बुधवार, 6 जून 2012

लव सेक्स और धोखाः फ़िल्मी अंदाज में व्यापारी को देने पड़े 40 करोड़

यमुनानगर.चंडीगढ़ सेक्टर-11 निवासी व्यापारी के साथ उसके साथी ने फिल्मी अंदाज में 40 करोड़ की ठगी कर ली। साहा स्कूल में बच्चे के दाखिले के दौरान आरोपी की मुलाकात व्यापारी से हुई। व्यापारी को ठगी का पता लगने पर बचाव में आरोपी ने व्यापारी के बेटे के एक महिला से शारीरिक संबंध बनवाए।
 
ब्लैक मेलिंग कर व्यापारी से 20 करोड़ में सौदा कर 10 करोड़ रुपए ले लिए। शेष राशि न मिलने पर महिला के बयान पर व्यापारी के बेटे के खिलाफ दुराचार का केस दर्ज करवा दिया। पुलिस जांच में आरोपी की साजिश का खुलासा हो गया। पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। निशानदेही पर 54 लाख रुपए पुलिस ने बरामद किए।

कोर्ट में पेशकर पुलिस ने आरोपियों को पांच दिन के रिमांड पर लिया है। वर्ष 2010 में नाहरपुर निवासी सोनू बंसल साहा स्कूल में बच्चे का दाखिला कराने गया था। उसकी मुलाकात स्कूल मालिक चंड़ीगढ़ सेक्टर-11 निवासी ईश्वर चंद बंसल के साथ हुई।

सोनू व्यापारी के साथ ब्रोकर के रूप में काम करने लगा। ईश्वर चंद के विश्वास का लाभ उठाते हुए सोनू ने महज कागजों में जमीन दिखाकर उसकी एवज में व्यापारी से 25 करोड़ रुपए ठगी कर ली। पुलिस जांच में सामने आया कि सोनू ने ईश्वर चंद को बेची गई जमीन हकीकत में कहीं नहीं थी।


सोनू ने व्यापारी से पैसे ऐंठने के लिए जगाधरी के बिट्टू के साथ मिलकर तरकीब बनाई। बिट्टू ने सोनू को सोनीपत के राज मलिक से मिलवाया। उन्होंने व्यापारी के बेटे अजय को फंसाने के लिए महिमा नाम की लड़की को ढाल बनाया।

महिमा प्लान के मुताबिक अजय को जगाधरी वर्कशाप रोड स्थित प्रतिष्ठित होटल में ले गई। वहां पर उसके साथ शारीरिक संबंध बना लिए। सोनू ने अजय व महिमा के शारीरिक संबंध की क्लिपिंग की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल करने लगा।


साजिश में सोनू ने अपने साथी महिमा, सिक्का, वरुण, सुलतान के साथ मिलकर व्यापारी को हांसी बुला लिया। आरोपियों ने समझौते के लिए 50 करोड़ रुपए की मांग रखी। सौदा 20 करोड़ रुपए में हो गया। पुलिस का कहना है कि 10 करोड़ रुपए पीड़ित पक्ष ने तुरंत मौके पर ही दे दिए। शेष 10 करोड़ रुपए के लिए पीड़ित पक्ष ने समय मांगा। कुछ दिनों के बाद सोनू ने ईश्वर चंद से संपर्क किया।

व्यापारी ने उसके खाते में चार करोड़ रुपए जमा कर दी। इसके बाद भी महिमा ने ईश्वरचंद के लड़के अजय के खिलाफ 12 मई को थाना शहर में दुराचार का मामला दर्ज करा दिया। पुलिस जांच में मामला फर्जी निकला। पुलिस पूछताछ में सोनी व उसके साथी वरुण ने पूरी सच्चाई ब्यां कर दी। उनसे 54 लाख रुपए की राशि भी बरामद की।

एसएचओ को भी दी थी धमकी
मामले में गिरफ्तार हुए सोनू और वरुण को छुड़वाने के लिए किसी महिला ने शहर थाना प्रभारी संदीप के मोबाइल पर फोन कर छोड़ने के लिए कहा। एसएचओ के पूछने पर बात करने वाली महिला ने खुद को न्यायाधीश बताया। नहीं छोड़े जाने पर वर्दी उतरवाने की धमकी दी। छानबीन में मामला फर्जी निकाला। थाना प्रभारी ने धमकी देने वाली महिला के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया है।


इस पर बिगड़ गई बात
थाना प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि चार माह पहले सोनू ने व्यापारी को यूपी में 1200 बीघा जमीन दिलवाई। इसी दौरान रणजीतपुर के धनौरा गांव में 170 किले साढ़े 10 लाख रुपए में खुद लेकर उसे आगे ईश्वर चंद को साढ़े 18 लाख रुपए में बेच दी। इस बारे में व्यापारी को पता चल गया। ईश्वर चंद ने सोनू के साथ काम करना बंद कर दिया।

ठगों ने बनाईं आरबीआई की जाली वेबसाइट, कहीं खा न जाएं धोखा

जयपुर. सायबर ठगों ने अब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को ठगी करने का जरिया बना लिया है। ठगों ने आरबीआई के नाम से लोगों को फांसने के लिए 3 फर्जी वेबसाइट बना डाली हैं, जिनका पहला पेज हू-ब-हू आरबीआई की असली साइट जैसा लगता है। सायबर एक्सपर्ट राजशेखर राजहरिया के मुताबिक ऐसी और भी वेबसाइट्स हो सकती हैं। फिलहाल, जिन फर्जी वेबसाइट्स का पता चला है वे हैं-  
www.serverbi.co.in, www.rbionline.co.in और www.rbimediaclippings.org, जबकि आरबीआई की असली वेबसाइट www.rbi.org.in है। ठगों ने लोगों में विश्वास बनाने के लिए और फर्जी वेबसाइट को असली दिखाने के लिए आरबीआई के फर्जी आई कार्ड बना रखे हैं और वेबसाइट के पेज पर आरबीआई गवर्नर डॉ. डी सुब्बाराव का फोटो भी लगाते हैं।

इसके अलावा साइट उसी कलर-कॉम्बिनेशन व आइटम्स वाली है, जैसी आरबीआई की असली वेबसाइट है। कोई भी व्यक्ति इनके असली साइट होने का धोखा खा सकता है। ऐसा होने के बावजूद आरबीआई ने अभी तक इन्हें ब्लॉक नहीं करवाया है। जयपुर में आरबीआई के बैंकिंग ऑम्बड्जमैन विभाग के मैनेजर एनके शर्मा के मुताबिक उन्हें ऐसी किन्हीं फर्जी वेबसाइट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस समस्या का समाधान आरबीआई में केंद्रीय स्तर पर ही हो सकता है।

आईबीए की भी नहीं मानी बैंकों ने

आरबीआई के नाम से हो रहे फ्रॉड पर इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने बैंकों को कई बार चेताया था कि वे लोगों को जागरूक करने के लिए उपाय करें। बैंको और एटीएम कियोस्क में पोस्टर लगवाएं वहीं एटीएम की स्क्रीन पर भी यह डिस्प्ले हो जब मशीन काम में न ली जा रही हो। ..लेकिन बैंकों ने आईबीए के सुझाव नजरअंदाज ही किए।

ठग भेजते हैं फर्जी इनामी मेल

वेब फ्रॉड करने वाले ठग आम लोगों को आरबीआई के नाम से ई-मेल भेजकर इनाम व लोन पाने के मैसेज भेज रहे हैं। ई-मेल में 5 लाख ब्रिटिश पाउंड जीतने का दावा किया जाता है तो कभी 85 लाख रुपए का। इसे प्रमाणित मेल दिखाने के लिए ठग इसमें आरबीआई के गवर्नर डॉ. डी सुब्बाराव की फोटो भी लगाते हैं।

मैसेज की भाषा होती है- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के फॉरेन एक्सचेंज ट्रांसफर डिपार्टमेंट आपको सूचित करता है कि ब्रिटिश सरकार और स्विस वल्र्ड बैंक में 2000 से 2012 के बीच लंबित मामलों के निस्तारण की प्रक्रिया के दौरान आपको एक लाभार्थी के तौर पर चुना गया है। यह आपके ईमेल एड्रेस के फाइल रिकॉर्ड के आधार पर किया गया है। हाल ही जयपुर के एक व्यक्ति को ईमेल मिला, इसमें लिखा था- आपको सूचित किया जाता है कि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान आपको अनपेड गवर्नमेंट कॉन्ट्रेक्ट के तहत आरबीआई ने लाभार्थी चुना है। आपको 85 लाख रुपए की राशि दी जा रही है। इस फर्जीवाड़े में बाकायदा पेमेंट फाइल का मनगढ़ंत नंबर भी लिखा होता है।

लाभांश के लिए मांगते हैं क्रेडिटिंग फीस

सायबर एक्सपर्ट राजशेखर बताते हैं- सायबर ठग ईमेल में ऐसी भूमिका बनाते हैं कि लोग उनके झांसे में आ जाते हैं। एक ईमेल में लिखा था- हाल ही आरबीआई के गवर्नर डॉ. डी सुब्बाराव सीनेट टैक्स कमेटी ऑन फाइनेंस से अनक्लेम्ड फंड के सिलसिले में मिले थे। यह काफी समय से पेंडिंग पड़ा है।

राव के मुताबिक लाभार्थियों का धन रोके रखना अच्छी बात नहीं है, इसे जल्द से जल्द बांटा जाए। इसलिए यह धन हम आपको केवल क्रेडिटिंग फीस के बदले दे रहे हैं। यह फीस 12,500 रुपये है। आप हमें अपने अकाउंट नंबर, उसका प्रकार और बैंक का नाम मेल कर दें। आपको एक सप्ताह में धन मिल जाएगा।

सावधान!

हालांकि आरबीआई वक्त-वक्त पर बैंकों को चेताता रहता है कि वे इस बारे में सावधान रहें। चेतावनी के मुताबिक आरबीआई किसी व्यक्ति का खाता नहीं खोलता। आरबीआई के अधिकारियों के नाम के दुरुपयोग की जांच करें। आरबीआई कोई लॉटरी या विदेशों से आया फंड किसी को उपलब्ध नहीं कराता और न ही ऐसे मेल किसी व्यक्ति को भेजता है। आरबीआई की सिर्फ एक ही आधिकारिक वेबसाइट है। यदि ईमेल में किसी लिंक को क्लिक करने की बात लिखी हो तो उसमें अपने अकाउंट संबंधी कोई जानकारी न डालें। ऐसा मेल आने पर पुलिस से संपर्क करें।

;भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती


28वीं पैदल वाहिनी ;प्रा0से0द्ध पर्यावरण, राज रिफ में 
गौरव सेनानियों ;भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती 
 
128वीं पैदल वाहिनी ;प्रा0 से0द्ध पर्यावरण, राज रिफ में निम्नलिखित पदों हेतु गौरव सेनानियों एवं ट्रेडमेनों की भर्ती का आयोजन दिनांक 18 जून 2012 से 20 जून 2012 तक ट्रेनिंग ग्राउण्ड, 123वीं पैदल वाहिनी ;प्रा0 से0द्ध ग्रनेडियर, झोटवाड़ा, जयपुर ;राज0द्ध में किया जा रहा है। इस भर्ती हेतु सम्पूर्ण भारत के समस्त गौरव सैनिक पात्र होंगे : 

;1 सामान्य ड्यूटी ; पद 131 
;2 मोची ; पद 01 
;3 वेटर ; पद 01 
;4 रसोईया ; पद 02 

पात्रता : 
;1 आयु दिनांक 18 जून 2012 तक 45 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। 
;2 सेवानिवृति की अवधि 07 वर्ष से कम। 
;3 चिकित्सा श्रेणी 
;4 चरित्र उदाहरणीय/बहुत अच्छा। 

इच्छुक भूतपूर्व सैनिक अधिक जानकारी हेतु बटालियन के दूरभाष नम्बर 02997228437 पर संपर्क कर सकते हैं। 

बाड़मेर सरकारी समाचार जिला परिषद् मनरेगा

बाड़मेर सरकारी समाचार जिला परिषद् मनारेगा 

रोजगार के आवेदन की रसीद नहीं देने पर लगेगा जुर्माना

रोजगार के आवेदन की रसीद उपलब्ध नहीं कराने को लेकर राज्य सरकार का गंभीर रवैया। दोषियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने जारी किए निर्दश 

बाड़मेर, 06 जून। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत रोजगार की मांग करने वाले आवेदकों को प्राप्ति रसीद उपलब्ध नहीं कराने पर एक हजार रूपए का जुर्माना लगेगा। इसको लेकर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के आयुक्त एवं भाासन सचिव ईजीएस ने निर्दो जारी किए है।

जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर डा.वीना प्रधान ने बताया कि रोजगार की मांग करने वाले आवेदनकर्ताओं को आवेदन प्राप्ति की रसीद उपलब्ध नहीं कराना विभागीय निर्दों एवं महात्मा गांधी नरेगा एक्ट 2005 की अनुसूची 2 के पैरा 10 के प्रावधानों की अनदेखी करने की श्रेणी में आता है। नरेगा अधिनियम 2005 के सैकन 25 में प्रावधान है कि जो कोई भी इस अधिनियम के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, वह दोष सिद्वी पर जुर्माने का जो एक हजार रूपए तक हो सकेगा। जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं ब्लाक स्तर पर कार्यक्रम अधिकारी अधिनियम के प्रावधानों को सुनिचत कराने हेतु प्राधिकृत अधिकारी है।

जिला कलेक्टर प्रधान के मुताबिक राज्य सरकार के निर्दोानुसार प्रथम बार फार्म 6 की रसीद नहीं दिए जाने पर नरेगा अधिनियम 2005 के सेकन 25 के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसके उपरांत भी निर्दों एवं अधिनियम के प्रावधानों की पालना नहीं किए जाने पर संबंधित के विरूद्व नरेगा अधिनियम 2005 के सेकन 25 के साथसाथ कार्मिक विभाग के आदो 08 फरवरी 2010 द्वारा जिला कलेक्टर्स को दी गई भाक्तियों अथवा पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 91 क के तहत प्रदान की गई भाक्तियों (जो भी लागू हो ) के तहत कार्यवाही की जाएगी। जिला कलेक्टर के अनुसार रोजगार की मांग करने के लिए फार्म6 ग्राम पंचायत के अलावा सरपंच, वार्ड पंच, नरेगा कार्य स्थल, मेट, रान की दुकान, पटवार घर, निरीक्षक भूअभिलेख, आंगनबाड़ी केन्द्र, आा सहयोगिनी एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र पर उपलब्ध कराए गए है। जहां से आवेदक को रसीद भी उपलब्ध कराई जाएगी। आवेदक सादे कागज पर भी कार्य के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन में जोब कार्ड का नंबर, जिस तिथि से रोजगार चाहा गया है तथा जितने दिन का रोजगार चाहा गया है, का वर्णन किया जाना आवयक है। साथ ही मांग पत्र पर श्रमिक/परिवार के मुखिया के हस्ताक्षर/अंगूठा निनी भी आवयक है,क्योंकि इसी रसीद के आधार पर मांग के बावजूद रोजगार उपलब्ध नहीं कराए जाने की स्थिति में, आवेदनकर्ता अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार बेरोजगारी भते की मांग कर सकता है।

अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने बताया कि आवेदन प्रपत्रों में जोब कार्ड संख्या अंकित नहीं होने की स्थिति में आवेदनकर्ता से जोब कार्ड संख्या पूछकर आवेदन पत्र पर अंकित किया जाए। परंतु यदि जोब कार्ड संख्या की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो आवेदन पत्र पर स्पष्टतया यह अंकित किया जाए कि जोब कार्ड संख्या वर्णित नहीं की गई है।




गुगरवाल ने बताया कि आवेदन प्रपत्र सीधे ही कार्यक्रम अधिकारी को दिए जाने पर कार्यक्रम अधिकारी द्वारा दिनांकित रसीद आवेदनकर्ता को दी जावे एवं किन स्थितियों में आवेदन पत्र सीधे ही कार्यक्रम अधिकारी को दिए गए है, का उल्लेख करते हुए आवेदन पत्रों की प्रति अपने कार्यालय में रखते हुए मूल आवेदन ग्राम पंचायत को प्रेषित किए जाए। साथ ही मस्टररोल जारी करते समय यह सुनिचत करें कि आवेदनकर्ता को कार्य पर नियोजित कर दिया गया है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी गुगरवाल के मुताबिक नरेगा गाइड लाइन के अनुसार कार्य की मांग के लिए आवेदन पत्र ग्राम पंचायत को दिया जाना चाहिए। श्रमिक द्वारा सीधे ही कार्यक्रम अधिकारी को भी आवेदन प्रस्तुत करने का विकल्प प्राप्त होना चाहिए, परंतु इसे आवयक विकल्प के रूप में काम लेना चाहिए अर्थात जहां तक संभव हो आवेदन ग्राम पंचायत स्तर पर प्रस्तुत किए जाए।

कलेक्टर लिखेंगे प्रत्येक वार्ड पंच को अर्द्व शा सकीय पत्र

रोजगार का आवेदन लेने एवं रसीद देने के लिए वार्ड पंच को अधिकृत करने की जानकारी पत्र के जरिए दी जाएगी। जानकार ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने जारी किए निर्दो

बाड़मेर, 06 जून। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत रोजगार की मांग के आवेदन को लेने एवं उसकी रसीद देने के लिए वार्ड पंच को अधिकृत करने के सरकारी आदो के अधिकाधिक प्रचारप्रसार के लिए जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर सभी वार्ड पंचों को अर्द्व भासकीय पत्र लिखेंगे। इसके लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव सी.एस.राजन ने निर्दो जारी किए है।

जिला कलेक्टर डा.वीणा प्रधान ने बताया कि राज्य सरकार के निर्दोानुसार जिले के समस्त वार्ड पंचों को व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखकर अगवत कराया जाएगा। इसके अलावा दीवार लेखन, पम्पलेट वितरण, ग्राम पंचायत भवन एवं अन्य सरकारी भवनों के सूचना पटट के माध्यम से फार्म 6 भरने एवं दिनांकित रसीद प्राप्त करने की जानकारी का प्रचारप्रसार किया जाएगा।

क्या है अर्द्व भासकीय पत्र में: वार्ड पंच को भेजे जाने वाले अर्द्व भासकीय पत्र में लिखा गया है कि महात्मा गांधी नरेगा योजना ग्रामीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत रोजगार की मांग किए जाने पर प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 100 दिवस का गारंटीाुदा अकुाल रोजगार उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। रोजगार के लिए जोब कार्ड धारी परिवार के मुखिया अथवा जोब कार्ड में सम्मिलित श्रमिक को रोजगार की मांग ग्राम पंचायत से करनी होगी। ग्राम पंचायत का सदस्य होने के नाते राज्य सरकार ने आपको फार्म 6 प्राप्त करने एवं प्राप्ति की दिनांकित रसीद आवेदनकर्ता को उपलब्ध कराने के लिए आपको अधिकृत किया है। उक्त निर्दों के अनुरूप आप अपने क्षेत्र के जोब कार्डधारी परिवार से फार्म6 अथवा सादे कागज पर आवेदन प्राप्त करे एवं आवेदनकर्ता को दिनांकित प्राप्ति रसीद आवयक रूप दें। प्राप्त आवेदनों को अविलम्ब ग्राम सचिवालय की साप्ताहिक बैठक में ग्राम पंचायत कार्यालय में देकर उसका इन्द्राज रोजगार रजिस्टर में आवयक रूप से करावें। महात्मा गांधी नरेगा योजना से संबंधित जानकारी एवं िकायत के लिए नि:ाुल्क टेलीफोन नंबर 1800180-6606 पर भी संपर्क किया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा आपको प्रदान किए गए अधिकार का उपयोग करें एवं महात्मा गांधी नरेगा योजना के कि्रयान्वयन में आपकी भागीदारी से अधिकाधिक लोगों को लाभांवित करें।

मनरेगा के चालीस करोड़ ठिकाने लगाने के बाद रिलीव करेंगे इस भ्रष्ट लेखाकार को

मनरेगा के चालीस करोड़ ठिकाने लगाने के बाद रिलीव करेंगे इस भ्रष्ट लेखाकार को




बाड़मेर सरहदी जिले के सरकारी महकमे जिला परिषद् मनारेगा के एक भ्रष्ट लेखाकार का स्थानान्तरण हुए बीस दिन से ज्यादा समय हो गया उसके स्थान पर अन्य रिलीवर ने आकर कार्यभार ग्रहण कर लिया .इसी बीच इस लेखाकार ने स्थानान्तरण निरस्त कराने के लिए नेताओ की डयोधिया भी चढ़ी मगर इस कार्मिक के खिलाफ मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच के आदेश होने के कारण किसी नेता ने तवज्जो नहीं दी.इधर तबादला निरस्त होने की उम्मीदे धूमिल होने के बाद भी यह शख्स वापस बिना पोस्ट मनारेगा का काम धडाले से निपटा रहा हें सूत्रों की माने तो मनारेगा में पचास करोड़ का बजट आ रखा था जिसमे दस करोड़ की बन्दर बाँट इसके द्वारा कर ली गयी शेष चालीस करोड़ जो सामग्री मद से हें उन्हें ठिकाने लगाने के लिए यह साब यहाँ से जाना नहीं चाहते खबर हें की जिला परिषद् बाड़मेर में लेखाकार का पद रिक्त हें यह जनाब उस पद पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी को गुमराह कर प्रतिनियुक्ति कराने की फिराक में हें जबकि लेखा नियमानुसार लेखाकार की प्रतिनियुक्ति का अधिकार सिर्फ निदेशक लेखा को ही हें इसी बीच बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने जिला कलेक्टर से मिल कर इस लेखाकार को तुरंत रिलीव करने को कहा हें ,मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल आर गुगरवाल सुलझे अधिकारी हें शायद इनके झांसे में नहीं आये .इतना कुछ होने के बाद इस लेखाकार को सुविधा शुल्क जुटाने के लिए आखिर किस अधिकारी ने रोके रखा हें .जिला परिषद् में प्रतिनियुक्ति की फाईल आखिर किसके आदेश से चलाई गयी यह भी बड़ा राज़ हें .जिला कलेक्टर को चाहिए की लेखाकार को तुरंत रिलीव करे बाड़मेर के विकास के लिए अच्छा रहेगा

बाड़मेर में धोरीमन्ना बनी नई तहसील प्रदेश में 43 नई तहसील और 38 उप तहसील का गठन

बाड़मेर में धोरीमन्ना बनी नई तहसील 


अजमेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राज्य में नई तहसीलों के गठन को लेकर की गई घोषणा आखिर पूरी हो गई है। राजस्व मंडल ने 43 नई तहसील व 38 उप तहसील बनाने की कवायद पूरी कर रिपोर्ट राजस्व महकमे को सौंप दी थी। महकमे ने इनकी अधिसूचना जारी कर दी है। अब राज्य में तहसीलों की संख्या 287 हो गई है वहीं उप तहसीलों की संख्या बढ़कर 135 पहुंच गई है।  
बजट घोषणा के तहत 43 नई तहसील व 40 उप तहसील बनाने के लिए राजस्व मंडल के स्तर पर पिछले लंबे अर्से से कवायद की जा रही थी। मंडल प्रशासन ने जिलों से प्रस्ताव प्राप्त कर तहसील व उप तहसील गठन की कार्रवाई की थी। पहली बार मंडल को जिलों से जो प्रस्ताव प्राप्त हुए वे अधूरे थे और इसके चलते राज्य स्तर पर इनको मंजूरी नहीं मिली।

नए सिरे से कवायद करते हुए राजस्व मंडल ने सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर विस्तृत जानकारी भेजने को कहा था। नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर राजस्व महकमे को भिजवाई गई थी। महकमे ने 31 मई को राजस्थान भू राजस्व अधिनियम की धारा 15 व 16 के तहत नवगठित तहसीलों व उप तहसीलों की अधिसूचना जारी कर दी है।

800 पटवार मंडल भी बनाए

नई तहसील और उप तहसीलों के साथ ही राज्य में 800 नए पटवार मंडल भी बनाए गए हैं। पहले पटवार मंडल की संख्या 10040 थी जो अब बढ़कर 10840 हो गई है। नए पटवार मंडल के अनुरूप पटवारियों के स्वीकृत पद भी बढ़ेंगे और रिक्त पद पर जल्द ही नई भर्ती प्रकिया शुरू की जा सकती है।

सीमांतकरण पहली प्राथमिकता

नई तहसील व उप तहसील गठन में राजस्व मंडल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। मंडल की पहली प्राथमिकता यह रही है कि तहसील व पंचायत समितियां सह सीमांत हों। यानी की एक पंचायत समिति क्षेत्र में एक तहसील होनी चाहिए। अगर किसी पंचायत समिति का आंशिक या बड़ा हिस्सा दूसरी तहसील में शामिल होता है तो यह सह सीमांत नहीं मानी जाएगी। एक ग्राम पंचायत पर एक पटवार मंडल और एक पंचायत समिति पर एक तहसील को आदर्श स्थिति माना गया है।



अजमेर जिले में पुष्कर, रूपनगढ़ तथा टाडगढ़ को नई तहसील बनाया गया है। इसी तरह अलवर में रेणी व नीमराना, बांसवाड़ा में आनन्दपुरी, छोटी सरवन, सज्जनगढ़, बाड़मेर में सेड़वा, व सिणधरी, भरतपुर में भुसावर, भीलवाड़ा में हमीरगढ़, करेड़ा, फूलियाकलां, बदनौर, बूंदी में कालेड़ा, चित्तौड़ में भूपालसागर, चूरू में सुजानगढ़, दौसा में नागेल राजावतान, धौलपुर में सरमथुरा, डूंगरपुर में बिच्छीवाड़ा, जालियाकोट, चिखली, सावला, जैसलमेर में भणियोना, जालौर में चितलवाना व जसवंतपुरा, झालावाड़ में असनावर, झुंझुनूं में सूरतगढ़, मलसीसर, जोधपुर में बाप, बालेसर, बावड़ी तथा पीपाड़शहर, कोटा में कनवास, नागौर में कुचामनसिटी, रियांबड़ी, सवाईमाधोपुर में वजीरपुर, सीकर में रामगढ़ शेखावटी, खंडेला तथा धोद, उदयपुर जिले में बड़गांव को नई तहसील के रूप में सृजित किया है।

राजस्व ग्रुप-1 की ओर से 38 तहसीलों की अधिसूचना जारी की गई है। इनमें अरांई, श्रीनगर तथा सावर उपतहसील का सृजन अजमेर में किया गया है। इसी तरह भरतपुर में जुरहरा, लखनपुर, रारह तथा जनूथर, भीलवाड़ा में बागौर, काछोला, चित्तौड़ में बस्सी, दौसा में रामगढ़ पछवारा, सिकंदरा, मंडावर तथा बांदीकुई, श्रीगंगानगर में जैतसर, लालगढ़ जाटान, मिरजेवाला, रावला तथा रजियासर स्टेशन, झुंझुनूं में गुढ़ा गौढजी, करौली में सूरोठ, बारां में नाहरगढ़, बाड़मेर में धोरीमन्ना, हनुमानगढ़ में रामगढ़, सवाईमाधोपुर में तलावड़ा, टोंक में डिग्गी, नागौर में छोटी खाटू, सीकर में अजीतगढ़, पाटन तथा नेछवा, उदयपुर में फलासिया, नया गांव, सायरा, सेमरी, जयपुर में आंधी तथा बगरू, बाड़मेर के समदड़ी में उप तहसील का गठन किया गया है।

प्रदेश में 43 नई तहसील और 38 उप तहसील का गठन

अजमेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राज्य में नई तहसीलों के गठन को लेकर की गई घोषणा आखिर पूरी हो गई है। राजस्व मंडल ने 43 नई तहसील व 38 उप तहसील बनाने की कवायद पूरी कर रिपोर्ट राजस्व महकमे को सौंप दी थी। महकमे ने इनकी अधिसूचना जारी कर दी है। अब राज्य में तहसीलों की संख्या 287 हो गई है वहीं उप तहसीलों की संख्या बढ़कर 135 पहुंच गई है।  
बजट घोषणा के तहत 43 नई तहसील व 40 उप तहसील बनाने के लिए राजस्व मंडल के स्तर पर पिछले लंबे अर्से से कवायद की जा रही थी। मंडल प्रशासन ने जिलों से प्रस्ताव प्राप्त कर तहसील व उप तहसील गठन की कार्रवाई की थी। पहली बार मंडल को जिलों से जो प्रस्ताव प्राप्त हुए वे अधूरे थे और इसके चलते राज्य स्तर पर इनको मंजूरी नहीं मिली।

