झालावाड़ बाल विवाह की रोकथाम के लिये जिले में कई स्थानों पर बैठकें आयोजित
झालावाड़ 28 अप्रेल। आगामी 9 मई को अक्षय तृतीया तथा 21 मई को पीपल पूर्णिमा के अबूझ सावों पर संभावित बाल विवाहों की रोकथाम के लिये आज झालावाड़ जिले में उपखण्ड अधिकारियों तथा खण्ड विकास अधिकारियों ने अनेक स्थानों पर बैठकें लेकर सरकारी तंत्र तथा प्रबुद्ध लोगों को इस सामाजिक बुराई को रोकने में जिला प्रशासन की मदद करने की अपील की।
उपखण्ड अधिकारी सुनेल रामकिशन मीणा, उपखण्ड अधिकारी भवानीमण्डी कमलसिंह यादव, उपखण्ड अधिकारी अकलेरा डॉ. सत्यप्रकाश कस्वां, उपखण्ड अधिकारी खानपुर हनुमानसिंह गुर्जर, उपखण्ड अधिकारी मनोहरथाना गौरव अग्रवाल, उपखण्ड अधिकारी गंगधार चंदन दुबे तथा उपखण्ड अधिकारी असनावर रामचरण शर्मा ने अपने अपने उपखण्ड में बैठकों का आयोजन किया। इसी प्रकार विकास अधिकारी झालरापाटन राजेन्द्र गुप्ता, विकास अधिकारी बकानी मोहनसिंह, विकास अधिकारी पिड़ावा आजाद कुमार जैन, विकास अधिकारी अकलेरा के. एम. वर्मा विकास अधिकारी मनोहरथाना के. सी. मीणा, विकास अधिकारी डग राजूरामसिंह, विकास अधिकारी भवानी मण्डी सुरेश बागोरिया, विकास अधिकारी खानपुर शैलेश रंजन ने अपनी-अपनी पंचायत समिति के क्षेत्र में बैठकें ली गईं।
उपखण्ड अधिकारियों एवं विकास अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों के कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों को बाल विवाह से होने वाले नुक्सानों तथा कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी दी तथा बताया कि नाबालिग के साथ शादी करने वाले बालिग व्यक्ति को अथवा बाल विवाह करवाने के दोषी व्यक्ति को 2 साल तक की कैद तथा 1 लाख रुपये तक का जुर्माने हो सकता है। नाबालिग लड़की के विवाह के कन्ज्यूम होने के मामले मंे पोक्सो एक्ट के तहत न्यूनतम 10 साल की कैद का प्रावधान है। बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम 2006 हर जाति, धर्म, समाज एवं व्यक्ति पर लागू है। अतः माता-पिता के साथ-साथ परिवार के सदस्य, रिश्तेदार, पास पडौस के व्यक्ति, गांव मंे रहने वाले अन्य मुख्य व्यक्ति, सरकारी कर्मचारी, जनप्रतिनिधि आदि भी इस एक्ट के दायरे मंे आते हैं।
इन बैठकों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, एएनएम, सरपंच, वार्ड पंच, ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कृषि, पशुपालन, शिक्षा, चिकित्सा, आयुर्वेद आदि विभागों के कर्मचारी उपस्थित थे। साथ ही शादी में विभिन्न सेवाएं एवं वस्तुएं उपलब्ध कराने वाले व्यवसायी एवं श्रमिक, बैण्ड बाजे वाले, पण्डित, मौलवी, काजी, हलवाई, सजावट वाले, परिवहन सेवा उपलब्ध कराने वाले, वैवाहिक निमन्त्राण छापने वाले आदि भी सम्मिलित हुए।