जैसलमेर राजनैतिक गतिविधियों में लिप्त पाये जाने पर अध्यापक निलम्बित
जैसलमेर, 20 अप्रैल। सहायक रिटर्निंग अधिकारी, 16 जोधपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र (एस.डी.एम.) पोकरण द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर ) जैसलमेर को शनिवार को अवगत कराया गया कि श्री शैतानाराम अध्यापक ,राजकीय प्राथमिमक विद्यालय ,6 एनयूडी 14 आरडी जैसलमेर के राजनैतिक गतिविधियों में लिप्त पाये जाने के कारण उनके खिलाफ कार्यवाही की अनुषंसा की गई।
जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर ) नमित मेहता ने इस संबंध में एक आदेष जारी कर इसे गम्भीरता से लेते हुए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 एवं राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम 1971 के नियम 7 के उल्लघंन को दृष्टिगत रखते हुए अध्यापक ,राजकीय प्राथमिमक विद्यालय ,6 एनयूडी 14 आरडी जैसलमेर शैतानाराम को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है। जारी आदेषानुसार निलम्बनकाल में इन्हें नियमानुसार निर्वाह भत्ता देय होगा और इनका मुख्यालय कार्यालय उपखण्ड अधिकारी फतेहगढ़ में रहेगा। जहां प्रत्येक दिवस को उपस्थिति दर्ज करवानी होगी। अध्यापक शैतानाराम को आरोप-पत्र/आरोप विवरण-पत्र पृथक से जारी किए जाएगें। ---000--
चुनाव लडने वाले अभ्यर्थियों को आपराधिक
मामलों की सूचना करनी होगी सार्वजनिक
जैसलमेर, 20 अप्रैल। लोकसभा चुनाव 2019 में सभी अभ्यर्थियों को नाम निर्देशन पत्रों के साथ प्रारूप 26 में लम्बित आपराधिक मामलों के संबंध में सूचना देने के साथ-साथ मतदान होंने की तारीख से दो दिवस पहले तक तीन अलग अलग तिथियों में समाचार पत्रों एवं इलक्ट्रोनिक मीडिया में व्यापक प्रचार प्रसार करना होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी नमित मेहता ने बताया कि आपराधिक पूर्ववृत वाले व्यक्तियों की ओर से निर्वाचन लड़ने से सम्बन्धित याचिका पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय की पालना में प्रपत्र-26 में लम्बित आपराधिक मामलों के सम्बन्ध में सूचना का ब्यौरा बडे अक्षरों में देना होगा। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों को प्रपत्र सी-1 में नामांकन वापिस लेने की अंतिम तारीख से लेकर मतदान होने की तारीख तक तीन बार लम्बित मामलों की सूचना समाचार पत्रों में कम से कम 12 फोंट के आकार में समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाना आवश्यक होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी मेहता ने बताया कि राजनीतिक दलों की ओर से खड़े किए गए आपराधिक मामलों वाले अभ्यर्थियों के मामलें में चाहे मान्यता प्राप्त दल हों या पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दल हों, ऐसे अभ्यर्थियों को रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष यह घोषित करना होगा कि उन्होंने अपने राजनीतिक दल को अपने खिलाफ आपराधिक मामलों के बारे में सूचित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपराधिक मामलें चाहे वे लम्बित हो या पूर्व में दोषसिद्व हो गये हो, से जुडे़ अभ्यर्थियों को खडे़ करने वाले मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लिए भी यह अपेक्षित हैं कि वे इस सम्बन्ध में अपनी वेबसाइट के साथ टी.वी. चैनलों में तथा व्यापक सर्कुलेशन वाले समाचार पत्रों में विवरण देते हुए घोषणा प्रकाशित करवानी होगी। सभी राजनीतिक दल मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक रिपोर्ट भी देगें, जिसमें इस सम्बन्ध में की गई कार्यवाही एवं प्रकाशित पेपरों की कटिंग संलग्न करनी होगी।
उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को यदि सरकारी आवास आवंटित है तो उसके विरूद्व बकाया देन-दारियों के सम्बन्ध में अतिरिक्त शपथ-पत्र के लिए प्रावधान सार्वजनिक वित्तीय संसाधनों एवं सरकारी देयताओं से सम्बन्धित मद के अंतर्गत प्रारूप-26 में शामिल कर दिया गया है।
न्यायालय ने ये दिये आदेश-
-निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी निर्वाचन आयोग की ओर से उपबंधित प्रारूप भर कर यथोचित ब्यौरा देगा।
-अभ्यर्थी के विरूद्व लम्बित आपराधिक मामलों के सम्बन्ध में सूचना का ब्यौरा बड़े अक्षरों में जायेगा।
-यदि कोई अभ्यर्थी किसी दल विशेष के टिकिट पर चुनाव लड़ रहा है तो उसे अपने विरूद्व लम्बित आपराधिक मामलों के बारे में दल को सूचना देना अपेक्षित है।
-सम्बन्धित राजनीतिक दल आपराधिक पूर्ववृत वाले अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में उक्त सूचना को अपनी वेबसाइट पर डालना बाध्य होगा।
-अभ्यर्थी और सम्बन्धित राजनीतिक दल अभ्यर्थी के पूर्ववृत्त के बारे में अपने इलाके में व्यापक रूप से वितरित किये जाने समाचार पत्रों में एक घोषणा जारी करेंगे और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में व्यापक प्रचार-प्रसार भी करेंगे।
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लोकसभा चुनाव-2019
निजी सम्पति पर बिना लिखित अनुमति के
प्रचार सामग्री लगाई तो होगी कानूनी कार्यवाही
जैसलमेर, 20 अप्रैल। लोकसभा चुनाव 2019 के तहत अभ्यर्थी या राजनीतिक दल यदि किसी निजी सम्पत्ति पर अपने बैनर या झंडे लगवा कर चुनाव प्रचार-प्रसार करना चाहते हैं तो इसके लिए सम्बंधित मालिक से लिखित स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) नमित मेहता ने बताया कि चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता की अनुपालना सुनिश्चित करवाने तथा चुनावी खर्चे आदि की कड़ी मानिटरिंग के लिए यह प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि मालिक की लिखित स्वीकृति के बाद लगाए जाने वाले बैनर या झंडे के खर्चे सहित पूर्ण विवरण एवं लिखित सहमति की प्रति अभ्यर्थी द्वारा सम्बंधित रिटर्निंग अधिकारी को 3 दिन में प्रस्तुत करनी होगी। शहरी क्षेत्रों मे निजी सम्पत्ति पर विज्ञापन नगरपालिका अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी निजी सम्पत्ति मालिकों की स्वीकृति अनिवार्य है।
निजी वाहन पर प्रचार से न हो असुविधा
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यदि कोई निजी वाहन स्वामी अपने वाहन पर अपनी पंसद के किसी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी का झंडा, स्टीकर लगाता है, तथा यदि इससे राहगीरों को किसी प्रकार की असुविधा या आपत्ति नहीं है तो इसमें किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होगी। लेकिन यदि कोई व्यक्ति अभ्यर्थी की अनुमति के बिना अपने वाहन पर झंडे या स्टीकर इस प्रकार लगाता है कि जिससे किसी अभ्यर्थी विशेष के पक्ष में मत याचना का उद्देश्य स्पष्ट होता है तो ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 171-एव आईपीसी के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी द्वारा प्रचार के प्रयोजन से प्रयोग में लिए गए उसके व्यक्तिगत वाहन को प्रचार वाहन माना जाएगा तथा उसका ईधन तथा चालक का वेतन अभ्यर्थी के व्यय लेखे में शामिल किया जाएगा। इस क्रम में प्रचार के लिए काम में लिए जा रहे अन्य वाहन भी अभ्यर्थी के व्यय लेखे में शामिल होंगे। मेहता ने बताया कि वाणिज्यिक वाहनों पर झंडे या स्टीकर लगाने पर उसे प्रचार वाहन के रूप में माना जाएगा, अतः वाहन को प्रचार वाहन के रूप में उपयोग में लेने की अनुमति जिला निर्वाचन अधिकारी या रिटर्निंग अधिकारी से प्राप्त करनी अनिवार्य होगी। साथ ही उस वाहन का मूल परमिट वाहन के विंड स्क्रीन पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।
नियमों के तहत करंें लाउडस्पीकर का उपयोग
चुनाव के दौरान वाहनों तथा वीडियोे रथ वाहन में सक्षम अधिकारी से विधिवत अनुमति प्राप्त कर लाउडस्पीकर का उपयोग किया जा सकता हैं। लेकिन लाइडस्पीकरों का उपयोग रातः 10 से प्रातः 6 बजे तक निषिद्ध अवधि में नहीं किया जा सकेगा।
नहीं हो सकेगा साड़ी, कमीज आदि परिधानों का वितरण
मेहता ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान जुलूसों में कोई भी अभ्यर्थी या राजनीतिक दल टोपी, मास्क स्कार्फ आदि उपलब्ध करवा सकता है लेकिन रैलियों, सभाओं, जुलूसों आदि में साड़ी, कमीज आदि परिधानों वितरण नहीं किया जा सकेगा।
संस्थान प्रबंधन से लेनी होगी एनओसी
जिला निर्वाचन अधिकारी मेहता ने बताया कि राजनीतिक सभाओं के लिए सरकार, स्थानीय निकाय, उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं के मीटिंग स्थलों, हॉल्स, ऑडिटोरियम आदि का उपयोग राजनीतिक सभाओं के लिए किया जा सकता है लेकिन इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा। उन्होंने बताया कि इन का उपयोग सभी राजनीतिक दलों या अभ्यर्थियों द्वारा समानता के आधार पर किया जाए ओर किसी दल या अभ्यर्थी का इन पर एकाधिकार नहीं रहेगा, साथ ही राजनीतिक दल या अभ्यर्थी यह सुनिश्चित करे कि सभा स्थलों पर प्रचार सामग्री सभा समाप्ति के तुरंत बाद हटा ली जाए।
कॉलेज, स्कूलों व अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के मैदानों का चुनाव प्रचार के दौरान उपयोग करते हुए इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि किसी स्कूल या कॉलेज के शैक्षणिक सत्र पर किसी भी प्रकार का वितरीत असर न हो। संस्थान प्रबंधन को इस पर कोई आपत्ति न हो तथा उपखंड अधिकारी से कॉलेज प्रबंधन ने इसके लिए अनुमति प्राप्त कर ली हो। उन्होंने बताया कि पहले आओ पहले पाओ के आधार पर यह अनुमति प्रदान की जाएगी। इन मैदानों में किसी भी प्रकार की क्षति की स्थिति में किसी मुआवजे के लिए सम्बंधित राजनीतिक दल उत्तरदायी माना जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक सम्पति या अन्य की सम्पत्ति को जान बूझकर क्षति पहुंचाने का मामला पाए जाने पर सम्बंधित के विरूद्ध कानूनी प्रावधानों के तहत कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
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’उम्मीदवारों व राजनैतिक दलों के वाहनों पर लगाने होंगे भिन्न-भिन्न रंग के परमिट’
जैसलमेर, 20 अप्रैल। जिले मंे लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान चुनाव प्रचार-प्रसार अवधि में उम्मीदवारों एवं राजनैतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार व चुनाव सामग्री पहुंचाने के उपयोग में लाये जाने वाले वाहनों के लिए भिन्न-भिन्न रंग के परमिट जारी किए जाएंगे जो वाहन के विंड स्क्रीन पर सहजदृश्य स्थान पर चिपकाये जायेंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) नमित मेहता ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान चुनाव प्रचार में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के जिला स्तरीय पदाधिकारी के वाहन के लिए नीले रंग का परमिट एवं चुनाव प्रचार सामग्री वितरण के लिए मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के जिला स्तरीय पदाधिकारी के वाहन के लिए भूरे रंग का परमिट जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किया जायेगा । इसी प्रकार चुनाव प्रचार अवधि के दौरान चुनाव प्रचार अभियान के लिए चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी एवं उनके कार्यकर्ता के लिए हरे रंग का परमिट व मतदान दिवस के दिन उपयोग के लिए चुनाव लडने वाले अभ्यर्थी या निर्वाचन अभिकर्ता एवं उनके कार्यकर्ता के लिए पीले रंग का परमिट संबंधित रिटर्निंग अधिकारी द्वारा जारी किया जायेगा। सभी परमिट 9 इंच गुणा 6 इंच चैकोर होंगे।
उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव 2019 के तहत जिन वाहनों पर निर्धारित रंग के परमिट नहीं लगे पाये जाने पर वाहन जब्त करने की कार्यवाही की जाएगी।
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लोकसभा चुनाव-2019
पैम्पलेट पोस्टर पर मुद्रक-प्रकाशक
का नाम पता लिखना जरूरी
जैसलमेर, 20 अप्रैल। जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नमित मेहता ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान निर्वाचक पैम्पलेट एवं पोस्टर इत्यादि के मुद्रण पर नियंत्रण के लिए जिले में स्थित मुद्रक, मुद्रणालयों एवं समाचार पत्रों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी मेहता ने बताया कि लोकसभा चुनाव से संबंधित प्रकाशित-मुद्रित कराए जाने वाले सभी प्रकार के निर्वाचन पैम्पलेट, पोस्टर या ऐसी अन्य सामग्री पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127-क के अनुसार उसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम-पता स्पष्ट लिखना जरूरी होगा। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचक पैम्पलेट या पोस्टर का मुद्रण तब तक नही करा सकेगा जब तक प्रकाशक के पहचान की घोषणा उसके द्वारा हस्ताक्षरित और दो व्यक्तियों द्वारा सत्यापित कर दो प्रतियों में मुद्रक को नही दे दी जाती है। मुद्रण से पूर्व प्रकाशक से घोषणा प्राप्त करनी होगी। मुद्रित सामग्री की चार प्रतियां, घोषणा पत्र, मुद्रित दस्तावेजों की प्रतियों की संख्या और कीमत से संबंधित सूचना जिला मजिस्ट्रेट को निर्धारित तिथि के भीतर प्रस्तुत करनी होगी।
इस संबंध में प्रिन्टिंग पे्रस प्रोपराईटर के साथ जिला निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण प्रकोष्ठ प्रभारी चचंल वर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को डीआरडीए सभागार में बैठक ली गई जिसमें उन्होंने पैम्पलेटर, पोस्टर आदि के मुद्रण के प्रतिबंध के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने धारा 127 क पैम्पलेट, पोस्टर आदि के मुद्रण के संबंध में बताया कि कोई व्यक्ति किसी ऐसे निर्वाचन पैम्पलेटर अथवा पोस्टर कर मुद्रण एवं प्रकाषन नहीं करेगा अथवा मुद्रित या प्रकाषित नहीं करवायेगा जिसके मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक एवं इसके प्रकाषक का नाम व पता न लिखा हो। इसके साथ ही उन्होंने निर्वाचन पैम्पलेटों, पोस्टरों आदि के मुद्रण एवं प्रकाषन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 क के उपबंधों की उनको जानकारी दी एवं पालना करने के निर्देष दिए। बैठक में कोषाधिकारी एवं सहायक नोडल प्रभारी निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण प्रकोष्ठ सुषील भाटिया भी उपस्थित थंे।
उन्होंने बताया कि इन निर्देशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन या अतिक्रमण करने पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इसमें कारावास एवं जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। कारावास को छह माह तक या जुर्माने को दो हजार रुपए तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही मुद्रणालयों के अनुज्ञा पत्र को समाप्त करने की कार्यवाही भी शामिल है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के 24 अगस्त, 2004 के आदेश तथा निर्वाचन विभाग राजस्थान के 3 सितम्बर, 2013 के आदेश के अनुसार यह सभी प्रावधान प्रिन्ट मीडिया-समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों पर भी लागू होंगे। बैठक में प्रिन्टिंग पे्रस के प्राॅपराईटर उपस्थित थें। ---000---