सोमवार, 1 अप्रैल 2013

पत्नी से पिटे मंत्री,दी तलाक की अर्जी

पत्नी से पिटे मंत्री,दी तलाक की अर्जी

तिरूवनंतपुरम। केरल के वन मंत्री के. बी. गणेश कुमार ने अपने निजी स्टाफ के सामने पत्नी द्वारा पिटाई किए जाने के बाद यहां की परिवार अदालत में तलाक का आवेदन किया है। गणेश कुमार ने बताया कि पत्नी यामिनी थांंकची ने 22 फरवरी की रात उनके निजी स्टाफ के समक्ष उनकी पिटाई की थी। मंत्री के शरीर पर चोट के निशान वाले चित्र सोमवार को मीडिया को जारी किए गए।

मंत्री ने अधिवक्ता के. अब्दुल करीम के जरिए तलाक के लिए अर्जी दी है। मंत्री ने आरोप लगाया कि पत्नी ने उन्हें शारीरिक चोट पहुंचाई और मानसिक रूप से प्रताडित किया। यही नहीं, उनके राजनीतिक विरोधियों के समर्थन से पत्नी उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। अदालत इस मामले की सुनवाई 29 जून को करेगी।

'पुरुष मॉडल' के वेश में 'गे बार' जाती थीं डायना!

लंदन. ब्रिटेन का राजघराना एक फिर चर्चा में है। कभी प्रिंस हैरी तो कभी केट मिडलटन की वजह से सुर्खियों में रहने वाला ब्रिटिश राजघराना इस बार दिवंगत प्रिंसेस डायना की वजह से सुर्खियों में है। एक नई किताब में प्रिंसेस डायना से जुड़ा सनसनीखेज खुलासा हुआ है। किताब में दावा किया गया है कि ब्रिटिश घराने की राजकुमारी 'गे बार' जाती थीं और अपनी पहचान छुपाने के लिए वह 'पुरुष मॉडल' का वेश धारण कर लेती थीं।

'पुरुष मॉडल' के वेश में 'गे बार' जाती थीं डायना!

दिवंगत राजकुमारी के बारे में किताब का कहना है कि प्रिंसेस डायना रात के वक्‍त लंदन के मशहूर गे बार में जाती थीं और ऐसे समय में सिंगर फ्रेडी मरकरी और टीवी कलाकार केनी एवरेट होते थे। राजकुमारी केनी एवरेट के टीवी शो की फैन थीं। डायना की एवरेट और उनके दोस्‍त क्‍लेओ रोकोस के साथ गाढ़ी दोस्‍ती थी।
'पुरुष मॉडल' के वेश में 'गे बार' जाती थीं डायना!


रोकोस की किताब 'The Power of Positive Drinking' में यह हैरतअंगेज खुलासा हुआ है कि प्रिंसेस डायना ने 1988 में साउथ लंदन स्थित रॉयल वॉक्‍सहॉल टेवर्न में शराब के कई पैग लगाए। डायना जब इस बार में गईं तो उस वक्‍त उन्‍होंने आर्मी जैकेट, काली टोपी और सनग्‍लास पहन रखे थे।

बाड़मेर एडवांस लेकर खा गए सिवाना सरपंच:

एडवांस लेकर खा गए सिवाना सरपंच:


बाड़मेर राजस्थान में कई सरपंचों ने ग्राम पंचायतों से 1.16 करोड़ रुपए की राशि एडवांस ले ली, लेकिन उसे चुकाया नहीं। पिछले 5 साल में तमाम प्रयास करने के बावजूद सरकार भी सरपंचों से इस राशि को वसूली नहीं कर पाई है। कई ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के कर्मचारियों के वेतन से भी पेंशन, पीएफ और बीमा के नाम पर 2 करोड़ रुपए से ज्यादा काट लिए गए, लेकिन यह राशि जमा ही नहीं करवाई गई।बाड़मेर जिले के सिवान ग्राम पंचायत के सरपंच ने भी पैसा एडवांस लेकर कोई हिसाब किताब नहीं दिया

पंचायतीराज संस्थाओं में कुप्रबंधन के हालात इस कदर हैं कि 20 जिला परिषदों और 228 पंचायत समितियों के पास तो अपनी अचल संपत्तियों का ही लेखा-जोखा नहीं है। ज्यादातर पंचायतों ने शिक्षा उपकर की वसूली ही नहीं की तो जिन कुछ पंचायतों ने शिक्षा उपकर वसूला, उसकी राशि जमा ही नहीं करवाई। स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग की ओर से की गई ऑडिट और विशेष जांच में पंचायतीराज संस्थाओं में कई तरह की अनियमितताएं सामने आई हैं।

इन ग्राम पंचायतों से एडवांस लेकर खा गए सरपंच:

बहरावंडा कलां, सिंगोर कलां(खंडार), घाट का बराना, बलवन (के.पाटन), डोला, हेमड़ा(पिड़ावा), पोलाई कलां (सुलतानपुर), सिवाना (सिवाना), पापल्या खुर्द, लुहारिया(डग), सांकरवाड़ा (टोडा़भीम), मनोहरपुर(शाहपुरा), ताला (जमवारामगढ़), खाचरियावास, मूंडियावास(दातारामगढ़), कायमसर(फतेहपुर), रेवत, बाकरारोड़, दीगांव (जालौर), फतेह सागर (फलौदी)।

ग्राम पंचायतों को नहीं दिया 71.87 करोड़ रुपए का अनुदान:

पंचायतों के माध्यम से कई विकास योजनाएं भी राजनीति का शिकार हो गईं। इसकी वजह यह रही कि जिला परिषदों और पंचायत समितियों ने अपने-अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को 71.87 करोड़ रुपए का अनुदान हस्तांतरित ही नहीं किया।ग्यारहवें वित्त आयोग, बारहवें वित्त आयोग और राज्य के तृतीय वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत यह पैसा ग्राम पंचायतों को जिला परिषद और पंचायत समितियों के माध्यम से अनुदान के रूप में दिया जाता है।

ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2007 से 2010 तक की स्थिति के अनुसार जिला परिषद और पंचायत समितियों में 190.08 लाख रुपए ग्यारहवें वित्त आयोग, 781.73 लाख रुपए बारहवें वित्त आयोग और 6215.18 लाख रुपए तृतीय राज्य वित्त आयोग के तहत अनुदान का अवितरित ही पड़ा था।

जमा नहीं कराया 58 लाख का एज्यूकेशन सैस:

राज्य में 15 ग्राम पंचायतों ने वर्ष 2008 से 2010 के दौरान 64.37 लाख रुपए का शिक्षा उपकर (एज्यूकेशन सैस) वसूल किया। यह पैसा नियमानुसार पंचायत समितियों में जमा होना था, लेकिन इसमें से मात्र 6.57 लाख रुपए ही जमा करवाए गए। इस तरह 58 लाख रुपए तो पंचायत समितियों में जमा ही नहीं हुए।

खुद के कर्मचारियों को भी नहीं बख्शा:

पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के अफसर अपने ही कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी करने से भी नहीं चूके। वर्ष 2006 से मई, 2011 तक उनके वेतन में से पीएफ, पेंशन, बीमा के नाम पर 205 लाख रुपए की कटौतियां की गईं। यह राशि उनके खाते में जमा ही नहीं करवाई गई।

391.57 लाख दिए, फिर भी निर्माण पूरे नहीं:

प्रदेश में जिला परिषदों और पंचायत समितियों ने वर्ष 2008 से 2010 के दौरान 391.57 लाख रुपए निर्माण और ऐसे कामों पर खर्च कर दिए, जिनका किसी को कोई फायदा नहीं मिला। ये ज्यादातर काम बीच में ही अधूरे छोड़ दिए गए अथवा उन कामों को आगे के लिए बंद ही कर दिया गया।--

निशुल्क जांच का ट्रायल,मगर सशुल्क !

निशुल्क जांच का ट्रायल,मगर सशुल्क !

बाड़मेर । तमाम दावों के साथ प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सोमवार से शुरू हुआ नि:शुल्क जांच योजना का ट्रायल पहले ही दिन "सशुल्क" में बदल गया।वहीं बिना किसी के तयारियो के हुए इस ट्रायल ने राजकीय चिकित्सालय की व्यवस्था की पोल खोल दी .इस योजना के ट्रायल देखने से प्रशासनिक अधिकारी बाड़मेर पहुंचे ,थे मगर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियो ने इस ट्रायल के प्रति कोई रूचि नहीं दिखाई .जबकि पहले अस्पताल प्रशासन ने बताया था की ट्रायल पर जिला कलेक्टर आयेंगे मगर आधे घंटे के ट्रायल में कोई अधिकारी नहीं पहुंचा .प्रमुख चिकित्सा अधिकारी द्वारा इस योजना की आवश्यक तैयारियों के अंजाम नहीं दिया .रंग रोगन से लेकर उपकरण उपलब्धता का काम नहीं हो पाया .


नि:शुल्क जांच की आस लिए राजकीय अस्पताल में पहुंचे मरीजों से योजना की ट्रायल के दौरान भी पूरा शुल्क वसूला गया,


गौरतलब है कि शहर अस्पताल में निशुल्क जांच योजना का 1 अप्रेल को ट्रायल किया जाना था। शुल्क वसूली पर मरीजों ने विरोध किया था , जिस पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार के आदेशों के मुताबिक ही शुल्क लिया जा रहा है।



कैसे पता चलेंगी कमियां


ट्रायल से विभाग को योजना की जरूरतों का पता चलता है। इसमें मरीजों की संख्या में इजाफा, उपकरणों की स्थिति, स्टाफ की आवश्यकता आदि का अंदाजा लगाया जाता है। लेकिन सशुल्क होने से मरीजों का दबाव नहीं बढ़ेगा। ऎसे में कमियां पता नहीं चलेंगी।


यहां हुई नि:शुल्क जांच


गौरतलब है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 7 अप्रैल से निशुल्क जांच योजना शुरू हो रही है। इससे पहले सरकारी अस्पतालों में ट्रायल चल रही है।


अधिकारी कहिन:


प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बाड़मेर ने बताया कि ट्रायल के दौरान जांचें निशुल्क नहीं कर रहे हैं। यह निर्णय उच्च स्तर पर हुआ है। इस विष्ाय में उच्च अधिकारी ही बता सकते हैं।
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फेसबुक यूज करने पर होगी कमाई!

फेसबुक यूज करने पर होगी कमाई!

नई दिल्ली। यह किसी सपने के सच होने जैसा है। फेसबुक एक नया फीचर टैस्ट करने जा रहा है जिसके तहत चुनिंदा यूजर्स, जिन्हें फेसबुक ने "एडवांस्ड फेसबुकर्स" का नाम दिया है, को पैसे कमाने का मौका दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, फेसबुक चुनिंदा यूजर्स के पहले बैच के टॉप चार प्रतिशत को एक डॉलर प्रति एक्टिविटी अदा करने की तैयारी कर रहा है।


फिलहाल यह नया एडवांस्ड फेसबुकर्स (एएफ) फीचर न्यूजीलैंड में फेसबुक यूजर्स के छोटे से समूह पर टैस्ट किया जा रहा है। यह खबर न्यूजीलैंड में फेसबुक यूजर एले फ्लड्स ने लीक की। फ्लड्स एएफ के लिए फेसबुक के एल्फा टेस्ट टीम का हिस्सा हैं।

क्या है एडवांस्ड फेसबुकर्स?
फेसबुक प्रोग्रमेटिकली यूजर्स को चुनेगा और इस फीचर के लिए सलेक्ट हुए यूजर्स को एक नोटिफिकेशन दिखेगा जिसमें लिखा होगा कि आप एडवांस्ड फेसबुकर्स प्रोग्राम के लिए चुने गए हैं ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करें। लिंक पर क्लिक करने पर प्रोग्राम के नियम व शर्तेें बताई जाएंगी।

अगर यूजर इसमें भाग लेने के लिए सहमती दर्ज करेगा तो उसके लिए पेज खुलेगा जिसमें उसे वेरिफिकेशन के लिए अपने क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स डालनी होंगी। इसके अलावा उसे अपना बैंक अकाउंट नंबर और टैक्स संबंधी अन्य जानकारी देनी होगी।

एक और एल्फा टैस्ट पार्टिसिपेंट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह जरूरी नहीं है कि फेसबुक पर ज्यादा एक्टिव रहने वाले यूजर्स या जिनकी फ्रेंड लिस्ट और सब्स्क्राइबर्स लिस्ट लंबी है उन्हें ही एडवांस्ड फेसबुकर्स के लिए चुना जाए। इस फीचर के लिए यूजर्स की ऑथॉरिटेटिवनेस के आधार पर उन्हें निमंत्रण भेजे जाएंगे।

यूजर्स की कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि वे फेसबुक कितना यूज करते हैं और ऑथॉरिटेटिवनेस इंडेक्स पर उनका क्या रैंक है। इस फीचर की हर एक्टिविटी के लिए पैसा दिया जाएगा फिर वह चाहे स्टेटस अपडेट हो, कमेंट करना हो या लाइक करना हो।

भाइयों से भी शादी की प्रथा

भाइयों से भी शादी की प्रथा
 

हिंदुओं में अगर पत्नी जीवित है तो एक से अधिक शादी करना वर्जित है। यही नियम पत्नी पर भी लागू होता है। महाभारत में दौपद्री के पांच पति थे, वह चाहे कुछ भी रहा हो। देश के कुछ हिस्सों में आज भी यदा-कदा महाभारत की यह प्रथा नजर आ जाती है। एक गांव है देहरादून के पास जहां कुछ परिवारों में आज भी यह प्रथा जारी है। 21 साल की राजो वर्मा भी इसी तरह की एक महिला है। वह एक कमरे के घर में अपने परिवार के साथ रहती है। खास बात यह है कि उसके पांच पति हैं।

सभी-यानी बच्चे , पति और मां एक साथ एक कमरे में कंबल बिछा कर सोते हैं। राजो हर रात अलग-अलग पति के साथ बिताती है। उसे पता ही नहीं है कि उसका 18 महीने का बेटा जय उसके किस पति से है। देहरादून के पास एक छोटे से गांव में रहने वाली राजो की शादी गांव के पांच भाइयों के साथ हुई है।

इस हैपी फैमिली में राजो के पांच पतियों में 32 साल का बज्जू वर्मा, 28 साल का संत राम वर्मा, 26 साल का गोपाल वर्मा, 21 साल का गुड्डू वर्मा और राजो से भी छोटा उसका पांचवां पति 19 साल का दिनेश वर्मा है।

असल में देहरादून के इस छोटे से गांव में यह परंपरा है कि औरत को अपने पति के अन्य भाइयों से भी शादी करनी होती है। राजो की असल में गुड्डू के साथ शादी हुई थी। उसके बाद उसने परंपरानुसार गुड्डू के अन्य भाइयों के साथ भी शादी कर ली। हाल ही में इनका सबसे छोटा भाई दिनेश भी राजो का पति बन गया है।

राजो के पहले पति गुड्डू का कहना है कि उसे कभी यह दिक्कत पेश नहीं आई और न ही जलन हुई कि राजो उसके अलावा उसके चार और भाइयों के साथ भी रहती है।

बिहार में पति के सामने महिला से गैंग रेप, गुप्तांग में पत्थर डाला



मुजफ्फरपुर/सहरसा।। बिहार में कानून व्यवस्था में सुधार के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तमाम दावे बेमानी साबित हो रहे हैं। खासकर महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध के मामले में। पिछले साल 16 दिसंबर को दिल्ली में चलती बस में हुए गैंग रेप की तरह एक अमानवीय घटना बिहार में भी सामने आई है। मुजफ्परपुर जिले की इस घटना में दरिंदों ने पहले पति के सामने ही महिला के साथ गैंग रेप किया, फिर इतनी यातना दी कि उसकी मौत हो गई। सहरसा जिले में भी एक नर्स के साथ गैंग रेप की घटना सामने आई है। इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
gang-rape
दरिंदों की इस हैवानियत के बारे में जानकर आपकी रूह कांप उठेगी। मुजफ्फरपुर जिले के मंडई खुर्द की एक महिला बुधवार को अपने पति के साथ पास ही के सकरा फरीदपुर गांव से लौट रही थी। रास्ते में कुछ दरिंदों ने उसे पकड़ लिया। दरिंदों ने पहले उसके पति को बांध दिया। पति से सामने ही महिला के साथ गैंग रेप किया। महिला ने विरोध करने की कोशिश की तो उसके पूरे शरीर को दांत से काटा।

इसके बाद दरिंदों ने हैवानियत की सारी सीमाएं लांघ दीं। उन्होंने महिला के गुप्तांग में कपड़े के साथ पत्थर और मिट्टी भर दिए और उसे तड़पता छोड़कर भाग गए। बाद में आसपास के ग्रामीणों को जानकारी मिली तो वह महिला को सकरा रेफरल अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने महिला की नाजुक स्थिति को देखते हुए उसे समस्तीपुर अस्पताल ले जाने को कहा। परिवारवाले इलाज के लिए विक्टिम को समस्तीपुर ले जा रहे थे कि रास्ते में उसने दम तोड़ दिया।हाताश परिवारवाले शव लेकर लौटे और उसे दफना दिया। इस बीच महिला की ननद ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्र से निकालकर पोस्टमॉर्टम कराया। अभी तक इस मामले में कोई पहल नहीं हुई है।


गौरतलब है कि पिछले साल 16 दिसंबर को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में हुए गैंग रेप के बाद दरिंदों ने मेडिकल की स्टूडेंट के प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी थी जिसके बाद उस लड़की की इलाज के दौरान सिंगापुर में मौत हो गई थी। इस गैंग रेप ने पूरे देश को आंदोलित कर दिया था।

सहरसा में नर्स के साथ गैंग रेप
सहरसा जिले में नगर थाना इलाके के हटियागाछी मुहल्ले में एक प्राइवेट नर्सिंग होम की नर्स को सुनसान स्थान पर ले जाकर 3 लोगों ने गैंग रेप किया। एसपी अजीत कुमार सत्यार्थी ने बताया कि तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार रेपिस्टों की पहचान हटियागाछी निवासी मो. लाल बाबू, मो. मोजिम और मो. सजिम के रूप में की गई है।

बीवी और सास को गला रेतकर मार डाला



मेरठ।। मेरठ में हॉरर किलिंग की दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। पत्नी के अवैध संबंध के चलते पति ने पत्नी और सास की गला रेतकर हत्या कर दी। बाद में पति ने खुद ही थाने में जाकर अपना जुर्म कबूलते हुए सरेंडर कर दिया।
murder
उसने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी का किसी दूसरे से प्रेम प्रसंग चल रहा था और बार-बार समझाए जाने पर भी वह उसकी बात नही मान रही थी। उसकी सास अपनी बेटी को बचाना चाहती थी, इसलिए उसे उसकी भी हत्या कर दी। पुलिस कस्टडी में आरोपी ने कहा कि उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। इस मामले में मेरठ पुलिस भी लापरवाही को लेकर कठघरे में है। आरोप है कि पति पर 12 मार्च को उसकी पत्नी के प्रेमी ने गोली चलाई थी लेकिन पुलिस ने सारे मामले की जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की।

दिल दहला देने वाली यह वारदात नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर सेक्टर 12 के मकान नंबर 118 में रविवार तड़के हुई। नदीम ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी 10 साल पहले शैलजा उर्फ शैला (38) के साथ हुई थी। वह शास्त्री नगर के मकान में पत्नी और दो बच्चों के साथ रह रहा था। शैला कथित तौर पर एक स्थानीय अखबार से जुड़ी थीं।नदीम एक मीट फैक्ट्री में सुपरवाइजर का काम करता था, लेकिन दो महीने पहले उसकी नौकरी छूट गई थी। पुलिस के मुताबिक, शैला और इमरान के प्रेम संबंध का पता लगने पर नदीम ने विरोध किया। नदीम का कहना है कि उसके मना करने के बावजूद शैला ने इमरान से मिलना-जुलना बंद नहीं किया।उल्टे इमरान उसके घर भी आने लगा। इस बात को लेकर दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होने लगा।
पिछले महीने 12 मार्च को नदीम पर उसके ही घर में कातिलाना हमला हुआ था। यहीं से बात काफी बिगड़ गई। पुलिस के मुताबिक, शनिवार रात शैला और नदीम में इमरान को लेकर काफी झगड़ा हुआ था। रात को दोनों परिवारों के बीच पंचायत भी हुई, जिसमें शैला को इमरान से रिश्ता खत्म करने या फिर नदीम से तलाक लेने की बात कही, लेकिन वह किसी बात पर तैयार नहीं हुई।

सरेंडर करने के बाद नदीम ने बताया कि झगड़ा बढ़ने के बाद उसने धारदार हथियार से अपनी पत्नी पर हमला कर दिया और उसकी गर्दन काट दी। गुस्से से भरे नदीम ने पत्नी को बचाने का प्रयास कर रही उसकी मां की भी हत्या कर दी। उसने बताया कि दोनों के शव घर पर पड़े हैं। पुलिस नदीम को साथ लेकर मौके पर पहुंची तो घर में शैला और उसकी मां के खून से लथपथ शव पड़े थे। दोनों की हत्या धारदार हथियार से की गई थी।

शैला और उसकी मां की हत्या पुलिस की लापरवाही का परिणाम है। अगर वक्त रहते इमरान की गिरफ्तारी हो जाती तो पुलिस दोनों हत्याओं को टाल सकती थी, लेकिन कार्रवाई की जगह पुलिस सेटिंग गेटिंग के खेल में लगी रही और आरोपी मौज काटता रहा। नदीम ने पुलिस को हमले के वक्त ही बताया था कि उसे जान से मारने के लिए उसकी पत्नी के इशारे पर इमरान ने चलाई थी, लेकिन पुलिस ने नजरअंदाज कर दिया। पुलिस की नींद टूटी भी तो दोहरे हत्याकांड के बाद। आनन-फानन में उसने नदीम पर कातिलाना हमले के आरोपी इमरान को अब गिरफ्तार कर लिया गया है।

ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की संदिग्ध मौत पर भड़के लोग, लगाया जाम

ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की संदिग्ध मौत पर भड़के लोग, लगाया जाम

आहोर। भाद्राजून ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की संदिग्ध मौत के बाद ग्रामीणों ने हत्या की अशंका जताते हुए जोधपुर तिराहा, हॉस्पीटल तिराहे तथा पुलिस थाने के सामने सड़क पर जाम लगा दिया। ग्रामीण पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग पर अड़ गए। सूचना के बाद पुलिस अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने समझाइश मौके पर पहुंच कर लोगों को शांत किया। आहोर-तखतगढ़ मार्ग करीब तीन घंटा जाम रहने से सड़क पर वाहनों की कतार लग गई। सड़क के दोनों ओर वाहन जाम मेे फंस गए। ऎसे में यात्रियों व राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस ने यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए वाहनों को तालाब की पाल तथा मेघवालों के वास से निकाला।

पुलिस के खिलाफ नारेबाजी
आक्रोशित लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मौके पर पहुंचे पुलिस उप अधीक्षक सत्येन्द्रपालसिंह ने लोगों से समझाइश का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पृथ्वीराज मीणा ने मौके पर पहुंचकर लोगों से समझाइश की कोशिश की लेकिन लोगों का विरोध-प्रदर्शन जारी रहा।

राजनीति में थे सक्रिय
चौधरी पिछले लंबे समय कांग्रेस पार्टी की सक्रिय राजनीति में थे। चौधरी वर्तमान में भाद्राजून ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर पार्टी में अपनी सेवाएं दे रहे थे। इससे पूर्व वे पंचायत समिति सदस्य भी रह चुके हैं तथा उनकी पत्नी श्रीमती चतरूदेवी निम्बला में सरपंच कर चुकी है। चौधरी की पार्टी के कार्यकर्ताओं समेत ग्रामीणों में अच्छी छवि थी। जिनकी संदिग्ध मौत से कार्यकर्ताओं में मायूस छा गई।

अंतिम यात्रा में भीड़
चौधरी की अंतिम यात्रा में लोगों की भीड़ उमड़ी। जिलेभर से कांग्रेस पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों ने चौधरी की अंतिम यात्रा में भाग लेकर परिजनों को ढांढ़स बंधाया।

जिलेभर में रही चर्चा
संदिग्ध मौत के प्रकरण को लेकर जिलेभर में दिनभर चर्चा रही। जालोर शहर सहित आस-पास के क्षेत्र में भी लोग प्रकरण पर चर्चा करते सुनाई दिए। गांवों की चौपाल पर भी संदिग्ध मौत की चर्चा रही।

जनप्रतिनिधियों का लगा जमघट
चौधरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की सूचना के बाद पुलिस थाने के बाहर कांग्रेस पार्टी के जनप्रतिनिधियों समेत पदाधिकारियों का जमघट लग गया। उप मुख्य सचेतक रतन देवासी, जालोर विधायक रामलाल मेघवाल, युवक कांग्रेस लोकसभा क्षेत्र अध्यक्ष उमसिंह चांदराई, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी श्रीमती संध्या चौधरी, जगदीशचंद्र चौधरी, युवक कांग्रेस विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष आमसिंह परिहार, प्रताप आंजणा, धनेश चौधरी, लोक अभियोजक सवाराम पटेल, एडवोकेट मांगीलाल चौधरी, कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ ब्लॉक अध्यक्ष कैलाशदास वैष्णव, कृष्णपालसिंह, लादूराम चौधरी, गणपत शर्मा, जिला परिषद सदस्य भंवरलाल मेघवाल, सोनाराम मेघवाल व कुशालसिंह राजपुरोहित, ग्रेनाइट एसोसिएशन अध्यक्ष नरेन्द्र बालू अग्रवाल, विधि सलाहकार बलवंत राव समेत कई लोगों ने मौके पर पहुंचकर निष्पक्ष जांच की मांग की।

जमीन अवाप्ति के विरोध में अनशन पर बैठी महिलाएं

जमीन अवाप्ति के विरोध में अनशन पर बैठी महिलाएं

बायतु। क्षेत्र के लीलाला गांव में रिफाइनरी के लिए जमीन अवाप्ति के विरोध में चल रहे धरने व अनशन पर रविवार को 11 महिलाएं बैठी। लीलाला, जान्दुओं की ढाणी, सगरोमोणी गोदारो की ढाणी व लीलासर कोलू की इन 11 महिलाओं ने अनशन कर भूमि अवाप्ति का विरोध किया।

रविवार को पुरो देवी, धनी, खेतू, नेनू, मानी, धाई, भंवरी, तीजो, हीरो भूरी, चनणी अनशन पर बैठ कर विरोध जताया। इन महिलाओं ने कहा कि इस पुश्तैनी जमीन पर हमारी पीढिया गुजरी थी मगर जमीन अवाप्त हो जाने से बेघर हो जाएंगे। रविवार को धरने का 24 वां व क्रमिक अनशन का 8 वां दिन था।

नरेंद्र मोदी ने की अपनी पत्नी से सुलह!

नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी के समर्थकों के लिए दोहरी खुशखबरी है। एक तरफ तो मोदी के लिए बीजेपी संसदीय बोर्ड में जगह के जरिए दिल्ली का दरवाजा खुलता दिख रहा है। वहीं, दूसरी तरफ मोदी ने निजी जिंदगी में भी बड़ी पहल की है। मोदी ने अपनी पत्नी से गुप्त मुलाकात कर उनसे सुलह कर ली है। दोनों के बीच यह मुलाकात मुख्यमंत्री निवास में आधी रात को हुई। लेकिन पार्टी और सरकार इस मुलाकात को लेकर औपचारिक चुप्पी साधे हुए हैं। गुजरात सरकार से जुड़े सूत्रों ने इस खबर की पुष्टि की है।
नरेंद्र मोदी ने की अपनी पत्नी से सुलह!
खबरों के मुताबिक मोदी के साथ उनकी पत्नी जशोदा बेन अब मुख्यमंत्री निवास में ही रहेंगी। मोदी ने अपनी मां से भी साथ रहने के लिए आग्रह किया है। इस घटनाक्रम को मोदी की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह और रेणुका चौधरी इस मुद्दे पर गुजरात के मुख्यमंत्री की खिंचाई कर चुके हैं। दिग्विजय सिंह ने पिछले साल नवंबर में कहा था, 'दूसरे की पत्नियों पर अपमानजनक टिप्पणियां करने वाले नरेंद्र मोदी अपनी पत्नी के बारे में क्यों चुप हैं? यू-ट्यूब पर नरेंद्र मोदी की पत्नी का नाम और शादी के साक्ष्य मौजूद हैं।' लेकिन दिग्विजय ने मोदी से सवाल किया था कि सभी सांसदों और विधायकों को चुने जाने के बाद अपनी शादीशुदा होने या कुंवारे होने के बारे में बताना होता है, लेकिन मोदी के मामले में मेरिटल स्टेटस का कॉलम आज तक ब्लैंक है। आखिर क्यों? उन्होंने कहा था कि पत्नी हमेशा से अनमोल होती है और उसका प्यार भी। लेकिन यह वही जान सकता है जिसने कभी किसी से प्यार किया हो। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा था, 'मोदी महिला विरोधी हैं। उन्होंने अपनी पत्नी की ही गरिमा नहीं रखी औरों की क्या बात की जाए।'

लेकिन मोदी ने अपनी पत्नी जशोदा बेन से सुलह कर इस मामले में लंबे समय से चल रहे विवाद को खत्म कर दिया है। बताया जाता है कि नरेंद्र मोदी की शादी जशोदा बेन से 1968 में हुई थी। जशोदा बेन के बारे में बताया जाता है कि वह एक टीचर हैं और गुजरात के एक गांव में अकेली रहती हैं। मोदी ने आधिकारिक तौर पर इस बारे में कभी कुछ भी नहीं कहा है। गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान विरोधियों की तरफ से यह बात बार-बार उठाई गई थी, लेकिन मोदी इसका न तो खंडन करते हैं और न पुष्टि। मीडिया में इस बारे में छपी रिपोर्ट पर भी मोदी ने कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।

निर्माणाधीन टांका ढहने से एक मरा, एक घायल


निर्माणाधीन टांका ढहने से एक मरा, एक घायल 



पाटोदी
निकटवर्ती परेऊ गांव में नवातला रोड पर स्थित एक खेत में टांका निर्माण कार्य के दौरान रेत ढहने से एक श्रमिक की मौत हो गई तथा खेत मालिक घायल हो गया, जिसे परेऊ पीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद बालोतरा रेफर किया गया।

जानकारी के अनुसार रविवार को परेऊ निवासी भंवरसिंह पुत्र हेमसिंह के खेत में मनरेगा तहत के टांका निर्माण कार्य चल रहा था। भंवरसिंह व श्रमिक रूघाराम (35) पुत्र पीराराम भील निवासी परेऊ, दोनों टांका निर्माण के दौरान टांके के पेंदे पर कार्य कर रहे थे। रविवार शाम करीब 5:15 बजे अचानक टांके से निकाली गई रेत दोनों के ऊपर ढह गई। इससे दोनों रेत के नीचे दब गए। दोनों के चिल्लाने की आवाज पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे तथा करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों के बाहर निकाला। गंभीर स्थिति में दोनों को 108 एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल ले जाया जा रहा था कि रूघाराम ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। वहीं भंवरसिंह को परेऊ अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद बालोतरा रेफर किया गया। सूचना मिलने पर गिड़ा पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।




टैक्सी चालक के साथ मारपीट के विरोध में लगाया जाम

सिवाना  मोकलसर पुलिस चौकी में कार्यरत एक कांस्टेबल ने रविवार सुबह सिवाना-मोकलसर सड़क मार्ग पर एक टैक्सी चालक के साथ टैक्सी को साइड में लेने की बात को लेकर मारपीट कर दी तथा चालान कर दिया। इससे आक्रोशित टैक्सी यूनियन के चालकों ने राजमार्ग पर जाम लगा दिया तथा करीब आधे घंटे तक पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। जानकारी के अनुसार रविवार सवेरे 11 बजे सिवाना निवासी दलपतसिंह अपनी टैक्सी को लेकर सिवाना से मोकलसर की तरफ जा रहा था। बीच रास्ते में मोकलसर पुलिस चौकी में कार्यरत कांस्टेबल विष्णु कुमार के साथ टैक्सी को साइड में लेने की बात को लेकर कहासुनी हो गई। इस दरम्यान कांस्टेबल ने टैक्सी चालक के साथ मारपीट कर दी तथा चालान कर दिया। इस घटना के बाद सिवाना टैक्सी यूनियन में रोष व्याप्त हो गया तथा आक्रोशित यूनियन के टैक्सी चालकों ने थाने के आगे एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू किया। इसके बाद टैक्सी चालकों ने देर शाम 7:30 बजे राजमार्ग पर जाम लगा दिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। इस पर सिवाना थानाधिकारी सुमेरसिंह ने यूनियन के पदाधिकारियों के साथ समझाइश कर जाम हटवाया। 

पूर्व सांसद ने सराहा 'आई लव जैसलमेर' को


पूर्व सांसद ने सराहा 'आई लव जैसलमेर' को 

बदलना होगा शहर 




जैसलमेर. पूर्व सांसद मेजर मानवेन्द्र सिंह ने आई लव जैसलमेर की टीम द्वारा सोनार दुर्ग पर चल रहे सफाई अभियान का रविवार को जायजा लिया। मानवेन्द्र सिंह ने इस कार्य की सराहना करते हुए इसे निरंतर जारी रखने का आह्वान किया। उन्होंने आई लव जैसलमेर टीम की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि शहर को सुंदर बनाने के लिए जो बीड़ा इस टीम ने उठाया है वह काबिले तारीफ है। मानवेन्द्र सिंह रविवार की शाम दुर्ग पर पहुंचे और लक्ष्मीनाथजी के मंदिर के दर्शन करने के बाद उन्होंने सफाई अभियान का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने आई लव जैसलमेर का टीशर्ट भी पहना। संडे के सोनार कार्यक्रम के तहत रविवार को चौथा चरण हुआ जिसमें 95 कमांड ग्रीफ के जवानों ने श्रमदान किया। सुबह से लेकर टीम के सभी सदस्य व ग्रीफ के जवानों ने चौगान पाड़ा में सफाई की। लगातार चल रहे इस अभियान से सोनार दुर्ग की मोरी, परकोटा व गली मोहल्ले चमक उठे हैं। यहां आने वाले सैलानी भी अब इस अभियान की सराहना कर रहे हैं।

महिलाओं और कन्याओं ने अदीत रोटे का त्योहार पारंपरिक रूप से मनाया


सूर्य देव की पूजा कर सुख समृद्धि मांगी

महिलाओं और कन्याओं ने अदीत रोटे का त्योहार पारंपरिक रूप से मनाया 

जैसलमेर  अदीत रोटे का त्योहार रविवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। सूर्य भगवान को समर्पित यह त्योहार होली के बाद आने वाले पहले रविवार को मनाया जाता है। रविवार (आदित्यवार) को महिलाओं ने सूरज भगवान को चढ़ाने के लिए रोटा बनाया और पूजा-अर्चना और कथा वाचन के साथ भगवान को भोग लगाकर प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया। जैसलमेर में यह त्योहार परंपरागत रूप से मनाया जाता रहा है। इस त्योहार पर भाई अपनी बहिनों को मिठाई या मिठाई के लिए पैसे देते हैं। यह त्योहार मां और बेटी साथ मिलकर मनाते हैं। इस त्योहार को मनाने के पीछे सुख-समृद्धि की कामना छुपी है। रविवार को जैसलमेर में महिलाओं ने मिलकर इस त्योहार को परंपरागत रूप से मनाया। महिलाओं ने समूह में या अपनी बेटी या बहू के साथ इस त्योहार को मनाया। अदीत रोटा रविवार को ही मनाया जाता है। रविवार को स्थानीय भाषा में अदितवार भी कहते हैं। अदीत रोटा का संबंध भी रविवार से ही है।

कैसे मनाया त्योहार को

सुबह उठकर महिलाओं ने नित्य कार्यों से निवृत्त होकर रसोई की साफ-सफाई की और गेहूं के आटे को गोंद कर उसका बड़ा रोटा बनाया। इस रोटे को घी-शक्कर या दही के साथ ग्रहण करने से पूर्व भगवान भास्कर को अघ्र्य देकर उसका प्रसाद चढ़ाया । बाद में रोटा ग्रहण किया गया। इसके साथ ही त्योहार से संबंधित कथा का वाचन किया गया।

क्या है अदीत रोटे की कहानी

मां-बेटी सामूहिक रूप से अदीत रोटा मना रही थी। मां का रोटा बन चुका था और बेटी का बना नहीं था। तभी साधू आता है। बेटी मां के रोटे से कुछ हिस्सा साधू को दे देती है। मां गुस्सा होती है। बेटी अपने रोटे का कुछ भाग देना चाहती है, मगर मां कहती है ला मेरे सागी रोटे का कोर..बेटी दु:खी होकर घर से निकल जाती है। जंगल में उसे राजकुमार मिलता है और उससे ब्याह रचा लेता है। अगले साल फिर अदीत रोटा का त्योहार आता है। रानी बनी बेटी रोटा बनाती है। रोटा सोने का बन जाता है। राजकुमार इसका कारण पूछता है। बेटी कहती है, मेरे पीहर से आया है। राजकुमार कहता है मैंने तो तुझे जंगल से उठाया था, चल मुझे पीहर दिखा। रानी भगवान सूरज से प्रार्थना करती है। जंगल में बस्ती बस जाती है। राजा वहां पहुंचता है तो उसका खूब आदर सत्कार होता है। बाद में राजा लौट आता है तो बस्ती भी उठ जाती है। राजा के सैनिक शिकायत करते हैं कि वहां तो कुछ भी नहीं है। राजा सारी बात रानी से पूछता है। रानी पूरी कहानी सच-सच बता देती है। तब से अदीत रोटे से सभी लड़कियां राजकुमार जैसे वर और राजघराने जैसे घर की कामना में यह त्योहार मनाती आ रही है।

पोकरण. मल्लीनाथ जयंती समारोह के अवसर पर उमड़ा जनसैलाब।


समाज का निर्माण करने वाले उदाहरण बनते हैं' 

रावल मल्लीनाथ जयंती के अवसर पर हजारों की संख्या में पहुंचे लोग 


भारी संख्या में पहुंचा जन समूह 
मल्लीनाथ जयंती समारोह के अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि शैतानसिंह सांकड़ा, जयकिशन दवे, सांवल सिंह सनावड़ा, मैराजसिंह, खंगार सिंह, एडवोकेट उम्मेदसिंह सांकड़ा, भीख सिंह सांकड़, रूपसिंह, चंदनसिंह, मदनसिंह राजमथाई, हेमसिंह ओला, छायण सरपंच मनोहरसिंह, भंवर नागोरा, केवलराम हींगड़ा, रणवीर गोदारा, मुकेश गज्जा सहित सांकड़ा, राजमथाई, भीखोड़ाई, फलसूंड, बाड़मेर, जैसलमेर सहित अनेक गांवों से हजारों की संख्या में लोग उपस्थित हुए।


समाज को बढ़ाने के बारे में सोचने वाला अमर हो जाता है:
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तारातरा मठ के महंत प्रतापपुरी महाराज ने कहा कि मनुष्य हमेशा अपने उत्थान के बारे में सोचता है। हम सभी भी उत्थान की ओर बढऩा चाहते हैं लेकिन हम रास्ता नहीं बना पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति समाज को बढ़ाने के बारे सोचता है वह व्यक्ति अमर हो जाते हैं। उन्होंने रावल मल्लीनाथ के जीवन परिचय के बारे में बताया कि रावल मल्लीनाथ के जीवन में परिवर्तन लाने का कार्य उनकी पत्नी ने किया। यह पूर्व जन्म का कर्म है कि हम मनुष्य की योनी में पैदा हुए। लेकिन मनुष्य रूप पाने के बाद भी नशे की ओर बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने मांसाहार को निशाना बनाते हुए कहा कि पूर्व में मनुष्य शाकाहारी होते थे वहीं राक्षस मांसाहारी होते थे। लेकिन कलयुग के आने के साथ साथ हम लोगों ने राक्षसी प्रवृति को अपना लिया है। जिसके कारण समाज का उत्थान नहीं हो पा रहा है। प्रतापपुरी महाराज ने नशावृत्ति तथा मांसाहार की प्रवृत्ति का जमकर विरोध किया।



 पोकरण



संकुचित जीवन जीने वाले व्यक्ति मर जाते हैं लेकिन जो विस्तृत जीवन जीता है वह व्यक्ति हमेशा अमर रहता है। यह उद्गार क्षत्रिय युवक संघ के संघ प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर ने बालीनाथ आश्रम में क्षत्रिय युवक संघ के तत्वावधान में आयोजित रावल मल्लीनाथ जयंती के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति स्वस्थ समाज का निर्माण करता है अथवा समाज के लिए उदाहरण बनता है उन्हीं की जयंती मनाई जाती है। रावल मल्लीनाथ जयंती के अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में संघ प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर, महंत कल्याणपुरी महाराज, तारातरा मठ के महंत प्रतापपुरी महाराज, पूर्व सांसद मेजर मानवेन्द्र सिंह, जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी, पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी, कांग्रेस प्रदेश महासचिव सुनीता भाटी, नगरपालिका अध्यक्ष छोटेश्वरी आईदान माली उपस्थित थे।

समाज के उत्थान के लिए महिलाएं आगे आए

बाड़मेर जैसलमेर सांसद मेजर मानवेन्द्र सिंह जसोल ने कहा कि पूर्व में सरकार द्वारा शहरों में सभी चौराहों पर जनप्रतिनिधियों की मूर्ति नहीं लगाकर लोक देवताओं की मूर्ति लगाने का निर्णय लिया गया था। जिन निर्णयों का अभी भी पालन किया जा रहा है। उन्होंने मातृ शक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के हर कार्यक्रम में महिलाओं को आगे आना चाहिए। इसके साथ ही समाज के उत्थान में भी महिलाओं को शामिल किया जाना चाहिए। कार्यक्रम को उम्मेदसिंह, सुनीता भाटी तथा नगरपालिका अध्यक्ष छोटेश्वरी आईदान माली ने भी संबोधित किया।

रावल मल्लीनाथ के नाम से बनेगा चौराहा

मल्लीनाथ जयंती के अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष छोटेश्वरी आईदान माली ने संबोधित करते हुए कहा कि शहर के जोधपुर सड़क मार्ग पर 10 लाख रुपए की लागत से रावल मल्लीनाथ की मूर्ति लगाकर चौराहे का निर्माण करवाया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि समाज के उत्थान के लिए नगरपालिका द्वारा हमेशा कार्य किया जा रहा है और आगे भी किया जाएगा।