सोमवार, 21 मई 2012

बीपीएल सूची में सरपंच व ठेकेदार!


बीपीएल सूची में सरपंच व ठेकेदार!

बाड़मेर गरीबी का दंश भोग रहे परिवार बीपीएल सूची में शामिल होने को भले ही मोहताज हों, मगर कई रसूखदार गरीबों की योजनाओं की मलाई खा रहे हैं। जिले की बीपीएल सूची में कई करोड़पति, जनप्रतिनिधि व ठेकेदार तक शामिल हैं। जो सालों से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। जिम्मेदार रसूखदारों के नाम बीपीएल सूची से हटाने की जहमत नहीं जुटा पा रहे हैं। नतीजतन गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवार सरकारी इमदाद से महरूम हैं।

दो जून की रोजी रोटी को मोहताज परिवारों को सरकारी योजनाओं से लाभांवित करने के लिए बीपीएल सूची में शामिल करने का प्रावधान है। मगर लचर व्यवस्थाओं का फायदा उठाते हुए रसूखदार भी बीपीएल बन रहे हैं। पैसे से करोड़पति हैं लेकिन वे बीपीएल सूची में शामिल होने से सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ उठा रहे हैं।

ग्राम पंचायत जाखड़ों की ढाणी सरपंच हेमंत कुमार बीपीएल सूची में हैं। इनका सर्वे फार्म क्रमांक 136576 दर्ज है। वरीयता सूची में प्राप्तांक 9 है। जिसके आधार पर चयन कर रखा है। इंदिरा आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत है। साथ ही अन्य योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। इसी तरह ग्राम पंचायत रमजान की गफन में सी क्लास ठेकेदार मुरीद खां भी बीपीएल सूची में हैं। वह पीएचईडी के ठेकेदार हैं। यह तो सिर्फ बानगी है जिले की बीपीएल सूची में दर्जनों रसूखदार शामिल हैं। वे पिछले कई वर्षों सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।

बीपीएल सूची में नाम जोडऩे की प्रक्रिया है। इसके लिए ग्राम पंचायत से प्रस्ताव तैयार कर तहसीलदार या एसडीएम के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया जाता है। इसके बाद आवेदन जिला परिषद को भेजना प्रस्तावित है। जिला परिषद में वरीयता सूची के आधार पर बीपीएल में चयन किया जाता है। संबंधित परिवार भूमिहीन होने के साथ वार्षिक आय 40 हजार रुपए से कम होनी चाहिए।




क्या है चयन प्रक्रिया



कर्मचारियों की मिलीभगत
॥सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत के बगैर रसूखदार बीपीएल की सूची में नहीं शामिल हो सकते। सर्वे आवेदन के मापदंडों में हकीकत को छिपाने व गलत आंकड़े दर्शाए बिना ऐसा नहीं हो सकता।बीपीएल सूची में मेरा नाम पहले से जुड़ा था। सरपंच बाद में बना हूं।
हेमंत कुमार, सरपंच ग्राम पंचायत जाखड़ों की ढाणी
॥बीपीएल सूची में रसूखदारों के नाम शामिल होने के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना गंभीर बात है। इस मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. वीणा, प्रधान कलेक्टर बाड़मेर।

शहर में आया बिज्जू, पकडऩे में लगे चार घंटे


जालोर शहर के भीनमाल रोड पर खादी विभाग के समीप रविवार सुबह भटककर आए एक जंगली जीव बिज्जू ने ऐसी मशक्कत करवाई कि सैंकड़ों लोगों ने उसे पकडऩे की कोशिश की, लेकिन बिज्जू कभी पेड़ पर तो कभी किसी भवन में यहां से वहां भागता रहा। सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी, कार्मिक और पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंचे और बिज्जू को पकडऩे के प्रयास किए।

करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद बिज्जू स्कूल में रखे एक लोहे के पाइप में घुस गया और लोगों ने पाइप सहित ले जाकर उसे पहाड़ों में छोड़ा। जालोर रेंजर मदनसिंह बोडा ने बताया कि हालांकि यह जीव अधिकांशत: जंगलों में ही रहता है, लेकिन कभी कभार रास्ता भटककर आबादी की ओर आ जाता है।

सहमा सा रहा बिज्जू : जानकारी के अनुसार लोगों ने सबसे पहले उसे सुबह करीब छह बजे खादी भंडार के पास देखा। इस जानवर को देखकर एक बार तो लोग भी डर गए, लेकिन थोड़ी ही देर में मौके पर सैंकड़ों लोगों की भीड़ लग गई। जिन्हें देखकर यह वन्य जीव भी सहम गया और डर कर कभी पेड़ों पर तो कभी किसी भवन में घुसने लगा। एक दो बार तो वह जान जोखिम में डालकर भीड़ के बीच घुस गया, लेकिन लोग भी उससे डरकर भागते रहे।

