इंदौर। इंदौर के बाद लसुड़िया में सामूहिक ज्यादती का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। देवास से बाइक पर लौट रहे पति-पत्नी को कुछ लोगों ने पुलिस वाले बनकर रास्ते में रोका और जांच के बहाने एक ढाबे में ले गए। वहां आठ लोगों ने महिला को करीब आठ घंटे तक कैद कर सामूहिक ज्यादती की। इसमें एक पुलिस वाले के भी शामिल होने के जानकारी मिली है। इस दौरान उसके पति की पिटाई की जाती रही।
घटना बुधवार रात की है। गुरुवार सुबह पहले पति उनकी गिरफ्त से छूटकर भागा, बाद में पत्नी भी वहां से भागी। इसके बाद बदमाश महिला के पति के फोन पर जान से मारने की धमकी देते रहे। महिला दिन भर रिपोर्ट लिखवाने के लिए भटकती रही लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। लसुड़िया पुलिस के अनुसार शुक्रवार दोपहर 25 वर्षीय महिला की शिकायत के बाद ढाबे के चार कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है।
फोन कर साथियों को बुलाया
महिला ने बताया कि एक आरोपी (तरुण) ने किसी को फोन लगाया। वह बोलने लगा कि सर मैं उन्हें ले आया हूं। आप आ जाइए। कुछ देर बाद तरुण ने तीन-चार और लोगों को बुलवाया। वे ढाबे के कर्मचारी थे। इसके बाद दो लोग महिला के पति को केबिन से उठाकर ले गए और पिटाई करने लगे। इधर, राजन व तरुण केबिन के बाहर एक गैलरी में ले जाकर महिला के साथ ज्यादती करने लगे।
हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे लेकिन पुलिस वाला भी नहीं माना
पीड़िता के पति ने बताया कि आधी रात को ढाबे के सामने एक जीप आकर रुकी। उसमें से तीन लोग बाहर निकले। उनमें से एक ने वर्दी पहन रखी थी। पत्नी और मैं हाथ जोड़कर उसके सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उसे भी रहम नहीं आया। वह कहने लगा सब-कुछ ठीक चल रहा है। मेरी ड्यूटी है। मैं अब जाता हूं। उसके बाद तरुण ने एक-एक कर पांच लोगों को फोन कर ढाबे में बुलाया। सुबह करीब 5 बजे वही वर्दी वाला एक बार फिर आया जो रात को आया था। उसने भी महिला के साथ ज्यादती की। उसके बाद राजन ने भी एक बार फिर ज्यादती की।
आठ घंटे तक आरोपियों की कैद में रही महिला
आठ घंटे तक जिल्लज झेलने के बाद मौका पाकर पति वहां से भागने में कामयाब रहा। उसके बाद बदमाशों को नींद में पाकर महिला भी जैसे-तैसे मेन रोड पर पहुंची और एक बाइक सवार से लिफ्ट ली। बाद में ऑटो कर घर पहुंची। पुलिस के मुताबिक ढाबे से चार कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है। उनमें से एक की पहचान महिला ने राजन के रूप में की है। तरुण की तलाश की जा रही है।
क्राइम ब्रांच बताकर ले गए थे ढाबे में
पीड़ित दंपती ने बताया कि वे बुधवार को देवास माताजी के दर्शन के लिए गए थे। लौटते समय रात करीब 9.30 बजे देवास नाका चौराहे के पास बुलेट (एमपी-09 वायसी-1959) के साथ खड़े दो युवकों ने उन्हें रोका। उन्होंने अपने आप को क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए गाड़ी के कागजात मांगे। बाद में जांच के नाम पर ढाबे ले गए। वहां उन्होंने शराब पी। फिर दोनों पति-पत्नी को भी शराब पीने के लिए मजबूर किया। उसके बाद दोनों ने उनकी तलाशी ली। पीडि़त के पति राजेश के मुताबिक बदमाशों ने 20 हजार रुपए, एटीएम, दो मंगलसूत्र, झुमकी और मोबाइल ले लिया।
मोबाइल पर मिल रही है धमकियां
राजेश ने बताया कि आरोपी तरुण व राजन बार-बार फोन कर उन्हें धमकियां दे रहे थे कि वे क्राइम ब्रांच के लोग हैं। यदि किसी के सामने मुंह खोला तो हम दोनों को जान से मार देंगे। राजेश ने बताया कि गुरुवार सुबह उन्होंने 100 नंबर डायल कर पुलिस को घटना की जानकारी दी। वहां से उन्हें किसी थाने के नंबर पर कॉल करने को कहा गया। वह पत्नी को लेकर महिला थाने पहुंचे। वहां मिली महिला पुलिस ने उन्हें लसूड़िया थाना जाने को कहा।
