रविवार, 2 अक्टूबर 2011

सिरोही न्यूज़ बॉक्स ...आज की खबरे 02 अक्टूबर, 2011


हमले में साधु घायल


सिरोही। समीपवर्ती रामपुरा में शनिवार रात अज्ञात लोगों ने मंदिर के साधु को लाठियों से मारपीट कर घायल कर दिया। ग्रामीणों ने लूट के इरादे से हमला करने का अंदेशा जताया है। जानकारी के अनुसार रामपुरा में हनुमान मंदिर के साधु भूतनाथ महाराज शनिवार रात करीब ग्यारह बजे मंदिर परिसर में बैठे हुए थे। इस दौरान तीन-चार अज्ञात लोग गए तथा लाठियों से हमला कर पैसों की मांग की।

आवाज सुनकर लोग आए, लेकिन तब तक हमलावर भाग गए। ग्रामीणों ने घायल साधु को अस्पताल पहंुचाया। ग्रामीण गमनाराम ने बताया कि लूट के इरादे से साधु पर हमला किया गया है। इस सम्बंध में पुलिस को भी इत्तला दी गई, जिस पर पुलिस ने मौका-मुआयना किया।


टै्रक्टर की चपेट में आने से बालिका की मौत

मंडार। कस्बे में शनिवार दोपहर बाद ट्रैक्टर की चपेट में आने से एक बालिका गंभीर रूप से घायल हो गई। घायलावस्था में उपचार के लिए पालनपुर ले जाते समय उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

पुलिस के अनुसार राजूराम पुत्र शांतिलाल कोली ने रिपोर्ट देकर बताया कि उसकी छोटी बहन नोनू (12) कुएं पर पिताजी को खाना देकर घर लौट रही थी। उस दौरान टै्रक्टर चालक मंडार निवासी कांतिलाल पुत्र भोमाराम कोली नेे वाहन को तेज गति व लापरवाही से चलाकर बालिका को टक्कर मार दी। जिससे वह घायल हो गई। घायल को उपचार के लिए गुजरात के पालनपुर ले जाते समय उसने राह में ही दम तोड़ दिया।


अंधेरे में डूबा कोतवाली थाना

सिरोही। विद्युत लाइन में शॉर्ट सर्किट होने के कारण दो दिन से कोतवाली थाना अंधेरे में डूबा हुआ है। बिजली नहीं होने के कारण विभिन्न प्रकार के कार्यो में परेशानी झेलनी पड़ रही है। पुलिसकर्मियों ने परिसर में बैठकर रात गुजारी। थानाधिकारी लाभूराम विश्नोई के अनुसार शुक्रवार दोपहर को शॉर्ट सर्किट के कारण थाने में कई स्वीच बोर्ड समेत उपकरण जल गए।

पूरे में थाने में बिजली गुल हो गई। इस संदर्भ में पीडब्ल्यूडी को तत्काल जानकारी दे दी गई थी, लेकिन फिलवक्त कोई कार्य नहीं किया गया। ऎसे में कोतवाली कागजी कार्रवाई भी प्रभावित हुई। पंखे बंद हो जाने के कारण पुलिसकर्मियों को मजबूरी में थाना परिसर के बाहर बैठकर रात गुजारनी पड़ी।


पालिका की कार व ट्रैक्टर जब्त

सिरोही। लोक अदालत के आदेश की पालना नहीं करने पर शुक्रवार को सिरोही नगरपालिका के दो वाहन जब्त कर लिए गए। इनमें एक पालिकाध्यक्ष की कार तथा एक टै्रक्टर है। सिविल न्यायालय की ओर से गत 20 सितम्बर को जारी जब्ती वारंट पर न्यायालय के नाजिर ने यह कार्रवाई की।

जानकारी के अनुसार वैद्यनाथ कॉलोनी में बुनियादी सुविधाओं के तहत सड़कें व नालियां नहीं होने से पालिका से इनका निर्माण करवाने की गुहार लगाते हुए कॉलोनी निवासी एडवोकेट मंछाराम सुथार ने 15 दिसम्बर, 2008 को स्थाई लोक अदालत में पालिका के खिलाफ एक परिवाद पेश किया था। इस पर फैसला देते हुए लोक अदालत ने पालिका को तीन माह में सड़कों व नालियों का निर्माण कराने का आदेश दिया, लेकिन पालिका ने उसकी पालना नहीं की।

इस पर एडवोकेट मंछाराम ने अदालत के निर्णय की पालना कार्रवाई के लिए सिविल न्यायालय में इजराय पेश की। जिस पर न्यायालय ने गत 20 सितम्बर को जब्ती आदेश जारी किया। इस आदेश की पालना में न्यायालय के नाजिर ने ये दोनों वाहन शुक्रवार को जब्त कर लिए गए।

जालोर न्यूज़ बॉक्स ...आज की खबरे Sun, Oct 02, 2011

थानेदार निलंबित, मुख्यालय जोधपुर

जालोर। शराब तस्करों के साथ जोधपुर की एक होटल में शराब के जाम छलकाने वाले उप निरीक्षक राजेन्द्रसिंह को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है। एसपी ने बताया कि शराब तस्करों के साथ शराब की पार्टी में शरीक आरोपी उप निरीक्षक को निलंबित कर मुख्यालय जोधपुर कर दिया गया है। मामले की जांच जालोर डिप्टी देवकिशन शर्मा को सौंपी है।

यह था मामला
जालोर जिले में शराब तस्करी के एक मामले में हरियाणा से एक आरोपी को जालोर में पदस्थापित थानेदार राजेन्द्रसिंह व जैसलमेर में पदस्थापित कांस्टेबल प्रहलादसिंह गिरफ्तार कर लाए थे। उन्होंने आरोपी को जालोर लाने के बजाय जोधपुर के एक होटल में रोक कर रखा। वहीं आरोपी के साथ गुरूवार को शराब के जाम छलकाए। मामला उजागर होने पर एसपी ने उप निरीक्षक को शुक्रवार को निलंबित कर दिया। आरोपी थानेदार को हाल ही में जालोर यातायात प्रभारी लगाया था। निलंबन के बाद उनका मुख्यालय जोधपुर रहेगा।

इनका कहना है...
पु लिस उप निरीक्षक को शराब पार्टी मे शरीक होने के आरोप में निलंबित किया गया है। इस दौरान उनका मुख्यालय जोधपुर रहेगा। इस पूरे मामले की जांच उपाधीक्षक देव किशन शर्मा करेंगे।
राहुल बारहट पुलिस अधीक्षक, जालोर

अज्ञात वाहन की टक्कर से युवक की मौत

सांचौर। नगर के मौखपुरा नेशनल हाईवे पन्द्रह पर शुक्रवार रात एक युवक की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई। मौखुपुरा निवासी किशनलाल पुत्र मालाराम विश्नोई ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि नेशनल हाईवे पन्द्रह पर सुरेन्द्रसिंह(30) पुत्र दिलीपसिंह राजपूत निवासी झापरिया पंजाब पैदल जा रहा था।

पीछे से अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। 108 एम्बुलेंस ने उसे राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करवाया जहां पर इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव को राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया और परिजनों को सूचित किया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।


शराब तस्कर दो दिन के रिमाण्ड पर

भीनमाल। बागोड़ा थाना क्षेत्र के रंगाला गांव से गत 31 जून को बरामद शराब से भरे टैंकर के मामले में पुलिस ने एक तस्कर को गिरफ्तार किया। जिसे शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उन्हें दो दिन के पुलिस रिमाण्ड पर भेजा गया। मामले की जांच भीनमाल पुलिस निरीक्षक दलपतसिंह भाटी कर रहे हैं।

भाटी ने बताया कि हनुमानगढ़ जिले के टिबी निवासी सुभाष पुत्र दीवानचंद जैन को पुलिस ने जालोर से गिरफ्तार किया। गौरतलब है कि बागोड़ा पुलिस ने गत 31 जून को रंगाला गांव में दबिश देकर एक टैंकर में भरी शराब बरामद की थी। मामले में जैन आरोपी वांछित चल था। इसी मामले में जोधपुर में शराब तस्कर के साथ जाम छलकाने के मामले में जिला मुख्यालय पर यातायात प्रभारी राजेन्द्रसिंह को पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने निलम्बित किया था।

एसपी ममता विश्नोई ने सुनी समस्याएं



एसपी ममता विश्नोई ने सुनी समस्याएं

फतेहगढ़। सांगड़ थाने में शनिवार को सीएलजी की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने की। बैठक में आसपास के ग्रामीणों ने भी शिरकत की। पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी ओमप्रकाश गोदारा से क्षेत्र के बारे में जानकारी ली। बैठक में ग्रामीणों ने एसपी से फतेहगढ़ कस्बे में पुलिस थाना खोलने की मांग की।

जिस पर एसपी ने कहा कि इस संबंध में प्रस्ताव सरकार को भिजवा दिया गया है, मंजूरी आने पर थाना खोल दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी को बाहर से आने वाले श्रमिकों का वेरीफिकेशन करने को कहा। उन्होंने ग्रामीणों को गांव में चौपालों का चरण फिर से करने की सलाह दी। इस दौरान सांगड़ सरपंच भैरूदान चारण, शम्भूदान, लजपतसिंह, गुमानाराम चौधरी आदि उपस्थित थे।

124 साल का हमला..राजस्थान का सबसे बुजुर्ग होने का दावा

124 साल का हमला..राजस्थान का सबसे बुजुर्ग होने का दावा

125 वीं सालगिरह पर ख्वाजा साहब की दरगाह की जियारत की इच्छा

बाडमेर पश्चिम राजस्थान का सीमावर्ती जिला बाडमेर अपनी लोक कला और संस्कृति के लिऐं जाना जाता हैं। यह सीमावर्ती जिला अपने खास खान ,पान,रहन-सहन और जिन्दा दिल्ली के लियें भी खास तौर से जाना जाता हैं। इस जिले के लोग अपनी शारीरिक बनावट,कद काठी के लिये मशहूर हैं। इस सीमावर्ती जिले के रामसर तहसील के अजबानी गांव कें निवासी हमला पुत्र जीया नें 124 बसंत पार कर लिऐं सम्भवत: हमला राजस्थान में सबसे अधिक आयु का जिन्दा व्यक्ति हैं। लगभग 253 सदस्यों कें परिवार का मुखिया हमला इस उम्र में भी बहुत जिन्दा दिल हैं। इसी क्षैत्र में दो महिला सहित चार शतकवीर हैं।इनमें से एक क्षेत्रिय विधायक की माता फातमा पत्नी दीना खान 106 साल,का इसी साल देहांत हो गया .चनेसर खान 113 साल निवासी लाखेटाली हैं।वहीं 108 साल की श्रीमति वलिया पत्नी अदरीम निवासी सियाई तो आज भी घर के कामकाज निपटा रही हैं।जिला मुख्यालय सें लगभग 70 किलोमीटर दूर रामसर तहसील के गांव अजबानी से एक किमी दूर एक ढाणी के झोंपडे के बाहर खाट पर एक बुजुर्ग बैठा हैं।हाथ में लाठी लिऐं बकरियों को चरा रहा हैं।ये हैं 124 साल का राजस्थान का सम्भवत: यबसे बुजुर्ग व्यक्ति हमला पुत्र जीया।253 सदस्यों के परिवार का मुखिया हमला की सबसे बडी पुत्री अमरी 85 साल की हैं।अमरी का निकाह पीरे का पार निवासी चिनेसर से 1926 में हुआ था।यह गांव भारत पाकिस्तान विभाजन के दौरान पाकिस्तान के सिन्ध प्रांत में चला गया।आजादी के बाद से हमला अपनी बेटी से नहीं मिला।हमला तीन बेटिया अमरीएहनु और सईदा हैं वहीं तीन पुत्र हैजम,जूमा और आदम हैं ।सबसे बडे पुत्र हैजम की उम्र भी इस वक्त 82 साल हैं।हमला का पड पोता अरबाब 23 साल का हैं।उसका भी निकाह हो रखा है।हमला नें अपनी लम्बी उम्र का राज बताते हूए कहा कि बाडमेर विभाजन से पहले अरब जानें का एक मात्र व्यापारिक रास्ता था।खाने की खूब सामग्री आती थी।खाना शुद्ध होता था।दूध,दही,छाछ,बाजरी , की रोटी या राब खाते नशा नहीं था।उसने बताया कि वह किसी के घर पानी भी नही पीता था।40 की उम्र में निकाह हुआ था।हमला की शरीक ए हयात की 23 साल पहले मृत्यु हो चुकी हैं।हमला ने बताया कि अब उम्र के इस पडाव में काफी कमजोर महसूस कर रहा हैं।हमला का लम्बा चौडा परिवार हैं।इस परिवार में लगभग 253 सदस्य हैं।मजे कि बात हैं कि हमला को वृद्धावस्था पेंशन तक नही मिलती।सरकारी सुविया का तनिक लाभ हमला या उसके परिवार को नही मिला।पूरे क्षैत्र में ईमानदारी के लिऐं हमला जाना जाता हैं।हमला अपना रोजमर्रा का काम काज खुद निपटाता हैं।उसकी इच्छा हें कि 125 वीं सालगिरह पर ख्वाजा साहब की दरगाह की जियारत करें इसके बाद उसे जीने की इच्छा नही।क्षैत्रीय विधायक अमीन खान की माता फातिमा 106 साल की उम्र में चल बसी हैं।जिला प्रशासन द्धारा क्षैत्र के इन शतकवीर बुजुर्गो की उपेक्षा की जा रही हैं।जिला प्रशासन क्षेत्र के बुजुर्गो की अनदेखी कर रहा हें .वृद्ध दिवस पर भी प्रशासन के कार्यक्रम शहरों तक सिमित रह जाते हें .सरहदी इलाको में कई शतकवीर महिला पुरुष आज भी अपन जीवन बसर कर रहे हें .

राजस्थान के बाड़मेर शहर में गरबो में मचा बवाल,शहर में अतिरिक्त पुलिस बल तेनात

राजस्थान के बाड़मेर शहर में गरबो में मचा बवाल 






दो गुट आपस में भिड़े,

शहर में अतिरिक्त पुलिस बल तेनात

बाड़मेर बाड़मेर शहर में मॉल गोदाम रोड पर गरबा खत्म होने के बाद जबरदस्त बवाल मच गया दो गुट आपस में भीड़ गए जिसमे दो घायल हो गए एक पक्ष का आरोप है कि ये लड़के गरबो में आकर हमारी लडकियों के साथ छेड़छाड़ करते है वही दुसरो पक्ष का आरोप है कि गरबा समिति को लोगो ने हमारे घर आकर हथियारों से जान लेवा हमला किया है और घर का सामना को तोड़ फोड़ की.......पुलिस ने शांति वव्स्था के लिए भारी मात्रा में बल को पुरे शहर में तेनात कर दिया है
शनिवार मध्य रात्री को बाड़मेर में शहर में मॉल गोदाम रोड पर गरबो के दोहरान कुछ लडको ने घेरे में आने की कोशिशि की लेकिन गरबा समिति को लोगो ने रोकने की कोशिशि की तो इसी बात पर बवाल शरू हो गया गरबा समिति की मुखिया ममता देवी के अनुसार इन लडको के साथ कल भी कहसुनी हुई थी आज ये लोग अंदर आना चाहते थे लेकिन हम लोगो ने रोक तो बवाल हो गया ये लड़के गरबो में हमारी बहनों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिशि करते है हमारा पूरा इलाका इन से परेशान है
ममता देवी, मुखिया,गरबा समिति का कहना है इन लडको के साथ कल भी कहसुनी हुई थी आज ये लोग अंदर आना चाहते थे लेकिन हम लोगो ने रोक तो बवाल हो गया ये लड़के गरबो में हमारी बहनों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिशि करते है हमारा पूरा इलाका इन से परेशान है )
वही इस मामले में लडको को परिवार वालो का कहना है कि हमारे भाई घर बैठकर खान खा रहे थे इसी दोहरान गरबा समिति के लोगो ने हमारे पर जान लेवा हमला कर दिया हमारे पुरे घर को आप देख सकते है किसी तरह हमारे सामान को तोड़ और हम पर लोहे के सरिये से वर किया जिसमे हमारे भाई का सर फट गया है अब हम लोगो ने 25 लोगो के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया है हम लोग इन गरबा समिति के लोगो के गिरफ्तारी की माग कर रहे है
परीक्षित सिंह ,पीड़ित ,घायल के भाईने बताया की हमारे भाई घर बैठकर खान खा रहे थे इसी दोहरान गरबा समिति के लोगो ने हमारे पर जान लेवा हमला कर दिया हमारे पुरे घर को आप देख सकते है
पुलिस और प्रशाशन ने बढ़ते बवाल देख पुरे शहर में पुलिस बल को तेनात कर दिया है बाड़मेर सिटी मजिस्ट्रेट सी आर .देवासी के अनुसार गरबो में बवाल हो गया था एक पक्ष का कहना है कि ये लड़के गरबो में लडकियों को परेशान करते है वही दुसरे पक्ष का कहना है कि गरबो समिति को लोगो ने घर में आकर एक साथ हमला किया जिसमे एक को अस्पताल भर्ती कराया गया है पुरे घर का सामान लोड दिया है हमने दोनों पक्षो का मामला दर्ज कर जाच शरू कर दी है हमने शाति शांति वव्स्था के लिए पुलिस और प्रशाशन के आल अधिकारी शहर में घूम रहे है
बवाल के बाद गरबा समिति की ओरतो ने पुलिस कोतवाली में जम कर हगामा किया और पुलिस अधिकारियो को खरी खोटी सुनाई बवाल के बाद शहर में पुलिस और प्रशाशन ने देर रात ही पुरे शहर में ग्र्श्त कर रही है मामले के बाद शहर के कुछ इलाको के स्थिति तनाव पूर्ण है

