बुधवार, 31 जुलाई 2013

अधर में हेमाराम का इस्तीफा

अधर में हेमाराम का इस्तीफा
बाड़मेर। रिफाइनरी विवाद को लेकर दिया गया राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी का मुख्यमंत्री का भेजा गया इस्तीफा एक हफ्ते से अधर में है। मुख्यमंत्री की ओर से इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया है। इधर, हेमाराम चौधरी भी जयपुर जाने की बजाय बाड़मेर बैठे है।

24 जुलाई को हेमाराम ने राजस्व मंत्री पद से इस्तीफा दिया। इसके दूसरे ही दिन उनको मनाने के लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के फोन आए। साथी मंत्रियों, प्रभारी मंत्री, सांसद और विधायकों ने भी समझाइश की। हेमाराम इसके बाद बाड़मेर स्थित अपने घर में ही है और दो दिन गुड़ामालानी क्षेत्र का दौरा किया। मंगलवार को वे बाड़मेर में ही रहे।

असमंजस की स्थिति : प्रदेश के केबिनेट मंत्री के इस्तीफे के बावजूद मामूली प्रयास करके बात को ढीली छोड़ने ने असमंजस की स्थिति ला दी है। उनको मनाने के लिए कोई प्रदेश स्तर का नेता पहुंचा है और न ही समझाइश के विशेष प्रयास हुए है।

इधर कर्नल को जिम्मेवारी: रिफाइनरी को लेकर हेमाराम का विवाद बायतु विधायक कर्नल सोनाराम से हुआ। उन्होंने रिफाइनरी पर भी राज्य सरकार के विरूद्ध बयानबाजी की। बावजूद इसके कर्नल को चुनाव समिति में शामिल किया गया। इसमें हेमाराम चौधरी का नाम नहीं है।

अभी जयपुर जाने का मानस नहीं
अभी जयपुर जाने का मानस नहीं है। मैं अपना इस्तीफा दे चुका हूं। आज घर पर ही था। स्थानीय लोग आए उनसे मुलाकात की।
हेमाराम चौधरी, राजस्व मंत्री

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