बुधवार, 31 जुलाई 2013

संकट के साए में ऎतिहासिक विरासत

संकट के साए में ऎतिहासिक विरासत

जालोर। ऎतिहासिक वैभव को समेटे स्वर्णगिरी दुर्ग को फतह करने में अल्लाउद्दीन खिलजी की सेना को भले ही लम्बा इंतजार करना पड़ा हो, लेकिन आज इस दुर्ग पर स्थित मानसिंह महल की दीवारें दरकने लगी हैं। इस महल पर बारिश से नुकसान का खतरा मंडरा रहा है।

दुर्ग पर मानसिंह का महल वास्तुकला एवं प्राचीन स्थापत्य कला का एक नायाब नमूना है। सुरम्य प्राकृतिक छटा वाले इस दुर्ग का एक-एक पत्थर सौन्दर्य की झलक बिखेर रहा है, लेकिन उदासीनता का दंश इसके सौन्दर्य पर ग्रहण लगा रहा है। ऎतिहासिक महत्व को संजोकर रखने वाले स्वर्णगिरी दुर्ग व महलों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। गत दिनों यहां पर मरम्मत कार्य व रंग रोगन भी करवाया गया था।

लेकिन महल में जाते समय दांई ओर की सुरक्षा दीवार पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया। ऎसे में गत दिनों हुई तेज बारिश से यह सुरक्षा दीवार ढह गई है। दीवार ढहने से मानसिंह महल पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इस बार और तेज बारिश हुई तो महल की नींव को जोड़कर बनाई गई सुरक्षा दीवार के पत्थर निकलने से महल का एक भाग गिर सकता है।

परकोटा भी क्षतिग्रस्त
दुर्ग का परकोटा भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है। भारतीय इतिहास में व्यवस्थित बसावट व समृद्धशाली नगरों में गिना जाने वाला जालोर ऎतिहासिक वैभव की चमक खो रहा है। ऎसे में तेज बारिश से परकोटे को भी नुकसान हो सकता है।

दीवार ढही
मैं दुर्ग स्थित शिव मंदिर में सोमवार को दर्शन के लिए गया था। वहां मानसिंह महल के एक तरफ की दीवार ढह गई है। अधिक बारिश से महल का एक भाग गिर सकता है।
-प्रवीणसिंह राजपुरोहित, शहरवासी

करवाएंगे ठीक
दुर्ग के जीर्णाेद्धार के लिए बजट के बारे में पुरातत्व विभाग अधिकारियों से बात हुई है। दीवार ढही है तो पुरातत्व विभाग को अवगत करवाकर ठीक करवाएंगे।
-राजन विशाल, जिला कलक्टर, जालोर

जैसलमेर का स्थापना दिवस 18 अगस्त को


जैसलमेर का स्थापना दिवस 18 अगस्त को

पुरस्कारों के लिए आवेदन जमा करवाने की अंतिम तिथि १० अगस्त 


जैसलमेर जैसलमेर का 858वां स्थापना दिवस 18 अगस्त को मनाया जाएगा। जैसलमेर फोर्ट पैलेस एंड म्यूजियम के वरिष्ठ प्रबंधक डॉ. रघुवीरसिंह भाटी ने बताया कि हर वर्ष की भांति सावण शुक्ला द्वादशी स्थापना दिवस पर दिए जाने वाले विशेष सम्मान एवं पुरस्कारों के लिए प्रविष्ठियां आमंत्रित की गई है। जिले के मूल निवासी सेना, बीएसएफ, पुलिस व अन्य क्षेत्रों में अदम्य साहस का परिचय देने वालों को महारावल घड़सी वीरता पुरस्कार, साहित्य शिक्षा एवं काव्य के क्षेत्र में शोध एवं अनुसंधान के लिए महारावल हरिराज साहित्य पुरस्कार, शिल्प व कला के क्षेत्र में महारावल अमरसिंह पुरस्कार, इतिहास लेखन एवं शोध कार्य के लिए महारावल जैसलम पुरस्कार, पर्यटन में सहयोग देने पर जैसलमेर पर्यटन पुरस्कार, समाज सेवा के क्षेत्र में महारावल जवाहिर सिंह पुरस्कार, महिला विकास के कार्यों में योगदान के लिए राजकुमारी रत्नावती पुरस्कार, रम्मत कला में योगदान देने पर कवि तेज रम्मत कला पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रविष्ठियां भिजवाने वाले अपने कार्य, जन्म तिथि एवं अन्य आवश्यक जानकारियां फोर्ट पैलेस म्यूजियम में जमा करवा सकते है। साथ ही जिले में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान करने वाले विद्यार्थी को प्रतिभा पुरस्कार के लिए अपने विद्यालय व जिला शिक्षा अधिकारी एवं कॉलेज प्राचार्य के माध्यम से प्रविष्ठियां भेजे। प्रविष्ठियां जमा करवाने की अंतिम तिथि 10 अगस्त है।

अधर में हेमाराम का इस्तीफा

अधर में हेमाराम का इस्तीफा
बाड़मेर। रिफाइनरी विवाद को लेकर दिया गया राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी का मुख्यमंत्री का भेजा गया इस्तीफा एक हफ्ते से अधर में है। मुख्यमंत्री की ओर से इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया है। इधर, हेमाराम चौधरी भी जयपुर जाने की बजाय बाड़मेर बैठे है।

24 जुलाई को हेमाराम ने राजस्व मंत्री पद से इस्तीफा दिया। इसके दूसरे ही दिन उनको मनाने के लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के फोन आए। साथी मंत्रियों, प्रभारी मंत्री, सांसद और विधायकों ने भी समझाइश की। हेमाराम इसके बाद बाड़मेर स्थित अपने घर में ही है और दो दिन गुड़ामालानी क्षेत्र का दौरा किया। मंगलवार को वे बाड़मेर में ही रहे।

