सोमवार, 12 दिसंबर 2011

राज्य सरकार मंगलवार को पूरा करेगी तीन साल का कार्यकाल ..दावों में दम, काम कम





दावों में दम, काम कम



राज्य सरकार मंगलवार को पूरा करेगी तीन साल का कार्यकाल

बाड़मेर  राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार मंगलवार को तीन साल का कार्यकाल पूर्ण कर चौथे साल में प्रवेश करेगी।

तीन साल पूर्व क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस के प्रति विश्वास जताते हुए छह विधायक चुनकर भेजे। जिसमें से दो विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल भी किया गया।

इससे विकास को लेकर जनता की उम्मीदें बढ़ गईं। बीते तीन साल में जनप्रतिनिधि जनता की उम्मीदों पर कितने खरे उतरे? पेयजल, विकास समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर कितने गंभीर हंै, कोई बड़ी उपलब्धि हासिल की, 



इन समस्याओं का नहीं हुआ समाधान

आगजनी व अकाल:

आग लगने की घटनाओं से सालाना करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। इसके समाधान को ठोस नीति नहीं बन पाई है। अग्नि पीडि़त परिवारों को इंदिरा आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

राष्ट्रीय मरू उद्यान:

राष्ट्रीय मरू उद्यान क्षेत्र में आने वाले सरहदी गांवों का विकास रुक गया है। इसको लेकर हाल ही में राष्ट्रीय टीम ने भी क्षेत्र का निरीक्षण किया लेकिन इन बारे में केंद्र सरकार की अभी तक नीति तय नहीं हो पाई। वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों की ओर से पुरजोर पैरवी के अभाव में मामला अधरझूल में है।

पेयजल योजनाएं:

बाड़मेर लिफ्ट कैनाल, उम्मेदसागर-धवा-समदड़ी, पोकरण फलसूंड आदि बड़ी पेयजल योजनाओं को समय पर बजट नहीं मिल पाने से कार्य गति नहीं पकड़ पाया और अभी भी बाड़मेर शहर और बालोतरा शहर में मीठा पानी नहीं पहुंचा। वहीं करीब दो दर्जन क्षेत्रीय जलप्रदाय योजनाएं पिछले दो वर्षों से जयपुर में अटकी हैं।

रेल लाइन का विस्तार नहीं:

पिछले लंबे समय से बाड़मेर से जैसलमेर और बाड़मेर से गुजरात की ओर से रेल शुरू करवाने को लेकर मांग की जा रही है। लेकिन तीन साल की कांग्रेस सरकार में एक भी विधायक ने इस ओर मांग नहीं उठाई। पैरवी नहीं होने के कारण लोगों का यह सपना, सपना ही बनकर रह गया है।

बेरोजगारी की समस्या बरकरार:

चुनावी दौर में रोजगार देने के वादे किए गए लेकिन धरातल पर इसकी कोई ठोस परिणति नहीं हुई। बाड़मेर में पेट्रोलियम और लिग्नाइट दोहन को लेकर आई कंपनियों ने भी लोगों को रोजगार देने का वादा किया, लेकिन जनप्रतिनिधियों की ओर से पैरवी नहीं किए जाने के कारण यह सब वादा ही रहा।

पंचायतों की माली हालत में नहीं हुआ सुधार

ग्राम पंचायतों के सुदृढ़ीकरण और उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने को लेकर भी सरकार ने कोई ठोस नीति नहीं बनाई। इससे बजट के अभाव में काम अटक रहे हैं। इसके अलावा गांवों को रॉयल्टी का मिलने वाला एक प्रतिशत भाग भी बरसों से नहीं मिला।


सिवाना विधानसभा क्षेत्र

कानसिंह कोटड़ी, विधायक (भाजपा)

विरोधी दल से होने के बावजूद क्षेत्र की समस्याएं विधानसभा में प्रमुखता से रखी। विधायक कोष का बजट आधारभूत सुविधाओं पर खर्च।

उम्मेदसागर-धवा-समदड़ी जलप्रदाय योजना के लिए बजट स्वीकृत करवाया। विधायक अनुशंषा पर सड़कों के लिए बजट स्वीकृत कराया। साथ ही विधायक कोटे की राशि आधारभूत सुविधाओं के लिए जारी की। स्कूल क्रमोन्नत करवाने के साथ विधायक कोष से जनहित के कार्य करवाए गए।

खारे पानी की समस्या बरकरार। सड़कें खस्ताहाल। स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त। गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव। डार्क जोन में भूजल स्तर में गिरावट से पेयजल संकट गहराया।


बायतु विधानसभा क्षेत्र

कर्नल सोनाराम, विधायक



मजबूत पक्ष
क्षेत्र की समस्याओं को लेकर गंभीर। स्पष्टवादी नेता, क्षेत्र की समस्याओं की मजबूत पैरवी, ग्रामीण अंचलों में मजबूत पकड़।

विधायक का दावा

क्षेत्र में स्कूलों को माध्यमिक में क्रमोन्नत करवाया। सड़क की मरम्मत के लिए विशेष बजट आवंटन। विधायक कोष से जनहित के कार्य मंजूर। जलप्रदाय योजनाओं के लिए बजट व आधारभूत सुविधाओं का विस्तार किया।

मौजूदा हालात

क्षेत्र में पोकरण-फलसूंड परियोजना का पानी नहीं पहुंचा। स्कूलों व स्वास्थ्य केंद्रों में पद रिक्तता की समस्या। राजीव गांधी विद्युतीकरण का कार्य अधूरा। गांवों में आधारभूत सुविधाओं की समस्या बरकरार।


गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र


हेमाराम चौधरी, विधायक

मजबूत पक्ष
सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक स्थलों के बारे में नीति बनाई। सड़कों के निर्माण को कटान रास्तों की प्रक्रिया का सरलीकरण। अधिकारियों पर मजबूत पकड़।

विधायक का दावा

किसानों को खेत में जाने का रास्ता देने के लिए काश्तकारी एक्ट मे संशोधन और उपनिवेशन में आबंटियों की बकाया किश्तों को माफ किया। काश्तकार अधिनियम में संशोधन करवाया। क्षेत्र में शिक्षा का विस्तार करने में विशेष योगदान।

मौजूदा हालात

राजस्व अधिनियम 91 के तहत सरकारी भूमि पर वर्षों से काश्त कर रहे किसानों को नियमन का लाभ नहीं मिला। किसानों का फसल बीमा व मुआवजा राशि तय नहीं हो पाई है।

पचपदरा विधानसभा क्षेत्र

मदन प्रजापत, विधायक

मजबूत पक्ष
सत्ता पक्ष के होने से जलप्रदाय योजनाओं की मजबूत पैरवी और ओवरब्रिज निर्माण के लिए सतत प्रयास किए।

विधायक का दावा

तीन साल में उम्मेदसागर-धवा-समदड़ी योजना के लिए बजट मंजूर करवाया। काम अंतिम स्टेज पर। बालोतरा शहर में रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज निर्माण की मंजूरी दिलाई। आधारभूत सुविधाओं को लेकर प्रयास कर रहे हैं।

मौजूदा हालात

फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित पानी की समस्या बरकरार। खारे पानी की समस्या से निजात नहीं। डोली में प्रदूषित पानी से गांववालों को निजात दिलाने की कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई।



