रविवार, 4 मार्च 2012

लव, सेक्स और धोखा, भांजे संग भागी मामी

कुरुक्षेत्र-समाना. पिहोवा से भांजे संग भागी तीन बच्चों की मां को समाना सिटी पुलिस ने राजपूत बस्ती से काबू कर लिया है। दोनों को पिहोवा पुलिस के हवाले कर दिया गया। पिहोवा सदर थाने के एसएचओ चौधरी फूल सिंह ने बताया कि पिहोवा के शिंदर सिंह ने अपनी पत्नी के 28 फरवरी से लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई हुई थी।  

शनिवार सुबह समाना पुलिस ने महिला को प्रेमी संग काबू कर लिया। महिला का यमुनानगर निवासी अपने भांजे गुरप्रीत सिंह के साथ कई साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। बताया जाता है कि वह दोनों 5 दिन पहले घर से भाग गए थे

पाकिस्तान विकसित कर रहा है हिंदू तीर्थ

पाकिस्तान विकसित कर रहा है हिंदू तीर्थ

वास्तुकला-नक्काशी का बेहतरीन नमूना
१६ किलोमीटर लंबी साल्ट वैली के शुरुआत में ही पहाड़ के बीचोंबीच कटासराज के मंदिर हैं। यहां अभी भी सात मंदिर सही-सलामत हैं। कटासराज के मंदिरों में वास्तुकला व नक्काशी का अदभुत नमूना मिलता है।







 कटासराज (पाकिस्तान)

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद तीन हजार साल पुराने कटासराज मंदिरों में 65 साल बाद भगवान विराजेंगे। 1947 में हुए बंटवारे के दौरान पलायन करते हिंदुओं ने मंदिर को खतरे में जानकर यहां की मूर्तियों को कुओं में फेंक दिया था। पाकिस्तान सरकार अब उन्हीं मूर्तियों को दोबारा मंदिर में स्थापित कराने जा रही है। ये कोशिश है कटासराज को हिंदू तीर्थ के रूप में विकसित करने की। बताया तो यह भी जा रहा है कि इससे दुनिया में देश की कट्टर छवि भी बदलेगी।

मंदिरों को उनका पुराना स्वरूप दिलाने के लिए ११ करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। यहां हरिद्वार की तर्ज पर घाट बनवाने और मंदिरों के रखरखाव का मॉडल तैयार किया गया। इस पर काम भी शुरू हो चुका है। ऑर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ पाकिस्तान के चीफ कंजरवेटर नसीब शहजाद के मुताबिक आजादी के बाद जब इस क्षेत्र की खुदाई कराई गई तो कुएं से मूर्तियां मिलीं। ये मूर्तियां फिलहाल लाहौर के म्यूजियम में रखी हंै। मंदिरों का काम पूरा होते ही म्यूजियम में रखी मूर्तियों की यहां पुन: स्थापना कर दी जाएगी। यहां एक विश्राम गृह भी बनाया जाएगा।

कटासराज की यात्रा पर आए सनातन धर्मसभा, उत्तर भारत के अध्यक्ष शिव प्रताप बजाज बताते हैं कि पाकिस्तान सरकार के इस कदम से हिंदू सभ्यता और संस्कृति को एक बार फिर से संरक्षित किया जा सकेगा।

ऑर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ पाकिस्तान के अधिकारी यूं तो कहते हैं कि वे यहां के हेरिटेज को बचाना चाहते हैं। लेकिन दबी जुबान से वे स्वीकार करते हैं कि कटासराज की दशा सुधरने से यहां रहने वाले हिंदुओं में पाक सरकार के प्रति नया विश्वास व भरोसा कायम होगा। पाकिस्तान एवेक्यू बोर्ड के डिप्टी चीफ अजहर नजीर सल्लेहरी कहते भी हैं, 'भारत से ननकाना साहिब के लिए सिख तो खूब आते हैं। कटासराज की दशा सुधरने से हिंदू तीर्थ यात्रियों की संख्या भी बढ़ेगी।'

नाइट क्‍लब बंद करने से नहीं होंगे रेप?

नई दिल्‍ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बलात्कार जैसी समस्याओं से निपटने के लिए सुझाव दिया है कि शहरों के नाइट क्लबों को बंद कर दिया जाए। एक फायर ब्रांड राजनीतिक नेता मानी जाने वाली ममता से ऐसी प्रतिक्रिया मिलना बंगाल ही नहीं पूरे देश के लिए दुखद है। कोलकाता को वैसे भी देश के उन शहरों में माना जाता रहा है जो अपने पूरे रवैये में बहुत सुसंस्कृत और प्रगतिशील है।
 
यही वो शहर है जहाँ सबसे पहले नाइट क्लबों की शुरुआत हुई। नाइट क्लबों को यहाँ केवल सेक्स और ऐश का केंद्र नहीं माना जा सकता। उषा उत्थुप जैसे कुछ प्रतिष्ठित पॉप सिंगर्स ने यहाँ आधुनिक भारतीय संगीत को संवर्धित भी किया है। और अगर ऐसा ना भी हुआ होता, तो बलात्कार की समस्या से निपटने का ये कौन सा तरीका हुआ। यह तो लगभग ऐसा ही है कि शिकारी को आता देख कर कबूतर खुद अपनी आँखें बंद कर ले।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल ने भी डांस बारों पर रोक लगा कर कुछ ऐसा ही करना चाहा था। विडम्बना ये है कि ममता ने तो स्त्री होकर ऐसा स्त्री विरोधी सुझाव दिया है। ऐसी मोरल पोलिसिंग का सटीक जवाब मिला था प्रमोद मुथालिक को, जिनके घर में महिलाओं ने पिंक पेंटीज भेज कर वेलेंटाइन डे पर कपल्स की पिटाई करने पर विरोध जताया था। पहले बलात्कार को ओपोज़िशन की साज़िश बताना और फिर उसके हल के रूप में इस तरह के प्रतिबंधों का सुझाव देना ना केवल ये बताता है कि मुख्य मंत्री जी राजनीतिक हवस में स्त्री-पुरुष व समाज के सरोकारों से ऊपर उठ कर महज़ एक राजनीतिक प्राणी बन गयी हैं बल्कि सांस्कृतिक तथा बौद्धिक तौर पर दिवालिया भी हो गयी हैं।

एक तरफ तो हम बात करते हैं बाज़ार और समाज को खोलने की, वैश्वीकरण की, जिसमे सभी तरह का खुलापन शामिल है, दूसरी तरफ हम अपने समाज पर इस तरह के अतार्किक प्रतिबन्ध लगा कर बलात्कार जैसी समस्या के सुलझने की आशा करें - ये अब दुखद होने की सीमा को लांघ कर हास्यास्पद हो गया है। फिर हमारे 'उदार' समाज और दुनिया के रुढ़िवादी समाजों में क्या फर्क रहा जहाँ महिलाओं को अंग्रेजी साहित्य भी गुपचुप पढने के लिए बाध्य होना पड़ता है।

एक समाज की स्थिति को इस बात से आँका जाता है कि उसकी स्त्रियों के साथ कैसा व्यवहार हो रहा है। हमारे यहाँ मामला और भी जटिल हो गया है। हम अब हर सामाजिक समस्या को सीधे तौर पर राजनीति से जोड़ने लगे हैं जो गलत है। हर बात का ठीकरा राजनीति पर नहीं फोड़ा जा सकता। अगर समाज में बलात्कार हत्या जैसे अपराध बढ़ रहे हैं तो उनका उपचार स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाना नहीं बल्कि उसे एक स्वस्थ वातावरण देना है। स्त्रियाँ अगर दिखाई नहीं देंगी तो बलात्कार कि समस्या ख़त्म हो जायेगी- यह मानना तो अपने आप में ही मूर्खतापूर्ण है। जिन समाजों में स्त्री को घर के अन्दर ही रखा जाता है और जो 'होलिएर देन दाऊ' का रवैया रखते हैं, वहां महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार होते हैं, बस आपको सुनाई नहीं देते क्योकि महिलाओं को अपनी आवाज़ पर ही अधिकार नहीं।

एक शहर के क्लबों, डांस बारों को बंद करके उसकी विशिष्ट संस्कृति का हम गला घोंट देते हैं, इससे अपराध ख़त्म या कम नहीं हो सकते। प्रतिबन्ध लगाने का चलन समाज में पतनशीलता का द्योतक है और उसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था के हर कोने से भर्त्सना होनी चाहिए।

ब्रह्मोस मिसाइल का अचूक परीक्षण, दहल उठी पाक सीमा

ब्रह्मोस मिसाइल का अचूक परीक्षण, दहल उठी पाक सीमा
भारतीय सेना ने जमीन से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस- वर्जन 2 का रविवार को पोखरण के चांदन फायरिंग रेंज से सफल परीक्षण किया। इस दौरान मिसाइल के धमाके से पाकिस्तानी सीमा के नजदीक का इलाका थार दहल उठा।
 

अजासर गांव में काल्पनिक ठिकाने पर मिसाइल का अचूक निशाना भेद कर सेना ने अपनी मारक क्षमता दिखाई। लेकिन मिसाइल गिरने पर एक खेत में आग लग गई है। हालांकि इससे जान माल को हानि नहीं हुई है। गौरतलब है कि महाजन फायरिंग रेंज में यूएस आर्मी एक्सरसाइज करने पहुंच चुकी है। पाक मिसाइल हत्फ के परीक्षण के मद्देनजर ब्रह्मोस मिसाइल का पौने सात महीने में यह दूसरा परीक्षण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


भारतीय सेना और डीआरडीओ के उच्चाधिकारियों की मौजदूगी में रविवार सुबह 10.30 बजे चांदन फायरिंग रेंज से ब्रह्मोस मिसाइल से निशाना दागा गया। तेज धमाके के साथ इस मिसाइल ने कुछ पलों में ही टारगेट भेद दिया। तेज धमाके के साथ मिसाइल के टारगेट भेदने के साथ ही वहां घास में चिंगारी से आग लग गई। कुछ पल में वहां आग फैलने पर पुलिस को सूचना दी गई। इस पर नाचना थानाधिकारी ने मौके पर पहुंच दमकल की मदद से आग बुझाई गई। जैसलमेर एसपी ममता विश्नोई ने बताया कि आग से जान और माल की हानि की कोई सूचना नहीं है।


70 किमी जमीनी दूरी पर दागा निशाना


अजासर रेंज से हवाई दूरी करीब 28 किमी है। जबकि जमीनी दूरी करीब 70 किमी है। अजासर पाकिस्तान सीमा से करीब सवा किमी दूर है। उल्लेखनीय है कि ब्रह्मोस--2 मिसाइल का इससे पूर्व 12 अगस्त 2011 को सफल परीक्षण किया गया था। इससे पहले 4 मार्च 2007 को मिसाइल ट्रायल के दौरान निशाना चूक गई थी। बाद में 28 मार्च को इसका दुबारा परीक्षण किया गया जो सफल रहा था।


पहले चाइना सेना और अब अमेरिकी सेना


ब्रह्मोस मिसाइल का इससे पूर्व 12 अगस्त को परीक्षण किया गया था। तब सीमा पार पाकिस्तान में चाइना और पाक सेना का संयुक्त अभ्यास चल रहा था । इस बार महाजन फायरिंग में यूएस आर्मी भारतीय सेना के साथ संयुक्त अभ्यास करने पहुंची है। इधर, भारतीय सेना के साठ हजार जवान भी वहां युद्धाभ्यास की तैयारी में लगे हुए है।


फायरिंग टेस्ट का मकसद


पाकिस्तान ने अपनी एक तिहाई सेना अलकायदा के आतंकवादियों से लडऩे के लिए अफगान सीमा पर लगा रखी है। भारतीय सेना का ध्यान बंटाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने एक रणनीति के तहत रेगिस्तानी इलाके में मिसाइल हत्फ का परीक्षण किया था। बीते दिनों पाक मीडिया में इस तरह की खबरें प्रकाशित हुई थीं कि भारतीय शहरों को अपने निशाने पर लेने के लिए पाकिस्तान परमाणु शस्त्र वहन करने में सक्षम 24 मिसाइल सेना में शामिल कर रहा है।


रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की इन गतिविधियों को देखते हुए भारतीय सेना ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण कर यह संकेत देना चाहती है कि वह हर स्थिति से निपटने में सक्षम है। गौरतलब है कि रेगिस्तान में कभी जंग होने की स्थिति में युद्धक टैंकों और मिसाइलों की अहम भूमिका होगी।

शनिवार, 3 मार्च 2012

यूपी में सपा नम्बर 1, बसपा नम्बर 2

यूपी में सपा नम्बर 1, बसपा नम्बर 2
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के अंतिम चरण के मतदान के बाद एक्जिट पोल सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है जबकि पंजाब उत्तराखंड और मणिपुर में कांग्रेस सत्ता में लौटने में कामयाब दिख रही है। टीवी चैनलों के एक्जिट पोल के नतीजों के अनुसार उत्तर प्रदेश की 403 सीटों वाली विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) सबसे बडे दल के रूप में उभर सकती है हालांकि उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिल रहा है।

इसी तरह पंजाब और उत्तराखंड में भी चौकाने वाले एक्जिट पाल आ रहे हैं। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आना माना रहा है। यूपी में भाजपा को चौथे नम्बर पर बताया जा रहा है। चौकाने वाली बात यह है कि भाजपा की स्टार प्रचारक उमा भारती की सीट पर भी जीत नजर नहीं आ रही। स्टार न्यूज तो बुंदेलखंड में भाजपा का खाता भी नहीं खुलने की बात कह रहा है।


हेडलाइन्स टुडे के सर्वेक्षण के अनुसार सपा को 195 से 210 सीटें, बहुजन समाज पार्टी को 88 से 98 सीटें, भारतीय जनता पार्टी को 50 से 56 सीटें और कांग्रेस को 38 से 42 सीटें मिलने की उम्मीद है जबकि न्यूज 24 चैनल के मुताबिक सपा की झोली में 185 सीटें आने की संभावना है जबकि बसपा को 85 तथा कांग्रेस और भाजपा दोनों को 55-55 सीटें मिलने का अनुमान है। स्टार न्यूज नीलसन के सर्वे में सपा को 160 बसपा को 86 भाजपा को 80 तथा कांग्रेस एवं राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन को 70 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

इंडिया टीवी ने सपा को 141 बसपा को 126 भाजपा को 83 और कांग्रेस रालोद गठबंधन को 36 सीटे, न्यूज 24 ने सपा को 185 बसपा को 85 भाजपा को 55 एवं कांग्रेस रालोद गठबंधन को 55 सीटें हासिल होने का अनुमान व्यक्त किया है। टाइम्स नाऊ और सहारा समय के पोल के मुताबिक यूपी में सपा को 140-150 सीटें, बीएसपी को 100-110, बीजेपी को 80-90 और कांग्रेस को 60-70 सीटें मिल सकती है। इसी तरह जी न्यूज ने समाजवादी पार्टी को सबसे ज्यादा 195-210 सीटें दी हैं।

