मंगलवार, 30 जुलाई 2013

महिलाओं को घरेलू हिंसा से राहत दिलाने को 2005 का अधिनियम उपयोगी - जैन



राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने सुनी महिलाओं की समस्याएं

महिलाओं को घरेलू हिंसा से राहत दिलाने को 2005 का अधिनियम उपयोगी - जैन

बाड़मेर, 30 जुलार्इ। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष प्रो. लाड कुमारी जैन ने कहा कि महिलाएं उत्पीडन से राहत पाने के लिए घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 का सहारा लेकर बिना धन खर्च किए न्याय प्राप्त करे। उन्होंने इस अधिनियम का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने पर भी जोर दिया ताकि प्रताडित महिलाएं इस अधिनियम के तहत संरक्षण प्राप्त कर सके।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जैन मंगलवार को भगवान महावीर टाउन हाल में जिला स्तरीय महिला अधिकार जागरूकता अभियान एवं महिला जन सुनवार्इ के दौरान महिलाओं को सम्बोधित कर रही थी। आयोग की अध्यक्ष जैन ने कहा कि महिला घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम के तहत पुलिस थाने को जमानत देने का अधिकार नही है और न ही कोर्ट से बाहर समझौता करवाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पीडित महिलाएं अपने केश को मजबूत बनाने के लिए दहेज उत्पीडन के तहत 498वें में मुकदम्मा दर्ज करवाते है जिसके लिए उन्हें जहां धनराषि खर्च करनी पडती है वही लम्बे समय तक उन्हें न्याय प्राप्त नहीं होता है। उन्होंने महिलाओं से कहा कि 2005 का कानून घरेलू हिंसा को संरक्षण दिलवाता है। यह सिंगल विण्डों कानून है यह कानून किसी भी अन्य कानून की धारा को नहीं काटता है बलिक सहज सरल रूप से न्याय उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हर आयु वर्ग की महिला जन्म से लेकर मृत्यु तक इस कानून का उपयोग कर सकती है। यह रार्इट टू रेजीडेन्स का कानून है।

उन्होंने पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे थानों में महिला डेस्क के माध्यम से इस अधिनियम का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करे ताकि इसका पीडित महिलाएं अधिक उपयोग कर सके। आयोग की अध्यक्ष ने महिलाओं से आग्रह किया है कि वे घरेलू हिंसा को सहन नही करे एवं प्रताडित होने पर महिला आयोग में मामला दर्ज करावे। उन्होंने महिलाओं को शिक्षित होकर अधिक सशक्त बनने की सीख दी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे महिला उत्पीडन के मामलों को गम्भीरता से लेकर उसमें समय पर राहत दिलाये। उन्होंने कहा कि आयोग का गठन अक्टूम्बर 2012 में हुआ था। इस आयोग ने अब तक 17-18 जिलों में जिला स्तरीय महिला सुनवार्इ कर पीडित महिलाओं को न्याय दिलवाने का प्रयास किया है वही सितम्बर माह तक प्रदेश के बाकी जिलो में भी महिला जन सुनवार्इ का भी कार्यक्रम है।

आयोग की सदस्य लता प्रभाकर चौधरी ने भी महिला उत्पीडन के मामले में आयोग द्वारा की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए राज्य सरकार अनेको योजनाएं चला रही है जिसका पूरा-पूरा लाभ महिलाएं जागृत होकर उठाए।

जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने महिला आयोग द्वारा बाड़मेर में जिला स्तरीय महिला जन सुनवार्इ के लिए आभार जताया एवं कहा कि आयोग के आने से महिलाओं का मनोबल बढेंगा वहीं पीडित महिलाओं को राहत मिलेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए सतत प्रयासरत है।

इस मौके पर जिला कलक्टर भानु प्रकाष एटुरू, पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ, नगर परिषद सभापति श्रीमती उषा जैन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल, अतिरिक्त कलेक्टर अरूण पुरोहित समेत संबंधित विभागों के अधिकारी एवं स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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