मंगलवार, 29 मई 2012

प्रधान ने लगाया कमीशनखोरी का आरोप


प्रधान ने लगाया कमीशनखोरी का आरोप



ये थे उपस्थित
लूणी के उपखंड अधिकारी अनवर अली खां, डॉ. सुरेंद्र चौधरी, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्यामलाल सुथार, नीरु गांधी, ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, सहायक अभियंता चुन्नीलाल शर्मा, भोमाराम, सत्यनारायण दाधीच, महेशनारायण माथुर, सहायक अभियंता नरेगा खम्मूराम सियाग, सुधीर नारायण माथुर आदि उपस्थित थे।

साधारण सभा की बैठक आयोजित

लूणी पंचायत समिति लूणी की साधारण सभा गुरुवार को हुई। बैठक में प्रधान ने राजस्व, जलदाय व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के वाजिब कार्य भी बिना भेंट चढाएं अधिकारी व कर्मचारी नहीं करते हैं।

ग्रामीणों द्वारा वाजिब काम के लिए पूरी औपचारिकताएं व दस्तावेज पूर्ण करने के बाद भी एक से दूसरे अधिकारी व कर्मचारी तक चक्कर काटने पड़ते हैं। ये उचित नहीं है। उन्होंने राजस्व विभाग के मुखिया लूणी के उपखंड अधिकारी को पटवारियों के विरुद्ध स्थिति में सुधार लाने के लिए कार्रवाई करने को कहा।

बैठक में राजस्व, चिकित्सा, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जोधपुर डिस्कॉम, समाज कल्याण, आयुर्वेद, कृषि, महिला बाल विकास विभाग के कार्यों पर चर्चा की गई। जनप्रतिनिधियों ने एक मत से पानी की समस्या का निदान करने की मांग रखी। जलदाय विभाग के एईएन सत्यनारायण दाधीच ने जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि उपलब्ध जल में से सभी को जल उपलब्ध करवाने की कार्रवाई की जा रही है। बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारी डॉ. अर्चना जाजू ने गत कार्रवाई का अनुमोदन करवाया तथा महानरेगा योजना व पंचायती राज विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी सदन को दी।

जब विदा हुए तो छलक पड़े जुदाई के आंसू

जब विदा हुए तो छलक पड़े जुदाई के आंसू

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बाड़मेर  क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक तनसिंह की ओर से रचित विदाई गीत की पंक्तियां अरुणोदय होते ही रानी गांव की पहाडिय़ों में गूंज उठी। दस दिनों से चल रहे संघ के उच्च प्रशिक्षण शिविर का सोमवार को समापन समारोह आयोजित हुआ। संघ के नगर प्रमुख दीपसिंह रणधा ने बताया कि संघ प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर ने परंपरानुसार शिविरार्थियों के भाल पर तिलक लगा विदाई दी। विक्रम सिंह इंद्रोई एवं प्रेमसिंह रणधा के गाए विदाई गीतों से शिविरार्थियों के साथ संघ प्रमुख भी भावुक हो गए। समारोह में गजेंद्र सिंह आऊ के नेतृत्व में समवेत स्वर में 'मन थकता नहीं हमारा' सहगान हुआ।

समारोह में उपस्थित स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि दस दिनों तक शिविर के माध्यम से जिस सामूहिक संस्कारमयी कर्म प्रणाली का अभ्यास किया। उसे अपने दैनिक जीवन में ढालें तथा अर्जित ज्ञान को घर-घर पहुंचाने का बीड़ा उठाएं क्योंकि एक आदर्श जीवन पद्धति के अभाव में समाज में भटकाव की स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने कहा युगदृष्टा तनसिंह के बताए गए संघ के मार्ग पर चलकर ही क्षत्रियोचित मूल्यों को सुरक्षित रखते हुए समाज व राष्ट्र को सही दिशा दे सकते हैं।

संघ प्रमुख ने क्षत्रिय युवकों से आह्वान किया कि आंखों में आंसू नहीं बल्कि दृढ़ प्रतिज्ञा के लाल डोरे लेकर जाएं ओर कर्म क्षेत्र में धूम मचा दें।आलस्य, प्रमाद, ईष्र्या, घृणा, अंहकार जैसे शत्रुओं का संहार कर अपने अंदर बैठे परम तत्व को पुष्ट करें। पुरुषार्थ से प्रारब्ध को बदल डालें तथा त्रस्त संसार के कल्याण के लिए ब्रह्म मुहूर्त की नींद का परित्याग कर ईश्वर प्रदत्त इस मार्ग पर धैर्य पूर्वक कदम बढ़ाएं।

संघ का मातृ शक्ति शिविर संपन्न

चौहटन रोड स्थित विद्या पीठ उंडखा में संचालित संघ का बालिका शिविर रतनसिंह नगली के सान्निध्य में संपन्न हुआ। सरोज कंवर आगोरिया और सीमा कंवर भुरटिया ने विदाई गीत कैंया दे दूं रे थाने सीख.. सुनकर दस दिनों तक साथ रही खेली बालाएं परस्पर गले मिलकर विछोह के दुख में फफक पड़ी। शिविर सह संचालक रामसिंह माडपुरा ने संघ प्रमुख की और से विदाई संदेश दिया। शिविर प्रभारी रतनसिंह ने समापन समारोह में उपस्थित बालिकाओं ओर महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिविर में अर्जित संस्कारों को अपनाकर अपने परिवार को स्वर्ग सा सुंदर बना सकती हैं। नगर प्रमुख ने बताया कि मातृ शक्ति को शिविर के अंतिम दो दिनों में बाड़मेर-जैसलमेर के ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों का भ्रमण करवाया गया। जिसमें प्रथम दिन वैर थान, विरात्रा माता, बॉर्डर एवं दूसरे दिन जैसलमेर दुर्ग, गडीसर तालाब, तनोट माता, घंटियाली मां के दर्शन करवाए।

शोभा ने नकार दिया बचपन में हुआ विवाह!

जोधपुर.अपनी हम उम्र सहेलियों के साथ खेलने कूदने में व्यस्त दस साल की शोभा को पता ही नहीं चला कि कब उसकी शादी हो गई। वर्ष 1998 में अपनी बुआ की शादी के दौरान शोभा सहित घर की चौदह बच्चियों की भी शादियां कर दी गईं। अब शोभा पढ़ लिखकर जमाने को समझने लगी है तो उसने बचपन में हुए विवाह को नकार दिया। उसके परिजन इस बात को लेकर परेशान है कि अगर शोभा ने बालविवाह को नकार दिया तो उन्हें समाज में लाखों रुपए देने पड़ेंगे। जबकि शोभा लोगों की परवाह किए बिना अब अपने लक्ष्य की ओर बढ़ चली हैं।  
राजबा गांव की रहने वाली शोभा का पीटीटी में चयन हो चुका है और केएन कॉलेज से उसने स्नातक किया। बीएड में प्रवेश होने के बाद वह अपनी मंजिल को पाने में लगी हैं। उधर, उसके घर वाले दबाव डाल रहे हैं कि वह अपने ससुराल जाए। अगर वह ससुराल नहीं जाएगी तो घर वालों को लाखों रुपए का दंड भरना पड़ेगा, लेकिन शोभा इन सब बातों से बेखबर जोधपुर में पढ़ाई कर रही है।

शोभा का कहना है कि वह बचपन में हुई शादी को नहीं मानती। उसका पति लिखमाराम अनपढ़ है और केरू की खानियों में काम करता है। बचपन में वह दो दिन के लिए ससुराल गई थी, मगर उसके बाद उसने शादी नकार दी। ससुराल वाले भी उस पर दबाव डाल रहे हैं, मगर वह अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है।

एनजीओ ने सहयोग किया

शोभा के इरादों को देखते हुए एक एनजीओ उसके सहयोग के लिए आगे आया। बीरनी प्रोजेक्ट से जुड़ीं कार्यकर्ता और नेशनल जियोग्राफिक चैनल की जर्नलिस्ट सिंदिया शोभा की पढ़ाई का खर्च उठा रही हैं। शोभा का कहना है कि वह बाल विवाह को नहीं मानती। अब पढ़ना चाहती हैं।

पगमार्क मिले, रास्ता नहीं

सिरोही/माउंट आबू। वन्यजीव गणना के लिए 1999 का वर्ष माउण्ट आबू के लिए खुशखबर वाला था। लेकिन, इसके बाद न तो यह पगमार्क दिखे और न ही भविष्य में इन टाइगर्स को यहां दिखने की संभावना है। यहां पर टाइगर का आई विटनेस और फुटमार्क दोनों मिले थे। इस कारण इसे रेकॉर्ड में भी दर्ज किया गया। लेकिन, एक चीज आज भी सवाल बनी हुई है कि आखिर यह आया कहां से था? वन विभाग के कर्मचारियों ने इसका ट्रांसपास ढूंढ़ने की कोशिश की लेकिन, सफलता हाथ नहीं लगी। ऎसे में भविष्य में माउण्ट आबू वन खण्ड को किसी अन्य जंगल के साथ कॉरीडोर बनाकर टाइगर्स को यहां लाने की संभावनाएं भी क्षीण ही हैं।
rajasthan 
2001 की सेंसस में गुजरात में टाइगर को पूरी तरह से विलुप्त माना गया है। लेकिन, गुजरात के वन विभाग के दस्तावेजों में 1997 में राजस्थान बॉर्डर पर टाइगर के पगमार्क मिलने और दिसम्बर 1991 से जनवरी 1992 के बीच में टाइगर के मृत मिलने का जिक्र है। वैसे सिरोही से सटे बनासकांठा के जंगलों में 1950 तक टाइगर के अस्तित्व होने का रेकर्ड भी है। यह माना जा रहा है कि नब्बे के दशक मे गुजरात व राजस्थान में नजर आए टाइगर के पगमार्क मध्यप्रदेश के जंगलों से पलायन करे किसी टाइगर के हो सकते हैं। ऎसे में दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के इन जंगलों को मध्यप्रदेश के जंगलों से जोड़ने के लिए कॉरीडोर विकसित करने की संभावनाएं भी नजर आती हैं।


10 कॉरीडोर चिह्नित


फिलहाल भारत में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने टाइगर्स के एक टेरीटरी से दूसरी टेरीटरी में जाने के लिए दस कॉरीडोर चिह्नित किए हैं। इनमें मध्यप्रदेश में काम चल रहा है। वहीं मेघालय के सिजु वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और रिवाक रिजर्व फॉरेस्ट के बीच हाथियों के लिए सिजु-रिवाक कॉरीडोर विकसित करके सुरक्षित भ्रमण मार्ग बनाने के बाद वल्र्ड ट्रस्ट लैण्ड और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया केरला में तिरूनली-कुडरकोट कॉरीडोर विकसित कर रही है। वैसे माउण्ट आबू-सुंधा माता कॉरीडोर विकसित करके भालुओं के लिए एक सुरक्षित विचरण मार्ग उपलब्ध करवाने की संभावनाएं सिरोही और जालोर में हैं।


शिकारगाहें गवाह


माउण्ट आबू में राजस्थान और गुजरात के विभिन्न राजघरानों की शिकारगाहें इस बात की गवाह हैं कि यहां पर पहले बाघों का अस्तित्व था। जानकारी के अनुसार वर्ष-1950 तक दर्जनों बाघ यहां देखे जा सकते थे, लेकिन बाद में इनकी संख्या घटती गई और एक समय आया कि वे विलुप्त हो गए। लंबे अंतराल के बाद 1999 में बाघ फिर देखा गया। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार 1999 में गुरूशिखर व उतरज के बीच वन्यक्षेत्र में तत्कालीन कैटल गार्ड लक्ष्मण सिंह ने रिपोर्ट दी थी कि उसने सफेद व पीले रंग के बीच काली धारियों वाला पेंथर जैसा लेकिन उससे बड़ा और भिन्न प्रकार का बेहद फुर्तीला जानवर देखा है।

जो अचपुरा के वन्यक्षेत्रों की ओर कूच कर गया। इसकी सूचना तुरंत तलहटी रेंज को दी गई। जहां से अचपुरा बीट तत्कालीन प्रभारी वनरक्षक देवाराम को क्षेत्र में बाघ की उपस्थिति का पता लगाने के निर्देश दिए गए। देवाराम ने अन्य सहयोगियों के साथ वनक्षेत्र में बाघ ढंूढ़ने की निरंतर कोशिश की। इस दौरान कई जगह उन्हें बाघ के पगमार्क नजर आए। जिससे क्षेत्र में बाघ की उपस्थितिका इंद्राज विभाग रेकार्ड में दर्ज किया।



इनका कहना है...


प्रत्यक्ष देखे जाने व पगमार्को के आधार पर वन्यजीव गणना रिकार्ड में बाघ की उपस्थिति होना दर्ज है, लेकिन यह बता पाना कठिन कार्य है कि वर्तमान में बाघ वनमंडल क्षेत्र में है अथवा नहीं।जी.के. वर्मा वन्यजीव, वनमंडल अघिकारी,
माउंट आबू


1999 में बाघ की यहां उपस्थिति दर्ज तो है लेकिन वह कैसे और किन परिस्थितियों में यहां आया इसका कोई जिक्र नहीं है। उसके बाद वह कहां गया कुछ कहा नहीं जा सकता। अर्जुनदान चारण सहायक वन सरंक्षक, माउंट आबू


हर वन्यजीव के पगमार्क अलग होते हैं। अगर पगमार्क को पीओपी के माध्यम से सही ढंग से ट्रेस किया गया हो तो इनसे जानवर व उसके सैक्स के बारे में जानकारी मिल जाती है। कई बार रणथम्भोर में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के एक्सपर्ट्स को इसी तरह से पगमार्क के माध्यम से टाइगर्स की पहचान के लिए बुलवाया जाता रहा है। आकांक्षा चौधरी डिप्टी कंजरवेटर फॉरेस्ट (वाइल्ड लाइफ), जोधपुर।



पगमार्क बताते हैं प्रजाति और लिंग



जानवरों के पगमार्क भी एक तरह के नहीं हो सकते। हर जानवर के पगमार्को की विशिष्टता होती है। दुनिया में कैट फेमिली में 41 प्रजातियां हैं। इनमें बिग कैट की प्रमुख पांच प्रजातियों में बाघ आता है। इन सभी प्रजातियों के पगमार्क यहां तक कि नर और मादा की पहचान भी पगमार्क से की जा सकती है। कई बार तो इनकी उम्र भी पगमार्क बता देते हैं। यह जरूरी है कि जानवर के पगमार्क को सही तकनीक से उठाया गया हो। भारत में 1972 में टाइगर्स की सेंसस के लिए इस पद्धति का इस्तेमाल शुरू किया गया।

दादी-नानी जाएंगी स्कूल



जालोर। दादी और नानी भी बुढ़ापे में स्कूल जाएंगी। सुनने भले ही यह अटपटा लग रहा हो, लेकिन सच है। राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद की ओर से बालिका शिक्षा कार्यक्रम के तहत स्कूलों में दादी-नानी दिवस का आयोजन कर बालिकाओं की दादी या नानी को स्कूलों में आमंत्रित किया जाएगा।

बालिकाओं में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता व निर्णय लेने की क्षमता का विकास करने के लिए प्रदेश के नौ हजार 206 नोडल विद्यालयों और दो सौ कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में दादी-नानी दिवस का आयोजन करवाया जाएगा। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य समुदाय की वरिष्ठ महिलाओं के सहयोग से बालिकाओं व अभिभावकों को शिक्षा के लिए प्रेरित करना हैं। स्कूलों पढ़ने वाली बालिकाओं के दादी-नानी के प्रभाव का उपयोग बच्चों की नियमित उपस्थिति, शिक्षा की अनिवार्यता व शिक्षा के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किया जा सकता हैं।

सुनाएंगी लोक गीत व कहानियां
बालिका शिक्षा प्रभारी अंशुबाला ने बताया कि दादी-नानी दिवस पर स्कूलों में आने वाली वरिष्ठ महिलाएं बच्चो को शिक्षा के महत्व से संबंघित लोक गीत सुनाएंगी। वे कहानियों के माध्यम से भी बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाएंगी। विद्यालयों में 12 जनवरी को दादी-नानी दिवस का आयोजन किया जाएगा।

...और वहां मनेगा करियर डे
जिस दिन नोडल विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में दादी-नानी दिवस मनाया जाएगा। उस दिन माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विवेकानंद जयंती पर करियर डे व युवा दिवस मनाया जाएगा।


इनका कहना...
बालिका शिक्षा के तहत स्कूलों में दादी-नानी दिवस का आयोजन कर समुदाय की वरिष्ठ महिलाओं को स्कूलों में आमंत्रित किया जाएगा। वे बच्चों को शिक्षा के महत्व से संबंघित लोक गीत व कहानियां सुनाएंगी।
जबरसिंह राठौड़, एडीपीसी, सर्व शिक्षा अभियान जालोर

पथमेड़ा में बनेगी गोबर से बिजली


सांचौर (जालोर)। गोधाम पथमेड़ा में गोबर गैस से बिजली बनाने के लिए परीक्षण चल रहा है। परीक्षण सफलता की कगार पर है और पूरा होते ही यहां गोबर से बिजली उत्पादन का प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा। प्रोजेक्ट बनकर तैयार होने पर इससे प्रति घंटा दो मेगावॉट बिजली उत्पन्न होगी।

ट्रांसकार्ब एनर्जी प्रा.लि. कम्पनी गोधाम पथमेड़ा में पायलट प्लांट की स्थापना कर गोबर गैस से बिजली उत्पादन का परीक्षण कर रही है। तकनीशियनों के अनुसार गाय के गोबर में वह सभी गुण उपलब्ध है, जो गोबर गैस से बिजली उत्पादन के लिए आवश्यक होते हैं। पायलट प्लांट में गोबर से गैस और गोबर गैस से जनरेटर को घुमाकर दो मेगावाट बिजली उत्पन्न की जाएगी। बिजली उत्पादन कर निकट के जीएसएस से आस-पास के 25 किलोमीटर सीमा में स्थित गांवों में बिजली सप्लाई की जाएगी। दो मेगावॉट बिजली उत्पन्न करने के लिए प्रतिदिन दो सौ टन गोबर की आवश्यकता रहेगी। प्लांट के लिए गोबर की आपूर्ति गोधाम पथमेड़ा द्वारा की जाएगी। वहीं इस प्लांट से 60 प्रतिशत बॉयोवेस्ट निकलेगा, जिसकी खाद बनाकर बाजार में बेची जाएगी। गोबर गैस से बिजली बनाने का पूरा प्लांट 30 करोड़ की लागत से बनकर तैयार होगा। तकनीकी अघिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार प्लांट का कार्य अगले माह शुरू हो जाएगा और मई 2013 तक बिजली उत्पादन का कार्य शुरू हो जाएगा।

ऎसे बनेगी बिजली
गोधाम पथमेड़ा में स्थापित गोबर गैस से पायलट प्लांट के फीड टैंक में गोबर, गो मूत्र व डेयरी से निकलने वाला वेस्ट पानी डाला जाता है, जो मोटर के माध्यम से डाइजेस्ट टैंक तक पहुंचाया जाता हैं। डाइजेस्ट टैंक से गोबर व घोल बनाकर पोस्ट डाइजेस्ट टैंक में सप्लाई किया जाता है। पोस्ट डाइजेस्ट टैंक में गोबर गैस तैयार कर गैस को टैंक में भरा जाता है। इस गैस से जनरेटर चलाकर बिजली उत्पन्न की जाएगी।

इनका कहना...
गोधाम पथमेड़ा में कम्पनी ने पायलट प्लांट स्थापित किया है। यहां गोबर गैस से बिजली उत्पादन का सफल परीक्षण चल रहा है। जिसमें हमें काफी सफलता मिली है। शीघ्र ही गोबर गैस से बिजली बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
- योगेश सुंदात्तिकर, बॉयोकेमिकल इंजिनीयर

उपलब्ध करवाएंगे गोबर
गोबर से बिजली उत्पादन के लिए कम्पनी को गोधाम की ओर से प्रतिदिन दो सौ टन गोबर उपलब्ध करवाया जाएगा।
- गोविंद वल्लभ ब्रह्मचारी, प्रबंधक, गोधाम पथमेड़ा

10 वर्षीय बच्ची से पहले किया दुराचार फिर हत्या कर कुएं में फेंक दिया शव

पीपाड़ शहर.बुचकला गांव में रविवार को किसी ने एक दस वर्षीय बालिका के साथ दुराचार के बाद उसकी हत्या कर शव कुएं में फेंक दिया। इस घटना से गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। कक्षा चार की स्टूडेंट यह बालिका रविवार को अपने घर से लापता हो गई थीं। मृतका के पिता ने रविवार रात गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रविवार रात को ही बालिका का शव प्लास्टिक के कट्टे में बंधा हुआ कुएं में मिला। इस वारदात के बाद से ही पुलिस के अधिकारी गांव में डेरा डाले हुए हैं।  
लापता बालिका का शव कुएं से मिलने पर उसके साथ हुए दुराचार का भी खुलासा हुआ है। पुलिस का कहना है कि किसी ने बालिका का अपहरण किया और किसी सुनसान स्थान पर उसके साथ दुराचार करने के बाद उसकी हत्या कर दी। बाद में शव के हाथ पैर बांधकर उसे प्लास्टिक के कट्टे में रखा और गांव की सरहद पर वीरान पड़े पचास फीट गहरे कुएं में डाल दिया। इस घटना से गांव के लोगों में काफी गुस्सा है। लोगों की भावनाओं व आक्रोश को देखते हुए सोमवार को शव का पोस्टमार्टम करवा कर अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

बालिका के परिजन मजदूरी पर गए थे

जिस समय बालिका घर से लापता हुई, उस दौरान परिजन मजदूरी पर गए हुए थे। बालिका घर के पिछवाड़े मोहल्ले के अन्य बच्चों के साथ खेल रही थीं। गांव में हुए इस तरह की वारदात से पुलिस के साथ ग्रामीण असमंजस में हैं कि आखिर मासूम बच्ची के साथ यह हादसा कैसे हुआ।

हाथ-पांव व गर्दन पर कपड़ा बंधा मिला

बालिका की जान लेने के बाद हत्यारे ने उसके हाथ व पांव रस्सी से बांध दिए। बालिका के गर्दन पर भी बालिका का ही पायजामा कस के बांधा हुआ था। शव को प्लास्टिक के कट्टे में डालकर कुएं में फेंका गया। ग्रामीणों ने बताया कि रविवार देर रात बालिका के शव को बाहर निकाला गया। बालिका के शव पर चोटों के निशान भी थे।

ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

बालिका की हत्या की वारदात के बाद ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। ग्रामीणों ने हत्यारों को गिरफ्तार करने, पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए की सहायता देने, पीड़ित परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। तीन सूत्री मांगों को लेकर सोमवार सुबह दांतीवाड़ा-मेड़ता स्टेट हाइवे जाम कर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया, मगर गांव के मौजिज लोगों व पुलिस की समझाइश के बाद ग्रामीण मान गए।

बंद किए बाजार :

इस वारदात के बाद सोमवार को दिनभर ग्रामीणों में दहशत के साथ आक्रोश रहा । व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और विरोध जताया। मृतका के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद दोपहर में पुलिस की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस ने 24 घंटे में हत्यारे को गिरफ्फ्तार कर वारदात का खुलासा करने का ग्रामीणों को विश्वास दिलाया है।

मुख्यमंत्री निवास के बाहर युवती ने खाया जहर

जयपुर.ज्यादती के मामले में आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर बीकानेर से आई 25 वर्षीय युवती को मुख्यमंत्री निवास पर सोमवार सुबह जनसुनवाई में सुरक्षा गाडरें ने घुसने नहीं दिया। वह सुबह पहुंच गई थी और गार्डो से दोपहर तक सीएम से मिलवाने की गुहार करती रही। आखिर दोपहर करीब 12:30 बजे वह सीएम हाउस के गेट पर बेहोश होकर गिर पड़ी।उसे एसएमएस अस्पताल के 3 एफ वार्ड में अज्ञात जहर के केस में भर्ती किया गया है।   यूनिट हैड डॉ. रेणु सहगल ने बताया कि युवती को एंटी पॉयजन दवा दी गई है। खून के सैंपल लिए गए हैं। डॉक्टर का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ होगी। मुख्यमंत्री निवास पर जनसुनवाई में शामिल होने के लिए वह सोमवार सुबह 5:30 बजे ट्रेन से जयपुर आई थी। इसके बाद सीएम हाउस पहुंच गई।। जनसुनवाई शुरु होने पर पीड़िता ने अंदर जाने का प्रयास किया। तब मुख्य गेट पर तैनात सुरक्षा गार्डो ने उसे अंदर नहीं जाने दिया। काफी जद्दोजहद के बाद वह सीएम हाउस के बाहर बैठ गई। दोपहर करीब 12:30 बजे युवती की तबीयत अचानक बिगड़ गई। वह बेहोश होकर गिर पड़ी। विषाक्त पदार्थ खाने का अंदेशा : युवती को एसएमएस अस्पताल के 3 एफ वार्ड में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने उनके भर्ती टिकट में अज्ञात विषाक्त के सेवन से तबियत बिगड़ना बताया है। कंपाउंडर पर ज्यादती का आरोप प्रारंभिक पूछताछ में युवती ने बताया कि उसे पिछले दो वर्ष से पेट की बीमारी है। इसका इलाज पीबीएम अस्पताल, बीकानेर में चल रहा है। वह पिछले वर्ष 19 जून को अस्पताल में चैकअप कराने गई थी। वहां कंपाउंडर अजय स्वामी व उसके दो साथियों ने झांसा देकर ज्यादती की। पीड़िता ने बीकानेर के तत्कालीन एसपी के हस्तक्षेप के बाद आरोपियों के खिलाफ कोटगेट थाने में 24 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। छह बार आ चुकी है सीएम से मिलने, पर न्याय नहीं युवती ने बताया कि वह अब तक छह बार सीएम हाउस आ चुकी है। तीन बार उसने जनसुनवाई में सीएम से मिलकर न्याय की गुहार की। जबकि तीन बार उसे अधिकारियों ने मिलने नहीं दिया।इससे परेशान होकर वह सोमवार को फिर से जनसुनवाई में पहुंची। लेकिन, उसे बाहर रोक दिया गया।

तारबंदी पार कर पाकिस्तान भागा संदिग्ध, तीन जवान सस्पेंड

श्रीगंगानगर.जिले की पाकिस्तान से लगती सीमा के पास स्थित संगतपुरा गांव से एक संदिग्ध व्यक्ति तारबंदी पार कर पाक चला गया। उसका नाम प्रसन्नजीत बताया जा रहा है। वह उप्र के आगरा का रहने वाला है। कुछ दिन पहले मजदूरी करने के लिए संगतपुरा गांव में आया था।

सरहद पर हुई चूक को गंभीरता से लेते हुए बीएसएफ ने सात एच सीमा चौकी के तीन जवानों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही मामले की जांच के आदेश दिए हैं। बीएसएफ अधिकारियों ने इस घटना में पाक रेंजर्स पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए उन्हें प्रोटेस्ट नोट सौंपा है। बीएसएफ ने एसपी से बॉर्डर क्षेत्र में आने वाले अनजान लोगों का वेरीफिकेशन कराने को कहा है।

टीचर ने प्रेमजाल में फंसाया, फिर दोस्तों के साथ रात भर किया छात्रा से गैंग रेप

पाली/जोधपुर.जिले में गुरु-शिष्या के रिश्ते को दागदार करने वाला एक मामला सामने आया है। एक शिक्षक ने अपनी ही छात्रा को प्रेमजाल में फांसकर अपने दोस्त के फार्म हाउस पर बुलाया। वहां शिक्षक के अलावा उसके चार दोस्तों ने रात भर किशोरी से दुष्कर्म किया। दूसरे दिन किशोरी को वहीं रखा और फिर शाम में डरा धमका कर उसे गांव के बाहर छोड़ दिया।
 
जानकारी के अनुसार यह घटना 26 अप्रैल की बताई गई है। हालांकि सोमवार को पीड़िता के परिजनों ने सिरियारी थाने में पेश होकर घटनाक्रम की जानकारी दी। पीड़िता का कहना है कि आरोपियों ने उसे घटनाक्रम के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। आरोपियों की धमकी तथा लोक-लॉज के भय से रिपोर्ट दर्ज कराने में देरी होने का कारण बताया गया है।

पुलिस ने बाडिय़ा गांव निवासी आरोपी शिक्षक नरेंद्रसिंह राजपूत व उसके साथी गोटूसिंह उर्फ गोविंदसिंह, भगवानसिंह राजपूत, प्रदीपसिंह राजपूत तथा जयपुर निवासी सागरसिंह शेखावत के खिलाफ किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया है। आरोपी सागरसिंह शेखावत की माता भी धनला गांव की उसी स्कूल में शिक्षिका है, जिसके चलते जयपुर के यह आरोपी गांव में अपनी माता के पास रहता है। सभी आरोपी फरार है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें गठित की गई है।

शिक्षक ने प्रेमजाल में फांस किशोरी को बुलाया

सिरियारी थाना प्रभारी सवाईसिंह ने बताया कि धनला गांव की 14 साल की पीडि़ता सरकारी स्कूल में आठवीं में पढ़ती है। उसकी ओर से दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया गया है कि स्कूल के शिक्षक नरेंद्रसिंह राजपूत निवासी बाडिय़ा ने गत 26 अप्रैल की शाम को गांव के दोस्त प्रदीपसिंह व गोटू उर्फ गोविंदसिंह राजपूत की मदद से उसे कृषि फार्म पर बुलाया।

यह कृषि फार्म गोटू उर्फ गोविंदसिंह का है, जहां पहले से नरेंद्रसिंह अपने दोस्त सागरसिंह के साथ बैठा हुआ था। आरोप है कि रात के समय आरोपी शिक्षक व उसके दोस्तों ने डरा धमका कर बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपियों ने घटनाक्रम के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी और दूसरे दिन शाम को उसे गांव के पास छोड़ दिया।

विभिन्न सड़क हादसों में पांच की मौत

विभिन्न सड़क हादसों में पांच  की मौत 

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले में सोमवार देर रात घटिक विभिन सड़क हादसों में पांच  जनों की मौत हो गयी .पुलिस सूत्रों क्र अनुसार बाड़मेर जिला मुख्यालय पर दो किलोमीटर दूर जोधपुर सड़क मार्ग पर एक वेगार आर के पलट जाने से उसमे सवार चार जानो की घटना स्थल पर मौत हो गयी वहीं एक जाना घायल हो गया .इसके कुछ अंतराल बाद सिंधारी रोड पर कुडला गाँव के समीप ट्रेक्टर और डम्पर की भिडंत में एक जने की मौत हो गयी .बाड़मेर जोधपुर सड़क मार्ग पर सोमवार देर रात वेगन आर वाहन के पलट जाने से य्समे सवार खेत सिंह ,सोहन सिंह रतन सिंह और जोगराज सिंह की मौके पर मौत हो गयी जबकि वीर सिंह नमक व्यक्ति घायल हो गया जिसे राजकीय अस्पताल में भारती कराया हे उनकी  स्थति गंभीर बनी हुई हे इधर सिंधारी रोड पर कुडला मार्ग पर खड़े ट्रेक्टर पर डम्पर चढ़ जाने से एक जने की मौत हो गयी पुलिस सूत्रों के अनुसार ट्रेक्टर चालक कौसलारम की मौत हो गयी जबकि चार जने घायल हो गए घायलों का उपचार राजकीय अस्पताल में चल रहा हें 

सोमवार, 28 मई 2012

भारत-म्यांमार: 12 समझौते पर हुए हस्ताक्षर

भारत-म्यांमार: 12 समझौते पर हुए हस्ताक्षर
नेपिदा। म्यांमार दौर पर पहुंचे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व म्यांमार के राष्ट्रपति थेन सेन के बीच हुई बातचीत के बाद भारत और म्यांमार ने सोमवार को 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

समझौते में भारतीय आयात-निर्यात बैंक और म्यांमार फॉरेन ट्रेड बैंक के बीच 50 करोड़ डॉलर के एक ऋण के लिए सहमति पत्र, सीमावर्ती क्षेत्र विकास और हवाई सेवा विकास, म्यांमार इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और एडवांस सेंटर फॉर एग्रिकल्चर रिसर्च एंड एजुकेशन, येजिन एग्रिकल्चर युनिवर्सिटी स्थापित करने, चावल जैव उद्यान, सीमावर्ती बाजारों की स्थापना और एक संयुक्त व्यापार एवं निवेश मंच से सम्बंधित मसलों पर हस्ताक्षर हुए।

इसके अलावा दोनों देशों के बीच 2012-15 तक सांस्कृतिक आदान प्रदान के एक कार्यक्रम पर भी सहमति बनी। रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान आईडीएसए और म्यांमार इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज एमआईएसआईएस के बीच सहयोग से सम्बंधित एवं कलकत्ता विश्वविद्यालय तथा दागोन युनिवर्सिटी, यंगून के बीच तथा विश्व मामलों की भारतीय परिषद आईसीडब्ल्यूए व एमआईएसआईएस से सम्बन्घित समझौते पर हस्ताक्षर हुए।

मजदूरों पर चढ़ा डंपर,7 की मौत

मजदूरों पर चढ़ा डंपर,7 की मौत राजस्थान में डंपर ने ली 7 मजदूरों की जान
जोधपुर। जोधपुर शहर में सड़क के बीचो-बीच डिवाइडर पर सो रहे आधा दर्जन मजदूरों को डंपर ट्रक ने कुचल दिया। हादसे में छह मजदूरों की मौके पर और एक अन्य की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। हादसे में चार गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इन सभी को मथुरा दास अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मृतकों के शवों को भी इसी अस्पताल में रखवाया गया है।

पुलिस ने बताया कि रातनाड़ा थाना इलाका स्थित आठ खंभा चौराहे के पास सड़क पर बने डिवाइडर पर करीब एक दर्जन मजदूर सो रहे थे। सुबह साढ़े चार बजे एक डंपर अचानक सोते हुए मजदूरों पर चढ़ गया। मजदूर डंपर के पहियों के नीचे आ गए। बताया जाता है कि डिवाइडर सड़क से थोड़ा ही ऊपर बना हुआ है, इससे भी शायद डंपर चालक को गफलत हुई और यह हादसा हो गया।

बाड़मेर पुलिस ने गोचर ओरण भूमि को अतिक्रमण से कराया मुक्त


बाड़मेर पुलिस ने गोचर ओरण भूमि को अतिक्रमण से कराया मुक्त 


बाड़मेर बाड़मेर जिला पुलिस उप अधीक्षक नाजिम अली खान के नेतृत्व में पुलिस बल ने गुडा मालानी थाना क्षेत्र के सिन्धासवा हरनियां और आमलियाली को अतिक्रमण मुक्त कराया .उलेखनीय हे इस ज़मीन को पूर्व में भी मुक्त कराया था मगर अतिक्रमी पुनः काबिज़ हो गए .उक्त ज़मीन औरन और गोचर चिन्हित हें .सोमवार को नाजिम अली खॉ पुलिस उप अधीक्षक वृत बाड़मेर व उप खण्ड अधिकारी गुडामालानी के नेतृत्व मे ग्राम आमलियाली व सिंधा सवा हिरणियान पुलिस थाना गुड़ामालानी मे गैर मुमकिन ओरण व गोंचर भूमी पर अतिक्रमण होने से पुलिस जाब्ता के सहयोग से अतिक्रमित भूमी को अतिक्रमण से मुक्त पुर्व में भी करवाया गया था लेकिन अतिक्रमण धारीयों द्वारा उक्त भुमि पर पुनः अतिक्रमण करने से पुनः उन्हे उक्त भुमि से बेदखल कर उक्त भुमि का कब्जा ग्राम पंचायत आमलियाला को सुपुर्द किया गया तथा सिंधासवा हिरणीयान की भुमि का कब्जा ग्राम पंचायत को बाद अतिक्रमण मुक्त भुमि का करवाया गया। 

रेल नहीं लगी तो मुश्किल!

रेल नहीं लगी तो मुश्किल!

बाड़मेर। सीमावर्ती बाड़मेर जिले में यह पहली मर्तबा है कि किसी परीक्षा को लेकर अतिरिक्त रेल चलाने की नौबत आ रही है। परीक्षार्थी इतने अधिक हो गए है कि प्रशासन को विश्वास हो गया है कि कितनी भी बसें लगा लें पार पड़ना मुश्किल है। ऎसे में रेलवे से अतिरिक्त रेल की मांग की गई है। इधर रेलवे ने यह कहते हुए इंकार कर दिया है कि प्रशासन ने हमें बताने में देरी कर दी।

प्रदेश में इस बार तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में सर्वाधिक आवेदन बाड़मेर जिले में है। 1 लाख 11 हजार 599 आवेदकों ने बाड़मेर केन्द्र मांगा है। इतने परीक्षार्थियों के लिए इंतजाम करना बड़ा प्रश्न बना हुआ है। जिला प्रशासन ने इसके लिए 176 परीक्षा केन्द्र बना लिए है। जिला मुख्यालय और नगरपालिका क्षेत्र को छोड़ छोटे कस्बों और गांवों में भी परीक्षा केन्द्र है। केन्द्र तो हो गए है लेकिन यहां परीक्षार्थियों का पहुंचना और परीक्षा से पहले और बाद में किसी तरह का हुड़दंग नहीं हों इसके लिए व्यवस्था करना मुश्किल है। इसको लेकर तमाम जतन किए जा रहे है।

रेल मांगी
जिला प्रशासन की ओर से 2 जून की परीक्षा के मद्देनजर रेलवे से मांग की गई है कि इस दिन बाड़मेर जोधपुर के दरम्यान अतिरिक्त रेल चलाई जाए जो परीक्षा समय के पूर्व आए और बाद में जाए। इस रेल में परीक्षार्थी बड़ी संख्या में होने से अन्य यात्रियों को भी परेशानी नहीं होगी और परिवहन को लेकर बड़ी समस्या का समधान हो जाएगा। बाड़मेर, बायतु, बालोतरा से करीब पैंतीस हजार विद्यार्थी परीक्षा देंगे। उसमें से आधे परीक्षार्थी जोधपुर मार्ग के होंगे। इतने सारे परीक्षार्थियों के आवागमन का एकमात्र साधन रेल ही हो सकता है।

नहीं है रोडवेज सुविधा
बाड़मेर में रोडवेज की सुविधा इतनी नहीं है। करीब सौ बसों के फेरे पूरे जिले मे हो रहे है। जोधपुर बाड़मेर मार्ग पर आधा आधा घंटा से बस है। एक बस में पचास सवारी भी जाए तो पंद्रह बीस हजार सवारियों के लिए बसें लगाना मुश्कि हो जाएगा।

मांग की है
प्रशासन ने रेलवे से मांग की है कि अतिरिक्त रेल दी जाए। जो जोधपुर से बाड़मेर के बीच चले। इससे परिवहन संभव हो पाएगा।
अरूण पुरोहित
अतिरिक्त जिला कलक्टर

नहीं दे पाएंगे
जिला कलक्टर को बता दिया है कि रेल नहीं मिल पाएगी। हमें समय पर सूचित नहीं किया गया,इस कारण प्रबंध नहीं हो पा रहा है।
राजेन्द्र जैन
मण्डल रेल प्रबंधक जोधपुर