इंडिया गेट।
समय : सुबह के 3 बजे।
घटना : एक किन्नर का शोर कि एक लड़का उसे छेड़ रहा था। उस लड़के की उसने पुलिस के सामने ही पिटाई कर दी।
किन्नर नशे में था। उसने लड़के से पैसे मांगे और ना मिलने पर लड़के पर छेड़खानी का आरोप लगा उसे पीट दिया।
देर रात दिल्ली की सड़कों पर होने वाली यह कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि यह दिल्ली की रातों का एक कड़वा सच है, जो राजधानी में बढ़ते 'किन्नर राज' का गवाह है। यही वजह है कि इंडिया गेट पर देर रात तक तफरीह करने वाले लोग भी अब जल्दी से जल्दी वहां से रुखसत हो जाना ही ठीक समझते हैं।
इंडिया गेट दिल्ली वालों की शान है, लेकिन यहां जाने और देर तक रुकने में जोखिम हो सकता है। यहां किन्नर का आतंक अच्छा-खासा है। खासतौर पर शाम 6 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक इंडिया गेट जाने वाले लोग इनसे सामना ना होने की ही प्रार्थना करते चलते हैं, ताकि उनकी आउटिंग में कोई पंगा ना हो।
वैसे, यह कहानी सिर्फ इंडिया गेट ही नहीं है, बल्कि दिल्ली की कुछ पॉश जगहों, मसलन धौलाकुआं, एम्स, गुड़गांव-दिल्ली बॉर्डर, लाजपत नगर, डिफेंस कॉलोनी और इंडिया गेट सर्कल, पर भी रात में इनका ही कब्जा नजर आता है।
सेक्स से कमाई
हालांकि पहले किन्नर लोगों के पास जाकर पैसे देने को कहते थे और ना मिलने पर वे गाली-गलौच और झगड़े पर उतर आते थे, लेकिन अब दिल्ली की खास जगहों पर टोलियों में उनके घूमने का मकसद कुछ और है। दरअसल, ये किन्नर युवाओं पर डोरे डालकर उन्हें सेक्स के लिए उकसाते हैं और इस तरह अननेचरल सेक्स में उन्हें उलझा लेते हैं। जाहिर है, इसके पीछे भी पैसे का फंडा ही काम करता है।
जब हमने इंडिया गेट पर घूम रहे किन्नरों के एक ग्रुप से इसकी वजह पूछी, तो उनका कहना था कि लोगों से जब उन्हें पैसे मिलने बंद हो गए, तो उन्होंने कमाई का यह जरिया निकाल लिया।
किन्नरों के लिए भले ही सेक्स का अननेचरल तरीका कुछ पैसे पाने का तरीका हो, लेकिन इनके नतीजों के बारे में वे समझकर भी वह समझना नहीं चाहते। आखिर इससे एड्स जैसी बीमारी तक हो सकती है।
साइको-सेक्सॉलजिस्ट डॉ. एस. के. जैन चेताते हैं, 'अननेचरल सेक्स से एड्स के अलावा और भी कई बीमारियां भी हो सकती हैं और ये लाइलाज हैं। इसलिए ऐसे रिलेशन से हर कीमत पर बचना चाहिए।'
जबर्दस्ती का धंधा
अननेचरल सेक्स के खेल में किन्नरों को पुलिस और अपनी सेहत का भी डर नहीं है। हालांकि इस बारे में आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन जानकार बताते हैं कि देश में कई गैंग इस अपराध में सक्रिय हैं। पिछले दिनों दिल्ली में एक व्यक्ति के प्राइवेट पार्ट को काटने की खबर थी और पीड़ित युवक ने किन्नरों के एक गैंग पर इसका इल्जाम लगाया था।
वहीं दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर इन चीजों को स्वीकारा है। उनका कहना है कि तमाम उपायों के बावजूद इस पर कंट्रोल करना पुलिस के लिए संभव नहीं हो पा रहा।
फेल हैं सरकारी योजनाएं
एक अनुमान के मुताबिक, पूरे देश में फिलहाल 20 लाख से ज्यादा किन्नर हैं और इनके लिए कई योजनाएं भी चल रही हैं। दिल्ली सरकार ने पिछले साल 18 साल से ऊपर के किन्नरों के लिए पेंशन योजना की शुरुआत की थी, तो पिछले साल नवंबर में ही चुनाव आयोग ने इन्हें मतदाता के रूप में अन्य का दर्जा दिया था। दूसरे राज्यों में भी इनकी बेहतरी के लिए कई काम किए जा रहे हैं, लेकिन कम जानकारी व दिलचस्पी के बिना ये योजनाएं फेल ही रही हैं।
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