प्रधानाचार्य महेंद्र कुमार दवे को शिक्षा विभाग द्वारा एपीओ करने के विरोध में आक्रोशित छात्र उतरे सड़क पर

आक्रोशित छात्र उतरे सड़क पर

समदड़ी। समदड़ी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य महेंद्र कुमार दवे को शिक्षा विभाग द्वारा एपीओ करने के विरोध में शनिवार को सैकड़ो छात्र सड़को पर उतर आए। नारेबाजी करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया। सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्होंने तत्काल प्रभाव से एपीओ आदेश निरस्त करने की मांग की। समझाइश के बाद भी वे अपनी मांग पर अड़े रहे। बाद में विद्यालय के दरवाजे पर ताला लगाकर धरने पर बैठ गए।

कार्यवाहक उपखंड अधिकारी राकेश चौधरी व तहसीलदार कृष्णपालसिंह ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों से समझाइश की। उपखंड अधिकारी ने राज्य सरकार तक छात्रों की मांग पहुंचाने का विश्वास दिलाया। तब जाकर विद्यार्थियो का गुस्सा शांत हुआ। जाम के दौरान करीब एक घंटे तक रास्ता बंद रहने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य महेंद्र कुमार दवे को विभाग द्वारा एपीओ करने को लेकर विद्यार्थियो में आक्रोश की लहर फैल गई। एपीओ आदेश निरस्त करवाने की मांग को लेकर शनिवार को सैकड़ों छात्रों ने विद्यालय का बहिष्कार करते हुए प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। गांव से स्टेशन की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर पत्थर डालकर जाम लगा दिया। टायर जलाकर उग्र विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी इस मांग पर अड़े थे कि जब तक दवे को एपीओ करने के आदेश निरस्त नहीं किए जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा। विद्यालय के शिक्षकों ने प्रदर्शनकारी छात्रों से समझाइश की खूब कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। सड़क मार्ग जाम होने की सूचना मिलने पर सहायक थानाधिकारी खीमसिंह सहित जाप्ता मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों से समझाइश करते हुए शांति बरतने की अपील की। बाद में साढ़े ग्यारह बजे सभी विद्यार्थी विद्यालय के दरवाजे पर ताला लगाकर धरने पर बैठ गए।

कार्यवाहक उपखंड अधिकारी व तहसीलदार ने धरना स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारी छात्रों से वार्ता की। उनकी समझाइश पर छात्र धरना स्थल से उठकर विद्यालय में पहुंचे। प्रशासनिक अधिकारियो ने छात्रों की मांग को सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया। तब जाकर उनका गुस्सा शांत हो पाया। कार्यवाहक उपखंड अधिकारी ने सौंपे ज्ञापन में छात्रों ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि 10 अक्टूबर तक आदेश निरस्त नहीं किए गए हैं तो आगामी दिन से धरना फिर शुरू किया जाएगा।

सरकार स्तर का मामला
एपीओ आदेश राज्य सरकार स्तर का मामला है। जिला कलक्टर के माध्यम से छात्रों की मांग को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
- राकेश चौधरी, कार्यवाहक, उपखंड अधिकारी सिवाना

रिसर्च में भी मांग ली अस्मत

रिसर्च में भी मांग ली अस्मत

जबलपुर। मेडिकल की पढ़ाई में पास होने के लिए अस्मत मांगने के प्रकरण की आंच अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि रिसर्च वर्क (पीएचडी) में महिला वैज्ञानिक की अस्मत दांव पर लगने का मामला सामने आ गया।

अस्मत के सौदागरों के तार पहले रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से जुड़े जबकि इस बार किस्मत के बदले अस्मत मांगने वाला शख्स डॉ. विजय बहादुर उपाध्याय शहर के ही दूसरे प्रमुख शिक्षा केन्द्र जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में समन्वित फसल प्रणाली योजना का प्रोजेक्ट हैड है।

अपने ओहदे का दुरूपयोग कर डॉ. उपाध्याय ने सहकर्मी महिला वैज्ञानिक निशा सप्रे मेहरा को बहलाने-फुसलाने की कोशिश की। जब वे सफल नहीं हुए तो पीएचडी में सफलता दिलाने के बदले शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डाला। डॉ. उपाध्याय की हरकतों से डेढ़ साल से परेशान महिला वैज्ञानिक ने आखिरकार मामले को उजागर कर दिया।

परिवार से मिली हिम्मत
 निशा ने बताया कि करीब डेढ़ साल से मैं उपाध्याय की हरकतों से परेशान हूं। वर्ष 2009 से जो बात इशारों और टिप्पणी में शुरू हुई वो 12-13, अप्रेल 2011 को खुलकर सामने आ गई। डॉ उपाध्याय ने सप्रे से स्पष्ट कहा- मेरी शर्त मान लो, पीएचडी हो जाएगी।