सत्य ही शिव है

सत्य ही शिव है
संसार में सुंदर शायद हम किसी को भी नहीं कह सकते। इस जीवन को तो बिल्कुल भी सुंदर नहीं कहा जा सकता। संसार में सबसे सुंदर यदि कुछ है तो वह मृत्यु है। मृत्यु जीव को नई प्रेरणा और प्रकृति को गति देती है। प्रकृति का चक्र चलता रहे और जीव मरने के बाद जन्म लेते रहें, यही ईश्वर की लीला है। शाश्वत जगत से परे परमात्मा में लीन हो जाना बहुत सुंदर है। वही परमसत्ता जीव को जीवन जीने की प्रेरणा देती है और वही परमसत्ता जीव को मृत्यु के अंक में समा देती है। मृत्यु न हो तो प्रकृति का कल्याण मुश्किल है। संसार में पैर रखने की भी जगह नहीं बचेगी। इसलिए भगवान शंकर को मृत्यु अर्थात प्रलय का देवता कहा गया है।

मनुष्य का स्वभाव है कि वह मृत्यु से दूर भागता है, इसलिए वह महाशिवरात्रि पर उतना सहज और चौकन्ना नहीं होता जितना कि खुशी के क्षणों में रहता है। इसलिए भगवान शंकर कहते हैं कि जीव को जीवन के साथ-साथ अपनी मृत्यु का स्मरण करते रहना चाहिए। इसी में उसका भला है। वास्तविक भक्ति किसी देव में नहीं, बल्कि कल्याण में है।

रविवार, 11 दिसंबर 2011

अभिनय सम्राट दिलीप कुमार 89 बरस के हुए!

मुंबई। अभिनय सम्राट और भारतीय सिनेमा के ‘अल्टीमेट मेथड’ अभिनेता कहे जानेवाले दिलीप कुमार आज 89 बरस के हो गए। दिलीप कुमार के अभिनय का लोहा भारत ही नहीं, सारी दुनिया ने माना और वे जीते-जी एक ‘मिथक’ बन गए।
दिलीप कुमार को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता साबित करने के लिए किसी पुरस्कार की जरूरत नहीं है, लेकिन फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार सबसे पहले और सबसे ज्यादा बार जीतकर उन्होंने साबित किया कि हां, वे अभिनय सम्राट हैं, अभिनय के बेताज बादशाह हैं!

बरसों बाद शाहरुख खान ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए सबसे ज्यादा पुरस्कार जीतने के उनके इस कारनामे की बराबरी की।

दिलीप कुमार ने भारतीय सिनेमा में अपने अभिनय और अंदाज के जो नए-नवेले और अनोखे रंग भरे, वे रंग आज भी दूसरे कई अभिनेताओं के अभिनय में झलकते रहते हैं। उनके बाद सुपरस्टार का तमगा हासिल करनेवाले और मिलिनियम सुपरस्टार अमिताभ बच्चन उन्हें अभिनय का स्कूल मानते हैं और स्वीकार करते हैं कि उन्होंने दिलीप कुमार को देखकर अभिनय सीखा है।

प्रख्यात फिल्मकार और विशेष ऑस्कर पुरस्कार प्राप्तकर्ता सत्यजीत रे ने उन्हें ‘अल्टीमेट मेथड’ अभिनेता करार दिया था।

अविभाजित भारत के पेशावर में 11 दिसम्बर 1922 को पैदा हुए मुहम्मद यूसुफ खान यानी दिलीप कुमार पेशावरी पठान हैं और फलों के व्यापारी गुलाम सरवर खान की 12 औलादों में से एक हैं। उनका व्यापार पेशावर से नासिक और पुणे तक फैला था। यूसुफ खान भी अपने पुश्तैनी व्यापार में लग गए और पुणे के सेना कैंटनमेंट में उन्होंने अपनी एक कैंटीन भी खोल ली।

उन्हीं दिनों बॉम्बे टाकिज की मालकिन और अभिनेत्री देविका रानी ने जब उन्हें पुणे की कैंटीन में देखा तो उन्हें अभिनेता बनने का प्रस्ताव दिया और वे फिल्मों से जुड़ गए, लेकिन यह बात उन्होंने अपने पिता से नहीं बतायी। उनके पिता को तो फिल्मों के पोस्टर देखकर पता चला कि यह दिलीप कुमार तो उनका बेटा यूसुफ खान है।

दिलीप कुमार सबसे पहले सन 1944 में ‘ज्वार भाटा’ फिल्म में नजर आए। हिंदी साहित्यकार भगवती चरण वर्मा ने उन्हें पर्दे के लिए विशेष नाम दिया – दिलीप कुमार!

उसके बाद सन 1947 में उनकी फिल्म ‘जुगनू’ आई, तो वे स्टार के रूप में स्थापित हो गए। उसके बाद ‘मेला’ (1948), ‘अंदाज’ (1949), ‘दीदार’ (1951), ‘दाग’ (1954), ‘देवदास’ (1955) और ‘मधुमती’ (1958) जैसी सुपरहिट फिल्मों ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया और उनके अभिनय के अनोखे रंग ने उन्हें ‘ट्रेजडी किंग’ का खिताब भी दिलवा दिया।

दिलीप कुमार उन दिनों उदास, निराश और हारे हुए प्रेमी के चरित्रों में कुछ इस तरह से खो जाया करते थे कि निजी जिंदगी में भी वे उदास रहने लगे। वे अभिनय में इस कदर डूब जाया करते थे कि निजी जिंदगी उनके लिए कोई मायने नहीं रखने लगी थी। ‘देवदास’ के चरित्र को उन्होंने कुछ इस कदर अभिनीत किया कि वे भारतीय सिनेमा के ‘देवदास’ और ‘ट्रेजडी किंग’ बन गए। उसके बाद ‘मधुमती’ में भी उनका किरदार ऐसा ही कुछ था।

डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी कि वे ट्रेजडी से भरी फिल्में करना बंद कर दें। इसलिए दिलीप कुमार ने ‘कोहिनूर’ (1960) जैसी फिल्म की और हैरत यह कि अपने गमगीन कर देनेवाले अभिनय से सबको भावुक कर देनेवाले दिलीप कुमार ने उन्हें मस्त और शोखी भरी अदाओं से खूब हंसाया।

भारतीय सिनेमा के इतिहास में कई रिकॉर्ड कायम करनेवाली फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ (1960) में दिलीप कुमार ने शहजादा सलीम का किरदार निभाकर एक नया इतिहास रच दिया। इस फिल्म में उनके अभिनय में एक बेटे का प्यार, सैनिक का आत्मविश्वास और गुस्सा और एक प्रेमी की कोमलता, बेचैनी साफ और बखूबी दिखाई देती है।

विभिन्न भूमिकाओं में रंग भरने के साथ-साथ उन्होंने ‘गंगा जमुना’ फिल्म का निर्माण भी किया।

सन 1962 में ब्रिटिश निर्देशक डेविड लीन ने दिलीप कुमार को ‘लॉरेंस ऑफ अराबिया’ में शरीफ अली की भूमिका का प्रस्ताव दिया, लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया।

दिलीप कुमार ने 1976 से लेकर 1981 तक किसी भी फिल्म में काम नहीं किया। सन 1981 में दिलीप कुमार के प्रशंसक और मुरीद मनोज कुमार ने उन्हें अपनी फिल्म ‘क्रांति’ में लिया। बाद में उन्होंने ‘शक्ति’, ‘विधाता’, ‘मशाल’, ‘कर्मा’ और ‘सौदागर’ जैसी फिल्मों में काम किया और उम्र के दूसरे पड़ाव में भी साबित किया कि उनके जैसा अभिनेता दूसरा नहीं!

सन 1991 में उन्हें भारत सरकार ने ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया और सन 1994 में फिल्मों के लिए दिया जानेवाला सबसे बड़ा राष्ट्रीय पुरस्कार ‘दादा साहेब फाल्के’ भी दिया गया।

महाराष्ट्र का छोरा बना बिहार का 'सिंघम'

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मुंबई।। महाराष्ट्र और बिहार का रिश्ता समझ से परे है। बिहारी जनता महाराष्ट्र के बारे में अब तक चाहे जो सोचती रही हो, लेकिन अब महाराष्ट्र के लिए उसके मन में सम्मान और प्रेम भाव ही कायम होंगे। कारण है वह पुलिस ऑफिसर जिसने पटना में लोकप्रियता का इतिहास रचा है। वह भी सिर्फ 10 महीने में। पटना के गुंडों, गुनहगारों और मिलावट खोरों को भारी झटका देने वाले इस जांबाज ऑफिसर ने किशोर वर्ग पर मानो जादू कर दिया है। उसकी बहादुरी, उसकी इमानदारी के हजारों युवक- युवतियां कायल हो गए है।

विदर्भ के अकोला जिले में पैदा हुए इस 34 साल के ऑफिसर का नाम है-शिवदीप वामन लांडे। बिहार के अन्य क्षेत्रों में उनकी दबंगई के किस्से सुनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें राजधानी पटना का एसपी बनाया। उन्हें परिवहन एवं अपराध शाखा का अतिरिक्त भार भी सौंपा गया। यह नए एसपी गुंडों, गुनहगारों, अवैध धंधेबाजों, मजनुओं और मिलावट खोरों के लिए 'काल' बन गए। जिन्हें समाज अच्छा कहता है, ऐसे लोगों के लिए शिवदीप का मोबाइल 24 घंटे उपलब्ध रहता है। पटना में ऐसे बहुत कम कॉलेज छात्र हैं, जिनके पास एसपी शिवदीप का मोबाइल नंबर नहीं है।

एक बार शहर के बीचोबीच 3 शराबियों ने एक युवती के साथ छेड़खानी और जबर्दस्ती करना शुरू किया। मुसीबत में फंसी लड़की ने मोबाइल पर शिवदीप से संपर्क किया। हिंदी फिल्म की तरह मिनटों में वह दनादन घटना स्थल पहुंच गए। लड़की को बचा लिया गया, पर बदमाश भाग निकले। शिवदीप की टीम ने हफ्ते भर में उन्हें भी ढूंढ निकाला। तब से ही वह पॉप्युलर हो गए। इतने कि सभी दलों के नेताओं को भी उनकी तारीफ करनी पड़ी। पटना के अखबारों में शिवदीप छाए रहते हैं। लड़की-लड़कों के वे लाड़ले बन गए। कोई उन्हें दबंग कहता है, कोई सिंघम, तो कोई रॉकस्टार। अभिभावकों में भी शिवदीप लोकप्रिय है। जवानी को बिगाड़ने वाले सायबर कैफे, पार्लरों, अवैध धंधों पर वह कहर बन कर बरपे हैं, पैरेंट्स को यह बात बहुत पसंद आई है।

किसी को नहीं मालूम क्या हुआ, नवंबर के आखिरी हफ्ते में बिहार के पुलिस महानिदेशक ने शिवदीप का तबादला पुलिस हेड क्वॉर्टर में कर दिया। यह खबर सुनकर पटना में तहलका मच गया। यंग लोग तबादले का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए। डेढ़ दशक पहले ऐसा नजारा ठाणे में देखा गया था, जब वहां के मनपा आयुक्त टी. चंद्रशेखर का तबादला किया गया था। अब वे राजनीति में हारे हुए खिलाड़ी का गम ओढे़ हुए आंध्र प्रदेश की खाक छान रहे हैं।

बात शिवदीप की करें। उनका तबादला रोकने के लिए यंग लोगों ने 15 दिसंबर को बंद का आह्वान किया है। देखें नितीश कुमार क्या करते हैं। पर वह बता चुके हैं कि तबादला शिवदीप के करियर के लिए अच्छा है। शिवदीप नई पोस्टिंग पर उपस्थित हो चुके हैं। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा है, पर पटनावासियों को पड़ा है। वे इस जांबाज ऑफिसर को पटना की सेवा में ही देखना चाहते हैं।

देखा जाए तो महाराष्ट्र को भी शिवदीप जैसे ऑफिसरों की बहुत जरूरत है। किसान परिवार में जनमे शिवदीप ने बड़ी प्रतिकूल स्थिति में शिक्षा पूरी की है। 2006 में आईपीएस में चयन के बाद उन्हें बिहार कैडर मिला। वहां के नक्सलग्रस्त क्षेत्र में उनका ट्रेनिंग हुआ। उस क्षेत्र में उनके कार्य की रिपोर्ट मिलने के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें पटना बुलाया था।

साहस और इमानदारी ही शिवदीप का यूएसपी नहीं, यकीन नहीं होता कि यह ऑफिसर अपने वेतन का 60 प्रतिशत अकोला के युवक संगठनों को दे देता है। यह संगठन उसी ने बनाया है। वह वंचित बच्चों के लिए ट्यूशन का इंतजाम और गरीब लड़कियों के सामुदायिक विवाह कराता है। खुद शिवदीप लेकिन कुंआरे हैं। रोज उन्हें 300 एसएमएस मिलते हैं, जिसमें ज्यादातर ऐसी लड़कियों के होते हैं, जो उनसे शादी करना चाहती हैं।

अन्‍ना ने फिर भरी हुंकार, मजबूत लोकपाल नहीं तो जेल भरो आंदोलन

नई दिल्‍ली. मजबूत लोकपाल की मांग पर अड़े अन्ना हजारे ने एक बार हुंकार भरी है। उन्‍होंने कहा कि लोकपाल पर सरकार नहीं मानी तो जेल भरो आंदोलन होगा। उन्‍होंने कहा, ‘कोई भी जेलखाना खाली नहीं रहना चाहिए। सशक्‍त लोकपाल लाना ही होगा। यह परिवर्तन की लड़ाई है। सत्‍ता का विकेंद्रीकरण जरूरी है। देश की जनता के हाथ में जबतक सत्‍ता नहीं आ जाती तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।’
अन्‍ना ने कहा, ‘खजानों को चोरों से नहीं पहरेदारों से धोखा है। इस देश को सिर्फ दुश्‍मन से नहीं, इन गद्दारों से धोखा है।’ सामाजिक कार्यकर्ता ने लोकपाल पर खुली बहस में हिस्‍सा लेने वाले सभी नेताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इन नेताओं के आने से भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई में उनका हौसला बढ़ा है। उन्‍होंने आंदोलन में इन सभी पार्टियों को शामिल होने का न्‍यौता भी दिया।

एक दिन के सांकेतिक अनशन के बीच जंतर-मंतर स्थित अन्‍ना के मंच से लोकपाल पर खुली बहस खत्‍म हो गई है। भाजपा नेता अरुण जेटली और सीपीआई नेता ए बी बर्द्धन ने प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने की वकालत की। वहीं माकपा नेता वृंदा करात ने निजी कंपनियों को भी लोकपाल के दायरे में लाए जाने की मांग की। जद (यू) नेता शरद यादव ने कहा कि संसद में लोकपाल पर पूरी बहस होनी जरूरी है। शरद यादव ने लोकपाल पर पूरी बहस के लिए संसद के मौजूदा सत्र का कार्यकाल बढ़ाने या विशेष सत्र का बुलाने की मांग की है। हालांकि केंद्रीय मंत्री नारायण सामी ने कहा है कि संसद का सत्र बढ़ाए जाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। वहीं केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि संसद का सत्र बढ़ाना संभव नहीं है।

सपा नेता राम गोपाल यादव ने अन्‍ना की अधिकतर मांगों पर सहमति जताई। पीएम को लोकपाल के दायरे में लाने पर पांच राजनीतिक दल राजी हुए। हालांकि बर्द्धन और राम गोपाल यादव ने टीम अन्‍ना से हर एक मुद्दे पर जिद छोड़ने की भी अपील की। इन नेताओं ने कहा कि टीम अन्‍ना की ओर से तैयार किया गया ड्राफ्ट हू-ब-हू कानून नहीं बन सकता है। अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींढसा और टीडीपी नेता येरन नायडू ने भी मंच से अपनी-अपनी बातें रखीं। टीम अन्‍ना ने कांग्रेस को भी इस बहस में शामिल होने का न्‍यौता दिया था लेकिन कांग्रेस ने मना कर दिया।

जंतर-मंतर स्थित मंच पर पहुंचने के बाद अन्‍ना ने सबसे पहले हाथ हिलाकर अपने समर्थकों का अभिवादन किया और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए। जंतर-मंतर के मंच पर अन्‍ना के साथ चार और लोग अनशन पर बैठे हैं। इनमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, कुमार विश्‍वास और संजय सिंह शामिल हैं। अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस और राहुल गांधी को निशाने पर लिया (विस्‍तार से पढ़ने के लिए रिलेटेड लिंक पर क्लिक करें)। टीम अन्‍ना की सदस्‍य किरण बेदी के अलावा शांति भूषण, प्रशांत भूषण, शमून काजमी और संजय सिंह और मेधा पाटेकर ने भी मंच से लोगों को संबोधित किया।
अन्‍ना हजारे ने देशवासियों से अनशन की अपील की है। उनकी अपील पर दिल्ली से लेकर मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ, चंडीगढ़, हैदराबाद, भोपाल, पुणे, अहमदाबाद, बैंगलोर समेत और कई शहरों में अन्ना समर्थकों का धरना जारी है। मुंबई में टैक्सीवालों ने अन्ना के समर्थन में उतरने का ऐलान किया है।

'आधे घंटे का मौन-ध्‍यान'

इससे पहले अन्‍ना हजारे रविवार सुबह महाराष्‍ट्र सदन से सीधे राजघाट पहुंचे। अन्‍ना ने बापू की समाधि पर मत्‍था टेका। अन्‍ना समाधि के समीप करीब आधे घंटे तक मौन-ध्‍यान पर भी बैठे। राजघाट पर अन्‍ना के साथ उनकी टीम के कुछ सदस्य भी मौजूद रहे। जंतर-मंतर पर अन्‍ना समर्थकों का जुटना शुरू हो गया है। 128 लाउड स्‍पीकरों के इंतजाम किए गए हैं। दिल्‍ली पुलिस ने जंतर-मंतर और आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। करीब एक हजार कांस्‍टेबल तैनात किए हैं।

अन्‍ना हजारे ने सरकार पर देश को धोखा देने का आरोप लगाया है। अन्ना ने कहा कि अगर 22 दिसंबर तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे 27 दिसंबर से आंदोलन करेंगे। अन्ना ने कहा कि वे 27 दिसंबर से आंदोलन शुरू करेंगे और अगले दो साल यानी लोकसभा चुनाव तक इसे जारी रखेंगे। सरकार के लोकपाल विधेयक के विरोध में अन्ना ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘पूरे देश को धोखा दिया गया है। हमें लगता है कि इसके पीछे राहुल गांधी का हाथ है।’

पाक के लिए जासूसी, 7 साल की सजा

पाक के लिए जासूसी, 7 साल की सजा

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पाकिस्तान के खुफिया एजेंट के रूप में काम करने और पड़ोसी देश को रक्षा संबंधी संवेदनशील सूचना मुहैया कराने के मामले में सेना के एक जवान को सात साल कैद की सजा सुनाई है।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओपी गुप्ता ने 39 वर्षीय अनिल कुमार दुबे को भारत में सेना की गतिविधि और तैनाती के बारे में पाकिस्तान को गोपनीय सूचना उपलब्ध कराने के मामले में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 के तहत दोषी ठहराया।

अभियोजन पक्ष के अनुसार दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई ने 20 अक्टूबर 2006 को एक खुफिया सूचना के आधार पर दुबे को महिपालपुर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि पाकिस्तानी उ“चायोग का एक कथित कर्मी कुछ संवेदनशील सूचना हासिल करने के लिए दुबे से मिलेगा। पुलिस ने दुबे को गोपनीय दस्तावेज सौंपते रंगे हाथ पकड़ लिया।

आपके ख़राब स्वास्थ्य /हेल्थ का कारण कहीं वास्तु दोष तो नहीं..???

आपके ख़राब स्वास्थ्य /हेल्थ का कारण कहीं वास्तु दोष तो नहीं..???
पंडित दयानन्द शास्त्री

जब भी घर की बात होती है तो हमें अलग-अलग तरह की वस्तुओं का ध्यान आता है पर आजकल इतना ही काफी नहीं है। आज की भाग-दौड़ भरी और तनावपूर्ण जिंदगी में लोग यही चाहते हैं कि घर में उन्हें वह सारा सुकून मिले जिसकी उन्हें आशा है। और यही वजह है कि लोग वास्तु का महत्व जानने लगे हैं। दरअसल वास्तु के अंतर्गत कुछ ऐसी बातों का समावेश है जिससे हमारी जिंदगी में सकारात्मकता उपजती है।
वास्तु शास्त्र के प्राचीन ग्रंथो जैसे विश्वकर्मा पुराण, विश्वकर्मा प्रकाश, वास्तु प्रदीप , वास्तु रतन ,वास्तु मुक्तावली, बृहद सहिंता ,मत्स्य पुराण, अथर्व वेद के उप-वेद स्थापत्य वेद में वास्तु सम्बन्धी ज्ञान का वर्णन विस्तार पूर्वक मिलता है I वास्तु शास्त्र गृह निर्माण की वह कला हैजिसे अपना कर मनुष्य अपना कल्याण ही नहीं अपितु अपनी आने वाली संतान का भी कल्याण कर सकता है।
वास्तु शास्त्र का मूल आधार पञ्च महाभूत है जो इस प्रकार है -१ पृथ्वी २. जल ३. अग्नि ४ .वायु ५ आकाश वास्तुशास्त्र इन पंच महाभूतों के आपसी सामजस्य की कला है अखिल विश्व इन्ही पञ्च महाभूतो के सामजस्य का परिणाम है पूरे विश्व में कोई भी ऐसी वस्तु नही है,जहाँ ये पञ्च महाभूत ना हों I इसीलिए हमारे ऋषि – मुनियों ने मानव के उत्थान के लिए अद्भुत शास्त्र की रचना की है वास्तु शास्त्र के कुछ नियमो के पालन से ही व्यक्ति अपने गृह में स्वास्थ्य, समृद्धि एवम खुशहाली को पाने में सक्षम हो जाता है। एक भवन निर्माण करने वाला अभियंता सुंदर और मजबूत भवन का निर्माण तो कर सकता है, परन्तु उसमे रहने वाले व्यक्ति के सुख और समृद्धि की कोई भी गारंटी दे पाना असभंव है,लेकिन वास्तु शास्त्र इन सबकी गारंटी देता है
उतर दिशा- यदि आपके मकान/घर की उत्तर दिशा ऊँची है तो घर के व्यक्ति गुर्दे सम्बन्धी रोगों से, कान के रोगों से ,घुटने सम्बन्धी रोगों से पीड़ित हो जाते है कुंडली का चतुर्थ भाव इस स्थान का कारक है उतर दिशा ऊँची होने से घर की औरते बीमार रहती हैं यदि आपके घर की उतर दिशा ऊँची है तो घर के व्यक्ति गुर्दे सम्बन्धी रोगों से,कान के रोगों से , घुटने सम्बन्धी रोगों से पीड़ित हो जाते है कुंडली का चतुर्थ भाव इस स्थान का कारक है ..उत्तर दिशा ऊँची होने से घर की औरते बीमार रहती हैं
दक्षिण दिशा – यदि घर की दक्षिण दिशा में कोई भी छिद्र हो तो यह घर के सभी सदस्यों के लिए अशुभ होता है घर के दक्षिण में पानी की निकासी, जल का भंडारण, वहां कूड़े का रखना या घर का कबाड़ा रखना अशुभ होता है तथा गृह स्वामी को दिल की बीमारी, उच्च रक्त -चाप , संधि- रोग, रक्त-अल्पता, पाण्डु-रोग, नेत्र – रोग एवम पेट के रोग हो जाते है यदि दक्षिण दिशा में घर की दीवारें उतर की अपेक्षा नीची होगीं तो गृह स्वामी को हृदय सम्बन्धी रोग होते हैं ...यदि घर का दक्षिणी भाग नीचा होता है या उतर की अपेक्षा अधिक खाली होता है तो घर की स्त्रियाँ सदैव भयानक रोगों से ग्रस्त रहती हैं दक्षिण दिशा का स्वामी यम होता है और प्रतिनिधि मंगल ग्रह है इसलिए घर को बनाते समय दक्षिण दिशा की ओर गृह स्वामी को ज्यादा ध्यान देना चाहिए
पूर्व दिशा – पूर्व दिशा का ऊँचा होना गृह स्वामी के लिए अशुभ होता है एवम गरीबी लेकर आता है उसकी सन्तान शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ जाती है और उसे एवम उसके परिवार को पेट एवम लीवर की बिमारियों से ग्रस्त रहना पड़ता है पूर्व दिशा का ऊँचा होना और पश्चिम की ओर झुकाव नेत्र के रोगों को निमन्त्रण देना है ओर कभी -कभी तो ऐसा व्यक्ति लकवे से भी पीड़ित होते है यदि पूर्व की दीवार पश्चिम की दीवार की अपेक्षा ऊँची होगी तो उस घर में संतान की हानि होने की प्रबल संभावना होती है पूर्व में शोचालय घर की औरतों को रोगों से ग्रस्त रखता है घर के पश्चमी भाग यदि नीचा है तो गृह स्वामी की अकाल-मृत्यु हो जाती है
पश्चिम दिशा – यदि किसी घर का पश्चिमी भाग नीचा होगा तो फेफड़े,मुंह,चमड़ी के रोगों के होने की सम्भावना होती है तथा उस घर के पुरुष सदस्यों को रोगों से ग्रस्त रहना पड़ता है यदि पश्चिम भाग में पानी की निकासी पश्चिम भाग की ओर से ही है तो उस घर के पुरुष असाध्य रोगों से पीड़ित हो जाते हैं क्यों की पश्चिम दिशा में रसोई का स्थान पित्त की अधिकता करता है

केसे दूर करे इस प्रकार के वास्तु दोष??? आइये जाने---
उपाय- उतर दिशा की ढाल गृह स्वामी को उतम स्वास्थ्य प्रदान करती है और आयु में वृद्धि करती है गृह स्वामी को बुधवार के व्रत रखने चाहियें एवम बुध यंत्र की स्थापना करनी चाहिए घर की दीवारों को हरे रंग से रंगना चाहिए
उपाय- (दक्षिण दिशा) गृह का निर्माण करते समयदक्षिण दिशा को उन्नत करना चाहिए और दीवारें उतर की अपेक्षा ऊँची रखनी चाहियें तो घर का हर सदस्य स्वस्थ, सम्पन्न एवम समृद्ध होगा हनुमान जी की उपासना करें घर के पानी को सदैव इशान कोण से ही निकालें तो घर के अंदर हर प्रकार का सुख और समृद्धि स्वयं ही उपलब्ध हो जाएगी यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो घर के के द्वार पर दक्षिणावर्ती सुंड वाले गणपति की विधिवत स्थापना करवाएं
उपाय- (पूर्व दिशा) इस दिशा में जल का होना शुभ होता है प्रयत्न करें कि पानी की टोंटी पूर्व दिशा में ही हो पूर्व दिशा में सूर्य यंत्र की स्थापना करवाएं घर का पूर्वी भाग पश्चमी भाग से नीचा होना चाहिए तो वंश वृद्धि,यश,मान-सन्मान तथा लक्ष्मी की प्राप्ति स्वयं होने लगेगी
उपाय- (पश्चिमदिशा ) पश्चिम दिशा को पूर्व की अपेक्षा ऊँचा रखें पश्चमी दिशा की और वृक्ष लगायें और शनिवार के उपवास करें

पत्नी की गैर-हाजिरी में बहका जीजा, साली को कमरे में बंद कर...



अलीगढ़। जिले के गौंडा में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली एक घटना घटी। यहां एक युवक ने अपनी साली रेप कर डाला। विरोध करने पर पत्‍‌नी और साली की पिटाई कर दी। मायके वालों को बताने पर जान से मारने की धमकी दे डाली। दोनों बहनों ने इस बाबत थाने रिपोर्ट दर्ज कराई है।


जानकारी के मुताबिक, इस व्यक्ति की पत्नी का हाथ टूट गया था। इसलिए वह अपने मायके आ गई थी। युवक पत्नी को लेने ससुराल पहुंचा तो मायके वालों ने पुत्री के घायल होने का हवाला देते हुए उसे भेजने से इंकार कर दिया। इस पर उसने साली को यह कर लिवा लाया कि कामकाज में हाथ बंटा देगी।


एक रात उसने साली को एक कमरे में बंद कर रेप किया। घटना जब पत्नी को पत चली तो उसने विरोध किया। इस पर साली और पत्नी दोनों की जमकर पिटाई कर दी। दोनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामला दर्ज करके तफ्तीश कर रही है।

जीजा ने दो सालों को मारे चाकू


जीजा ने दो सालों को मारे चाकू

पत्नी को लेने ससुराल गया था आरोपी

कोलायत. अपनी पत्नी को लेने उसके पीहर गए पति ने उसे भेजने से मना करने पर अपने दो सालों को चाकू मारकर घायल कर दिया। दोनों घायल युवकों का बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में इलाज चल रहा है। एसएचओ धीरेंद्र सिंह ने बताया कि शनिवार को जेडी मगरा निवासी रामचंद्र झझू की रोही में स्थित हेतराम बिश्नोई के ट्यूबवैल पर अपनी पत्नी को लेने गया था। वहां उसके सालों ने अपनी बहिन को दो दिन और पीहर में छोडऩे के लिए कहा। इस पर जीजा व सालों के बीच विवाद बढ़ गया तो रामचंद्र ने चाकू से हंसराज व जेपी पर वार कर दिया। हंसराज के पेट में व जेपी की छाती में वार करने के बाद रामचंद्र मौके से फरार हो गया। घायलों को 108 एंबुलेंस की सहायता से बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। खबर लिखे जाने तक इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।

अनशन लाइव: अन्‍ना ने बापू की समाधि पर माथा टेका



नई दिल्‍ली. अन्ना हजारे ने राजघाट पहुंचकर बापू की समाधि पर माथा टेका है। अन्‍ना अभी समाधि के समीप मौन-ध्‍यान पर बैठे हैं। राजघाट पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्‍त हैं। राजघाट पर अन्‍ना के साथ उनकी टीम के सदस्य भी मौजूद हैं।



इसके बाद वह जंतर-मंतर पर एक दिन के अनशन पर बैठेंगे। अन्‍ना के साथ चार और लोग अनशन पर बैठेंगे। इनमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, कुमार विश्‍वास और संजय सिंह शामिल हैं। अन्‍ना हजारे ने देशवासियों से अनशन की अपील की है। दिल्ली समेत 45 शहरों में अन्ना समर्थक सांकेतिक अनशन पर बैठेंगे। मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ, चंडीगढ़, हैदराबाद, भोपाल, पुणे, अहमदाबाद, बैंगलोर समेत और कई शहरों में अन्ना समर्थकों का धरना सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगा। मुंबई में टैक्सीवालों ने अन्ना के समर्थन में उतरने का ऐलान किया है।

अन्‍ना अन्ना राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि देने के बाद जंतर मंतर पर धरने के लिए पहुंचेंगे। फिर 10 बजे से जंतर-मंतर पर उनका अनशन शुरू होगा। जंतर-मंतर पर अन्‍ना समर्थकों का जुटना शुरू हो गया है। 128 लाउड स्‍पीकरों के इंतजाम किए गए हैं। दिल्‍ली पुलिस ने सुरक्षा के इंतजाम के तहत एक हजार कांस्‍टेबल तैनात किए हैं।

अन्‍ना हजारे ने सरकार पर देश को धोखा देने का आरोप लगाया है। अन्ना ने कहा कि अगर 22 दिसंबर तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे 27 दिसंबर से आंदोलन करेंगे। अन्ना ने कहा कि वे 27 दिसंबर से आंदोलन शुरू करेंगे और अगले दो साल यानी लोकसभा चुनाव तक इसे जारी रखेंगे। सरकार के लोकपाल विधेयक के विरोध में अन्ना ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘पूरे देश को धोखा दिया गया है। हमें लगता है कि इसके पीछे राहुल गांधी का हाथ है।’
आप भी नेताओं से पूछिए लोकपाल पर सवाल
टीम अन्ना ने रविवार को अन्ना के अनशन के दौरान लोकपाल पर बहस के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों को न्यौता भेजा है। इस बहस में राजनीतिक नेताओं को लोकपाल पर जनता के सामने अपना पक्ष रखने और लोगों को उनसे सवाल करने का मौका मिलेगा।

टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने बताया कि भाजपा से अरुण जेटली, सपा से राम गोपाल यादव, सीपीआई से ए बी बर्द्धन, माकपा से वृंदा करात, जद(यू) से शरद यादव, बीजद से पिनाकी मिश्रा और टीडीपी से चंद्र बाबू नायडू इस बहस में हिस्‍सा लेंगे। जबकि कांग्रेस और इसकी अगुवाई में केंद्र की यूपीए सरकार में सहयोगी दलों का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं रहेगा। यह बहस दोपहर डेढ़ बजे से शाम पांच बजे तक चलेगी।

तीन मकान में चोरी, जेवरात सहित लाखों का माल पार


तीन मकान में चोरी, जेवरात सहित लाखों का माल पार

 वासा गांव के सूने पड़े तीन मकान के ताले तोड़ दिया वारदात को अंजाम

 

पुलिस की शिथिलता से ग्रामीणों में रोष

रोहिड़ा वासा गांव में सूने तीन मकानों के ताले तोड़ चोर लाखों रुपए के जेवरात, चांदी की मूर्ति व नकदी ले गए। शनिवार सुबह सूचना देने के बाद शाम को मौके पर पुलिस पहुंचने से ग्रामवासियों में रोष व्याप्त रहा।

पुलिस के अनुसार वासा निवासी जगदीश व्यास पुत्र चिमनलाल व्यास व कन्हैया लाल पुत्र धर्मदत्त दवे के बंद पड़े मकानों की छत पर लगे दरवाजे के ताले तोड़ चोर अंदर घुसे। इसके साथ ही कांतिलाल वोरा के बंद मकान के मुख्य दरवाजे पर लगा ताला तोड़ घर में प्रवेश किया। ग्रामीणों की सूचना पर कन्हैयालाल दवे ने देसावर मुंबई से वासा आकर घर में रखे सामान की जानकारी ली। कन्हैयालाल ने बताया कि तिजोरी में पड़े एक लाख रुपए जो कि उन्होंने मकान के रंग रोगन के लिए रखे थे। मजदूरी के देने के लिए 8000 रुपए व पांच रुपए के सिक्के की थैली व दस रुपए के सिक्के की थैली और विष्णु भगवान, शंकर भगवान, गणपति, लक्ष्मी व कृष्ण भगवान की चांदी की पांच-पांच तोले वजन की पांच मूर्तियां भी चोर ले गए। शनिवार शाम तक दूसरे मकान मालिक के वासा गांव नहीं पहुंचने से उनके मकान में हुई चोरी की वारदात का पता नहीं चल पाया ।

पुलिस के खिलाफ रोष जताया

वासा गांव में हुई चोरी की वारदात को लेकर रोहिड़ा थाने में सूचना देने के बावजूद देर शाम तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। इससे ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ रोष जताया। वासा के उपसरपंच रमणलाल दवे पुलिस को बुलाने शाम को पुलिस थाने पहुंचे। ग्रामवासियों ने बताया कि वासा में महीने भर पहले भी सूर्यनारायण मंदिर के भी तीन बार ताले टूट चुके हैं। बाद में थानाधिकारी नरपाल सिंह घटना स्थल पहुंचे, उन्होंने मौका मुआयना किया।

चोरों को यूं दिया न्योता

जिले की पुलिस सीएलजी बैठक में हमेशा सभी को सतर्क करती आ रही है कि बंद मकान छोडऩे से पहले पुलिस के साथ ही पड़ोसियों को भी सूचना जरूर दे, ताकि पुलिस गश्त के साथ ही पड़ोसी ध्यान रखे लेकिन यहां उल्टा ही नजारा था। कांतिलाल वोरा के मकान पर लगे बिजली के मीटर बॉक्स पर पेपर चिपका उस पर लिख दिया कि हम मुंबई रहते है एडवांस भरा हुआ है। ताकि जिसे नहीं पता हो उसे भी पता चल जाए कि मकान सूना है। 




जालोर के वैभव का प्रतीक है ‘कान्हड़ दे प्रबंध’


जालोर के वैभव का प्रतीक है ‘कान्हड़ दे प्रबंध’



जालोर  जालोर के गौरवशाली इतिहास के महान ग्रंथ ‘कान्हड़ दे प्रबंध’ को 556 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर शहर के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में गुजरात विश्वविद्यालय एकेडमिक स्टाफ निदेशक प्रसाद ब्रह्मभट्ट के मुख्य आतिथ्य में शनिवार शाम चार बजे विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर बनासकांठा उपभोक्ता संरक्षण मंच अध्यक्ष एच.के. ठाकोर, एडवोकेट मधुसूदन व्यास व व्याख्याता अर्जुनसिंह उज्ज्वल मौजूद थे। गोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों ने मां शारदा की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए एडवोकेट व्यास ने जालोर से जुड़े ऐतिहासिक व प्राचीन ग्रंथ कान्हड़ दे प्रबंध के बारे में जानकारी दी। इसी तरह परिषद के निदेशक संदीप जोशी ने ग्रंथ के अनुसार जालोर को 8वीं मोक्ष पुरी बताते हुए सभी का आभार जताया। इस मौके सरदार सिंह चारण, हरिशंकर राजपुरोहित, दीपसिंह, रविंद्र सिंह बालावत, सुरेंद्र नाग, महेंद्र अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, धनराज दवे, खीमसिंह व जयनारायण समेत काफी लोग मौजूद थे

राजस्थानी कविता ने भरा जोश : शहर के रचनाकार अचलेश्वर आनंद ने ‘सोने रे आखर लिखियोरी, आ स्वर्ण गिरी री शुभा गाथा...’ के माध्यम से जालोर की भौगोलिक स्थिति, यहां से जुड़े शूरवीर व जाबालि ऋषि जैसे तपस्वियों द्वारा किए गए तप के बारे में बताया। कविता के माध्यम से बताया गया कि भगवान राम के अग्नि बाण के कारण दक्षिण सागर सूख गया और उस तेज को रोकने के लिए जाबालि ऋषि द्वारा यहां घोर तप किया गया। जिसके बाद यहां जालोर यानी जाबालिपुर बसाया गया।

पांच सौ रुपए में टूट गई जेल


पुलिस ने जब्त किया बैग जिसमें पहुंचाई गई थी आरियां



पांच सौ रुपए में टूट गई जेल

होमगार्ड ने पांच सौ रुपए लेकर पहुंचाया था मोबाइल, जेल में अपनी ड्यूटी पूरी कर चुका था होमगार्ड, होमगार्ड की संदिग्ध भूमिका

जालोर जालोर जेल की मोटी मोटी सलाखें मात्र पांच सौ रुपए में टूट गई। पैसों का लालच इस जेल के लिए ऐसा सुराख बना कि एक एक कर चौदह कैदी यहां से फरार हो गए।

जेल की सुरक्षा में लगे होमगार्ड कूका राम ने मात्र पांच सौ रुपए के लिए जेल की सुरक्षा को दर किनार कर दिया। उसी ने इन रुपयों की एवज में मुख्य सूत्रधार कमल सिंह तक मोबाइल पहुंचाया और इसके बाद इसी मोबाइल के जरिए जेल को तोडऩे की साजिश रची गई। यह होमगार्ड जेल तोडऩे के एक दिन पूर्व ही अपनी ड्यूटी पूरी कर चला गया। इसके बाद दूसरे होमगार्ड की ड्यूटी लगी। उसी रात कैदियों ने इस वारदात को अंजाम दिया। कूका राम इस समय पुलिस की गिरफ्त में है और उससे पूछताछ की जा रही है। गौरतलब है कि इस पूरे मामले में होमगार्ड की संदिग्ध भूमिका को लेकर  पहले खुलासा कर दिया था। इधर, पुलिस ने वह बैग भी जब्त कर लिया है जिसमें रखकर आरियां अंदर भिजवाई गई थी। अब पुलिस को उस व्यक्ति की तलाश है जिसने आरियां रखवाई। शनिवार को जेल में नए डिप्टी जेलर लक्ष्मीनारायण ने पदभार भी ग्रहण कर लिया।

राजेंद्र देवासी ने लाकर दिया था मोबाइल

कमल सिंह तक पहुंचाने के लिए राजेंद्र देवासी ने कूका राम को मोबाइल दिया था। साथ ही इसकी एवज में उसने पांच सौ रुपए भी दिए। उसने यह मोबाइल जेल तोडऩे के तीन दिन पहले ही लाकर दे दिया था। जिसके बाद कूका राम ने कमल सिंह तक यह मोबाइल पहुंचाया। इसके बाद कमल सिंह ने राजेंद्र देवासी से बातचीत कर जेल तोडऩे की साजिश रची।

बाड़मेर .....न्यूज़ इनबॉक्स ..... 12 दिसम्बर




आजीवन कारावास की सजा सुनाई

बालोतरा. विशिष्ट न्यायाधीश अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति व जिला सेशन न्यायाधीश बालोतरा सुखपाल बुंदेल ने लज्जा भंग तथा मारपीट करने के आरोपी को आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अधिवक्ता डूंगरसिंह नामा ने बताया कि अभियुक्त छलसिंह पुत्र रुपसिंह निवासी काठाड़ी ने सकाराम, वीराराम व कमला को रास्ते में रोककर शराब के लिए पैसे मांगे। पैसे नहीं देने पर अभियुक्त ने उन्हें जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए गाली-गलौच की तथा मारपीट की। न्यायाधीश बुंदेल ने मामले की सुनवाई के बाद आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।


भर्ती मरीजों को अब वार्ड में ही मिलेगी निशुल्क दवा 


बाड़मेर  दवा वितरण को लेकर की बार-बार आ रही शिकायत से त्रस्त मरीजों को राहत पहुंचाने तथा दवा वितरण व्यवस्था में सुधार लाने के उद्देश्य से नई व्यवस्था को लागू किया गया है। इसके तहत अस्पताल में भर्ती मरीजों को निशुल्क दवा अब वार्ड में ही उपलब्ध कराई जाएगी ताकि परिजनों को हाथ में पर्ची लेकर इधर-उधर भटकना नहीं पड़े।

कलेक्टर वीणा प्रधान ने बताया कि एसडीएम गुड़ामालानी विनिता सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। जो रोजाना राजकीय अस्पताल का निरीक्षण कर दवा वितरण तथा अन्य व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग करने के साथ ही मरीजों को होने वाली समस्याओं का समाधान करेगी। वार्ड में मरीजों को निशुल्क दवा का वितरण सही तरीके से हो इसके लिए अस्पताल प्रशासन को पाबंद किया गया है।

जिला औषध भंडार से निशुल्क दवा वितरण केंद्रों के लिए सीधे ही राजकीय अस्पताल के स्टोर कर्मचारी के माध्यम से निशुल्क दवा वितरण केंद्रों के लिए आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने बताया प्रत्येक डीडीसी को एक-एक विभाग आवंटित किया जाएगा। निशुल्क दवा वितरण केंद्र से चयनित दवाइयों का प्रमुखता से वितरण किया होगा। जिन दवा केंद्र से निशुल्क दवा का वितरण किया जाएगा वहां बोर्ड भी लगाने होंगे। इसी तरह ड्रग वेयर हाउस को शॉर्ट सप्लाई दवाइयों की सूची भिजवाने के निर्देश दिए गए जिसमें 27 तरह की दवाइयां शामिल हैं।


पूजा-अर्चना कर की खुशहाली की कामना


नाकोड़ा तीर्थ पर पहुंचा दो सौ यात्रियों का संघ

बालोतरा   जैन तीर्थ नाकोड़ा पर शनिवार को पूर्णिमा के अवसर पर संघ में आए दो सौ यात्रियों ने भगवान पाŸवनाथ व अधिष्ठायक भैरवनाथ की पूजा-अर्चना कर क्षेत्र में खुशहाली व सुख-समृद्धि की कामना की। पूर्णिमा के दिन मुंबई से संघ लेकर आए अमृतलाल पुखराज कटारिया परिवार के नेतृत्व में संघ सदस्य आशापुरा माताजी नाडोल खेतलाजी, वरकाणा, मुछाला महावीर, जहाज मंदिर मांडवला आदि तीर्थों की यात्रा करते हुए शनिवार को नाकोड़ा तीर्थ पहुंचे। यहां पर महा भैरव मेटल इंडस्ट्रीज मुंबई की ओर से भगवान पाŸवनाथ व अधिष्ठायक देव भैरू जी को मनमोहक आंगी चढ़ाई गई। संघ के सदस्यों सहित मंदिर परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं ने भक्तिपूर्ण माहौल में आंगी के दर्शन किए। आंगी चढ़ावे के बाद भैरव देव के मुख्य आरती का चढ़ावा अमृतलाल पुखराज कटारिया सिंघवी परिवार को मिला। इसके बाद बैंड की धुनों के साथ काला-गोरा भैरव को आंगी चढ़ाई गई। इस दौरान संघ के साथ आए महिलाएं व पुरुष भक्ति गीतों की धुनों पर नृत्य का लुत्फ उठा रहे थे। दोपहर के समय पद्मावती हॉल के प्रांगण में सिरोही के विधिकारक चंपक भाई के निर्देशन में भैर महापूजन का आयोजन हुआ। इस दौरान नाकोड़ा तीर्थ के अध्यक्ष हंसराज कोटडिय़ा ने भैरुदादा रंगीला सीडी का विमोचन किया। सुधर्मा मंडप प्रांगण में नाकोड़ा ट्रस्ट मंडल की ओर से संघपति पुखराज, अमृतलाल, देवीचंद, मुकेश, अनिल व पवनी देवी का शॉल, चुंदड़ी, कुमकुम तिलक, श्रीफल व मोमेंटो देकर बहुमान किया गया। समारोह का संचालन तीर्थ ट्रस्ट के व्यवस्थापक पीसी जैन ने किया। इस अवसर पर बाबूलाल भंसाली झाब, ओसवाल समाज अध्यक्ष शांतिलाल डागा, नाकोड़ा दरबार मंडल के अध्यक्ष मनोज भाई शोभावत, घेवरचंद श्रीश्रीमाल, तीर्थ ट्रस्ट उपाध्यक्ष मांगीलाल पटवारी, ट्रस्टी मदन सालेचा, उत्तमचंद मेहता, लूणचंद बालड़, पूर्व अध्यक्ष प्रकाश वडेरा, अशोक चौपड़ा, शांतिलाल भंसाली, महेंद्र सालेचा, मुकेश सिंघवी, अनिल सिंघवी, अशोक डागा सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।




स्कूली बच्चों ने दिखाया पक्षी प्रेम, हर घर से ले रहे हैं एक मुट्ठी अनाज

कबूतरों के लिए एक मु_ी अनाज का संकल्प, प्रत्येक विद्यार्थी हर सोमवार को लाएगा एक मु_ी अनाज

रावतसर  विद्यार्थियों में पक्षियों के प्रति सेवा भाव के उद्देश्य से स्कूली बच्चों ने प्रत्येक सोमवार को एक मु_ी अनाज लाने का संकल्प लिया। राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल रावतसर के व्याख्याता रुपाराम नामा ने बताया कि स्कूल के शिक्षकों ने पक्षी प्रेम के तहत एक अनूठा कार्यक्रम शुरू किया जिसके तहत कबूतरों के नाम एक मु_ी अनाज लोगों से इकट्ठा करेंगे।

उन्होंने बताया इसके लिए स्कूल परिसर में कबूतरों के लिए एक छोटा सा चबूतरा बनाया गया ताकि कबूतर वहां दाना चुग सके। इको क्लब प्रभारी मोहनलाल मीणा ने बताया कि वर्तमान में राज्य स्काउट्स गाइड की ओर से स्कूल परिसर में कबूतरों के दाना चुगने के लिए लोहे की चद्दर पर जिस विद्यार्थी कबूतरों को उत्साह से दाना डालते हैं। इन दिनों विद्यार्थियों ने पांच दिनों में एक-एक मु_ी अनाज संग्रहित करते हुए पचास किलो अनाज एकत्रित कर लिया है। छात्र जसवंत सिंह डूडी ने बताया कि शिक्षकों के कहने पर छात्रों ने एक मु_ी अनाज पिछले सोमवार से लाने का संकल्प लिया था। व्याख्याता रुपाराम नामा ने बताया कि पुनीत कार्य में विद्यार्थी व शिक्षक उत्साह से सहयोग कर रहे हैं।

कालका एक्सप्रेस का ढोल धमाके से किया स्वागत


कालका एक्सप्रेस का ढोल धमाके से किया स्वागत


ग्रामीणों में खुशी पहली बार बायतु में कालका एक्सप्रेस रुकने पर खुशी से झूमे युवा, महंत ओंकार भारती ने गाड़ी चालक व गार्ड का साफा पहना किया स्वागत

बायतु  सूर्योदय की किरणों के साथ ही शनिवार को बायतु रेलवे स्टेशन पर जैसे ही हरिद्वार-कालका एक्सप्रेस पहुंची। ढोल नगाड़े के साथ बड़ी संख्या में गांव के युवक खुशी से झूम उठे। बड़ी संख्या में आए ग्रामीणों की उपस्थिति में परेऊ मठ के महंत ओंकार भारती ने रेलवे स्टेशन पर चालक व गार्ड का साफा तथा माला पहनाकर स्वागत किया। शनिवार को पहले दिन बायतु से 58 यात्रियों ने टिकट लेकर सफर किया। बायतु स्टेशन 47 ग्राम पंचायतों व शिव, सिणधरी बाड़मेर का केंद्र बिंदु होने के बावजूद कालका एक्सप्रेस का ठहराव नहीं था। कालका को बायतु स्टेशन पर रुकवाने के लिए ग्रामीणों ने पटरी पर धरना प्रदर्शन देने के साथ ही लंबा संघर्ष भी किया था। भाजपा के महामंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि जनता के साथ जो संघर्ष किया उसमें जिला प्रशासन ने सकारात्मक भूमिका निभाते हुए सहयोग किया। कालका का बायतु में ठहराव आमजन के लिए खुशी की बात है। विधानसभा क्षेत्र यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष हंसराज गोदारा ने बताया कि कालका का ठहराव बायतु वासियों के लिए एक सौगात है। इस अवसर पर विधायक कर्नल सोना राम, पूर्व विधायक तगाराम चौधरी, भाजपा नेता बालाराम मूढ़, वयोवृद्ध नागरिक दमाराम खोथ, जोगा राम मूढ़ तथा महावीर जीनगर सहित क्षेत्रीय ग्रामीण मौजूद थे।