शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

प्रेम संबंधों में रोड़ा बने जेठ को प्रेमी संग मिल किया किडनैप, फिर

प्रेम संबंधों में रोड़ा बने जेठ को प्रेमी संग मिल किया किडनैप, फिर


प्रेम संबंधों में रोड़ा बने जेठ को प्रेमी संग मिल किया किडनैप, फिर
मानसा. महिला पर प्रेमी संग मिल अपने जेठ को किडनैप कराने का आरोप लगा है। आरोप महिला के पति ने ही लगाए हैं। बताया जा रहा है कि जेठ प्रेम संबंधों का विरोध करता था। सरदूलगढ़ पुलिस ने आरोपी महिला और उसके प्रेमी पर पर्चा दर्ज कर लिया है।




गांव जटाणा कैंचियां के बलवंत सिंह की शादी छह साल पहले वीरपाल कौर से हुई थी। वीरपाल की ये दूसरी शादी है। इससे पहले उसकी बठिंडा जिले के गांव बहमण दीवाना में शादी हुई थी। पति से बनने के चलते तलाक हो गया था। सरदूलगढ़ पुलिस थाने के सहायक थानेदार हरदेव सिंह ने बताया, पुलिस ने अपहरण किए हरबंस सिंह के भाई बलवंत सिंह के बयान पर वीरपाल कौर उसके प्रेमी सुखविंदर सिंह उर्फ फौजी के खिलाफ हरबंस सिंह को अपहरण करवाने का मामला दर्ज कर कारवाई शुरू कर दी है।बताया जा रहा है, वीरपाल कौर के गांव भोखड़ा वासी सुखविंदर सिंह उर्फ फौजी से प्रेम संबंध हो गए। वीरपाल के घर भी उसका आना जाना जारी था। इसे लेकर वीरपाल कौर का जेठ हरबंस सिंह एतराज करता था। प्रेम में रोड़ा बने जेठ हरबंस सिंह को रास्ते से हटाने के लिए वीरपाल ने प्रेमी संंग मिलकर साजिश रची। वीरपाल कौर ने हरबंस सिंह को 16 दिसंबर को तलवंडी साबो बच्चों की किताबें खरीदने के लिए भेज दिया। जो आज तक घर नहीं लौटा है।

लड़की की डेडबॉडी से निकला लड़के का दिल, ऐसी है सनम हसन की मर्डर मिस्ट्री

लड़की की डेडबॉडी से निकला लड़के का दिल, ऐसी है सनम हसन की मर्डर मिस्ट्री

लड़की की डेडबॉडी से निकला लड़के का दिल, ऐसी है सनम हसन की मर्डर मिस्ट्री.एक लड़की थी। सनम हसन । 19 साल की। पुणे के इंस्टीट्यूट से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थी। दोस्तों के साथ पार्टी करने के दौरान ऐसा कुछ हुआ कि उसकी मौत हो गई। फिर PM रिपोर्ट आई। उसमें जो लिखा हुआ था उसने सबको चौंका दिया। सनम की डेडबॉडी से किसी लड़के का दिल निकला। जी हां। कहानी सच्ची है। लेकिन यकीन करना मुश्किल। सवाल कि क्या सनम पहले लड़की थी और मरने के बाद लड़का बन गई, या कातिल ने कुछ ऐसा खेल रचा कि सब घूम गए। क्राइम सिरीज में आज वो मर्डर मिस्ट्री। जिसमें मर्डर तो हुआ लेकिन पांच साल बाद भी गुनेहगार का पता तक नहीं चला। पुणे में रहकर पढ़ाई करती थी सनम हसन




मुंबई की रहने वाली सनम हसन अपने घर से दूर पुणे में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने आई थी। मां-बाप की लाडली को दोस्तों का भी खूब प्यार मिलता था। सनम को कॉलेज में भी घर की कमी नहीं खलती थी। अक्टूबर महीने में उसका का बर्थडे था। सबकी तरह उसे भी इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार था। आखिरकार 3 अक्टूबर का दिन आ ही गया। दोस्तों ने सनम के लिए सरप्राइज बर्थडे पार्टी रखी थी। उन्होंने सनम के पापा को फोन कर सनम के लिए नाइटआउट की इजाजत मांगी। बेटी की खुशी के लिए पिता ने परमीशन दे दी।

अगली सुबह सनम के घर आया एक फोन

4 तारीख की सुबह दोस्तों ने सनम के घर फोन किया। उनकी आवाज में घबराहट थी। हकलाती आवाज में उन्होंने सनम के पिता को बताया कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है। उसे हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया है। खबर मिलते ही मां-बाप पुणे के लिए रवाना हो गए। वो आनन-फानन में हॉस्पिटल पहुंचे तो पता चला कि उनकी बेटी मर चुकी है। दोस्त बता रहे थे कि पार्टी करते वक्त अचानक सनम की तबीयत बिगड़ गई। उसे उल्टियां हो रही थी, इसलिए रुबी हॉल क्लिनिक में लाकर एडमिट करवा दिया।

कहानी में आया नया मोड़

ससून हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम हुआ और डेडबॉडी के कुछ पार्ट विसरा रिपोर्ट के लिए भेजे गए। लेकिन इसके बाद हॉस्पिटल ने जो रिपोर्ट दी, वो चौंकाने वाली थी। सनम की रिपोर्ट में लिखा हुआ था कि उसकी डेडबॉडी में किसी लड़के का दिल है। वो भी 70 फीसदी ब्लॉक। सनम की कलाई पर चार इंजेक्शन लगाए गए थे। सीने में करीब 3 सेमी. का एक गहरा घाव था।

डॉक्टर ने बताई मौत की वजह

पोस्टमॉर्टम के बाद डॉक्टर ने बताया कि ज्यादा शराब पीने की वजह से सनम का दिल ब्लॉक हो गया जिसके चलते उसकी मौत हुई। पहले तो घरवालों को शक था कि उनके बेटी की हत्या की गई है, जिसे हॉस्पिटल की रिपोर्ट ने और गहरा कर दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि सनम फुटबॉल प्लेयर थी। तो फिर दिल का 70 फीसदी हिस्सा ब्लाक होना उन्हें पच नहीं रहा था। इसके अलावा जो सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात थी वो ये कि आखिर उनकी बेटी की डेडबॉडी से किसी लड़के का दिल कैसे निकल सकता है।

