करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद बिज्जू स्कूल में रखे एक लोहे के पाइप में घुस गया और लोगों ने पाइप सहित ले जाकर उसे पहाड़ों में छोड़ा। जालोर रेंजर मदनसिंह बोडा ने बताया कि हालांकि यह जीव अधिकांशत: जंगलों में ही रहता है, लेकिन कभी कभार रास्ता भटककर आबादी की ओर आ जाता है।
सहमा सा रहा बिज्जू : जानकारी के अनुसार लोगों ने सबसे पहले उसे सुबह करीब छह बजे खादी भंडार के पास देखा। इस जानवर को देखकर एक बार तो लोग भी डर गए, लेकिन थोड़ी ही देर में मौके पर सैंकड़ों लोगों की भीड़ लग गई। जिन्हें देखकर यह वन्य जीव भी सहम गया और डर कर कभी पेड़ों पर तो कभी किसी भवन में घुसने लगा। एक दो बार तो वह जान जोखिम में डालकर भीड़ के बीच घुस गया, लेकिन लोग भी उससे डरकर भागते रहे।
...और फिर दौड़ पड़ा : लोगों ने जैसे ही पाइप से बिज्जू को बाहर निकाला। वह सामने खुले पहाड़ों को देखता हुआ दौड़ पड़ा। मानों उसे पता हो कि इधर ही कहीं उसका घर हो। इस दौरान रेंजर मदनसिंह बोडा, नारायणसिंह, गंगाराम, रूपाराम और मुकेश समेत पुलिसकर्मी प्रेमाराम, शैतानसिंह, मूलाराम, मोहनलाल और अजयपालसिंह मौजूद थे। इन सभी ने लोगों की मदद से बिज्जू को सुरक्षित छोड़ दिया।
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