जातीय पंचों के तुगलकी फरमान ने उन्हें ही जेल तक पहुंचा दिया
बाड़मेर जातीय पंचों के तुगलकी फरमान ने उन्हें ही जेल तक पहुंचा दिया। पुलिस के अनुसार चैनाराम पुत्र मूलाराम राइका निवासी नौसर ने 3 मई को इस्तगासे के जरिये 16 जातीय पंचो के खिलाफ पुत्री के रिश्ते में हस्तक्षेप करने को लेकर मामला दर्ज करवाया था। मंगलवार देर रात्रि को बायतु पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर बुधवार को न्यायालय में पेश किया।
यहां न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उनकी जमानत लेने से इनकार करते हुए जेल भेजने के आदेश दिए। बायतु थानाघिकारी जयराम चौधरी ने बताया कि फुसाराम निवासी सरणू, गेनाराम निवासी बामडी खुर्द, गेनाराम पुत्र करनाराम निवासी बामडी खुर्द, सरदाराराम पुत्र पूनमाराम निवासी कोनरी नाडी, भंवराराम पुत्र चेलाराम निवासी लोडिया, देवाराम पुत्र धुंधलाराम निवासी राणेरी, आदूराम पुत्र लालाराम निवासी
बायतु, जुंझाराम पुत्र मुलाराम निवासी बायतु, मांगाराम पुत्र भारमल राम निवासी सरणू, झुठाराम पुत्र धन्नाराम निवासी बामडी खुर्द, रामाराम पुत्र धर्माराम सणपा फांटा, झुठाराम पुत्र धर्माराम निवासी सणपा फांटा, धर्माराम पुत्र बागाराम निवासी सणपा फांटा, पूनमाराम पुत्र बागाराम निवासी सणपा फांटा, महेन्द्राराम पुत्र बागाराम निवासी सणपा फांटा, आसूराम पुत्र फुसाराम निवासी सरणु को मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर बुधवार को न्यायालय में पेश किया था। यहां उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जेल भेज दिया।
यह था मामला
नौसर निवासी चैनाराम पुत्र मूलाराम राइका की नाबालिग पुत्री शांति का रिश्ता 10 वर्ष पूर्व रामाराम निवासी सणपा फांटा के साथ तय हुआ। रामाराम करीब तीन वर्ष पूर्व किसी अन्य लड़की के साथ भागकर चला गया जिसके कारण चैनाराम ने अपनी पुत्री की सगाई रामाराम से तोड़ दी जिससे नाराज धर्माराम व उसके रिश्तेदारों ने 27 अप्रेल को बामडी खुर्द बायतु मे जातीय पंचायत रखी।
नौसर निवासी चैनाराम पुत्र मूलाराम राइका की नाबालिग पुत्री शांति का रिश्ता 10 वर्ष पूर्व रामाराम निवासी सणपा फांटा के साथ तय हुआ। रामाराम करीब तीन वर्ष पूर्व किसी अन्य लड़की के साथ भागकर चला गया जिसके कारण चैनाराम ने अपनी पुत्री की सगाई रामाराम से तोड़ दी जिससे नाराज धर्माराम व उसके रिश्तेदारों ने 27 अप्रेल को बामडी खुर्द बायतु मे जातीय पंचायत रखी।
इसमें इन 16 पंचों ने चैनाराम से उनकी लड़की की सगाई धर्माराम से तय रखते हुए तत्काल शादी करने का फैसला सुनाया। पंचो के फैसले का चैनाराम द्वारा नहीं मानने पर इन पंचो ने 2 लाख पचास हजार रूपए का अर्थदण्ड भी लगा दिया तथा अर्थदण्ड नहीं भरने पर चैनाराम को उनके परिवार सहित समाज से बहिष्कृत करने का ऎलान किया था। इन पंचों ने चैनाराम का हुक्का पानी भी बंद करने की घोषणा कर दी थी।
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