गुरुवार, 26 मई 2011

पुलिस सुरक्षा में उदिता को जालोर भेज दिया


पुलिस सुरक्षा में उदिता को जालोर भेज दिया

बाड़मेर [चन्दन भाटी]गांदेवी गांव से लापता युवती प्रेमी के साथ विवाह बंधन में बंधने के बाद मंगलवार को जालोर पुलिस थाने में पेश हुई। जहां से उसे बुधवार को एडीजे कोर्ट बाड़मेर में पेश किया गया। कोर्ट ने युवती को पति के साथ ससुराल भेजने के आदेश दिए। युवती के परिजन ने 19 मई को उसके लापता होने का मामला दर्ज कराया था।

पुलिस के अनुसार कुछ दिन पूर्व गांदेवी गांव की उदी उर्फ उदिता के गुमशुदा होने का मामला उसके परिजनों ने थाने में दर्ज कराया था। मंगलवार को उदिता जालोर पुलिस थाने में पेश हुई। उसने पुलिस को बताया कि वह बालिग है तथा उसने अपने प्रेमी सांकरणा जालोर हाल जोधपुर निवासी ओमप्रकाश पुत्र समरथाराम परमार के साथ अहमदाबाद मैरिज ब्यूरो में शादी कर ली है। पुलिस बुधवार को पति-पत्नी को गुड़ामालानी पुलिस थाने लेकर आई।
 

एएसआई लाधूराम ने बताया कि पुलिस ने दोनों के बयान कलमबद्ध किए। बुधवार को ही दोनों को एडीजे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में उदिता ने पति के साथ रहने की इच्छा जताई। इसके बाद कोर्ट ने उदिता को पति के साथ ससुराल भेजने के आदेश दिए।
न्यायालय के आदेश के बाद अदिता बाउमेर में अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक श्रीराम मीणा के समक्ष पेश हुर्इ्र तथा अपने परिजनों से सुरक्षा की गुहार लगाई।श्रीराम मीणा ने बताया कि उदिता को पुलिस की माकूल सुरक्षा उपलब्ध करा कर उसे उसके पति को सुपुर्द कर दिया हैं।अदिता जब पुलिस मुख्यालय में आई तब उसके चारों और जबरदस्त सुरक्षा पहरा था।बाद में पुलिस सुरक्षा में उदिता को जालोर भेज दिया,जहॉ उसका प्रेमी पति ओमप्रकाश रहता हैं।

कामांध युवक का मासूम भांजी की चीत्कार से भी दिल नहीं पसीजा


कामांध युवक का मासूम भांजी की चीत्कार से भी दिल नहीं पसीजा

जयपुर। फागी थाना इलाके में पांच दिन पहले एक सात वर्षीय बालिका की बलात्कार के बाद हत्या के मामले में गिरफ्तार युवक मृतका का रिश्ते में मामा लगता था। बताया जाता है कि बलात्कार और हत्या की शिकार हुई बालिका घटना के दौरान अभियुक्त को मामा के रिश्ते की दुहाई देते हुए जान बक्श देने की गुहार भी लगाई थी, लेकिन शराब के नशे में कामांध युवक का मासूम भांजी की चीत्कार से भी दिल नहीं पसीजा और मामा-भांजी के रिश्ते को कलंकित करने वाले इस घिनौने कारनामें पर पर्दा डालने के लिए बहशी मामा ने सात वष्ाीüय मासूम भांजी के साथ बलात्कार के बाद गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया।

पुलिस ने घटना के दो दिन बाद बलात्कार और हत्या के इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए आरोपी मामा चाकसू निवासी 22 वष्ाीüय महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अभियुक्त ने घटना के दौरान बालिका के गुहार की दास्ता पुलिस अधिकारियों को भी सुनाई तो उनकी आंखें भी नम हो गईं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल गोठवाल ने बताया कि फागी थाना इलाके में 21 मई को सात वष्ाीüय बालिका की लाश मिली थी।

ग्रामीणों से पूछताछ में बालिका की शिनाख्त फागी निवासी मंगालाल की पुत्री के रूप में हुई। पुलिस को जांच में पता चला कि मंगालाल और उसकी पत्नी के मजदूरी के मामले में घर से चले जाने के बाद बालिका अकेली थी। उसी दौरान पड़ोसियों ने चाकसू निवासी महेंद्र को पीडिता के घर के आसपास घूमता हुआ देखा था। पुलिस ने बताया कि महेंद्र रिश्ते में मंगालाल का साला लगता है। पुलिस ने शक के आधार पर महेंद्र को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो वो टूट गया और उसने अपनी सात वष्ाीüय भांजी की बलात्कार के बाद गला दबाकर हत्या करना कबूल कर लिया।

शराब के नशे ने बना दिया कामांध : गोठवाल के मुताबिक, अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि 21 मई को महेंद्र फागी में अपनी बहन से मिलने आया था। घर में के नहीं मिलने पर महेंद्र शराब ठेके पर चला गया और शराब डाकरने के बाद वापस गांव में आया। घर में मंगालाल की बेटी को अकेला देख कर हमेंद्र कामांध हो गया और इस घिनौनी घटना को अंजाम देकर फरार हो गया।
 

मारवाड़ का भोजन।।स्वाद का जवाब नहीं। .

















मारवाड़ का भोजन।।स्वाद का जवाब नहीं।

बाड़मेर की इमारती ,दाल के लड्डू ,मसु  और जीवनजी की नमकीन ,दलुजी की कचौरी यहाँ के जाने- माने मीठे ,नमकीन व्यंजन हैं।

मारवाड़ का भोजन प्रायः अपनी सात्विकता के लिए जाना जाता है। प्याज, लहसुन जैसे कई तामसिक भोजनों का प्रयोग निषिद्ध था। हिंदू जनता में शाकाहारी भोजन का प्रचलन था, लेकिन कुछ लोग मांसाहार का भी प्रयोग करते थे।मारवाड़ की अर्थव्यवस्था पशुपालक रही है, अतः भोजन में दूध व दूध से बने सामग्रियाँ जैसे दही, छाछ, मट्ठा, घी आदि का बहुतायक में प्रयोग होता था। छाछ को तो अमृत- तुल्य समझा जाता था। साधारण लोगों में ज्वार, मोठ, कुलथ, मसूर, उड़द व तूर का विशेष प्रयोग होता था। चावल, गेहूँ, मकई व कुछ अन्य अनाज भी व्यावहार में लाये जाते थे, लेकिन बाजरे का प्रयोग सबसे व्यापक रुप से किया जाता था। सस्ती होने के कारण गरीब लोगों में भी इसकी विशेष खपत थी। किसानों व अन्य ग्रामीण लोगों में भोजन में सागरा तथा राब सबसे अधिक प्रचलित थे।साधारणतः लोग दिन में तीन बार भोजन ग्रहण करते थे -- सीरवान (नाश्ता), दुपहरी (दिन का भोजन) व रात बियालु (रात का भोजन) । सीरवान में बाजरी की रोटी के साथ घी, दही, दूध व मट्ठा लिया जाता था। रावा व छाछ का प्रयोग सामान्य था। कभी- कभी मेथी, पालक या सोया जैसी पत्तेदार सब्जियाँ भी प्रयोग की जाती थी। दूपहरी में सोगरा, मुंडा या मोथ की दाल, प्याज तथा एक लाल मिर्च का भोजन किया जाता था। सायंकालीन भोजन में सोगरा, दाल, मटर व रवीच (बाजरी व मोठ दाल की मिश्रित थूली) के साथ घी, तेल, दूध या राबड़ी का प्रचलन था। लोग खिचड़ी का भी सेवन करते थे। उपरोक्त भोजन स्वास्थ्य के नियमों के अनुकूल माना जाता था। अच्छे स्वास्थ्य के लिए सायंकालीन भोजन सुपाच्य व हल्का लेना उचित समझते थे।पाँच तरह के खाद्यों से बनी पंचकुट मारवाड़ की अपनी खासियत थी। वे थे -- सागरी, खैर (सुखे मेवे), कुमाथिआ (बील), अमचुर (आम का सुखाया गया मांसल भाग) व मिर्ची।सब्जियों में कैर, सांगरी, फोग, ककड़ी, फलियां, टिंडा, खींपोली, कंकेड़ा आदि सर्वत्र उपलब्ध रहते हैं। इसके अतिरिक्त मूली, गाजर, शकरकंद जैसे कंदवाली सब्जियाँ भी उगाई जाती है। तरबूजे भी उगाये जाते थे।यहाँ की विविध तरह की मिठाइयाँ व नमकीने विश्व विख्यात हैं। जोधपुर की मावे की कचौरी, बीकानेर के रसगुल्ले, नागौर के मालपुवे, जैसलमेर के घोटवा ,मिश्री मावा , किशनगढ़ के पेठे, मेड़ता के दूध पेड़े, लूणी की केशवबाटी, पाली के गूंजे, नावां के गूंद के पापड़, सांभर की फीणी, खारची की रबड़ी व खुनसुना की जलेबी लाजवाब मानी जाती है। इसी प्रकार बीकानेरी भूजिया, जोधपुरी मिर्ची बड़ा, दाल- मोठ, कोफ्ता व शाही समोसा ,बाड़मेर की इमारती ,दाल के लड्डू ,मसु  और जीवनजी की नमकीन ,दलुजी की कचौरी यहाँ के जाने- माने मीठे ,नमकीन व्यंजन हैं।शाकाहारी व्यंजनों की तरह, यहाँ मांसाहारी व्यंजनों की भी लंबी श्रृंखला है। यहाँ के जंगलों में कई प्रकार के वन्य प्राणी विपुलता में उपलब्ध थे, जिनका पहले शिकार किया जाता था। मांसाहारी व्यंजनों में कबाब, रोगनजोश, कीमा, अचार, पुलाव, काचर, सीरी, सोयता, बूथां, खड्ड खरगोश इत्यादि उल्लेखनीय हैं।गरीब तथा समृद्ध लोगों के भोजन में बहुत अंतर था। समृद्ध लोग बहुत तरह के सब्जियों के सुगंधित रसों, सुखे मेवे तथा फीणी, घेवर व खाजा जैसे मिठाइयों, दारव (अंगुर), नारियल, चावल व गेहूँ के बने विभिन्न तरह के व्यंजनों, सब्जियों, दाल व अचार का प्रयोग करते थे। शादी- विवाह के अवसर पर लपसी, सीरा तथा लड्डू अवश्य बनाये जाते थे। शादी के अवसर पर गंगाजल, इलायची और कपूर डाला हुआ जल परोसा जाता था। भोजन के बाद पान, कस्तुरी, कपूर और लौंग का सेवन किया जाता था।

