सिसई (गुमला).झारखंड के नक्सल प्रभावित गुमला जिला मुख्यालय के सिसई थाना क्षेत्र स्थित खेरा दीपाटोली गांव में गुरुवार रात पिता व दो बेटों की टांगी से काट कर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद ग्रामीणों ने इनका खून पी लिया।
हत्या के पीछे डायन बिसाही को कारण बताया जा रहा है। पुलिस ने शुक्रवार सुबह शव को कब्जे में ले लिया। घटना की चश्मदीद सुनीता कुमारी ने पुलिस को बताया कि वह अपने मामा बिरसा उरांव के घर आई थी। गुरुवार रात बिरसा उरांव (55) अपने दोनों बेटों विचार उरांव (25) व तारा उरांव (20) के साथ कमरे में सोए थे, जबकि वह दूसरे कमरे में सोई थी। रात में लगभग पचास लोग आए। पहले विचार को अपने साथ ले गए। कुछ देर बाद फिर बिरसा को पकड़ कर ले गए। तीसरी बार वे लोग आए और तारा को ले गए। इसी दौरान वह भाग गई। सुबह जब घर लौटी तो वहां तीनों के शव पड़े हुए थे।
गुमला के एसपी जतिन नरवाल ने भास्कर डाट कॉम को बताया कि इनकी हत्या धारदार हथियारों से की गयी है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। घटनास्थल पर से पुलिस ने पांच कटोरे बरामद किये हैं जिसमें खून के धब्बे मिले हैं। पुलिस को अंदेशा है कि हत्यारों ने इनके खून को कटोरे में रखा और पी कर चले गए।
गांव के ही एक पुजारी ने बताया कि ग्रामीणों ने इस कारण खून पीया ताकि डायन के सारे लगाये हुए नजर का असर उसके खून पीने से समाप्त हो जायेगा।
पुलिस ने सिसई थाना में मृतकों की संबंधी संगीता भगत (13) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। घर में सभी के मारे जाने के बाद वो अकेले जिन्दा बच गयी थी।
गुमला के एसपी जतिन नरवाल ने भास्कर डाट कॉम को बताया कि इनकी हत्या धारदार हथियारों से की गयी है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। घटनास्थल पर से पुलिस ने पांच कटोरे बरामद किये हैं जिसमें खून के धब्बे मिले हैं। पुलिस को अंदेशा है कि हत्यारों ने इनके खून को कटोरे में रखा और पी कर चले गए।
गांव के ही एक पुजारी ने बताया कि ग्रामीणों ने इस कारण खून पीया ताकि डायन के सारे लगाये हुए नजर का असर उसके खून पीने से समाप्त हो जायेगा।
पुलिस ने सिसई थाना में मृतकों की संबंधी संगीता भगत (13) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। घर में सभी के मारे जाने के बाद वो अकेले जिन्दा बच गयी थी।
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