लिया संतों से आशीर्वाद : विवाह के बाद नवविवाहित जोड़ों ने महामंडलेश्वर से आशीर्वाद लिया। आश्रम में मौजूद बड़ों को भी प्रणाम किया। विवाह समारोह देखने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
शनिवार, 5 नवंबर 2011
तीन विदेशी जोड़ों ने हिंदू रीति रिवाज से रचाया ब्याह
लिया संतों से आशीर्वाद : विवाह के बाद नवविवाहित जोड़ों ने महामंडलेश्वर से आशीर्वाद लिया। आश्रम में मौजूद बड़ों को भी प्रणाम किया। विवाह समारोह देखने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
जमानत मिलते ही ऑफिस पहुंच गए एसडीओ
जमानत मिलते ही ऑफिस पहुंच गए एसडीओ
पाली एसीबी द्वारा 30 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार रोहट के उपखंड अधिकारी चूनाराम विश्नोई और कनिष्ठ लिपिक मोहम्मद उमर को कोर्ट से जमानत मिल गई है। एक दिन एसीबी की हिरासत तथा दो दिन जेल में बिताने के बाद शुक्रवार दोपहर को दोनों कर्मचारी रोहट स्थित कार्यालय पहुंचे। दोनों ने उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर किए। एसडीओ ने तो वेतन व अन्य बिलों पर भी हस्ताक्षर किए। तीन घंटे ऑफिस में बिताने के बाद शाम को एसडीओ पाली में कलेक्टर ऑफिस भी पहुंचे। गुरुवार की शाम तक हालांकि न तो कार्मिक प्रशासनिक विभाग से दागी अफसर व बाबू के निलंबन के आदेश मिले और न ही एसीबी की कार्रवाई का पत्र मिला। इस असमंजस की स्थिति में जयपुर से दिशा निर्देश नहीं मिलने तक कलेक्टर नीरज के पवन ने एसडीओ व क्लर्क को ऑफिस नहीं जाने की हिदायत देकर अवकाश पर रहने के निर्देश दिए हैं।
5 दिन बीते, निलंबन क्यों नहीं ?
असल में एसीबी की टीम गत 31 अक्टूबर को दोपहर में रोहट स्थित उपखंड कार्यालय से आरएएस अधिकारी चूनाराम विश्नोई तथा कार्यालय के कनिष्ठ लिपिक कम रीडर मोहम्मद उमर को गिरफ्तार कर ले गई। कार्रवाई के चार दिन बाद 4 नवंबर को दोनों दागी ऑफिस पहुंचे और सामान्य दिनों की तरह कामकाज किया। शुक्रवार शाम को हालांकि कलेक्टर ने दोनों आरोपियों को दफ्तर में नहीं जाने का कहते हुए अवकाश पर भेज दिया, लेकिन एसीबी की कार्रवाई के 5 दिन बाद भी दागी अफसरों का निलंबन आदेश नहीं मिलना सरकारी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है।
रोहट के एसडीओ व लिपिक को एसीबी द्वारा रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार करने की जानकारी तो है, लेकिन अधिकारिक तौर पर एसीबी ने इसकी कोई सूचना नहीं दी। आरएएस अफसर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का अधिकार कार्मिक विभाग जयपुर के पास है, जहां से इनके निलंबन अथवा कार्रवाई को लेकर निर्देश मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। आरोपी एसडीओ व लिपिक को अग्रिम आदेश तक अवकाश पर जाने को कहा गया है। -नीरज के पवन, कलेक्टर
॥ 31 अक्टूबर को एसीबी द्वारा गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई, जबकि 1 नवंबर को दोनों आरोपियों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया। उसी दिन आरोपी आरएएस व लिपिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्रावली एसीबी मुख्यालय जयपुर को भेज दी गई, जबकि कार्मिक विभाग को भी कार्रवाई से अवगत करा दिया गया। पांच दिन बाद भी आरोपियों के निलंबन आदेश नहीं मिलने अथवा ऑफिस में ज्वाइन करने के मसले पर हम क्या कह सकते हैं। -जोगाराम, एसीबी टीम प्रभारी एवं डीएसपी, सिरोही चौकी
भारत निर्माण अभियान के दूसरे दिन आयोजित हुए कई कार्यक्रम
रैली में जमकर थिरके कलाकार
भारत निर्माण अभियान के दूसरे दिन आयोजित हुए कई कार्यक्रम
बालोतरा भारत निर्माण जन सूचना अभियान में आमजन की भागीदारी बढ़ाने का संदेश देने के लिए क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय की ओर से अभियान स्थल पंचायत समिति मैदान से शुक्रवार प्रात: 11 बजे भारत निर्माण रैली का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसपी बुंदेल एवं नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान ने रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
रैली के आयोजक राजेश मीणा ने बताया कि रैली के दौरान बच्चों ने नारे लगाते हुए आमजन को सरकारी योजनाओं का संदेश दिया।इसमें राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय माध्यमिक विद्यालय गांधीपुरा के लगभग 500 बच्चों ने भाग लिया। रैली अभियान स्थल से रवाना होकर उपखंड अधिकारी कार्यालय, पुराना बस स्टैण्ड, सदर मार्केट एवं छतरियों का मोर्चा होते हुए वापस पंचायत समिति मैदान पंहुची।
समापन आज
पत्र सूचना कार्यालय जोधपुर की ओर से बालोतरा में आयोजित तीन दिवसीय भारत निर्माण जन सूचना अभियान का समापन समारोह शनिवार को सांय 4 बजे होगा। मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर बाड़मेर डॉ. वीणा प्रधान होंगी।
भारत निर्माण अभियान के दूसरे दिन आयोजित हुए कई कार्यक्रम
बालोतरा भारत निर्माण जन सूचना अभियान में आमजन की भागीदारी बढ़ाने का संदेश देने के लिए क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय की ओर से अभियान स्थल पंचायत समिति मैदान से शुक्रवार प्रात: 11 बजे भारत निर्माण रैली का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसपी बुंदेल एवं नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान ने रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
रैली के आयोजक राजेश मीणा ने बताया कि रैली के दौरान बच्चों ने नारे लगाते हुए आमजन को सरकारी योजनाओं का संदेश दिया।इसमें राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय माध्यमिक विद्यालय गांधीपुरा के लगभग 500 बच्चों ने भाग लिया। रैली अभियान स्थल से रवाना होकर उपखंड अधिकारी कार्यालय, पुराना बस स्टैण्ड, सदर मार्केट एवं छतरियों का मोर्चा होते हुए वापस पंचायत समिति मैदान पंहुची।
समापन आज
पत्र सूचना कार्यालय जोधपुर की ओर से बालोतरा में आयोजित तीन दिवसीय भारत निर्माण जन सूचना अभियान का समापन समारोह शनिवार को सांय 4 बजे होगा। मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर बाड़मेर डॉ. वीणा प्रधान होंगी।
शहर को साफ रखना सबकी जिम्मेदारी: कलेक्टर
शहर को साफ रखना सबकी जिम्मेदारी: कलेक्टर
बैठक : कलेक्टर ने दिए आवारा पशुओं की धरपकड़ के निर्देश
बाड़मेर आखिर ये गंदगी होती कैसे है। आप सभी अपने घर को तो एकदम साफ-सुथरा रखते हो, फिर शहर के बारे में क्यों नहीं सोचते। शहर को साफ रखना भी सबकी जिम्मेदारी है। ये बात शुक्रवार को कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने नगरपालिका में आयोजित बैठक में कही। यह बैठक शहर के प्रबुद्ध नागरिकों से शहर की व्यवस्थाएं सुधारने के संबंध में सुझाव लेने के लिए बुलाई गई थी। बैठक में उन्होंने शहर में घूम रहे आवारा पशुओं का शहर से बाहर निस्तारण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि छोटी चीज से शुरूआत करने से सफलता मिलती है। हमारे पास जो संसाधन है उसी से व्यवस्थाएं सुधारनी होगी। नए सफाईकर्मी भर्ती प्रक्रिया के बारे में नियुक्त हो पाएंगे। इससे पहले व्यवस्थाएं कैसे सुधारनी है यह अहम है। बैठक में प्रबुद्ध नागरिकों ने कई सुझाव प्रस्तुत किए। इस मौके जिला प्रमुख मदन कौर, विधायक मेवाराम जैन, नगरपालिका अध्यक्ष उषा जैन, आयुक्त राकेश कुमार चौधरी, प्रतिपक्ष नेता सुरेश मोदी, सहित कई पार्षद मौजूद थे।
ये दिए सुझाव
कलेक्टर ने आमजन की सफाई व्यवस्था के प्रति भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक घर से बीस रुपए लेने का प्रस्ताव रखा, जिसे विरोध के बाद वापिस ले लिया गया।
पूर्व पार्षद मिरचूमल कृपलानी ने सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए दो सेनेट्री इंस्पेक्टर, 10 जमादार और 400 सफाईकर्मी लगाने का सुझाव दिया।
बैठक में नगरपालिका के प्रतिपक्ष नेता सुरेश मोदी ने सुझाव दिया कि शहर के बाहर स्थित गोशालाएं किसी न किसी तरह से सरकारी अनुदान या सहायता पर निर्भर है। इसलिए शहर से पकड़े जाने वाले आवारा पशुओं को इन गोशालाओं में अनुपात के हिसाब से भेजा जाए, ताकि एक गोशाला में पशु संख्या नहीं बढ़े।
पार्षद अमृतलाल खत्री ने शहर के विभिन्न वार्डों में चल रहे सफाई ठेकों की तर्ज पर अन्य वार्डों में भी व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव रखा।
बैठक में सफाई व्यवस्था के लिए मॉनिटरिंग कमेटी बनाने का सुझाव रखा गया।
बैठक में काजी हाउस के लिए नई जमीन के लिए भी प्रस्ताव आया।
सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए कचरा उठाने वाले ट्रैक्टर और टैक्सी संचालकों को पाबंद करने का प्रस्ताव रखा गया।
बूढी मां को घर में किया कैद, लगाई आग और फरार हो गई बेटी!