...और फिर दौड़ पड़ा : लोगों ने जैसे ही पाइप से बिज्जू को बाहर निकाला। वह सामने खुले पहाड़ों को देखता हुआ दौड़ पड़ा। मानों उसे पता हो कि इधर ही कहीं उसका घर हो। इस दौरान रेंजर मदनसिंह बोडा, नारायणसिंह, गंगाराम, रूपाराम और मुकेश समेत पुलिसकर्मी प्रेमाराम, शैतानसिंह, मूलाराम, मोहनलाल और अजयपालसिंह मौजूद थे। इन सभी ने लोगों की मदद से बिज्जू को सुरक्षित छोड़ दिया।

बाल सुधार गृह से शनिवार रात भागे थे तीन बालअपचारी

तीन में से दो खुद ही लौट आए सुधार गृह

जालोर जिला मुख्यालय स्थित बाल सुधार गृह से शनिवार शाम चकमा देकर भागे तीन बाल अपचारी आखिरकार पकड़े गए। फरार हुए तीनों किशोरों में से दो स्वत:: ही लौट आए, जबकि तीसरे को काफी मशक्कत के बाद उसके घर से ही पकड़ा गया।

जानकारी के अनुसार शनिवार शाम छह बजे के करीब समाज कल्याण के बाल सुधार गृह से तीन बाल अपचारी भाग गए थे। इन अपचारियों में एक ज्यादती, दूसरा चोरी व तीसरा हत्या का आरोपी था। घटना के बाद इनमें से दो आरोपी रुपए और भागने का कोई जरिया नहीं होने के कारण खुद ही सुधार गृह में लौट आए। वहीं तीसरा आहोर स्थित अपने घर पर चला गया। जिसे पुलिस की सहायता से पुन: सुधार गृह लाया गया। इधर, विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि इस तरह की घटनाओं की मुख्य वजह कार्मिकों की कमी है। विभाग में कार्मिकों की संख्या काफी कम होने के कारण एक-एक कार्मिक को कई सारे कार्य दिए गए हैं। ऐसे में उन्हें भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

पहले भी भागा था

फरार हुए तीनों बाल अपचारी में से चोरी का आरोपी पूर्व में इसी बाल सुधार गृह से फरार हो चुका था। तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी ने इस आरोपी को पकडऩे में तत्परता दिखाई और कुछ ही समय बाद उसे पकड़ लिया गया। इसके बाद एक बार फिर बीते शनिवार को यही किशोर चौकीदार को चकमा देकर फरार होने में कामयाब हो गया।

घर की याद आ रही थी...

बाल सुधार गृह से फरार हुए किशोरों से जब भागने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि काफी समय से वे घर नहीं गए थे। इसलिए उन्हें घर वालों की याद आ रही थी। ऐसे में घर वालों से मिलने की चाह को लेकर वे सुधार गृह से भागे थे, लेकिन इस दौरान उनके पास रुपए और घर तक पहुंचने का कोई साधन नहीं मिलने के कारण फिर से लौटना पड़ा।

ऐसे दिया था चकमा

बाल सुधार गृह में तैनात चौकीदार ने बताया कि वह रोज की तरह इन बाल अपचारियों के कमरे में पानी की बाल्टी रखने के लिए गया था। पानी की बाल्टी रखने के लिए जैसे ही उसने कमरे का दरवाजा खोला तो तीनों ने उसे धक्का देकर नीचे गिरा दिया और मौके से फरार हो गए। चौकीदार ने उनको पकडऩे के लिए काफी मशक्कत की, लेकिन इसके बावजूद ये तीनों उसके हाथ नहीं लग पाए।

श्रवण कुमारो की बाढ़ आई

श्रवण कुमारो की बाढ़ आई 

कोई खुद बीमार तो किसी के माता-पिता  
तबादले के लिए कर्मचारी बीमारियों को बता रहे कारण, आखिरी दिन तक शिक्षा विभाग के 125 से अधिक कार्मिकों ने किए आवेदन

जैसलमेर  शिक्षा विभाग में स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही द्वितीय श्रेणी अध्यापकों ने दौड़ लगानी शुरू कर दी। इस बार ऑनलाइन आवेदन होने से शिक्षकों को काफी मशक्कत भी करनी पड़ी। हालांकि प्रक्रिया काफी आसान रही। तबादले के लिए कोई खुद की बीमारी तो कोई माता-पिता की बीमारी को कारण बताया। रविवार को अंतिम तिथि तक जिले में कुल 125 कार्मिकों ने स्थानांतरण के लिए आवेदन किए। रविवार को जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, प्रारंभिक व तीनों ब्लॉक कार्यालय खुले रहे। शनिवार को भी इन कार्यालयों को खुला रखने के निर्देश थे।

