बाड़मेर में धोरीमन्ना बनी नई तहसील
अजमेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राज्य में नई तहसीलों के गठन को लेकर की गई घोषणा आखिर पूरी हो गई है। राजस्व मंडल ने 43 नई तहसील व 38 उप तहसील बनाने की कवायद पूरी कर रिपोर्ट राजस्व महकमे को सौंप दी थी। महकमे ने इनकी अधिसूचना जारी कर दी है। अब राज्य में तहसीलों की संख्या 287 हो गई है वहीं उप तहसीलों की संख्या बढ़कर 135 पहुंच गई है।
बजट घोषणा के तहत 43 नई तहसील व 40 उप तहसील बनाने के लिए राजस्व मंडल के स्तर पर पिछले लंबे अर्से से कवायद की जा रही थी। मंडल प्रशासन ने जिलों से प्रस्ताव प्राप्त कर तहसील व उप तहसील गठन की कार्रवाई की थी। पहली बार मंडल को जिलों से जो प्रस्ताव प्राप्त हुए वे अधूरे थे और इसके चलते राज्य स्तर पर इनको मंजूरी नहीं मिली।
नए सिरे से कवायद करते हुए राजस्व मंडल ने सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर विस्तृत जानकारी भेजने को कहा था। नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर राजस्व महकमे को भिजवाई गई थी। महकमे ने 31 मई को राजस्थान भू राजस्व अधिनियम की धारा 15 व 16 के तहत नवगठित तहसीलों व उप तहसीलों की अधिसूचना जारी कर दी है।
800 पटवार मंडल भी बनाए
नई तहसील और उप तहसीलों के साथ ही राज्य में 800 नए पटवार मंडल भी बनाए गए हैं। पहले पटवार मंडल की संख्या 10040 थी जो अब बढ़कर 10840 हो गई है। नए पटवार मंडल के अनुरूप पटवारियों के स्वीकृत पद भी बढ़ेंगे और रिक्त पद पर जल्द ही नई भर्ती प्रकिया शुरू की जा सकती है।
सीमांतकरण पहली प्राथमिकता
नई तहसील व उप तहसील गठन में राजस्व मंडल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। मंडल की पहली प्राथमिकता यह रही है कि तहसील व पंचायत समितियां सह सीमांत हों। यानी की एक पंचायत समिति क्षेत्र में एक तहसील होनी चाहिए। अगर किसी पंचायत समिति का आंशिक या बड़ा हिस्सा दूसरी तहसील में शामिल होता है तो यह सह सीमांत नहीं मानी जाएगी। एक ग्राम पंचायत पर एक पटवार मंडल और एक पंचायत समिति पर एक तहसील को आदर्श स्थिति माना गया है।
अजमेर जिले में पुष्कर, रूपनगढ़ तथा टाडगढ़ को नई तहसील बनाया गया है। इसी तरह अलवर में रेणी व नीमराना, बांसवाड़ा में आनन्दपुरी, छोटी सरवन, सज्जनगढ़, बाड़मेर में सेड़वा, व सिणधरी, भरतपुर में भुसावर, भीलवाड़ा में हमीरगढ़, करेड़ा, फूलियाकलां, बदनौर, बूंदी में कालेड़ा, चित्तौड़ में भूपालसागर, चूरू में सुजानगढ़, दौसा में नागेल राजावतान, धौलपुर में सरमथुरा, डूंगरपुर में बिच्छीवाड़ा, जालियाकोट, चिखली, सावला, जैसलमेर में भणियोना, जालौर में चितलवाना व जसवंतपुरा, झालावाड़ में असनावर, झुंझुनूं में सूरतगढ़, मलसीसर, जोधपुर में बाप, बालेसर, बावड़ी तथा पीपाड़शहर, कोटा में कनवास, नागौर में कुचामनसिटी, रियांबड़ी, सवाईमाधोपुर में वजीरपुर, सीकर में रामगढ़ शेखावटी, खंडेला तथा धोद, उदयपुर जिले में बड़गांव को नई तहसील के रूप में सृजित किया है।
राजस्व ग्रुप-1 की ओर से 38 तहसीलों की अधिसूचना जारी की गई है। इनमें अरांई, श्रीनगर तथा सावर उपतहसील का सृजन अजमेर में किया गया है। इसी तरह भरतपुर में जुरहरा, लखनपुर, रारह तथा जनूथर, भीलवाड़ा में बागौर, काछोला, चित्तौड़ में बस्सी, दौसा में रामगढ़ पछवारा, सिकंदरा, मंडावर तथा बांदीकुई, श्रीगंगानगर में जैतसर, लालगढ़ जाटान, मिरजेवाला, रावला तथा रजियासर स्टेशन, झुंझुनूं में गुढ़ा गौढजी, करौली में सूरोठ, बारां में नाहरगढ़, बाड़मेर में धोरीमन्ना, हनुमानगढ़ में रामगढ़, सवाईमाधोपुर में तलावड़ा, टोंक में डिग्गी, नागौर में छोटी खाटू, सीकर में अजीतगढ़, पाटन तथा नेछवा, उदयपुर में फलासिया, नया गांव, सायरा, सेमरी, जयपुर में आंधी तथा बगरू, बाड़मेर के समदड़ी में उप तहसील का गठन किया गया है।
अजमेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राज्य में नई तहसीलों के गठन को लेकर की गई घोषणा आखिर पूरी हो गई है। राजस्व मंडल ने 43 नई तहसील व 38 उप तहसील बनाने की कवायद पूरी कर रिपोर्ट राजस्व महकमे को सौंप दी थी। महकमे ने इनकी अधिसूचना जारी कर दी है। अब राज्य में तहसीलों की संख्या 287 हो गई है वहीं उप तहसीलों की संख्या बढ़कर 135 पहुंच गई है।
बजट घोषणा के तहत 43 नई तहसील व 40 उप तहसील बनाने के लिए राजस्व मंडल के स्तर पर पिछले लंबे अर्से से कवायद की जा रही थी। मंडल प्रशासन ने जिलों से प्रस्ताव प्राप्त कर तहसील व उप तहसील गठन की कार्रवाई की थी। पहली बार मंडल को जिलों से जो प्रस्ताव प्राप्त हुए वे अधूरे थे और इसके चलते राज्य स्तर पर इनको मंजूरी नहीं मिली।
नए सिरे से कवायद करते हुए राजस्व मंडल ने सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर विस्तृत जानकारी भेजने को कहा था। नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर राजस्व महकमे को भिजवाई गई थी। महकमे ने 31 मई को राजस्थान भू राजस्व अधिनियम की धारा 15 व 16 के तहत नवगठित तहसीलों व उप तहसीलों की अधिसूचना जारी कर दी है।
800 पटवार मंडल भी बनाए
नई तहसील और उप तहसीलों के साथ ही राज्य में 800 नए पटवार मंडल भी बनाए गए हैं। पहले पटवार मंडल की संख्या 10040 थी जो अब बढ़कर 10840 हो गई है। नए पटवार मंडल के अनुरूप पटवारियों के स्वीकृत पद भी बढ़ेंगे और रिक्त पद पर जल्द ही नई भर्ती प्रकिया शुरू की जा सकती है।
सीमांतकरण पहली प्राथमिकता
नई तहसील व उप तहसील गठन में राजस्व मंडल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। मंडल की पहली प्राथमिकता यह रही है कि तहसील व पंचायत समितियां सह सीमांत हों। यानी की एक पंचायत समिति क्षेत्र में एक तहसील होनी चाहिए। अगर किसी पंचायत समिति का आंशिक या बड़ा हिस्सा दूसरी तहसील में शामिल होता है तो यह सह सीमांत नहीं मानी जाएगी। एक ग्राम पंचायत पर एक पटवार मंडल और एक पंचायत समिति पर एक तहसील को आदर्श स्थिति माना गया है।
अजमेर जिले में पुष्कर, रूपनगढ़ तथा टाडगढ़ को नई तहसील बनाया गया है। इसी तरह अलवर में रेणी व नीमराना, बांसवाड़ा में आनन्दपुरी, छोटी सरवन, सज्जनगढ़, बाड़मेर में सेड़वा, व सिणधरी, भरतपुर में भुसावर, भीलवाड़ा में हमीरगढ़, करेड़ा, फूलियाकलां, बदनौर, बूंदी में कालेड़ा, चित्तौड़ में भूपालसागर, चूरू में सुजानगढ़, दौसा में नागेल राजावतान, धौलपुर में सरमथुरा, डूंगरपुर में बिच्छीवाड़ा, जालियाकोट, चिखली, सावला, जैसलमेर में भणियोना, जालौर में चितलवाना व जसवंतपुरा, झालावाड़ में असनावर, झुंझुनूं में सूरतगढ़, मलसीसर, जोधपुर में बाप, बालेसर, बावड़ी तथा पीपाड़शहर, कोटा में कनवास, नागौर में कुचामनसिटी, रियांबड़ी, सवाईमाधोपुर में वजीरपुर, सीकर में रामगढ़ शेखावटी, खंडेला तथा धोद, उदयपुर जिले में बड़गांव को नई तहसील के रूप में सृजित किया है।
राजस्व ग्रुप-1 की ओर से 38 तहसीलों की अधिसूचना जारी की गई है। इनमें अरांई, श्रीनगर तथा सावर उपतहसील का सृजन अजमेर में किया गया है। इसी तरह भरतपुर में जुरहरा, लखनपुर, रारह तथा जनूथर, भीलवाड़ा में बागौर, काछोला, चित्तौड़ में बस्सी, दौसा में रामगढ़ पछवारा, सिकंदरा, मंडावर तथा बांदीकुई, श्रीगंगानगर में जैतसर, लालगढ़ जाटान, मिरजेवाला, रावला तथा रजियासर स्टेशन, झुंझुनूं में गुढ़ा गौढजी, करौली में सूरोठ, बारां में नाहरगढ़, बाड़मेर में धोरीमन्ना, हनुमानगढ़ में रामगढ़, सवाईमाधोपुर में तलावड़ा, टोंक में डिग्गी, नागौर में छोटी खाटू, सीकर में अजीतगढ़, पाटन तथा नेछवा, उदयपुर में फलासिया, नया गांव, सायरा, सेमरी, जयपुर में आंधी तथा बगरू, बाड़मेर के समदड़ी में उप तहसील का गठन किया गया है।
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