पुलिस ने पड़ताल की शुरू




सनम की हत्या के बाद पुलिस ने अपना काम शुरू कर दिया। दोस्तों से लेकर हॉस्पिटल प्रशासन तक पूछताछ की। लेकिन हत्या की गुत्थी नहीं सुलझी। घरवालों ने आरोप लगाया कि पुलिस अपना काम सही तरीके से नहीं कर रही है। लिहाजा केस सीबीआई को सौंपा जाए। हुआ भी ऐसा ही। सीबीआई ने पड़ताल की शुरूआत उसी विसरा रिपोर्ट से की, जिसने पूरे मामले को उलझा रखा था। विसरा की डीएनए जांच करवाई गई। फिर सनम और उसके मां- बाप का डीएन का मिलान कराया गया। लेकिन इसकी जो रिपोर्ट आई उसने शक की सुई फिर से दोस्त, हॉस्पिटल और पुलिस की ओर घुमा दिया। सनम का डीएनए उसने मां-पिता के डीएन से मैच ही नहीं हुआ। डीएनए मैच न होने के बाद सीबीआई ने हॉस्पिटल से लेकर दोस्तों से काफी पूछताछ की, लेकिन कोई पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगा। सबसे चौकाने वाली बात तो ये थी कि इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। पड़ताल जारी है, मां बाप आज भी इंसाफ की आस लगाए हुए हैं और कातिल इन सबसे कहीं दूर इस मर्डर मिस्ट्री को बड़े इत्मीनान से एक तमाशबीन की तरह देख रहा होगा।

रात 3 बजे तलाक बोल घर से निकाला था बाहर, गोद में था 1 महीने का बच्चा

रात 3 बजे तलाक बोल घर से निकाला था बाहर, गोद में था 1 महीने का बच्चा


लखनऊ.एक बार में तीन तलाक को क्रिमिनल ऑफेंस के दायरे में लाने के लिए सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में बिल पेश कर दिया। जिसे 'द मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज' नाम दिया गया है। आपको कानुपर की तलाक पीड़िता सोफिया की दर्द भरी दास्तां बताने जा रहा है। सोफिया बताती हैं- ''मुझे रात तीन बजे एक महीने के बच्चे के साथ घर से बाहर फेंक दिया गया। वो दिन मैं कभी नहीं भूल सकती।''

रात 3 बजे तलाक बोल घर से निकाला था बाहर, गोद में था 1 महीने का बच्चा

''रोज नई लड़कियों से रिलेशन बनाना आदत हो गई थी उसकी''

- चेन्नई की रहने वाली सोफिया अहमद ने बताया- ''12 जून 2015 को मेरी शादी सपा विधायक गजाला लारी (बहन) के भाई शारिक अराफात से हुई। शादी के बाद हम दोनों यूपी के कानपुर में रहने लगे। शारिक लेदर का बिजनेस करता है।''

- ''शादी के 10वें दिन से पति का जुल्म शुरू हो गया। उसे शराब और लड़कियों की लत लग चुकी थी। रोजाना नई-नई लड़कियों से रिलेशन बनाना उसकी आदत बन चुकी थी। जब मैंने इसका विरोध किया, तो उसने मुझपर हाथ उठना शुरू कर दिया।''

- ''घरवालों के सामने वो मुझे मारता-पीटता था, लेकिन मेरे फेवर में कोई नहीं बोला। उसकी हर गलत आदत के बारे में घरवालों को पता था। इतना ही नहीं शादी के बाद जब वो प्रेग्नेंट हुई, तब पति और सास ने बेटी के बजाय बेटा देने का दबाव बनाया था। आरोप है कि प्रेग्नेंसी के 6 महीने के दौरान भी पति बुरी तरह से उसे पीटता था।''




शराब पीकर आया था पति और रात 3 बजे तलाक-तलाक-तलाक बोल निकाल दिया बाहर

- ''13 अगस्त 2016 को शारिक नशे की हालत में घर आया। रात के करीब 2 बजे थे। वो इतने नशे में था कि चल भी नहीं पा रहा था।''

- ''उस रात भी उसने मुझे मारा-पीटा और हर तरह से टॉर्चर किया। आखि‍र में तलाक-तलाक-तलाक बोलकर रात के 3 बजे मुझे एक महीने के बच्चे के साथ घर से बाहर निकाल दिया। उसके बाद उसने कभी भी मेरी खबर नहीं ली।''

- ''इसकी तहरीर जब स्वरूप नगर पुलिस स्टेशन में देने गई तो सपा विधायक के घर का मामला होने के कारण समझौता करने की बात कह कर पुलिसवालों ने भगा दिया।''




इस्लाम के खि‍लाफ नहीं हूं, लेकिन इसका हो रहा मिस यूज

- ''मैं इस्लाम के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन सरकार से यही उम्मीद करती हूं कि ट्रिपल तलाक पर कोई सख्त कानून बने। क्योंकि इसका बहुत मिस यूज हो रहा है।''

- ''मेरे जैसी हजारों लड़कियां इस तकलीफ को झेलती हैं। मुझे रात में 3 बजे घर से निकला गया। 1 महीने का बच्चा लेकर मैं किस तरह निकली वहां से, क्या ये सही था। इस्लाम ये नहीं है। हालांकि, बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाया। इसलिए मैंने पार्टी ज्वाइन कर ली। अब इसी मुद्दे पर काम कर रही हूं। मैं खुशनसीब हूं कि मेरी पूरी फैमिली मेरे साथ है।''

- ''मैं पढ़ने में बहुत अच्छी थी। बीकॉम किया, लेकिन शादी होने के बाद पढ़ाई जारी नहीं रख पाई। लेकिन अब आगे की पढ़ाई के बारे में सोच रही हूं।''

किराए पर रहती थी ये महिला, घर का दरवाजा खोलते पति के उड़े होश

किराए पर रहती थी ये महिला, घर का दरवाजा खोलते पति के उड़े होश
किराए पर रहती थी ये महिला, घर का दरवाजा खोलते पति के उड़े होशनोएडा.नोएडा. फेज-3 थाना इलाके के छिजारसी गांव में एक महिला की डेडबॉडी घर में मिली। महिला की बॉडी पर चाकू के निशान है।पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, जबकि उसके पति को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। वारदात के वक्त अकेली थी महिला...

- श्वेता अपने पति और चार साल के बच्चे के साथ छिजारसी गांव में किराए पर रहती थी। वो मूल रुप से अंबेडकर नगर की रहने वाली है। उसका पति पंकज सेक्टर-63 में बनी एक कंपनी में काम करता था।

- गुरुवार को पति काम पर गया था। आस-पास के दुकानदारों ने बताया 11 बजे के आस-पास श्वेता दुकान पर समान लेने के लिए आई थी। उसके बाद वो घर लौट गई। वारदात के वक्त श्वेता घर में अकेली थी। उसका बच्चा घर के बाहर खेलने के लिए गया था।

- पुलिस ने बताया, "श्वेता के पति ने ही घटना की सूचना दी। पुलिस ने उसको हिरासत में लेकर पूछताछ की। पंकज ने बताया, "जब सुबह काम पर गया था। तब उसकी पत्नी सही सलामत थी। जब वापस लौटा, तो पत्नी की डेडबॉडी घर में पड़ी मिली।"

पुलिस का पक्ष

-सीओ राजीव कुमार सिंह ने बताया, "जिस जगह पर घटना हुई है, काफी घनी आबादी वाला क्षेत्र है। ऐसे में कोई बाहरी आकर इस घटना को अंजाम दे या फिर किसी ने देखा न हो। ऐसा संभव नहीं है। पुलिस टीम को दोपहर करीब एक बजे सूचना मिली थी कि महिला की हत्या कर दी गई है।मौके पर पहुंचने के बाद उसके गर्दन पर चाकूओं के निशान मिले थे। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।"

मंगलवार, 26 दिसंबर 2017

बाड़मेर। आचार्य के वास में राठौड़ के अभिनन्दन में उमड़ा जन सैलाब

बाड़मेर। आचार्य के वास में राठौड़ के अभिनन्दन में उमड़ा जन सैलाब

रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर 



बाड़मेर। समय की जरुरत है कि आज ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवा वर्ग राजनीति में आगे आए ये बात कांग्रेस पार्टी के युवा नेता आजादसिंह राठौड़ ने शहर के वॉर्ड न 6 के आचार्य के वास में आयोजित अभिनन्दन समारोह में कही। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपने बुजुर्गो के अनुभव से सीख लेते हुए नवनिर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ करनी होगी। यह नहीं भूलना चाहिए कि आज के बुजुर्ग कभी युवा थे। युवाओं को देश का भविष्य ध्यान में रखते हुए ही राजनीतिक पार्टियों से जुड़ना चाहिए।


युवा उधमी आजादसिंह राठौड़ के राजनितिक में आने उत्साहित वॉर्ड न 6 आचार्य के वास के सर्वसमाज के लोगो ने बड़े ही गर्म जोश के साथ आज़ादसिंह राठौड़ का साफा एवं माल्यार्पण कर अभिनन्दन किया। इस अवसर पर केवलचंद ब्रजवाल , आचार्य समाज के अध्यक्ष राणमल पटवारी , पूर्व पार्षद रमेश आचार्य, रामस्वरुप आचार्य , बाबूलाल पुनड बतौर , वार्ड पार्षद अर्जुन मेघवाल अतिथि के रूप में मौजूद रहे।


समारोह को बतौर अतिथि संबोधित करते हुए केवलचंद ब्रजवाल कहा कि राजनीति से युवा बिमुख हो रहै थे ऐसे में आज़ादसिंह जैसे संस्कारवान युवा का राजनीति में आना शुभ संकेत हैं। वार्ड पार्षद अर्जुन मेघवाल ने कहा की यूथ आईकॉन आजादसिंह राठौड़ के राजनीति में आने से युवा वर्ग काफी उत्साहित है। उन्होंने कहा कि आज हम सुसभ्य , संस्कारवान और चरित्रवान युवाओ की राजनीति में जरूरत हैं। बिना किसी जातिगत भेदभाव के छतीस कौम को साथ लेकर चले।



इस अवसर पर भीखाराम जी ब्रिजवाल, कन्हैया लाल आचार्य, सम्पत लाल आचार्य, राजेंद्र आचार्य, बंशीलाल जैन, पुखराज आचार्य, दलपत आचार्य, शेर खान, कपिल आचार्य, मिश्रीमल जैन, बाबूलाल जैन, पुरषोत्तम आचार्य, हेमंत आचार्य, दिलीप आचार्य, शौक़त शैख़ सहित बड़ी संख्या मे बुज़र्गो व युवा शक्ति मौजूद रहे। ​

सोमवार, 25 दिसंबर 2017

बाड़मेर। युवाओ को आगे आने का अवसर देना समय की मांग - राठौड़

बाड़मेर। युवाओ को आगे आने का अवसर देना समय की मांग - राठौड़

युवा नेता आजादसिंह का इंदिरा नगर में हुआ भव्य अभिनंदन 


रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर

बाड़मेर। युवाओ को राजनीति में आने के लिए अब नए सिरे से सोचने की जरूरत हैं युवाओ को अवसर देना होगा यही समय की मांग है। यह विचार युवा उद्द्यमी आज़ादसिंह राठौड़ ने शहर के इंदिरा नगर में आयोजित युवा सम्मेलन में कही। राठौड़ ने कहा कि समय के साथ विचार धारा और सोच में बदलाव जरूरी है। हम विकसित सोच के पक्षधर है , इसी सोच को आगे बढ़ाना होगा। सम्मेलन में आज़ादसिंह राठौड़ का अभिनंदन किया। इस अवसर पर दलपतसिंह सिसोदिया , महादेवसिंह परिहार , अशोक खत्री , लक्ष्मण सिंह भाचभर बतौर अतिथि के रूप में मौजूद रहे।


समारोह को बतौर अतिथि संबोधित करते हुए महादेवसिंह परिहार ने कहा की युवाओ की विकसित विचारधारा का सम्मान करना होगा , राजनीती में युवाओ का प्रवेश सुखद हैं , एक नई उम्मीद और विश्वास जगा हैं। उन्होंने कहा की बुजुर्गो को युवाओ के लिए जगह खाली करनी होगी। आईदानसिंह इन्दा ने कहा की आधुनिकता की दौड़ हमे युवाओ भरोसा करना होगा नहीं तो फिर पिछड़ जायेंगे। लक्ष्मण सिंह भाचभर ने कहा की बाड़मेर जिले के असीम संभावनाए है सम्भावनाओ को वाली सोच। दलपतसिंह सिसोदिया ने कहा की सामाजिक सरोकार से जुड़े युवाओ में भाग्य आजमाना चाहिए। सम्मेलन को अशोक खत्री , चन्दनसिंह भाटी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर उम्मेदसिंह कमांडो , स्वरुपसिंह विदा , आईदानसिंह , चुतरसिंह , लक्ष्मसिंह राठौड़ , सेवाराम खत्री , नरेंद्र खत्री , मदनसिंह सिसोदिया , लक्ष्मणसिंह , चन्दनसिंह विदा , नियाज खान मिरासी , डॉ बी एस ओझा , सुखदेव गौड़ सहित कई लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन चन्दनसिंह भाटी ने किया।

