संगीन रहे और उनके बारे में सुनकर सुप्रीम कोर्ट भी हैरत में पड़ गया।
पाटील का रिकॉर्ड
तमिलनाडु का गोविंद स्वामी पहला ऎसा मुजरिम था, जिसने पाटील के क्षमादान के विशेषाधिकार का सर्वप्रथम लाभ उठाया। उसे 1984 में अपने पांच रिश्तेदारों की सोते समय बर्बर तरीके से हत्या के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई गई थी। उसने 22 वर्ष अपनी मौत की सजा के इंतजार में बिताए। तीन बार उसकी दया याचिका खारिज हुई। अंतत: 31 दिसंबर 2009 को जारी आदेश के बाद वह कोयंबटूर में नया जीवन जी रहा है।
इसके बाद क्षमादान का जो सिलसिला शुरू हुआ, उसमें पाटील ने रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने 35 मुजरिमों को सुनाई गई फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। देश के किसी भी राष्ट्रपति ने इतने बड़े पैमाने पर संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत मिले अधिकार का उपयोग नहीं किया। पाटील ने जिन मुजरिमों के लिए अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया, उनमें से कई ने सामूहिक हत्या, अपहरण, दुष्कर्म और बच्चों की हत्या जैसे संगीन जुर्मो को अंजाम दिया।
क्षमादान का अधिकार
अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को किसी मुजरिम की सजा को बदलने, क्षमा करने, लंबित रखने या राहत देने का पूर्ण अधिकार देता है, भले ही यह सजा फांसी हो। कोई भी फैसला करने से पहले मंत्रिपरिषद की सिफारिशों का ध्यान रखना पड़ता है।
अन्य राष्ट्रपतियों का रूख
शंकरदयाल शर्मा (1992-97) : 14 दया याचिकाएं पेश की गई थीं। इनमें से उन्होंने किसी को भी क्षमादान के योग्य नहीं माना था।
केआर नारायणन (1997-2002) : 10 दया याचिकाएं विचारार्थ आई थीं। उन्होंने इन्हें निपटाने के बजाय देरी करने की रणनीति अपनाई।
एपीजे अब्दुल कलाम (2002-07) : 25 दया याचिकाएं आई। उन्होंने धनंजय चटर्जी की याचिका खारिज कर दी थी। उसे फांसी हुई। एक की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला था। बाकी याचिकाएं लौटा दी गईं।
समीक्षा का अधिकार :
विधि विशेषज्ञ उदय यू ललित के अनुसार यदि यह पाया जाता है कि क्षमादान का गलत रूप में या नाजायज तौर पर इस्तेमाल किया गया है तो न्यायपालिका को उसकी समीक्षा का अधिकार है।
नि:संतान दंपती पाएंगे संतान सुख!
नि:संतान दंपती पाएंगे संतान सुख!
बाड़मेर । संतान सुख को तरस रहे नि:संतान दंपत्तियों की मन की मुराद पूरी होगी। अब उनको बाड़मेर जिले में भी फर्टिलिटी क्लिनिक की सुविधा मिल जाएगी। इससे इन दंपत्तियों के चिकित्सकीय तरीके से संतान उत्पति की चिकित्सा मिल जाएगी। अब तक ऎसे दंपती गुजरात एवं महाराष्ट्र में महंगे दामों पर यह सुख प्राप्त करने का जतन करते रहे हंै।
राज्य सरकार ने ऎसे सभी जिलों में फर्टिलिटी क्लिनिक स्थापित करने के आदेश किए है,जहां अब तक यह सुविधा नहीं है। इसके लिए एक करोड़ रूपए का बजट क्लिनिक के लिए आवंटित किया जाएगा। इससे तमाम प्रकार के चिकित्सकीय उपकरण मिलेगा। बीपीएल दंपत्तियों को नि:शुल्क सुविधा मिलेगी। एक लाख की आय वाले दंपत्तियों को बीस हजार रूपए का अनुदान दिया जाएगा।
जांच, परामर्श और चिकित्सा
सालों से बांझपन के कारण ताने सुनने वाली और संतान सुख से वंचित रहकर निराश रहने वाले परिवारों को अब जिले में ही इसकी जांच की सुविधा मिलेगी। फर्टिलिटी क्लिनिक पर दोनों पति पत्न की जांच की जाएगी। इसमें रक्त जांच, सोनोग्राफी, लेप्रोस्कॉपी जांच, ट्यूब ब्लाक,हार्मोन्स जांच सहित तमाम जांच प्रक्रिया होगी। इससे बच्चा नहीं होने के कारण का पता चल जाएगा। इसके बाद इसके निवारण के लिए चिकित्सकीय उपकरणों से प्रयत्न होगा।
जिले मे सैकड़ों लोग
बाड़मेर जिले में सैकड़ों दंपती है जो इस कारण परेशान है। इनके द्वारा गुजरात महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों में जांच करवाई जा रही है। कई लोग ज्यादा खर्च और संकोच के कारण अन्यत्र जाने से भी कतराते हैं। अब जिले में ही यह सुविधा मिल जाने से समय रहते जांच, परामर्श और चिकित्सा मिल जाएगी।