असमंजस की स्थिति : प्रदेश के केबिनेट मंत्री के इस्तीफे के बावजूद मामूली प्रयास करके बात को ढीली छोड़ने ने असमंजस की स्थिति ला दी है। उनको मनाने के लिए कोई प्रदेश स्तर का नेता पहुंचा है और न ही समझाइश के विशेष प्रयास हुए है।

इधर कर्नल को जिम्मेवारी: रिफाइनरी को लेकर हेमाराम का विवाद बायतु विधायक कर्नल सोनाराम से हुआ। उन्होंने रिफाइनरी पर भी राज्य सरकार के विरूद्ध बयानबाजी की। बावजूद इसके कर्नल को चुनाव समिति में शामिल किया गया। इसमें हेमाराम चौधरी का नाम नहीं है।

अभी जयपुर जाने का मानस नहीं
अभी जयपुर जाने का मानस नहीं है। मैं अपना इस्तीफा दे चुका हूं। आज घर पर ही था। स्थानीय लोग आए उनसे मुलाकात की।
हेमाराम चौधरी, राजस्व मंत्री

रीत का रायता बनी जनसुनवाई

रीत का रायता बनी जनसुनवाई

बाड़मेर। जिला मुख्यालय पर मंगलवार को महिला आयोग की जनसुनवाई रीत का रायता बनकर रह गई। सरकारी तंत्र ने 150 के करीब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा सहयोगिनियों को बुलाकर टाउन हॉल की सीटों को भरा। इसके बाद 44 महिलाएं रही जिनकी सुनवाई डेढ़ घंटे में ही निपट गई।

महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती लाडकुमारी जैन को सुबह 10 बजे जनसुनवाई करनी थी, लेकिन वे करीब दोपहर 12 बजे पहुंची। यहां आधा टाउन हॉल खाली था, आधी सीटों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहयोगिनियों को बुलाया गया था। जिनकी संख्या करीब डेढ़ सौ थी। संबोधन सत्र को इन्होंने सुना और इसके बाद रवाना हो गई।

यह हुई कार्रवाई
यहां 44 महिलाओं को बुलाया गया। उनके आवेदन लिए। विभागीय अधिकारियों को बुलाकर उनसे कार्य नहीं होने का कारण पूछा गया। इन मामलों में शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए गए। संख्या कम होने से डेढ़ घंटे में यह सारी कार्रवाई निपट गई। स्वयं महिला आयोग की अध्यक्ष ने संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा कि प्रचार प्रसार नहीं होने से संख्या कम रही।

अधिकारी रहे मौजूद
जिला कलक्टर भानुप्रकाश एटूरू, पुलिस अधीक्षक राहुल बारेठ, अतिरिक्त जिला कलक्टर अरूण पुरोहित, महिला एवं बाल विकास के अशोक गोयल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। जनसुनवाई में जिला प्रमुख मदनकौर, विधायक मेवाराम जैन, नगरपरिषद सभापति उषा जैन उपस्थित रही।

एक बेटे की आत्महत्या दूसरा गुम
बाड़मेर शहर के एक परिवार ने शिकायत की कि सूदखोरों के चक्कर में फंसे उनके एक बेटे ने आत्महत्या कर ली और दूसरा घर से गायब है। इस मामले में मदद की जाए।

नहीं मिल रहे गेहूं: एक महिला ने शिकायत की कि उसको राशन के गेहूं व बीपीएल की सुविधाएं नहीं मिल रही है।

बजट जारी करवाओ
उदाराम मेघवाल ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति पर अत्याचार के मामलों में बजट नहीं होने से मदद नहीं मिल रही, राज्य सरकार से बजट जारी करवाओ।

रो पड़ी महिलाएं और बच्चे
दहेज प्रताड़ना, तलाक, परिवार व बच्चों को छोड़ने के मामलों में अपनी व्यथा बताते हुए महिलाओं व बच्चों के आंसू निकल पडे। इनको ढाढ़स बंधाते हुए कार्रवाई का भरोसा दिया।

बोलती कुछ हूं लिखते कुछ है
महिला आयोग अध्यक्ष रवाना हुई तो बाड़मेर शहर की एक विवाहिता ने शिकायत की कि आपको चिट्ठी लिखी। पुलिस को आपने बयान के निर्देश दिए। मैं बोलती कुछ हूं और लिखा कुछ जाता है। इस पर जैन ने निर्देश दिए कि अब ऎसा नहीं होना चाहिए।

अब झाडियों में फेंक रहे है भ्रूण
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती लाडकुमारी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पहले कन्याभू्रण हत्या होती थी। सिटीस्केन मशीनों पर प्रतिबंध लगाया तो अब कन्याभ्रूण को झाडियो में फैंकने की घटनाएं बढ़ रही है। इसके लिए समाज को सशक्त होना पड़ेगा। पुलिस की भूमिका ऎसी हों कि गुण्डागर्दी वाले तत्वों में डर रहे। उन्होंने कहा कि बाड़मेर जिले से महिला उत्पीड़न के 69 प्रकरण हमारे पास आए है। यहां ऎसा कोई नहीं बता रहा है। 44 की सुनवाई तो आज हुई है।

सितंबर माह तक जिला स्तरीय जन सुनवाई जारी रहेगी। दूर दराज के लोग जयपुर नहीं आ सकते हंै। जिला स्तरीय जनसुनवाई का उन्हें फायदा मिलेगा। यह दुर्दशा है कि महिला उत्पीड़न के 40 से 50 प्रतिशत मामले न्यायालय से इस्तगासा आने के बाद दर्ज हो रहे हैं। पुलिस सीधा दर्ज नहीं कर रही है। महिलाओं के मामले में वकील की फीस भी नहीं लगती। विधिक सहायता मुफ्त है लेकिन जानकारी के अभाव में इसका उपयोग नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि अपराध पहले भी था, लेकिन महिलाएं जागरूक नहीं थी। अब जागरूकता के कारण प्रकरण सामने आ रहे हंै।

राज्य महिला आयोग "पुलिस" से परेशान
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लाडकुमारी जैन महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न के मामलों में जितनी परेशान नहीं है उससे कहीं ज्यादा शिकायतें उनको पुलिस से है। जिला स्तरीय जनसुनवाई में जैन का संबोधन पुलिस से शिकायतों के इर्द गिर्द रहा और उन्होंने यहां तक कह दिया कि मैं दु:खी हूं कि कानून का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है।

498 ए का गलत उपयोग
जैन की पहली शिकायत थी कि पुलिस 498 ए का गलत उपयोग कर रही है। घरेलू हिंसा के मामलों में भी धारा 498 ए लगा दी जाती है। इस कारण आरोपी छूट जाते है और महिला का प्रकरण झूठा साबित हो जाता है।

अदमवकुआ लगा दिया
पुलिस 60 से 70 प्रतिशत मामलों में अदमवकुआ लिख देती है। जिसका मतलब महिलाएं नहीं समझ पाती है। मैं भी अब समझी हूं। इसका मतलब है वाकया घटा ही नहीं। इससे महिलाओं के मामले झूठे साबित हो रहे हैं।

पुलिस वालों को नहीं मामलों की जानकारी
महिला के बयान लेने व एफआईआर दर्ज करने वाले कई एसआई व एएसआई को कानून की जानकारी नहीं है। वे घरेलू हिंसा के मामलों को 498 ए में दर्ज कर देते हंै।

498 नहीं दहेज का कानून
उन्होंने कहा कि 498 ए को बदनाम किया जा रहा है। यह दहेज का कानून नहीं है। जो भी महिला हिंसा के अधिकतम मामलों में 498 ए जबरन घुसाया जा रहा है, जो महिला के पक्ष में नहीं है।

समझौते दिखावटी
जैन ने कहा कि पुलिस मे मामला दर्ज होने के बाद समझौते करवाए जाते है। 60 फीसदी समझौते दिखावटी होते है। समझौतों के बाद महिलाएं पीहर बैठी रहती है।

महिला डेस्क में मालखाने का सामान
महिला आयोग की अध्यक्ष ने यहां तक कहा कि कई थानों में महिला डेस्क के बोर्ड तो लगा दिए गए है लेकिन वहां मालखाने का सामान पड़ा रहता है।

छह महीने तक नोटिस तामिल नहीं
महिलाओं के मामले में तीन दिन में सम्मन तालीम होने चाहिए। न्यायालय से सम्मन जारी तो हो जाते हंै लेकिन पुलिसकर्मी छह माह तक तालीम नहीं करवाते हैं।

मंगलवार, 30 जुलाई 2013

महिलाओं को घरेलू हिंसा से राहत दिलाने को 2005 का अधिनियम उपयोगी - जैन



राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने सुनी महिलाओं की समस्याएं

महिलाओं को घरेलू हिंसा से राहत दिलाने को 2005 का अधिनियम उपयोगी - जैन

बाड़मेर, 30 जुलार्इ। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष प्रो. लाड कुमारी जैन ने कहा कि महिलाएं उत्पीडन से राहत पाने के लिए घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 का सहारा लेकर बिना धन खर्च किए न्याय प्राप्त करे। उन्होंने इस अधिनियम का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने पर भी जोर दिया ताकि प्रताडित महिलाएं इस अधिनियम के तहत संरक्षण प्राप्त कर सके।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जैन मंगलवार को भगवान महावीर टाउन हाल में जिला स्तरीय महिला अधिकार जागरूकता अभियान एवं महिला जन सुनवार्इ के दौरान महिलाओं को सम्बोधित कर रही थी। आयोग की अध्यक्ष जैन ने कहा कि महिला घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम के तहत पुलिस थाने को जमानत देने का अधिकार नही है और न ही कोर्ट से बाहर समझौता करवाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पीडित महिलाएं अपने केश को मजबूत बनाने के लिए दहेज उत्पीडन के तहत 498वें में मुकदम्मा दर्ज करवाते है जिसके लिए उन्हें जहां धनराषि खर्च करनी पडती है वही लम्बे समय तक उन्हें न्याय प्राप्त नहीं होता है। उन्होंने महिलाओं से कहा कि 2005 का कानून घरेलू हिंसा को संरक्षण दिलवाता है। यह सिंगल विण्डों कानून है यह कानून किसी भी अन्य कानून की धारा को नहीं काटता है बलिक सहज सरल रूप से न्याय उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हर आयु वर्ग की महिला जन्म से लेकर मृत्यु तक इस कानून का उपयोग कर सकती है। यह रार्इट टू रेजीडेन्स का कानून है।

उन्होंने पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे थानों में महिला डेस्क के माध्यम से इस अधिनियम का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करे ताकि इसका पीडित महिलाएं अधिक उपयोग कर सके। आयोग की अध्यक्ष ने महिलाओं से आग्रह किया है कि वे घरेलू हिंसा को सहन नही करे एवं प्रताडित होने पर महिला आयोग में मामला दर्ज करावे। उन्होंने महिलाओं को शिक्षित होकर अधिक सशक्त बनने की सीख दी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे महिला उत्पीडन के मामलों को गम्भीरता से लेकर उसमें समय पर राहत दिलाये। उन्होंने कहा कि आयोग का गठन अक्टूम्बर 2012 में हुआ था। इस आयोग ने अब तक 17-18 जिलों में जिला स्तरीय महिला सुनवार्इ कर पीडित महिलाओं को न्याय दिलवाने का प्रयास किया है वही सितम्बर माह तक प्रदेश के बाकी जिलो में भी महिला जन सुनवार्इ का भी कार्यक्रम है।

आयोग की सदस्य लता प्रभाकर चौधरी ने भी महिला उत्पीडन के मामले में आयोग द्वारा की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए राज्य सरकार अनेको योजनाएं चला रही है जिसका पूरा-पूरा लाभ महिलाएं जागृत होकर उठाए।

जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने महिला आयोग द्वारा बाड़मेर में जिला स्तरीय महिला जन सुनवार्इ के लिए आभार जताया एवं कहा कि आयोग के आने से महिलाओं का मनोबल बढेंगा वहीं पीडित महिलाओं को राहत मिलेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए सतत प्रयासरत है।

इस मौके पर जिला कलक्टर भानु प्रकाष एटुरू, पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ, नगर परिषद सभापति श्रीमती उषा जैन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल, अतिरिक्त कलेक्टर अरूण पुरोहित समेत संबंधित विभागों के अधिकारी एवं स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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02 हिस्ट्रीशीटर पाबंद,स्थार्इ वारंटी गिरफतार





पुलिस थाना सम में 02 हिस्ट्रीशीटर पाबंद
जैसलमेर पुलिस थाना सम में काफी समय से हिस्ट्रीशीटर नरपतसिंह पुत्र पहाडसिंह निवासी बीदा एवं हैदरखा पुत्र आमदखा उम्र 64 साल निवासी केशुओं की ढाणी, सम को 110 सीआरपीसी के तहत पाबंद किया गया गया।


पुलिस थाना सदर के हल्का खुहडी थाने स्थार्इ वारंटी गिरफतार

जैसलमेर पुलिस थाना सदर के हल्का में दौराने हल्का गश्त नारायणलाल विश्नोर्इ, निरीक्षक पुलिस, मय जाब्ता द्वारा जरिये मुखबीर इतला पुलिस थाना खुहडी का स्थार्इ वारंटी कूम्पसिंह पुत्र चतुरसिंह राजपुत निवासी छतांगर को धउआ गाव से गिरफतार किया गया जाकर न्यायालय में पेश किया गया। कूम्पसिंह एसीजेएम कोर्ट में आबकारी अधिनियम के प्रकरण का स्थार्इ वारंटी है। स्थार्इ वारंटी काफी लम्बे समय से शराब तस्करी करता है तथा इसके विरूद्ध पुलिस थाना खुहडी मुकदमे भी दर्ज है।

जैसलमेर महिला व बच्ची को भगाकर ले जाने वाला आरोपी मुम्बई से गिरफतार,

महिला व बच्ची को भगाकर ले जाने वाला आरोपी मुम्बई से गिरफतार,


परिजनों को सुपुर्द की माँ बेटी


जैसलमेर पुलिस थाना कोतवाली जैसलमेर में एक लिखित रिपोर्ट इस आश्य की परिवादी द्वारा पेश की कि दिनांक सप्ताह पूर्व को उसकी पत्नी व बच्ची को घेंवरराम पुत्र चुतराराम भार्गव नि0 नोख जिला जैसलमेर शादी की नियत से भगा कर ले गया हैं जिसके साथ मेरी बच्ची भी हैं। उसके साथ कोर्इ भी घटना हो सकती हैं। जिस पर थाना में आरोपी घेंवरराम के विरूद्ध अपहरण का प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान प्रयाग भारती स0उ0नि0 को सुपुर्द किया गया।
उक्त घटना को जिला पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी द्वारा गंभीरता से लेते वृताधिकारी जैसलमेर सायरसिंह के सुपरवीजन में हरीश राठौड़ थानाधिकारी कोतवाली जैसलमेर, प्रयाग भारती सउनि, दिनेशकुमार कानि0, पवनी महिला कानि0 की टीम गठित कर मुल0 व भगवर्इया की तलाश मुम्बर्इ भेजी गर्इ तथा कानि0 माधोसिंह व मुकेश बीरा को संदिग्धान के मोबार्इल नम्बरों की काल डिटैल मंगवार्इ जाकर उनका विश्लेषण कर संदिग्ध नम्बरों की लोकेशन ली जाकर गठित टीम के सदस्यों को समय समय पर अवगत कराने के निर्देश दिये गये।जिस पर टीम द्वारा लगातार एवं सुझबुझ से कार्यवाही करते हुए अपहरणकर्ता घेंवरराम एवं महिला व बच्ची को मुम्बर्इ से दस्तयाब कर जैसलमेर लाया गया तथा बाद पुछताछ महिला व बच्ची को उसके परिवार को सुपूर्द किया गया तथा मुलजिम से पुछताछ जारी हैं।


ऐसे हुआ पर्दाफाश - संदिग्ध नम्बरों के विश्लेषण में एक संदिग्ध नम्बर मिलने पर उसकी लोकेशन ली गर्इ तो आरोपी का टिम्भुर्णी जिला शौलापुर (महाराष्ट्र) होने की जानकारी मिलने पर प्रयाग भारती सउनि मय कानि0 दिनेश कुमार, पवनी महिला कानि0 ने टिम्भुर्णी पहुंच, बड़ी सर्तकता व सावधानी के साथ आरोपी घेंवरराम पुत्र चुतराराम भार्गव नि0 नोख जिला जैसलमेर को दस्तयाब कर उसके कब्जा से भगवर्इया मय बच्ची के बरामद कर जैसलमेर लाये। मुल0 को आज पेश अदालत किया जहां न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।

महात्मा गांधी नरेगा के प्रभावी कि्रयान्वयन को चलेगा पांच सूत्री अभियान



महात्मा गांधी नरेगा के प्रभावी कि्रयान्वयन को चलेगा पांच सूत्री अभियान

-पांच सूत्री अभियान के तहत पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत स्तर पर कर्इ कार्य संपादित किए जाएंगे।

बाड़मेर, 30 जुलार्इ। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत विभिन्न सूचनाओं को एमआर्इएस में अपडेट करने, नरेगा अधिनियम-2005 के अनुसार ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति स्तर पर संघारित आवश्यक रिकार्ड को अपडेट करने, उपयोगिता प्रमाण पत्राें के समायोजन एवं गत वर्ष के कार्यों के मूल्यांकन तथा अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने के लिए पांच सूत्री अभियान चलाया जाएगा। पांच सूत्री अभियान के तहत 31 अगस्त तक निर्देशाें की पालना करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा नहीं होने पर मनरेगा अधिनियम 2005 की धारा 25 एवं नियमित कार्मिकाें के विरूद्व सेवा नियमाें के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने बताया कि पांच सूत्री अभियान के दौरान एमआर्इएस अपडेशन कार्य के तहत परिवार के बीपीएल एवं अल्पसंख्यक,अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, ओबीसी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य लाभ बीमा योजना, आधार नंबर संबंधित सूचना को अपडेट करने, पाइप लाइन में प्रदर्शित व्यय भुगतान एवं दिनांक अंकित करने, चालू एवं पूर्ण कार्यों के फोटो अपलोड करने का कार्य किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर मनरेगा अधिनियम के अनुसार 30 जून 2013 तक की सिथति के अनुसार रिकार्ड अपडेशन किया जाएगा। इसके तहत परिवार पंजीयन प्रार्थना पत्र इन्द्राज रजिस्टर, जोब कार्ड रजिस्टर, बेरोजगारी भत्ता रजिस्टर, जोब कार्ड जारी रजिस्टर, ग्राम रोजगार रजिस्टर, परिसंपति एवं संचयी व्यय रजिस्टर, शिकायत पंजिका, केशबुक का अपडेट किया जाएगा। निर्धारित स्थानाें पर रोजगार की मांग प्रपत्र वितरण करने के साथ पूर्व के बकाया भुगतान का निस्तारण किया जाएगा। रिकार्ड अपडेशन के उपरांत ग्राम पंचायत द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रमाण पत्र कार्यक्रम अधिकारी को देना होगा, जिसका कार्यक्रम अधिकारी को सत्यापन कराना होगा।

गुगरवाल ने बताया कि पंचायत समिति स्तर पर ऐसे प्रकरण, जिनमें बेरोजगारी भत्ता देय प्रदर्शित हो रहा है, परंतु वास्तव में बेरोजगारी भत्ता देय नहीं, को अपडेट किया जाएगा। इसी तरह मस्टररोल नियंत्रण रजिस्टर, ग्राम पंचायत के अतिरिक्त अन्य कार्यकारी संस्था से मस्टररोल प्रापित रजिस्टर, प्रपत्र-10, शिकायत पंजिका, अभियंताआें द्वारा प्रपत्र 29 का अपडेशन एवं लंबित जांचाें का निस्तारण किया जाएगा। रिकार्ड अपडेशन के बाद पंचायत समिति को भी निर्धारित प्रारूप में प्रमाण पत्र अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक को देना होगा। इसका सत्यापन कराया जाएगा। अभियान के दौरान 31 मार्च 2012 तक संपादित समस्त कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी कर समायोजन करवाया जाएगा। ऐसे कार्य जिनका मूल्यांकन होना बकाया है, इसका मूल्यांकन कर राशि का समायोजन कराया जाएगा। इसी तरह 31 मार्च 2012 तक स्वीकृत कार्यों में से अपूर्ण कार्याेंं को पूर्ण कर कार्य योजना तैयार कराने के निर्देश दिए गए हैं।

किसकी होगी जिम्मेदारी: पंचायत एवं जिला स्तर से प्रगति प्रस्तुत करने का उत्तरदायित्व एमआर्इएस मैनेजर र्इजीएस का होगा। प्रत्येक पंचायत समिति के लिए नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे, जो सप्ताह में दो दिन आवंटित ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति में जाकर प्रगति एवं गुणवत्ता की निगरानी करेंगे।

होगी अनुशासनात्मक कार्यवाही: पांच सूत्री अभियान के दौरान निर्देशाें के पालना नहीं करने पर संविदा कार्मिकाें के खिलाफ मनरेगा अधिनियम की धारा-25 एवं नियमित कार्मिकाें के विरूद्व डीपीसी द्वारा सेवा नियमाें के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। जिन कार्मिकाें के विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही राज्य स्तर से की जानी है, उनके विरूद्व कार्यवाही के लिए डीपीसी द्वारा आरोप पत्र एवं आरोप विवरण पत्र विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैंै।

मुजफ्फरनगरः बदला लेने के लिए शादी, गैंग रेप

मुजफ्फरनगर।। एक लड़का-लड़की गांव से लापता हुए। लड़की के भाई ने इसका बदला लड़के की बहन से लिया। उसने न सिर्फ उससे शादी की बल्कि शादी के कुछ ही घंटे बाद अपने भाइयों के साथ मिलकर उससे गैंग रेप किया। यह सनसनीखेज मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक गांव का है। बताया जा रहा है कि इसमें गांव की पंचायत की रजामंदी थी। पंचायत ने कहा था कि लड़के ने जिसकी बहन के साथ ऐसा किया उस लड़की के भाई उसकी बहन के साथ वैसा ही करें।rape
मामला पुराना है लेकिन इसका खुलासा तब हुआ जब शीतल (बदला हुआ नाम) ने पुलिस को केस दर्ज करवाया। उसने बताया कि 15 फरवरी को उसके भाई पर गांव की एक युवती के साथ भाग जाने का आरोप लगा था। 26 मार्च को लड़की वालों ने लड़के के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई तो पुलिस ने दोनों को खोज कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। वहां दोनों ने कहा कि अपनी इच्छा से दोनों ने शादी की है। इस पर अदालत ने उन्हें छोड़ देने का आदेश दिया।

इससे पहले दोनों के भागने से कुछ ही दिन बाद गांव में पंचायत हुई, जहां पंचायत ने कहा कि जिस लड़की को भगाया गया उसका भाई शीतल से शादी करेगा। शीतल के माता-पिता से मुआवजे के तौर पर 75 हजार रुपए देने को भी कहा गया। शीतल का कहना है कि अगर वह शादी के लिए मना करती तो गांव में खून की नदियां बह जातीं। इसलिए उसने शादी के लिए हामी भर दी लेकिन जिस दिन शादी हुई, उसी दिन उसके देवर ने उसके साथ रेप किया। आरोप यह भी है कि लड़की ने जब रेप की बात अपने ससुर को बताई तो उसने कहा कि यह शादी हुई ही बदला लेने के लिए है। यह सिलसिला काफी समय चला। शीतल से उसके देवर गैंग रेप तक कर चुके हैं। जैसे-तैसे 21 जुलाई को शीतल उनके चंगुल से छूटने में कामयाब हुई और 27 जुलाई को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

हर घर में होगा शौचालय,बेरीवाला ग्राम पंचायत बनेगी मिसाल



हर घर में होगा शौचालय,बेरीवाला ग्राम पंचायत बनेगी मिसाल

-निर्मल भारत अभियान के तहत बाड़मेर जिले की बेरीवाला ग्राम पंचायत में करीब 500 घराें में शौचालयाें का निर्माण हो चुका है। शेष घराें में शौचालय निर्माण के लिए युद्व स्तर पर कार्य चल रहा है। पशिचमी राजस्थान में बेरीवाला ग्राम पंचायत निर्मल भारत अभियान के जरिए एक मिसाल स्थापित करने जा रही है।

बाड़मेर ,30 जुलार्इ। बाड़मेर जिले की बेरीवाला ग्राम पंचायत प्रत्येक घर में शौचालय के जरिए मिसाल स्थापित करेगी। निर्मल भारत अभियान, महात्मा गांधी नरेगा योजना एवं केयर्न एनर्जी के सहयोग से बेरीवाला ग्राम पंचायत के 1331 घराें में शौचालयाें का निर्माण कराया जा रहा है। यहां अब तक करीब 500 शौचालयाें का निर्माण हो चुका है। शौचालय निर्माण को लेकर ग्रामीण खासा उत्साह दिखा रहे हैं।

बाड़मेर जिले की सिणधरी पंचायत समिति की बेरीवाला ग्राम पंचायत में निर्मल भारत अभियान को लेकर सरपंच खरथाराम चौधरी एवं ग्रामीणाें ने ग्राम चायत में खुले में शौच जाने की प्रवृति को रोकने के लिए शौचालय निर्माण की मंशा जतार्इ। इस पर बाड़मेर जिला प्रमुख श्रीमती मदनकौर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल, सरपंच खरथाराम चौधरी की केयर्न के अधिकारियाें से विस्तारपूर्वक बातचीत हुर्इ। उन्हाेंने इस अभियान में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिलाया। इसमें धारा संस्थान के एमडी महेश पनपालिया ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभार्इ। ग्राम पंचायत की ओर से शौचालय निर्माण के लिए ग्रामीणाें से भी संपर्क किया गया तो उन्हाेंने रजामंदी जताते हुए इस महत्वपूर्ण अभियान में पूरे सहयोग का भरोसा दिलाया। इस पर केयर्न इंडिया एवं ग्राम पंचायत के मध्य निर्मल भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण के लिए करार पत्र पर हस्ताक्षर हुए। इसके तहत केयर्न इंडिया ने शौचालय निर्माण के लिए 1 करोड़ 19 लाख 82 हजार रूपए की स्वीकृति दी। इसके अलावा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति एवं लघु सीमांत परिवाराें के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना से प्रत्येक परिवार 4433 रूपए की स्वीकृति जारी की गर्इ। मौजूदा समय में करीब 500 घराें में शौचालयाें का निर्माण हो चुका है। शेष घराें में शौचालय निर्माण का कार्य चल रहा है। बेरीवाला ग्राम पंचायत के सरपंच खरथाराम बताते है कि उनका सपना है कि प्रत्येक घर में शौचालय का निर्माण हो। अगले दो-तीन माह में प्रत्येक घर में शौचालय का निर्माण हो जाएगा। ग्रामीणाें का इस अभियान में सहयोग मिल रहा है। वे स्वयं शौचालय निर्माण के लिए आगे आ रहे है। जिन घराें में शौचालयाें का निर्माण हो चुका है वहां पर भी ग्रामीण जाकर देखने के साथ अपने घर में बेहतर शौचालय निर्माण करा रहे है। वे बताते है कि कुछ परिवाराें ने तो एक घर में दो-दो शौचालयों का निर्माण कराया है। इसमें से एक स्वयं के परिवार के लिए और दूसरा मेहमानाें के लिए। ग्रामीण भेराराम के मुताबिक हम अपने घराें में शौचालय बना रहे है कि इससे विशेषकर बहन-बेटियाें एवं बुजुगाें के लिए सुविधा होगी। साथ ही गदंगी की वजह से होने वाली बीमारियाें पर रोक लगेगी। शौचालय बनाने के लिए सरकार मदद दे रही है, जबकि सभी को आगे आकर शौचालय निर्माण कराना चाहिए।

बेरीवाला ग्राम पंचायत में निर्मल भारत अभियान के तहत प्रत्येक घर में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। इससे निर्मल भारत का सपना साकार होगा। दूसरी ग्राम पंचायताें को भी इस अभियान से जुड़ना चाहिए।

-एल.आर.गुगरवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद,बाड़मेर


आतंकी शहजाद को मिली उम्रकैद

आतंकी शहजाद को मिली उम्रकैद
नई दिल्ली। साल 2008 के बटला हाउस एनकाउंटर मामले में दिल्ली की एक अदालत ने मंगवालर को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस मामले में आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी शहजाद अहमद को एक पुलिस अधिकारी की हत्या का दोषी पाया गया है।


सोमवार को सजा पर दलीले सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला मंगलवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने 25 जुलाई को शहजाद को इस मामले में दोषी पाया था। शहजाद को हत्या का प्रयास व हत्या सहित विभिन्न अपराधों में दोषी करार दिया था।


शहजाद को हैड कांस्टेबल्स बलवंत सिंह व राजबीर सिंह की हत्या के प्रयास व इंस्पेक्टर एमसी शर्मा की हत्या का दोषी पाया गया है। यह एनकाउंटर जामिया नगर इलाके के बाटला हाउस के एल-18 घर में हुआ था।


यह एनकाउंटर दिल्ली में हुए सिरीयल ब्लास्ट्स के छह दिन बाद हुआ था। इन धमाकों में 26 लोगों की मौत हो गई थी व 133 घायल हो गए थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि बम धमाकों में लिप्त कुछ संदिग्ध आतंकी बटला हाउस में छिपे हुए हैं।


वहां मौजूद पांच आतंकियों में से दो अतीफ अमीन व मोहम्मद साजिद एनकांउटर में ढेर हो गए थे। आतंकियों की गोली से इंस्पेक्टर एमसी शर्मा शहीद हो गए थे। हैड कांस्टेबल बलवंत सिंह घायल हो गया था।


एक आतंकी आजिज खान उर्फ जुनैद को भगोड़ा घोषित किया गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार मोहम्मद सैफ को इस मामले में अभियुक्त नहीं बनाया गया। उसने शांतिपूर्वक सरेंडर कर दिया था तथा इस पूरे घअनाक्रम में वह मौजूद नहीं था।

रिश्वत लेते सरपंच गणेशाराम जाट गिरफ्तार

रिश्वत लेते सरपंच गणेशाराम जाट गिरफ्तार
नागौर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मंगलवार को राजस्थान में नागौर जिले की पंचायत समिति कुचामनसिटी की ग्राम पंचायत परेडवी के सरपंच गणेशाराम जाट को 25 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।

ब्यूरो के सूत्रों ने बताया कि परिवादी ओमप्र्रकाश जाट ने शिकायत दर्ज कराई थी कि परेडवी गांव में ग्रेवल सड़क निर्माण के बिलों का भुगतान करने की एवज में गणेशाराम जाट ने 30 हजार रूपए की रिश्वत मांगी जिसमें से चार हजार रूपए पहले ही ले लिए थे।

सूत्रों ने बताया कि ब्यूरो की नागौर स्थित चौकी के दल ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद परिवादी से 25 हजार रूपए की रिश्वत राशि लेते हुए गणेशाराम जाट को चाय की थडी के पास गिरफ्तार कर लिया । उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।

जयपुर में सेक्स रैकेट का भंडाफोड,3 गिरफ्तार

जयपुर में सेक्स रैकेट का भंडाफोड,3 गिरफ्तार
जयपुर। शिप्रापथ थाना क्षेत्र में पुलिस ने सोमवार शाम को मुखबिर की सूचना पर पीटा एक्ट की कार्रवाई करते हुए वेश्यावृत्ति के अड्डे का भंडाफोड़ किया है। कार्रवाई में पुलिस ने दो युवतियों सहित दलाल को गिरफ्तार किया है।

जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि अग्रवाल फार्म पर एक किराए के मकान में वेश्यावृत्ति चल रही है। इस पर मानसरोवर एसीपी सरिता शत्रुघ्न ने तस्दीक कराने के लिए बोगस ग्राहक भिजवाया। जहां दलाल से 500 रूपए का सौदा तय हुआ।

पुलिस ने तुरंत मौके पर दबिश देते हुए दो महिलाओं व दलाल को गिरफ्तार कर लिया। एसीपी सरिता ने बताया कि गिरफ्तार दलाल टोंक के टोडारायसिंह निवासी भंवर सिंह राजावत (22) है। उसने कुछ दिनों पहले ही यहां मकान किराए पर लिया था।

स्कूल बस ट्रोला में घुसी,10 बच्चों की मौत

स्कूल बस ट्रोला में घुसी,10 बच्चों की मौत

हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ के गोलूवाला थाना इलाके में मंगलवार सुबह एक स्कूल की बस अनियंत्रित होकर एक ट्रोला में जा घुसी। घटना में बस में सवार 10 बच्चों की मौके पर मौत हो गई,जबकि डेढ़ जर्दन से अधिक बच्चे घायल हो गए। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दुर्घनाग्रस्त वाहनों को जब्त कर लिया है,जबकि फरार ट्रक चालक की तलाश शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार सरस्वती बाल विद्या मंदिर स्कूल की बस बच्चों को लेकर जा रही थी। सुबह करीब पौने सात बजे अमरसिंह वाला गांव के पास ओवरटेक करने में बस एक ट्रोला में घुसी। दुर्घटना मे दस बच्चों की मौत हो गई जबकि डेढ़ दर्जन बच्चें घायल हो गए।

गंभीर रूप से घायल 19 बच्चों को गंगानगर तथा 8 को हनुमानगढ जंक्शन के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से कुछ को बीकानेर के पीबीएम अस्पताल भेज दिया गया। जहां कई बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

उधर सूत्रों ने बताया कि हादसेे की जानकारी मिलते ही आक्रोशित ग्रामीणों ने गोलुवाला-कैंचिया मार्ग पर रास्ता जाम लगा दिया,पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं।

गमगीन हुआ अस्पताल का माहौल
घटना की सूचना मिलने के साथ ही गोलूवाला थाना इलाके का माहौल गमगीन हो गया। बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंच कर अपने बच्चों की ख्ौरियत की जानकारी जुटाई। जिन बच्चों की घटना में मौत हो गई थी, उसके परिजनों को रो-रो के बुरा हाल है।

कौन हें गाजी फ़क़ीर ?क्या हें उनकी हिस्ट्री ?

कौन हें गाजी फ़क़ीर ?क्या हें उनकी हिस्ट्री ?

सरहदी जिलों बाड़मेर जैसलमेर के सिन्धी मुस्लिमो के धर्म गुरु के रूप में ख्याति प्राप्त गाजी फ़क़ीर सरहदी जिलो की राजनीती के दाता हें। पुरे क्षेत्र की राजनीती उनके रहमो करम पर चलती हें खासकर कांग्रेस की राजनीती का गाजी फ़क़ीर परिवार के बिना कोई। एक तरह से कांग्रेस का रहनुमा हें गाजी फ़क़ीर। जैसलमेर से बीस किलोमीटर दूर भागु का गाँव गाजी फ़क़ीर की राजधानी हें। उन्हें पाकिस्तान के पीर जो गाथ के प्राप्त हें। गाजी पदवी दे राखी हें। सिन्धी मुसलमान उनके आदेश के बगैर कदम नहीं भरते ,गाजी फ़क़ीर क्षेत्र की राजनीती में पुत्र पोकरण से दूसरा जैसलमेर जिला प्रमुख हें उनके करिवार से आधा दर्जन लोग जिला परिषद् और पंचायत समितियों के सदस्य भी हें। कांग्रेस की राजनीती और रणनीति गाजी फ़क़ीर से शरू होकर उन पर ही ख़त्म होती हें। यह पहला मौका हें जब गाजी फ़क़ीर की हिस्त्रिशीत की सार्वजानिक चर्चा हो रही हें वर्ना अब तक तो लोगों को गाजी के हिस्ट्रीशीटर होने की जानकारी नहीं थी। अपने समय में गाजी का नाम तस्करी के प्रकरणों में शामिल था। गाजी फ़क़ीर चुनावो में सीमापार से किसी राजनितिक दल के समर्थन में चिठ्ठी आने का हमेशा दम भरते हें। उनके अनुयाई सीमा पर से समर्थन की चिठ्ठी आने के बाद गाजी के फतवे का इंतज़ार करते हें। गाजी के फतवे के अनुरूप किसी पार्टी के पक्ष में एक मुश्त मत डालते हें। गाजी फ़क़ीर पर अब उम्र का असर साफ़ दिखता हें। उनके उम्र के लिहाज़ से स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने गाजी की हिस्ट्रीशीट बंद करवा दी थी। जब गाजी की हिस्ट्रीशीट बंद करने की बात उच्च अधिकारियो तक पहुंची हडकंप मच गया। कांग्रेस के खेवनहार होने के कारन गाजी की हिस्ट्रीशीट पुनः खोलने के निर्णय पर अब राजनितिक कयास लगाये जा रहे हें। आखिर किसके इशारे पर गाजी की शीत वापस खुलवाई गई। राजनीती पार्टियों को गाजी की कमजोरी ध्यान में हें इस कमजोरी का फायदा उठा कर परतिया उनका समर्थन हासिल करती थी। जिले की राजनितिक उठापटक में गाजी फ़क़ीर परिवार की राजनीती को गया। उनके जैसलमेर में जमे अधिकारियो को एक एक करके चलता कर दिया। विधायक सेल मोहम्मद ने इन अधिकारियो को वापस लगाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय तक पग पटक लिए मागे उन्हें सफलता नहीं मिली। हाल ही में नगर परिषद् के आयुक्त को सरकार ने बदल दिया। कुछ दिनों पहले ही विधायक की डिजायर पर उन्हें वापस जैओसल्मेर लगाया गया था। एक महीने के भीतर उसे बदल दिया। हालांकि जिला कलेक्टर उन्हें कार्यमुक्त करना नहीं चाह रहे उच्च स्तरीय हस्तक्षेप के बाद उन्हें जाना पडा। ज़ैसल्मेर जिले में गाजी फ़क़ीर परिवार के दबदबे को ख़त्म करने की कवायद जैसलमेर के एक गुट ने शुरू की इस गुट को सफलता भी मिली ,गाजी की हिस्त्रीशीर वापस खोल उन पर दबाव बनाने की रणनीति को हवा मिल रही हें। गाजी की चौखट पर सलाम ठोकने छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा नेता और अधिकारी। पहुंचता हें गत साल उनके परिवार में दो मौको पर पक्ष विपक्ष के उपस्थित थे तो जिले का कोई अधिकारी हजारी देने से नहीं। चुका अलबता गाजी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट वापस खोलने का निर्णय राजभर जरुर हें जिसकी परते धीरे धीरे खुलेगी। पांच लाख सिन्धी मुस्लिमो के रहनुमा के रूप में गाजी फ़क़ीर की आज भी तूती बोलती हें।