बाडमेर सहकारी भण्डार में 1करोड 27 लाख का गबन

बाडमेर सहकारी भण्डार में 1करोड 27 लाख का गबन


 मामला दबाने का प्रयास ,केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की

लेखापाल और स्टोरकीपर निलम्बित

बाडमेर बाडमेर जिले के सहकारी उपभोक्ता होलसेल भण्डार में एक करोड 27 लाख के गबन का मामला सामनें आने के आद विभाग द्धारा मामला विभाग स्तर पर दर्ज करा अपने फर्ज की इति श्री कर ली।जबकि संयुक्त रजिस्टार जोधपूर द्धारा गबन के आरोपियो के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश भी दिऐ थैं।विभाग द्धारा इस मामले की पुष्टि के साथ ही विभाग नें राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 57 के तहत दर्ज कर लिया हैं।इस मामलें में विभाग द्धारा तत्कालीन व्यवस्थापक और लेखापाल को गबन का दोषी ठहराया गया था।


जिस पर कार्यवाही करते हुऐ भण्डार ें अध्यक्ष सुरेन्द्र गांग नें लेखापाल पुखराज दवे और स्टोर कीपर ओम प्रकाश को निलम्बित कर उनका मुख्यालयउप रजिस्ट्रार सहकारी समितिया बाडमेर किया गया हैं।

सयुक्त रजिस्ट्रार सहकारी समितियॉ जोधपुर उमराव सिंह चारण नें बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी नें सहकारी दपभोक्ता होलसेल भण्डार बाडमेर की ऑडिट रिपोर्ट में वर्ष 2008-09 के पैरा 19़़ः2;7 (6) के अनुसार कस्टमर चारा लेनदारी के लि लेखापाल पुखराज दवे तथा तत्कालीन व्यवस्थापक प्रेमसिंह चौधरी के विरूद्ध एक करोड सताइस लाख रूप्ये के गबन करने का मामला दर्ज किया गया था।

उनहोने बताया कि इन दोनों नें संस्था के उपनियमों तथा जिला कलेक्टर के निर्देशों के विरूद्ध जाकर स्वयं सेवी संस्थाओं को अपने अधिकार क्षैत्र से बाइर जाकर चारा वितरण किया।जिसकी वसूली के प्रयास तक नही किए गयें।चारण के अनुसार कमटी ने निर्णय लिया कि आडिट रिपोर्ट कें अनुसार वर्ष 2008-09 के पैरा 19,2,7(6) में आऐं तथ्यों के अनुसार भण्डार के इन दोनों कर्मचारियों नें 1,27,14,269 रूप्यें की राशी का गबन होना सपष्ट होता हैं।गौरतलब हैं कि भण्डार द्धारा अकाल राहत के तहत जिला प्रशासन द्धारा पशुओं की सहायतार्थ चलाऐं पशु शिविरों में स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से चारा बडी मात्रा में आपूर्ति किया गया था।सवयं सेवी संस्थाओं द्धारा भंूगतान कर दिया गया,मगर उक्त भुगतान भण्डार में जमा नही कराया।


करोडो रूप्यों की उधारी वसूली कें जब भण्इार नें संस्थाओं के विरूद्ध नोटिस निकाले तब संस्थाओं द्धारा अवगत कराया गया कि वें अपना भुगतान कर चुके हैं।भण्उार के इन कर्मचारियों सक्रीनिंग कमेटी के समक्ष बयान तथा अपना पक्ष रखनें का पूर्ण अवयर दिया गया,जिसमें तत्कालीन व्यवस्थापक नें अपना पक्ष रखा मगर लेखापाल नें अपना कोई पक्ष कमेटी के सामने नहीं रखा।जिससे अपरोक्त राशी का गबन और अनियमितताऐं स्पष्ट सामने आई।इनके खिलाफ विभाग नें मामला दर्ज कर बयाज सहित वसूली की कार्यवाही आरम्भ कर दी हैं।

सहकारी उपभोक्ता होलसेल भण्डार व्यवस्थापक अर्जुन सिंह ने बताया कि राज्य सरकार की कई एजेसिंया इस मामले की पडताल कर रही हैं।केन्द्र सरकार के पंचायतराज मंत्रालय द्धारा राज्य सरकार से रिपोर्ट मागी गई हैं।

भण्डार के पास चारा आपूर्ति का समस्त रिकार्ड अपलब्ध ही नही हैं।सवयं सेवी संस्थाओं नें स्पष्ट कहा कि इनके द्धारा भुगतान किया जा चुका हैं।विभाग ने तत्कालीन व्यवस्थापक और लेखापाल को गबन का दोषी ठहराया हैं।उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया हैं।दोनो आरोपियों को निलम्बित कर दिया हैं।

जातीय पंचों के तुगलकी फरमान ने उन्हें ही जेल तक पहुंचा दिया


जातीय पंचों के तुगलकी फरमान ने उन्हें ही जेल तक पहुंचा दिया



बाड़मेर जातीय पंचों के तुगलकी फरमान ने उन्हें ही जेल तक पहुंचा दिया। पुलिस के अनुसार चैनाराम पुत्र मूलाराम राइका निवासी नौसर ने 3 मई को इस्तगासे के जरिये 16 जातीय पंचो के खिलाफ पुत्री के रिश्ते में हस्तक्षेप करने को लेकर मामला दर्ज करवाया था। मंगलवार देर रात्रि को बायतु पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर बुधवार को न्यायालय में पेश किया।
 यहां न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उनकी जमानत लेने से इनकार करते हुए जेल भेजने के आदेश दिए। बायतु थानाघिकारी  जयराम चौधरी ने बताया कि फुसाराम निवासी सरणू, गेनाराम निवासी बामडी खुर्द, गेनाराम पुत्र करनाराम निवासी बामडी खुर्द, सरदाराराम पुत्र पूनमाराम निवासी कोनरी नाडी, भंवराराम पुत्र चेलाराम निवासी लोडिया, देवाराम पुत्र धुंधलाराम निवासी राणेरी, आदूराम पुत्र लालाराम निवासी
बायतु, जुंझाराम पुत्र मुलाराम निवासी बायतु, मांगाराम पुत्र भारमल राम निवासी सरणू, झुठाराम पुत्र धन्नाराम निवासी बामडी खुर्द, रामाराम पुत्र धर्माराम सणपा फांटा, झुठाराम पुत्र धर्माराम निवासी सणपा फांटा, धर्माराम पुत्र बागाराम निवासी सणपा फांटा, पूनमाराम पुत्र बागाराम निवासी सणपा फांटा, महेन्द्राराम पुत्र बागाराम निवासी सणपा फांटा, आसूराम पुत्र फुसाराम निवासी सरणु को मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर बुधवार को न्यायालय में पेश किया था। यहां उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जेल भेज दिया।
यह था मामला
नौसर निवासी चैनाराम पुत्र मूलाराम राइका की नाबालिग पुत्री शांति का रिश्ता 10 वर्ष पूर्व रामाराम निवासी सणपा फांटा के साथ तय हुआ। रामाराम करीब तीन वर्ष पूर्व किसी अन्य लड़की के साथ भागकर चला गया जिसके कारण चैनाराम ने अपनी पुत्री की सगाई रामाराम से तोड़ दी जिससे नाराज धर्माराम व उसके रिश्तेदारों ने 27 अप्रेल को बामडी खुर्द बायतु मे जातीय पंचायत रखी।
इसमें इन 16 पंचों ने चैनाराम से उनकी लड़की की सगाई धर्माराम से तय रखते हुए तत्काल शादी  करने का फैसला सुनाया। पंचो के फैसले का चैनाराम द्वारा नहीं मानने पर इन पंचो ने 2 लाख पचास हजार रूपए का अर्थदण्ड भी लगा दिया तथा अर्थदण्ड नहीं भरने पर चैनाराम को उनके परिवार सहित समाज से बहिष्कृत करने का ऎलान किया था। इन पंचों ने चैनाराम का हुक्का पानी भी बंद करने की घोषणा कर दी थी।

तवाव-लूर मार्ग पर हुए सड़क हादसे के बाद पुलिस के देरी से पहुंचने से आक्रोशित हुई भीड़


तवाव-लूर मार्ग पर हुए सड़क हादसे के बाद पुलिस के देरी से पहुंचने से आक्रोशित हुई भीड़



(जालोर)। निकटवर्ती तवाव-लूर मार्ग पर रोटा चौराहे के पास बुधवार दोपहर बस-कार भिडन्त में पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार जने घायल हो गए। मृतक और घायल एक ही परिवार के सदस्य हैं। घायलों को भीनमाल के राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद सभी को गुजरात रैफर किया गया। घटना के बाद गुस्साए लोगों ने बस को फूंक दिया व मोदरा थाना प्रभारी से धक्का-मुक्की भी की बताई।
पुलिस के अनुसार बुधवार दोपहर करीब 3 बजे रोटा चौराहे के पास एक मोड पर निजी बस व कार में जोरदार भिडन्त हो गई। टक्कर से कार के परखच्चे उड गए। कार सवार पावटी निवासी चीनाराम (70) पुत्र थानाजी पुरोहित व मादाराम (50) पुत्र चीनाजी पुरोहित की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं कार चालक हरचंद (30) पुत्र स्वरूपाजी, दशरथ (15) पुत्र मसराजी पुरोहित, जगदीश (12) पुत्र मादाराम और करण (14) पुत्र मादाराम घायल हो गए। बस चालक मौके से फरार हो गया। घायलों को मोदरा पुलिस ने रोगी वाहन से भीनमाल चिकित्सालय भिजवाया। इधर, जानकारी मिलते ही तवाव व जोडवाडा गांव से ग्रामीणों की भीड जमा हो गई। मार्ग पर वाहनोंकी कतार लग गई। गुस्साए लोगों ने बस को आग लगा दी। इस दौरान पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। मौके पर पहंुची दमकल ने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन तब तक बस जल चुकी थी।
सूचना पर भीनमाल उपखंड अघिकारी शैलेंद्र देवडा, पुलिस उप अधीक्षक जयपाल यादव, तहसीलदार जितेंद्र कुमार ओझा और विकास अघिकारी रानीदान बारहठ मौके पर पहुंचे तथा ग्रामीणों को शांत किया।
थाना प्रभारी से की धक्का-मुक्की!
रामसीन. मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार गुस्साए लोगों को शांत करने का प्रयास कर रहे मोदरा थाना प्रभारी से भीड ने धक्का-मुक्की की।

हादसे के समय मैं जालोर में क्राइम मिटिंग में था। सूचना पर डॉक्टर को लेकर घटनास्थल पर पहुंचा। इससे पहले ही गुस्साए लोगों ने बस को आग लगा दी थी। धक्का-मुक्की जैसी कोई बात नहीं हुई। पुलिस के देरी से पहुंचने पर लोगों ने आक्रोश जताया था।
- कासम खां, प्रभारी पुलिस थाना, मोदरा

कानून व्यवस्था बनाए रखें: बारहठ


 कस्बे में एसपी बारहठ ने की गश्त
जालोर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ ने पुलिस थाने के निरीक्षण के बाद रात को सायला कस्बे की पैदल गश्त की एवं कस्बे की भौगोलिक स्थिति के बारे में पुलिस उप अधीक्षक देवकिशन शर्मा व थानाधिकारी बाघ सिंह से जानकारी ली। इस दौरान बारहठ ने कस्बे में आगामी 6 जून को पाŸवनाथ मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को देखते हुए यातायात व्यवस्था को लेकर थानाधिकारी बाघ सिंह से विस्तृत चर्चा की। साथ ही यातायात की ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जिससे आमजन को असुविधा न हो। पैदल गश्त के दौरान प्रधान रामप्रकाश चौधरी ने भी पुलिस अधीक्षक को यातायात व्यवस्था को लेकर परेशानी बताते हुए बाई-पास की आवश्यकता जताई।

शिकायतें सुनी : सायला. गत दिनों नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ का मामला दर्ज होने के सात दिन बीत जाने के बावजूद कार्यवाही नहीं होने पर मंगलवार को चौराऊ निवासी नाबालिग लड़की अपने पिता के साथ मिलकर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ से मिलकर न्याय की गुहार की।


कानून व्यवस्था बनाए रखें: बारहठ 

जालोर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ की मौजूदगी में जिले के वृत्ताधिकारियों व थाना प्रभारियों की क्राइम मीटिंग बुधवार सवेरे पुलिस लाइन सभागार में हुई। बैठक को संबोधित करते हुए बारहठ ने जिले की कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए संबंधित क्षेत्र के वृत्ताधिकारियों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। साथ ही आमजन से जुड़े मुद्दों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए राहत पहुंचाने की आवश्यकता जताई। इस मौके अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूएल छानवाल, पुलिस उप अधीक्षक जालोर देवकिशन शर्मा, भीनमाल वृत्ताधिकारी जयपाल यादव, सांचौर वृत्ताधिकारी राज्यवद्र्धन सिंह, सीआई अन्न राज राजपुरोहित, महिला थाना प्रभारी अनिता रानी समेत जिलेभर के थानाप्रभारी भी मौजूद थे।

फरीदाबाद में घरों पर विमान गिरा, 10 लोगों की मौत


फरीदाबाद में घरों पर विमान गिरा, 10 लोगों की मौत

फरीदाबाद. पटना से दिल्ली आ रहा एक एयर एंबुलेंस यहां पर्वतीय कालोनी में स्थित एक मकान पर जा गिरा। हादसे में विमान में सवार दो पायलट और पांच यात्रियों की मौत हो गई।

जिस मकान की छत पर विमान गिरा उस परिवार की तीन महिलाओं की भी जान चली गई। बुधवार रात 11 बजे हुए इस हादसे में और लोगों के मारे जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।


विमान बेतिया के रहने वाले 12वीं के छात्र बीस वर्षीय राहुल राज को लेकर पटना से दिल्ली के अपोलो अस्पताल आ रहा था। राहुल के पिता राजेश कुमार दवा व्यवसायी हैं। राहुल उनका इकलौता बेटा था। पीलिया का मरीज राहुल राज पटना के जगदीश मेमोरियल अस्पताल में भर्ती था। इस वजह से उसकी किडनी फेल हो गई थी। उसे लेने के लिए दो डाक्टर दिल्ली से पटना गए थे।

वापसी में विमान में दोनों डाक्टर अरशद व डाक्टर राजेश, दो पायलट हरप्रीत व मनजीत और राहुल राज के साथ उसकी देखरेख के लिए उसका चचेरा भाई रत्नेश कुमार व एक मेल नर्स शिरीन सहित कुल सात लोग सवार थे। दिल्ली के करीब पहुंचते ही विमान रात 10.45 पर रडार से गायब हो गया और नियंत्रण कक्ष से उसका संपर्क कट गया। इस दौरान फरीदाबाद में मौसम भी बेहद खराब था और तेज आंधी चल रही थी।


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विमान हवा में ही जलने लगा और कुछ लोग उससे नीचे गिरते हुए देखे गए। इस दौरान पर्वतीय कालोनी में रहने वाले दीपक अपने दो मंजिले मकान की छत पर भांजे यश को लेकर बैठा था। साथ में उसकी पत्नी विद्या, मां वेदवती और बहन सुनीता भी थीं। उनके पिता शोभाराम पुत्रवधू के छत पर होने के कारण नीचे की मंजिल में ही थे।

इसी दौरान दीपक ने ऊपर से आग के गोले जैसे कोई चीज गिरती देखी तो वे चीखते हुए यश को लेकर बगल की छत पर कूद गए। लेकिन जब तक उनकी मां,पत्नी और बहन कुछ समझ पातीं तब तक विमान का मलबा छत पर आ गिरा और तीनों उसके नीचे दब गईं। इसके बाद विमान में लगी आग से मकान में भी आग लग गई। लेकिन इसके पहले मकान मालिक शोभा राम और किराएदार निशांत बहादुर सहित उसके परिवार के चार सदस्य बाहर निकल चुके थे। विमान के जलते हुए मलबे की वजह से अगल-बगल के मकान भी आग की चपेट में आ गए।


अनुमान लगाया जा रहा है कि विमान खराब मौसम के कारण हादसे का शिकार हुआ। घटना के समय फरीदाबाद और उसके आसपास धूल भरी तेज आंधी चल रही थी। इस कारण बिजली आपूर्ति बाधित थी। इससे राहत कार्य में भी बाधा आई।

राहत कार्य मुकम्मल न होने के कारण रात 12:35 बजे उस मकान में फिर से आग लग गई, जिस पर विमान गिरा था। फरीदाबाद के कई अस्पतालों सहित वायुसेना की एंबुलेंस भी राहत कार्य में जुटी थी। 

Aum Jai Ambe Gauri - Anuradha Paudwal

बुधवार, 25 मई 2011

TUMSE MILKE

Hoga Tumse Pyara Kaun

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,
इनकार करने पर भी, चाहत का इक़रार क्यों है,
उसे पाना नहीं मेरी तक़दीर शायद,
फिर भी हर मोड़ पर उसी का इंतज़ार क्यों है।

प्रसूता की मौत के बाद परिजनों और अस्पताल कर्मचारियों ने पीटा अधीक्षक को , ऑपरेशन थियेटर के दरवाजे के कांच तोड़ किया हंगामा


प्रसूता की मौत के बाद परिजनों और अस्पताल कर्मचारियों ने पीटा अधीक्षक को , ऑपरेशन थियेटर के दरवाजे के कांच तोड़ किया हंगामा

जोधपुर। उम्मेद अस्पताल में प्रसूता की मौत से गुस्साए परिजनों और अस्पताल कर्मचारियों ने हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ.नरेंद्र छंगाणी और डॉ.कमलेश माथुर को पीटने के बाद उनके कपड़े फाडऩे के साथ ही ऑपरेशन थियेटर के मुख्य द्वार और कॉटेज वार्ड में दरवाजे तोड़कर हंगामा किया।


पालरोड रूपनगर निवासी 23 वर्षीय सारिका (ममता) पत्नी जसवंत सिंह को मंगलवार दोपहर दो बजे जनाना अस्पताल में प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती करवाया गया, जहां बुधवार सुबह उसकी नॉर्मल डिलेवरी हुई। इसी दौरान अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उसकी तबीयत बिगडऩे लगी तो डॉक्टरों ने जांच के लिए उसे ऑपरेशन थियेटर भेज दिया। परिजनों का आरोप है कि वहां कार्यरत डॉ.श्रुति ने उसकी समय पर देखभाल नहीं की। परिजनों ने इस बारे में डॉ.श्रुति को शिकायत भी की। उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो उसे खून चढ़ाया गया, लेकिन डॉक्टर उसे बचा न सके।


ऐसे में उम्मेद अस्पताल में ही चालक और चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत सारिका के -ससुर और परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए सुबह आठ बजे हंगामा किया और ओटी के मेनगेट के कांच तोड़ दिए। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों से समझाने की कोशिश, लेकिन वे नहीं माने और कॉटेज वार्ड के कांच भी तोड़ डाले। इस घटना से नाराज परिजनों के साथ मिलकर अस्पताल कर्मचारियों ने अधीक्षक डॉ.नरेंद्र छंगाणी को पीटने लगे। बीच-बचाव करने आए डॉ.कमलेश मूथा को भी लोगों ने पीटा। पुलिस ने डॉ.छंगाणी को घर पहुंचाया। वहीं मामले को लेकर अस्पताल व पुलिस प्रशासन ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

जैसलमेर में स्थापित होने जा रहा रोडवेज डिपो राजस्थान का 47 वाँ डिपो


परिवहन सेवाओं और सुविधाओं के विस्तार में राजस्थान अग्रणी - शर्मा
यातायात मंत्राी ने जैसलमेर में रोडवेज डिपो का शिलान्यास किया
जैसलमेर, 25 मई/ यातायात, संस्कृत शिक्षा, देवस्थान, भाषा एवं भाषायी अल्पसंख्यक विभागीय मंत्राी बृजकिशोर शर्मा ने कहा है कि प्रदेश सरकार परिवहन सुविधाओं व सेवाओं के विकास तथा विस्तार के लिए निरंतर प्रयासरत है और  इस दिशा में व्यापक प्रभाव  सामने आया है।
यातायात मंत्राी बृजकिशोर शर्मा ने बुधवार को राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के जैसलमेर आगार के शिलान्यास समारोह में मुख्य अतिथि पद से सम्बोधित  करते हुए यह बात कही।
समारोह की अध्यक्षता जिला प्रमुख अब्दुला फकीर ने की जबकि विशिष्ट अतिथियों  के रूप में जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी, पूर्व विधायक गोवर्द्धन कल्ला एवं मुल्तानाराम बारूपाल, जिला कलक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा, जिला पुलिस अधीक्षक श्रीमती ममता विश्नोई, प्रधान मूलाराम चौधरी एवं वहीदुल्ला मेहर, जैसलमेर नगरपालिकाध्यक्ष अशोक तँवर, कृषि उपज मण्डी समिति की अध्यक्ष श्रीमती सुनीता भाटी आदि उपस्थित थीं। अतिथियों का पुष्पहार पहनाने के उपरांत शाल/साफों से स्वागत-सम्मान किया गया।
भूमि पूजन एवं पट्टिका अनावरण
समारोह  से पहले  सभी अतिथियों की मौजूदगी में यातायात मंत्राी बृजकिशोर शर्मा ने विधि-विधान के साथ भूमि पूजन  किया और शिलान्यास पट्टिका का अनावरण किया।
सभी संभागों पर ड्राइविंग इन्स्टीट्यूट
समारोह को संबोधित करते हुए यातायात मंत्राी बृजकिशोर शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदेश के सभी संभाग मुख्यालयों पर ड्राईविंग इन्स्टीट्यूट स्थापित किए जा रहे हैं।  इसके लिए भूमि उपलब्ध करवा दी गई है। इनमें से उदयपुर व अजमेर के ड्राईविंग इन्स्टीट्यूट का निर्माण अगले माह से शुरू हो जाएगा। सभी संभागों में मार्च 2012 से पूर्व ये संस्थान अपना काम करना आरंभ कर देंगे। इसके बाद अगले वित्तीय वर्ष में प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर मिनी ड्राईविंग इन्स्टीट्यूट स्थापित किए जाएंगे।
रोडवेज सेवाओें और सुविधाओं का निरन्तर विस्तार
यातायात मंत्राी ने लाईसेंस प्रक्रिया को सरल बनाने, पारदर्शिता के लिए ऑन लाईन काम-काज ,आगामी 4 माह में रोडवेज की बसों में इन्टरनेट से बुकिंग सुविधा का प्रयास करने आदि के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए कहा  कि प्रदेश में राजस्थान रोडवेज की सेवाओं में निरंतर बढ़ोतरी की जा रही है। जिला आगारों में बसों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है कि ताकि लघु मार्गांे पर इनका संचालन हो सके व यात्रियों को सुविधा मिले। उन्होंने बताया कि रोडवेज में 2 हजार बसें लग चुकी हैं, एक हजार बसें और आएंगी। इससे यात्रा सुविधाओं में इजाफा होगा।
साधन सम्पन्न व पूर्ण होगा जैसलमेर डिपो
अपने उद्बोधन में क्षेत्रावासियों को आश्वस्त किया कि जैसलमेर में जल्द डिपो बनकर तैयार होगा तथा स्वतंत्रा डिपो के रूप में जैसलमेर जिले को इसकी पूर्ण सुविधाएँ मुहैया होगी। यातायात मंत्राी शर्मा ने कहा कि जैसलमेर डिपो अपने आप में पूर्ण और साधन सम्पन्न होगा।  जैसलमेर आगार के बेड़े में पचास बसें होगी तथा यहां से सभी जरूरी यात्रा सेवाएँ सुलभ होगी।  यातायात मंत्राी ने घोषणा की कि जैसलमेर जिले के यात्रियों की सुविधा के लिए एक माह में 5 अतिरिक्त बसें उपलब्ध हो जाएंगी। उन्होंने  रामदेवरा मेले के दिनों में यात्रियों की सुविधा के लिए चैकपोस्ट, बुकिंग सेवा और स्टेशन सुविधा के लिए रोडवेज के अधिकारियों को निर्देश दिए व कहा कि रामदेवरा  आने वाले यात्रियों के लिए ज्यादा से ज्यादा परिवहन सुविधाएँ  मुहैया कराई जाएं।
डीएम व एसपी की तारीफ
केबिनेट मंत्राी बृजकिशोर शर्मा ने जैसलमेर जिला कलक्टर गिरिाराजसिंह कुशवाहा व जिला पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई की तारीफ की और कहा कि जिले के विकास व तरक्की के लिए ऐसे अधिकारियों के रहते हुए सुधार व खुशहाली अपने आप आ ही जाती है। इन दोनों की जितनी तारीफ की जाए, कम है। यातायात मंत्राी ने जैसलमेर में डिपो स्थापना का सारा श्रेय पूर्व विधायक गोवर्द्धन कल्ला को दिया और कहा कि उन्हीं का बरसों पहले का स्वप्न अब आकार ले रहा है।


संस्कृत शिक्षा को सम्बल
संस्कृत शिक्षा मंत्राी बृजकिशोर शर्मा ने प्रदेश में संस्कृत शिक्षा विकास के प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि संस्कृत शिक्षा विभाग में 2916 तृतीय श्रेणी शिक्षकों को नियुक्ति दी जा चुकी है, द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के 550 पद अगले माह तक भर दिए जाएंगे। आने वाले समय में 300 प्राथमिक स्कूल खुलेंगे।
देवस्थान जीर्णोद्धार के लिए 10 करोड़ का प्रावधान
देवस्थान मंत्राी बृजकिशोर शर्मा ने बताया कि राज्य में देवस्थानों के रख-रखाव व जीर्णोद्धार के लिए ऐतिहासिक काम हुए हैं। मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए इस वर्ष प्रदेश सरकार ने 10 करोड़ रुपए की धन राशि का प्रावधान किया है।  इससे पहले के दो वर्ष में क्रमशः 5 तथा 8 करोड़ का प्रावधान था। भगवान के लिए भोग की राशि और पुजारियों की तनखाह में भी बढोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रा में जहाँ कहीं देवस्थान जीर्णोद्धार की जरूरत हो, इसके प्रस्ताव भिजवाए जाएं।
कैलाश-मानसरोवर यात्रा में अनुदान
देवस्थान मंत्राी ने कहा कि पूरे देश में राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जहाँ वर्तमान सरकार ने कैलाश मानसरोवर के यात्रियों के लिए 20-20 हजार के अनुदान का प्रावधान रखा गया है।
बस सेवाओं के विस्तार पर जोर दिया जिलाप्रमुख ने
शिलान्यास समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला प्रमुख अब्दुला फकीर ने बड़े कस्बों में बस सेवा, रामदेवरा में बस स्टैण्ड, पोकरण में रोडवेज का उप आगार स्थापित करने, देवस्थानों के लिए पर्याप्त बजट मुहैया कराने, जैसलमेर से हरिद्वार तक रोडवेज बस चलाने आदि का आग्रह किया व कहा कि मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत के ढाई वर्षीय कार्यकाल में राजस्थान में तीव्रगामी विकास का बेहतर माहौल बना है।
पर्यटन विकास होगा चौगुना
जैसलमेर के विधायक छोटूसिंह भाटी ने जैसलमेर में डिपो स्थापना के लिए जैसलमेर की जनता की ओर से राज्य सरकार व यातायात मंत्राी का आभार व्यक्त किया और कहा कि परिवहन सुविधाओं के विकास व विस्तार से जैसलमेर आने वाले देशी-विदेशी सैलानियों को फायदा मिलेगा तथा इससे पर्यटन विकास चौगुना होगा।
जनता को सरकार की सौगात
जैसलमेर नगरपालिकाध्यक्ष अशोक तंवर ने डिपो शिलान्यास को जैसलमेर के लिए मुख्यमंत्राी बजट घोषणा की सौगात बताया व इसके लिए मुख्यमंत्राी व यातायात मंत्राी के प्रति आभार प्रकट किया।
आरंभ में स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए रोडवेज के अधिकारी एस.के. सिंह ने जैसलमेर रोडवेज डिपो के भावी स्वरूप की जानकारी दी व कहा कि जैसलमेर से लम्बी दूरियों के वाहनों के साथ ही नहरी क्षेत्रा व ग्रामीण अंचलों में रोडवेज बस सुविधाओं का जाल बिछाया जाएगा। समारोह के अंत में आभार प्रदर्शन रोडवेज के जी.एम  एम.एल.खत्राी ने किया।
पुष्पहारों से स्वागत
आरंभ में अतिथियों का पुष्पहारों से स्वागत रोडवेज के अधिकारियों एम.एल.खत्राी, एस.के.सिंह, मदन चौधरी, के.आर. चौधरी ,रामदेव बोहरा, रमणसिंह आदि ने किया। समारोह में जिला परिषद सदस्य अमरदीन, पूर्व पालिकाध्यक्ष सुमार खां, समाजसेवी  रावताराम, गाजी खां कंधारी, प्रेमलता चौहान, प्राची राठौड़, देवकाराम माली, शंकरलाल माली सहित काफी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता तथा शहरी एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।
47 का संयोग


समारोह में जानकारी दी गई कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम अपना 47 वां स्थापना वर्ष मना रहा है तथा जैसलमेर में स्थापित होने जा रहा रोडवेज डिपो राजस्थान का 47 वाँ डिपो है।
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30 साल में हुए 1.21 करोड़ अबोर्शन

30 साल में हुए 1.21 करोड़ अबोर्शन 
 
नई दिल्ली। भारत में कन्या भ्रूण हत्या किस कद पैर पसार चुका है इसका एक घिनौना चेहरा सामने आया है। सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च (सीजीएचआर) के शोध के अनुसार भारत में पिछले तीन दशक में लगभग 1.21 करोड़ कन्या भ्रूण के अबोर्शन करवाए गए। इससे भी बुरी बात यह है कि 21वीं सदी के पहले दशक में ही 60 लाख अबोर्शन करवाए गए हैं।
 

लैंसेट मैग्जीन में छपे सीजीएचआर के शोध के अनुसार 1980 से 2010 के दौरान भारत में 12 मिलियन अबोर्शन हुए हैं। इसमें से पिछले दशक के दौरान ही 6 मिलियन अबोर्शन कराए गए। खास बात यह है कि संभ्रांत व पढ़े लिखे परिवारों में बेटे की चाह में महिलाओं के दूसरे भ्रूण का अबोर्शन करवाया। शोध के अनुसार उत्तर भारत में भू्रण हत्या करने की कुरीति अब दक्षिण और पश्चिम भारत मे भी तेजी से फैल रही है।
 

रिपोर्ट में कहा गया है, कि भारत की अधिकांश जनसंख्या ऎसे राज्यों में रहती है जहां भ्रूण हत्या आम बात है। ऎसे परिवारों में कन्या भ्रूण हत्या के ज्यादा मामले सामने आए हैं जहां पहली संतान के तौर पर बेटी होती है। रिपोर्ट के अनुसार 1980 के दशक में कन्या भ्रूण हत्या के 20 लाख मामले सामने आए थे जो 1990 के दशक में बढ़कर 40 लाख हो गए। लेकिन पिछले एक दशक में आpर्यजनक रूप से कन्या भ्रूण हत्या के करीब 60 लाख मामले पाए गए।