लड़की की डेडबॉडी से निकला लड़के का दिल, ऐसी है सनम हसन की मर्डर मिस्ट्री
मुंबई की रहने वाली सनम हसन अपने घर से दूर पुणे में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने आई थी। मां-बाप की लाडली को दोस्तों का भी खूब प्यार मिलता था। सनम को कॉलेज में भी घर की कमी नहीं खलती थी। अक्टूबर महीने में उसका का बर्थडे था। सबकी तरह उसे भी इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार था। आखिरकार 3 अक्टूबर का दिन आ ही गया। दोस्तों ने सनम के लिए सरप्राइज बर्थडे पार्टी रखी थी। उन्होंने सनम के पापा को फोन कर सनम के लिए नाइटआउट की इजाजत मांगी। बेटी की खुशी के लिए पिता ने परमीशन दे दी।
अगली सुबह सनम के घर आया एक फोन
4 तारीख की सुबह दोस्तों ने सनम के घर फोन किया। उनकी आवाज में घबराहट थी। हकलाती आवाज में उन्होंने सनम के पिता को बताया कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है। उसे हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया है। खबर मिलते ही मां-बाप पुणे के लिए रवाना हो गए। वो आनन-फानन में हॉस्पिटल पहुंचे तो पता चला कि उनकी बेटी मर चुकी है। दोस्त बता रहे थे कि पार्टी करते वक्त अचानक सनम की तबीयत बिगड़ गई। उसे उल्टियां हो रही थी, इसलिए रुबी हॉल क्लिनिक में लाकर एडमिट करवा दिया।
कहानी में आया नया मोड़
ससून हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम हुआ और डेडबॉडी के कुछ पार्ट विसरा रिपोर्ट के लिए भेजे गए। लेकिन इसके बाद हॉस्पिटल ने जो रिपोर्ट दी, वो चौंकाने वाली थी। सनम की रिपोर्ट में लिखा हुआ था कि उसकी डेडबॉडी में किसी लड़के का दिल है। वो भी 70 फीसदी ब्लॉक। सनम की कलाई पर चार इंजेक्शन लगाए गए थे। सीने में करीब 3 सेमी. का एक गहरा घाव था।
डॉक्टर ने बताई मौत की वजह
पोस्टमॉर्टम के बाद डॉक्टर ने बताया कि ज्यादा शराब पीने की वजह से सनम का दिल ब्लॉक हो गया जिसके चलते उसकी मौत हुई। पहले तो घरवालों को शक था कि उनके बेटी की हत्या की गई है, जिसे हॉस्पिटल की रिपोर्ट ने और गहरा कर दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि सनम फुटबॉल प्लेयर थी। तो फिर दिल का 70 फीसदी हिस्सा ब्लाक होना उन्हें पच नहीं रहा था। इसके अलावा जो सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात थी वो ये कि आखिर उनकी बेटी की डेडबॉडी से किसी लड़के का दिल कैसे निकल सकता है।
पुलिस ने पड़ताल की शुरू
सनम की हत्या के बाद पुलिस ने अपना काम शुरू कर दिया। दोस्तों से लेकर हॉस्पिटल प्रशासन तक पूछताछ की। लेकिन हत्या की गुत्थी नहीं सुलझी। घरवालों ने आरोप लगाया कि पुलिस अपना काम सही तरीके से नहीं कर रही है। लिहाजा केस सीबीआई को सौंपा जाए। हुआ भी ऐसा ही। सीबीआई ने पड़ताल की शुरूआत उसी विसरा रिपोर्ट से की, जिसने पूरे मामले को उलझा रखा था। विसरा की डीएनए जांच करवाई गई। फिर सनम और उसके मां- बाप का डीएन का मिलान कराया गया। लेकिन इसकी जो रिपोर्ट आई उसने शक की सुई फिर से दोस्त, हॉस्पिटल और पुलिस की ओर घुमा दिया। सनम का डीएनए उसने मां-पिता के डीएन से मैच ही नहीं हुआ। डीएनए मैच न होने के बाद सीबीआई ने हॉस्पिटल से लेकर दोस्तों से काफी पूछताछ की, लेकिन कोई पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगा। सबसे चौकाने वाली बात तो ये थी कि इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। पड़ताल जारी है, मां बाप आज भी इंसाफ की आस लगाए हुए हैं और कातिल इन सबसे कहीं दूर इस मर्डर मिस्ट्री को बड़े इत्मीनान से एक तमाशबीन की तरह देख रहा होगा।
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