नई दिल्ली. यूपी विधानसभा चुनावों में स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवारों को चुनने के लिए जन जागृति अभियान चला रही टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संसद में हत्यारे और बलात्कारी बैठे हैं। लालू, मुलायम और राजा जैसे लोग संसद में बैठ कर देश का कानून बना रहे हैं। धन इकठ्ठा कर रहे हैं। इन लोगों से संसद को निजात दिलाने की जरूरत है।
ग्रेटर नोएडा में आयोजित एक जनसभा में उन्होंने कहा, लुटेरे और बलात्कारी सहित सभी प्रकार के बुरे तत्व संसद पर कब्जा जमाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि संसद से बुरे तत्वों को निकालने के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी। बुरे तत्व हम सभी के लिए एक बड़ी परेशानी बने हुए हैं।
केजरीवाल ने राजनीतिक दलों पर तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, "सभी राजनीतिक पार्टियां भ्रष्ट हैं। वे देश को लूटने के लिए जीत दर्ज करना चाहती हैं। पार्टियां देश के विकास के लिए चिंतित नहीं हैं। भाजपा भी भ्रष्टाचार करने वालों में शामिल है। उसने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कुछ भी नहीं किया।"
केजरीवाल के इस बयान पर राजनीति गरम होने लगी है। कांग्रेस ने केजरीवाल के इस बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस प्रवक्ता संजय निरूपम ने कहा कि, हम मानते है कि संसद में आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग हैं। इसका मतलब ये नहीं कि कोई भी संसद की गरीमा के खिलाफ जा कर बोले। यह संसद के विशेषाधिकार का हनन है।
ग्रेटर नोएडा में आयोजित एक जनसभा में उन्होंने कहा, लुटेरे और बलात्कारी सहित सभी प्रकार के बुरे तत्व संसद पर कब्जा जमाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि संसद से बुरे तत्वों को निकालने के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी। बुरे तत्व हम सभी के लिए एक बड़ी परेशानी बने हुए हैं।
केजरीवाल ने राजनीतिक दलों पर तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, "सभी राजनीतिक पार्टियां भ्रष्ट हैं। वे देश को लूटने के लिए जीत दर्ज करना चाहती हैं। पार्टियां देश के विकास के लिए चिंतित नहीं हैं। भाजपा भी भ्रष्टाचार करने वालों में शामिल है। उसने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कुछ भी नहीं किया।"
केजरीवाल के इस बयान पर राजनीति गरम होने लगी है। कांग्रेस ने केजरीवाल के इस बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस प्रवक्ता संजय निरूपम ने कहा कि, हम मानते है कि संसद में आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग हैं। इसका मतलब ये नहीं कि कोई भी संसद की गरीमा के खिलाफ जा कर बोले। यह संसद के विशेषाधिकार का हनन है।