रविवार, 24 दिसंबर 2017

बाड़मेर युवाओ को आगे आने का अवसर देना समय की मांग ।।आज़ाद

 बाड़मेर  युवाओ को आगे आने का अवसर देना समय की मांग ।।आज़ाद



बाड़मेर युवाओ को राजनीति में आने के लिए अब नए सिरे से सोचने की जरूरत हैं युवाओ को अवसर देना होगा।यही समय की मांग है। यह विचार युवा उद्द्यमी आज़ाद सिंह राठौड़ ने इंदिरा नगर में आयोजित युवा सम्मेलन में कही।।राठौड़ ने कहा कि समय के साथ विचार धारा और सोच में बदलाव जरूरी है।हम विकसित सोच के पक्षधर है।।इसी सोच को आगे बढ़ाना होगा।।इंदिरा नगर में आयोजित युवा सम्मेलन में आज़ाद सिंह राठौड़ का बहुमान किया।इस अवसर पर दलपत सिंह सिसोदिया,महादेव सिंह परिहार,अशोक खत्री,लक्ष्मण सिंह भाचभर,अतिथि के रूप में उपस्स्थित थे ,
सम्मलेन को सम्बोधित हुए महादेव सिंह  परिहार ने कहा की युवाओ की विकसित विचारधारा का सम्मान करना होगा ,राजनीती में युवाओ का प्रवेश सुखद हैं ,एक नई उम्मीद और विश्वास जगा हैं ,उन्होंने कहा की बुजुर्गो को युवाओ के लिए जगह  खाली करनी होगी ,.आईदान सिंह िन्दा ने कहा की आधुनिकता की  दौड़  हमे युवाओ  भरोसा करना होगा नहीं तो फिर पिछड़ जायेंगे ,लक्ष्मण सिंह भाचभर ने कहा की बाड़मेर जिले के  असीम संभावनाए हे  सम्भावनाओ को  वाली सोच , दलपत सिंह सिसोदिया ने कहा की सामाजिक सरोकार से जुड़े युवाओ  में भाग्य आजमाना चाहिए ,सम्मेलन को अशोक खत्री , चन्दन सिंह भाटी ,ने भी सम्बोधित ,किया,सम्मलेन में  उम्मेद सिंह कमांडो,स्वरुप सिंह बिदा, आईदान सिंह इन्दा,चुतर सिंह,स्वरू सिंह विदा,
  लक्ष्म सिंह राठौड़,सेवाराम खत्री,नरेंद्र खत्री,मदन सिंह सिसोदिया,लक्ष्मण सिंह ,चन्दन सिंह विदा, नियाज खान मिरासी,डॉ बी एस ओझा,सुखदेव गौड़, सहित कई लोग उपस्थित थे।।

कार्यक्रम का संचालन चन्दन सिंह भाटी ने किया ,अशोक खत्री ने आभार व्यक्त किया 

रेगिस्तान का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन माउंट आबू, घूमें इन बेहतरीन जगहों पर



रेगिस्तान का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन माउंट आबू, घूमें इन बेहतरीन जगहों पर
कहते हैं दुनिया में कई ऐसे अजूबे हैं, जिनपर यकीन करना आसान नहीं है. ऐसी एक जगह है माउंट आबू. माउंट अबू की सबसे खास बात ये है कि ये जगह राजस्थान में है. माउंट आबू रेगिस्तान में अकेला हिल स्टेशन है. जो भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी मशहूर है.



अगर इस सर्दियों में आप किसी हिल स्टेशन की सैर करना चाहते है, तो माउंट आबू एक बेहतरीन जगह है.

नक्की झील

राजस्थान के माउंट आबू में 3937 फुट की ऊंचाई पर स्थित नक्की झील लगभग ढाई किलोमीटर के दायरे में है, जहां बोटिंग करने का लुत्फ अलग ही है. हरीभरी वादियां, खजूर के वृक्षों की कतारें, पहाडि़यों से घिरी झील और झील के बीच आईलैंड, कुल मिलाकर देखें तो सारा दृश्य बहुत ही मनमोहक है.

सनसेट प्वाइंट

यहां से देखिए, सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा, ढलते सूर्य की सुनहरी रंगत कुछ पलों के लिए पर्वत श्रृंखलाओं को कैसे स्वर्ण मुकुट पहना देती है. यहां डूबता सूरज ‘बॉल’ की तरह लटकते हुए दिखता है.



हनीमून प्वाइंट

सनसेट प्वाइंट से दो किलोमीटर दूर कपल के यहां हनीमून प्वाइंट बना हुआ है. शाम के वक्त यहां लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है, यह ‘आंद्रा प्वाइंट’ के नाम से भी जाना जाता है.

टॉड रॉक: नक्की झील से कुछ दूरी पर ही स्थित टॉड रॉक चट्टान है, जिसकी आकृति मेंढक की तरह है, जो सैलानियों का ध्यान बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है.

ऐसे जाएं :

माउंट आबू के पास उदयपुर एयरपोर्ट है, जो 185 कि.मी. दूर है. इसी प्रकार अहमदाबाद एयरपोर्ट 235 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि जोधपुर हवाई अड्डा 267 किलोमीटर दूर है.

माउंट आबू का निकटतम रेलवे स्टेशन आबू रोड है जो कि मात्र 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह रेलवे स्टेशन दिल्ली-अहमदाबाद बड़ी लाईन (ब्रॉडगेज) पर है जहां सभी ट्रेन रुकती है.

घूमने के लिए बेस्ट टाइम : माउंट अबू का मौसम पूरे साल खुशनुमा रहता है. नवम्बर से मार्च जाने के लिए बेस्ट टाइम है.

