आज से ही लगेंगे सोनोग्राफी मशीनों पे एक्टिव टेकर
जिला कलेक्टर .. हम सबको मिलकर रोकनी होगी कन्या भ्रूण हत्या,
एक जुलाई से भरे जाएंगे ऑन लाइन एफ फार्म
बाडमेर। आखिरकार जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के प्रयास सफल रहे और अब रविवार से ही एक्टिव टेकर लगनी की प्रकि्रया शुरू हो जाएगी। इसकी सहमति भी सभी सोनोग्राफी सेंटर संचालकों ने जता दी है और उन्होंने प्रशासन को आश्वस्त किया है कि वे इस मामले में हर संभव प्रयास करेंगे। जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने भी संचालकों को कहा कि आखिरकार इस समस्या से सामूहिक रूप से निजात पाया जा सकता है और हम सब मिलकर कन्या भू्रण हत्या जैसे कुकृत्य को रोक सकते हैं। वे शनिवार को जिला स्वास्थ्य भवन में आयोजित एक्टिव टेकर एवं ऑन लाइन फार्म के प्रिशक्षण कार्यक्रम में सोनोग्राफी सेंटर संचालकों व चिकित्सकों को संबोधित कर रही थी। प्रिशक्षण के दौरान एसीएमएचओ डॉ. जितेंद्रसिंह, पीसीपीएनडीटी समन्वयक विक्रमसिंह चम्पावत, आयुष अधिकारी डॉ. अनिल झा, आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई, मेग्नम ऑॅपस कंपनी के प्रतिनिधि मनीष शर्मा व राहुल जादव सहित जिले के सभी सोनोग्राफी सेंटर के संचालक व चिकित्सक मौजूद थे। इस मौके पर जिला कलेक्टर ने आदेश दिए कि कल से एक्टिव टेकर लगने की प्रकि्रया शुरू हो जानी चाहिए ताकि जल्द से जल्द आगे की कार्रवाई की जा सके। कंपनी प्रभारी मनीष शर्मा ने बताया कि रविवार से टेकर लगाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और संभवत 30 जून तक पूरे जिले में ट्रेकर लग जाएंगे। वहीं ऑन लाइन एफ फार्म भरने की प्रकि्रया भी एक जुलाई से पूर्व शुरू कर दी जाएगी। इस संबंध में शनिवार को हुए प्रिशक्षण में चिकित्सकों को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवा दी गई।
क्या फायदा होगा ट्रेकर से ?
जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि एक्टिव टेकर को लेकर पिछले दिनों हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए थे, जिसके बाद संपूर्ण राज्य में स्थित करीब 1800 सोनोग्राफी सेंटरों पर एक्टिव टेकर लगाने की प्रकि्रया शुरू कर दी गई है। इस कड़ी में राजसंमद, पाली, भीलवाड़ा, जयपुर व उदयपुर में प्रकि्रया जारी हो चुकी है। दरअसल, एक्टिव टेकर एक ऐसा सिस्टम है, जिसके जरिए सोनोग्राफी मशीन में होने वाली हर गतिविधि को रिकॉर्ड रखा जा सकेगा। यही नहीं कोई भी संचालक इसमें छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा, क्योंकि इसमें जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है। जीपीएस सिस्टम के तहत प्राधिकारी का मोबाइल नंबर फीड रहेगा और बंद या चालू होने की स्थिति में मैसेज के जरिए जानकारी प्राप्त होगी। वहीं मशीन खराब होने या अन्य गड़बड़ी की स्थिति में भी जीपीएस सिस्टम जानकारी संबंधित प्राधिकारी के पास पहुंचा देगा। एक्टिव टेकर में सिर्फ एक तार से मशीन जोड़ी जा सकेगी। इसमें 1024 जीबी यानी एक टीबी स्पेस है, जिससे करीब दो वर्ष तक का रिकॉर्ड रहेगा, जिसमें वीडियो फुटेज भी शामिल है। यही नहीं जीपीएस सिस्टम होने की वजह से अब कोई भी चिकित्सक सोनोग्राफी मशीन को एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जा पाएगा। यदि वह ऐसा करता है तो जीपीएस सिस्टम के जरिए संबंधित प्राधिकारी के पास जानकारी पहुंच जाएगी।
राज्य सरकार को भेजेंगे प्रस्ताव
जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई ने बताया कि ऑन लाइन एफ फार्म एंट्री में कुछ खामियों को लेकर जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने कंपनी प्रतिनिधियों से बातचीत की। जिस पर कंपनी के राजस्थान प्रभारी मनीष शर्मा ने कहा कि यदि राज्य सरकार आदेश देती हैं तो इसमें फेरबदल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान के सुझाव की सराहना करते हुए कहा कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों से बात की जाएगी। इस पर जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने कहा कि वे स्वयं इस मुद्दे को लेकर गंभीर हैं और आज ही राज्य सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जाएगा। यदि राज्य सरकार की ओर से स्वीकृति मिल जाती है तो पूरे राज्य में यह फेरबदल कर दिया जाएगा। दरअसल, जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने यह मुद्दा उठाया था कि आखिर कैसे पता चलेगा कि किसी महिला या उसके परिजनों ने लिंग जांच करवाई है। इसके लिए जरूरी है कि सोनोग्राफी करवाने वाली महिला के पूर्व में हुए बच्चों की स्थिति व अन्य तथ्य भी ऑन लाइन भरे जाएं ताकि उसकी बाद में आसानी से टेकिंग की जा सके। वहीं महिला ने किन कारणों के चलते एमटीपी करवाई, इसके लिए भी एक कॉलम बनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। वहीं इसके बाद यह जानकारी भी होनी चाहिए कि डिलीवरी के बाद महिला के लड़का हुआ या लड़की।
कन्या भू्रण हत्या पर लगेगा अंकुश
जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने कहा कि निश्चित ही इस पहल से राज्य में कन्या भू्रण हत्या पर अंकुश लग पाएगा। उन्होंने कहा कि अब जनता में जागरूकता आने लगी है और यदि इस तरह की तकनीक अपनाकर सामूहिक प्रयास किए जाएंगे तो हम बेटियों को बचा सकेंगे।
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