विभाग प्रमुख की फरमाइश को ठुकराने के बाद महिला वैज्ञानिक निशा को प्रताडित करने का दौर शुरू हो गया। लोक-लाज और पारिवारिक इज्जत की खातिर निशा पिछले डेढ़ साल से अश्लील इशारों और टिप्पणियों में प्रोफेसर की फब्तियां बर्दाश्त करती रही। विश्वविद्यालय प्रबंधन से मदद नहीं मिलने के बाद उसने परिवार वालों को ये बताया कि उपाध्याय मुझसे अनैतिक संबंधों की मांग कर रहे हैैं। परिवार के हिम्मत बंधाने के बाद निशा ने पुलिस अधीक्षक को मामले की शिकायत की।

जांच के बजाय साक्ष्य मांगे
निशा ने एग्र्रोनॉमी विभाग के प्रमुख डॉ गिरीश झा और महिला उत्पीड़न प्रकोष्ठ की डॉ सतरूपा राव को 20 जुलाई को गोपनीय शिकायत की। 21 जुलाई को विवि प्रबंधन ने डॉ उपाध्याय का गंजबासौदा तबादला कर दिया। तबादला आदेश में कारण गंजबासौदा के प्रोफेसर का स्वास्थ्य खराब होना बताया गया।

मामले की जांच के लिए विवि ने दो सदस्यीय जांच समिति गठित की। समिति में टीकमगढ़ कृषि कॉलेज के डीन डॉ पी के मिश्रा और डॉ सतरूपा राव को शामिल किया गया। सप्रे के अनुसार समिति की वैधानिकता ही संदेह के घेरे में है। जांच समिति ने उसके आरोपों के संबंध में जांच करने के बजाय उससे साक्ष्यों की मांग की। करीब 70 दिनों में जांच समिति किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी।

पुलिस ने मांगी जांच रिपोर्ट
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले में विश्वविद्यालय द्वारा जांच की जा रही है। पुलिस ने विवि की जांच रिपोर्ट तलब की है। जांच रिपोर्ट में मिले तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाने की संभावना है। एसपी संतोष सिंह ने बताया कि मामले की जांच सीएसपी गोहलपुर से कराई जाएगी। शिकायत सही पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।


पुलिस ने मांगी जांच रिपोर्ट
पुलिस सूत्रों की माने तो इस मामले में विश्वविद्यालय द्वारा जांच की जा रही है। पुलिस ने विवि की जांच रिपोर्ट तलब की है। जांच रिपोर्ट में मिले तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाने की संभावना है। एसपी संतोष सिंह ने बताया कि मामले की जांच सीएसपी गोहलपुर से कराई जाएगी। शिकायत सही पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।


महिला वैज्ञानिक निशा सप्रे की शिकायत पर जांच समिति गठित की गई है। सामान्यत: एक सदस्यीय जांच समिति बनाई जाती है। महिला का मामला देखते हुए महिला उत्पीड़न प्रकोष्ठ की डॉ सतरूपा राव को भी समिति में शामिल किया गया। समिति जांच में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी क्योंकि महिला वैज्ञानिक ने समिति के सामने पक्ष नहीं रखा।
बी बी मिश्रा, कुलसचिव जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि

महिला वैज्ञानिक की शिकायत के बाद डॉ उपाध्याय का तत्काल तबादला कर दिया गया था। मामले के लिए समिति गठित की गई है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। निशा ने जांच समिति के संबंध में विवि प्रबंधन को कोई शिकायत नहीं की है। प्रो गौतम कल्लू, कुलपति कृषि विवि

मैंने जांच समिति के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत कर दिया है। लापरवाही बरतने पर निशा सप्रे को कई बार मैंने मौखिक रूप से समझाया। समय पर कार्यस्थल नहीं पहुंचने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी। इसके बावजूद उनके रवैये में कोई सुधार नहीं आया तो विभाग प्रमुख डॉ गिरीश झा से शिकायत की। इससे नाराज होकर सप्रे ने मनगढ़ंत आरोप लगा दिए।
डॉ विजय बहादुर उपाध्याय भूतपूर्व योजना प्रमुख एग्रोनॉमी

जयपुर के अजमत बने "लिटिल चैम्प्स"

जयपुर के अजमत बने "लिटिल चैम्प्स"

सूरत। टीवी रियलिटी शो सारेगामा लिटिल चैम्प्स का ताज जयपुर के 10 वर्षीय अलबेले गायक अजमत के सिर सजा है। शनिवार रात यहां आयोजित भव्य ग्रैंड फिनाले में तीनों फाइनलिस्ट अजमत, सलमान और नितिन के बीच कांटे का संघर्ष रहा। दर्शकों के वोट के आधार पर अजमत को विजेता घोषित किया गया।

बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान ने अजमत को विजेता का ताज पहनाया। सलमान फर्स्ट और नितिन सेकंड रनरअप रहे। विजेता की घोषणा होते ही अजमत भावुक हो गया और उसके आंसू निकल आए। उसने कहा, इस मुकाम तक पहुंचना उसके लिए सपना सच होने जैसा रहा।शाहरूख ने अजमत को विशेष गुडिया भी भेंट की।

अजमत की जीत का जश्न
जयपुर। चार दरवाजा स्थित मथुरा वालों की हवेली में शाम से ही उत्सुकता का माहौल था। हवेली के बाहर ही टीवी लगाया गया था और पूरा मोहल्ला एक साथ टीवी देख रहा था। लोगों ने दम साध कर पूरा कार्यक्रम देखा और जैसे ही अजमत की जीत का ऎलान हुआ पूरा चार दरवाजा क्षेत्र पटाखों की आवाज से गूंज उठा। अजमत की जीत की खुशी सड़कों पर भी नजर आई और सैकड़ों युवकों ने बड़ी चौपड़ तक जुलूस निकाल कर खुशी का इजहार किया।