नए सिरे से कवायद करते हुए राजस्व मंडल ने सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर विस्तृत जानकारी भेजने को कहा था। नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर राजस्व महकमे को भिजवाई गई थी। महकमे ने 31 मई को राजस्थान भू राजस्व अधिनियम की धारा 15 व 16 के तहत नवगठित तहसीलों व उप तहसीलों की अधिसूचना जारी कर दी है।

800 पटवार मंडल भी बनाए

नई तहसील और उप तहसीलों के साथ ही राज्य में 800 नए पटवार मंडल भी बनाए गए हैं। पहले पटवार मंडल की संख्या 10040 थी जो अब बढ़कर 10840 हो गई है। नए पटवार मंडल के अनुरूप पटवारियों के स्वीकृत पद भी बढ़ेंगे और रिक्त पद पर जल्द ही नई भर्ती प्रकिया शुरू की जा सकती है।

सीमांतकरण पहली प्राथमिकता

नई तहसील व उप तहसील गठन में राजस्व मंडल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। मंडल की पहली प्राथमिकता यह रही है कि तहसील व पंचायत समितियां सह सीमांत हों। यानी की एक पंचायत समिति क्षेत्र में एक तहसील होनी चाहिए। अगर किसी पंचायत समिति का आंशिक या बड़ा हिस्सा दूसरी तहसील में शामिल होता है तो यह सह सीमांत नहीं मानी जाएगी। एक ग्राम पंचायत पर एक पटवार मंडल और एक पंचायत समिति पर एक तहसील को आदर्श स्थिति माना गया है।

राजनीती की भेंट चडी सरकारी कारिंदे बाड़मेर के सरकारी महकमे फिर खाली

राजनीती की भेंट चडी सरकारी कारिंदे बाड़मेर के सरकारी महकमे फिर खाली
बाड़मेर। जिले को कांग्रेसनीत सरकार ने चार चार लालबत्तियां दे दी तो ऎसा लगा कि अब बाड़मेर का ही जोर चलेगा, लेकिन तबादलों के बाद सीमावर्ती जिला और कमजोर हो गया है। दूसरे जिलों के जनप्रतिनिधि अपने चहेते कार्मिकों को अपने जिलों में ले गए और यहां के चलती वाले देखते ही रह गए। पहले से पद रिक्तता का दंश भोग रहे यहां के लोग अब सरकारी सेवाओं, योजनाओं, सुविधाओं के लिए और तरसते नजर आएंगे।

जिले के मंत्री, सांसद, विधायक और तमाम जनप्रतिनिधि यही दावा करते रहे हैं कि जिले को समस्याओं से उबारा जाएगा और वे ऎसा करेंगे जैसा आज तक किसी ने नहीं किया है। गाहे ब गाहे यह जताते भी रहते हैं कि वे राज्य सरकार में इतने खास और चलती वाले हो गए है कि उनकी ही चलती है, लेकिन हाल ही में हुए तबादलों में सभी का आईना सामने आ गया है। शर्मनाक स्थिति यह है कि बाहरी जिलों के कर्मचारी बाड़मेर में थोड़ी बहुत नौकरी करने के बाद एप्रोच लगाकर चलते बने। बाड़मेर के लोग जो अन्य जिलों में है वे तमाम सिफारिशे लगाने के बावजूद जिले में नहीं आ पाए है। पद रिक्तता और बढ़ गई है। अब अफसरों को भी समझ में नहीं आ रहा है कि वे कैसे कार्य करेंगे।

राजस्व महकमा
राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी बाड़मेर जिले के ही है। जिले से 23 पटवारियों को बाहर भेज दिया गया है। एक पटवारी अन्य जिले से बाड़मेर आया है। पांच तहसीलदार गए है और चार आए है। नायब तहसीलदार भी पांच गए है और दो ही आए है। इसके अलावा चार कनिष्ठ लिपिक और दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बाहरी जिलों के आदेश हुए है।

चिकित्सा विभाग
जिले में पद रिक्तता की स्थिति पहले से ही बुरी थी। इसमें कोढ़ का खाज यह है जिले से 87 एएनएम को बाड़मेर जिले से बाहर भेजा गया है। बदले में 33 बाड़मेर आई है। वहीं 14 चिकित्सकों का तबादला बाड़मेर जिले से हुआ है और आए सिर्फ पांच ही है। जिला मुख्यालय बाड़मेर के अस्पताल में चिकित्सकों के साठ प्रतिशत पद रिक्त है। नियुक्ति के लिए तमाम दावे किए गए, लेकिन एक भी नहीं आया। बालोतरा अस्पताल से दो लेब टेक्निशियन, एक रेडियोग्राफर और एक कंपाउण्डर का तबादला हो गया है।

वन विभाग
वन विभाग में चार रेंज खाली हो गई है। यहां तीन फोरेस्टर, दो रेंजर के तबादले हुए है। चार रेंज खाली होने से आने वाले दिनों में हरित राजस्थान सहित अन्य कार्यक्रमों का क्या हाल होगा इसकी फिक्र किसी को नहीं है।
रोडवेज में नहीं चैकिंग वाले- घाटे में चल रही रोडवेज भी तबादलों से अछूती नहीं रही है। 38 कार्मिकों के तबादले हुए है। आए 22 ही है। चालक 11 गए और तीन आए है। इसी तरह मैकेनिक 9 गए और दो आए है। मैनेजर का भी एक पद खाली हो गया है। अब आगार प्रबंधक के अलावा कोई अधिकारी नहीं है जिसके पास रोडवेज की बसों की जांच करने का पॉवर हों।

जिला परिषद
जिला परिष्ाद में जाने वालों में ग्रामसेवकों की बड़ी संख्या है। इसके अलावा एक अधिशासी अभियंता, एईएन सिंचाई, जूनियर एकाउंटेेट, कनिष्ठ लेखाकार का भी तबादला हुआ है। आईसीडीएस में सिवाना के सीडीपीओ का तबादला हो गया है और उनकी जगह बीडीओ को कार्य दिया गया है। इसी तरह समाज कल्याण विभाग में एक वार्डन और एक लेखाकार को बाहर भेज दिया गया, आया कोई नहीं।

क्या होगा काम की गारंटी का
एक तरफ राज्य सरकार ने काम की गारंटी कानून लागू कर दिया है। आम आदमी का काम नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की बात कही जा रही है। दूसरी तरफ इतने सारे कार्मिक चले जाने के बाद अब काम कौन करेगा यह सवाल खड़ा हो गया है।

पक्ष रखेंगे
अभी रिलीव नहीं हुए है। राज्य सरकार के समक्ष पक्ष रखेंगे। जिले के हित में निर्णय होगा। तबादलों का सही आंकड़ा मेरे पास अभी नहीं आया है।
हरीश चौधरी सांसद

प्यासे कंठो का "पार" बना आसरा

प्यासे कंठो का "पार" बना आसरा
चांधन। भीषण पेयजल संकट से रूबरू हो रहे जैसलमेर के ग्रामीण इलाकों के लिए परंपरागत जल स्त्रोत पार वरदान साबित हो रहे हैं। लंबी पाइप लाइनों व अन्य कारणों से पानी नहीं पहुंचने के कारण लोग इन पुराने जल स्त्रोतों से प्यास बुझा रहे हैं। मीठे पेयजल के स्त्रोतों पर पानी निकासी का कोई साधन नहीं होने से ग्रामीण पुराने साधन काम में ले रहे हैं।

ऎसे में लोगों को विशेष कर ग्रामीण महिलाओं को पानी के लिए अधिक श्रम करना पड़ रहा है। कहते है प्रकृति अभाव के साथ सुविधा भी प्रदान करती है। मरूधरा में जगह-जगह फैले ये पार इस बात के प्रमाण है। जिन स्थानों पर भू-गर्भीय जल खारा व गहरा है। पार उन्हीं स्थानों पर ज्यादा स्थित है। ऎसे गांवों व ढाणियों के भू-स्तर पर नीचे 10 से 20 मीटर की गहराई पर चिकनी मिट्टी की अपागम्य मोटी परत पाई जाती है।

यह परत बारिश के पानी को नीचे प्रवाहित होने से रोक देती है। ऎसे में यह बरसाती पानी धरती के ऊपरी स्तर में संग्रहित हो जाता है। इन स्थानों पर 15 से 20 मीटर की गहराई के छोटे कुएं खोद दिए जाते हैं। इन छोटे कुंओं को स्थानीय भाषा में बेरी कहा जाता है। अधिक पानी प्राप्त करने के लिए इन स्थानों पर कई बेरियां खोद दी जाती है। इन बेरियों के समूह को पार के नाम से जाना पाता है।

धीरे-धीरे रिसकर आता है पानी
ग्रामीणों की ओर से तैयार ये कुएं अधिकांश जगहों पर कच्चे हैं। इन कुओं पर पानी धीरे-धीरे रिसकर आता है। ऎसे मे इन्हें नीचे की ओर कच्चा रखना जरूरी भी है, लेकिन ऊपर इन कुओ को पक्की परत से बांधा जा सकता है। ज्यादातर पार गांव के आगोर तालाबों के पीछे या खडिनों में स्थित है। सम पंचायत समिति के धनाना पार, राबलाऊ पार, महबूब का पार, सीयांबर का पार धोरों के बीच स्थित है।

नहीं हुआ आधुनीकरण
गर्मी के दिनों में इन पार से ग्रामीण विशेषकर महिलाओं को रस्सी व बाल्टी से पानी खींचते देखा जा सकता है। ग्रामीण महिलाएं अपने घरों से दूर स्थित इन पार तक पैदल चलकर आती है तथा पानी सींचकर घड़ा भरकर पैदल ही वापस जाती है। पानी सींचने में उन्हें अधिक श्रम करना पड़ता है तथा खुले कुंओं में गिरने का खतरा भी बना रहता है। ऎसे में इन पार पर पानी निकासी के अन्य साधनों की आवश्यकता जरूरी हो गई है। हेंडपम्प की हत्थी या सिंगल फेज मोनोब्लॉक पंप से इस पानी की निकासी कर उसे एक स्थान पर संग्रहित किया जा सकता है। जहां से महिलाएं पानी आसानी से प्राप्त कर सकती है।

पनघट पर चहल-पहल
कनोई गांव के पूर्वदिशा में स्थित पार आज भी पूरे गांव की प्यास बुझा रहा है। यहां पर गांव की महिलाएं समूह में पानी ले जाती दिख जाती है। महिलाओं के समूह यहां किसी ग्रामीण मेले का अहसास कराते हैं। गांव के हर वर्ग की महिलाएं यहां आकर पानी के साथ अपना सुख-दुख बांटती है। खेजड़ी के पेड़ों की छांव में बैठकर व बतियाकर ये महिलाएं यहां सुकून भी पाती है।

मंत्रियों ने दी सीएम को सफाई

मंत्रियों ने दी सीएम को सफाई

जयपुर। प्रदेश में तबादलों को लेकर कांग्रेस में उठा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा। विधायकों के आरोपों के घेरे में आए पंचायती राज मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया तथा शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा ने मंगलवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर सफाई दी।

मालवीया पर तबादलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और विधायक उनके घर हंगामा कर चुके हैं वहीं शर्मा पर भी मनमर्जी से स्थानान्तरण करने के आरोप विधायक लगा रहे हैं। दोनों मंत्रियों से सम्पर्क नहीं हो पाया लेकिन सूत्रों का कहना है कि उन्होंने सफाई देते हुए अपना पक्ष गहलोत के सामने रखा। मंत्रियों ने विधायकों की डिजायर से किए गए तबादलों के बारे में भी मुख्यमंत्री को अवगत करवाया।

मंत्री सुने विधायकों की बात - खाचरियावास


इधर जयपुर में कांग्रेसी विधायक प्रतापसिंह खाचरियावास ने मंगलवार को तबादले व मंत्रियों की कार्यप्रणाली पर फिर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मंत्री मालिक नहीं हैं और विधायक गुलाम नहीं है। उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि सरकार केवल मंत्रियों के भरोसे नही चलती, अगर चलती है तो एक भी मंत्री कहकर देखे, फि र हम बताते हैं। सरकार में जितना अधिकार मुख्यमंत्री व मंत्री का है, उतना अधिकार विधायक का भी है। खाचरियावास ने अपने आवास पर पत्रकारों से कहा कि सरकार में सब बराबर हैं। मुख्यमंत्री व मंत्री भी तो विधायक ही हैं।

तबादला मामले में मंत्रियों को छुपने की जरूरत नहीं है आगे बढ़कर विधायकों की बात सुननी चाहिए और जो गलतियां उनसे हुई हैं, उसे सुधारना चाहिए। नौकरशाही पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यदि अधिकारियों ने मंत्री को बिना बताए काम किया है, उसे गम्भीरता से सुधार लें। सिंह ने मंत्रियों से जानना चाहा कि वे बताएं कि किस विधायक के क्षेत्र में कितने काम किए। मर्जी के खिलाफ किए तबादलों का कारण बताया जाए।

टीवी शो पर खुला ट्रिपल मर्डर का राज

टीवी शो पर खुला ट्रिपल मर्डर का राज
विल्लुपुरम। तमिलनाडु की एक 16 साल की एक बच्ची ने टीवी शो पर चार साल पहले हुए ट्रिपल मर्डर का राज खोला है। एक सप्ताह पहले प्रसारित हुए क्राइम शो में इस बच्ची ने टीवी शो के होस्ट को बताया कि उसके पिता ए. मुरूगन ने 2008 में उसके बड़ी बहन,दामाद और एक अन्य व्यक्ति की हत्या की थी। शो में दिए बयान के आधार पुलिस ने तमिलनाडु के विल्लुपुरम गांव में मुरूगन के घर छापा मारा और तीनों लोगों के अवशेष बरादम किए।

मुरूगन 17 मई से फरार है। विल्लुपुरम के उप पुलिस अधीक्षक जी. शेखर ने बताया कि एक सैटेलाइट चैनल ने 16 साल की बच्ची को शो के लिए आमंत्रित किया था। यह बच्ची एक महीने पहले अपने ब्वॉय फ्रेंड के.सतीश कुमार के साथ भाग गई थी। शो में बच्ची के पिता मुरूगन और मां राजेश्वरी को भी आमंत्रित किया गया था।

यह शो 17 मई को रिकॉर्ड किया गया था। शो के दौरान बच्ची ने अपने माता-पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया। बच्ची का कहना था कि अगर वह अपने पिता के साथ गई तो वे उसे भी मार डालेंगे। बच्ची ने कहा कि उसकी मां राजेश्वरी ने बताया था कि उसके पिता ने एक यंग कपल को जहर देकर मार डाला था। मुरूगन ने महिला के पिता को भी मार डाला था। मुरूगन ने तीनों के शवों को गांव के एक कुएं में दफन कर दिया था।

जब यह बच्ची अपनी बात कह रही थी तब उसकी मांग ने बीच में दखल देते हुए कहा कि उसने अपनी आखों से ट्रिपल मर्डर नहीं देखा था लेकिन जब भी वे झगड़ते थे तो उसका पति कहता था कि वह उसकी बेटी को उस तरह मार देगा जैसे उसने तीन लोगों को मार दिया था। शो के प्रस्तोता ने बताया कि उसने बच्ची और उसके माता-पिता के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी लेकिन बच्ची डरी हुई थी।

उसका कहना था कि उसके पिता उसे और उसके पति की हत्या कर देंगे। लगातार सवाल करने पर बच्ची ने रोते हुए 2008 में हुए ट्रिपल मर्डर की बात कही। बच्ची के बयान की हकीकत जानने के लिए उसके गांव में अधिकारियों को भेजा गया। इस दौरान पता चला कि 2008 से लावण्या,सिलांबरसन और शेखर नाम के तीन लोग गायब हैं। पुष्टि होने के बाद शो को 28 मई को प्रसारित किया गया। शो प्रसारित होने के बाद मुरूगन खुद को निर्दोष बताते हुए अपनी पत्नी के साथ गांव से फरार हो गया।


जालोर आज के समाचार ........

जालोर आज के समाचार ........

खुदाई के दौरान ब्लास्ट करने से तीन घायल

आहोर निकटवर्ती कंवला गांव में सोमवार की शाम को एक घर के बाहर गटर खुदाई के दौरान पत्थर हटाने के लिए ब्लास्ट करने से दो महिलाओं सहित एक बालिका घायल हो गई।

थानाधिकारी नारायणलाल विश्नोई ने बताया कि कंवला गांव निवासी सायरी पत्नी खीमाराम लौहार ने रिपोर्ट देकर बताया कि उसके पड़ौस में जोरसिंह पुत्र रूपसिंह राजपूत के घर के बाहर गटर खुदाई का कार्य चल रहा था। पांच-छह फीट की खुदाई करने के बाद जमीन में पत्थर आ जाने से पत्थर को हटाने के लिए इन लोगों ने ब्लास्ट किया। जिससे छोटे छोटे पत्थर उछल कर घर के आंगन में सो रही सायरी देवी, ममता पत्नी भंवरलाल और कोमल पुत्री भंवरलाल के लगे। जिससे तीनों घायल हो गई। घटना के बाद तीनों को १०८ एम्बुलेंस से आहोर अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना की सूचना पर एसडीएम लोकेश मीणा व तहसीलदार हनुमानाराम चौधरी मौके पर गए और जोरसिंह द्वारा गटर खुदाई के दौरान लापरवाही बरतने पर पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए।

बालिका भू्रण हत्या सबसे बड़ा पाप : राजस्थानी

देसूरी/नारलाई

महामंडलेश्वर मदन राजस्थानी ने कहा कि बालिका भू्रण हत्या के महापाप का मायाजाल क्यों पसर रहा है। आज बदले परिदृश्य के बावजूद समाज अजन्मी बेटियों को मारने पर तुला है। इन शर्मनाक घटनाओं से एक अनुत्तरित प्रश्न जहन में कौंधता है कि इन अबोध बच्चियों ने इस दुनिया में कदम रखते ही ऐसा क्या गुनाह कर दिया,जो मां-बाप के लिए बोझ बन जाती है। यदि उनकी जगह बच्चा पैदा होता तो क्या उसके साथ ऐसा ही सलूक किया जाता। यह उद्गार दाती ने सोमवार की रात में नारलाई कस्बे में आयोजित बेटी बचाओ अभियान व सिलाई प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सृष्टि को बचाना है तो बेटियों का बचाना बहुत जरूरी है। मां नहीं होती तो यह दुनिया कौन दिखाता व कोख से पैदा होने वाला बच्चा व बच्ची मां को ही पहचानता है। इसलिए ग्रामीणों का दायित्व बनता है कि वह कन्या भू्रण हत्या जैसे महापाप से बचे उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि वह कन्या भ्रूण हत्या का विरोध करें, जिससे बेटी को बचाया जा सके। उन्होंने समारोह में उपस्थित महिलाओं को कन्या भू्रण हत्या नहीं करने का संकल्प दिया। इस दौरान जिला प्रमुख खुशवीरसिंह ने बेटी बचाओ अभियान की तारीफ की। इस दौरान दाती ने समारोह में दस-दस किलो गेहूं गरीब कार्ड के तहत और दो हाथ थैले गरीब महिलाओं को वितरण किए।

नारलाई में सिलाई प्रशिक्षण का शुभारंभ

नारलाई कस्बे में महिला सशक्तीकरण को लेकर सोमवार की रात में ग्राम पंचायत में दाती ने सिलाई प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षण केंद्र में महिलाओं को सिलाई का हुनर प्रशिक्षण में सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण तीन महीने तक चलेगा। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को ये सिलाई मशीनें दी जाएगी।

समारोह में यह थे उपस्थित

नारलाई कस्बे में आयोजित बेटी बचाओ अभियान व सिलाई प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन समारोह में आलावास गुरुकुल आश्रम निदेशिका मां श्रद्धा, लाल महाराज देसूरी, देसूरी प्रधान बुद्धकंवर चौहान, जिला परिषद सदस्य प्रमोदपालसिंह मेघवाल, देसूरी नायब तहसीलदार जी.आर.बैरवा, देसूरी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.राजेश राठौड़, नारलाई सरपंच कंकुड़ी देवी, उपसरपंच प्रमोद पुरी गोस्वामी, पंचायत समिति सदस्य ममता हीरागर, कांग्रेस नेता हितेश सिरोया आदि मौजूद थे।

बाड़मेर का इकबाल खेलेगा भारतीय क्रिकेट टीम में


बाड़मेर का इकबाल खेलेगा भारतीय क्रिकेट टीम में

पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय विकलांग क्रिकेट कप में लेगा भाग
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सिवाना  कस्बे के इकबाल खान का भारतीय विकलांग क्रिकेट टीम में चयन हुआ है। क्रिकेट क्लब संयोजक यासिन खान पठान ने बताया कि इकबाल खान 14 जून से पाकिस्तान में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय विकलांग क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सिवाना से 9 जून को रवाना होगा।

वह 13 जून को दिल्ली से टीम के साथ रवाना होगा। पाकिस्तान में 14 जून से शुरू होने वाली प्रतियोगिता में चार वनडे एवं दो 20-20 मैच खेले जाएंगे। उन्होंने बताया कि इकबाल का चयन क्रिकेट फिजिकली हैंडीकैप एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से किया गया है। इससे पहले छठी राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता लखनऊ में खेली गई थी, जिसमें इकबाल ने गुजरात टीम का नेतृत्व किया था। उस टीम में इकबाल ने 15 विकेट व तीन अर्धशतक बनाकर टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया था।

इकबाल राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से अंडर 16, 17, 19 में बाड़मेर व राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुका है। वर्तमान में बाड़मेर से कॉल्विन शील्ड सीनियर प्रतियोगिता से खेल रहा है। इकबाल के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लेने पर स्थानीय क्रिकेटर प्रवीण आचार्य, रवि चौहान, भवानीसिंह, सोहनसिंह भायल, भवेन्द्र जाखड़ बाड़मेर, कैलाश वैष्णव, अयूब खान, दिलीप पटेल, अंकित सोनी व देवाराम चौधरी ने खुशी जताई।

पकड़ में आया बाइक चोर गिरोह


पकड़ में आया बाइक चोर गिरोह

तीन आरोपी गिरफ्तार, दर्जनों बाइक चोरी की वारदात कबूली

बाड़मेर जिले में वाहन चोरी की बढ़ती वारदात को लेकर पुलिस कप्तान की ओर से गठित टीम ने मंगलवार को एक बाइक चोर गिरोह को पकडऩे के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 12 बाइक भी बरामद की है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने दर्जनों बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम देना कबूला है।

एसपी राहुल बारहट के निर्देशानुसार जिले भर में सक्रिय वाहन चोर गिरोह को पकडऩे के लिए पुलिस की अलग -अलग टीमें गठित की गई। सदर थानाधिकारी कैलाशचंद के नेतृत्व में गोपालसिंह मय दल ने मंगलवार को विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर देवीलाल पुत्र रुपाराम जाट निवासी मूढों की ढाणी ,लिखमाराम पुत्र तुलछाराम जाट निवासी माडपुरा सोनी तथा नारायणराम पुत्र रणछोड़ माली बालोतरा को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 12 बाइक भी बरामद की है। पूछताछ करने पर इन्होंने दर्जनों बाइक चोरी की वारदाते कबूल की । आरोपियों से गहन पूछताछ में चोरी की बड़ी वारदातों के राज खुलने की संभावना है।

पोकरण दुर्ग के प्रांगण में आयोजित विशाल सम्मेलन में उमड़े हजारों लोग


अवांछनीय गतिविधियों के खिलाफ मुखर हुआ विरोध


पोकरण दुर्ग के प्रांगण में आयोजित विशाल सम्मेलन में उमड़े हजारों लोग

पोकरण  राजपूत सेवा समिति पोकरण के आह्वान पर पोकरण दुर्ग के प्रांगण में मंगलवार को विशाल सम्मेलन का आयोजन किया गया। सुबह से ही दुर्ग के प्रांगण में सभी जातियों के लोगों का जमावड़ा होना शुरू हो गया। वहीं शहरी क्षेत्र के साथ साथ आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी हजारों की संख्या में लोग उपस्थित हुए।वर्ग विशेष के असामाजिक तत्वों के बढ़ रहे आतंक के खिलाफ मंगलवार को सभी जातियों के लोगों ने दुर्ग प्रांगण में विशाल सम्मेलन का आयोजन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में महाराज कल्याणपुरी उपस्थित थे। साथ ही पोकरण ठाकुर नागेन्द्रसिंह विशिष्ट अतिथि व राजपूत सेवा समिति के अध्यक्ष रघुवीरसिंह तंवर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सम्मेलन में खड़ाला, बसिया, सोढाण, जसोडाटी, जैसलमेर शहर, नहरी क्षेत्र तथा राजपूत बाहुल्य के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 5-6 हजार लोग उपस्थित थे। वर्ग विशेष के लोगों की ओर से की जा रही अवांछनीय गतिविधियों के खिलाफ कई युवा शक्ति के साथ साथ बुजुर्गों ने भी उपस्थित होकर राजपूत सेवा समिति की ओर से उठाए गए इस मुद्दे में अपना समर्थन दिया। इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी अशोक चौधरी तथा वृत्ताधिकारी विपिन शर्मा को मौके पर बुलाया तथा विभिन्न समाज के मौजीज लोगों ने इन वर्ग विशेष के लोगों के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।

संगठित होने से ही निकलेगा हल:हिंदू सम्मेलन के अवसर पर सीमाजन कल्याण समिति के अध्यक्ष गजेन्द्रसिंह ने लोगों से अपील की कि सभी समाज के लोग मनमुटाव को भूल इस विपरीत परिस्थिति का एकजुट होकर सामना करें। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की ओर से हमारे मनमुटाव का गलत फायदा उठाकर हमारी सभी कौमों को आपस में लड़ा रहे हैं। अंग्रेजी की रणनीति अपनाकर यह लोग भाई को भाई से लड़ा रहे। जिसका हमें एकजुट होकर विरोध करना होगा। इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता शैतानसिंह सांकड़ा ने कहा कि इन दिनों पोकरण में असामाजिक तत्वों द्वारा किए जा रहे उपद्रव तथा मचाए जा रहे विवाद को लेकर आम युवा में रोष व्याप्त है। करण गौ सेना प्रमुख पूनमसिंह नरावत ने उपस्थित लोगों का हाथ जोड़कर आभार प्रकट किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के लोगों द्वारा दिए गए समर्थन का अभिवादन करता हूं। उन्होंने कहा कि हाल ही में वर्ग विशेष के असामाजिक तत्वों का आतंक बढ़ रहा है। जिसे कम करना काफी जरूरी हो गया है।

वहीं पुलिस प्रशासन भी इस संबंध में कोई कदम नहीं उठा रहा है। ऐसे में हम 35 कौम को एक होकर इस विपरीत परिस्थिति का मुकाबला करना होगा।इस अवसर पर एडवोकेट जुगलकिशोर व्यास ने कहा कि इन दिनों माहौल विपरीत दिशा में मुड़ रहा है। विवाद के पीछे कई घटनाक्रम हो चुके हैं। जिससे 35 कौमों में गलत मैसेज गया है। जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संगठन बनाकर ही हम इन अवांछनीय गतिविधियों से बच सकते हैं। इस अवसर पर मदनसिंह आमला ने कहा कि जो कुछ हुआ है उसके पीछे घटना घटित होने के कारण का पता लगाकर ही हमें किसी निर्णय पर पहुंचना चाहिए। अन्याय का मुकाबला नहीं किया गया तो यह अन्याय बढ़ता रहेगा। इस अवसर पर सवाईसिंह देवड़ा, विधायक छोटूसिंह भाटी, दलपतसिंह राजमथाई, लक्ष्मणसिंह रामसर ,पूरणसिंह बडोडा गांव, मदनसिंह राजमथाई, पूर्व विधायक सांगसिंह भाटी, पूर्व वृत्ताधिकारी भीखसिंह, नखतदान रतनू, कंवराज चौहान आदि ने सभा को संबोधित किया।

मनमुटाव भुलाने की अपील : पूर्व शिव विधायक जालमसिंह रावलोत ने समारोह में कहा कि हाल ही में हुए चुनावों में हमारे ही कुछ लोग आपसी मनमुटाव को लेकर शैतानसिंह राठौड़ जैसे नेता को मात्र कुछ वोटों से ही हराया। जिसके कारण ही आज हमारे धार्मिक स्थानों, शिक्षा के मंदिरों पर हमला होने लगा है। हमारी छोटी सी गलती की हमें इतनी बड़ी सजा मिल रही है कि वर्ग विशेष के कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा हमारी संस्कृति को दागदार किया जा रहा है। पूर्व विधायक की अपील का उपस्थित 35 कौम के लोगों ने तालियों से स्वागत किया।