बुधवार, 30 जनवरी 2013

जिफ २०१३ का शुभारंभ किया हेमा मालिनी ने


जिफ २०१३ का शुभारंभ किया हेमा मालिनी ने 

जयपुर, ३० जनवरी. जयपुर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर एक नयी ख्याति दिलाने वाले पांचवें जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल का आज शाम शहर के गोलछा सिनेमा हॉल में शुभारंभ हुआ. सुप्रसिद्व सिने अभिनेत्री हेमा मालिनी ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस पांच दिवसीय समारोह का आगाज किया. इस अवसर पर जिफ की ओर से प्रेम चोपड़ा , हेमा मालिनी एवं ऑस्कर विजेता निर्देशक मार्क बाषित द्वारा अपने दौर की मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टेगौर को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया. शर्मिला टेगौर ने इस अवसर पर कहा कि मैं तहेदिल से जयपुर और जयपुरवासियों का शुक्रिया अदा करती हूँ कि उन्होंने मुझे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए यहाँ आमंत्रित किया. गुलाबी नगर ने अपनी संस्कृति और मेहमाननवाजी के लिए देश ही नहीं , विदेशों में भी खास पहचान कायम की है. मैं भी आप सबके बीच यहाँ आकर काफी अभिभूत हूँ. वैसे भी जयपुर सहित पूरे राजस्थान का सिनेमा से गहरा नाता रहा है. यहाँ के किले , महल, और धोरे हमेशा से बड़े परदे की शान रहे हैं. मेरी तरफ से आप सभी को इस आयोजन के लिए ढेरों शुभकामनाएं.सिनेमा को नयी पहचान देने के उद्देश्य से लगाया गया आपका यह पौधा जल्द ही वटवृक्ष का रूप ले ले , साथ ही मैं इस मौके पर देश और विदेशों से आये युवा फिल्म मेकर्स को बढ़ाई देना चाहती हूँ कि वो मुख्यधारा के सिनेमा से इतर अपनी पहचान कायम करने में लगे हैं. हेमा मालिनी ने जिफ में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाये जाने पर आभार व्यक्त किया और फेस्टीवल की सफलता के लिए शुभकामनायें दी. 

जिफ के निदेशक हनुरोज़ ने बताया कि यह गर्व की नहीं पर खुशी की बात अवश्य है कि एक थियेटर से शुरू हुआ जिफ आज पांचवें साल में आठ विभिन्न स्थलों पर ग्यारह स्क्रीन तक पहुँच गया है और इसके फिल्म बाज़ार की गिनती दुनिया के दूसरे बड़े फिल्म समारोहों के साथ होने लगी है. इस बार हमें ९० देशों की चौदह सौ से भी अधिक फ़िल्में मिली थी जिनमें से २१७ फिल्मों का चयन किया गया है. एक और गर्व करने की बात यह है कि जिफ के इस समारोह में जो फ़िल्में दिखाई जा रही है उनमें से १८० फिल्मों के निर्माता-निर्देशक अथवा स्टारकास्ट पांच दिनों में यहाँ अपनी उपस्थिति देने जा रहे हैं. सेमिनार और वर्कशॉप के लिए देश के दिग्गज फिल्म विशेषज्ञ जयप्रकाश चौकसे, कोमल नाहटा, अरुण दत्त, बी बी नागपाल आपके बीच मौजूद हैं.

इस अवसर पर प्रेम चोपड़ा, अरुण दत्त व जयप्रकाश चौकसे सहित जिफ की ज्यूरी के सभी चौदह सदस्यों का भी स्वागत किया गया.

पांचवें इंटर नेशनल फिल्म समारोह की ओपनिंग फिल्म के रूप में इंग्लेंड निवासी संगीता दत्ता की लाइफ गोज ओन को दिखया गया. ओम पुरी व शर्मीला टैगोर अभिनित इस फिल्म में सोहा अली व गिरीश कर्नाड भी हैं एवं इसके गीत जावेद अख्तर ने लिखे हैं. शेक्सपियर के मशहूर नाटक किंग लियर से अभिप्रेरित इस कहानी के केन्द्र में एक आधुनिक भारतीय बंगाली चिकित्सक का परिवार है जो लन्दन में रहता है. डॉ संजय की पत्नी मंजू का अचानक निधन हो जाता है. संजय अपनी दो बेटियों को आधुनिक परिवेश में पालने में अनेक चुनौतियों से जूझता है खासकर अपनी छोटी बेटी रिया जोकि एक मुस्लिम लड़के से प्रेम करती है. संजय को अपना बचपन और बंगाल विभाजन के दौरान हुए हिंदू-मुस्लिम फसाद का दर्द याद आ जाता है. इसके साथ ही एक पांच मिनिट की शॉर्ट फिल्म जन गण मन भी प्रदर्शित की गई जिसमें राष्ट्रीय गीत के प्रति सम्मान की भावना को दिखाया गया है.





: जब जवानी में उठा तूफान तो कयामत आ गई!

PHOTOS: जब जवानी में उठा तूफान तो कयामत आ गई!

भोपाल/सागर। पंकज और साधना (परिवर्तित नाम) दोनों सालों से पड़ोसी थे, साथ रहते-रहते बचपन की दोस्ती प्यार में बदल गई। अब दोनों को एक-दूसरे से मिलने के लिए बहाने बनाने पड़ते थे। घर आस-पास होने के कारण मिलने में ज्यादा मुश्किल नहीं आती। लेकिन देखते ही देखते दोनों के प्यार की खबर गांव में आग की तरह फैल गई और युवती का घर से बाहर आना-जाना बंद हो गया।फिर क्या था प्रेम में असफल युवक-युवतियों ने खुद को मौत के हवाले कर दिया।नाकाम प्यार की कहानी: साधना से मिलने के लिए पंकज ने कई प्लान और बहाने बनाए लेकिन वह कामयाब न हो सका। घर में कैद साधना को भी पंकज की चिंता सता रही थी उधर पंकज साधना से मिलने के लिए परेशान हो रहा था। खुद को प्यार में असफल पा कर साधना ने अपनी जान दे दी। इसके कुछ देर बाद ही पड़ोस में ही रहने वाले उसी समाज के एक युवक पंकज के भी जहर पीने की बात सामने आई। ये थी नाकाम प्यार की कहानी जिसमें प्रेमी-प्रेमिका ने अपने प्यार को समाज की बूरी नजरों से बचाने के लिए खुद को खत्म कर लिया।वादा था साथ निभाने का: जमाने की नजरों से जिस प्यार को दोनों बचाना चाहते थे उसी प्यार के खातिर दोनों को अपनी जान देनी पड़ गई। हमेशा साथ निभाने के वादे के साथ ही दोनों ने एक साथ मरने की भी कसम खाई थी। ऐसे में किसी एक पर हो रहे अत्याचारों को वे कैसे सह पाते। परिजनों ने साधना को घर में कैदियों की तरह बंद कर रखा था वहीं पंकज को भी गांव वालों से ताने सुनने पड़ रहे थे। बस फिर क्या था अपने प्यार पर लग रहे इल्जामों को दोनों सह न सकें और मौत को गले लगा लिया।खुल गया था राज: जैसीनगर संवाददाता के अनुसार हालही में प्रेम-प्रसंग का राज खुलने से गांव में चर्चाएं शुरू हो गई थी। दोनों के परिजनों को भी वह बात पता चल गई थी। प्रेमी-युगल की मौत की घटना के बाद दोनों परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। थाना प्रभारी एसएस चौहान का कहना है कि सुसाइड केस में युवक-युवती के बीच प्रेम-प्रसंग की बात सामने आई है। फिलहाल मामला दर्ज कर लिया है और आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है।और समाज से हार मान ली: पंकज से न मिल पाने और खुद को उसका साथ देने में असमर्थ पाने के बाद साधना की जीने की चाह जैसे खत्म सी हो गई थी। जानकारी के अनुसार सोमवार रात करीब 8 बजे जब साधना का पूरा परिवार बाहर बैठ कर बातें कर रहा था। उसने घर के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद करके फांसी लगा ली।
प्रेमी ने भी तोड़ा दम: जानकारी के अनुसार मेढकी गांव के किसान प्रकाश लोधी की पुत्री साधना(19) ने सोमवार रात करीब 8 बजे अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद करके फांसी लगा ली। यह बात गांव में तेजी से फैल गई। परिजनों मे जैसीनगर पुलिस को सूचना दी इसी दौरान एक और खबर आई कि पड़ोस में ही रहने वाले किसान गंधर्व लोधी के पुत्र पंकज (20) ने भी जहर पी लिया है। परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां इलाज शुरू होने के कुछ देर बाद पंकज ने दम तोड़ दिया।पंकज ने भी मान ली हार: साधना की मौत की खबर मिलते ही पंकज ने भी खुद को खत्म करने के इरादे से घर में ही जहर पी लिया। घर वालों ने तुरंत उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामला जैसीनगर थाने के मेढकी गांव का है। दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चल रहा था। गांव में यह बात फैलने के बाद प्रेमी युगल ने सुसाइड कर ली।

जोधपुर कलेक्टर ने नगर निगम जेडीए सहित डेढ़ दर्जन विभागों के अफसरों को थमाए नोटिस

जोधपुर। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ में दर्ज आम जनता की समस्याओं के समाधान में गंभीरता नहीं लेने एवं समय पर समाधान नहीं करने वाले नगर निगम के सीईओ एवं जेडीए सचिव सहित डेढ़ दर्जन विभागीय अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजे हैं।

कलेक्टर गौरव गोयल ने आम जन से जुड़े विभागों द्वारा ही मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ में दर्ज प्रकरणों में रूचि नहीं दिखाने तथा समय पर जनता की समस्याओं का समाधान नहीं करने वाले विभागों के प्रमुख अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिए हैं। गोयल की अध्यक्षता में सीएम सैल की बैठक ऐसे विभागों के अफसरों को जमकर फटकार भी लगाई है।

इनको दिए नोटिस : सीईओ नगर निगम ,सचिव जेडीए ,प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी, उप निदेशक सामजिक न्याय एवं अधिकारिता, बीडीओ मंडोर ,बीडीओ बावड़ी, प्रभारी राजस्व शाखा, एसडीएम फलौदी व लूणी, तहसीलदार बावड़ी,फलौदी,जोधपुर व लूणी, अधीक्षण अभियंता पीएचईडी जिला वृत, अधीक्षण अभियंता पीएचईडी नगर वृत जोधपुर, अधीक्षक एमडीएम व अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका फलौदी सहित विभागीय अफसरों को कलेक्टर ने कारण बताओं नोटिस जारी किए हैं।

ब्रह्मचर्य का टेस्‍ट पास और जीते जी श्राद्ध कर नागा संन्‍यासी बने 2000 साधू

कुंभ कैंपस.इलाहाबाद के महाकुंभ में जूना अखाड़े में नागा संन्यासियों की दीक्षा में बुधवार को उनका तर्पण और पिंड दान हुआ। संगम तट पर करीब 2000 नागा संन्यासियों को दीक्षा दी गई। इन्‍होंने संगम तट पर खुद अपना पिंडदान किया। जल्द ही सभी साधु पूरी तरह से नागा संन्यासी का रूप धारण कर लेंगे।
EXCLUSIVE PHOTOS: ब्रह्मचर्य का टेस्‍ट पास और जीते जी श्राद्ध कर नागा संन्‍यासी बने 2000 साधू
कुंभ पर्व में अखाड़े सैकड़ों साधुओं को नागा संन्यासी बनाते हैं। यह प्रक्रिया कुंभ में अखाड़ों के आबाद होने के साथ ही शुरू हो जाती है जो बसंत पंचमी के शाही स्नान तक चलेगी। पूरी प्रक्रिया काफी गुपचुप तरीके से संपन्‍न की जाती है। बुधवार के कार्यक्रम को भी गोपनीय बनाए रखने के लिए जूना अखाड़े ने ख़ास इंतजाम किये थे,

विश्वरूपम पर बवाल: हाई कोर्ट का स्‍टे, थिएटर पर फेंके बम, कमल हासन नहीं जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

चेन्नई/बेंगलुरू. सुपरस्टार कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम को लेकर विवाद अब हिंसा का रूप लेता जा रहा है।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 600 किलोमीटर दूर रामनाथपुरम जिले के दो सिनेमाघरों पर पेट्रोल बम फेंके गए हैं। इन सिनेमाघरों में विश्वरूपम रिलीज की जाने वाली है। हालांकि, इस हमले में किसी के जख्मी होने की खबर नहीं है। थिएटर की कुछ शीशे की खिड़कियां जरूर टूटी हैं। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने हसन के समर्थन में कहा है कि देश में सभी को अभिव्यक्ति की और कलाकारों को उनकी पसंद का काम करने की आजादी है। उन्होंने पूरे मामले की जांच का आश्वासन भी दिया है।
विश्वरूपम पर बवाल: हाई कोर्ट का स्‍टे, थिएटर पर फेंके बम, कमल हासन नहीं जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
शाहरुख के एक लेख पर पाकिस्‍तान द्वारा नाहक विवाद खड़ा किए जाने के बीच कमल हासन ने कहा है कि कुछ मुस्लिम मित्रों की सलाह पर वे अपनी फिल्म से कुछ शब्दों और दृश्य हटाएंगे। हासन का कहना है कि वे गफलत दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन कमल हासन की फिल्म पूरी तरह से कानूनी पचड़े में फंस गई है। मद्रास हाईकोर्ट की बड़ी बेंच (दो जजों की बेंच) ने तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम की रिलीज पर छह फरवरी तक रोक लगा दी है। तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को हाईकोर्ट के एक जज की बेंच के फैसले के खिलाफ बड़ी बेंच के सामने अपील की थी। इस फैसले के खिलाफ कमल हसन ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी लेकिन कमल हसन के भाई चंद्र हसन ने सुप्रीम कोर्ट जाने के बजाए हाई कोर्ट के आदेश का इंतजार करने की बात कही है। डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि ने तमिलनाडु सरकार से सवाल किया है कि वह विश्वरूपम मुद्दे पर क्यों खामोश है और विवाद खत्म करने के लिए पहल क्यों नहीं कर रही है।


मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा इसके प्रदर्शन पर लगाए प्रतिबंध को हटा दिया था। मद्रास हाईकोर्ट में सरकार के आदेश के खिलाफ कमल हासन की ओर से याचिका लगाई गई थी। इस पर सुनवाई से पहले जजों ने 26 जनवरी को फिल्म देखी। इसके बाद उन्होंने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, ‘फिल्म में मुस्लिमों की भावनाओं का आहत करने जैसा कुछ नहीं है।’ जस्टिस के. वेंकटरमन ने कहा सरकार को सेंसर बोर्ड से प्रमाणित की जा चुकी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा था कि सरकार चाहे तो वह इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है।



इससे पहले कमल हासन ने बुधवार की सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वे देश तक छोड़ सकते हैं। अपनी नई फिल्‍म पर बैन को लेकर कमल ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'अगर मुझे अपने राज्य तमिलनाडु में धर्मनिरपेक्ष जगह और इंसाफ नहीं मिला तो मैं किसी और राज्य में जा सकता हूं। अगर मुझे देश में भी ऐसी जगह नहीं मिली तो मैं उसे भी छोड़ने के बारे में सोच सकता हूं। इस फिल्म के लिए मैंने अपना घर तक दांव पर लगा दिया। मुझे राजनीति का मोहरा बनाया जा रहा है।


विश्वरूपम के बारे में बताया जा रहा है कि इसे करीब 100 करोड़ रुपये के बजट में बनाया गया है और इसके लिए कमल को घर तक बेचना पड़ा है। कमल हासन का कहना है कि फिल्म के अटकने की वजह से पांच दिनों में उन्हें करीब 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।


मंगलवार को ‘विश्वरूपम’ कर्नाटक में रिलीज हो गई। कर्नाटक में फिल्म के वितरक एचडी गंगाराजू ने कहा कि राज्य के 40 थियेटरों में विश्वरूपम का दोपहर का शो दिखाया गया


उधर, फिल्मों को सर्टिफिकेट जारी करने वाले केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की प्रमुख लीला सैमसन ने बोर्ड के फैसले की इज्जत न करने और मद्रास हाईकोर्ट के मंगलवार के फैसले को चुनौती देने को लेकर तमिलनाडु सरकार को आड़े हाथों लिया है।

स्वाइन फ्लू से डरें नहीं, बचाव करें डॉ. सिंह

स्वाइन फ्लू से डरें नहीं, बचाव करें डॉ. सिंह 

सिणधरी में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन, नाटक के जरिए दिए संदेश

बाडमेर। स्वाइन फ्लू से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि जागरूक रहकर इससे बचा जा सकता है। इसलिए कुछ सावधानियां बरतते हुए खुद का बचाव करें और दूसरों को भी स्वाइन फ्लू से बचाएं। ये एहतियातिक सुझाव बुधवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जितेंद्रसिंह ने स्वाइन फ्लू जागरूकता कार्यक्रम के दौरान आमनज को दिए। वे सिणधरी स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्वास्थ्य विभाग, केयर्न इंडिया और स्माईल फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इस दौरान यहां सांस्कृतिक दल शुभम संस्थान द्वारा नाटक व गीतसंगीत के जरिए आमजन को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में महामारी विशोषज्ञ डॉ. मुकेश गर्ग, केयर्न अधिकारी सुंदर राजन, स्माईल फाउंडेशन के मूलचंद खींची, संजय ठाकुर, शुभम संस्थान के मुकेश व्यास, प्रधानाध्यापिका शांति चौधरी, क्षेत्रिय समन्वयक सुरेश ओझा, श्रवण बामनिया, डॉ. गौरव श्रवणकार मौजूद थे।

जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई ने बताया कि कार्यक्रमों की फेहरिस्त में आगामी दिनों में सिणधरी क्षेत्र में कोसलू, बालोतरा क्षेत्र में थोब आदि में किए जाएंगे। यही नहीं जहां स्वाइन फ्लू के मामले प्रकाश में आ रहे हैं, वहां भी जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन होगा। बुधवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान विभाग एवं स्माईल फाउंडेशन की ओर से आईईसी सामग्री भी बांटी गई। कार्यकम को संबोधित करते हुए केयर्न अधिकारी सुंदर राजन ने कहा कि स्वाइन फ्लू के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा ताकि आमजन से इस गंभीर बीमारी से बच सके। डॉ. मुकेश गर्ग ने बताया कि यह बीमारी एच1एन1 वायरस से फैलने वाली श्वास की बीमारी है तथा छींक, खांसी, बुखार, जुखाम व बदन दर्द इसके लक्षण है। उन्होंने बताया कि इससे आसानी से बचाव किया जा सकता है, इसलिए बारबार हाथ धोते रहें और भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में मुंह पर मास्क रखकर ही जाएं। मूलचंद खींची ने बताया कि यदि खांसी, छींक आदि हो रहा हो तो इस स्थिति में लापरवाही नहीं बरतें और तुरंत नजदीकी चिकित्सालय में जांच करवाएं। प्रधानाध्यापिका शांति चौधरी ने कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

आरएएस के नए पैटर्न पर उठे सवाल

आरएएस के नए पैटर्न पर उठे सवाल

अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति ने राजस्थानी के पाठ्यक्रम प्रतिशत को माना नाकाफी, कहा- अन्य प्रदेशों की तरह अपनी भाषा को क्यों नहीं प्राथमिकता?
बाड़मेर आरएएस के नए पैटर्न में जहां आरपीएससी ने राजस्थानी भाषा और साहित्य को तवज्जो दिए जाने का दावा किया है वहीं अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर ने राजस्थानी के पाठ्यक्रम प्रतिशत को नाकाफी माना है।
समिति केसंभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने कहा है कि राजस्थानी भाषा को जितना भी स्थान दिया गया है वह स्वागत योग्य है, परन्तु आरपीएससी को यह नहीं भूलना चाहिए कि उसे राजस्थान में नियुक्त किए जाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी तैयार करने हैं और राजस्थान मूल के ही अभ्यर्थियों का चयन करना है। भाटी ने पंजाब, गुजरात व महाराष्ट्र सहित कई अन्य प्रांतों का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां प्रांतीय भाषाएं इन परीक्षाओं की माध्यम भाषाएं तो हैं ही, प्रांतीय भाषा व निबंध के अनिवार्य प्रश्र पत्र भी होते हैं। साथ ही वहां की भाषा और उसके साहित्य को वैकल्पिक विषय के रूप में चुने जाने की सुविधा भी अभ्यर्थी को मिलती है। उन्होंने सवाल उठाया कि अन्य प्रदेशों की तरह आएएएस का पाठ्यक्रम निर्माण क्यों नहीं किया जाता? वर्तमान पाठ्यक्रम में राजस्थानी भाषा ज्ञान के लिए 100 अंक का अनिवार्य प्रश्र पत्र निर्धारित करने की वकालत करते हुए भाटी ने कहा कि तभी राजस्थानी प्रतिभाओं के साथ न्याय हो सकेगा। नहीं तो पूर्व की भांति बाहरी अभ्यर्थी ही लाभ में रहेंगे। समिति ने कहा है कि आरएएस, एडीजे, पीआरओ, चिकित्सा एवं इन्जिनियरिंग सहित अन्य पदों हेतु आयोजित परीक्षाओं में भी राजस्थानी भाषा के प्रश्र पत्र को अनिवार्य किए जाने से ही लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अधिकारी सही मायने में लोक सेवक सिद्ध हो सकेंगे। लोक भाषा के ज्ञान के बिना लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अधिकारी लोक दण्डक साबित होंगे।

बाड़मेर फिर मिले साठ ज़िंदा बम ....गुरूवार बमों का होगा निस्तारण

बाड़मेर फिर मिले साठ ज़िंदा बम ....गुरूवार बमों का होगा निस्तारण

बाड़मेर भारत पाकिस्तान की सरहद पर बसे बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सीमा गृह रक्षा दल के प्रांगन में चल रही खुदाई के दौरान आज फिर साठ ज़िंदा बम मिलने शहरी क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गई गौरतलब हे की दो रोज पूर्व इसी स्थान पर खुदाई के दौरान दस ज़िंदा बम मिले थे।बम मिलाने की सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट सहित अन्य पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे से बमों का निस्तारण करने के लिए सेना का बम निरोधी दस्ता मौके पर पहुँच बमों का निरिक्षण किया .बम भारत पकिस्तान के मध्य उनीस सौ पेंसठ और इकहतर के युद्ध के दौरान के बताये जा रहे हें .जो अनफटे रह गए थे .बम निरोधी दस्ते द्वारा गुरूवार को बमों का निस्तारण किया जाएगा

बाड़मेर अपराध समाचार ........आज की खबरे

बाड़मेर अपराध समाचार ........आज की खबरे 
अवैध शराब सहित दो गिरफ्तार
बाड़मेर जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर के निर्देशानुसार जिले में मादक पदार्थो की रोकथाम के लिए दिये गये निर्देशानुसार रतनलाल स.उ.नि. पुलिस थाना सेड़वा मय पुलिस पार्टी द्वारा मोजा चालकना में मुलजिम भजनलाल पुत्र जयराम विश्नोई निवासी चालकना को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवेध व बिना लाईसेन्स की 14 पव्वे अंग्रेजी शराब व मोजा सोनड़ी में मुलजिम सुखराम पुत्र सांवताराम मेगवाल नि. सोनड़ी के कब्जा से 2 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सेड़वा पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किये गये।

पिछले 24 घण्टो में दर्ज प्रकरण
सड़क हादसे में एक मौत
बाड़मेर नारायणा पुत्र दुर्गाराम जाट नि. बायतू चिमनजी ने मुलजिम हनवन्तसिंह पुत्र केशाराम जाट नि. भूरटीया के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा वाहन आरजे 04 पीएम 0796 को तेजगति व लापरवाही से चलाकर मुस्तगीस के छोटे भाई के टक्कर मारना जिससे मृत्यु होना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना बायतू पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। 

मारपीट का मामला दर्ज 
बाड़मेर .श्रीमति सुशीला पत्नि ईश्वरसिंह राव नि. नोसर ने मुलजिम सतीदान पुत्र भूरदान राव नि. नोसर वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा प्लोट में प्रवेश कर मुस्तगीसा के साथ मारपीट करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना बायतू पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इसी तरह श्रीमति नथुदेवी पत्नि नरपतदान राव नि. नोसर ने मुलजिम मोहनदान राव नि. नोसर वगेरा के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा प्लोट में प्रवेश कर मुस्तगीसा व परिवार वालो के साथ मारपीट करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना बायतू पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इधर श्री देवकरण पुत्र रामपाल मीणा नि. राजपुरा अलवर ने मुलजिम अज्ञात के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि अज्ञात मुलजिम द्वारा महावीर नगर में खड़े मुस्तगीस के ट्रक में भरे 426 कार्टन बीयर के चुराकर ले जाना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

4 साल की बच्ची से आंगनबाडी में दुष्कर्म



4 साल की बच्ची से आंगनबाडी में दुष्कर्म
छिंदवाडा। मध्यप्रदेश के छिंदवाडा जिले के पांढुर्णा विकास खंड के ग्राम पेंडोनी में सोमवार शाम एक आंगनबाडी केन्द्र में चार वर्षीय मासूम बालिका के साथ बलात्कार की सनसनी खेज जानकारी सामने आई है। इस घटना के बाद पीडित बालिका के परिजन थाने में रिपोर्ट लिखवाने और बालिका के उपचार के लिए करीब दस घंटे तक भटकते रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पेंडोनी के आंगनबाडी केन्द्र में सोमवार शाम आंगनबाडी कार्यकर्ता ललिता परतेती के पुत्र विक्की धनराज परतेती ने अपनी मां की अनुपस्थिति में वहां खेल रही 4 वर्षीय बालिका के साथ बलात्कार किया। इस दुष्कृत्य से बालिका बेहोश हो गई। पीडिता की मां को इस घटना की जानकारी मिलते ही वह आंगनबाडी पहुंची और बच्ची को लेकर पांढुर्णा अस्पताल पहुंची तो उसे पहले रिपोर्ट लिखाने की सलाह देते हुए अस्पताल कर्मियों ने उसे पांढुर्णा थाना भेजा गया।थाने के पुलिस कर्मियों ने उसे अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय जाने को कहा। इस दौरान पीडित बच्ची का रक्तसाोव होता रहा। इस दौरान कुछ नागरिकों ने हस्तक्षेप कर पीडिता को पांढुर्णा के अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन अस्पताल में कोई उपचार नहीं किया गया तथा मंगलवार दोपहर पीडिता को करीब एक सौ किलोमीटर दूर छिंदवाडा जिला अस्पताल भेजा गया जहां शाम को 5.30 बजे इलाज शुरू हो पाया। पीडित बालिका की मां देवकी चौधरी ने आरोप लगाया है कि पांढुर्णा कस्बे में पुलिस और अस्पताल के डाक्टरों का रवैया अमानवीय था तथा पुलिस कर्मियों ने उसे इधर-उधर भटकाने का काम किया। अस्पताल में महिला चिकित्सक भी नदारद थी। बालिका की मां ने यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की लापरवाही से बलात्कारी लड़का फरार हो गया।

भारतीय जांबाज का सिर कलम करने वाले को पाकिस्‍तानी सेना ने दिया 5 लाख का इनाम



भारतीय जांबाज का सिर कलम करने वाले को पाकिस्‍तानी सेना ने दिया 5 लाख का इनाम

नई दिल्ली. एक पत्रिका में छपे शाहरुख खान के लेख पर बेतुकी बयानबाजी करने वाले पाकिस्‍तान ने भारत को उकसाने वाली एक और कार्रवाई की है। मेंढर में भारतीय जांबाज शहीद हेमराज का सिर कलम करने वाले लश्कर-ए-तैयबा के नामी आतंकी अनवर खान को आईएसआई और पाकिस्तानी सेना की तरफ से इस कुकृत्य के लिए पांच लाख रुपए का इनाम मिला है। आईबी और रॉ के साथ मिलिट्री इंटेलीजेंस की गोपनीय जानकारी से यह खुलासा हुआ है। फोन इंटरसेप्ट से जुटाई गई जानकारी गृह मंत्रालय को दी गई है। पूछने पर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने   कहा, ‘अभी इस विषय में मैं कुछ कह नहीं सकता। कई रिपोर्ट मिली हैं। हम उनका बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं।’
खुफिया जानकारी में बताया गया है कि पाक सरकार और आईएसआई के अधिकारियों ने आतंकी संगठनों और उनके स्थानीय प्रशिक्षुओं के साथ यह योजना बनाई थी। इसमें लश्कर-ए-तैयबा के 10 और जैश-ए-मोहम्मद 5 के आतंकी शामिल थे। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद आईएसआई की टाटापानी यूनिट के सूबेदार जब्बार खान ने पाक सेना की मुजाहिद रेजीमेंट के साथ इस घटना को अंजाम दिया।

बाड़मेर न्यूज़ बॉक्स ,,,,,,,,,आज की खबरे

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विवाहिता ने आत्महत्या की
बायतु। क्षेत्र के भोजासर गांव में सोमवार शाम को एक विवाहिता ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि तुलसी (19) पत्नी देदाराम निवासी भोजासर ने सोमवार शाम को फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। शव पोस्टमार्टम कर मंगलवार को परिजनों को सौंप दिया। इस आशय का मामला मृतका के पिता मूलाराम निवासी शिवकर ने दर्ज करवाया। 


सर्पदंश से युवक की मौत
बालोतरा। समीपवर्ती आसोतरा गांव में एक कृषि कुएं पर काश्त कार्य के दौरान सर्पदंश से पीडित एक व्यक्ति की मौत हो गई। आसोतरा निवासी अचलाराम (28) पुत्र प्रहलादराम कृषि कुएं पर फसलों को पानी पिलाने का कार्य कर रहा था। इसी दौरान उसे सर्पदंश हो गया। उपचार के लिए उसे बालोतरा रवाना किया गया। अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। 


दुकान के ताले तोड़कर चोरी

बाड़मेर। शहर कोतवाली थाने में चोरी का मामला दर्ज हुआ है। रमेशकुमार पुत्र मानमल निवासी सरदारपुरा ने मामला दर्ज कराया कि अज्ञात चोरों ने रात के समय उसकी दुकान के ताले तोड़कर एक तोला सोना, आधा किलो चांदी एवं दो हजार रूपए नकद चुरा लिए।

राजकार्य में बाधा-अभयसिंह पुत्र खुमानसिंह हाल वनपाल वन विभाग बाड़मेर ने सदर थाने में मामला दर्ज कराया कि सम्पतसिंह पुत्र राजूसिंह व तीन अन्य ने मिलकर वन विभाग की वनभूमि पर बन रही चारदीवारी के दौरान के उसके साथ धक्कामुक्की कर राजकार्य में बाधा पहंुचाई।

पैसे देकर लाई गई दुल्हन 5 दिन बाद फुर्र



पैसे देकर लाई गई दुल्हन 5 दिन बाद फुर्र
हिसार। हरियाणा के सिरसा जिले के कोरड रोडी गांव के एक युवक के लिए कुछ बिचौलियों द्वारा पैसे देकर लाई गई दुल्हन महज पांच दिन बाद भाग गई। यही नहीं युवक ने बकायदा बिचौलियों को दुल्हन के बदले करीब1.10 लाख रूपए भी दिए लेकिन दुल्हन और बिचौलिए उसे दगा दे गए। युवक ने पुलिस को भी शिकायत दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव के कुलविंदर ने बताया कि उसके माता-पिता की काफी समय पहले मौत हो चुकी है। फिलहाल वह अपनी दादी के साथ रह रहा है और इलेक्ट्रीशियन का काम करता है। भादडा गांव के एक युवक सुखराज के साथ उसका काफी समय से दोस्ताना है। उसने बताया कि गांव गदराना के कुछ व्यक्ति उसके गांव आए और कहने लगे कि वे उसकी शादी करवा देंगे लेकिन उसके लिए कुछ पैसे देने होंगे। उसने बताया कि ये लोग तीन बार में 80 हजार 20 और 10 हजार रूपए ले गए। विगत 5 जनवरी को उसकी एक लड़की से शादी करवा दी। शादी के बाद पांच दिन ही दुल्हन ही रही और उसके बाद फुर्र हो गई। उसने आरोप लगाया है कि ये लोग ही उसे अपने साथ लग गए हैं। यही नहीं जब उसने इन लोगों से इस बाबत बात की तो उन्होंने मिलकर दोनों पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया। शोर मचाने पर वे भाग गए।

क्षेत्रपाल का मंदिर जहां विवाह बंधन सूत्र खुलते हें

दुनिया का एक मात्र मंदिर जहां महिला पुजारी करती हे पूजा

क्षेत्रपाल का मंदिर जहां विवाह बंधन सूत्र खुलते हें
जैसलमेर अपनी अनूठी संस्कृति और परम्पराओ के निर्वहन के लिए जाना जाने वाले जैसलमेर जिले में स्थानीय लोक देवता क्षेत्रपाल का अनूठा मंदिर जिला मुख्यालय से छ किलोमीटर दूर ,स्थित हें जहां स्थानीय वासिंदे शादी के बाद विवाह सूत्र बंधन जिसे स्थानीय भाषा में कोंकण डोरा कहते हें खोलने आते हें ,इस मंदिर में अब तक लाखो की तादाद में दुल्हा दुलहन धोक देकर कोंकण डोरा खोल , हें खास बात की इस मंदिर की पूजा परम्परागत रूप से माली जाती की महिलाए करती हें ,दुल्हा दुल्हन से विधिवत पूजा पाठ महिला पुजारी कराती हें पूजा पाठ के बाद नव दम्पति के विवाह सूत्र बंधन क्षेत्रपाल को साक्षी  मान कर खोले जाते हें ,ताकि क्षेत्रपाल दादे की मेहर टा उम्र दूल्हा दुल्हन पर बनी रहे ,जैसलमेर राज्य की स्थापना के यह परंपरा शुरू हुई थी सेकड़ो सालो से चल रही परम्परा आज भी निर्विवाद रूप से चल रही हें ,इस मंदिर में जैसलमेर के हर जाती धर्म के स्थानीय निवासी निवासी धोक देते हें ,क्षेत्रपाल को शरादालू इच्छानुसार सवा किलो से ले कर सवा मन तक का चूरमा का भोग देते हें ,जैसलमेर में हर जाती ,धर्म में होने वाली शादी के बाद तीसरे या चोथे दिन नव विवाहित जोड़े के कोंकण डोरे खोलने बड़ा बाग़ स्थित क्षेत्रपाल मंदिर परिजनों के साथ आना होता हें ..इस मंदिर में अब तक लाखो लोग अपने विवाह बंधन सूत्र खोल चुके हें ,विश्व का ऐसा एक मात्र मंदिर हें ,इस मंदिर में वर्त्तमान में माली जाती की पचास वर्षीय महिला किशनी देवी पूजा पाठ का जिम्मा संभाल रही हें ,किशनी देवी ने बताया की क्षेत्रपाल मंदिर बड़ा चमत्कारिक और इच्छा पूरी वाला हें ,जैसलमेर में होने वाली हर शादी के नव विवाहित दम्पति की शादी की रश्म कोंकण डोरा क्षेत्रपाल को साक्षी मानकर ही खोले जाते हें ,उन्होंने गत तीन सालो में सेकड़ो नव दम्पतियों के विवाह बंधन सूत्र विधिवत पूजा पाठ करने के बाद ,खुलवाए हें उन्होंने बताया की जैसलमेर के लोग जो बाहरी प्रान्तों या विदेशो में भी हें वे भी कोंकण डोरा खोलने क्शेत्रेअपल मंदिर आते हें ,क्षेत्रपाल को चूरमे का भोग चदता हें ,किसी की मन्नत पूरी होने पर बलि भी हें .पहले मंदिर परिसर में बलि दी जाती थी मगर अब परिसर में बलि करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया हें .उन्होंने बताया की मंदिर की पूजा बड़ा बाग़ के स्थानी माली परिवार ही करते हें इसके लिए निविदा जारी होती हें ,जो ज्यादा विकास के लिए लगते हें उसे क्षेत्रपाल की पूजा का मिलाता हें ,उन्हें दो लाख सत्रह हज़ार में निविदा तीन साल पूर्व मिली थी . भी स्थानीय वन माली परिवार ही पोजा पाठ करते ,आये हें क्षेत्रपाल की पूजा महिलाए ही परंपरागत रूप से करती आई हें .मंदिर में जो भी चढ़ावा आता हें उससे उनके परिवार का भरण पोषण होता हें ,उन्होंने बताया की कोई परिवार विवाह के बाद क्षेत्रपाल की धोक देने की भूल करते हें उससे दादा क्षेत्रपाल जात मांग कर कर ,लेते हें लाखो की तादाद में क्षेत्रपाल के मुरीद परिवार हे जो ही नहीं विदेशो के कोने कोने में बसे हें 

मंगलवार, 29 जनवरी 2013

पूरे परिवार को मिला योजनाओं का सहारा दिया


पूरे परिवार को मिला योजनाओं का सहारा
नियति ने ढाया कहर, राज ने दिया सुकून भरा सफर


- डॉ. दीपक आचार्य

जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,


जैसलमेर


गरीबों और जरूरतमन्दों के लिए सरकार की योजनाएं कितनी जीवनदायी होती हैं इसका ज्वलंत प्रमाण है सरहदी जैसलमेर जिले की बोहा ग्राम पंचायत के लाखा गाँव का रहने वाला गोरधनसिंह और उसका परिवार। यह गांवजैसलमेर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूरी पर है।


नियति ने इस परिवार पर निर्ममता से इतना कहर बरपाया कि विपन्नता और अभावों के अंधकार से घिरे इन लोगों का जीना दूभर हो चला था। इस बीच राज्य सरकार की योजनाओं ने इस परिवार को अंधेरों से उबारा और इतनासंबल दे दिया है कि आज यह परिवार आत्मनिर्भर होकर जीवन निर्वाह का सुकून पा रहा है।


अभावों की वजह से अभिशप्त रहे इस परिवार को हमेशा यह बात याद रहती है कि कठिन दिनों के दौर में सरकार का संरक्षण नहीं मिलता तो आज हालात कितने पीड़ादायी होते, इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती।


टूट पड़ा विपत्तियों का पहाड़ एक साथ


इस गाँव के 28 वर्षीय गोरधन सिंह पर ही है पूरे परिवार को चलाने का जिम्मा। मात्रा चौदह वर्ष की आयु में गोरधनसिंह की नेत्रा ज्योति चली गई। उन दिनों वह छठी कक्षा मंे पढ़ता था कि अचानक दिमाग के तंत्रिका तंत्रा मेंगड़बड़ी आ गई। इससे उसकी आँखें जवाब दे गई तभी से वह पूर्ण नेत्राहीन है। उन दिनों नेत्राहीनों की पढ़ाई के लिए शिक्षा की व्यवस्था होने की जानकारी के अभाव के कारण वह आगे अध्ययन नहीं कर पाया।


गोरधनसिंह की जिन्दगी पर विपत्तियों के कई पहाड़ एक साथ टूट पड़े। पिता सगतसिंह का साया भी सर से उठ गया। माताजी एवं तीन भाइयों के पालन-पोषण और घर चलाने का जिम्मा भी उसी पर आ पड़ा।


इन सारी विपदाओं की घड़ी में कुछ समय जैसे-तैसे गुजरा। गोरधनसिंह की माँ मेहनत-मजदूरी करके अपना घर चलाने लगी। गोरधनसिंह भी अपनी माँ के काम में मदद कर दिया करता।


योजनाओं से आया उजियारा


इसी बीच सरकारी योजनाओं की जानकारी उस तक पहुंची। इसके बाद उसने अपने परिचितों से सम्पर्क कर योजनाओं के बारे में जाना तथा आवेदन किया। आज सरकार की योजनाओं की बदौलत गोरधनसिंह को विकलांग पेंशनमिल रही है जबकि उसकी माँ को विधवा पेंशन की सुविधा मिल रही है।



गोरधनसिंह के परिवार को चलाने के लिए उसे आत्मनिर्भरता देना जरूरी था। इसी सोच के साथ गोरधनसिंह का चयन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की विश्वास योजना में किया गया। इस योजना में एक लाख रुपएका ऋण दिए जाने का प्रावधान है जिसमें से 30 प्रतिशत राशि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से अनुदान के रूप में दी जाती है। गोरधनसिंह को उसकी जरूरत के अनुसार विश्वास योजना में पचास हजार का ऋण स्वीकृत कियागया। जिसमें से उसे पन्द्रह हजार रुपए का अनुदान मिला।


इस ऋण से गोरधनसिंह ने गाँव में ही घर पर ही किराणा की छोटी सी दुकान खोल ली। अपनी दुकान के लिए वह सामान जैसलमेर से लाता है।


दुकान ने सुधारी माली हालत




इस दुकान से उसे औसतन दो हजार रुपए मासिक आय हो जाती है। अपनी दुकान अब गोरधनसिंह के लिए रोजगार का स्थायी और पक्का साधन हो गया है। इससे उसकी तथा परिवार की कई समस्याओं व अभावों का खात्मा होगया है तथा माली