अब पूनम पाण्डे पर भड़की चित्रांगदा सिंह



मुंबई। अभी सोशल नेटवर्किग साइट टि्वटर पर लेखिका तस्लीमा नसरीन और मॉडल पूनम पांडे के बीच मामला शांत हुआ ही नहीं था कि फिल्म अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह ने भी पूनम पांडे पर निशाना साधा हैं। चित्रा ने टवीट् किया है कि पूनम पांडे से कैसे आप प्रतिस्पर्धा कर सकते है जब वह कबड्डी मैच की खातिर न्यूड होने को तैयार रहती है। कहा जा रहा है कि पूनम ने इस टवीट् का जवाब नहीं दिया हैं।


कहा जा रहा है कि पूनम पांडे और चित्रांगदा सिंह के बीच झगड़ा काफी पुराना है। चित्रांगदा ने एक छोटा ही सही लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में मुकाम तो हासिल कर ही लिया है। वहीं पूनम ने अभी किसी फिल्म में काम नहीं किया फिर भी वह हॉट तस्वीरें और सनसनीखेज ट्वीट के जरिए सुर्खियों में बनी हुई है। हाल ही में पूनम ने ट्वीटर पर अपनी हॉट तस्वीरें अपलोड कर सनसनी मचाई थी।


गौरतलब है कि कुछ दिन पहले तस्लीमा ने पूनम पांडे पर टि्वटर पर अभ्रद टिप्पणी की थी। जिसके बाद पूनम ने भी टवीट् पर जवाब दिया था। ज्ञात है कि पूनम पांडेे विश्व कप क्रिकेट टीम में टीम इंडिया के जीत हासिल करने पर न्यूड होने की बात कह के चर्चा में आई थी।

गिरफ्तार कुशवाहा ने घोटाले में मायावती को घसीटा

 

नई दिल्ली.एनएचआरएम घोटाले उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक जांच अधिकारियों ने बाबू सिंह कुशवाहा को बता दिया है कि उन्हें कानूनी तौर पर हिरासत में ले लिया गया है। अब बाबू सिंह कुशवाहा को गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में पेश किया गया। बसपा विधायक रामप्रसाद जायसवाल को भी सीबीआई ने कुशवाहा के साथ गिरफ्तार किया है।

अदालत में कुशवाहा ने कहा कि एनएचआरएम घोटाले से संबंधित फंड इस्तेमाल करने का फैसला स्वास्थ्य कमेटी ने लिया था। यूपी की मुख्यमंत्री मायावती उस कमेटी की अध्यक्ष थी जबकि मैं उपाध्यक्ष था। कुशवाहा ने अपनी सफाई में कहा कि मेरे कार्यकाल से पहले ही विभाग में घोटाले जारी थे लेकिन सारा दोष मेरे मत्थे मढ़ दिया गया है, मैं पूरी तरह निर्दोष हूं।
उत्तर प्रदेश में हुए एनएचआरएम घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने आज कुशवाहा पूछताछ के लिए बुलाया था। कुशवाहा सुबह से ही सीबीआई के दफ्तर में मौजूद हैं। सीबीआई एक निजी कंपनी को ठेका दिए जाने के मामले में पूछताछ कर रही है, सूत्रों के मुताबिक बाबू सिंह कुशवाहा सीबीआई के सवाबों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे थे।
गौरतलब है कि कुशवाहा उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार में परिवार कल्याण मंत्री थे। भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद मायावती ने उन्हें मंत्रीपद से हटाकर पार्टी से निकाल दिया था। इसके बाद कुशवाहा भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन राजनीतिक दवाब के चलते कुशवाहा की बीजेपी सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी।
भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कुशवाहा की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सवाल यह है कि कुशवाहा को इतनी देर से क्यों गिरफ्तार किया गया। कुशवाहा ने खुद कहा था कि बीजेपी को परेशानी न हो इसलिए मेरी सदस्यता रद्द कर दी जाए। वो सिर्फ पिछड़ों के हक के लिए हमारे साथ थे। हम स्वीकार करते हैं कि पिछड़े और अति पिछड़े वोट मुस्लिम आरक्षण के विरोध के मुद्दे पर हमारे साथ जुड़े। कुशवाहा के कारण निश्चित तौर पर बीजेपी को चुनावों में फायदा हुआ है।
ठीक चुनाव समाप्त होते ही कुशवाहा की गिरफ्तारी बताती है कि सीबीआई का किस तरह से दुरुपयोग किया जा रहा है। कुशवाहा अगर गुनाहगार हैं तो फिर उन्हें सजा दी जाए लेकिन सिर्फ उन्हें ही निशाना बनाया जाए यह गलत है।




एक प्रण परिवर्तन का', अभियान हुआ आगाज 
सेकड़ो बच्चों ऩे लिया परिवर्तन का प्रण 
होली तक विभिन्न आधारों से होगी समझाईस 
बाड़मेर 
होली बरसो से हर किसी के लिए जहा खास पर्व है । इस दिन जहा हर कोई सारे गिले शिकवे मिटा कर अपनाईयत के रंग में रंग जाता है लेकिन इस दिन रंगों के साथ होने वाले पानी के अपव्यय पर सोचना आज की सबसे बड़ी जरूरत है इस बात को आधार बना कर सीसीडीयू राजस्थान राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन की ओर से शनिवार से एक प्रण परिवर्तन का अभियान शुरु किया । आगामी होली तक कई आधारों को लेकर जारी रहने वाले इस अभियान का आगाज स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विधालय से हुआ । सीसीडीयू के आईईसी कंसलटेंट अशोक सिंह राजपुरोहित ने बताया कि एक प्रण परिवर्तन का से अभियान के तहत आज के दोर में बदलाव का सबसे बड़ा आधार बनने वाले स्कूली विद्यार्थियों को इस बार होली पर पानी बचाने के पर्व के रूप में मनाने का प्रण दिलाने के मानस को धरातल पर उतरा गया । शनिवार को स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विधालय में सेकड़ो बच्चों को इस बात का प्रण दिलाया गया कि होली पर न तो केमिकल रंगो का उपयोग करेंगे और न ही पानी की फिजूलखर्ची करेगे । सीसीडीयू राजस्थान राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन दवारा तैयार किये गए प्रण पत्र का वाचन तथा उस पर हर बच्चे को प्रण दिलाया गया। इस मोके पर सरस्वती विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विधालय की प्रधान पुष्प कंवर शेखावत ऩे बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि होली का यह सतरंगी त्योंहार रंगपंचमी तक हमें चाहेअनचाहे न सिर्फ रसायन व केमिकल मिश्रीत घातक रंगों के बल्कि उत्साह के चरमोत्कर्ष के समय धूल, मिट्टी व कीचड का भी रंगों की जगह प्रयोग करने वाले उत्पातियों के सम्पर्क में रखेगा । एक ओर इन केमिकल मिश्रीत रंगों के सम्पर्क में आने से जहाँ त्वचा में जलन व खुजली जैसी समस्याओं के साथ ही स्कीन एलर्जी व मुंहासों की समस्या का जनसामान्य को बहुतायद से सामना करना पडता है वहीं इनके आंखों में चले जाने से नजरों से जुडी समस्याएँ अंधत्व की सीमा तक प्रभावित व्यक्ति को हानि पहुँचा सकती हैं । इनसे बचने के लिये प्राकृतिक रंगों के प्रयोग की यदि बात की जावे तो संभव है कि आप तो इन प्राकृतिक रंगों का प्रयोग कर रहे हों । इन स्थितियों में इसके घातक प्रभावों से स्वयं को यथासम्भव बचाते हुए ही इस त्यौंहार को मनाना सर्वश्रेष्ठ विकल्प हो सकता है । इस मोके पर विधालय के अर्जुनराम विश्नोई ऩे बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि होली बेशक रंगों का त्योहार है लेकिन इसमें रासायनिक रंगों के इस्तेमाल से न सिर्फ पानी का अपव्यय होता है बल्कि स्किन और आंखों के लिए भी नुकसानदायक है। इसलिए बेहतर है हम अबीरगुलाल के साथ सूखे रंगों से होली खेलें, ताकि त्योहार की उमंग भी बरकरार रहे और पानी बचाने में हम सहयोग भी दे सकें।गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। आम दिनों में जहां एक व्यक्ति को प्रतिदिन 70 से 80 लीटर पानी बमुश्किल मिल पाता है वहीं गर्मी में डिमांड 90 से 100 लीटर तक पहुंच जाती है लेकिन मिलता उतना नहीं है। होली पर सबसे ज्यादा पानी बर्बादी की जाती है, खासकर रासायनिक रंगों के प्रयोग से अपव्यय और ब़ जाता है, क्योंकि ये रंग आसानी से छूटते नहीं हैं। इस होली पर यदि हम रासायनिक रंगों का इस्तेमाल न करें और पानी की बचत व त्वचा की रक्षा के लिए अबीरगुलाल के साथ सूखी होली खेलें तो 9 करोड़ 90 लाख लीटर पानी की बचत कर सकते हैं। इस मोके पर विधालय के अध्यापक जालम सिंह , जसवंत सिंह , मीना कोडेचा ऩे भी बच्चों को होली के पर्व को सादगी और अबीर गुलाल से मनाने की बात कही । आगामी दिनों में एक प्रण परिवर्तन का, अभियान के तहत विभिन्न मोहल्लों में जाकर परिवार के सभी सदस्यों के साथ साथ बच्चों को भी सीख दी जाएगी कि वे अपने आस पड़ौस के लोगों को भी होली के पर्व पर गुब्बारों, केमिकल रंगो और त्वचा पर हानिकारक प्रभाव डालने वाले रंगों का उपयोग करने से रोके। इस अभियान का मकसद ना केवल पानी का अपव्यय रोकना है बल्कि होली जैसे पावन पर्व का पारंपरिक स्वरूप लौटाना भी है साथ ही हर बाड़मेर वासी को इस बात को समझाना है कि होली पर रोज की खपत से तीन गुना ज्यादा पानी बर्बाद होता है। सूखी होली खेलें तो काफी पानी की बचत हो सकती है। हर्बल पावडर में नेचुरल डाई होती है। सिंथेटिक डाई के मॉलीक्यूल स्किन व कपड़े में अंदर की पोर के टैक्सचर में चले जाते हैं जो मुश्किल से निकलते हैं जबकि ऑर्गेनिक में ऐसा नहीं होता। पानी की बर्बादी रोकने के लिए गुलाल से होली खेलना ही समय की जरूरत है। । 

