रविवार, 2 अक्टूबर 2011

प्रधानाचार्य महेंद्र कुमार दवे को शिक्षा विभाग द्वारा एपीओ करने के विरोध में आक्रोशित छात्र उतरे सड़क पर

आक्रोशित छात्र उतरे सड़क पर

समदड़ी। समदड़ी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य महेंद्र कुमार दवे को शिक्षा विभाग द्वारा एपीओ करने के विरोध में शनिवार को सैकड़ो छात्र सड़को पर उतर आए। नारेबाजी करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया। सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्होंने तत्काल प्रभाव से एपीओ आदेश निरस्त करने की मांग की। समझाइश के बाद भी वे अपनी मांग पर अड़े रहे। बाद में विद्यालय के दरवाजे पर ताला लगाकर धरने पर बैठ गए।

कार्यवाहक उपखंड अधिकारी राकेश चौधरी व तहसीलदार कृष्णपालसिंह ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों से समझाइश की। उपखंड अधिकारी ने राज्य सरकार तक छात्रों की मांग पहुंचाने का विश्वास दिलाया। तब जाकर विद्यार्थियो का गुस्सा शांत हुआ। जाम के दौरान करीब एक घंटे तक रास्ता बंद रहने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य महेंद्र कुमार दवे को विभाग द्वारा एपीओ करने को लेकर विद्यार्थियो में आक्रोश की लहर फैल गई। एपीओ आदेश निरस्त करवाने की मांग को लेकर शनिवार को सैकड़ों छात्रों ने विद्यालय का बहिष्कार करते हुए प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। गांव से स्टेशन की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर पत्थर डालकर जाम लगा दिया। टायर जलाकर उग्र विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी इस मांग पर अड़े थे कि जब तक दवे को एपीओ करने के आदेश निरस्त नहीं किए जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा। विद्यालय के शिक्षकों ने प्रदर्शनकारी छात्रों से समझाइश की खूब कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। सड़क मार्ग जाम होने की सूचना मिलने पर सहायक थानाधिकारी खीमसिंह सहित जाप्ता मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों से समझाइश करते हुए शांति बरतने की अपील की। बाद में साढ़े ग्यारह बजे सभी विद्यार्थी विद्यालय के दरवाजे पर ताला लगाकर धरने पर बैठ गए।

कार्यवाहक उपखंड अधिकारी व तहसीलदार ने धरना स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारी छात्रों से वार्ता की। उनकी समझाइश पर छात्र धरना स्थल से उठकर विद्यालय में पहुंचे। प्रशासनिक अधिकारियो ने छात्रों की मांग को सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया। तब जाकर उनका गुस्सा शांत हो पाया। कार्यवाहक उपखंड अधिकारी ने सौंपे ज्ञापन में छात्रों ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि 10 अक्टूबर तक आदेश निरस्त नहीं किए गए हैं तो आगामी दिन से धरना फिर शुरू किया जाएगा।

सरकार स्तर का मामला
एपीओ आदेश राज्य सरकार स्तर का मामला है। जिला कलक्टर के माध्यम से छात्रों की मांग को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
- राकेश चौधरी, कार्यवाहक, उपखंड अधिकारी सिवाना

रिसर्च में भी मांग ली अस्मत

रिसर्च में भी मांग ली अस्मत

जबलपुर। मेडिकल की पढ़ाई में पास होने के लिए अस्मत मांगने के प्रकरण की आंच अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि रिसर्च वर्क (पीएचडी) में महिला वैज्ञानिक की अस्मत दांव पर लगने का मामला सामने आ गया।

अस्मत के सौदागरों के तार पहले रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से जुड़े जबकि इस बार किस्मत के बदले अस्मत मांगने वाला शख्स डॉ. विजय बहादुर उपाध्याय शहर के ही दूसरे प्रमुख शिक्षा केन्द्र जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में समन्वित फसल प्रणाली योजना का प्रोजेक्ट हैड है।

अपने ओहदे का दुरूपयोग कर डॉ. उपाध्याय ने सहकर्मी महिला वैज्ञानिक निशा सप्रे मेहरा को बहलाने-फुसलाने की कोशिश की। जब वे सफल नहीं हुए तो पीएचडी में सफलता दिलाने के बदले शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डाला। डॉ. उपाध्याय की हरकतों से डेढ़ साल से परेशान महिला वैज्ञानिक ने आखिरकार मामले को उजागर कर दिया।

परिवार से मिली हिम्मत
 निशा ने बताया कि करीब डेढ़ साल से मैं उपाध्याय की हरकतों से परेशान हूं। वर्ष 2009 से जो बात इशारों और टिप्पणी में शुरू हुई वो 12-13, अप्रेल 2011 को खुलकर सामने आ गई। डॉ उपाध्याय ने सप्रे से स्पष्ट कहा- मेरी शर्त मान लो, पीएचडी हो जाएगी।

विभाग प्रमुख की फरमाइश को ठुकराने के बाद महिला वैज्ञानिक निशा को प्रताडित करने का दौर शुरू हो गया। लोक-लाज और पारिवारिक इज्जत की खातिर निशा पिछले डेढ़ साल से अश्लील इशारों और टिप्पणियों में प्रोफेसर की फब्तियां बर्दाश्त करती रही। विश्वविद्यालय प्रबंधन से मदद नहीं मिलने के बाद उसने परिवार वालों को ये बताया कि उपाध्याय मुझसे अनैतिक संबंधों की मांग कर रहे हैैं। परिवार के हिम्मत बंधाने के बाद निशा ने पुलिस अधीक्षक को मामले की शिकायत की।

जांच के बजाय साक्ष्य मांगे
निशा ने एग्र्रोनॉमी विभाग के प्रमुख डॉ गिरीश झा और महिला उत्पीड़न प्रकोष्ठ की डॉ सतरूपा राव को 20 जुलाई को गोपनीय शिकायत की। 21 जुलाई को विवि प्रबंधन ने डॉ उपाध्याय का गंजबासौदा तबादला कर दिया। तबादला आदेश में कारण गंजबासौदा के प्रोफेसर का स्वास्थ्य खराब होना बताया गया।

मामले की जांच के लिए विवि ने दो सदस्यीय जांच समिति गठित की। समिति में टीकमगढ़ कृषि कॉलेज के डीन डॉ पी के मिश्रा और डॉ सतरूपा राव को शामिल किया गया। सप्रे के अनुसार समिति की वैधानिकता ही संदेह के घेरे में है। जांच समिति ने उसके आरोपों के संबंध में जांच करने के बजाय उससे साक्ष्यों की मांग की। करीब 70 दिनों में जांच समिति किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी।

पुलिस ने मांगी जांच रिपोर्ट
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले में विश्वविद्यालय द्वारा जांच की जा रही है। पुलिस ने विवि की जांच रिपोर्ट तलब की है। जांच रिपोर्ट में मिले तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाने की संभावना है। एसपी संतोष सिंह ने बताया कि मामले की जांच सीएसपी गोहलपुर से कराई जाएगी। शिकायत सही पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।


पुलिस ने मांगी जांच रिपोर्ट
पुलिस सूत्रों की माने तो इस मामले में विश्वविद्यालय द्वारा जांच की जा रही है। पुलिस ने विवि की जांच रिपोर्ट तलब की है। जांच रिपोर्ट में मिले तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाने की संभावना है। एसपी संतोष सिंह ने बताया कि मामले की जांच सीएसपी गोहलपुर से कराई जाएगी। शिकायत सही पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।


महिला वैज्ञानिक निशा सप्रे की शिकायत पर जांच समिति गठित की गई है। सामान्यत: एक सदस्यीय जांच समिति बनाई जाती है। महिला का मामला देखते हुए महिला उत्पीड़न प्रकोष्ठ की डॉ सतरूपा राव को भी समिति में शामिल किया गया। समिति जांच में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी क्योंकि महिला वैज्ञानिक ने समिति के सामने पक्ष नहीं रखा।
बी बी मिश्रा, कुलसचिव जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि

महिला वैज्ञानिक की शिकायत के बाद डॉ उपाध्याय का तत्काल तबादला कर दिया गया था। मामले के लिए समिति गठित की गई है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। निशा ने जांच समिति के संबंध में विवि प्रबंधन को कोई शिकायत नहीं की है। प्रो गौतम कल्लू, कुलपति कृषि विवि

मैंने जांच समिति के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत कर दिया है। लापरवाही बरतने पर निशा सप्रे को कई बार मैंने मौखिक रूप से समझाया। समय पर कार्यस्थल नहीं पहुंचने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी। इसके बावजूद उनके रवैये में कोई सुधार नहीं आया तो विभाग प्रमुख डॉ गिरीश झा से शिकायत की। इससे नाराज होकर सप्रे ने मनगढ़ंत आरोप लगा दिए।
डॉ विजय बहादुर उपाध्याय भूतपूर्व योजना प्रमुख एग्रोनॉमी

जयपुर के अजमत बने "लिटिल चैम्प्स"

जयपुर के अजमत बने "लिटिल चैम्प्स"

सूरत। टीवी रियलिटी शो सारेगामा लिटिल चैम्प्स का ताज जयपुर के 10 वर्षीय अलबेले गायक अजमत के सिर सजा है। शनिवार रात यहां आयोजित भव्य ग्रैंड फिनाले में तीनों फाइनलिस्ट अजमत, सलमान और नितिन के बीच कांटे का संघर्ष रहा। दर्शकों के वोट के आधार पर अजमत को विजेता घोषित किया गया।

बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान ने अजमत को विजेता का ताज पहनाया। सलमान फर्स्ट और नितिन सेकंड रनरअप रहे। विजेता की घोषणा होते ही अजमत भावुक हो गया और उसके आंसू निकल आए। उसने कहा, इस मुकाम तक पहुंचना उसके लिए सपना सच होने जैसा रहा।शाहरूख ने अजमत को विशेष गुडिया भी भेंट की।

अजमत की जीत का जश्न
जयपुर। चार दरवाजा स्थित मथुरा वालों की हवेली में शाम से ही उत्सुकता का माहौल था। हवेली के बाहर ही टीवी लगाया गया था और पूरा मोहल्ला एक साथ टीवी देख रहा था। लोगों ने दम साध कर पूरा कार्यक्रम देखा और जैसे ही अजमत की जीत का ऎलान हुआ पूरा चार दरवाजा क्षेत्र पटाखों की आवाज से गूंज उठा। अजमत की जीत की खुशी सड़कों पर भी नजर आई और सैकड़ों युवकों ने बड़ी चौपड़ तक जुलूस निकाल कर खुशी का इजहार किया।

मथुरावालों की हवेली से फिर निकला हीरा
अजमत हुसैन जयपुर की मथुरा वालों की हवेली से निकला एक और हीरा है। पुराने जयपुर में चार दरवाजा स्थित इस हवेली ने देश को मोहम्मद हुसैन, अहमद हुसैन जैसे गजल गायक दिए हैं। इनके भांजे मोहम्मद वकील जीटीवी के कार्यक्रम सारेगामा के विजेता रह चुके हैं। आज इसी हवेली से अजमत के रूप में एक और नायाब गायक मिला है। अजमत के दादा रफीक हुसैन भी शास्त्रीय संगीत के जानकार रहे हैं। अजमत चार दरवाजा के ही अल अमीन पब्लिक स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ता है। उसके तीन भाई और हैं।

कृतज्ञ राष्ट्र ने "बापू" को याद किया

कृतज्ञ राष्ट्र ने "बापू" को याद किया

नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 142वीं जयंती के मौके पर रविवार को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह सहित तमाम आला राजनैता राजघाट पर श्रृद्धांजलि देने पहुंचे। यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और शहरी विकास मंत्री कमल नाथ भी राजघाट पहुंचे।

सोनिया गांधी सर्जरी के दो महीने बाद पहली बार राजघाट पहुंचीं। वह अमरीका में इलाज के बाद पिछले महीने की 8 तारीख को स्वदेश लौटी थीं।

इस अवसर पर राजघाट पर के बापू की पोती तारा गांधी ने दुनिया को अहिंसा के महत्व से रूबरू कराने के लिए वहां मौजूद सभी लोगों से एक मिनिट का मौन रखने की अपील की।

महात्‍मा गांधी की स्मृति में


महात्‍मा गांधी की स्मृति में

आज जिस भारत में हम निवास कर रहे हैं वहां आतंकवादी हमलों तथा क्षेत्रीय विवादों के रूप में बड़े स्‍तर पर हिंसा देखी जा रही है। हमारे नागरिकों का जीवन विक्षोभ और भ्रम से बोझिल हो चुका है। निर्दोष नागरिक अपने जीवन खो देते हैं या उन्‍हें हमलों के डर से अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है, अत: शांति और अहिंसा की आवश्‍यकता अनुभव की जा रही है।

महात्‍मा गांधी को आज भारतीय स्‍वतंत्रता संग्राम में उनके द्वारा किए गए असाधारण योगदान के लिए ही नहीं अपितु अन्‍याय और असंगति के साथ निपटने में दुनिया को एक नई विचाराधारा देने के लिए भी याद किया जाता है। उन्‍होंने हमें अहिंसा का पा�� पढ़ाया हैं, जो मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान हेतु एक साधन के रूप में अहिंसा का उपयोग करने को प्रोत्‍साहन देता है।(पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है)

महात्‍मा गांधी को हम प्रेम से ‘बापू’ कहते हैं, जो राष्‍ट्रपिता हैं और दुनिया भर में उन्‍हें सबसे शक्तिशाली साधन – सत्‍य और अहिंसा से स्‍वतंत्रता का संघर्ष जीतने के लिए याद किया जाता है। महात्‍मा गांधी का जन्‍म 2 अक्‍तूबर, 1869को पोरबंदर में हुआ था जो गुजरात राज्‍य का एक तटीय कस्‍बा है। लगभग 18 वर्ष की उम्र में वे कानून का अध्‍ययन करने के लिए तथा एक बेरिस्‍टर के रूप में प्रशिक्षण पाने के लिए इंग्‍लैंड गए। लगभग 6 वर्ष बाद उन्‍होंने दक्षिण अफ्रीका में एक भारतीय फर्म के लिए कार्य संविदा को स्‍वीकार किया। वहां उन्‍होंने स्‍वयं अपनी आंखों से पूर्वाग्रह देखा, जहां उन्‍हें एक अश्‍वेत होने के कारण रेल के प्रथम श्रेणी के डिब्‍बे से बाहर निकाल दिया गया, जबकि उनके पास यात्रा का वैध टिकट था। यह घटना उनके जीवन का एक निर्णायक मोड़ बनी।




गांधी जी ने सत्‍याग्रह को ‘सत्‍य के लिए एक अथक खोज और सत्‍य की खोज की दृढ़ता’ के रूप में बताया। उन्‍होंने ट्रांसवाल में पहली बार एक नए अध्‍यादेश का विरोध करने के लिए इस तरीके का इस्‍तेमाल किया, जो वहां रहने वाले भारतीय समुदाय के प्रति भेदभाव दर्शाता था। आगे चलकर, भारत में आने के बाद उन्‍होंने ‘स्‍वराज’ या स्‍वतंत्रता हेतु संघर्ष में इसे एक मुख्‍य विधि के रूप में अहिंसात्‍मक विरोध का तरीका अपनाया।






गांधी जी ने वर्ष 1917-18 के दौरान बिहार के चम्‍पारण नामक स्‍थान के खेतों में पहली बार भारत में सत्‍याग्रह का प्रयोग किया। यहां अकाल के समय गरीब किसानों को अपने जीवित रहने के लिए जरुरी खाद्य फसलें उगाने के स्‍थान पर नील की खेती करने के लिए ज़ोर डाला जा रहा था। उन्‍हें अपनी पैदावार का कम मूल्‍य दिया जा रहा था और उन पर भारी करों का दबाव था। गांधी जी ने उस गांव का विस्‍तृत अध्‍ययन किया और जमींदारों के विरुद्ध विरोध का आयोजन किया, जिसके परिणाम स्‍वरूप उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके कारावास में डाले जाने के बाद और अधिक प्रदर्शन किए गए। जल्‍दी ही गांधी जी को छोड़ दिया गया और जमींदारों ने किसानों के पक्ष में एक करारनामे पर हस्‍ताक्षर किए, जिससे उनकी स्थिति में सुधार आया।

इस सफलता से प्रेरणा लेकर महात्‍मा गांधी ने भारतीय स्‍वतंत्रता के लिए किए जाने वाले अन्‍य अभियानों में सत्‍याग्रह और अहिंसा के विरोध जारी रखे, जैसे कि असहयोग आंदोलन, नागरिक अवज्ञा आंदोलन, दांडी यात्रा तथा भारत छोड़ो आंदोलन, गांधी जी के प्रयासों से अंत में भारत को 15 अगस्‍त 1947 को स्‍वतंत्रता मिली।




महात्‍मा गांधी द्वारा सत्‍य और अहिंसा के इन मूल्‍यों को दशकों पहले स्‍थापित किया गया था किन्‍तु ये आज पहले की अपेक्षा अधिक महत्‍वपूर्ण बन गए हैं। विवाद, हिंसा और आतंकवाद के तिहरे जोखिम के कारण इन विविध विचारों और अवधारणाओं के प्रति सहनशीलता महत्‍वपूर्ण हो गई है। विभिन्‍न संस्‍कृतियों और धर्मों के प्रति आदर केवल तभी लाया जा सकता है जब हम एक दूसरे से बात करें और बात सुनें तथा समझें। प्रत्‍येक सक्रिय लोकतंत्र में सहनशीलता एक महत्‍वपूर्ण पक्ष है जहां सभी की चिंता विशेष रूप से निर्धन वर्ग, महिलाओं और अपेक्षित समुदायों को अवश्‍य संबोधित किया जाना चाहिए। हमें यह ध्‍यान में रखना चाहिए कि ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जिसे शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया न जा सके और हमें इस अभ्‍यास को बनाए रखने के लिए कार्य करना चाहिए।

"मैं नहीं चाहता कि मेरे घर के सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद हों। मैं एक ऐसा घर चाहता हूं जिसकी सभी खिड़कियां और दरवाजे खुले हों, जिसमें हर भूमि और राष्‍ट्र की सांस्‍कृतिक पवन होकर गुजरे।"

- महात्‍मा गांधी

संयुक्‍त राष्‍ट्र ने इन वैश्विक रूप से महत्‍वपूर्ण मूल्‍यों के निष्‍पादन को मान्‍यता देकर 2 अक्‍तूबर, महात्‍मा गांधी के जन्‍म दिवस कोअंतरराष्‍ट्रीय अहिंसा दिवस(बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) के रूप में अपनाया है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि महात्‍मा गांधी का यह अनश्‍वर संदेश आने वाले वर्षों में अनेक पीढियों तक प्रचलित रहेगा।













भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री...... सादा जीवन और उच्च विचार





भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म
2 अक्टूबर 1904 को मुग़लसराय उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ। यह एक भारतीय राजनेता और जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे।भारत में ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़ महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन के एक कार्यकर्ता लाल बहादुर थोड़े समय (1921) के लिये जेल गए। रिहा होने पर उन्होंने एक राष्ट्रवादी विश्वविद्यालय काशी विद्यापीठ (वर्तमान महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ) में अध्ययन किया और स्नातकोत्तर शास्त्री (शास्त्रों का विद्वान) की उपाधि पाई।अपने पिता मिर्ज़ापुर के श्री शारदा प्रसाद और अपनी माता श्रीमती रामदुलारी देवी के तीन पुत्रो में से वे दूसरे थे। उनके पिता शारदा प्रसाद एक ग़रीब शिक्षक थे, जो बाद में राजस्व कार्यालय में लिपिक (क्लर्क) बने। शास्त्रीजी की दो बहनें भी थीं। शास्त्रीजी के शैशव में ही उनके पिता का निधन हो गया।1928 में उनका विवाह श्री गणेशप्रसाद की पुत्री ललितादेवी से हुआ और उनके छ: संतान हुईस्नातकोत्तर के बाद वह गांधी के अनुयायी के रूप में फिर राजनीति में लौटे, कई बार जेल गए और संयुक्त प्रांत, जो अब उत्तर प्रदेश है, की कांग्रेस पार्टी में प्रभावशाली पद ग्रहण किए। 1937 और 1946में शास्त्री प्रांत की विधायिका में निर्वाचित हुए।1929 में इलाहाबाद आने के बाद उन्होंने श्री टंडनजी के साथ भारत सेवक संघ के इलाहाबाद इकाई के सचिव के रूप में काम किया। यहीं उनकी नज़दीकी नेहरू से भी बढी। इसके बाद से उनका क़द निरंतर बढता गया जिसकी परिणति नेहरू मंत्रिमंडल में गृहमंत्री के तौर पर उनका शामिल होना था। इस पद पर वे 1951 तक बने रहे।भारत की स्वतंत्रता के पश्चात शास्त्रीजी को उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। वो गोविंद बल्लभ पंत के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में प्रहरी एवं यातायात मंत्री बने। यातायात मंत्री के समय में उन्होंनें प्रथम बार किसी महिला को संवाहक (कंडक्टर) के पद में नियुक्त किया। प्रहरी विभाग के मंत्री होने के बाद उन्होंने भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए लाठी के जगह पानी की बौछार का प्रयोग प्रारंभ कराया। 1951 में, जवाहर लाल नेहरु के नेतृत्व में वह अखिल भारत काँग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किये गये। 1952 में वह संसद के लिये निर्वाचित हुए और केंद्रीय रेलवे व परिवहन मंत्री बने।1961 में गृह मंत्री के प्रभावशाली पद पर नियुक्ति के बाद उन्हें एक कुशल मध्यस्थ के रूप में प्रतिष्ठा मिली। तीन साल बाद जवाहरलाल नेहरू के बीमार पड़ने पर उन्हें बिना किसी विभाग का मंत्री नियुक्त किया गया और नेहरू की मृत्यु के बाद जून 1964 में वह भारत के प्रधानमंत्री बने। भारत की आर्थिक समस्याओं से प्रभावी ढंग से न निपट पाने के कारण शास्त्री जी की आलोचना हुई, लेकिन जम्मू-कश्मीर के विवादित प्रांत पर पड़ोसी पाकिस्तान के साथ वैमनस्य भड़कने पर (1965) उनके द्वारा दिखाई गई दृढ़ता के लिये उन्हें बहुत लोकप्रियता मिली। ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान के साथ युद्ध करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। शास्त्री के बाद नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं।शास्त्रीजी को उनकी सादगी, देशभक्ति और इमानदारी के लिये पूरा भारत श्रद्धापूर्वक याद करता है। उन्हें वर्ष 1966 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु 11 जनवरी, 1966 ताशकंद, उज़बेकिस्तान, तत्कालीन सोवियत सघं में हुई थी।

शनिवार, 1 अक्टूबर 2011

जिस मुल्क में रहें, उसकी तरक्की के लिए काम करें : मखदूम अमीन फहीम


पाकिस्तान में बनी मखदूम नू की दरगाह के हजारों मुरीद मखदूम अमीन फहीम का दीदार करने के लिए सुबह से ही मेरवाड़ा स्टेट में उनके आने का इंतजार करते रहे। दोपहर दो बजे करीब जब फहीम मेरवाड़ा स्टेट पहुंचे तो कई मुरीद उनका हाथ चूमने के लिए दौड़ पड़े। जैसलमेर और बाड़मेर से आए हजारों लोगों ने फहीम के पैरों को छूआ तो किसी ने हाथों को चूमा। कई लोगों के आंसू भी बहने लगे।

जिस मुल्क में रहें, उसकी तरक्की के लिए काम करें :

फहीम ने मुरीदों से कहा कि जो जिस मुल्क में रह रहा है वहां की तरक्की के लिए काम करे। वहां के कानून की पालना करें। फहीम ने लोगों के लिए दुआ करते हुए कहा कि सभी नेकी पर चल एक दूसरे का सहयोग करें। फहीम के मुरीदों की संख्या इतनी अधिक थी कि मेरवाड़ा स्टेट में बनाए गए स्टेज तक पहुंचने में उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा।

सीआईडी ने मांगी लिस्ट

सर्किट हाऊस में सी फार्म भरने के लिए सीआईडी अधिकारियों ने अजमेर आने वाले लोगों के नाम और वीजा मांगे। वाणिज्य मंत्री के साथ आए पाकिस्तान दूतावास के एक अधिकारी ने सीआईडी अधिकारियों को कहा कि उनकी ओर से दिल्ली और राजस्थान सरकार को सूची दी जा चुकी है। ऐसे में वो अब सूची नहीं देंगे। अधिकारी ने ये भी कह दिया कि अगर दुबारा से सूची के लिए कहा गया तो वो अजमेर से चले जाएंगे।


पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री मखदूम अमीन फहीम ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार बढ़ाए जाने की बहुत संभावनाएं हैं। इसके लिए वीजा सिस्टम में बदलाव की जरूरत है। भारत की वीजा व्यवस्था के कारण पाकिस्तान से आने वाले व्यापारियों को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है।

फहीम शुक्रवार को ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में अकीदत के फूल पेश करने आए थे। उन्होंने दरगाह में अमन चैन की दुआ मांगी। सर्किट हाउस में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत के अधिकारियों से हुई बातचीत में उन्होंने व्यापारियों की सुविधा के लिए दोनों देशों के बीच मल्टीपल वीजा देने के विचार से अवगत कराया है।

भारत पाकिस्तान के बीच रिश्तों में खटास पर वाणिज्य मंत्री ने कहा कि ये सियासत से जुड़ी बातें हैं। बम विस्फोट की घटनाओं में पाकिस्तान का हाथ होने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान खुद ऐसी ही समस्या से जूझ रहा है। आतंकवाद सभी के लिए समस्या है।

70 व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल

भारत से व्यापार बढ़ाने सहित 63 मसलों पर बातचीत करने के लिए पाकिस्तान वाणिज्य मंत्री के नेतृत्व में 70 व्यापारियों का एक दल भारत आया है। इनमें तीन मंत्री और तीन सचिव स्तर के अधिकारी हैं। दिल्ली में भारत के प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद वाणिज्य मंत्री सहित कुछ लोग गरीब नवाज की दरगाह जियारत के लिए शुक्रवार को अजमेर पहुंचे।.

TV9 Gujarat - Rubber Boy surat

पाकिस्तान में छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में कक्षा 10 की परीक्षा में शीर्ष स्थान पर रही एक किशोरी के साथ लाहौर में सामूहिक बलात्कार किया गया।


टीवी चैनल 'जियो न्यूज' ने बताया कि दो व्यक्तियों ने लाहौर के शाहकोट इलाके में किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार किया।


आरोपियों ने किशोरी को उसकी मां की बीमारी के बहाने संस्थान से बाहर बुलाया था। रपट में बताया गया है कि पीड़िता अभी तक सदमे में है और पुलिस के समक्ष बयान देने की हालत में नहीं है।

Tv9 Gujarat - Amba maa aarti : Surat

ये दुल्हन तो बहुत ही शातिर है भाई, दो पति और बीवी एक



हिसार. जींद .एक महिला शादी के दो माह बाद ही पति के घर से गहने, 35 हजार रुपए और घरेलू सामान लेकर गायब हो गई। बाद में उसने दूसरे व्यक्ति से शादी रचा ली।



पति ने जब ससुराल में पत्नी के बारे में पूछा तो उसे बताया गया कि वह बीमार है। लेकिन कुछ ही दिन बाद उसे पता चला कि उसकी पत्नी ने बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर ली है तो उसने पुलिस की शरण ली। पुलिस ने उसकी शिकायत पर आरोपित महिला सहित चार लोगों के खिलाफ चोरी, अमानत में खयानत, धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।



वाकया जिले के आसन गांव का है। आसन के रहने वाले अजमेर की शादी इसी वर्ष 11 जून को पानीपत के गांव औसर की मीना कुमारी के साथ हुई थी। अजमेर का आरोप है कि मीना 11 जुलाई को उसके घर से लगभग डेढ़ लाख रुपए के गहने, 35 हजार रुपए कैश तथा कुछ घरेलू सामान लेकर मायके चली गई।



उसके बाद वह कई दिन तक वापस नहीं लौटी तो अजमेर ने ससुराल वालों से पूछताछ की। ससुराल वालों ने बताया कि मीना बीमार है। लेकिन एक सप्ताह पहले उसे पता चला कि मीना ने ३ अगस्त को पानीपत के ही गांव कवि के रहने वाले अजीत के साथ शादी कर ली है। अजमेर ने आरोप लगाया कि मीना ने दूसरी शादी रचाने से पहले न तो उससे तलाक लिया और न ही उसके गहने, नगदी व सामान को लौटाया।

सांप काटने से मौत पर मिलेगा एक लाख रुपए मुआवजा


अमृतसर।। पंजाब में अगर किसी की मौत सांप काटने से होती है तो सरकार की ओर से उसके परिजनों को एक लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा। वन और वन्यजीवन संरक्षण मंत्री अरुणेश शकीर ने शनिवार को वन्यजीवन संरक्षण सप्ताह 2011 के मौके पर आयोजित एक समारोह में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि वन्य जीवों के कारण जिन किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचता है उन्हें मुआवजा देने के लिए मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने हरी झंडी दे दी है।

उन्होंने बताया कि भटिंडा के बीर तालाब ब्लॉक जंगलों में 'हिरण सफारी' बनाने के लिए नई दिल्ली केन्द्रीय चिड़ियाघर अथॉरिटी से मंजूरी मिल गई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने चंडीगढ़ के निकट छतबीर वन्यजीवन उद्यान, पटियाला और भटिंडा स्थित 'मिनी चिड़ियाघर' में शनिवार से मुफ्त प्रवेश लागू कर दिया है।

भंवरी देवी मामला: बलदेव पुलिस रिमांड पर

भंवरी देवी मामला: बलदेव पुलिस रिमांड पर

जोधपुर। राजस्थान में जोधपुर जिले के बिलाडा कस्बे से गत एक सितम्बर को लापता एएनएम भंवरी देवी के अपहरण मामले के आरोपी बलदेव उर्फ बलिया को आज अदालत ने सात दिन की पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया।

पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बलिया को कल पुलिस ने कापरड़ा के पास गिरफ्तार किया था और आज उसे बिलाडा के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संदीप शर्मा की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने पूछताछ के लिए उसे सात दिन के लिए पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया है।

इस मामले में दो मुख्य आरोपी शहाबुद्दीन एवं पूर्व उप जिला प्रमुख सहीराम विश्नोई पुलिस पकड़ से बाहर हैं। इन दोनों पर 25-25 हजार रूपए का ईनाम भी घोषित किया हुआ है तथा दोनों के अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी किए हुए हैं। इस प्रकरण में गिरफ्तार सोहन लाल न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।

मंत्री से नहीं की पूछताछ
बिलाडा की एसीजेएम अदालत में ही भंवरी देवी के पति अमरचन्द द्वारा पेश इस्तगासे के आधार पर राज्य के जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा के खिलाफ भी अपहरण बलात्कार एवं हत्या का मामला दर्ज करने के आदेश दिए हुए है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक मंत्री से किसी प्रकार की पूछताछ नहीं की गई है।

पुलिस वाले हुए इधर उधर

पुलिस वाले हुए इधर उधर

  बाड़मेर जिला पुलिस अधीक्सक बाड़मेर ने आधा दर्जन पुलिस वालो को इधर उधर कर दिया.पुलिस सूत्रानुसार पुलिस अधीक्षक  संतोष चलके ने आदेश जारी कर मनोज शर्मा सी आई कोतवाली को अपराध शाखा बाड़मेर लक्ष्मीनारायण केवलिया को गडरा थाना से पुलिस लाइन बाड़मेर ,हुक्माराम को गडरा मोहन सिंह को यातायात प्रभारी बाड़मेर खिंया राम को बाखासरथाना सानी राम को कोतवाली बाड़मेर लूंन  सिंह को कोतवाली बाड़मेर लगाया गया हें. काफी दिनों से पुलिस विभाग के स्थानान्तरण का इंतज़ार था  

Aum Jai Ambe Gauri - Anuradha Paudwal

आरती जय अम्बे गौरी

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुम को निस दिन ध्यावत, (+मैयाजी को निस दिन ध्यावत)
हरि ब्रह्मा शिवजी। बोलो जय अम्बे गौरी…

माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृग मद को।
(+मैया टीको मृगमद को)
उज्ज्वल से दो नैना, चन्द्रवदन नीको॥
बोलो जय अम्बे गौरी…

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर साजे।
(+मैया रक्ताम्बर साजे)
रक्त पुष्प गले माला, कण्ठ हार साजे॥
बोलो जय अम्बे गौरी…

केहरि वाहन राजत खड्ग कृपाण धारी।
(+मैया खड्ग कृपाण धारी)
सुर नर मुनि जन सेवत, तिनके दुख हारी॥
बोलो जय अम्बे गौरी…

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
(+मैया नासाग्रे मोती)
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥
बोलो जय अम्बे गौरी…

शम्भु निशम्भु बिडारे, महिषासुर धाती।
(+मैया महिषासुर धाती)
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥
बोलो जय अम्बे गौरी…

चण्ड मुण्ड विनाशिनी, शोणित बीज हरे।
(+मैया शोणित बीज हरे)
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भय दूर करे॥
बोलो जय अम्बे गौरी…

ब्रह्माणी रुद्राणी, तुम कमला रानी।
(+मैया तुम कमला रानी)
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥
बोलो जय अम्बे गौरी…

चौंसठ योगिन गावत, नृत्य करत भैरों।
(+मैया नृत्य करत भैरों)
बाजत ताल मृदंग, और बाजत डमरू॥
बोलो जय अम्बे गौरी…

तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता।
(+मैया तुम ही हो भर्ता)
भक्तन की दुख हर्ता, सुख सम्पति कर्ता॥
बोलो जय अम्बे गौरी…

भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी।
(+मैया वर मुद्रा धारी)
मन वाँछित फल पावत, देवता नर नारी॥
बोलो जय अम्बे गौरी…

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
(+मैया अगर कपूर बाती)
माल केतु में राजत, कोटि रतन ज्योती॥
बोलो जय अम्बे गौरी…

माँ अम्बे (+जी) की आरती, जो कोई नर गावे।
(+मैया जो कोई नर गावे)
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पति पावे॥
बोलो जय अम्बे गौरी…