मंगलवार, 29 मई 2012

दादी-नानी जाएंगी स्कूल



जालोर। दादी और नानी भी बुढ़ापे में स्कूल जाएंगी। सुनने भले ही यह अटपटा लग रहा हो, लेकिन सच है। राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद की ओर से बालिका शिक्षा कार्यक्रम के तहत स्कूलों में दादी-नानी दिवस का आयोजन कर बालिकाओं की दादी या नानी को स्कूलों में आमंत्रित किया जाएगा।

बालिकाओं में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता व निर्णय लेने की क्षमता का विकास करने के लिए प्रदेश के नौ हजार 206 नोडल विद्यालयों और दो सौ कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में दादी-नानी दिवस का आयोजन करवाया जाएगा। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य समुदाय की वरिष्ठ महिलाओं के सहयोग से बालिकाओं व अभिभावकों को शिक्षा के लिए प्रेरित करना हैं। स्कूलों पढ़ने वाली बालिकाओं के दादी-नानी के प्रभाव का उपयोग बच्चों की नियमित उपस्थिति, शिक्षा की अनिवार्यता व शिक्षा के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किया जा सकता हैं।

सुनाएंगी लोक गीत व कहानियां
बालिका शिक्षा प्रभारी अंशुबाला ने बताया कि दादी-नानी दिवस पर स्कूलों में आने वाली वरिष्ठ महिलाएं बच्चो को शिक्षा के महत्व से संबंघित लोक गीत सुनाएंगी। वे कहानियों के माध्यम से भी बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाएंगी। विद्यालयों में 12 जनवरी को दादी-नानी दिवस का आयोजन किया जाएगा।

...और वहां मनेगा करियर डे
जिस दिन नोडल विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में दादी-नानी दिवस मनाया जाएगा। उस दिन माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विवेकानंद जयंती पर करियर डे व युवा दिवस मनाया जाएगा।


इनका कहना...
बालिका शिक्षा के तहत स्कूलों में दादी-नानी दिवस का आयोजन कर समुदाय की वरिष्ठ महिलाओं को स्कूलों में आमंत्रित किया जाएगा। वे बच्चों को शिक्षा के महत्व से संबंघित लोक गीत व कहानियां सुनाएंगी।
जबरसिंह राठौड़, एडीपीसी, सर्व शिक्षा अभियान जालोर

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