मथुरावालों की हवेली से फिर निकला हीरा
अजमत हुसैन जयपुर की मथुरा वालों की हवेली से निकला एक और हीरा है। पुराने जयपुर में चार दरवाजा स्थित इस हवेली ने देश को मोहम्मद हुसैन, अहमद हुसैन जैसे गजल गायक दिए हैं। इनके भांजे मोहम्मद वकील जीटीवी के कार्यक्रम सारेगामा के विजेता रह चुके हैं। आज इसी हवेली से अजमत के रूप में एक और नायाब गायक मिला है। अजमत के दादा रफीक हुसैन भी शास्त्रीय संगीत के जानकार रहे हैं। अजमत चार दरवाजा के ही अल अमीन पब्लिक स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ता है। उसके तीन भाई और हैं।

कृतज्ञ राष्ट्र ने "बापू" को याद किया

कृतज्ञ राष्ट्र ने "बापू" को याद किया

नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 142वीं जयंती के मौके पर रविवार को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह सहित तमाम आला राजनैता राजघाट पर श्रृद्धांजलि देने पहुंचे। यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और शहरी विकास मंत्री कमल नाथ भी राजघाट पहुंचे।

सोनिया गांधी सर्जरी के दो महीने बाद पहली बार राजघाट पहुंचीं। वह अमरीका में इलाज के बाद पिछले महीने की 8 तारीख को स्वदेश लौटी थीं।

इस अवसर पर राजघाट पर के बापू की पोती तारा गांधी ने दुनिया को अहिंसा के महत्व से रूबरू कराने के लिए वहां मौजूद सभी लोगों से एक मिनिट का मौन रखने की अपील की।

महात्‍मा गांधी की स्मृति में


महात्‍मा गांधी की स्मृति में

आज जिस भारत में हम निवास कर रहे हैं वहां आतंकवादी हमलों तथा क्षेत्रीय विवादों के रूप में बड़े स्‍तर पर हिंसा देखी जा रही है। हमारे नागरिकों का जीवन विक्षोभ और भ्रम से बोझिल हो चुका है। निर्दोष नागरिक अपने जीवन खो देते हैं या उन्‍हें हमलों के डर से अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है, अत: शांति और अहिंसा की आवश्‍यकता अनुभव की जा रही है।

महात्‍मा गांधी को आज भारतीय स्‍वतंत्रता संग्राम में उनके द्वारा किए गए असाधारण योगदान के लिए ही नहीं अपितु अन्‍याय और असंगति के साथ निपटने में दुनिया को एक नई विचाराधारा देने के लिए भी याद किया जाता है। उन्‍होंने हमें अहिंसा का पा�� पढ़ाया हैं, जो मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान हेतु एक साधन के रूप में अहिंसा का उपयोग करने को प्रोत्‍साहन देता है।(पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है)

महात्‍मा गांधी को हम प्रेम से ‘बापू’ कहते हैं, जो राष्‍ट्रपिता हैं और दुनिया भर में उन्‍हें सबसे शक्तिशाली साधन – सत्‍य और अहिंसा से स्‍वतंत्रता का संघर्ष जीतने के लिए याद किया जाता है। महात्‍मा गांधी का जन्‍म 2 अक्‍तूबर, 1869को पोरबंदर में हुआ था जो गुजरात राज्‍य का एक तटीय कस्‍बा है। लगभग 18 वर्ष की उम्र में वे कानून का अध्‍ययन करने के लिए तथा एक बेरिस्‍टर के रूप में प्रशिक्षण पाने के लिए इंग्‍लैंड गए। लगभग 6 वर्ष बाद उन्‍होंने दक्षिण अफ्रीका में एक भारतीय फर्म के लिए कार्य संविदा को स्‍वीकार किया। वहां उन्‍होंने स्‍वयं अपनी आंखों से पूर्वाग्रह देखा, जहां उन्‍हें एक अश्‍वेत होने के कारण रेल के प्रथम श्रेणी के डिब्‍बे से बाहर निकाल दिया गया, जबकि उनके पास यात्रा का वैध टिकट था। यह घटना उनके जीवन का एक निर्णायक मोड़ बनी।




गांधी जी ने सत्‍याग्रह को ‘सत्‍य के लिए एक अथक खोज और सत्‍य की खोज की दृढ़ता’ के रूप में बताया। उन्‍होंने ट्रांसवाल में पहली बार एक नए अध्‍यादेश का विरोध करने के लिए इस तरीके का इस्‍तेमाल किया, जो वहां रहने वाले भारतीय समुदाय के प्रति भेदभाव दर्शाता था। आगे चलकर, भारत में आने के बाद उन्‍होंने ‘स्‍वराज’ या स्‍वतंत्रता हेतु संघर्ष में इसे एक मुख्‍य विधि के रूप में अहिंसात्‍मक विरोध का तरीका अपनाया।






गांधी जी ने वर्ष 1917-18 के दौरान बिहार के चम्‍पारण नामक स्‍थान के खेतों में पहली बार भारत में सत्‍याग्रह का प्रयोग किया। यहां अकाल के समय गरीब किसानों को अपने जीवित रहने के लिए जरुरी खाद्य फसलें उगाने के स्‍थान पर नील की खेती करने के लिए ज़ोर डाला जा रहा था। उन्‍हें अपनी पैदावार का कम मूल्‍य दिया जा रहा था और उन पर भारी करों का दबाव था। गांधी जी ने उस गांव का विस्‍तृत अध्‍ययन किया और जमींदारों के विरुद्ध विरोध का आयोजन किया, जिसके परिणाम स्‍वरूप उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके कारावास में डाले जाने के बाद और अधिक प्रदर्शन किए गए। जल्‍दी ही गांधी जी को छोड़ दिया गया और जमींदारों ने किसानों के पक्ष में एक करारनामे पर हस्‍ताक्षर किए, जिससे उनकी स्थिति में सुधार आया।

इस सफलता से प्रेरणा लेकर महात्‍मा गांधी ने भारतीय स्‍वतंत्रता के लिए किए जाने वाले अन्‍य अभियानों में सत्‍याग्रह और अहिंसा के विरोध जारी रखे, जैसे कि असहयोग आंदोलन, नागरिक अवज्ञा आंदोलन, दांडी यात्रा तथा भारत छोड़ो आंदोलन, गांधी जी के प्रयासों से अंत में भारत को 15 अगस्‍त 1947 को स्‍वतंत्रता मिली।




महात्‍मा गांधी द्वारा सत्‍य और अहिंसा के इन मूल्‍यों को दशकों पहले स्‍थापित किया गया था किन्‍तु ये आज पहले की अपेक्षा अधिक महत्‍वपूर्ण बन गए हैं। विवाद, हिंसा और आतंकवाद के तिहरे जोखिम के कारण इन विविध विचारों और अवधारणाओं के प्रति सहनशीलता महत्‍वपूर्ण हो गई है। विभिन्‍न संस्‍कृतियों और धर्मों के प्रति आदर केवल तभी लाया जा सकता है जब हम एक दूसरे से बात करें और बात सुनें तथा समझें। प्रत्‍येक सक्रिय लोकतंत्र में सहनशीलता एक महत्‍वपूर्ण पक्ष है जहां सभी की चिंता विशेष रूप से निर्धन वर्ग, महिलाओं और अपेक्षित समुदायों को अवश्‍य संबोधित किया जाना चाहिए। हमें यह ध्‍यान में रखना चाहिए कि ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जिसे शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया न जा सके और हमें इस अभ्‍यास को बनाए रखने के लिए कार्य करना चाहिए।

"मैं नहीं चाहता कि मेरे घर के सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद हों। मैं एक ऐसा घर चाहता हूं जिसकी सभी खिड़कियां और दरवाजे खुले हों, जिसमें हर भूमि और राष्‍ट्र की सांस्‍कृतिक पवन होकर गुजरे।"

- महात्‍मा गांधी

संयुक्‍त राष्‍ट्र ने इन वैश्विक रूप से महत्‍वपूर्ण मूल्‍यों के निष्‍पादन को मान्‍यता देकर 2 अक्‍तूबर, महात्‍मा गांधी के जन्‍म दिवस कोअंतरराष्‍ट्रीय अहिंसा दिवस(बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) के रूप में अपनाया है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि महात्‍मा गांधी का यह अनश्‍वर संदेश आने वाले वर्षों में अनेक पीढियों तक प्रचलित रहेगा।













भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री...... सादा जीवन और उच्च विचार





भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म
2 अक्टूबर 1904 को मुग़लसराय उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ। यह एक भारतीय राजनेता और जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे।भारत में ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़ महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन के एक कार्यकर्ता लाल बहादुर थोड़े समय (1921) के लिये जेल गए। रिहा होने पर उन्होंने एक राष्ट्रवादी विश्वविद्यालय काशी विद्यापीठ (वर्तमान महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ) में अध्ययन किया और स्नातकोत्तर शास्त्री (शास्त्रों का विद्वान) की उपाधि पाई।अपने पिता मिर्ज़ापुर के श्री शारदा प्रसाद और अपनी माता श्रीमती रामदुलारी देवी के तीन पुत्रो में से वे दूसरे थे। उनके पिता शारदा प्रसाद एक ग़रीब शिक्षक थे, जो बाद में राजस्व कार्यालय में लिपिक (क्लर्क) बने। शास्त्रीजी की दो बहनें भी थीं। शास्त्रीजी के शैशव में ही उनके पिता का निधन हो गया।1928 में उनका विवाह श्री गणेशप्रसाद की पुत्री ललितादेवी से हुआ और उनके छ: संतान हुईस्नातकोत्तर के बाद वह गांधी के अनुयायी के रूप में फिर राजनीति में लौटे, कई बार जेल गए और संयुक्त प्रांत, जो अब उत्तर प्रदेश है, की कांग्रेस पार्टी में प्रभावशाली पद ग्रहण किए। 1937 और 1946में शास्त्री प्रांत की विधायिका में निर्वाचित हुए।1929 में इलाहाबाद आने के बाद उन्होंने श्री टंडनजी के साथ भारत सेवक संघ के इलाहाबाद इकाई के सचिव के रूप में काम किया। यहीं उनकी नज़दीकी नेहरू से भी बढी। इसके बाद से उनका क़द निरंतर बढता गया जिसकी परिणति नेहरू मंत्रिमंडल में गृहमंत्री के तौर पर उनका शामिल होना था। इस पद पर वे 1951 तक बने रहे।भारत की स्वतंत्रता के पश्चात शास्त्रीजी को उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। वो गोविंद बल्लभ पंत के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में प्रहरी एवं यातायात मंत्री बने। यातायात मंत्री के समय में उन्होंनें प्रथम बार किसी महिला को संवाहक (कंडक्टर) के पद में नियुक्त किया। प्रहरी विभाग के मंत्री होने के बाद उन्होंने भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए लाठी के जगह पानी की बौछार का प्रयोग प्रारंभ कराया। 1951 में, जवाहर लाल नेहरु के नेतृत्व में वह अखिल भारत काँग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किये गये। 1952 में वह संसद के लिये निर्वाचित हुए और केंद्रीय रेलवे व परिवहन मंत्री बने।1961 में गृह मंत्री के प्रभावशाली पद पर नियुक्ति के बाद उन्हें एक कुशल मध्यस्थ के रूप में प्रतिष्ठा मिली। तीन साल बाद जवाहरलाल नेहरू के बीमार पड़ने पर उन्हें बिना किसी विभाग का मंत्री नियुक्त किया गया और नेहरू की मृत्यु के बाद जून 1964 में वह भारत के प्रधानमंत्री बने। भारत की आर्थिक समस्याओं से प्रभावी ढंग से न निपट पाने के कारण शास्त्री जी की आलोचना हुई, लेकिन जम्मू-कश्मीर के विवादित प्रांत पर पड़ोसी पाकिस्तान के साथ वैमनस्य भड़कने पर (1965) उनके द्वारा दिखाई गई दृढ़ता के लिये उन्हें बहुत लोकप्रियता मिली। ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान के साथ युद्ध करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। शास्त्री के बाद नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं।शास्त्रीजी को उनकी सादगी, देशभक्ति और इमानदारी के लिये पूरा भारत श्रद्धापूर्वक याद करता है। उन्हें वर्ष 1966 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु 11 जनवरी, 1966 ताशकंद, उज़बेकिस्तान, तत्कालीन सोवियत सघं में हुई थी।

शनिवार, 1 अक्टूबर 2011

जिस मुल्क में रहें, उसकी तरक्की के लिए काम करें : मखदूम अमीन फहीम


पाकिस्तान में बनी मखदूम नू की दरगाह के हजारों मुरीद मखदूम अमीन फहीम का दीदार करने के लिए सुबह से ही मेरवाड़ा स्टेट में उनके आने का इंतजार करते रहे। दोपहर दो बजे करीब जब फहीम मेरवाड़ा स्टेट पहुंचे तो कई मुरीद उनका हाथ चूमने के लिए दौड़ पड़े। जैसलमेर और बाड़मेर से आए हजारों लोगों ने फहीम के पैरों को छूआ तो किसी ने हाथों को चूमा। कई लोगों के आंसू भी बहने लगे।

जिस मुल्क में रहें, उसकी तरक्की के लिए काम करें :

फहीम ने मुरीदों से कहा कि जो जिस मुल्क में रह रहा है वहां की तरक्की के लिए काम करे। वहां के कानून की पालना करें। फहीम ने लोगों के लिए दुआ करते हुए कहा कि सभी नेकी पर चल एक दूसरे का सहयोग करें। फहीम के मुरीदों की संख्या इतनी अधिक थी कि मेरवाड़ा स्टेट में बनाए गए स्टेज तक पहुंचने में उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा।

सीआईडी ने मांगी लिस्ट

सर्किट हाऊस में सी फार्म भरने के लिए सीआईडी अधिकारियों ने अजमेर आने वाले लोगों के नाम और वीजा मांगे। वाणिज्य मंत्री के साथ आए पाकिस्तान दूतावास के एक अधिकारी ने सीआईडी अधिकारियों को कहा कि उनकी ओर से दिल्ली और राजस्थान सरकार को सूची दी जा चुकी है। ऐसे में वो अब सूची नहीं देंगे। अधिकारी ने ये भी कह दिया कि अगर दुबारा से सूची के लिए कहा गया तो वो अजमेर से चले जाएंगे।


पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री मखदूम अमीन फहीम ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार बढ़ाए जाने की बहुत संभावनाएं हैं। इसके लिए वीजा सिस्टम में बदलाव की जरूरत है। भारत की वीजा व्यवस्था के कारण पाकिस्तान से आने वाले व्यापारियों को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है।

फहीम शुक्रवार को ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में अकीदत के फूल पेश करने आए थे। उन्होंने दरगाह में अमन चैन की दुआ मांगी। सर्किट हाउस में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत के अधिकारियों से हुई बातचीत में उन्होंने व्यापारियों की सुविधा के लिए दोनों देशों के बीच मल्टीपल वीजा देने के विचार से अवगत कराया है।

भारत पाकिस्तान के बीच रिश्तों में खटास पर वाणिज्य मंत्री ने कहा कि ये सियासत से जुड़ी बातें हैं। बम विस्फोट की घटनाओं में पाकिस्तान का हाथ होने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान खुद ऐसी ही समस्या से जूझ रहा है। आतंकवाद सभी के लिए समस्या है।

70 व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल

भारत से व्यापार बढ़ाने सहित 63 मसलों पर बातचीत करने के लिए पाकिस्तान वाणिज्य मंत्री के नेतृत्व में 70 व्यापारियों का एक दल भारत आया है। इनमें तीन मंत्री और तीन सचिव स्तर के अधिकारी हैं। दिल्ली में भारत के प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद वाणिज्य मंत्री सहित कुछ लोग गरीब नवाज की दरगाह जियारत के लिए शुक्रवार को अजमेर पहुंचे।.

TV9 Gujarat - Rubber Boy surat

पाकिस्तान में छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में कक्षा 10 की परीक्षा में शीर्ष स्थान पर रही एक किशोरी के साथ लाहौर में सामूहिक बलात्कार किया गया।


टीवी चैनल 'जियो न्यूज' ने बताया कि दो व्यक्तियों ने लाहौर के शाहकोट इलाके में किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार किया।


आरोपियों ने किशोरी को उसकी मां की बीमारी के बहाने संस्थान से बाहर बुलाया था। रपट में बताया गया है कि पीड़िता अभी तक सदमे में है और पुलिस के समक्ष बयान देने की हालत में नहीं है।

Tv9 Gujarat - Amba maa aarti : Surat