जिले में माध्यमिक सैटअप में 7 प्राचार्य, 9 प्रधानाध्यापक, दो व्याख्याता, 34 द्वितीय श्रेणी अध्यापक, 3 तृतीय श्रेणी अध्यापक, एक पीटीआई, एक कार्यालय सहायक, दो वरिष्ठ लिपिक, तीन एलडीसी व चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने स्थानांतरण के लिए आवेदन किए। वहीं प्रारंभिक सैटअप में ब्लॉक सम में 17 द्वितीय श्रेणी अध्यापकों ने, ब्लॉक जैसलमेर में 12 और ब्लॉक सांकड़ा में 30 शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए आवेदन किए।

सबके अलग-अलग कारण : ऑनलाइन आवेदन के तहत भरे जाने वाले कमेंट्स में सभी शिक्षकों ने अलग अलग कारण बताए हैं। किसी ने माता पिता के स्वास्थ्य का कारण बताया तो किसी ने पत्नी के स्वास्थ्य का कारण। कइयों ने खुद की बीमारी का भी बताया तो कई राज्य व मंडल स्तर पर पुरस्कृत होने की बात भी बताई है।

अधिकांश शहर के नजदीक आना चाहते हैं

गत वर्ष कई मिडिल स्कूलें सेकंडरी स्कूलों में क्रमोन्नत हुई है। इसमें शहर के नजदीक के भी कई विद्यालय है। ऐसे में हर किसी की पसंद शहर के नजदीक स्थित विद्यालय में नियुक्त होने की है। अधिकांश शिक्षकों ने शहर के नजदीक आने के लिए ही आवेदन किए हैं।

डिजायर भी लगा रहे हैं साथ

स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही नेताओं के यहां शिक्षकों का पहुंचना शुरू हो गया। विधायकों से डिजायर लिखवाई जाकर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में स्केन करके साथ लगाई जा रही है।

थल सेनाध्यक्ष का जयपुर दौरा


थल सेनाध्यक्ष का जयपुर दौरा 
 
जनरल वी के सिंह, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ;सीओएएसद्ध ने श्रीमती भारती सिंह, अध्यक्षा केन्द्रीय सैनिक परिवार कल्याण संगठन ;सेन्ट्र्ल आवाद्ध के साथ आज मुख्यालय दक्षिण पश्चिम कमान का दौरा किया। लेफि्टनेन्ट जनरल ज्ञान भूषण, जीओसीइन-सी ;आर्मी कमाण्डरद्ध, दक्षिण पश्चिमी कमान तथा श्रीमती अंजू भूषण, प्रांतीय अध्यक्षा आवा द्वारा इनकी अगुवानी की गई। 

जनरल वी के सिंह दिनांक 31 मई 2012 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अपने इस दौरे के दौरान उन्होंने जयपुर छावनी के सभी अधिकारियों से विचारविमर्श किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय सेना की ताकत एवं प्रतिबद्धता शानदार है, इसे अधिकारियों द्वारा उँचे दर्जे की व्यावसायिक दक्षता के साथ देश हित में काम करते समय मद्देनजर रखना है। उन्होंने भारतीय सेना की गौरवशाली परंपराओं एवं मूल्यों पर जोर देते हुए बताया कि सभी परिस्थितियों में हमेशा प्रतिबद्धता के साथ जिम्मेदारियों का निर्वाह करें। 

61वीं कैवलरी के कर्नल ऑफ द रेजिमेन्ट के नाते सेनाध्यक्ष ने 61वीं कैवलरी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों, जेसीओज व जवानों के साथ बातचीत की तथा जलपान किया। उन्होंने दोहराया कि भारतीय सेना को जीवंत रखने हेतु आवश्यक है कि हम सबको साथ मिलकर व्यवसायिक दक्षता के शिखर को छूने के लिए एवं नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए भरसक प्रयास करने चाहिए। जयपुर से विदा होते समय सेनाध्यक्ष को सेना के हैलीपैड पर ॔गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। 

श्रीमती भारती सिंह, अध्यक्षा, केन्द्रीय आवा ने जयपुर सैन्य छावनी में सैनिकों के परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने आवा की गतिविधियों एवं कल्याणकारी योजनाओं को सुचारू रूप से लागू करवाने के लिए धन्यवाद दिया और सभी परिवारजनों की खुशहाली एवं प्रगतिमय जीवन की कामना की। 

धोरीमन्ना में सड़क दुर्घटना तीन की मौत,.सभी मृतक बोथिया गाँव के

धोरीमन्ना में सड़क दुर्घटना तीन की मौत 

बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना थाना क्षेत्र में सड़क दुरघटना में तीन जनो की मौत की खबर हे .मौके पर पुलिस दल पहुँच चुका हे विस्तृत घटनाक्रम की जानकारी आनी शेष हे दुरघटना में तीन जानो के घायल होने की खबर हें पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की धोरिमाना में तवेरा गाडी और सफारी के बीच भीषण टक्कर में लंगेरा गाँव के तीन जानो की मौत हो गयी जिसमे तीन जानो की मौत हो गयी .सभी मृतक बोथिया  गाँव के राजपुरोहित जाती के हें .

पहले पांच लोगों ने रात भर किया गैंगरेप, फिर ट्रक ड्राइवर ने बनाया शिकार

नयी दिल्‍ली.बेहद सुरक्षित समझे जाने वाले दक्षिण दिल्‍ली में एक महिला के साथ रात भर बलात्‍कार किया गया। पहले एक ऑटो वाले ने अपने दो दोस्‍तों के साथ बाद में पांच अन्‍य लोगों ने और फिर एक ट्रक ड्राइवर ने उसकी आबरू तार तार कर दी।


सूत्रों के अनुसार एक महिला दिल्‍ली – फरीदाबाद बार्डर पर जैतपुर में शुक्रवार रात को एक बीस साल की लड़की काम से वापस आ रही थी तभी रास्‍ते में ग्रामीण ऑटो सेवा वाले ने उसे लिफ्ट का ऑफर दिया। ऑटो वाला लड़की को नेहरू प्‍लेस इलाके में ले गया और अपने दो दोस्‍तों के लेकर उसके साथ बलात्‍कार किया। ये लोग फिर उसे एक घर ले गये जहां पांच लोगों ने फिर उसके साथ मुंह काला किया।


एक ट्रक ड्राइवर जो इन इन लोगों को एक घर में जाते हुए देख रहा था उसने पुलिस को खबर करने के बजाए खुद उस लड़की के साथ बलात्‍कार किया।

बीसीसीआई अध्‍यक्ष ने गे बेटे और पार्टनर को रॉड से पिटवाया?

मुंबई. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन नए विवादों में फंस गए हैं। उनके बेटे अश्विन ने उन पर कई आरोप लगाए हैं। इसमें रुतबे का इस्तेमाल कर उसे और समलैंगिक पार्टनर अवि मुखर्जी को पिटवाना शामिल है। अश्विन ने श्रीनिवासन पर अपने एनआरआई स्टेट्स का इस्तेमाल करके काले धन को सफेद करने का भी आरोप लगाया है। PHOTOS: बीसीसीआई अध्‍यक्ष ने गे बेटे और पार्टनर को रॉड से पिटवाया? 
43 वर्षीय अश्विन ने रविवार को कहा कि श्रीनिवासन के कहने पर उन्हें कई सालों से शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। हाल में 30 अप्रैल को पुलिस ने अश्विन और अवि को बांद्रा के पब एस्कोबार से उठाया। लोहे की रॉड से दोनों की जमकर पिटाई की गई। अश्विन ने डीएनए/भास्कर से कहा,मेरे पिता मेरे समलैंगिक व्यवहार के खिलाफ हैं। 1998 में जब मैंने इसकी जानकारी उन्हें दी तब से वे मुझे बदलने के लिए कह रहे हैं। वर्ष 1999 में जब मुझे अवि से प्यार हुआ तो हालात और बिगड़ गए। अब हमें लग रहा है कि हमारी जान नहीं बचेगी।
अश्विन ने कहा कि 2002 में भी मुझे पीटा गया था। मुझे अंधेरे कमरे में बंद कर दिया गया था। दवाएं दी गई। तब समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता अशोक ने उनकी मदद की थी। श्रीनिवासन तो सार्वजनिक तौर पर कहते थे कि अवि एक पैरासाइट है। वह मेरे पैसे चाहता है इसलिए उसने मुझे समलैंगिकता की ओर घसीटा। वह अवि के लिए बहुत बुरा सोचते हैं। अश्विन ने यह भी कहा कि उनके एनआरआई स्टेटस का इस्तेमाल श्रीनिवासन ने काले धन को सफेद करने के लिए भी किया।

अश्विन के मुताबिक एस्कोबार के मालिक राकेश लुथरिया से उनकी मुलाकात एक अस्पताल में हुई जहां राकेश ने उन्हें और उनके प्रेमी अवि को पब में ट्रीट देने की बात कही। इस तरह वो 30 अप्रैल की रात को करीब एक बजे पब में पहुंचे। वहां उन्हें बताया गया कि अंतिम आर्डर लिए जा चुके हैं। अश्विन ने बताया, 'हमने उनसे राकेश को कॉल करने के लिए कहा, दो ड्रिंक आर्डर की और हमें बताया गया कि यह अंतिम ऑर्डर है। हालांकि इसके बाद भी वेटर ने हमें और ड्रिंक ऑफर की। राकेश का कोई अता-पता नहीं था इसी बीच हमने कुछ ड्रिंक्स और ऑर्डर कर दी और एक बोतल शैंपेन भी मंगाई। हम पी ही रहे थे कि वेटर ने बदतमीजी शुरु कर दी और बिल चुकाने की बात करने लगे। हमने कहा कि जब हम पीना खत्म कर देंगे तब बिल चुका देंगे मैंने यह कहा ही था कि अचानक 12 पुलिसवाले बार के पीछे से आए। उनके हाथों में रॉड थी। उन्होंने अवि को बेरहमी से पीटा। इसके बाद उन्हें बांद्रा पुलिस स्टेशन ले जाकर लॉक अप में बंद किया गया और वहां भी पीटा गया।' इस घटना के बाद से ही अवि और अश्विन छुप कर रह रहे हैं।

सही कौन पुलिस या बीसीसीआई अध्यक्ष का बेटा?
डीसीपी प्रताप दिवाकर का कहना है कि 30 अप्रैल को एस्कोबार से कॉल आया था। अश्विन और अवि वहां बार का समय खत्म होने के बाद रात करीब डेढ़ बजे और शराब मांग रहे थे। उन्होंने 28 हजार रुपए का बिल चुकाने से भी इनकार कर दिया था। इतना ही नहीं वेटरों ने इनकार किया तो दोनों उनसे भी भिड़ गए। अश्विन ने एक कांस्टेबल को मुक्का मारा। इसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया। दूसरी ओर अश्विन ने फोटो मुहैया कराए हैं जो बताते हैं कि उसे पुलिस हिरासत में लोहे की रॉड से बहुत बुरी तरह पीटा गया।

श्रीनिवासन बोले, यह तो घर का मामला है
बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन का कहना है कि जो भी हुआ वह निजी पारिवारिक मामला है। इस पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता। बच्चे भले ही माता-पिता पर आरोप लगाए। लेकिन पिता होने के नाते मैं सिर्फ उनकी बेहतरी की कामना करता हूं।

IPL तमाशा: चीयर लीडर्स के साथ रेव पार्टी कर रहे थे 6‍ खिलाड़ी! संसद में हल्‍ला बोल

नई दिल्‍ली. आईपीएल मैचों के दौरान होने वाली घटनाएं और इसके खिलाडियों से जुड़ी बदनामी की खबरें सामने आने के बाद टूर्नामेंट की काफी फजीहत हो रही है। मुंबई के एक होटल में आयोजित रेव पार्टी में आईपीएल के दो खिलाडियों (चार छापे से पहले भाग गए थे) के पकड़े जाने की खबरों पर जद(यू) अध्‍यक्ष शरद यादव ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि हमारे बच्चे रेव पार्टी नहीं चाहते थे, लेकिन यह बुराई आईपीएल के जरिए ही फैली है।
 
यादव ने लोकसभा में कहा, ऐसा लगता है कि इस देश में किसी तरह की कोई लाज ही नहीं बची है। क्या बात है कि इस देश में लोग टीवी और न्यूज नहीं देख सकते लेकिन ये तमाशा (आईपीएल) चलाया जा रहा है कि सब उसे ही देखें। इस मामले को कई बार यहां उठाया जा चुका है। लेकिन सरकार के मंत्री और प्रणब जी खामोश बैठकर सुनते रहते हैं।' जद(यू) ने आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्‍ला के इस्‍तीफे की मांग की है।

सपा नेता शैलेंद्र कुमार ने आईपीएल पर बैन लगाने की मांग की है। हालांकि फारुक अब्‍दुल्‍ला आईपीएल पर बैन लगाए जाने के पक्ष में नहीं हैं। एमसीए के चेयरमैन और केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख का कहना है कि आईपीएल के नियमों में और सख्‍ती की जरूरत है। आईपीएल में भ्रष्‍टाचार को लेकर सरकार के खिलाफ हल्‍ला बोलने वाले बीजेपी सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में लाए जाने की मांग की।

खेल मंत्री अजय माकन ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने हाल के महीनों में क्रिकेट में भ्रष्‍टाचार के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईपीएल और बीसीसीआई को 19 नोटिस जारी किए हैं। फेमा उल्लंघन के 1000 करोड़ के नोटिस जारी किए हैं जिन पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है। मंत्रालय ने आयकर विभाग से स्‍पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच करने को कहा है।

माकन ने कहा कि खेल मंत्रालय ने रिवेन्यू सेक्रेट्री को खत लिखकर आईपीएल में ब्लैक मनी के आरोपों की जांच की मांग की है। उन्‍होंने कहा, 'हमारा मानना है कि बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में आना चाहिए। बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट टीम को चुनती है इसलिए उसे आरटीआई के दायरे में आना चाहिए। बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में लाने के लिए सूचना आयोग के समक्ष सुनवाई चल रही है।' माकन ने यह भी कहा, 'मैं सदन को बताना चाहता हूं कि 1996 से बीसीसीआई को चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन के रूप में टैक्स से छूट प्राप्त था। साल 2009 में आयकर विभाग ने यह छूट खत्म कर दी। बीसीसीआई ने 1996-2006 तक 365 करोड़ की टैक्स छूट ली थी।

रेव पार्टी में छापेमारी के दौरान आईपीएल के दो खिलाड़ी वेन पर्नेल और राहुल शर्मा सहित करीब सौ लोग पकड़े गए थे। इनमें से कई चीयर लीडर्स बताई जाती हैं। पार्टी में चार और आईपीएल खिलाडि़यों के शामिल होने की बात सामने आ रही है, लेकिन वे छापा पड़ने से पहले वहां से जा चुके थे। पार्टी (तस्‍वीरें देखें) के आयोजक विषय हांडा के खिलाफ एनडीपीएस एक्‍ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। हांडा को 25 मई तक पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। हालांकि पुणे वॉरियर्स की टीम ने राहुल शर्मा से पल्‍ला झाड़ लिया है। टीम प्रबंधन के सूत्र बता रहे हैं कि टीम को 19 मई को रिलीज कर दिया गया था। इसके बाद किसी खिलाड़ी के निजी रवैये से टीम का कोई लेना-देना नहीं है।

आंतकवाद विरोध दिवस पर पुलिस अधीक्षक ने जवानो दिलाई शपथ

आंतकवाद विरोध दिवस पर पुलिस अधीक्षक ने जवानो दिलाई शपथ
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बाड़मेर बाड़मेर पुलिस ने आंतकवाद विरोध दिवस के रुप में शपथ ली। आज सुबह जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस अधीक्षक राहुल मर्हदन बारहट ने सभी कार्मिको और जवानों को आंतक वाद के खिलाफ लड़ने की शपथ दिलाई .इस अवसर पर उन्होंने जवानो को सन्देश देते हुए कहा की आतंकवाद न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए चुनौती है। भारतीय पुलिस ने इस चुनौती को मंजूर किया है और अपने जवानों के बुलंद हौसलों और राष्ट्रीय एकता की मजबूत भावना की बदौलत आतंकवादियों के नापाक मंसूबों पर पानी फेरने में कामयाब रही है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए घटना से पूर्व मिलने वाली सूचनाएं एवं उनपर समय पर कार्यवाही काफी महत्वपूर्ण होती हैं
पुलिस अधिकारियो और जवानो ने देश की अंहिसा और सहनशीलता की परम्परा में द्रढ़ विश्वास रखते हुए सभी प्रकार के आंतकवाद और हिंसा का डटकर विरोध करने की निष्ठापूर्वक शपथ ग्रहण की । मानव जाति के सभी वर्गों के बीच शांति,सामाजिक सद्भाव तथा सूझबूझ कायम करने और मानव जीवन मूल्यों को खतरा पहुंचाने वाली विघटन कारी शक्तियों से लड़ने का भी संकल्प पुलिस अधिकारियों और जवानो ,कर्मचारियों ने लिया ।उन्होंने बताया की जिले के समस्त थानों में शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया जाकर आंतकवाद को चुनौती के रूप में ले कर पूर्ण निष्ठा के साथ इससे लड़ने का सन्देश दिया गया बाड़मेर जिला सरहदी जिला होने के कारण पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ जाती हें

रविवार, 20 मई 2012

Hoga Tumse Pyara Kaun....होगा तुमसे प्यारा कौन ..हे कांची ....

मेरे दिल में आज क्या हें तू कहे तो बता मई बता दूं

तेरे चहरे से नज़र नहीं हटती ...नज़ारे हम क्या देखे

यह पहले प्यार की खशबू मेरी सांसो को जो महका रही हें ....शुरू यह सिलसिला उस दिन .......

में तेरे प्यार पागल ऐसे घूमता हूँ ...जैसे कोई ......

आँखों में काजल हें काजल में मेरा दिल हें वाह क्या गीत हें

देख मौसम कह रहा हे बाहों में आके तेरी झूल जा........बिंदास रोमांटिक गीत

शिक्षक भर्ती में शामिल हो सकेंगे टेट के फर्स्ट लेवल में पास बीएड धारी


जोधपुर.आरटेट के फर्स्ट लेवल में पास बीएड डिग्रीधारक अब तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। राजस्थान हाईकोर्ट ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी किए। न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास ने कहा कि योग्यता के बावजूद केवल एक तारीख के बाद किसी योग्य व्यक्ति को अयोग्य घोषित करना उचित नहीं है। इस मामले में 17 मई को बहस पूरी हो गई थी, लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। बहस में कोर्ट ने एनसीटीई, राज्य सरकार तथा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दलीलें खारिज कर दी थीं।
मामले को लेकर वीराराम व अन्य ने याचिकाएं दायर की थीं। इन्होंने न्यायालय को बताया था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 तथा एनसीटीई के नियमों के अनुसार टेट के फस्र्ट लेवल में उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारी तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा- 2012 में कक्षा 1 से 5 तक अध्यापन कराने के योग्य हैं, जबकि राज्य सरकार ने 1 जनवरी 2012 तक ही इन अभ्यर्थियों को इस भर्ती परीक्षा के योग्य माना है।
चूंकि, शिक्षक भर्ती परीक्षा के आवेदन इस साल फरवरी के अंत में मांगे गए थे, ऐसे में टेट के प्रथम स्तर में पास बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थी अयोग्य घोषित हो गए। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जीआर पूनिया, एनसीटीई के अधिवक्ता कुलदीप माथुर व बोर्ड के अधिवक्ता राकेश अरोड़ा ने सरकार के आदेश को नियमों के तहत बताते हुए कोर्ट से याचिकाएं खारिज करने को कहा था।
2010 में तय किए थे योग्यता के मानक :
3 अगस्त, 2010 को एनसीटीई ने नोटिफिकेशन जारी कर शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के सेक्शन 23 के सब सेक्शन 1 के तहत शिक्षकों के लिए योग्यता के मानक तय किए।
30 मार्च 2011 :
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने आरटेट-2011 के आयोजन के लिए विज्ञापन के साथ ही गाइड लाइन जारी की।
>11.02.2011:आरटेट की शर्त संख्या 3 के तहत बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल करने की स्वीकृति।
>24.02.2012: राज्य सरकार ने प्रदेश की समस्त जिला परिषदों के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित करने की विज्ञप्ति जारी की। इसमें उल्लेख था कि टेट प्रथम स्तर में उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक इस भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते, जबकि टेट के द्वितीय स्तर में उत्तीर्ण अभ्यर्थी इसके लिए योग्य माने गए। ये नियम आरटेट के नियमों तथा उसके लिए जारी विज्ञप्ति में नहीं दर्शाए गए थे।
>06.03.2012:सैकड़ों अभ्यर्थियों ने नए नियम के ख्रिलाफ राज्य सरकार व बोर्ड को ज्ञापन दिए।
>मार्च 2012 में राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर व इसकी जयपुर पीठ में आरटेट के प्रथम लेवल में उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारियों ने याचिकाएं दायर कीं।
>17 मई 2012 :राज्य सरकार, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व एनसीटीई के अधिवक्ताओं की लंबी बहस के बाद कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रखा।

राजस्थान में रिफाइनरी को लेकर बढ़ी उत्सुकता, केन्द्र पर दबाव

राजस्थान के बाड़मेर जिले में प्रस्तावित तेल रिफाइनरी की स्थापना को लेकर राजस्थान सरकार ने केन्द्र से जल्द से जल्द इसे हरी झंडी दिखाने के लिए दमखम लगा दिया है और सरकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी तेल कंपनी ओएनजीसी ने रिफाइनरी के लिए एक नया फॉर्म्युला सुझाया है। 
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों दिल्ली यात्रा के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी से मुलाकात कर प्रस्तावित तेल रिफाइनरी की स्थापना का फैसला शीघ्र लेने का अनुरोध किया ताकि राज्य में तेल और गैस के मिले अथाह भंडार का लाभ प्रदेशवासियों को मिल सके। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी की स्थापना की मांग काफी समय से लंबित है।

बाड़मेर के सांसद हरीश चौधरी ने कहा, 'मुझे केन्द्र सरकार ने बताया है कि बाड़मेर में रिफाइनरी लगने की स्थिति में 69 फीसदी भागीदारी के साथ ओएनजीसी रिफाइनरी की सबसे बड़ी भागीदार होगी, लेकिन हाल ही में कंपनी ने केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय और राजस्थान सरकार को बताया कि ओएनजीसी रिफाइनरी में छब्बीस फीसदी तक भागीदारी रखना चाहती है।'

इंडिया गेट के पास 'किन्नर राज', कहते हैं 'सेक्स करो'



इंडिया गेट।

समय : सुबह के 3 बजे।

घटना : एक किन्नर का शोर कि एक लड़का उसे छेड़ रहा था। उस लड़के की उसने पुलिस के सामने ही पिटाई कर दी।
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किन्नर नशे में था। उसने लड़के से पैसे मांगे और ना मिलने पर लड़के पर छेड़खानी का आरोप लगा उसे पीट दिया।

देर रात दिल्ली की सड़कों पर होने वाली यह कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि यह दिल्ली की रातों का एक कड़वा सच है, जो राजधानी में बढ़ते 'किन्नर राज' का गवाह है। यही वजह है कि इंडिया गेट पर देर रात तक तफरीह करने वाले लोग भी अब जल्दी से जल्दी वहां से रुखसत हो जाना ही ठीक समझते हैं।

इंडिया गेट दिल्ली वालों की शान है, लेकिन यहां जाने और देर तक रुकने में जोखिम हो सकता है। यहां किन्नर का आतंक अच्छा-खासा है। खासतौर पर शाम 6 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक इंडिया गेट जाने वाले लोग इनसे सामना ना होने की ही प्रार्थना करते चलते हैं, ताकि उनकी आउटिंग में कोई पंगा ना हो।

वैसे, यह कहानी सिर्फ इंडिया गेट ही नहीं है, बल्कि दिल्ली की कुछ पॉश जगहों, मसलन धौलाकुआं, एम्स, गुड़गांव-दिल्ली बॉर्डर, लाजपत नगर, डिफेंस कॉलोनी और इंडिया गेट सर्कल, पर भी रात में इनका ही कब्जा नजर आता है।

सेक्स से कमाई

हालांकि पहले किन्नर लोगों के पास जाकर पैसे देने को कहते थे और ना मिलने पर वे गाली-गलौच और झगड़े पर उतर आते थे, लेकिन अब दिल्ली की खास जगहों पर टोलियों में उनके घूमने का मकसद कुछ और है। दरअसल, ये किन्नर युवाओं पर डोरे डालकर उन्हें सेक्स के लिए उकसाते हैं और इस तरह अननेचरल सेक्स में उन्हें उलझा लेते हैं। जाहिर है, इसके पीछे भी पैसे का फंडा ही काम करता है।

जब हमने इंडिया गेट पर घूम रहे किन्नरों के एक ग्रुप से इसकी वजह पूछी, तो उनका कहना था कि लोगों से जब उन्हें पैसे मिलने बंद हो गए, तो उन्होंने कमाई का यह जरिया निकाल लिया।

किन्नरों के लिए भले ही सेक्स का अननेचरल तरीका कुछ पैसे पाने का तरीका हो, लेकिन इनके नतीजों के बारे में वे समझकर भी वह समझना नहीं चाहते। आखिर इससे एड्स जैसी बीमारी तक हो सकती है।

साइको-सेक्सॉलजिस्ट डॉ. एस. के. जैन चेताते हैं, 'अननेचरल सेक्स से एड्स के अलावा और भी कई बीमारियां भी हो सकती हैं और ये लाइलाज हैं। इसलिए ऐसे रिलेशन से हर कीमत पर बचना चाहिए।'

जबर्दस्ती का धंधा

अननेचरल सेक्स के खेल में किन्नरों को पुलिस और अपनी सेहत का भी डर नहीं है। हालांकि इस बारे में आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन जानकार बताते हैं कि देश में कई गैंग इस अपराध में सक्रिय हैं। पिछले दिनों दिल्ली में एक व्यक्ति के प्राइवेट पार्ट को काटने की खबर थी और पीड़ित युवक ने किन्नरों के एक गैंग पर इसका इल्जाम लगाया था।

वहीं दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर इन चीजों को स्वीकारा है। उनका कहना है कि तमाम उपायों के बावजूद इस पर कंट्रोल करना पुलिस के लिए संभव नहीं हो पा रहा।

फेल हैं सरकारी योजनाएं

एक अनुमान के मुताबिक, पूरे देश में फिलहाल 20 लाख से ज्यादा किन्नर हैं और इनके लिए कई योजनाएं भी चल रही हैं। दिल्ली सरकार ने पिछले साल 18 साल से ऊपर के किन्नरों के लिए पेंशन योजना की शुरुआत की थी, तो पिछले साल नवंबर में ही चुनाव आयोग ने इन्हें मतदाता के रूप में अन्य का दर्जा दिया था। दूसरे राज्यों में भी इनकी बेहतरी के लिए कई काम किए जा रहे हैं, लेकिन कम जानकारी व दिलचस्पी के बिना ये योजनाएं फेल ही रही हैं।