पुलिस ने उसकी बेटी कल्पना को गिरफ्तार कर लिया है। कल्पना ने कबूल कर लिया है कि उसने अपनी मां संध्या रानी को पहले घर में बंद किया और बाद में आग लगाकर उदयपुर चली गई। मां के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना दिए जाने के बाद भी वह उदयपुर से नहीं लौटीं। शुक्रवार को मां की सांसें उखड़ते ही वह जोधपुर आ गई।
घर में आग लगाने के बाद कल्पना को बाहर निकलते हुए पड़ोसियों ने देख लिया था। कल्पना अपने पति प्रवीण शर्मा से सात साल से अलग रह रही है। उसकी बड़ी बहन विदेश में रहती है।
कैसा है घर आपका---------
कैसा है घर आपका---------
घर की बनावट, उसकी दिशा, घर के सामान, पेड-पौधे बताते हैं कि घर किस ग्रह के प्रभाव में है। आमतौर पर देखा जाता है कि घर की दिशा क्या है और उसे संबंधित ग्रह के हवाले कर दिया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है। पूर्व मुखी घर में भी राहू की समानताएं हो सकती हैं और पश्चिम मुखी घर में बुध की। इससे पहले की घर पर ग्रहों के विशद प्रभाव की चर्चा करूं मैं सरसरी तौर पर बता देना चाहता हूं कि पारंपरिक पध्दति में दिशा और ग्रह का क्या संबंध है।
सूर्य का घर:
आमतौर पर पूर्व की दिशा में जिन घरों का मुंह होता है उन्हें सूर्य से प्रभावित घर कहते हैं। इनमें परिवार का मुखिया पुरुष होता है यानि पितृ सत्तात्मक परिवार इसमें निवास करता है। पुरुषों की संख्या अधिक होती है और महिलाएं कष्ट पाती हैं। घर के वर्किंग मैम्बर्स का संबंध राजकीय सेवाओं से होता है चाहे नौकरी के तौर पर हो या ठेकेदारी से।
बुध का घर:
इन घरों का मुंह उत्तर दिशा में होता है। इनमें कंसल्टेंट रहते हैं लेकिन चिकित्सक नहीं। उत्तर दिशा का संबंध क्रिएटिविटी से जोडा गया है। ऐसे में आर्कीटेक्ट, कैरियर काउंसलर, इंटीरियर डेकोरेटर, बैंकिंग सेवाओं से जुडे और मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले लोगों का स्थान बताया गया है। इन घरों में बच्चे अच्छी संख्या में होते हैं और धमाचौकडी मचाते रहते हैं।
शनि का घर:
इन घरों का मुंह पश्चिम दिशा में होता है। नौकरी पेशा लोगों के रहने की जगह। दिन में किसी सरकारी या निजी प्रतिष्ठान में बंधुआ मजदूर की तरह काम करके आने के बाद लोग इस घर में आराम, आमोद-प्रमोद करते हैं और सुख-दुख की बातें होती हैं। ये लोग खुद निर्णय लेने वाले लोग नहीं होते। जैसे जिन्दगी इन्हें धक्का देती है ये उसी रास्ते पर निकल पडते हैं। किसी एक की समस्या पूरे परिवार के लिए मिशन बन जाती है। एक समस्या निपटाने के बाद दूसरी समस्या निपटाने की तैयारी शुरू हो जाती है।
मंगल का घर:
इन घरों का मुंह दक्षिण दिशा में होता है। इसमें चिकित्सक और लौंडे मजे करते हैं और आम आदमी दुख पाता है। आमतौर पर हॉस्टल या अस्पताल का मुंह दक्षिण में शुभ होता है। सबसे सफल हॉस्टल भी दक्षिण दिशा में ही हो सकता है। इन घरों से कोई प्यार नहीं करता। न मकान मालिक और न ही रहवासे। लौंडे दिनभर के थके मांदे आते हैं और उल्टी-सीधी हरकतें करने के बाद सो जाते हैं। अगले दिन बिना किसी देख-रेख के इसे छोड जाते हैं। चिकित्सक सुबह और शाम के समय पूजा पाठ की बजाय लोगों के दुख दर्द सुनता है और पैसा बनाता है। घर का ध्यान नौकर या नौकरानी रखते हैं।
इन चार प्रमुख दिशाओं के आधार पर घरों को शुभ या अशुभ बताया जाता है। हालांकि इसके अलावा गुरू, चंद्रमा, राहू और शुक्र की भी दिशाएं होती है लेकिन मोटे तौर पर उन्हें नजर अंदाज कर दिया जाता है---
गुरू की दिशा – उत्तर पूर्व
शुक्र की दिशा– दक्षिण पूर्व
चंद्रमा की दिशा– उत्तर पश्चिम
राहू की दिशा– दक्षिण पश्चिम
घर और घर का वातावरण----
घर के वातावरण और आस-पास के वातावरण के आधार पर घर पर ग्रह के प्रभाव की- ---
1. गुरू का घर:--
इस घर में एयर सर्कुलेशन बेहतरीन होगा। यानि चारों ओर से भले ही खुला न हो लेकिन हवा का असर हर कमरे और कोठरी में देखने को मिलेगा। इस घर का दरवाजा प्राय: उत्तर पूर्व में होता है। या फिर किनारे में होगा लेकिन बीच में नहीं होता। घर के आस-पास धार्मिक स्थान होता है। पीपल का पेड भी हो सकता है।
2. सूर्य का घर: ---
इस घर में प्राकृतिक रोशनी के उत्तम साधन होते हैं। घर के हर कोने में सूर्य की रोशनी पहुंचती है। चाहे अंडरग्राउंड ही क्यों न हो। घर के मुख्य द्वार का संबंध पूर्व दिशा से होता है और मकान के दाहिने हाथ की ओर पानी निकासी की व्यवस्था होती है। एक बात और ऐसे मकान में डिप्रेशन का मरीज अधिक दिन नहीं रह सकता। अगर रहेगा तो जल्दी ही ठीक भी हो जाएगा। इसमें ऊर्जा का प्रवाह जबरदस्त होता है। इसे संभाल लेने की क्षमता मुखिया में होती है इसी कारण आमतौर पर इस परिवार का मुखिया मैनेजमेंट या प्रशासन में होता है। निर्णय लेने वाले लोगों की ऐशगाह।
3. चंद्र का मकान:--
इस मकान में पानी की पूर्ति पूरी रहती है। कई बार तो घर के भीतर ही बोरिंग कर पानी की व्यवस्था की गई होती है। अन्यथा घर से थोडी ही दूरी पर पानी का बडा स्रोत अवश्य होता है। इस मकान में बडे परिवार रहते हैं। घर की महिलाओं के लिए मुखिया की आज्ञा अंतिम आदेश होती है। अधिकांशत: ऐसे मकान का मुंह उत्तर पश्चिम होता है और मुखिया के बैठने की जगह भी उत्तर पश्चिम होती है। ये लोग मिल जुलकर काम करने वाले लोग होते हैं। आमतौर पर इस घर में शांति रहती है लेकिन छोटी-मोटी घटना भी इन लोगों को अन्दर तक झकझोर देती है।
4. शुक्र का मकान: ----
बनावट आलीशान वरना कच्ची जमीन के बीच बना हुआ आशियाना। दक्षिण पूर्व में इसका मुंह होने से मंगल और सूर्य की विशेषताएं लेकर शुक्र यहां आमोद करता है। यहां रहने वाले लोग नाजुक स्वभाव के और तरक्की पसंद होते हैं। इन घरों को कभी दक्षिण में गिन लिया जाता है तो कभी पूर्व में। लेकिन शुक्र का अपना रोल होता है। वह या तो मकान को हद तक खूबसूरत बना देता है या फिर कच्ची मिट्टी के बीच बना शांत स्थान। दोनों की मामलों में घर के भीतर का वातावरण खुशनुमा रहता है। इस घर में लाल रंग का अधिक उपयोग होता है। महिलाएं तेजी से तरक्की करती हैं और पतियों पर राज करती हैं।
5. मंगल का मकान: ---
ऐसे मकान चिकित्सकों के लिए होते हैं। यह आग रखने का स्थान है। इसके उपचार के लिए दक्षिण की दीवार पर मंदिर बनाकर आग जलाए रखने से घर की कलह में कुछ हद तक कमी आती है। किस्मत वाले लोगों को ऐसा घर बनाने के बाद भी इसमें रहने का अवसर नहीं मिल पाता है। अत: यह किराए पर अधिक रहता है।
6. बुध का मकान:----
इस घर का मुंह प्राय: उत्तर दिशा में ही होगा लेकिन इसकी विशेषता होगी हर कोने का खुला होना। यानि मालिक अपना घर जमीन के बीचों-बीच बनाने की कोशिश करता है। घर में कच्ची जमीन होती है और न भी हो तो पेड पौधों के लिए गुंजाइश रखी जाती है। चाहे गमले में ही क्यों न हो। हरी पत्तियों के बीच बैठा इंसान लगातार सोचता है। भले ही आगे बढने की न सोचे पर अपने और दूसरों को जीवन को बेहतर बनाने के बारे में विचार करता रहता है। क्रिएटिव माइंड और कंसल्टेंसी इसकी फितरत है।
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7. शनि का मकान:------
घर का बडा दरवाजा पश्चिम दिशा में होगा। घर के भीतर घुसते ही दांयी ओर बनी कोटडी में रोशनी कम होगी। इस कोटडी को जब भी नीम अंधेरे में रखा जाएगा मकान मालिक का दिन अच्छा जाएगा। मकान में पत्थर गडा होता है। पुराना सा दिखाई देता है। बनाने के कुछ ही दिनों के भीतर ऐसा दिखाई देने लगता है जैसे सालों पहले बनाया हो और अब इसे रंग रोगन की जरूरत है। कितना ही संवार लो सुंदरता आ नहीं पाती। ताजगी का एकांतिक अभाव रहता है। इस घर में बडा गर्डर या खम्भे की गुंजाइश हमेशा होती है जो इसे हल्की भव्यता प्रदान करती है।
8. राहू का मकान: ---
राहू का काम ही गुमनामी का है। आप समझ सकते हैं कि घर के भीतर जाते ही ऐसा महसूस होगा कि जो कुछ दिखाई दे रहा है इससे इतर कुछ और इस मकान में है। भले ही सीधा-सादा मकान ही क्यो न हो। मुख्य द्वार में प्रवेश करने के बाद दाहिनी ओर गुमनाम गड्ढा होने की संभावना होती है। प्रवेश द्वार के नीचे से घर का गंदा पानी बहता हुआ बाहर निकलता है। सामने का घर या तो खाली होगा या उस मकान के मालिक के कोई संतान नहीं होगी। मकान की दीवारें वही रहती हैं और छत बदलती रहती है। मकान के बिल्कुल पास धुंआ छोडने वाली भट्टी होती है या गंदा पानी जमा करने का गड्ढा। कॉमन सेप्टिक टैंक भी हो सकता है जिसमें इलाके के कई घरों का गंदा पानी एकत्र होता हो।
9. केतू का मकान: ----
ऐसा घर जिसकी दीवारें दो गलियों से लगी हों। यानि कोने का मकान और तीन तरफ से खुला। इस घर में हवा आती है लेकिन कहां से पता नहीं लगता। साथ का एक मकान या तो गिरा हुआ होगा या फिर बर्बाद हुआ होगा। साथ के मकान में कुत्तों के टट्टी जाने का स्थान होगा। केतू के मकान में नर संतान तीन या तीन से कम होती है। इससे अधिक नहीं हो पाती।
घर की बनावट, उसकी दिशा, घर के सामान, पेड-पौधे बताते हैं कि घर किस ग्रह के प्रभाव में है। आमतौर पर देखा जाता है कि घर की दिशा क्या है और उसे संबंधित ग्रह के हवाले कर दिया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है। पूर्व मुखी घर में भी राहू की समानताएं हो सकती हैं और पश्चिम मुखी घर में बुध की। इससे पहले की घर पर ग्रहों के विशद प्रभाव की चर्चा करूं मैं सरसरी तौर पर बता देना चाहता हूं कि पारंपरिक पध्दति में दिशा और ग्रह का क्या संबंध है।
सूर्य का घर:
आमतौर पर पूर्व की दिशा में जिन घरों का मुंह होता है उन्हें सूर्य से प्रभावित घर कहते हैं। इनमें परिवार का मुखिया पुरुष होता है यानि पितृ सत्तात्मक परिवार इसमें निवास करता है। पुरुषों की संख्या अधिक होती है और महिलाएं कष्ट पाती हैं। घर के वर्किंग मैम्बर्स का संबंध राजकीय सेवाओं से होता है चाहे नौकरी के तौर पर हो या ठेकेदारी से।
बुध का घर:
इन घरों का मुंह उत्तर दिशा में होता है। इनमें कंसल्टेंट रहते हैं लेकिन चिकित्सक नहीं। उत्तर दिशा का संबंध क्रिएटिविटी से जोडा गया है। ऐसे में आर्कीटेक्ट, कैरियर काउंसलर, इंटीरियर डेकोरेटर, बैंकिंग सेवाओं से जुडे और मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले लोगों का स्थान बताया गया है। इन घरों में बच्चे अच्छी संख्या में होते हैं और धमाचौकडी मचाते रहते हैं।
शनि का घर:
इन घरों का मुंह पश्चिम दिशा में होता है। नौकरी पेशा लोगों के रहने की जगह। दिन में किसी सरकारी या निजी प्रतिष्ठान में बंधुआ मजदूर की तरह काम करके आने के बाद लोग इस घर में आराम, आमोद-प्रमोद करते हैं और सुख-दुख की बातें होती हैं। ये लोग खुद निर्णय लेने वाले लोग नहीं होते। जैसे जिन्दगी इन्हें धक्का देती है ये उसी रास्ते पर निकल पडते हैं। किसी एक की समस्या पूरे परिवार के लिए मिशन बन जाती है। एक समस्या निपटाने के बाद दूसरी समस्या निपटाने की तैयारी शुरू हो जाती है।
मंगल का घर:
इन घरों का मुंह दक्षिण दिशा में होता है। इसमें चिकित्सक और लौंडे मजे करते हैं और आम आदमी दुख पाता है। आमतौर पर हॉस्टल या अस्पताल का मुंह दक्षिण में शुभ होता है। सबसे सफल हॉस्टल भी दक्षिण दिशा में ही हो सकता है। इन घरों से कोई प्यार नहीं करता। न मकान मालिक और न ही रहवासे। लौंडे दिनभर के थके मांदे आते हैं और उल्टी-सीधी हरकतें करने के बाद सो जाते हैं। अगले दिन बिना किसी देख-रेख के इसे छोड जाते हैं। चिकित्सक सुबह और शाम के समय पूजा पाठ की बजाय लोगों के दुख दर्द सुनता है और पैसा बनाता है। घर का ध्यान नौकर या नौकरानी रखते हैं।
इन चार प्रमुख दिशाओं के आधार पर घरों को शुभ या अशुभ बताया जाता है। हालांकि इसके अलावा गुरू, चंद्रमा, राहू और शुक्र की भी दिशाएं होती है लेकिन मोटे तौर पर उन्हें नजर अंदाज कर दिया जाता है---
गुरू की दिशा – उत्तर पूर्व
शुक्र की दिशा– दक्षिण पूर्व
चंद्रमा की दिशा– उत्तर पश्चिम
राहू की दिशा– दक्षिण पश्चिम
घर और घर का वातावरण----
घर के वातावरण और आस-पास के वातावरण के आधार पर घर पर ग्रह के प्रभाव की- ---
1. गुरू का घर:--
इस घर में एयर सर्कुलेशन बेहतरीन होगा। यानि चारों ओर से भले ही खुला न हो लेकिन हवा का असर हर कमरे और कोठरी में देखने को मिलेगा। इस घर का दरवाजा प्राय: उत्तर पूर्व में होता है। या फिर किनारे में होगा लेकिन बीच में नहीं होता। घर के आस-पास धार्मिक स्थान होता है। पीपल का पेड भी हो सकता है।
2. सूर्य का घर: ---
इस घर में प्राकृतिक रोशनी के उत्तम साधन होते हैं। घर के हर कोने में सूर्य की रोशनी पहुंचती है। चाहे अंडरग्राउंड ही क्यों न हो। घर के मुख्य द्वार का संबंध पूर्व दिशा से होता है और मकान के दाहिने हाथ की ओर पानी निकासी की व्यवस्था होती है। एक बात और ऐसे मकान में डिप्रेशन का मरीज अधिक दिन नहीं रह सकता। अगर रहेगा तो जल्दी ही ठीक भी हो जाएगा। इसमें ऊर्जा का प्रवाह जबरदस्त होता है। इसे संभाल लेने की क्षमता मुखिया में होती है इसी कारण आमतौर पर इस परिवार का मुखिया मैनेजमेंट या प्रशासन में होता है। निर्णय लेने वाले लोगों की ऐशगाह।
3. चंद्र का मकान:--
इस मकान में पानी की पूर्ति पूरी रहती है। कई बार तो घर के भीतर ही बोरिंग कर पानी की व्यवस्था की गई होती है। अन्यथा घर से थोडी ही दूरी पर पानी का बडा स्रोत अवश्य होता है। इस मकान में बडे परिवार रहते हैं। घर की महिलाओं के लिए मुखिया की आज्ञा अंतिम आदेश होती है। अधिकांशत: ऐसे मकान का मुंह उत्तर पश्चिम होता है और मुखिया के बैठने की जगह भी उत्तर पश्चिम होती है। ये लोग मिल जुलकर काम करने वाले लोग होते हैं। आमतौर पर इस घर में शांति रहती है लेकिन छोटी-मोटी घटना भी इन लोगों को अन्दर तक झकझोर देती है।
4. शुक्र का मकान: ----
बनावट आलीशान वरना कच्ची जमीन के बीच बना हुआ आशियाना। दक्षिण पूर्व में इसका मुंह होने से मंगल और सूर्य की विशेषताएं लेकर शुक्र यहां आमोद करता है। यहां रहने वाले लोग नाजुक स्वभाव के और तरक्की पसंद होते हैं। इन घरों को कभी दक्षिण में गिन लिया जाता है तो कभी पूर्व में। लेकिन शुक्र का अपना रोल होता है। वह या तो मकान को हद तक खूबसूरत बना देता है या फिर कच्ची मिट्टी के बीच बना शांत स्थान। दोनों की मामलों में घर के भीतर का वातावरण खुशनुमा रहता है। इस घर में लाल रंग का अधिक उपयोग होता है। महिलाएं तेजी से तरक्की करती हैं और पतियों पर राज करती हैं।
5. मंगल का मकान: ---
ऐसे मकान चिकित्सकों के लिए होते हैं। यह आग रखने का स्थान है। इसके उपचार के लिए दक्षिण की दीवार पर मंदिर बनाकर आग जलाए रखने से घर की कलह में कुछ हद तक कमी आती है। किस्मत वाले लोगों को ऐसा घर बनाने के बाद भी इसमें रहने का अवसर नहीं मिल पाता है। अत: यह किराए पर अधिक रहता है।
6. बुध का मकान:----
इस घर का मुंह प्राय: उत्तर दिशा में ही होगा लेकिन इसकी विशेषता होगी हर कोने का खुला होना। यानि मालिक अपना घर जमीन के बीचों-बीच बनाने की कोशिश करता है। घर में कच्ची जमीन होती है और न भी हो तो पेड पौधों के लिए गुंजाइश रखी जाती है। चाहे गमले में ही क्यों न हो। हरी पत्तियों के बीच बैठा इंसान लगातार सोचता है। भले ही आगे बढने की न सोचे पर अपने और दूसरों को जीवन को बेहतर बनाने के बारे में विचार करता रहता है। क्रिएटिव माइंड और कंसल्टेंसी इसकी फितरत है।
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7. शनि का मकान:------
घर का बडा दरवाजा पश्चिम दिशा में होगा। घर के भीतर घुसते ही दांयी ओर बनी कोटडी में रोशनी कम होगी। इस कोटडी को जब भी नीम अंधेरे में रखा जाएगा मकान मालिक का दिन अच्छा जाएगा। मकान में पत्थर गडा होता है। पुराना सा दिखाई देता है। बनाने के कुछ ही दिनों के भीतर ऐसा दिखाई देने लगता है जैसे सालों पहले बनाया हो और अब इसे रंग रोगन की जरूरत है। कितना ही संवार लो सुंदरता आ नहीं पाती। ताजगी का एकांतिक अभाव रहता है। इस घर में बडा गर्डर या खम्भे की गुंजाइश हमेशा होती है जो इसे हल्की भव्यता प्रदान करती है।
8. राहू का मकान: ---
राहू का काम ही गुमनामी का है। आप समझ सकते हैं कि घर के भीतर जाते ही ऐसा महसूस होगा कि जो कुछ दिखाई दे रहा है इससे इतर कुछ और इस मकान में है। भले ही सीधा-सादा मकान ही क्यो न हो। मुख्य द्वार में प्रवेश करने के बाद दाहिनी ओर गुमनाम गड्ढा होने की संभावना होती है। प्रवेश द्वार के नीचे से घर का गंदा पानी बहता हुआ बाहर निकलता है। सामने का घर या तो खाली होगा या उस मकान के मालिक के कोई संतान नहीं होगी। मकान की दीवारें वही रहती हैं और छत बदलती रहती है। मकान के बिल्कुल पास धुंआ छोडने वाली भट्टी होती है या गंदा पानी जमा करने का गड्ढा। कॉमन सेप्टिक टैंक भी हो सकता है जिसमें इलाके के कई घरों का गंदा पानी एकत्र होता हो।
9. केतू का मकान: ----
ऐसा घर जिसकी दीवारें दो गलियों से लगी हों। यानि कोने का मकान और तीन तरफ से खुला। इस घर में हवा आती है लेकिन कहां से पता नहीं लगता। साथ का एक मकान या तो गिरा हुआ होगा या फिर बर्बाद हुआ होगा। साथ के मकान में कुत्तों के टट्टी जाने का स्थान होगा। केतू के मकान में नर संतान तीन या तीन से कम होती है। इससे अधिक नहीं हो पाती।
साफ-सफाई का सब रखें ध्यान : मदन कौर
साफ-सफाई का सब रखें ध्यान : मदन कौर
बाड़मेर स्वच्छता के प्रति जागरूक रहना जरूरी है। सफाई रखने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। स्वस्थ नागरिक ही देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह बात जिला प्रमुख मदन कौर ने चौहटन पंचायत समिति की सेडवा पंचायत मुख्यालय में स्वच्छता अभियान के समापन समारोह में कही। उन्होंने कहा सावधान रहने से बीमारी से बचने के साथ आर्थिक नुकसान भी नहीं होगा। उन्होंने कहा ग्रामीण अपने घरों में शौचालय का निर्माण जरूर कराएं।
चौहटन पंचायत की प्रधान शमा बानो ने कहा स्वच्छता अभियान में आमजन की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा स्वच्छता अभियान एवं मनरेगा के तहत मुख्यमंत्री बीपीएल आवास एवं इंदिरा आवास के लाभार्थियों को निशुल्क शौचालय निर्माण से लाभान्वित किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास अधिकारी नींबा राम बारूपाल ने कहा स्वच्छता को अपनाकर जीवन को स्वस्थ रखें। विकास अधिकारी भोपाल सिंह जोधा ने कहा जरूरतमंद को सरकार योजनाओं का फायदा पहुंचाने का प्रयास जारी हैं। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी रघुनाथ विश्नोई ने कहा स्वच्छता अपनाकर निरोगी रहा जा सकता है।
इस दौरान सेडवा सरपंच धाईदेवी, कॉ-आपरेटिव सहकारी बैंक के चेयरमैन कालू खान, सहायक अभियंता संदीप जैन, रामलाल जैन, देवीसिंह चौधरी सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे। समारोह में प्रश्नोतरी के विजेताओं को सम्मानित किया गया। समारोह में स्वच्छता समन्वयक देवीसिंह चौधरी ने स्वच्छता के बारे में प्रायोगिक जानकारी दी। समारोह में स्वरूप पंवार एंड पार्टी के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।
बाड़मेर स्वच्छता के प्रति जागरूक रहना जरूरी है। सफाई रखने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। स्वस्थ नागरिक ही देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह बात जिला प्रमुख मदन कौर ने चौहटन पंचायत समिति की सेडवा पंचायत मुख्यालय में स्वच्छता अभियान के समापन समारोह में कही। उन्होंने कहा सावधान रहने से बीमारी से बचने के साथ आर्थिक नुकसान भी नहीं होगा। उन्होंने कहा ग्रामीण अपने घरों में शौचालय का निर्माण जरूर कराएं।
चौहटन पंचायत की प्रधान शमा बानो ने कहा स्वच्छता अभियान में आमजन की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा स्वच्छता अभियान एवं मनरेगा के तहत मुख्यमंत्री बीपीएल आवास एवं इंदिरा आवास के लाभार्थियों को निशुल्क शौचालय निर्माण से लाभान्वित किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास अधिकारी नींबा राम बारूपाल ने कहा स्वच्छता को अपनाकर जीवन को स्वस्थ रखें। विकास अधिकारी भोपाल सिंह जोधा ने कहा जरूरतमंद को सरकार योजनाओं का फायदा पहुंचाने का प्रयास जारी हैं। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी रघुनाथ विश्नोई ने कहा स्वच्छता अपनाकर निरोगी रहा जा सकता है।
इस दौरान सेडवा सरपंच धाईदेवी, कॉ-आपरेटिव सहकारी बैंक के चेयरमैन कालू खान, सहायक अभियंता संदीप जैन, रामलाल जैन, देवीसिंह चौधरी सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे। समारोह में प्रश्नोतरी के विजेताओं को सम्मानित किया गया। समारोह में स्वच्छता समन्वयक देवीसिंह चौधरी ने स्वच्छता के बारे में प्रायोगिक जानकारी दी। समारोह में स्वरूप पंवार एंड पार्टी के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।
स्कूल में शराब पीती पकड़ीं तीन छात्राएं!
स्कूल में शराब पीती पकड़ीं तीन छात्राएं!
. अजमेर शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में शुक्रवार को 11वीं क्लास की तीन छात्राएं शराब पीते रंगे-हाथों पकड़ी गईं। स्कूल प्रशासन ने तुरंत इनके परिजनों को बुला घटना की पूरी जानकारी दी गई।
सूत्रों के मुताबिक स्कूल में ये छात्राएं बैग के साथ पानी की बोतल भी लाईं, उसमें शराब भरी थी। तीनों ही कक्षा से बाहर निकल-निकल कर पढ़ाई के दौरान शराब पीती रहीं। वे बार-बार डियो कपड़ों पर लगा रही थीं। किसी तरह शिक्षिकाओं तथा प्राचार्य को इसकी भनक लग गई। छात्राओं से पानी की बोतलें जब्त कर ली गईं। उन्हें कक्षा से बाहर निकाल कर अलग से बैठाया गया। इस बारे में स्कूल प्रबंधन से देर रात्रि तक संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बेसिक फोन किसी ने नहीं उठाया। प्राचार्य का मोबाइल बंद रहा।
इंदौर में भी हुई घटना : पिछलों दिनों ऐसा ही वाकया मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भी सामने आया था। यहां की एक कॉलेज की तीन-चार छात्राएं भी कॉलेज में अपनी कक्षा में ही शराब का सेवन करती पकड़ी गई थी।
मामले का खुलासा तब हुआ जब उनमें से एक छात्रा ने नशा चढऩे के बाद कक्षा कक्ष में ही उल्टी कर दी और शराब की बदबू फैल गई। व्याख्याता ने इसके बाद कॉलेज प्रशासन को जानकारी दी, बाद में उन सभी छात्राओं को कॉलेज से निकाल दिया गया।
सीडी के लिए अजमेर में लॉकर की तलाश
भंवरी प्रकरण : सीबीआई की कार्रवाई
सीडी के लिए अजमेर में लॉकर की तलाश
जोधपुर भंवरी और सोहनलाल के बीच बातचीत के ऑडियो टेप का खुलासा होने के बाद सीबीआई टीम अजमेर में उस लॉकर की तलाश कर रही है जिसमें नेताओं की कथित सीडी रखे जाने की बात कही जा रही है। इसे बरामद करने के लिए सीबीआई की एक टीम अजमेर गई है। दूसरी ओर, सीबीआई की एक अन्य टीम ने शुक्रवार को शहाबुद्दीन की साथी महिला शिक्षक रेहाना और दो अन्य नर्सों से पूछताछ की। टीम ने रेहाना और शहाबुद्दीन को रूबरू कराया। भंवरी के अपहरण के बाद रेहाना आबूरोड में शहाबुद्दीन के साथ थी और गुजरात के काणोदर में बोलेरो छोडऩे के लिए भी साथ गई थी। शहाबुद्दीन को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
सीबीआई उस सीडी की तलाश में है जिसमें भंवरी व पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के कथित आपत्तिजनक दृश्य हैं। इस बीच सीबीआई को भंवरी और सोहनलाल विश्नोई के बीच हुई बातचीत का ऑडियो टेप मिल गया है, जिसमें भंवरी ऐसी दो सीडी अजमेर के लॉकर में होना बताती है। अब सीबीआई भंवरी के परिजनों और किशनगढ़ में उसके पीहर वालों से पूछताछ कर वह लॉकर तलाश रही है।
इस बीच शुक्रवार को सीबीआई ने पावटा तथा भीतरी शहर में रहने वाली दो नर्सों से भी पूछताछ की जो काफी समय से शहाबुद्दीन के संपर्क में रही हैं। टीम ने तिलवासनी में सोहनलाल के घर की तलाशी ली।
सीडी के लिए अजमेर में लॉकर की तलाश
जोधपुर भंवरी और सोहनलाल के बीच बातचीत के ऑडियो टेप का खुलासा होने के बाद सीबीआई टीम अजमेर में उस लॉकर की तलाश कर रही है जिसमें नेताओं की कथित सीडी रखे जाने की बात कही जा रही है। इसे बरामद करने के लिए सीबीआई की एक टीम अजमेर गई है। दूसरी ओर, सीबीआई की एक अन्य टीम ने शुक्रवार को शहाबुद्दीन की साथी महिला शिक्षक रेहाना और दो अन्य नर्सों से पूछताछ की। टीम ने रेहाना और शहाबुद्दीन को रूबरू कराया। भंवरी के अपहरण के बाद रेहाना आबूरोड में शहाबुद्दीन के साथ थी और गुजरात के काणोदर में बोलेरो छोडऩे के लिए भी साथ गई थी। शहाबुद्दीन को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
सीबीआई उस सीडी की तलाश में है जिसमें भंवरी व पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के कथित आपत्तिजनक दृश्य हैं। इस बीच सीबीआई को भंवरी और सोहनलाल विश्नोई के बीच हुई बातचीत का ऑडियो टेप मिल गया है, जिसमें भंवरी ऐसी दो सीडी अजमेर के लॉकर में होना बताती है। अब सीबीआई भंवरी के परिजनों और किशनगढ़ में उसके पीहर वालों से पूछताछ कर वह लॉकर तलाश रही है।
इस बीच शुक्रवार को सीबीआई ने पावटा तथा भीतरी शहर में रहने वाली दो नर्सों से भी पूछताछ की जो काफी समय से शहाबुद्दीन के संपर्क में रही हैं। टीम ने तिलवासनी में सोहनलाल के घर की तलाशी ली।
एएनएम भंवरीदेवी अपहरण मामले में शहाबुद्दीन की प्रेमिका से फिर पूछताछ
शहाबुद्दीन की प्रेमिका से फिर पूछताछ
जोधपुर। एएनएम भंवरीदेवी अपहरण मामले की जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार को यहां सर्किट हाउस में मुख्य सूत्रधार शहाबुद्दीन की प्रेमिका समेत सहकर्मी एक एएनएम व कुछ महिलाओं से पूछताछ की। शहाबुद्दीन की प्रेमिका रेहाना से महिला अधिकारी की मौजूदगी में बंद कमरे में पूछताछ की गई। इससे पूर्व सीबीआई गुरूवार को लूनी विधायक मलखान विश्नोई की बहन इन्द्रा विश्नोई से करीब सात घंटे तक पूछताछ कर चुकी है।
पूछताछ की वजह क्या?
भंवरी के अपहरण में शहाबुद्दीन की मुख्य भूमिका सामने आने के बाद पहले पुलिस और फिर सीबीआई रेहाना से कई बार पूछताछ कर चुकी है। शहाबुद्दीन रिमाण्ड पर चल रहा है। सीबीआई अधिकारी द्वारा शहाबुद्दीन के बयानों की तस्दीक अथवा पुष्टि करवाने के लिए दोनों से आमने-सामने पूछताछ की संभावना है।
भंवरी-इन्द्रा के बीच हुई बातचीत का ऑडियो क्लिप मीडिया के हाथ लगने के बारे में भी उससे सवाल-जवाब किए गए। इधर पांच दिन की रिमाण्ड अवधि समाप्त होने के बाद शहाबुद्दीन को एक बार फिर शनिवार को सीबीआई मामलात की कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इस बीच न्यायालय के आदेशानुसार सीबीआई ने रिमाण्ड पर चल रहे शहाबुद्दीन का शुक्रवार सुबह महात्मा गांधी अस्पताल में मेडिकल जांच करवाई। जांच में आरोपी की रिपोर्ट सामान्य पाई गई।
नक्शों से तस्दीक के प्रयास
रेहाना के समक्ष शहाबुद्दीन से पूछताछ के दौरान सीबीआई ने जोधपुर संभाग के नक्शों का सहयोग लिया। जिसकी सहायता से सीबीआई वारदात के फरार हुए शहाबुद्दीन व रेहाना से उन स्थानों की तस्दीक करने का प्रयास कर रही है, जहां-जहां दोनों गए थे। इदसके साथ ही पालनपुर के कणोदर स्थित गैराज में छुपाई गई बोलेरो के संबंध में भी तस्दीक की जा रही है।
भंवरी के भाई से सुराग जुटाने की कोशिश
मदनगंज-किशनगढ़. भंवरीदेवी मामले में सीबीआई ने उसके भाई कैलाश नटराज से भी पूछताछ की है। जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में छह दिन पहले करीब चार घण्टे तक हुई पूछताछ में कैलाश ने लूणी विधायक मलखान विश्नोई की बहन इंद्रा पर भंवरी की हत्या करने का संदेह व्यक्त किया। कैलाश ने अपहरण से पूर्व भंवरी के परेशान रहने की बात भी बताई। कैलाश ने "पत्रिका" को बताया कि उसका जीजा नेहरू अस्पताल में भर्ती था। इसी दौरान 30 अक्टूबर को सीबीआई के एक अधिकारी ने उससे अस्पताल में पूछताछ की।
जोधपुर। एएनएम भंवरीदेवी अपहरण मामले की जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार को यहां सर्किट हाउस में मुख्य सूत्रधार शहाबुद्दीन की प्रेमिका समेत सहकर्मी एक एएनएम व कुछ महिलाओं से पूछताछ की। शहाबुद्दीन की प्रेमिका रेहाना से महिला अधिकारी की मौजूदगी में बंद कमरे में पूछताछ की गई। इससे पूर्व सीबीआई गुरूवार को लूनी विधायक मलखान विश्नोई की बहन इन्द्रा विश्नोई से करीब सात घंटे तक पूछताछ कर चुकी है।
पूछताछ की वजह क्या?
भंवरी के अपहरण में शहाबुद्दीन की मुख्य भूमिका सामने आने के बाद पहले पुलिस और फिर सीबीआई रेहाना से कई बार पूछताछ कर चुकी है। शहाबुद्दीन रिमाण्ड पर चल रहा है। सीबीआई अधिकारी द्वारा शहाबुद्दीन के बयानों की तस्दीक अथवा पुष्टि करवाने के लिए दोनों से आमने-सामने पूछताछ की संभावना है।
भंवरी-इन्द्रा के बीच हुई बातचीत का ऑडियो क्लिप मीडिया के हाथ लगने के बारे में भी उससे सवाल-जवाब किए गए। इधर पांच दिन की रिमाण्ड अवधि समाप्त होने के बाद शहाबुद्दीन को एक बार फिर शनिवार को सीबीआई मामलात की कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इस बीच न्यायालय के आदेशानुसार सीबीआई ने रिमाण्ड पर चल रहे शहाबुद्दीन का शुक्रवार सुबह महात्मा गांधी अस्पताल में मेडिकल जांच करवाई। जांच में आरोपी की रिपोर्ट सामान्य पाई गई।
नक्शों से तस्दीक के प्रयास
रेहाना के समक्ष शहाबुद्दीन से पूछताछ के दौरान सीबीआई ने जोधपुर संभाग के नक्शों का सहयोग लिया। जिसकी सहायता से सीबीआई वारदात के फरार हुए शहाबुद्दीन व रेहाना से उन स्थानों की तस्दीक करने का प्रयास कर रही है, जहां-जहां दोनों गए थे। इदसके साथ ही पालनपुर के कणोदर स्थित गैराज में छुपाई गई बोलेरो के संबंध में भी तस्दीक की जा रही है।
भंवरी के भाई से सुराग जुटाने की कोशिश
मदनगंज-किशनगढ़. भंवरीदेवी मामले में सीबीआई ने उसके भाई कैलाश नटराज से भी पूछताछ की है। जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में छह दिन पहले करीब चार घण्टे तक हुई पूछताछ में कैलाश ने लूणी विधायक मलखान विश्नोई की बहन इंद्रा पर भंवरी की हत्या करने का संदेह व्यक्त किया। कैलाश ने अपहरण से पूर्व भंवरी के परेशान रहने की बात भी बताई। कैलाश ने "पत्रिका" को बताया कि उसका जीजा नेहरू अस्पताल में भर्ती था। इसी दौरान 30 अक्टूबर को सीबीआई के एक अधिकारी ने उससे अस्पताल में पूछताछ की।
सरपंच को जलाया जिंदा, 51 को मिली उम्रकैद
सरपंच को जलाया जिंदा, 51 को मिली उम्रकैद
रायपुर। राजधानी से लगभग 55 किमी दूर भाटापारा के नेवारी-फुलवारी गांव में साढ़े तीन साल पहले सरपंच को जिंदा जलाकर मार डालने के मामले में विशेष अदालत ने गांव के ही 51 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। पुलिस ने 79 लोगों को इस जघन्य हत्याकांड में आरोपी बनाया था। अदालत ने 27 लोगों को बरी कर दिया, जबकि एक की मृत्यु हो गई है।
फैसले को ध्यान में रखते हुए रायपुर जिला कचहरी में शुक्रवार को सुबह से काफी फोर्स लगा दी गई थी। वहां मौजूद लोगों में 29 वे भी थे, जिन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इस मामले में जेल में बंद 49 लोगों को शाम करीब पौने 4 बजे कचहरी लाया गया। इसके आधा घंटे बाद, विशेष न्यायाधीश गनपत राव ने शाम करीब सवा 4 बजे फैसला सुनाया। जिन्हें सजा सुनाई गई, उनमें से दो जमानत पर थे। इन दोनों को भी शेष 49 के साथ जेल भेज दिया गया।
रायपुर। राजधानी से लगभग 55 किमी दूर भाटापारा के नेवारी-फुलवारी गांव में साढ़े तीन साल पहले सरपंच को जिंदा जलाकर मार डालने के मामले में विशेष अदालत ने गांव के ही 51 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। पुलिस ने 79 लोगों को इस जघन्य हत्याकांड में आरोपी बनाया था। अदालत ने 27 लोगों को बरी कर दिया, जबकि एक की मृत्यु हो गई है।
फैसले को ध्यान में रखते हुए रायपुर जिला कचहरी में शुक्रवार को सुबह से काफी फोर्स लगा दी गई थी। वहां मौजूद लोगों में 29 वे भी थे, जिन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इस मामले में जेल में बंद 49 लोगों को शाम करीब पौने 4 बजे कचहरी लाया गया। इसके आधा घंटे बाद, विशेष न्यायाधीश गनपत राव ने शाम करीब सवा 4 बजे फैसला सुनाया। जिन्हें सजा सुनाई गई, उनमें से दो जमानत पर थे। इन दोनों को भी शेष 49 के साथ जेल भेज दिया गया।
"भंवरी मत जाना, बच्चों से दूर हो जाएगी"
"भंवरी मत जाना, बच्चों से दूर हो जाएगी"
जोधपुर। भंवरी प्रकरण में शुक्रवार को सामने आई एक और ऑडियो क्लिप में कथित रूप से सोहनलाल व भंवरी के बीच बातचीत है। इसमें बर्खास्त मंत्री महिपाल मदेरणा को 2 दिन की मोहलत, भंवरी को बाहर नहीं जाने की हिदायत, एक करोड़ या 50 लाख रू. लेने, निलम्बित एसआई लाखाराम के मध्यस्थता करने का जिक्र है।
इसमें बंटी ग्रुप को बुलाने की बात भी कही गई है। बातचीत के दौरान सोहनलाल मध्यस्थता कर भंवरी को समझा रहा है। शुक्रवार को पौने ग्यारह मिनट की ऑडियो क्लिप पहंुची। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश।
फूटी कौड़ी भी नहीं मिली
सोहनलाल: लाखाराम आदमी कैसा है....।
भंवरी: लाखा अच्छा व्यक्ति है...अपने काम आए जैसा आदमी है...बोरूंदा रहा हुआ है...सभी को जानता है।
सोहनलाल: लाखाराम से कहो कि उस बनिए को हटाओ...।
भंवरी: कोई बात नहीं...बाबू वाला काम शुरू नहीं किया...मुझे पैसे की जरूरत नहीं...।
सोहनलाल: लोग इस मामले में बदनाम कर रहे हैं....कोई कह रहा है करोड़ तो कोई पचास लेने की बात कर रहा है...लेकिन फूटी कौड़ी भी नहीं दी...इसका हल्ला ज्यादा हो गया।
भंवरी: गांव नहीं आ रहे हो...।
सोहनलाल: बड़े लोग अन्ना हजारे में उलझ गए...इसके बाद आ जाएंगे...।
दोनों की साथ में आवाज
भंवरी: अजमेर आजा या ब्यावर, बर कहीं पर आ जाना...।
सोहनलाल: कहीं भी आऊंगा, लेकिन जोधपुर नहीं आ सकता...। बंटी वाला ग्रुप भारी पड़ेगा...बाहर के लोग हट जाएंगे...घर परिवार के बिना नहीं चल सकता...। फोटोग्राफ के साथ बाबू (मलखान) के जयपुर स्थित पते पर रजिस्टर्ड पत्र भेज दें। उसमें डिटेल लिखी है।...मैंने उनकी वजह से नुकसान व बुराई झेली...।
दोनों की साथ में आवाज...अब नहीं डरेंगे।
सोहनलाल: बाहर जाती है तो ध्यान से जाना...बच्चों से दूर हो जाएगी।
भंवरी: ऎसा कुछ नहीं है, कुछ करने पर इसका प्रूफ निकल जाएगा।
भंवरी: लॉकर है अजमेर में...कोड नम्बर कल बता दूंगी...।
सोहनलाल: कैसेट चार हैं क्या...राजूभाई कह रहा था चार कैसेट बनी हैं छोटी वाली...।
भंवरी: मेरे पास दो कैसेट हैं...दो कैसेट...मलखान के हाथ लगे तो मैं धोखे में नहीं रहंूगी...एक गोल व एक छोटी कैसेट है...दो दिन का समय है कुछ करने का....
सोहनलाल: ...कुछ नहीं होगा...।
जोधपुर। भंवरी प्रकरण में शुक्रवार को सामने आई एक और ऑडियो क्लिप में कथित रूप से सोहनलाल व भंवरी के बीच बातचीत है। इसमें बर्खास्त मंत्री महिपाल मदेरणा को 2 दिन की मोहलत, भंवरी को बाहर नहीं जाने की हिदायत, एक करोड़ या 50 लाख रू. लेने, निलम्बित एसआई लाखाराम के मध्यस्थता करने का जिक्र है।
इसमें बंटी ग्रुप को बुलाने की बात भी कही गई है। बातचीत के दौरान सोहनलाल मध्यस्थता कर भंवरी को समझा रहा है। शुक्रवार को पौने ग्यारह मिनट की ऑडियो क्लिप पहंुची। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश।
फूटी कौड़ी भी नहीं मिली
सोहनलाल: लाखाराम आदमी कैसा है....।
भंवरी: लाखा अच्छा व्यक्ति है...अपने काम आए जैसा आदमी है...बोरूंदा रहा हुआ है...सभी को जानता है।
सोहनलाल: लाखाराम से कहो कि उस बनिए को हटाओ...।
भंवरी: कोई बात नहीं...बाबू वाला काम शुरू नहीं किया...मुझे पैसे की जरूरत नहीं...।
सोहनलाल: लोग इस मामले में बदनाम कर रहे हैं....कोई कह रहा है करोड़ तो कोई पचास लेने की बात कर रहा है...लेकिन फूटी कौड़ी भी नहीं दी...इसका हल्ला ज्यादा हो गया।
भंवरी: गांव नहीं आ रहे हो...।
सोहनलाल: बड़े लोग अन्ना हजारे में उलझ गए...इसके बाद आ जाएंगे...।
दोनों की साथ में आवाज
भंवरी: अजमेर आजा या ब्यावर, बर कहीं पर आ जाना...।
सोहनलाल: कहीं भी आऊंगा, लेकिन जोधपुर नहीं आ सकता...। बंटी वाला ग्रुप भारी पड़ेगा...बाहर के लोग हट जाएंगे...घर परिवार के बिना नहीं चल सकता...। फोटोग्राफ के साथ बाबू (मलखान) के जयपुर स्थित पते पर रजिस्टर्ड पत्र भेज दें। उसमें डिटेल लिखी है।...मैंने उनकी वजह से नुकसान व बुराई झेली...।
दोनों की साथ में आवाज...अब नहीं डरेंगे।
सोहनलाल: बाहर जाती है तो ध्यान से जाना...बच्चों से दूर हो जाएगी।
भंवरी: ऎसा कुछ नहीं है, कुछ करने पर इसका प्रूफ निकल जाएगा।
भंवरी: लॉकर है अजमेर में...कोड नम्बर कल बता दूंगी...।
सोहनलाल: कैसेट चार हैं क्या...राजूभाई कह रहा था चार कैसेट बनी हैं छोटी वाली...।
भंवरी: मेरे पास दो कैसेट हैं...दो कैसेट...मलखान के हाथ लगे तो मैं धोखे में नहीं रहंूगी...एक गोल व एक छोटी कैसेट है...दो दिन का समय है कुछ करने का....