ये है बल्लीमारान की वो गली जहां है उस्ताद गालिब का घर

ये है बल्लीमारान की वो गली जहां है उस्ताद गालिब का घर


घरबल्लीमारान गली में कदम रखते वक्त मन में तमाम ख्यालात थे। पता नहीं उनकी हवेली के बहाने उस अजीम शायर मिर्जा गालिब से मुलाकात हो पाएगी की नहीं।
ये है बल्लीमारान की वो गली जहां है उस्ताद गालिब का घर
नई दिल्ली


अपनी गली में मुझ को न कर दफ्न बाद-ए-कत्ल,


मेरे पते से खल्क को क्यूं तेरा घर मिले

बल्लीमारान गली में कदम रखते वक्त मन में तमाम ख्यालात थे। पता नहीं उनकी हवेली के बहाने उस अजीम शायर मिर्जा गालिब से मुलाकात हो पाएगी की नहीं या पता नहीं वह किनारा जिससे उनका सिरा जुड़ा था वह कैसा होगा, जैसा कि, कौन जाएं जौक दिल्ली की गलियां छोड़कर..। कुछ तो बात होगी उस गली में भी, जिसमें उनका आशिया रहा होगा। तभी तो गालिब यहीं के होकर रह गए। बल्लीमारान की सड़क के दोनों किनारे रंग-बिरंगे और चमचमाते सैंडिलों और जूतियों से चमक रहे हैं।



दुकानों की लंबी कतारें, जिसमें बुर्कानशी महिलाएं उसका नाप लेने में मशगूल हैं। आगे रंग-बिरंगे चश्मों की दुकानों की कतारें शुरू होती हैं। उसमें भी ग्राहक हैं, जो चश्में देख रहे हैं। सड़क पर रिक्शा, ठेला और सड़क पर सामान बेचते लोग भी कम नहीं है।



अर्ज-ए-नियाज-ए इश्क के काबिल न रहा, जिस दिल पे नाज था मुझे वो दिल ना रहा..। अभी थोड़ा शेर-शायरी का सुरूर ही था कि पीछे से रिक्शे से किनारे होने की आवाज आई। सच है कि पुरानी दिल्ली में संभल कर न चला जाएं तो टकराने का भय बना रहता है।




हमको मालूम है जन्नत की हकीकत। दिल को खुश रखने को गालिब ये ख्याल अच्छा है। अब पुरानी दिल्ली बहुत बदल चुकी है। यहां के बाशिंदों का अब भीड़भाड़ से यहां मन नहीं लगता है।

वो गलियां छोड़ने का दर्द तो है, लेकिन उनका इसके व्यावसायीकरण ने सांस लेना भी मुश्किल किया है। कुछ मेरी तरह गालिब की तलाश में लगते हैं। उनकी तलाश एक कतार में लगे जूती और चश्मों पर नहीं ठहर रही है। वह भी दिल्ली के दूसरे किनारे से आए हुए हैं। वैसे, पूछता कौन है, जब जिंदगी रफ्तार से भागे जा रही हो तो फिर कहां गम-ए-सुकून का दौर। चलिए अच्छा है, कुछ हैं जिनके दिलों में नज्म-ए-चराग जल रहा है। वैसे, सही है किताबी तस्वीरों से हकीकत जुदा होती है। सोचा था गली भी गालिब की गजलों से महक रही होगी। इन्हीं सब उधेड़बुन में था कि एक तरफ मुगलई व्यंजनों की खुशबू और सड़क के दूसरे किनारे पान की दुकान पर ठहाकों का दौर, तंद्रा तोड़ने का काम करती है।




पान घुले मुंह से बातें भी थोड़ी नजाकत से होती है। अब तक गालिब का होने का अहसास नहीं मिला था। उदास मन से एक गुजरते युवा से पूछा, वह अदब से बोला हां, बस चंद कदम और। दाईं गली में बाईं ओर बड़ा सा गेट गालिब की हवेली का खुलता है।




बस, जैसे जान लौट आती है। कदमों को जैसे मंजिल मिलती है। दोनों किनारे पुराने बनावट के मकान। लकड़ी के छज्जे। स्कूली बच्चे निकल रहे हैं। स्कूल की छुट्टी हो गई है। बस, जैसे घर पहुंचने की जल्दी। अचानक रोड उनकी खिलखिलाहट से भर जाती है। मेरा ठिकाना नजदीक आ रहा था। धड़कनें तेज थी।




उग रहा दर-ओ-दीवार पे सब्जा गालिब,




हम बयाबां में हैं और घर में बहार आई है।




जैसे इस गली की रफ्तार। दाएं एक पतली गली, लग रहा है आगे बंद हो जाती है। एक बड़ा सा अहाता। उसके बाहर मिर्जा गालिब की हवेली लिखा बोर्ड देखकर दिल को सुकून मिलता है, जैसे तलाश पूरी हुई।




गली कासिम जान। अंदर मूर्ति में मुस्कुराते गालिब और उनके होने का अहसास कराते अशरार। मेरे साथ और भी लोग। एक युगल, कभी नज्मों और उनके सामानों के साथ कभी खुद की तस्वीर लेने में मशगूल। विदेशी पर्यटकों का दल भी है, जिनका गाइड उन्हें गालिब के मायने समझा रहा है। हुक्का हाथ में गालिब। गालिब तो हैं उन पन्नों में, जो यथावत हैं। वह बर्तन, वह कपड़े, जिसका इस्तेमाल करते थे। हर कोने में गालिब के होने का अहसास है।

पाक गोलाबारी में मेजर सहित चार जवान शहीद

पाक गोलाबारी में मेजर सहित चार जवान शहीद
पाक सेना ने तीन दिनों में सात बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर भारतीय क्षेत्र में गोलाबारी की

पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर फिर बड़ी नापाक हरकत की है। शनिवार दोपहर को पाकिस्तान ने जम्मू संभाग के राजौरी जिले के केरी सेक्टर में आतंकियों की घुसपैठ करवाने के लिए जमकर गोलाबारी की। इसमें भारतीय सेना के एक मेजर सहित चार जवान शहीद व एक गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना से सीमा पर तनाव का माहौल है। सेना के उच्चाधिकारी मौके पर मौजूद रहकर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। पाकिस्तान ने जब सीमा पर यह नापाक हरकत की तब मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती राजौरी में ही थीं और लोगों की समस्याएं सुन रहीं थीं।




शहीदों की पहचान (32) मेजर मोहारकर प्रफुल्ल अंबादास निवासी जिला भंडारा महाराष्ट्रा, लांस नायक (34) गुरमेल ¨सह निवासी अमृतसर पंजाब, लांस नायक (30) कुलदीप ¨सह निवासी तलवंडी साबो, बठिंडा पंजाब और सिपाही (30) परगट ¨सह निवासी करनाल हरियाणा के रूप में हुई है। मेजर अपने पीछे पत्नी एवोली मोहारकर, गुरमेल अपने पीछे पत्नी कुलजीत कौर व बेटी, कुलदीप ¨सह अपने पीछे पत्नी जसप्रीत व दो बच्चे और परगट ¨सह अपने पीछे पत्नी रमणप्रीत कौर व एक बेटा छोड़ गए हैं।




जानकारी के अनुसार, मेजर प्रफुल्ल अंबादास अपने जवानों के साथ केरी सेक्टर के बरातगला क्षेत्र में सीमा पर गश्त कर रहे थे। इसी दौरान पाक सेना ने घुसपैठ करवाने के लिए आतंकियों को कवर फायर देते हुए गोलाबारी शुरू की दी, जिसकी चपेट में आने से मेजर व दो जवान मौके पर ही शहीद हो गए जबकि एक लांस नायक व एक जवान को घायल होने पर तुरंत ऊधमपुर के कमान अस्पताल ले जाया गया, जहां लांस नायक ने दम तोड़ दिया। मेजर व लांस नायक का पार्थिव शरीर ऊधमपुर व अन्य दो जवानों के राजौरी में 150 जनरल अस्पताल में पहुंचाए गए। रविवार सुबह चारों का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उनके घरों की ओर रवाना कर दिया जाएगा।




इस बीच, सेना के प्रवक्ता ने पाक गोलाबारी में मेजर सहित भारतीय जवानों की शहादत की पुष्टि करते हुए कहा कि हमारे जवानों ने भी पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जवानों का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

मुंबई: ओला कैब में लड़की से रेप, आरोपी ड्राइवर और साथी गिरफ्तार

मुंबई: ओला कैब में लड़की से रेप, आरोपी ड्राइवर और साथी गिरफ्तार

Ola cab driver, aide held for raping woman
मुंबई: मुंबई से सटे ठाणे में पुलिस ने एक महिला यात्री से बलात्कार करने के आरोपी कैब ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है. ठाणे के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) महेश पाटिल ने बताया कि कथित घटना 19 दिसंबर की रात की है.

उन्होंने बताया कि आरोपी ड्राइवर सुरेश पी गोसावी को कल गिरफ्तार कर लिया गया. अपराध के लिये उकसाने के आरोप में पुलिस ने उसके एक साथी को भी गिरफ्तार किया है.

दरअसल पीड़ित लड़की ने ठाणे जाने के लिए ओला कैब बुक की थी, कैब में पहले ड्राइवर का एक साथी मौजूद था. पीड़ित लड़की को लगा कि शायह यह शेयरिंग कैब है. इसलिए उसने नजर अंदाज कर दिया.

इसके बाद आरोपियों ने कैब ठाणे की ओर ना ले जाकर विरार की ओर मोड़ दी. लड़की के साथ बलात्कार कैब ड्राइवर ने किया. जबकि उसके साथी ने उसकी मदद की. दोनों आरोपियों को 26 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है.

शनिवार, 23 दिसंबर 2017

शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण विचार महाकुंभ के लिए जैसलमेर से बस रवाना



शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण विचार महाकुंभ के लिए जैसलमेर से बस रवाना
- जमनालाल शांतिस्वरूप व्यास समिति की ओर से जयपुर में हो रहा है आयोजन

जमनालाल शांतिस्वरूप व्यास समिति की ओर से जयपुर के गोपालपुरा में त्रिवेणी नगर स्थित जेडए कम्यूनिटी सेंटर में रविवार को आयोजित अखिल भारतीय शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण विचार महाकुंभ के लिए शनिवार को जैसलमेर से समाज की बस रवाना हुई। विचार महाकुंभ में समाज के युवाओं के लिए स्कॉलरशिप योजना की लांचिग की जाएगी। जैसलमेर से रवाना हुई बस को वरिष्ठ इतिहासकार नंदरकिशाेर शर्मा ने झंडी दिखाकर रवाना किया। विचार महाकुंभ के लिए पिछले दिनों से प्रचार प्रसार किया जा रहा था। जयपुर में राष्ट्रीय स्तर के विचार महाकुंभ के लिए शाकद्वीपीय मग भोजक ब्राह्मण समाज के करीब 30 गणमान्य लोग रवाना हुए।

ओडिशा : ब्राह्मणों को भिखारी कहने पर गंवानी पड़ी कुर्सी, मंत्री को किया बर्खास्त

ओडिशा : ब्राह्मणों को भिखारी कहने पर गंवानी पड़ी कुर्सी, मंत्री को किया बर्खास्त

ओडिशा : ब्राह्मणों को भिखारी कहने पर गंवानी पड़ी कुर्सी, मंत्री को किया बर्खास्त

नई दिल्ली : राजनीति में निजी या जातिगत स्तर पर बयानबाजी देने का प्रचलन इस समय जोरों पर है. इस तरह की टिप्पणियों से राजनीति में खूब हंगामा भी हो रहा है. इस बार ओडिशा के एक मंत्री को ब्राह्मणों पर टिप्पणी करने पर अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पहले तो उनसे इस्तीफा मांगा, लेकिन जब मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया तो उन्हें बर्खास्त कर दिया. ओडिशा के कृषि मंत्री दामोदर राउत ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में ब्राह्मणों को भिखारी कहा था. उन्होंने कहा, ‘राज्य के किसी भी हिस्से में कोई आदिवासी भीख नहीं मांग रहा, जबकि बस स्टैंड जैसे स्थानों पर भी ब्राह्मणों को भीख मांगते कोई भी देख सकता है.’राउत के इस बयान के बाद पूरे राज्य में उनके खिलाफ धरने-प्रदर्शन किए गए. विरोध बढ़ता देख मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उनसे इस्तीफा मांगा, लेकिन राउत ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया. अंत में शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने उन्हें बर्खास्त कर दिया. पटनायक ने इस पर कहा कि किसी भी जाति या धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले किसी भी व्यक्ति के वे खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि इस बारे में एक पत्र राज्यपाल को भेज दिया गया है. दामोदर राउत पारादीप से विधायक और वर्तमान सरकार में मंत्री हैं. वे इस समय बीजू जनता दल के उपाध्यक्ष भी हैं. राउत लगातार सात बार से विधायक हैं. इससे पहले भी वह कई बार विवादित बयान देकर चर्चा में आ चुके हैं.

कंडोम विज्ञापन मामला: राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को जारी किया नोटिस

कंडोम विज्ञापन मामला: राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को जारी किया नोटिस
कंडोम विज्ञापन मामला: राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को जारी किया नोटिस

जयपुर,  । राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि कंडोम के विज्ञापनों को पूरे दिन क्यों नहीं दिखाया जा सकता है। टीवी चैनल्स पर कंडोम के विज्ञापन रात 10 बजे से सुबह 8 बजे तक दिखाए जाने के केन्द्र सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय को नोटिस जारी कर 8 सप्ताह में जवाब मांगा है ।




एचआईवी पीडितों के लिए काम करने वाली संस्था ग्लोबल अलायंस ह्मूमन राइट्स ने कंडोम के विज्ञापनों को लेकर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी एडवायजरी को हाईकोर्ट में चुनौति देते हुए याचिका पेश की थी । मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोगन एवं न्यायाधीश डी.सी. सोमानी की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटस जारी किए ।




याचिका में कहा गया कि रात 10 बजे बाद से जब इन विज्ञापनों को दिखाया जाता है तो इन्हे उत्तेजक कैसे नहीं माना जा सकता है,यदि दिन में उत्तेजक है तो रात में ही उत्तेजक रहेंगे। सरकार के पास ऐसा कौनसा डाटा है,जिसके आधार पर दिन में इसे उत्तेजक मान रही है और रात में नहीं मान रही है।




उल्लेखनीय है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 11 दिसम्बर को सभी टीवी चैनल्स को एडवायजरी जारी कर कंडोम के विज्ञापन रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक दिखाने के निर्देश दिए थे। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रतिक कासलीवाल का कहना है कि भारत जैसे देश में जनसंख्या काफी अधिक है वहां ऐसे विज्ञापनों पर रोक ठीक नहीं है। एक तरफ तो सरकार जनसंख्या नियंत्रण और एड्स जैसे रोगों की रोकथाम के लिए कंडोम के इस्तेमाल की बात कहती है । वहीं दसरी तरफ इनके विज्ञापनों पर इस तरह से रोक लगाई जा रही है ।




याचिका में कहा गया कि ऐसे विज्ञापन से लोग शिक्षित होंगे। ऐसी स्थति में कंडोम का विज्ञापन अधिक से अधिक दिखाया जाना चाहिए ।

चारा घोटाले में बड़ा फैसला: लालू दोषी करार, अब जेल में मनाएंगे नया साल

चारा घोटाले में बड़ा फैसला: लालू दोषी करार, अब जेल में मनाएंगे नया साल
चारा घोटाले में बड़ा फैसला: लालू दोषी करार, अब जेल में मनाएंगे नया साल
पटना । बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है और अब सस्पेंस खत्म हुआ, लालू अब अपना नया साल जेल में ही मनाएंगे। कोर्ट का फैसला सुनते ही लालू ने कहा- ये क्या हुआ? लालू शायद जगन्नाथ मिश्रा के बरी होने की खबर के बाद आश्वस्त थे कि उन्हें भी बरी ही कर दिया जाएगा, लेकिन अदालत के फैसले ने लालू की परेशानी को बढ़ा दिया है।




चारा घोटाले का फैसला आने के बाद एक ओर तो न्यायिक हिरासत में लालू प्रसाद जेल भेजे गए तो वहीं कोर्ट में भीड़ बेकाबू हो गई जिसे संभालने में पुलिसकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। राजद कार्यकर्ताओं ने कोर्ट परिसर में जमकर नारेबाजी की और फैसले पर विरोध जताया।




तीन जनवरी को होगा सजा का एलान




लालू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें होटवार जेल ले जाया जा रहा है। लालू की सजा का एलान अब तीन जनवरी को होगा। लालू यादव के साथ ही पंद्रह आरोपियों को दोषी करार दिया गया है और जगन्नाथ मिश्रा सहित सात लोगों को रिहा कर दिया गया है। इस मामले में लालू की 1990 की अर्जित संपत्ति भी अटैच की जाएगी।




लालू पहुंचे होटवार जेल




सभी आरोपियों के कोर्ट पहुंचते ही कोर्ट की कार्रवाई शुरू हुई और इस बहुप्रतीक्षित मामले में कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट के बाहर काफी संख्या में राजद के नेता और कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी रही। सीबीआई के जज शिवपाल सिंह ने लालू यादव का फैसला सुनाया। फैसले के बाद लालू को होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल ले जाया गया है।




जेल पहुंचने के बाद लालू के चेहरे पर चिंता की रेखाएं साफ देखी जा रही हैं। जेल के बाहर काफी संख्या में समर्थक डटे हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक लालू जेल के भीतर सिर्फ दूरदर्शन चैनल देख पाएंगे, उन्हें केबल की सुविधा नहीं मिलेगी।




पटना में राजद में मायूसी, लालू का पोस्टर लेकर दुख जताया




पटना में लालू के आवास के बाहर जहां दिन भर सन्नाटा पसरा रहा वहीं फैसला आने के बाद समर्थकों की चहल-पहल देखी जा रही है। युवा समर्थक लालू का पोस्टर हाथ में थामे मायूस दिख रहे हैं और कहा है कि लालू की लड़ाई जारी रहेगी।




वहीं, राजद नेताओं ने मीडिया से कहा कि लालू की लड़ाई अंतिम समय तक जारी रहेगी। लालू के साथ भेदभाव किया गया। हम उच्च न्यायालय में अपील करेंगे, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।




रिहाई के बाद जगन्नाथ मिश्रा ने कहा-मैं लालू के चिर विरोधी रहा, कभी साथ नहीं था




चारा घोटाला मामले में रिहा होने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने कहा कि ये सब सीबीआइ का किया धरा था, मैं लालू का चिर विरोधी रहा, कभी साथ नहीं था।




काफी इंतजार के बाद आया ये बड़ा फैसला




पहले फैसले का समय सुबह ग्यारह बजे तय था, लेकिन लालू यादव के वकील चितरंजन प्रसाद ने जानकारी दी थी कि ग्यारह बजे के बदले अब दोपहर तीन बजे तक फैसला सुनाया जाएगा। उसके बाद लगातार इंतजार जारी था और तीन बजे के बाद जज ने यह फैसला सुनाया।




लालू ने कोर्ट जाने से पहले कहा-भाजपा को उखाड़ फेंकेंगे




आज सुबह साढ़े दस बजे के बाद जैसे ही लालू यादव रांची स्थित रेलवे के गेस्ट हाउस से कोर्ट के निकले, उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं ने घेर लिया। कोर्ट जाने से पहले लालू ने कहा कि फैसला जो भी आए सभी लोग संयम बरतें, मैं बिहार की जनता का आभारी हूं। उन्होंने कहा कि न्यायालय पर पूरा भरोसा है, फैसला जो भी आए हर आदमी लालू यादव बनकर बीजेपी के खिलाफ खड़ा होगा और भाजपा को जड़ से उखाड़ फेंकेगा।




मेरे बाद तेजस्वी है ना, राजद और होगा मजबूत




लालू ने कहा कि जो भी फैसला आएगा लालू को मंजूर है, मेरे बाद मेरा बेटा तेजस्वी है ना, पूरा देश, पूरी जनता देख रही है कि मुझे और मेरे परिवार को किस तरह भाजपा परेशान करने की कोशिश हो रही है उसमें वो कामयाब नहीं होंगे। एक लालू को जेल भेजेंगे तो एक लाख लालू अब पैदा होगा, लालू ने गरीब जनता की लड़ाई लड़ी है और लड़ता रहेगा।




तेजस्वी ने कहा-मैंने बचपन से देखा है, लालू जी एक विचारधारा का नाम है




लालू के साथ उनके बड़े बेटे तेजस्वी भी कार में बैठकर कोर्ट पहुंचे थे। तेजस्वी ने कहा कि मैंने बचपन से देखा है कि मेरे पिता ने गरीबों के लिए किस कदर लड़ाई लड़ी है? मेरे पिता लालू यादव जी एक नाम नहीं, एक विचारधारा का नाम है।




मेरे पिता हमेशा ही मुसीबतों को झेलते रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपना कदम पीछे नहीं हटाया है। मैंने अपने पिता से सीखा है कि किस तरह मुसीबतों से लड़ना है। भाजपा जिस तरह से मेरे पिता और परिवार को तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है वो जनता देख रही है।




15 साल से जेल के बाहर भीतर होते रहे लालू




राजद सुप्रीमो लालू यादव पहली बार दिसंबर 2002 में गरीब रथ पर सवार होकर रांची आए थे और उस वक्त बेकन हॉस्टल लालू के लिए कैंप जेल बना था।




चारा घोटाला मामले का फैसला आज, रांची के सीबीआइ कोर्ट पहुंचे लालू, देखें तस्वीरें-




1997 में 137 दि‍न न्याय‍िक ह‍िरासत में रहे थे लालू




लालू प्रसाद 10 मार्च 1990 को पहली बार और 1995 में दूसरी बार ब‍िहार के मुख्‍यमंत्री बने लालू यादव का नाम 1996 में मुख्‍य रूप से सामने आया। लालू यादव को साल 1997 में पहली बार न्यायिक हिरासत रखे गए और 12 दिसंबर 1997 को रिहा क‍िए गए।




1998 में बेऊर जेल में रखे गए थे लालू




इसके बाद दूसरी बार इस मामले में उन्‍हें 28 अक्टूबर 1998 को जेल यात्रा करनी पड़ी। इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख को बेऊर जेल में रखा गया था। हालांक‍ि इसके बाद भी उन्‍हें फ‍िर जमानत म‍िल गई।




2000 में लालू ने 1 दिन ही जेल में गुजारा




लालू प्रसाद यादव को इस मामले में एक बार फ‍िर 28 नवंबर 2000 को गिरफ्तार क‍िया गया। हालांक‍ि इस बार लालू प्रसाद यादव को स‍िर्फ 1 दिन ही जेल में गुजारना पड़ा।




2013 में फ‍िर जेल गए थे लालू प्रसाद यादव




इसके बाद 2013 में चारा घोटाले से ही जुड़े एक मामले में 37 करोड़ रुपये के गबन को लेकर लालू यादव दोषी पाए गए। इस दौरान उन्‍हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।




राजद ने प्रमुख प्रवक्ताओं को दी प्रेस से बात करने की जिम्मेवारी




रांची सीबीआई कोर्ट के फैसले के इंतज़ार में राजद के प्रवक्ता दिल्ली, पटना और रांची में मुस्तैद हैं। लालू के निर्देश पर दिल्ली स्थित राजद ऑफिस में राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा और सांसद जय प्रकाश यादव की ड्यूटी लगाई गई है। पटना ऑफिस में जगदानंद सिंह, निरंजन कुशवाहा और चितरंजन गगन मौजूद हैं।




रांची में शक्ति यादव और एज्या यादव की ड्यूटी लगाई गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सभी प्रवक्ताओं को मीडिया के सवालों का जवाब देने की जिम्मेवारी सौपी गई है।




फैसले पर रही पूरे देश की नजर




इस बड़े फैसले पर पूरे देश की नजर टिकी हुई थी। दो बजे के बाद ही राजद के बड़े नेता और कार्यकर्ता धीरे-धीरे रांची के सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट पहुंचने लगे थे। फैसले के बाद राजद के समर्थकों को बड़ा झटका लगा है।




तेजप्रताप यादव ने पिता के लिए की पूजा अर्चना




लालू के साथ उनके छोटे बेटे तेजस्वी जहां रांची में हैं, तो वहीं बड़े बेटे तेजप्रताप यादव मां राबड़ी के पास पटना में हैं। तेजप्रताप ने सुबह पूजा-पाठ की और लालू के लिए दुआएं मांगीं। पटना में भी राजद के बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच गहमागहमी देखी जा रही है। हालांकि लालू आवास पर सन्नाटा छाया हुआ है। राबड़ी देवी टीवी पर पल-पल की खबर रख रही हैं।




पैतृक गांव में भी हो रही थी पूजा




लालू प्रसाद के पैतृक गांव फुलवरिया के ग्रामीणों की बेचैनी बढी रही और गांव के दुर्गा मंदिर में ग्रामीण लालू प्रसाद के बरी होने के लिए पूजा अर्चना कर रहे थे। इस मंदिर को लालू प्रसाद ने ही बनवाया है।




मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे लालू प्रसाद के भतीजा नितेश कुमार , पोता लवकुश , मंदिर के महंथ हीरामन दास आदि का कहना है कि लालू प्रसाद को साजिश के तहत चारा घोटाले में फंसाया गया है।




रांची पहुंचे लालू के समर्थक, कहा-हमारे नेता निर्दोष




रांची पहुंचे राजद के नेता और कार्यकर्ता आज सुबह से ही अपने सुप्रीमो के फैसले का इंतजार करते रहे। सबने एक सुर में कहा कि हमारे नेता निर्दोष हैं, उन्हें फंसाया गया है।