एक करोड़ की प्रथम किश्त
जिले को एक करोड़ रूपए की प्रथम किश्त राज्य सरकार द्वारा जारी की जाएगी,इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए गए है। आगामी दिनों में इस पर कार्य होगा। इसके बाद उपकरणों व अन्य खर्चो के लिए दूसरी व तीसरी किश्त में भुगतान किया जाएगा।
बड़ी सुविधा
फर्टिलिटी क्लिनिक बड़ी सुविधा है। बाड़मेर से तो रक्त जांच भी डीसा भेजी जा रही थी। यहां सुविधा प्रारंभ होने पर सैकड़ों नि:संतान दंपत्तियों को फायदा होगा।
डॉ. एस आर भण्डारी सेवानिवृत्त चिकित्सक
सुविधा तो उपयोगी ही है
चिकित्सा के क्षेत्र में कई सुविधाएं है। ये सुविधाएं जिले को मिलना बड़ी बात है। फर्टिलिटी क्लिनिक से कई परिवारों को संतान सुख प्राप्त होगा।
डॉ. रविन्द्र शर्मा
चिकित्सक
निर्देश मिले है
फर्टिलिटी केन्द्र के लिए निर्देश मिले है। इसके लिए कार्यवाही तत्काल की जाएगी ताकि यह सुविधा जिले को शीघ्र मिले।
- डॉ. अजमल हुसैन,
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
बाड़मेर । संतान सुख को तरस रहे नि:संतान दंपत्तियों की मन की मुराद पूरी होगी। अब उनको बाड़मेर जिले में भी फर्टिलिटी क्लिनिक की सुविधा मिल जाएगी। इससे इन दंपत्तियों के चिकित्सकीय तरीके से संतान उत्पति की चिकित्सा मिल जाएगी। अब तक ऎसे दंपती गुजरात एवं महाराष्ट्र में महंगे दामों पर यह सुख प्राप्त करने का जतन करते रहे हंै।
राज्य सरकार ने ऎसे सभी जिलों में फर्टिलिटी क्लिनिक स्थापित करने के आदेश किए है,जहां अब तक यह सुविधा नहीं है। इसके लिए एक करोड़ रूपए का बजट क्लिनिक के लिए आवंटित किया जाएगा। इससे तमाम प्रकार के चिकित्सकीय उपकरण मिलेगा। बीपीएल दंपत्तियों को नि:शुल्क सुविधा मिलेगी। एक लाख की आय वाले दंपत्तियों को बीस हजार रूपए का अनुदान दिया जाएगा।
जांच, परामर्श और चिकित्सा
सालों से बांझपन के कारण ताने सुनने वाली और संतान सुख से वंचित रहकर निराश रहने वाले परिवारों को अब जिले में ही इसकी जांच की सुविधा मिलेगी। फर्टिलिटी क्लिनिक पर दोनों पति पत्न की जांच की जाएगी। इसमें रक्त जांच, सोनोग्राफी, लेप्रोस्कॉपी जांच, ट्यूब ब्लाक,हार्मोन्स जांच सहित तमाम जांच प्रक्रिया होगी। इससे बच्चा नहीं होने के कारण का पता चल जाएगा। इसके बाद इसके निवारण के लिए चिकित्सकीय उपकरणों से प्रयत्न होगा।
जिले मे सैकड़ों लोग
बाड़मेर जिले में सैकड़ों दंपती है जो इस कारण परेशान है। इनके द्वारा गुजरात महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों में जांच करवाई जा रही है। कई लोग ज्यादा खर्च और संकोच के कारण अन्यत्र जाने से भी कतराते हैं। अब जिले में ही यह सुविधा मिल जाने से समय रहते जांच, परामर्श और चिकित्सा मिल जाएगी।
एक करोड़ की प्रथम किश्त
जिले को एक करोड़ रूपए की प्रथम किश्त राज्य सरकार द्वारा जारी की जाएगी,इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए गए है। आगामी दिनों में इस पर कार्य होगा। इसके बाद उपकरणों व अन्य खर्चो के लिए दूसरी व तीसरी किश्त में भुगतान किया जाएगा।
बड़ी सुविधा
फर्टिलिटी क्लिनिक बड़ी सुविधा है। बाड़मेर से तो रक्त जांच भी डीसा भेजी जा रही थी। यहां सुविधा प्रारंभ होने पर सैकड़ों नि:संतान दंपत्तियों को फायदा होगा।
डॉ. एस आर भण्डारी सेवानिवृत्त चिकित्सक
सुविधा तो उपयोगी ही है
चिकित्सा के क्षेत्र में कई सुविधाएं है। ये सुविधाएं जिले को मिलना बड़ी बात है। फर्टिलिटी क्लिनिक से कई परिवारों को संतान सुख प्राप्त होगा।
डॉ. रविन्द्र शर्मा
चिकित्सक
निर्देश मिले है
फर्टिलिटी केन्द्र के लिए निर्देश मिले है। इसके लिए कार्यवाही तत्काल की जाएगी ताकि यह सुविधा जिले को शीघ्र मिले।
- डॉ. अजमल हुसैन,
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
सीकर के मेजर सुरेन्द्र शहीद
सीकर के मेजर सुरेन्द्र शहीद
सीकर। आतंककारियों से मुठभेड़ में गंभीर घायल कूदन निवासी मेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा (32) ने गुरूवार शाम दिल्ली के आर.आर. अस्पताल में दम तोड़ दिया।
शहीद सुरेन्द्र की अंत्येष्टि शनिवार को उनके पैतृक गांव में सैनिक सम्मान से की जाएगी। सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर जीसुखराम ने बताया कि मेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा चार पैरा स्पेशल फोर्स में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा सैक्टर में तैनात थे। 3 मई को आतंककारियों से मुठभेड़ के समय मेजर सुरेन्द्र ने छह आतंककारियों को ढेर कर दिया। इसी दौरान एक गोली उनके पेट में लगी।
सीकर। आतंककारियों से मुठभेड़ में गंभीर घायल कूदन निवासी मेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा (32) ने गुरूवार शाम दिल्ली के आर.आर. अस्पताल में दम तोड़ दिया।
शहीद सुरेन्द्र की अंत्येष्टि शनिवार को उनके पैतृक गांव में सैनिक सम्मान से की जाएगी। सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर जीसुखराम ने बताया कि मेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा चार पैरा स्पेशल फोर्स में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा सैक्टर में तैनात थे। 3 मई को आतंककारियों से मुठभेड़ के समय मेजर सुरेन्द्र ने छह आतंककारियों को ढेर कर दिया। इसी दौरान एक गोली उनके पेट में लगी।
पूरे दिन पुलिस छावनी बना रहा सिणेर
पूरे दिन पुलिस छावनी बना रहा सिणेर
विरोध के बावजूद क्लस्टर कमेटी का अनुमोदन
सिवाना पिछले डेढ़ साल से सिणेर ग्राम पंचायत में स्वीकृत क्लस्टर कमेटी को लेकर चल रहे दो पक्षों में विवाद पर आखिर शुक्रवार को हाईकोर्ट के आदेशानुसार व कलेक्टर के निर्देशानुसार कमेटी का गठन किया गया। प्रभारी अधिकारी एसडीएम चंचल वर्मा की देखरेख व सरपंच बबरीकंवर की अध्यक्षता में रामावि सिणेर में आयोजित विशेष ग्रामसभा में कुल 2800 में से 561 ग्रामीणों की उपस्थिति में पूर्व में गठित क्लस्टर कमेटी का ही अनुमोदन ध्वनिमत से किया गया।
दूसरे पक्ष ने जताया विरोध: ग्राम सभा के पूर्व निर्धारित स्थान को प्रशासन की ओर से ऐनवक्त पर परिवर्तन करने एवं अनुमोदन प्रक्रिया में फोटो पहचान पत्र साथ लाने की सूचना पूर्व में नहीं देने पर दूसरे पक्ष ने विरोध जताया।
डेढ़ साल से विवादित क्लस्टर कमेटी का हाईकोर्ट के आदेश पर हुआ अनुमोदन, दूसरे पक्ष ने जताया विरोध
ऐसे हुआ अनुमोदन
शुक्रवार सवेरे रामावि प्रांगण में आयोजित विशेष ग्राम सभा में ग्रामीणों को आने का क्रम शुरू हुआ। वहीं इसको लेकर प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए। स्कूल के मुख्य द्वार पर पटवारी व आरआई की ओर से प्रत्येक ग्रामीण की ग्राम सभा में प्रवेश से पूर्व फोटो मतदाता कार्ड व जॉबकार्ड से पहचान सुनिश्चित की गई। दोपहर एक बजे ग्राम सभा की कार्रवाई शुरू की गई। इसके तहत उपस्थित ग्रामीणों ने प्रशासन के आग्रह पर हाथ उठाकर पूर्व में गठित क्लस्टर कमेटी के अनुमोदन पर ध्वनिमत से सहमति जाहिर की। इसके बाद एक-एक कर कुल 2800 में से 561 ग्रामीणों ने ग्राम सभा की लिखित कार्रवाई में हस्ताक्षर कर अनुमोदन किया।
भारी जाप्ता तैनात
पूरे दिन सिणेर पुलिस छावनी बना रहा। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशिक्षु पुलिस उप अधीक्षक अमृत जीनगर के नेतृत्व में सिवाना, सिणधरी, समदड़ी व बालोतरा थानों का पुलिस जाब्ता मौके पर तैनात रहा। वहीं तहसीलदार भागीरथ चौधरी, विकास अधिकारी अभिलाषा शुक्ला, उपसरपंच भगवानसिंह सिणेर, शंकरसिंह राजपुरोहित, भू- अभिलेख निरीक्षक हुकमाराम सुथार, पदेन सचिव गणपतसिंह सिणेर सहित कई लोग मौजूद थे।
जैसलमेर कचहरी से सरकारी समाचार
जैसलमेर कचहरी से सरकारी समाचार
अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों को अन्य रोजगार से जोड़ें '
नवजीवन योजना की समीक्षा बैठक मेें दिए निर्देश
जैसलमेर अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों को अन्य प्रकार के रोजगार व्यवसायों से जोड़ कर उन्हें इस व्यवसाय से मुक्ति दिलाएं। सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को निर्देश दिए कि वे नवजीवन योजना का जिले में सुचारु रुप से संचालन कर ऐसे लोगों को विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए ठोस कार्ययोजना को मूर्त रूप दें।कलेक्टर शुचि त्यागी ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित नवजीवन योजना के संचालन की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवाराम सुथार के साथ ही अन्य अधिकारी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे।
जनचेतना जगाएं, मुक्ति दिलाएं
कलेक्टर ने अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्देश दिए कि वे जिन गांवों में अवैध शराब से जुड़े लोग हैं उनमें चेतना जागृति लाने के लिए ग्रामसेवकों का पूरा सहयोग लें एवं ग्रामसभाओं की बैठकों में उन्हें बुला कर सरपंचों द्वारा सीख दिलाएं कि वे इस व्यवसाय को छोड़ कर अन्य व्यवसाय को अपनाएं। उन्होंने विशेष रुप से बड़े-बड़े कस्बे या बस्तियां हैं जहां इस व्यवसाय से जुड़े अधिक लोग है उनमें जन जागृति लाने के लिए नुक्कड़ नाटकों का आयोजन कराने की भी आवश्यकता जताई।
जीविकोपार्जन के साधन दिलाएं
जिला पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने कहा कि आबकारी अधिनियम के अंतर्गत जिन व्यक्तियों के विरुद्घ अवैध शराब के मामले दर्ज हैं उन लोगों को विशेष रुप से रोजगार के अवसर प्रदान कर इस धंधे से मुक्ति दिलानी है। उन्होंने महिलाओं को भी रोजगार के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया एवं कहा कि प्रचार-प्रसार के माध्यम से भी इनमें चेतना लाई जा सकती है।
नवजीवन योजना की दी जानकारी: सहायक निदेशक हिम्मत सिंह कविया ने नवजीवन योजना के क्रिया कलापों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों का सर्वे करवा कर उन्हें चिन्हित कर दिया गया है। बैठक में आयुक्त रामकिशोर माहेश्वरी, जिला शिक्षाधिकारी प्रभू लाल मीणा, रोजगार अधिकारी भवानी प्रताप चारण, अतिरिक्त जिलाशिक्षाधिकारी के.पी.सिंह उपस्थित थे।
अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों को अन्य रोजगार से जोड़ें '
नवजीवन योजना की समीक्षा बैठक मेें दिए निर्देश
जैसलमेर अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों को अन्य प्रकार के रोजगार व्यवसायों से जोड़ कर उन्हें इस व्यवसाय से मुक्ति दिलाएं। सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को निर्देश दिए कि वे नवजीवन योजना का जिले में सुचारु रुप से संचालन कर ऐसे लोगों को विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए ठोस कार्ययोजना को मूर्त रूप दें।कलेक्टर शुचि त्यागी ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित नवजीवन योजना के संचालन की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवाराम सुथार के साथ ही अन्य अधिकारी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे।
जनचेतना जगाएं, मुक्ति दिलाएं
कलेक्टर ने अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्देश दिए कि वे जिन गांवों में अवैध शराब से जुड़े लोग हैं उनमें चेतना जागृति लाने के लिए ग्रामसेवकों का पूरा सहयोग लें एवं ग्रामसभाओं की बैठकों में उन्हें बुला कर सरपंचों द्वारा सीख दिलाएं कि वे इस व्यवसाय को छोड़ कर अन्य व्यवसाय को अपनाएं। उन्होंने विशेष रुप से बड़े-बड़े कस्बे या बस्तियां हैं जहां इस व्यवसाय से जुड़े अधिक लोग है उनमें जन जागृति लाने के लिए नुक्कड़ नाटकों का आयोजन कराने की भी आवश्यकता जताई।
जीविकोपार्जन के साधन दिलाएं
जिला पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने कहा कि आबकारी अधिनियम के अंतर्गत जिन व्यक्तियों के विरुद्घ अवैध शराब के मामले दर्ज हैं उन लोगों को विशेष रुप से रोजगार के अवसर प्रदान कर इस धंधे से मुक्ति दिलानी है। उन्होंने महिलाओं को भी रोजगार के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया एवं कहा कि प्रचार-प्रसार के माध्यम से भी इनमें चेतना लाई जा सकती है।
नवजीवन योजना की दी जानकारी: सहायक निदेशक हिम्मत सिंह कविया ने नवजीवन योजना के क्रिया कलापों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों का सर्वे करवा कर उन्हें चिन्हित कर दिया गया है। बैठक में आयुक्त रामकिशोर माहेश्वरी, जिला शिक्षाधिकारी प्रभू लाल मीणा, रोजगार अधिकारी भवानी प्रताप चारण, अतिरिक्त जिलाशिक्षाधिकारी के.पी.सिंह उपस्थित थे।
रचनात्मक कार्यों को दे बढ़ावा युवा कार्यक्रम सलाहकार समिति की बैठक जैसलमेर कलेक्ट्रेट सभागार में जिला युवा कार्यक्रम सलाहकार समिति की बैठक में कलेक्टर शुचि त्यागी ने युवा समन्वयक नेहरु युवा केन्द्र को निर्देश दिए कि वे युवा मण्डलों को रचनात्मक कार्य करने के लिए तैयार करें। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं की आमजन को जानकारी देने में युवा मण्डल अपनी महत्ती निभा सकते हैं इसलिए उन्हें इस ओर विशेष कार्य करने की जरूरत है। बैठक में जिला युवा समन्वयक एस.एस.जोशी, वरिष्ठ इतिहासकार नन्द किशोर शर्मा, जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्र प्रकाश व्यास के साथ ही अन्य समिति सदस्य उपस्थित थे। वार्षिक कार्ययोजना का प्रभावी ढंग से करें संचालन: कलेक्टर ने नेहरू युवा केन्द्र की वार्षिक कार्ययोजना 2012-13 की चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि समय पर मेंटर यूथ क्लब का गठन करें वहीं युवा मण्डल सशक्तीकरण एवं सक्रियता का अभियान भी निर्धारित समय पर संचालित करें। उन्होंने युवा मंडलों के माध्यम से युवाओं को जीवन कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिलाने पर जोर दिया। श्रेष्ठ युवाओं को मिले प्रोत्साहन: वरिष्ठ इतिहासकार नंदकिशोर शर्मा ने बैठक में सुझाव दिया कि जो युवा कार्यकर्ता अच्छा कार्य करते हैं उन्हें प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। उन्होंने युवा मण्डलों द्वारा किए गए रचनात्मक कार्य के संबंध में पत्रिका का प्रकाशन कराने की भी सलाह दी। सचिव, चन्द्र प्रकाश व्यास ने वृक्षारोपण, वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य युवा मण्डलों को एक अभियान के रुप में लेने की सलाह दी ताकि वे युवा कार्यकर्ता के रुप में अपनी अमिट छाप छोड़ सके। कार्ययोजना गतिविधियों की दी जानकारी: जिला युवा समन्वयक एस.एस.जोशी ने बैठक में वार्षिक कार्ययोजना 2012-13 के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक पंचायत समिति से दो पंजीकृत युवा मण्डलों का चयन मेंटर यूथ क्लब योजनांतर्गत किया जाएगा जिन्हें एक बार 10 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार 6 मेंटर यूथ क्लबों के 2-2 पदाधिकारियों को क्षमता संवद्र्धन कर प्रशिक्षण दिया जाएगा। बैठक में रुपचंद सोनी ने युवा मण्डलों के लिए युवा भवन के निर्माण के लिए भूमि आवंटन कराने का आवंटन किया। बैठक में सहायक निदेशक हिम्मतसिंह कविया, व्याख्याता जी.आर.सुथार, बाल विकास परियोजना अधिकारी उम्मेदसिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ए.जी.पुरोहित, युवा मण्डल खाभा के रुगाराम , नेहरु युवा केन्द्र के हरिवल्लभ गोपा उपस्थित थे। |
एफएसएल रिपोर्ट से खुलेगा युवक की मौत का राज
एफएसएल रिपोर्ट से खुलेगा युवक की मौत का राज
हत्या का मामला दर्ज, कॉल डिटेल खंगाल रही है पुलिस
बाड़मेर शहर से होकर गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग न. 15 पर चामुंडा चौराहे के पास गुरुवार देर रात मृत मिले युवक की हत्या की गई या उसने कीटनाशक पिया इसका पता एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा। बहरहाल युवक के परिजनों की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है। परिजनों ने आशंका जताई है कि अज्ञात लोगों ने उसे कीटनाशक पिलाकर बेहोशी की हालत में सड़क पर डाल दिया।
पुलिस के अनुसार शेराराम पुत्र चेतनराम जाट निवासी रामसर आगौर ने मामला दर्ज करवाया कि उसका बेटा भींयाराम गुरुवार को बाड़मेर गया था। जहां पर अज्ञात लोगों ने उसे कीटनाशक पिलाकर बेहोश अवस्था में चामुंडा चौराहे पर डाल दिया। जहां पर उसकी मौत हो गई। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। इधर,पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस के अनुसार एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का पता चल पाएगा। उल्लेखनीय है कि गुरुवार देर रात चामुंडा चौराहे के पास हाइवे पर युवक का शव मिला था। उसके मुंह व नाक से झाग निकल रहे थे। इससे कीटनाशक पिलाने की आशंका जताई जा रही थी।
कॉल डिटेल की जांच शुरू
पुलिस ने मृतक के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल के आधार पर जांच शुरू कर दी है। इससे फोन पर कॉल करने वाले लोगों से जानकारी जुटाई जा रही है।
मृतक के परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज करवाया है। युवक को कीटनाशक पिलाया गया था या फिर स्वयं ने पिया था। इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। कॉल डिटेल के आधार पर जांच जारी है।
-नाजिम अली डीएसपी बाड़मेर।
हत्या का मामला दर्ज, कॉल डिटेल खंगाल रही है पुलिस
बाड़मेर शहर से होकर गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग न. 15 पर चामुंडा चौराहे के पास गुरुवार देर रात मृत मिले युवक की हत्या की गई या उसने कीटनाशक पिया इसका पता एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा। बहरहाल युवक के परिजनों की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है। परिजनों ने आशंका जताई है कि अज्ञात लोगों ने उसे कीटनाशक पिलाकर बेहोशी की हालत में सड़क पर डाल दिया।
पुलिस के अनुसार शेराराम पुत्र चेतनराम जाट निवासी रामसर आगौर ने मामला दर्ज करवाया कि उसका बेटा भींयाराम गुरुवार को बाड़मेर गया था। जहां पर अज्ञात लोगों ने उसे कीटनाशक पिलाकर बेहोश अवस्था में चामुंडा चौराहे पर डाल दिया। जहां पर उसकी मौत हो गई। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। इधर,पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस के अनुसार एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का पता चल पाएगा। उल्लेखनीय है कि गुरुवार देर रात चामुंडा चौराहे के पास हाइवे पर युवक का शव मिला था। उसके मुंह व नाक से झाग निकल रहे थे। इससे कीटनाशक पिलाने की आशंका जताई जा रही थी।
कॉल डिटेल की जांच शुरू
पुलिस ने मृतक के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल के आधार पर जांच शुरू कर दी है। इससे फोन पर कॉल करने वाले लोगों से जानकारी जुटाई जा रही है।
मृतक के परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज करवाया है। युवक को कीटनाशक पिलाया गया था या फिर स्वयं ने पिया था। इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। कॉल डिटेल के आधार पर जांच जारी है।
-नाजिम अली डीएसपी बाड़मेर।
इस शख्स ने बनाया ऐसा सॉफ्टवेयर, जिसने उड़ा दी नेताओं-उद्योगपतियों की नींद!
नई दिल्ली.आमजन को भले ही 21 दिन बाद सिलेंडर मिलता हो, लेकिन नेता-उद्योगपति तो तकरीबन हर दिन रसोई गैस सिलेंडर ले रहे हैं। सरकारी तेल कंपनियों की ट्रांसपेरेंसी पोर्टल में इसका खुलासा हुआ है। यह झूठ भी उजागर हुआ है कि दूसरे सिलेंडर के लिए 21 दिन के इंतजार का नियम पेट्रोलियम कंपनियों का नहीं है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने शुक्रवार को कंपनियों का ट्रांसपेरेंसी पोर्टल शुरू किया। पोर्टल के अनुसार, उद्योगपति नवीन जिंदल के घर हर दिन एक सिलेंडर की खपत हुई। रेड्डी के घर एक साल में 26 सिलेंडर इस्तेमाल हुए। इस खुलासे के बाद पेट्रोलियम मंत्रालय ने आनन-फानन में बयान दिया कि कोई भी व्यक्ति महीने में कितने भी सिलेंडर ले सकता है।इसके लिए कोई समय-सीमा तय नहीं है।
डीलर अभी भी अड़े:
आम लोगों के लिए पेट्रोलियम कंपनियां एक बार सिलेंडर की डिलीवरी देने के बाद 21 दिन तक दोबारा बुकिंग नहीं करतीं। सालभर में अधिकतम 17 सिलेंडर ही ले सकते हैं। दिल्ली की सोना एंटरप्राइजेज, कंसल एजेंसी, दीक्षित गैस और जयनगर, मधुबनी की सपना गैस एजेंसी का कहना है कि ग्राहक 22 दिन से पहले सिलेंडर बुक नहीं कर सकता। सपना गैस एजेंसी के मैनेजर विनोद झा का दावा है कि यह नियम पेट्रोलियम मंत्रालय का है।
पोर्टल से फायदा
>बुकिंग की स्थिति पर नजर रख सकेंगे।
>देख सकेंगे कि आपके नाम पर कितने सिलेंडर जारी हुए। ञ्चसिलेंडर नहीं पहुंचने पर एजेंसी की शिकायत कर सकते हैं। ञ्चएक माह में दो से ज्यादा सिलेंडर लेने वालों के नाम सार्वजनिक होंगे।
खुद सरकार ने उजागर किया, मई 2011 से मई 2012 तक किस नेता को कितने सिलेंडर मिले
सब्सिडी का असली फायदा तो नेताओं को
369 नवीन जिंदल को
171 उपराष्ट्रपति अंसारी को
161 मंत्री परनीत कौर को
80 राजनाथ सिंह को।
63 मेनका गांधी को
58 मुलायम यादव को।
49 शरद यादव को
45 अशोक गहलोत को
43 लालू यादव को।
31 शरद पवार को।
हर सिलेंडर पर सरकार को 450 रुपए का आर्थिक बोझ पड़ता है। यानी सब्सिडी का फायदा तो नेताओं को ही मिल रहा है।
सरकार ने बीते साल रसोई गैस पर 30 हजार करोड़ की सब्सिडी दी। 2012-13 में यह 43 हजार करोड़ तक पहुंच सकती है। यानी 13 हजार करोड़ ज्यादा।
कोई आदमी कितने सिलेंडर लेगा, देश में अभी इसके लिए कोई कानून नहीं है। सिलेंडर की खपत बताती है कि मैं कितना लोकप्रिय नेता हूं। - जयपाल रेड्डी
जोधपुर की कंपनी है पोर्टल की निर्माता
एलपीजी ट्रांसपरेंसी पोर्टल का निर्माण जोधपुर की सीजी टेक्नोसॉफ्ट प्रालि ने किया है। कंपनी के एमडी पुनीत राव, सीईओ दीपकसिंह गहलोत व टीम ने छह माह में इस सॉफ्टवेयर को डवलप किया है। राव ने बताया कि उनकी कंपनी दो साल पहले इंडेन की ऑल इंडिया ऑनलाइन बुकिंग वेबसाइट बना चुकी है। उसी के विस्तार के तौर पर जब उन्हें पेट्रोलियम मंत्रालय का यह प्रोजेक्ट मिला तो उन्होंने इसे चुनौती की तरह लिया। 14 करोड़ डेटा को ऑनलाइन करना, सारी जानकारी सैकंडों में उपलब्ध व अपडेट करने लायक पोर्टल बनाना एक बड़ी चुनौती थी।इस प्रोजेक्ट पर राव, गहलोत व पूरी टीम ने छह माह तक दिन-रात काम किया।
देश-विदेश दोनों के लिए काम
जोधपुर के जाए-जन्मे पुनीत राव ने 1998 में लाचू कॉलेज से बीएससी बायोलॉजी के बावजूद सॉफ्टवेयर क्षेत्र में रुचि के कारण वेबसाइट क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया। 2001 में उन्होंने दीपकसिंह गहलोत के साथ कंपनी स्थापित की। 2005 में उनकी कंपनी ने कैलिफोर्निया (यूएसए) के एक पूरे शहर का डिजास्टर मैनेजमेंट साफ्टवेयर बनाया। यह उनका टर्निग पाइंट रहा, इसके बाद उन्होंने भारत, यूएसए, यूके आदि कई देशों के लिए अनगिनत साफ्टवेयर डवलप किए।
इस बीच उन्होंने मातृभूमि को भी अपनी प्रतिभा का लाभ देने के लिए ई-मित्र सोसायटी को ऑनलाइन गैस बुकिंग का साफ्टवेयर बनाकर फ्री में उपलब्ध कराया। आज इस कंपनी के 102 लोग देश-विदेश के लिए जोधपुर में ही रहकर साफ्टवेयर डवलप कर रहे हैं।
डीलर अभी भी अड़े:
आम लोगों के लिए पेट्रोलियम कंपनियां एक बार सिलेंडर की डिलीवरी देने के बाद 21 दिन तक दोबारा बुकिंग नहीं करतीं। सालभर में अधिकतम 17 सिलेंडर ही ले सकते हैं। दिल्ली की सोना एंटरप्राइजेज, कंसल एजेंसी, दीक्षित गैस और जयनगर, मधुबनी की सपना गैस एजेंसी का कहना है कि ग्राहक 22 दिन से पहले सिलेंडर बुक नहीं कर सकता। सपना गैस एजेंसी के मैनेजर विनोद झा का दावा है कि यह नियम पेट्रोलियम मंत्रालय का है।
पोर्टल से फायदा
>बुकिंग की स्थिति पर नजर रख सकेंगे।
>देख सकेंगे कि आपके नाम पर कितने सिलेंडर जारी हुए। ञ्चसिलेंडर नहीं पहुंचने पर एजेंसी की शिकायत कर सकते हैं। ञ्चएक माह में दो से ज्यादा सिलेंडर लेने वालों के नाम सार्वजनिक होंगे।
खुद सरकार ने उजागर किया, मई 2011 से मई 2012 तक किस नेता को कितने सिलेंडर मिले
सब्सिडी का असली फायदा तो नेताओं को
369 नवीन जिंदल को
171 उपराष्ट्रपति अंसारी को
161 मंत्री परनीत कौर को
80 राजनाथ सिंह को।
63 मेनका गांधी को
58 मुलायम यादव को।
49 शरद यादव को
45 अशोक गहलोत को
43 लालू यादव को।
31 शरद पवार को।
हर सिलेंडर पर सरकार को 450 रुपए का आर्थिक बोझ पड़ता है। यानी सब्सिडी का फायदा तो नेताओं को ही मिल रहा है।
सरकार ने बीते साल रसोई गैस पर 30 हजार करोड़ की सब्सिडी दी। 2012-13 में यह 43 हजार करोड़ तक पहुंच सकती है। यानी 13 हजार करोड़ ज्यादा।
कोई आदमी कितने सिलेंडर लेगा, देश में अभी इसके लिए कोई कानून नहीं है। सिलेंडर की खपत बताती है कि मैं कितना लोकप्रिय नेता हूं। - जयपाल रेड्डी
जोधपुर की कंपनी है पोर्टल की निर्माता
एलपीजी ट्रांसपरेंसी पोर्टल का निर्माण जोधपुर की सीजी टेक्नोसॉफ्ट प्रालि ने किया है। कंपनी के एमडी पुनीत राव, सीईओ दीपकसिंह गहलोत व टीम ने छह माह में इस सॉफ्टवेयर को डवलप किया है। राव ने बताया कि उनकी कंपनी दो साल पहले इंडेन की ऑल इंडिया ऑनलाइन बुकिंग वेबसाइट बना चुकी है। उसी के विस्तार के तौर पर जब उन्हें पेट्रोलियम मंत्रालय का यह प्रोजेक्ट मिला तो उन्होंने इसे चुनौती की तरह लिया। 14 करोड़ डेटा को ऑनलाइन करना, सारी जानकारी सैकंडों में उपलब्ध व अपडेट करने लायक पोर्टल बनाना एक बड़ी चुनौती थी।इस प्रोजेक्ट पर राव, गहलोत व पूरी टीम ने छह माह तक दिन-रात काम किया।
देश-विदेश दोनों के लिए काम
जोधपुर के जाए-जन्मे पुनीत राव ने 1998 में लाचू कॉलेज से बीएससी बायोलॉजी के बावजूद सॉफ्टवेयर क्षेत्र में रुचि के कारण वेबसाइट क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया। 2001 में उन्होंने दीपकसिंह गहलोत के साथ कंपनी स्थापित की। 2005 में उनकी कंपनी ने कैलिफोर्निया (यूएसए) के एक पूरे शहर का डिजास्टर मैनेजमेंट साफ्टवेयर बनाया। यह उनका टर्निग पाइंट रहा, इसके बाद उन्होंने भारत, यूएसए, यूके आदि कई देशों के लिए अनगिनत साफ्टवेयर डवलप किए।
इस बीच उन्होंने मातृभूमि को भी अपनी प्रतिभा का लाभ देने के लिए ई-मित्र सोसायटी को ऑनलाइन गैस बुकिंग का साफ्टवेयर बनाकर फ्री में उपलब्ध कराया। आज इस कंपनी के 102 लोग देश-विदेश के लिए जोधपुर में ही रहकर साफ्टवेयर डवलप कर रहे हैं।
नशा परोसने वाली रेव पार्टी का भंडाफोड़, कई सेलेब्रिटी थे मौजूद
मुंबई। जुहू के पॉश होटल ओकवुड में रेव पार्टी करते पकड़े गये 128 लोगों में से 44 लोगों का ब्लड सैंपल पॉजीटिव पाया गया है। इस प्रकार की जानकारी शुक्रवार की देर रात मुंबई के पुलिस आयुक्त अरुप पटनायक ने दी।
पटनायक ने बताया कि जिनके भी ब्लड सैंपल पॉजीटिव पाये गये हैं उनके खिलाफ नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रापिक सब्सटेंश (एनडीपीएस) एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि 44 लोगों में से 2 ने एमडीएमए ड्रग का सेवन किया था।
इसके अलावा 16 ने एमडीएम ड्रग के साथ-साथ चरस का सेवन किया था। जबकि 29 लोगों ने शराब पी हुई थी। महत्वपूर्ण है कि जुहू के होटल ओकवुड में पकड़ी गई यह वही रेव पार्टी है जिसमें पुणो वॉरियर्स के खिलाड़ी राहुल शर्मा और वेन पार्नेल पकड़े गये थे।
मुंबई पुलिस आयुक्त पटनायक ने बताया कि शर्मा का ब्लड सैंपल अभी तक पुलिस को नहीं मिला है। बता दें कि पुलिस को मिले सभी 44 ब्लड सैंपल पुरुषों के हैं।
यही कारण है कि एकता कपूर की ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ सीरियल से मशहूर हुई टीवी अभिनेत्री शिल्पा सकलानी को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है क्योंकि शिल्का और उनके पति को भी पुलिस ने इसी होटल से 20 मई 2012 को पकड़ा था।
ध्यान रहे कि इस रेव पार्टी का आयोजन होटल ओकवुड के मालिक विषय हांडा ने फेसबुक के जरिए किया था। पटनायक का कहना है कि इस रेव पार्टी के डीजे के पास से बरामद हुए 4 हजार ट्रेकस की भी रिपोर्ट आ गई है। जिसमें 95 प्रतिशत ट्रांस म्युजिक के पाये गये हैं। जो ऐसी रेप पार्टियों में उत्तेजकता बढ़ाने का काम करते हैं।
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