सोहनलाल: ...कुछ नहीं होगा...।
बोरवेल में गिरी मासूम बारह घंटे बाद निकला मासूम को जिन्दा नहीं रही
बोरवेल में गिरी मासूम बारह घंटे बाद निकला मासूम को
जिन्दा नहीं रही
बाड़मेर। सीमावर्ती चौहटन तहसील के तड़ला पंचायत के सांवलासी गांव में शुकवार को एक पांच वर्षीय मासूम खेलते-खेलते खुले बोरवेल में गिरी मासूम बालिका को बारह घंटे के बचाव के कार्यो के बाद भी जिन्दा नहीं बचाया जा सका .मासूम को शनिवार अलसुबह पांच बजे बोरवेल से निकाला गया .बारह घटे तक जींदगी और मौत के बीच जंग लड़ते हुए बालिका आखिर जिंदगी की जंग हार गयी । बोरवेल दो सौ मीटर गहरा है।
तड़ला पंचायत के राजस्व गांव सांवलासी की छह वर्षीय भूरी पुत्री हनुमान कुम्हार अपनी दो अन्य सहेलियों के साथ धोरों पर बकरियां चराते हुए खेल रही थी। इसी शाम करीब पांच बजे उसका पांव एक गहरे गड्ढे में उतर गया। उसे जमीन में जाते देख बदहवास दोनों सहेलियां घर की ओर दौड़ी।
घर जाकर घटना की जानकारी दी। पता लगते ही परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। दुरूह धोरों में बच्ची को निकालने का कोई साधन ग्रामीणों को नहीं सूझ रहा है। उन्होंने प्रशासन व पुलिस को इसकी इत्तला दी है। चौहटन से उपखण्ड अधिकारी और नायब तहसीलदार सेड़वा सांवलासी में डेरा डाले हुए हें । बचाव में ग्रामीण भी पूरा प्रयास कर रहे हें
यह गड्ढा दो सौ फीट से ज्यादा गहरा है। इसमें पहले बोरवेल का पाइप लगा था जिसको निकाल दिया गया। जलदाय महकमे द्वारा गड्ढे को नहीं पाटा गया। घटना स्थल पर देर रात तक सैकड़ों ग्रामीणों का जमावड़ा हो गया। रात भर की मस्कट के बाद अलसुबह बालिका को निकाला गया .बालिका का शव परिजनों को सौप दिया.
हमले में मां-बेटी समेत तीन घायल
हमले में मां-बेटी समेत तीन घायल
सिणधरी। भूंका भगतसिंह गांव में गुरूवार रात को एक जने ने घर में अनाधिकृत प्रवेश कर मां बेटी समेत तीन जनों पर तलवार से जानलेवा हमला कर चोटे पहुंचाई। हमले में घायल मां बेटी का सिणधरी में प्राथमिक उपचार के बाद बाड़मेर रैफर किया। पुलिस के मुताबिक भैराराम पुत्र लाधुराम निवासी जैरूपाणियों का तला होडू ने भूंका भगतसिंह निवासी सइयां पत्नी स्व. जोगाराम केली पुत्री जोगाराम, भोमाराम पुत्र उदाराम निवासी उंदरी के साथ घर में घुसकर जानलेवा हमला किया। इसमें मां बेटी समेत तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने भैराराम को गिरफ्तार कर तीनों का उपचार करवाया तथा प्राथमिकी दर्ज की।
अवैध लकड़ी से भरा ट्रक जब्त
सिणधरी। सिणधरी से बालोतरा जाने वाली मेगा हाइवे पर गुरूवार रात्रि को हैड कांस्टेबल चंद्रपाल मय जाब्ता ने नाकेबंदी के दौरान खेजड़ी व देशी बबूल की गीली लकड़ी से भरे ट्रक को जब्त किया। साथ ही आरोपी ट्रक चालक हरीसिंह पुत्र खीमसिंह निवासी सायला को गिरफ्तार किया। वन अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।
सिणधरी। भूंका भगतसिंह गांव में गुरूवार रात को एक जने ने घर में अनाधिकृत प्रवेश कर मां बेटी समेत तीन जनों पर तलवार से जानलेवा हमला कर चोटे पहुंचाई। हमले में घायल मां बेटी का सिणधरी में प्राथमिक उपचार के बाद बाड़मेर रैफर किया। पुलिस के मुताबिक भैराराम पुत्र लाधुराम निवासी जैरूपाणियों का तला होडू ने भूंका भगतसिंह निवासी सइयां पत्नी स्व. जोगाराम केली पुत्री जोगाराम, भोमाराम पुत्र उदाराम निवासी उंदरी के साथ घर में घुसकर जानलेवा हमला किया। इसमें मां बेटी समेत तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने भैराराम को गिरफ्तार कर तीनों का उपचार करवाया तथा प्राथमिकी दर्ज की।
अवैध लकड़ी से भरा ट्रक जब्त
सिणधरी। सिणधरी से बालोतरा जाने वाली मेगा हाइवे पर गुरूवार रात्रि को हैड कांस्टेबल चंद्रपाल मय जाब्ता ने नाकेबंदी के दौरान खेजड़ी व देशी बबूल की गीली लकड़ी से भरे ट्रक को जब्त किया। साथ ही आरोपी ट्रक चालक हरीसिंह पुत्र खीमसिंह निवासी सायला को गिरफ्तार किया। वन अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।
बोरवेल में गिरी मासूम प्रशासन जुटा बचाव में
बोरवेल में गिरी मासूम प्रशासन जुटा बचाव में
बाड़मेर। सीमावर्ती चौहटन तहसील के तड़ला पंचायत के सांवलासी गांव में शुकवार को एक पांच वर्षीय मासूम खेलते-खेलते खुले बोरवेल में गिर गई। बोरवेल दो सौ मीटर गहरा है। घटनास्थल पर ग्रामीणों का जमघट लग गया है और इस मासूम को बचाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पंहुच गए हें ,बालिका को निकालने के प्रयास जारी हें
तड़ला पंचायत के राजस्व गांव सांवलासी की छह वर्षीय भूरी पुत्री हनुमान कुम्हार अपनी दो अन्य सहेलियों के साथ धोरों पर बकरियां चराते हुए खेल रही थी। इसी शाम करीब पांच बजे उसका पांव एक गहरे गड्ढे में उतर गया। उसे जमीन में जाते देख बदहवास दोनों सहेलियां घर की ओर दौड़ी।
घर जाकर घटना की जानकारी दी। पता लगते ही परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। दुरूह धोरों में बच्ची को निकालने का कोई साधन ग्रामीणों को नहीं सूझ रहा है। उन्होंने प्रशासन व पुलिस को इसकी इत्तला दी है। चौहटन से उपखण्ड अधिकारी और नायब तहसीलदार सेड़वा सांवलासी में डेरा डाले हुए हें । बचाव में ग्रामीण भी पूरा प्रयास कर रहे हें
यह गड्ढा दो सौ फीट से ज्यादा गहरा है। इसमें पहले बोरवेल का पाइप लगा था जिसको निकाल दिया गया। जलदाय महकमे द्वारा गड्ढे को नहीं पाटा गया। घटना स्थल पर देर रात तक सैकड़ों ग्रामीणों का जमावड़ा हो गया। एक जेसीबी आई है, लेकिन बचाव के पुख्ता इंतजाम शुरू नहीं हो पाए थे।
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