कौन हें गाजी फ़क़ीर ?क्या हें उनकी हिस्ट्री ?
सरहदी जिलों बाड़मेर जैसलमेर के सिन्धी मुस्लिमो के धर्म गुरु के रूप में ख्याति प्राप्त गाजी फ़क़ीर सरहदी जिलो की राजनीती के दाता हें। पुरे क्षेत्र की राजनीती उनके रहमो करम पर चलती हें खासकर कांग्रेस की राजनीती का गाजी फ़क़ीर परिवार के बिना कोई। एक तरह से कांग्रेस का रहनुमा हें गाजी फ़क़ीर। जैसलमेर से बीस किलोमीटर दूर भागु का गाँव गाजी फ़क़ीर की राजधानी हें। उन्हें पाकिस्तान के पीर जो गाथ के प्राप्त हें। गाजी पदवी दे राखी हें। सिन्धी मुसलमान उनके आदेश के बगैर कदम नहीं भरते ,गाजी फ़क़ीर क्षेत्र की राजनीती में पुत्र पोकरण से दूसरा जैसलमेर जिला प्रमुख हें उनके करिवार से आधा दर्जन लोग जिला परिषद् और पंचायत समितियों के सदस्य भी हें। कांग्रेस की राजनीती और रणनीति गाजी फ़क़ीर से शरू होकर उन पर ही ख़त्म होती हें। यह पहला मौका हें जब गाजी फ़क़ीर की हिस्त्रिशीत की सार्वजानिक चर्चा हो रही हें वर्ना अब तक तो लोगों को गाजी के हिस्ट्रीशीटर होने की जानकारी नहीं थी। अपने समय में गाजी का नाम तस्करी के प्रकरणों में शामिल था। गाजी फ़क़ीर चुनावो में सीमापार से किसी राजनितिक दल के समर्थन में चिठ्ठी आने का हमेशा दम भरते हें। उनके अनुयाई सीमा पर से समर्थन की चिठ्ठी आने के बाद गाजी के फतवे का इंतज़ार करते हें। गाजी के फतवे के अनुरूप किसी पार्टी के पक्ष में एक मुश्त मत डालते हें। गाजी फ़क़ीर पर अब उम्र का असर साफ़ दिखता हें। उनके उम्र के लिहाज़ से स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने गाजी की हिस्ट्रीशीट बंद करवा दी थी। जब गाजी की हिस्ट्रीशीट बंद करने की बात उच्च अधिकारियो तक पहुंची हडकंप मच गया। कांग्रेस के खेवनहार होने के कारन गाजी की हिस्ट्रीशीट पुनः खोलने के निर्णय पर अब राजनितिक कयास लगाये जा रहे हें। आखिर किसके इशारे पर गाजी की शीत वापस खुलवाई गई। राजनीती पार्टियों को गाजी की कमजोरी ध्यान में हें इस कमजोरी का फायदा उठा कर परतिया उनका समर्थन हासिल करती थी। जिले की राजनितिक उठापटक में गाजी फ़क़ीर परिवार की राजनीती को गया। उनके जैसलमेर में जमे अधिकारियो को एक एक करके चलता कर दिया। विधायक सेल मोहम्मद ने इन अधिकारियो को वापस लगाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय तक पग पटक लिए मागे उन्हें सफलता नहीं मिली। हाल ही में नगर परिषद् के आयुक्त को सरकार ने बदल दिया। कुछ दिनों पहले ही विधायक की डिजायर पर उन्हें वापस जैओसल्मेर लगाया गया था। एक महीने के भीतर उसे बदल दिया। हालांकि जिला कलेक्टर उन्हें कार्यमुक्त करना नहीं चाह रहे उच्च स्तरीय हस्तक्षेप के बाद उन्हें जाना पडा। ज़ैसल्मेर जिले में गाजी फ़क़ीर परिवार के दबदबे को ख़त्म करने की कवायद जैसलमेर के एक गुट ने शुरू की इस गुट को सफलता भी मिली ,गाजी की हिस्त्रीशीर वापस खोल उन पर दबाव बनाने की रणनीति को हवा मिल रही हें। गाजी की चौखट पर सलाम ठोकने छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा नेता और अधिकारी। पहुंचता हें गत साल उनके परिवार में दो मौको पर पक्ष विपक्ष के उपस्थित थे तो जिले का कोई अधिकारी हजारी देने से नहीं। चुका अलबता गाजी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट वापस खोलने का निर्णय राजभर जरुर हें जिसकी परते धीरे धीरे खुलेगी। पांच लाख सिन्धी मुस्लिमो के रहनुमा के रूप में गाजी फ़क़ीर की आज भी तूती बोलती हें।
सरहदी जिलों बाड़मेर जैसलमेर के सिन्धी मुस्लिमो के धर्म गुरु के रूप में ख्याति प्राप्त गाजी फ़क़ीर सरहदी जिलो की राजनीती के दाता हें। पुरे क्षेत्र की राजनीती उनके रहमो करम पर चलती हें खासकर कांग्रेस की राजनीती का गाजी फ़क़ीर परिवार के बिना कोई। एक तरह से कांग्रेस का रहनुमा हें गाजी फ़क़ीर। जैसलमेर से बीस किलोमीटर दूर भागु का गाँव गाजी फ़क़ीर की राजधानी हें। उन्हें पाकिस्तान के पीर जो गाथ के प्राप्त हें। गाजी पदवी दे राखी हें। सिन्धी मुसलमान उनके आदेश के बगैर कदम नहीं भरते ,गाजी फ़क़ीर क्षेत्र की राजनीती में पुत्र पोकरण से दूसरा जैसलमेर जिला प्रमुख हें उनके करिवार से आधा दर्जन लोग जिला परिषद् और पंचायत समितियों के सदस्य भी हें। कांग्रेस की राजनीती और रणनीति गाजी फ़क़ीर से शरू होकर उन पर ही ख़त्म होती हें। यह पहला मौका हें जब गाजी फ़क़ीर की हिस्त्रिशीत की सार्वजानिक चर्चा हो रही हें वर्ना अब तक तो लोगों को गाजी के हिस्ट्रीशीटर होने की जानकारी नहीं थी। अपने समय में गाजी का नाम तस्करी के प्रकरणों में शामिल था। गाजी फ़क़ीर चुनावो में सीमापार से किसी राजनितिक दल के समर्थन में चिठ्ठी आने का हमेशा दम भरते हें। उनके अनुयाई सीमा पर से समर्थन की चिठ्ठी आने के बाद गाजी के फतवे का इंतज़ार करते हें। गाजी के फतवे के अनुरूप किसी पार्टी के पक्ष में एक मुश्त मत डालते हें। गाजी फ़क़ीर पर अब उम्र का असर साफ़ दिखता हें। उनके उम्र के लिहाज़ से स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने गाजी की हिस्ट्रीशीट बंद करवा दी थी। जब गाजी की हिस्ट्रीशीट बंद करने की बात उच्च अधिकारियो तक पहुंची हडकंप मच गया। कांग्रेस के खेवनहार होने के कारन गाजी की हिस्ट्रीशीट पुनः खोलने के निर्णय पर अब राजनितिक कयास लगाये जा रहे हें। आखिर किसके इशारे पर गाजी की शीत वापस खुलवाई गई। राजनीती पार्टियों को गाजी की कमजोरी ध्यान में हें इस कमजोरी का फायदा उठा कर परतिया उनका समर्थन हासिल करती थी। जिले की राजनितिक उठापटक में गाजी फ़क़ीर परिवार की राजनीती को गया। उनके जैसलमेर में जमे अधिकारियो को एक एक करके चलता कर दिया। विधायक सेल मोहम्मद ने इन अधिकारियो को वापस लगाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय तक पग पटक लिए मागे उन्हें सफलता नहीं मिली। हाल ही में नगर परिषद् के आयुक्त को सरकार ने बदल दिया। कुछ दिनों पहले ही विधायक की डिजायर पर उन्हें वापस जैओसल्मेर लगाया गया था। एक महीने के भीतर उसे बदल दिया। हालांकि जिला कलेक्टर उन्हें कार्यमुक्त करना नहीं चाह रहे उच्च स्तरीय हस्तक्षेप के बाद उन्हें जाना पडा। ज़ैसल्मेर जिले में गाजी फ़क़ीर परिवार के दबदबे को ख़त्म करने की कवायद जैसलमेर के एक गुट ने शुरू की इस गुट को सफलता भी मिली ,गाजी की हिस्त्रीशीर वापस खोल उन पर दबाव बनाने की रणनीति को हवा मिल रही हें। गाजी की चौखट पर सलाम ठोकने छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा नेता और अधिकारी। पहुंचता हें गत साल उनके परिवार में दो मौको पर पक्ष विपक्ष के उपस्थित थे तो जिले का कोई अधिकारी हजारी देने से नहीं। चुका अलबता गाजी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट वापस खोलने का निर्णय राजभर जरुर हें जिसकी परते धीरे धीरे खुलेगी। पांच लाख सिन्धी मुस्लिमो के रहनुमा के रूप में गाजी फ़क़ीर की आज भी तूती बोलती हें।
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