घटना बुधवार रात की है। गुरुवार सुबह पहले पति उनकी गिरफ्त से छूटकर भागा, बाद में पत्नी भी वहां से भागी। इसके बाद बदमाश महिला के पति के फोन पर जान से मारने की धमकी देते रहे। महिला दिन भर रिपोर्ट लिखवाने के लिए भटकती रही लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। लसुड़िया पुलिस के अनुसार शुक्रवार दोपहर 25 वर्षीय महिला की शिकायत के बाद ढाबे के चार कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है।
फोन कर साथियों को बुलाया
महिला ने बताया कि एक आरोपी (तरुण) ने किसी को फोन लगाया। वह बोलने लगा कि सर मैं उन्हें ले आया हूं। आप आ जाइए। कुछ देर बाद तरुण ने तीन-चार और लोगों को बुलवाया। वे ढाबे के कर्मचारी थे। इसके बाद दो लोग महिला के पति को केबिन से उठाकर ले गए और पिटाई करने लगे। इधर, राजन व तरुण केबिन के बाहर एक गैलरी में ले जाकर महिला के साथ ज्यादती करने लगे।
हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे लेकिन पुलिस वाला भी नहीं माना
पीड़िता के पति ने बताया कि आधी रात को ढाबे के सामने एक जीप आकर रुकी। उसमें से तीन लोग बाहर निकले। उनमें से एक ने वर्दी पहन रखी थी। पत्नी और मैं हाथ जोड़कर उसके सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उसे भी रहम नहीं आया। वह कहने लगा सब-कुछ ठीक चल रहा है। मेरी ड्यूटी है। मैं अब जाता हूं। उसके बाद तरुण ने एक-एक कर पांच लोगों को फोन कर ढाबे में बुलाया। सुबह करीब 5 बजे वही वर्दी वाला एक बार फिर आया जो रात को आया था। उसने भी महिला के साथ ज्यादती की। उसके बाद राजन ने भी एक बार फिर ज्यादती की।
आठ घंटे तक आरोपियों की कैद में रही महिला
आठ घंटे तक जिल्लज झेलने के बाद मौका पाकर पति वहां से भागने में कामयाब रहा। उसके बाद बदमाशों को नींद में पाकर महिला भी जैसे-तैसे मेन रोड पर पहुंची और एक बाइक सवार से लिफ्ट ली। बाद में ऑटो कर घर पहुंची। पुलिस के मुताबिक ढाबे से चार कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है। उनमें से एक की पहचान महिला ने राजन के रूप में की है। तरुण की तलाश की जा रही है।
क्राइम ब्रांच बताकर ले गए थे ढाबे में
पीड़ित दंपती ने बताया कि वे बुधवार को देवास माताजी के दर्शन के लिए गए थे। लौटते समय रात करीब 9.30 बजे देवास नाका चौराहे के पास बुलेट (एमपी-09 वायसी-1959) के साथ खड़े दो युवकों ने उन्हें रोका। उन्होंने अपने आप को क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए गाड़ी के कागजात मांगे। बाद में जांच के नाम पर ढाबे ले गए। वहां उन्होंने शराब पी। फिर दोनों पति-पत्नी को भी शराब पीने के लिए मजबूर किया। उसके बाद दोनों ने उनकी तलाशी ली। पीडि़त के पति राजेश के मुताबिक बदमाशों ने 20 हजार रुपए, एटीएम, दो मंगलसूत्र, झुमकी और मोबाइल ले लिया।
मोबाइल पर मिल रही है धमकियां
राजेश ने बताया कि आरोपी तरुण व राजन बार-बार फोन कर उन्हें धमकियां दे रहे थे कि वे क्राइम ब्रांच के लोग हैं। यदि किसी के सामने मुंह खोला तो हम दोनों को जान से मार देंगे। राजेश ने बताया कि गुरुवार सुबह उन्होंने 100 नंबर डायल कर पुलिस को घटना की जानकारी दी। वहां से उन्हें किसी थाने के नंबर पर कॉल करने को कहा गया। वह पत्नी को लेकर महिला थाने पहुंचे। वहां मिली महिला पुलिस ने उन्हें लसूड़िया थाना जाने को कहा।
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