होली मनाने के लिए घर लौटने का सिलसिला शुरू


होली मनाने के लिए घर लौटने का सिलसिला शुरू



बाड़मेर होली को अब महज चार दिन बचे हैं। गांवों में फाल्गुन गीतों की गूंज देर रात तक सुनाई देने लगी है। परदेस गए कमाऊ पूत घर लौटने के साथ गांव-ढाणी में अपने दोस्तों से गले मिल पर्व को मनाने की तैयारी में जुटे है। पर्व को लेकर शुक्रवार को बाजारों में खरीदारी भी तेज होती दिखाई दी।

जिले में होली के पर्व को लेकर जबरदस्त उत्साह है। होली का पर्व नजदीक आने के साथ ही दूर -दूर तक छितराई ढाणियों में शाम ढलते ही फाल्गुनी गीत गूंजने शुरू हो गए हैं। मजदूरी के लिए परदेस गए कमाऊ सपूतों के घर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। पड़ोसी राज्यों से आने वाली बसों व ट्रेनों में सैकड़ों युवा घरों की ओर लौट रहे हैं। हालत यह है कि गुजरात से आने वाली बसों की छत पर भी कई युवा जैसे तैसे पर्व पर घर पहुंचने की जुगत में सफर करते नजर आए। गुजरात के कांडला से आए किशन सिंह सोढ़ा ने बताया कि चार माह तक मजदूरी करने के बाद होली के पर्व पर अपने भाइयों के साथ होली खेलूंगा। अहमदाबाद से आए हिम्मताराम ने बताया कि दो साल बाद वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ होली का पर्व मनाएगा।

गूंजने लगे फाल्गुनी गीत. चंग रौ धमिड़ो तो म्हैं मेहळा बैठी सुणियौ रे.., होली

आई रे बालमा.. सरीखे फाल्गुनी गीत, चंग की थाप पर ठुमके लगाते युवक ओर लूर पर नृत्य करती महिलाएं। यह नजारा हर गांव ढाणी में देखने को मिल रहा है।

ढूंढ की तैयारियां शुरू. होली के पर्व पर बच्चों को ढूंढने की परंपरा आज भी कायम है। महिलाओं ने बच्चों की ढूंढ के लिए सामग्री खरीदना शुरू कर दी है। ननिहाल पक्ष की ओर से बच्चों की ढूंढ़ लाने का रिवाज है। ऐसे में जिन बच्चों के जन्म के बाद पहली होली है, उन्हें ढूंढने की रस्म अदायगी की जाएगी।

कल्याणपुर मौज-मस्ती के त्यौहार होली में चार दिन बचे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के गली-मौहल्लों में फागण के गीत गूंज रहे हैं। वहीं परंपरागत होली के गीतों की कैसेट व सीडियों की भी बाजार में खूब बिक्री हो रही है। पिछले कुछ सालों से देसी गीतों पर डीजे हावी हो चुका है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी होली के गीतों का देशी पैटर्न ही पसंद किया जाता है। नाचण दे चंग पे उड़ती निंदड़ली, मामी गावे फाग न फागण आयो जी, मेहमान एडी रे ठुमके रसीलो फागण, रंग-रंगीली होली डीजे पर नाचू फागण व गाया चरावण कुण जासी सरीखे गीत लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं।



कम सुनने को मिलती है चंग की आवाजें

होली के त्यौहार का मजा चंग की थाप के बिना अधूरा माना जाता है लेकिन वर्तमान में कैसेट व सीडी में बजने वाले होली गीतों की धुनों में चंग की थाप सुनाई नहीं दे रही है।

सुप्रीम कोर्ट में होगी सोनिया के विदेशी मूल पर सुनवाई


सुप्रीम कोर्ट में होगी सोनिया के विदेशी मूल पर सुनवाई 
उच्चतम न्यायालय ने एक याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया जिसमें सवाल किया गया है कि क्या विदेशी मूल का कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक पद पर आसीन हो सकता है। न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति सी के प्रसाद ने इस मुद्दे की सुनवाई को तेजी से किये जाने का समर्थन किया जिसे एक सामाजिक राजनीतिक संगठन राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा ने उठाया है।

मोर्चा ने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी जिसने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। इसमें कहा गया था कि इटली मूल की होने के नाते वह किसी भी संवैधानिक पद को संभालने की हकदार नहीं हैं।

अपनी याचिका में आरएमएम ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि वर्ष 1999 में राजग सरकार द्वारा संसद में विश्वास मत खो देने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। शीर्ष न्यायालय ने इस मुद्दे पर अप्रैल 2007 में केंद्र और और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। इस बीच केंद्र ने अभी तक कोई शपथ पत्र दाखिल नहीं किया है और शीर्ष अदालत से इसको अंतिम सुनवाई के लिए रखने को कहा है। चुनाव आयोग ने कहा था कि जो केंद्र का दृष्टिकोण होगा वहीं उनका भी दृष्टिकोण होगा।

चार दिनों से बिना बिजली व पानी के रह रहे हैं बॉर्डर के डेढ़ दर्जन गांव

चार दिनों से बिना बिजली व पानी के रह रहे हैं बॉर्डर के डेढ़ दर्जन गांव

बाड़मेर
बॉर्डर के करीब अठारह गांव पिछले चार दिन से अंधेरे में डूबे हैं। गडरा स्थित 132 केवी जीएसएस से जुड़े करीब डेढ़ दर्जन गांवों में बिजली आपूर्ति ठप है। बिजली गुल रहने से रोजमर्रा के कामकाज बाधित रहने के साथ ही नियमित जलापूर्ति भी बाधित हो रही है। डिस्कॉम अधिकारियों ने गडरा स्थित जीएसएस में तकनीकी खराबी का हवाला देते हुए तुरंत ठीक करने का दावा किया है।

गडरा स्थित डिस्कॉम के 132 केवी जीएसएस से सुंदरा, पुंजराज का पार, बंधड़ा, बिकूसी, कुबडिय़ा, गिराब, चेतरोड़ी, खारची, गिराब, जुडिय़ा समेत डेढ़ दर्जन से अधिक गांव व ढ़ाणियां जुड़ी है। यहां पर पिछले चार दिन से बिजली आपूर्ति बंद पड़ी है। गडरा स्थित जीएसएस में तकनीकी खराबी आने के कारण यहां सप्लाई ठप है। सरहदी गांवों में शाम के समय अंधेरा पसर जाता है। साथ ही रोजमर्रा के कार्यों के साथ जरूरी कार्य भी बाधित है। इतना ही नहीं जलदाय विभाग की विभिन्न गांवों में नियमित जलापूर्ति भी लडखड़़ा चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि डिस्कॉम के गिराब स्थित कार्यालय के कार्मिकों से संपर्क करने पर वे गडरा स्थित फीडर में खराबी की बात कह रहे हैं। जबकि गडरा के कार्मिक गिराब फीडर में खराबी का हवाला दे रहे हैं।

॥सरहदी गांवों में पिछले चार दिन से बिजली आपूर्ति ठप है। इस संबंध में डिस्कॉम के स्थानीय अधिकारियों व कार्मिकों को अवगत करवाने के बावजूद बिजली सप्लाई शुरू नहीं की गई है। इसके चलते ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

गुलाबसिंह, अध्यक्ष ग्राम सेवा सहकारी समिति गिराब।

॥गडरा स्थित 132 केवी जीएसएस में खराबी आने से सरहदी गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। शुक्रवार को तकनीकी खराबी दुरुस्त करने के बाद नियमित बिजली आपूर्ति शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मांगीलाल जाट, अधिशाषी अभियंता डिस्कॉम बाड़मेर।

गडरारोड स्थित 132 केवी जीएसएस में तकनीकी खराबी से बिजली आपूर्ति ठप, बिजली आपूर्ति बंद होने से लडख़ड़़ाई जलापूर्ति

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सरहदो को जोड़ने के लिए सरकारी प्रयासो का इंतजार

पथरा गई आंखे
 
जैसलमेर। दो पड़ौसी मुल्को की सरहदो व दिलो के तारो को जोड़ने के लिए मुनाबाव-खोखरापार रेल सुविधा केंद्र सरकार ने भले ही शुरू कर दी हो, लेकिन सामरिक दृष्टि से देश के सीमान्त दो पड़ौसी जिलों जैसलमेर व बाड़मेर को रेल लाइन से जोड़ने के लिए सरकारी नजरें आज तक इनायत नहीं हो पाई हैं। आज भी दोनो जिलों के वाशिंदो की आंखे एक-दूसरे की सरहदो को जोड़ने के लिए सरकारी प्रयासो का इंतजार कर रही है।

आजादी के बाद 65 सालो मे जैसलमेर जिले के सौन्दर्यकरण के लिहाज से कई विकासात्मक परिवर्तन हुए, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि जैसलमेर को उसके पड़ौसी जिले बाड़मेर से आपस मे रेल से जोड़ने के लिए आज तक कोई सरकारी कवायद नहीं हुई है। आवागमन के साधनो के विकास के साथ जैसलमेर में प्रदेश ही नहीं देश-विदेश से लोगो की आवक बढ़ी है, लेकिन बाड़मेर जिले के बाशिंदो को जैसलमेर आने व जैसलमेर से बाड़मेर जाने वाले लोगो को आज भी अपर्याप्त बसों व निजी वाहनो का सहारा लेना पड़ता है।

रिश्तो व व्यापार से जुड़े हैं तार
दोनो सरहदी जिलो जैसलमेर व बाड़मेर मे रहने वाले लोगो के बीच बेहद जुड़ाव है। दोनो जिलो मे रहने वाले बाशिंदे जहां रिश्तो की डोर से बंधे हैं, वहीं व्यापारिक लिहाज से भी दोनो जिलो के तार बंधे है। हर दिन सैकड़ो लोगो की आवाजाही एक-दूसरे जिलो मे होती रहती है। ऎसे मे रेल सेवा की सुविधा नहीं होना दोनो पड़ौसी जिलो के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। हालांकि दोनो जिलों से परस्पर रेल मार्ग से सरहदो को जोड़ने की मांगे पिछले कई सालों से उठ रही हैं, लेकिन न तो प्रशासनिक स्तर पर कोई सुनवाई हुई और न ही जनप्रतिनिधि आगे आए हैं। ऎसे मे वर्षो से दोनो जिलो की सरहदो के रेल मार्ग को आपस मे जुड़ने का इंतजार कर रहे लोगो की आंखे पथरा गई है।

यह है स्थिति
जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर पांच जोड़े रेल गाडियो का संचालन हो रहा है। इनमे दो जोड़े जैसलमेर- बीकानेर मार्ग, दो जोड़े जैसलमेर-जोधपुर व एक जोड़ा जैसलमेर दिल्ली मार्ग पर संचालित हो रहे हैं। गौरतलब है कि जैसलमेर के एक और पड़ौसी जिले बीकानेर के बीच भी रेल सेवा करीब पांच साल पहले ही शुरू हुई है।

थार महोत्सव 2012


देश-दुनिया में गूजेंगे थार के तराने

थार महोत्सव 2012



बाड़मेर हर साल होने वाला थार महोत्सव इस बार कुछ खास होगा। थार में जो गीत गुनगुनाएं जाएंगे, उनकी आवाज देश के राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन के जरिये पूरे देश में सुने जाएंगे। पर्यटन विषय के जर्नलिस्ट व फोटोग्राफर थार उत्सव का कवरेज करेंगे। इतना ही नहीं आईटीडीसी की जनरल मैनेजर सुधा चंद्रा भी इसमें शिरकत करने बाड़मेर आएंगी। भारतीय पर्यटन विकास निगम नई दिल्ली के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. ललित के पंवार नेखास बातचीत में बताया कि थार महोत्सव में पहली बार पर्यटन फोटोग्राफी के नामी फोटोग्राफर पॉल एफ गिलोटा थार उत्सव को कैमरे में कैद करने बाड़मेर आएंगे। इतना ही नहीं उनके साथ जाने माने पर्यटन लेखक भी आएंगे।

रण क्षेत्र को लेकर बनेगी योजना

थार से जुड़े रण कच्छ क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं के मद्देनजर आईटीडीसी आगामी दिनों में नई योजना बनाने को लेकर काम करेगा। उम्मीद है कि रण में पर्यटन के लिहाज से पर्यटकों को आकर्षित करने को लेकर आईटीडीसी, आरटीडीसी और जिला प्रशासन के बीच वार्ता का दौर हो सकता है।

पाकिस्तान में ईसाई महिला का बाल मुंडवा कर सड़कों पर घुमाया

लाहौर.पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के एक गांव में एक ईसाई महिला को उसके कथित इस्लाम विरोधी विचारो के कारण एक भीड़ ने बेहरमी से यातनाएं दी और उसे गांव की सड़कों पर घुमाया।
 
स्थानीय निवासियों और पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को इस घटना की जानकारी दी।

लाहौर से 80 किलोमीटर दूर स्थित सियालकोट जिले के कोट मेरठ गांव के कोई 30 निवासियों ने सीमा बीबी नाम की इस महिला को 26 फरवरी को उसके घर से बाहर निकाल कर पहले उसके बाल मुंडवाए और फिर सड़कों पर उसकी परेड कराई। स्थानीय निवासियों के मुताबिक घटना के बाद अपनी जान बचाने के लिए सीमा बीबी और उसके परिवार ने गांव छोड़ दिया।

कोट मेरठ के एक निवासी असलम मसीह ने बताया "सीमा और उसका परिवार को उग्रवादी ग्रामीणों के एक समूह से धमकियां मिल रही थी। लिहाजा गांव छोड़ने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं बचा था।'


क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख मोहम्मद अमीन ने बताया कि 26 लोगों को सीमा बीबी को यातनाएं देने के आरोप में गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। अमीन ने बताया कि पुलिस को सीमा और उसके परिवार वालो के बारे फिलाहाल कोई जानकारी नहीं है।


अमीन ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने सीमा बीबी के इस्लाम विरोधी विचारों के लिए उनपर हमला कर उन्हें यातनाएं दी। उन्होंने बताया कि गांव में मुसलमानों और ईसाइयों के बीच तनाव को देखते हुए पुलिस ने अपनी गश्त बढ़ा दी है।

रंजिश में ली तीन जनों की जान

रंजिश में ली तीन जनों की जान
बीकानेर। बज्जू क्षेत्र के देवड़ों की ढाणी में शुक्रवार शाम रंजिश के चलते जीवण सिंह राठौड़ (50) सांग सिंह (30) व करणी सिंह (30) की हत्या कर दी गई। इनमें से सांग सिंह को झोंपड़े में जिन्दा जला दिया गया। पुलिस महानिरीक्षक टी. गुईटे ने बताया कि बज्जू थाने से करीब 45 किलोमीटर दूर देवड़ों की ढाणी में लगभग ढाई साल पहले दो गुटों में झगड़ा हुआ था।


इस दौरान जीवण सिंह राठौड़ ने तेजमाल सिंह देवड़ा की हत्या कर दी थी। दो माह पहले जीवण सिंह जेल से बाहर आया था। शुक्रवार को गांव में दोनों पक्षों के बीच झगड़ा खत्म करने के लिए पंचायत बैठी थी। इस दौरान शाम साढ़े छह बजे दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। एक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया।