मुंबई. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन नए विवादों में फंस गए हैं। उनके बेटे अश्विन ने उन पर कई आरोप लगाए हैं। इसमें रुतबे का इस्तेमाल कर उसे और समलैंगिक पार्टनर अवि मुखर्जी को पिटवाना शामिल है। अश्विन ने श्रीनिवासन पर अपने एनआरआई स्टेट्स का इस्तेमाल करके काले धन को सफेद करने का भी आरोप लगाया है।
43 वर्षीय अश्विन ने रविवार को कहा कि श्रीनिवासन के कहने पर उन्हें कई सालों से शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। हाल में 30 अप्रैल को पुलिस ने अश्विन और अवि को बांद्रा के पब एस्कोबार से उठाया। लोहे की रॉड से दोनों की जमकर पिटाई की गई। अश्विन ने डीएनए/भास्कर से कहा,मेरे पिता मेरे समलैंगिक व्यवहार के खिलाफ हैं। 1998 में जब मैंने इसकी जानकारी उन्हें दी तब से वे मुझे बदलने के लिए कह रहे हैं। वर्ष 1999 में जब मुझे अवि से प्यार हुआ तो हालात और बिगड़ गए। अब हमें लग रहा है कि हमारी जान नहीं बचेगी।
अश्विन ने कहा कि 2002 में भी मुझे पीटा गया था। मुझे अंधेरे कमरे में बंद कर दिया गया था। दवाएं दी गई। तब समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता अशोक ने उनकी मदद की थी। श्रीनिवासन तो सार्वजनिक तौर पर कहते थे कि अवि एक पैरासाइट है। वह मेरे पैसे चाहता है इसलिए उसने मुझे समलैंगिकता की ओर घसीटा। वह अवि के लिए बहुत बुरा सोचते हैं। अश्विन ने यह भी कहा कि उनके एनआरआई स्टेटस का इस्तेमाल श्रीनिवासन ने काले धन को सफेद करने के लिए भी किया।
अश्विन के मुताबिक एस्कोबार के मालिक राकेश लुथरिया से उनकी मुलाकात एक अस्पताल में हुई जहां राकेश ने उन्हें और उनके प्रेमी अवि को पब में ट्रीट देने की बात कही। इस तरह वो 30 अप्रैल की रात को करीब एक बजे पब में पहुंचे। वहां उन्हें बताया गया कि अंतिम आर्डर लिए जा चुके हैं। अश्विन ने बताया, 'हमने उनसे राकेश को कॉल करने के लिए कहा, दो ड्रिंक आर्डर की और हमें बताया गया कि यह अंतिम ऑर्डर है। हालांकि इसके बाद भी वेटर ने हमें और ड्रिंक ऑफर की। राकेश का कोई अता-पता नहीं था इसी बीच हमने कुछ ड्रिंक्स और ऑर्डर कर दी और एक बोतल शैंपेन भी मंगाई। हम पी ही रहे थे कि वेटर ने बदतमीजी शुरु कर दी और बिल चुकाने की बात करने लगे। हमने कहा कि जब हम पीना खत्म कर देंगे तब बिल चुका देंगे मैंने यह कहा ही था कि अचानक 12 पुलिसवाले बार के पीछे से आए। उनके हाथों में रॉड थी। उन्होंने अवि को बेरहमी से पीटा। इसके बाद उन्हें बांद्रा पुलिस स्टेशन ले जाकर लॉक अप में बंद किया गया और वहां भी पीटा गया।' इस घटना के बाद से ही अवि और अश्विन छुप कर रह रहे हैं।
सही कौन पुलिस या बीसीसीआई अध्यक्ष का बेटा?
डीसीपी प्रताप दिवाकर का कहना है कि 30 अप्रैल को एस्कोबार से कॉल आया था। अश्विन और अवि वहां बार का समय खत्म होने के बाद रात करीब डेढ़ बजे और शराब मांग रहे थे। उन्होंने 28 हजार रुपए का बिल चुकाने से भी इनकार कर दिया था। इतना ही नहीं वेटरों ने इनकार किया तो दोनों उनसे भी भिड़ गए। अश्विन ने एक कांस्टेबल को मुक्का मारा। इसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया। दूसरी ओर अश्विन ने फोटो मुहैया कराए हैं जो बताते हैं कि उसे पुलिस हिरासत में लोहे की रॉड से बहुत बुरी तरह पीटा गया।
श्रीनिवासन बोले, यह तो घर का मामला है
बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन का कहना है कि जो भी हुआ वह निजी पारिवारिक मामला है। इस पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता। बच्चे भले ही माता-पिता पर आरोप लगाए। लेकिन पिता होने के नाते मैं सिर्फ उनकी बेहतरी की कामना करता हूं।
अश्विन ने कहा कि 2002 में भी मुझे पीटा गया था। मुझे अंधेरे कमरे में बंद कर दिया गया था। दवाएं दी गई। तब समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता अशोक ने उनकी मदद की थी। श्रीनिवासन तो सार्वजनिक तौर पर कहते थे कि अवि एक पैरासाइट है। वह मेरे पैसे चाहता है इसलिए उसने मुझे समलैंगिकता की ओर घसीटा। वह अवि के लिए बहुत बुरा सोचते हैं। अश्विन ने यह भी कहा कि उनके एनआरआई स्टेटस का इस्तेमाल श्रीनिवासन ने काले धन को सफेद करने के लिए भी किया।
अश्विन के मुताबिक एस्कोबार के मालिक राकेश लुथरिया से उनकी मुलाकात एक अस्पताल में हुई जहां राकेश ने उन्हें और उनके प्रेमी अवि को पब में ट्रीट देने की बात कही। इस तरह वो 30 अप्रैल की रात को करीब एक बजे पब में पहुंचे। वहां उन्हें बताया गया कि अंतिम आर्डर लिए जा चुके हैं। अश्विन ने बताया, 'हमने उनसे राकेश को कॉल करने के लिए कहा, दो ड्रिंक आर्डर की और हमें बताया गया कि यह अंतिम ऑर्डर है। हालांकि इसके बाद भी वेटर ने हमें और ड्रिंक ऑफर की। राकेश का कोई अता-पता नहीं था इसी बीच हमने कुछ ड्रिंक्स और ऑर्डर कर दी और एक बोतल शैंपेन भी मंगाई। हम पी ही रहे थे कि वेटर ने बदतमीजी शुरु कर दी और बिल चुकाने की बात करने लगे। हमने कहा कि जब हम पीना खत्म कर देंगे तब बिल चुका देंगे मैंने यह कहा ही था कि अचानक 12 पुलिसवाले बार के पीछे से आए। उनके हाथों में रॉड थी। उन्होंने अवि को बेरहमी से पीटा। इसके बाद उन्हें बांद्रा पुलिस स्टेशन ले जाकर लॉक अप में बंद किया गया और वहां भी पीटा गया।' इस घटना के बाद से ही अवि और अश्विन छुप कर रह रहे हैं।
सही कौन पुलिस या बीसीसीआई अध्यक्ष का बेटा?
डीसीपी प्रताप दिवाकर का कहना है कि 30 अप्रैल को एस्कोबार से कॉल आया था। अश्विन और अवि वहां बार का समय खत्म होने के बाद रात करीब डेढ़ बजे और शराब मांग रहे थे। उन्होंने 28 हजार रुपए का बिल चुकाने से भी इनकार कर दिया था। इतना ही नहीं वेटरों ने इनकार किया तो दोनों उनसे भी भिड़ गए। अश्विन ने एक कांस्टेबल को मुक्का मारा। इसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया। दूसरी ओर अश्विन ने फोटो मुहैया कराए हैं जो बताते हैं कि उसे पुलिस हिरासत में लोहे की रॉड से बहुत बुरी तरह पीटा गया।
श्रीनिवासन बोले, यह तो घर का मामला है
बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन का कहना है कि जो भी हुआ वह निजी पारिवारिक मामला है। इस पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता। बच्चे भले ही माता-पिता पर आरोप लगाए। लेकिन पिता होने के नाते मैं सिर्फ उनकी बेहतरी की कामना करता हूं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें