दावों में दम, काम कम
राज्य सरकार मंगलवार को पूरा करेगी तीन साल का कार्यकाल
बाड़मेर राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार मंगलवार को तीन साल का कार्यकाल पूर्ण कर चौथे साल में प्रवेश करेगी।
तीन साल पूर्व क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस के प्रति विश्वास जताते हुए छह विधायक चुनकर भेजे। जिसमें से दो विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल भी किया गया।
इससे विकास को लेकर जनता की उम्मीदें बढ़ गईं। बीते तीन साल में जनप्रतिनिधि जनता की उम्मीदों पर कितने खरे उतरे? पेयजल, विकास समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर कितने गंभीर हंै, कोई बड़ी उपलब्धि हासिल की,
इन समस्याओं का नहीं हुआ समाधान
आगजनी व अकाल:
आग लगने की घटनाओं से सालाना करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। इसके समाधान को ठोस नीति नहीं बन पाई है। अग्नि पीडि़त परिवारों को इंदिरा आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
राष्ट्रीय मरू उद्यान:
राष्ट्रीय मरू उद्यान क्षेत्र में आने वाले सरहदी गांवों का विकास रुक गया है। इसको लेकर हाल ही में राष्ट्रीय टीम ने भी क्षेत्र का निरीक्षण किया लेकिन इन बारे में केंद्र सरकार की अभी तक नीति तय नहीं हो पाई। वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों की ओर से पुरजोर पैरवी के अभाव में मामला अधरझूल में है।
पेयजल योजनाएं:
बाड़मेर लिफ्ट कैनाल, उम्मेदसागर-धवा-समदड़ी, पोकरण फलसूंड आदि बड़ी पेयजल योजनाओं को समय पर बजट नहीं मिल पाने से कार्य गति नहीं पकड़ पाया और अभी भी बाड़मेर शहर और बालोतरा शहर में मीठा पानी नहीं पहुंचा। वहीं करीब दो दर्जन क्षेत्रीय जलप्रदाय योजनाएं पिछले दो वर्षों से जयपुर में अटकी हैं।
रेल लाइन का विस्तार नहीं:
पिछले लंबे समय से बाड़मेर से जैसलमेर और बाड़मेर से गुजरात की ओर से रेल शुरू करवाने को लेकर मांग की जा रही है। लेकिन तीन साल की कांग्रेस सरकार में एक भी विधायक ने इस ओर मांग नहीं उठाई। पैरवी नहीं होने के कारण लोगों का यह सपना, सपना ही बनकर रह गया है।
बेरोजगारी की समस्या बरकरार:
चुनावी दौर में रोजगार देने के वादे किए गए लेकिन धरातल पर इसकी कोई ठोस परिणति नहीं हुई। बाड़मेर में पेट्रोलियम और लिग्नाइट दोहन को लेकर आई कंपनियों ने भी लोगों को रोजगार देने का वादा किया, लेकिन जनप्रतिनिधियों की ओर से पैरवी नहीं किए जाने के कारण यह सब वादा ही रहा।
पंचायतों की माली हालत में नहीं हुआ सुधार
ग्राम पंचायतों के सुदृढ़ीकरण और उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने को लेकर भी सरकार ने कोई ठोस नीति नहीं बनाई। इससे बजट के अभाव में काम अटक रहे हैं। इसके अलावा गांवों को रॉयल्टी का मिलने वाला एक प्रतिशत भाग भी बरसों से नहीं मिला।
सिवाना विधानसभा क्षेत्र
कानसिंह कोटड़ी, विधायक (भाजपा)
विरोधी दल से होने के बावजूद क्षेत्र की समस्याएं विधानसभा में प्रमुखता से रखी। विधायक कोष का बजट आधारभूत सुविधाओं पर खर्च।
उम्मेदसागर-धवा-समदड़ी जलप्रदाय योजना के लिए बजट स्वीकृत करवाया। विधायक अनुशंषा पर सड़कों के लिए बजट स्वीकृत कराया। साथ ही विधायक कोटे की राशि आधारभूत सुविधाओं के लिए जारी की। स्कूल क्रमोन्नत करवाने के साथ विधायक कोष से जनहित के कार्य करवाए गए।
खारे पानी की समस्या बरकरार। सड़कें खस्ताहाल। स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त। गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव। डार्क जोन में भूजल स्तर में गिरावट से पेयजल संकट गहराया।
बायतु विधानसभा क्षेत्र
कर्नल सोनाराम, विधायक
मजबूत पक्ष
क्षेत्र की समस्याओं को लेकर गंभीर। स्पष्टवादी नेता, क्षेत्र की समस्याओं की मजबूत पैरवी, ग्रामीण अंचलों में मजबूत पकड़।
विधायक का दावा
क्षेत्र में स्कूलों को माध्यमिक में क्रमोन्नत करवाया। सड़क की मरम्मत के लिए विशेष बजट आवंटन। विधायक कोष से जनहित के कार्य मंजूर। जलप्रदाय योजनाओं के लिए बजट व आधारभूत सुविधाओं का विस्तार किया।
मौजूदा हालात
क्षेत्र में पोकरण-फलसूंड परियोजना का पानी नहीं पहुंचा। स्कूलों व स्वास्थ्य केंद्रों में पद रिक्तता की समस्या। राजीव गांधी विद्युतीकरण का कार्य अधूरा। गांवों में आधारभूत सुविधाओं की समस्या बरकरार।
गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र
हेमाराम चौधरी, विधायक
मजबूत पक्ष
सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक स्थलों के बारे में नीति बनाई। सड़कों के निर्माण को कटान रास्तों की प्रक्रिया का सरलीकरण। अधिकारियों पर मजबूत पकड़।
विधायक का दावा
किसानों को खेत में जाने का रास्ता देने के लिए काश्तकारी एक्ट मे संशोधन और उपनिवेशन में आबंटियों की बकाया किश्तों को माफ किया। काश्तकार अधिनियम में संशोधन करवाया। क्षेत्र में शिक्षा का विस्तार करने में विशेष योगदान।
मौजूदा हालात
राजस्व अधिनियम 91 के तहत सरकारी भूमि पर वर्षों से काश्त कर रहे किसानों को नियमन का लाभ नहीं मिला। किसानों का फसल बीमा व मुआवजा राशि तय नहीं हो पाई है।
पचपदरा विधानसभा क्षेत्र
मदन प्रजापत, विधायक
मजबूत पक्ष
सत्ता पक्ष के होने से जलप्रदाय योजनाओं की मजबूत पैरवी और ओवरब्रिज निर्माण के लिए सतत प्रयास किए।
विधायक का दावा
तीन साल में उम्मेदसागर-धवा-समदड़ी योजना के लिए बजट मंजूर करवाया। काम अंतिम स्टेज पर। बालोतरा शहर में रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज निर्माण की मंजूरी दिलाई। आधारभूत सुविधाओं को लेकर प्रयास कर रहे हैं।
मौजूदा हालात
फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित पानी की समस्या बरकरार। खारे पानी की समस्या से निजात नहीं। डोली में प्रदूषित पानी से गांववालों को निजात दिलाने की कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई।