निशुल्क जांच का ट्रायल,मगर सशुल्क !
बाड़मेर । तमाम दावों के साथ प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सोमवार से शुरू हुआ नि:शुल्क जांच योजना का ट्रायल पहले ही दिन "सशुल्क" में बदल गया।वहीं बिना किसी के तयारियो के हुए इस ट्रायल ने राजकीय चिकित्सालय की व्यवस्था की पोल खोल दी .इस योजना के ट्रायल देखने से प्रशासनिक अधिकारी बाड़मेर पहुंचे ,थे मगर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियो ने इस ट्रायल के प्रति कोई रूचि नहीं दिखाई .जबकि पहले अस्पताल प्रशासन ने बताया था की ट्रायल पर जिला कलेक्टर आयेंगे मगर आधे घंटे के ट्रायल में कोई अधिकारी नहीं पहुंचा .प्रमुख चिकित्सा अधिकारी द्वारा इस योजना की आवश्यक तैयारियों के अंजाम नहीं दिया .रंग रोगन से लेकर उपकरण उपलब्धता का काम नहीं हो पाया .
नि:शुल्क जांच की आस लिए राजकीय अस्पताल में पहुंचे मरीजों से योजना की ट्रायल के दौरान भी पूरा शुल्क वसूला गया,
गौरतलब है कि शहर अस्पताल में निशुल्क जांच योजना का 1 अप्रेल को ट्रायल किया जाना था। शुल्क वसूली पर मरीजों ने विरोध किया था , जिस पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार के आदेशों के मुताबिक ही शुल्क लिया जा रहा है।
कैसे पता चलेंगी कमियां
ट्रायल से विभाग को योजना की जरूरतों का पता चलता है। इसमें मरीजों की संख्या में इजाफा, उपकरणों की स्थिति, स्टाफ की आवश्यकता आदि का अंदाजा लगाया जाता है। लेकिन सशुल्क होने से मरीजों का दबाव नहीं बढ़ेगा। ऎसे में कमियां पता नहीं चलेंगी।
यहां हुई नि:शुल्क जांच
गौरतलब है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 7 अप्रैल से निशुल्क जांच योजना शुरू हो रही है। इससे पहले सरकारी अस्पतालों में ट्रायल चल रही है।
अधिकारी कहिन:
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बाड़मेर ने बताया कि ट्रायल के दौरान जांचें निशुल्क नहीं कर रहे हैं। यह निर्णय उच्च स्तर पर हुआ है। इस विष्ाय में उच्च अधिकारी ही बता सकते हैं।
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